गोरखपुर ,11 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। जिले में बारिश के साथ बाढ़ से हाहाकार मच गया है. राप्ती, रोहिन और सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. तो वहीं नदी के किनारे बसे गांव के लोगों के लिए नदियों को तेजी से बढ़ता जलस्तर मुसीबत का सबब बन गया है. गांव के साथ ही उनके घर भी डूब गए हैं. गोरखपुर में बाढ़ से 88 गांव प्रभावित हो गए हैं. इसमें 25 गांव पूरी तरह से मैरुंड हो गए हैं.
22 हजार की आबादी और 2,849.13 हेक्टेयर क्षेत्रफल भी प्रभावित है. 67 नाव लगाई गई है. राहत टीम को क्रियाशील करने के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सभी 86 बाढ़ चौकियों को भी एलर्ट कर दिया गया है. मंगलवार से कंट्रोल रूम को भी पूरी तरह से प्रभावी कर दिया जाएगा।
गोरखपुर में राप्ती नदी के डेंजर लेवल रविवार की सुबह पार करने के बाद से ही आसपास के गांव प्रभावित हो गए हैं. इसके पहले शहर के उत्तर में रोहिन और दक्षिण में सरयू (घाघरा) नदी के डेंजर लेवल पार करने के बाद तेजी से बढऩे की वजह से नदी के आसपास के गांव और खेत मैरुंड हो गए. वर्तमान में गोरखपुर में नदियां तेजी के साथ बढ़ रही हैं.
राप्ती नदी बर्डघाट पर डेंजर लेवल 74.98 को पार कर 0.49 आरएल मीटर ऊपर 75.47 पर बह रही है. रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 को पार कर 1.13 आरएल मीटर ऊपर 83.57 पर बह रही है. सरयू (घाघरा) नदी अयोध्या पुल पर खतरे के निशान 92.73 को पार कर 0.51 आरएल मीटर ऊपर 93.24 पर बह रही है. सरयू तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 से 0.64 आएल मीटर ऊपर 64.65 पर बह रही है. राप्ती, रोहिन, सरयू के साथ कुआनो नदी भी चढ़ान पर है।
गांववालों के बीच सुरक्षित स्थान पर जाने और नदियों और बढ़े हुए बाढ़ के पानी से खतरे को देखते हुए दूर रहने की सलाह दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर ग्रामीण और बच्चे तक गांव में घरों से रोजमर्रा की जरूरतों का सामान ले आने के लिए बगैर नाव के आ और जा रहे हैं. ऐसे में उनकी जान का खतरा भी बढ़ गया है. नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से गांव भी तेजी से बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं. नदियों में बहाव भी काफी तेज है।
ऐसे में गांव में मुनादी कराने का खास असर नहीं दिखाई दे रहा है. गांववाले और बच्चे भी अपनी जान को जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। गांवालों की मुश्किलें भी बाढ़ की वजह से बढ़ गई हैं. वे बता रहे हैं कि तीन से चार दिन से बारिश और बाढ़ की वजह से गांव में पानी घुस गया है. वे लोग सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हैं. उनका कहना है कि वे लोग काफी परेशान हैं. हर साल इसी तरह से बाढ़ झेलनी पड़ती है. इस बार भी वही हाल है।
गोरखपुर जिले के प्रभावित कुल 88 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. 21,832 आबादी और 2,849.13 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है. बाढ़ से बचाव के लिए कुल 67 नाव को लगाया गया है. कैम्पियरगंज तहसील बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित है. यहां पर 59 गांव वर्तमान में बाढ़ की चपेट में हैं. यहां पर 4 नाव राहत और बचाव के लिए लगाई गई है. 290 की आबादी और 1910.86 हेक्टेयर का क्षेत्रफल प्रभावित है. सदर तहसील में 12 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. यहां पर 46 नाव राहत और बचाव के लिए लगाई गई है.
यहां पर सर्वाधिक 14,768 जनसंख्या और 570.883 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ से प्रभावित है। इसके बाद गोला में 6 गांव प्रभावित हैं. इसमें 6 नाव राहत और बचाव के लिए लगाई गई हैं. 3100 की आबादी और 315.142 हेक्टेयर का क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है. सहजनवां तहसील में 4 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें राहत और बचाव के लिए 6 नाव लगाई गई है. यहां पर 875 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बांसगांव में 4 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. तो वहीं राहत और बचाव के लिए दो नाव लगाई गई है. 2564 की आबादी और 38.401 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है.
चौरीचौरा में दो गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. राहत और बचाव के लिए 3 नाव को लगाया गया है. 175 लोग और 3,231 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है. खजनी तहसील में एक गांव बाढ़ की चपेट में है. 60 लोग और 10.615 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से बचाव के लिए पहले चरण में गोला तहसील क्षेत्र में 5700 परिवारों को राहत सामग्री वितरित किया गया है.
दूसरे चरण में 5 हजार किट राहत सामग्री वितरण का आदेश निर्गत किया गया है. मनुष्य और पशु के उपचार के साथ क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस के पैकेट और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए गए हैं. स्नेक वेनम के साथ पशुओं को टीका और भूसा की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. जिला प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, बाढ़ चौकियां और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया है।
जिले के जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि राप्ती, रोहिन और सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यही वजह है कि गोरखपुर की सभी सात तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हो गई हैं. बाढ़ से 88 गांव प्रभावित हो गए हैं. 67 नाव को बाढ़ राहत और बचाव के लिए लगाया गया है. जो भी आवागमन बाधित है, वहां पर सुरक्षित आवागमन के लिए नावों को क्रियाशील किया गया है. राप्ती और सरयू में काफी तेजी से पानी बढ़ रहा है.
टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सभी विभागों को लगाया गया है. 25 गांव मैरुंड हैं. सभी मैरुंड गांव में राहत सामग्री मंगलवार से वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 22 हजार की आबादी प्रभावित है।
2 हजार हेक्टेयर के आसपास क्षेत्रफल प्रभावित है. फसलों के नुकसान का आकलन पानी उतरने के बाद हो सकेगा. राशन और शिविर में भोजन तैयार कराया जा रहा है.
इंट्रीग्रेटेड कमांड सेंटर भी संचालित किया जा रहा है. रात में भी तटबंधों की निगरानी की जा रही है. अभी सभी तटबंध सुरक्षित हैं।
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