इस चाय का सेवन गर्मी में करें बॉडी को जाएगी तरोताजा

15.05.2022 –  इस चाय का सेवन गर्मी में करें बॉडी को जाएगी तरोताजा. यूनाइटेड किंगडम के 19वें पूर्व पीएम विलियम इवार्ट ग्लैडस्टोन ने बोला था, अगर आप ठंडे हैं, तो चाय आपको गर्म करेगी, अगर आप गर्म हैं, तो यह आपको ठंडा करने वाली है। इंडिया जैसे देश में जहां हर स्थान पर चाय आम बात है और जब एक गर्म कप गाढ़ी, दूधिया, शक्कर वाली चाय की चुस्की लेने का मौका मिले तो जिस वक्त तापमान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाता है, शायद अधिकतर लोगों के दिमाग में आखिरी शब्द चाय ही आएगा। लेकिन जिस वक्त लोग चाय के परंपरागत स्वाद के आदी हैं, इसके माहिर ऐसी कई अनोखी चाय बनाने का प्रयास करने और स्वाद लेने में लगे हुए हैं जो शरीर को ठंडा और तरोताजा कर देती है।

बुरांश चाय या रोडोडेंड्रोन चाय एक ऐसा ही पेय है जो उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम के आसपास के उत्तरी इलाकों में बहुत लोकप्रिय है। यह चाय मार्च के अंत से मई तक हिमालयी इलाके की ठंडी पहाडिय़ों में खिलने वाले सुर्ख लाल रोडोडेंड्रोन फूलों की सूखी पंखुडिय़ों से बनाई जाती है। बुरांश चाय पाचन में सहायक, एलर्जी से लडऩे और फेफड़ों की सेहत में सुधार के अलावा इसके सूजन कम करने वाले गुणों के लिए भी पहचानी जाती है।

रोडोडेंड्रोन फूलों की पंखुडिय़ों को हाथ से चुनने का काम भी किया जाता है, फिर धूप में सुखाया जाता है और चीनी के साथ पानी में उबाला जाने लगा है। जिसको छानने और परोसने से पहले, स्वाद को बढ़ाने के लिए तुलसी के पत्ते और कुछ ग्रीन टी भी दाल रही है। माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर उत्तराखंड टूरिज्म ने बुरांश चाय की एक पोस्ट डालते हुए लिखा- लव एट फर्स्ट सिप! बुरांश चाय को ठंडे या गर्म पेय के रूप में दिन में किसी भी वक़्त किया जा सकता है। इस फूलदार मिश्रण की तरह, फ्रूटी आइस्ड टी इस गर्मी में चाय प्रेमियों को तेजी से आकर्षित कर रही है।

विशेष रूप से सेब और अंगूर की आइस्ड टी, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट बूस्ट के लिए भी पहचानी जाती है। इंडिया चाय बोर्ड ने कू यूजर्स से उनकी चाय की पसंद के बारे में पूछा- आइस्ड टी का आपका पसंदीदा फ्लेवर कौन सा है?, जाता है, जिससे पानी में इसका स्वाद अच्छी तरह से मिल जाता है। यह प्रक्रिया टैनिन के कारण इसमें मौजूद किसी भी कड़वाहट को कम करती है, इस मिश्रण को एक बेहतरीन बनाती है और इसे सोडा पेय के स्थान पर एक बेहतरीन विकल्प बनाती है।

चाय पीने वाले एक देश में, जहां प्रति व्यक्ति खपत लगभग 750 ग्राम हर साल है, तरोताज़ा करने वाले नए मिश्रण धीरे-धीरे चाय पीने वालों के लिए पसंदीदा पेय बन बनाने का काम कर रहे है, विशेष रूप से मिलेनियल्स के लिए, जो अनोखे, मौसमी और स्थानीय पेय को इस्तेमाल करने और बेहतर बनान के लिए उत्सुक हैं। (एजेंसी)

********************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

Leave a Reply

Exit mobile version