देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला: 22 हजार करोड़ का बैंक फ्रॉड

*एबीजी शिपयार्ड के चेयरमैन गिरफ्तार*

नई दिल्ली ,21 सितंबर (एजेंसी)। एबीजी शिपयार्ड बैंक फ्रॉड केस में बड़ी कार्रवाई हुई है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन यानी कि सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषि अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। अग्रवाल सहित बाकी के आरोपियों पर 28 बैंकों के कंसोर्सियम का 22,842 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है।

इस घोटाले को देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला बताया जा रहा है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। एबीजी शिपयार्ड के संस्थापक और चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को सीबीआई ने बुधवार को कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये के बैंक घोटाला मामले में गिरफ्तार किया।

अग्रवाल इस कंपनी के पूर्व में चेयरमैन रहे हैं और घोटाले में उनका नाम भी सामने आया है। सीबीआई ने अग्रवाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। अग्रवाल के अलावा और भी कई लोगों के खिलाफ आरोप लगा है और उन पर केस दर्ज है। आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश रचने, धोखा देने, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पदों के दुरुपयोग को लेकर मामले दर्ज किए हैं।

अब तक क्या हुई कार्रवाई

एबीजी शिपयार्ड बैंक घोटाला मामले में भारतीय दंड संहिता और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किए गए हैं। आरोप में कहा गया है कि एबीजी शिपयार्ड को 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कंसोर्सियम से कर्ज लेने की इजाजत मिली थी।

यह कंसोर्सियम आईसीआईसीआई बैंक की अध्यक्षता में बनाया गया था जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल था। स्टेट बैंक ने इस कंपनी को 2468.51 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। बाद में घोटाला पकड़े जाने पर एसबीआई ने ही सीबीआई में मामला दर्ज कराया था।

जानिए पूरा मामला

अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा किए गए एक फोरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012 और 2017 के बीच आरोपी ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।

अधिकारियों ने कहा कि कर्ज की रकम का इस्तेमाल उस काम में नहीं किया गया जिस नाम पर कर्ज लिया गया था। जुलाई 2016 में लोन अकाउंट को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) और 2019 में धोखाधड़ी घोषित किया गया था। तब से इस मामले की जांच चल रही है।

ईडी की जांच भी जारी

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी अपनी जांच कर रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग को देखते हुए जांच की जा रही है। इस साल फरवरी महीने में सीबीआई ने कंपनी के पूर्व चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को समन किया था और कथित घोटाले के बारे में लंबी पूछताछ की थी।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने अपनी करीब 100 सहयोगी कंपनियों में लोन के पैसे को खपाया है जिसका पता लगाने के लिए जांच तेज हो गई है। बैंकों के कंसोर्सियम को आईसीआईसीआई बैंक की अध्यक्षता में शुरू किया गया था और एबीजी शिपयार्ड को सबसे अधिक इसी बैंक ने 7089 करोड़ रुपये का लोन दिया है।

दूसरे नंबर पर आईडीबीआई बैंक है जिसने 3639 करोड़ रुपये दिए। तीसरे स्थान पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आता है जिसका 2925 करोड़ रुपये बकाया है।

**********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version