नई दिल्ली, 23 जून (आरएनएस) । कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा राहुल गांधी से बेवजह पूछताछ करके उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने और महज राजनीतिक स्टंट करने का काम कर रही है। गौरव वल्लभ ने कहा कि सभी केंद्रीय एजेंसियां सरकार के हाथों की मोहरे बनकर रह गई है। गौरव ने कहा मजाक बनाने के लिए अपनी आंखों पर पट्टी बांधने के लिए कतार में लगी हुई है। वर्तमान समय में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा जो पूछताछ की जा रही है इस घटना की एक – एक श्रृंखला देश की जनता देख रही है। जहां एक बार इस प्रतिष्ठित एजेंसी ईडी को अब द्वारा नहीं बुलाया जा सकता है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लागू निर्देश लेने में व्यस्त है। गौरव बल्लव ने आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीलंकाई राज्य के स्वामित्व वाली सीलोन बिजली बोर्ड के अध्यक्ष ने एक संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने अदानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर दबाव डाला है। गौरव वल्लभ ने कहा कि हमारे देश के इतिहास में शायद यह पहली और एकमात्र घटना है कि किसी प्रधानमंत्री पर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री एक निजी व्यक्ति को अनुचित उपकार क्यों देना चाहते थे वही गौरव वल्लभ कटाक्ष करते हुए कहा कि एक निजी व्यक्ति के लिए विक्री एजेंट के रूप में कार्य कर के प्रधानमंत्री ने भारत के गौरव को धूमिल किया है उनकी क्या मजबूरी थी। प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसी इस सूचना पर क्यों सो रही है यह सवाल हमारा उन सभी एजेंसियों से है जो बेवजह की मुद्दों को लेकर लोगों को परेशान करने में लगी हुई है।2014 में जैसे ही मोदी सरकार सत्ता में आई, एसबीआई ने अडानी समूह के साथ एक अरब डॉलर (7,825 करोड़ रुपये) की सुविधा के लिए एक सैद्धांतिक समझौता किया और दुनिया भर में कई बैंकों को वित्त पोषण प्रदान करने के लिए लाया। लगातार विरोध के बाद, एसबीआई पीछे हट गया और समझौता ज्ञापन को रद्द कर दिया। 2020 में, रुपये के एक और ऋण की खबर। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ऑस्ट्रेलिया में अडानी की कारमाइकल कोयला परियोजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक हो गए। अमुंडी और एक्सा जैसे निवेशकों के दबाव के कारण एसबीआई का कर्ज फंस गया। पिछले साल से ऋण की स्थिति के बारे में कोई और अपडेट नहीं किया गया है। यह अदानी समूह को ऋण प्रदान करने के लिए किसी के द्वारा किए गए ठोस प्रयास की तरह लगता है। क्या यह शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को बुलाने और उनकी जांच करने के लिए ईडी के हस्तक्षेप की गारंटी नहीं देता है?कई अन्य मामलों में ईडी सहित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, लेकिन एजेंसियों ने दूसरा रास्ता चुना है। हमारे पास भाजपा सरकार के लिए तीन सटीक प्रश्न हैं: 1. माननीय प्रधान मंत्री कथित तौर पर एक विदेशी भूमि में एक निजी व्यक्ति के लिए व्यावसायिक लाभ के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे। क्या यह भ्रष्टाचार का मामला जांच के लायक नहीं है? ईडी किन नौकरशाहों या मंत्रियों को जांच के लिए बुलाने की योजना बना रहा है? 2. क्या ईडी ने कभी अडानी समूह से किसी को बुलाया है, या इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए कॉल करने की योजना बना रहा है? 3. ईडी जैसी एजेंसी की क्या विश्वसनीयता है जो राजनीतिक डायन-हंट पर है लेकिन गंभीर आरोपों और अपराधों की जांच के अपने कर्तव्य में विफल है।
नई दिल्ली 23 जून (आरएनएस)। राष्ट्रपति पद के लिए होने जा रहे चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को दिल्ली पहुंच गईं। सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर उनके नामांकन पत्र तैयार किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा उनके प्रस्तावकों में शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जोशी के आवास पर प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर दस्तावेजों हस्ताक्षर कर रहे हैं। बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा भी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं।
बीजेडी ने मुर्मू के नामांकन का समर्थन किया है। मुर्मू के पार्टी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल करने की उम्मीद है। यहां पहुंचने के बाद मुर्मू का हवाई अड्डे पर भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। वह यहां ओडिशा भवन में ठहरी हैं। उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की भी संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने से पहले ओडिशा में एक संक्षिप्त बयान में मुर्मू ने कहा था, मैं सभी का धन्यवाद करती हूं और सभी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए सहयोग मांगती हूं। मैं 18 जुलाई से पहले सभी मतदाताओं (सांसदों) से मिलूंगी और उनका समर्थन मांगूंगी। अगर वह चुनाव जीत जाती हैं, तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और इस पद पर काबिज होने वाली दूसरी महिला होंगी।
जयपुर 23June (Rns) महाराष्ट्र में शिवसेना का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार पर आए संकट के बीच कांग्रेस में भी सिर फुटव्वल हो गया है। हाल ही में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफे की नसीहत दे डाली। आचार्य के बयान से असहज पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह कहकर आचार्य प्रमोद के बयान को दरकिनार कर दिया कि वह पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। अब प्रमोद ने भी जयराम को जवाब दिया है।
पूरे विवाद की शुरुआत गुरुवार को उस वक्त हुए जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को तुरंत इस्तीफा देने की नसीहत दे डाली। उन्होंने शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे का जिक्र करते हुए यह सलाह दी। उन्होंने लिखा, ”सत्ता को ‘ठोकर’ पे मारने वाले स्व. बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे जी को मराठा ‘गौरव’ की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए ‘मुख्यमंत्री’ के पद को त्यागने में एक पल का ‘विलम्ब भी नहीं करना चाहिए।
पार्टी ने झाड़ा पल्ला, जयराम रमेश ने दिया जवाब
हाल ही में राज्यसभा सांसद भेजे गए आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से महाराष्ट्र में गठबंधन साथी को लेकर दिए गए इस बयान से पार्टी बेहद असहज नजर आई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कम्युनिकेशन विंग के प्रभारी जयराम रमेश ने आचार्य के बयान से पार्टी को अलग किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”ना तो यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं।”
प्रमोद कृष्णम का पलटवार
बात यहीं खत्म नहीं हुई। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जयराम रमेश पर भी निशाना साध डाला। जयराम रमेश की ओर से ‘अधिकृत नहीं’ कहे जाने से आहत आचार्य ने ट्विटर पर उन्हें टैग करते हुए लिखा, ”अधिकृत तो ‘टेम्प्रेरी’ होता है प्रभु, मैं तो ‘परमानेंट’ हूं, फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो ‘जयराम’ जी की।”
रुद्रप्रयाग 23 June (Rns):केदारनाथ में प्लास्टिक की खाली बोतल लाइए, 10 रुपये पाइए. चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ है, लेकिन इस दौरान पहाड़ों पर होने वाला प्लास्टिक कचरा भी एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर चिंता जताई थी। अच्छी बात ये है कि प्रशासन और तमाम स्वयंसेवी संगठन पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
इसी कड़ी में एक शानदार काम रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भी किया है। प्रशासन ने एक सामाजिक संस्था के साथ पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक 65 दुकानों पर क्यूआर कोड वाला बोतल बंद पानी दिया है। इन बोतलों की खरीद के वक्त यात्रियों से 10 रुपये ज्यादा लिए जा रहे हैं। खाली बोतल वापस लाने पर यात्री को दस रुपये लौटाए जा रहे हैं। यही नहीं अगर यात्री बोतल को इधर-उधर फेंक देता है, तो उसे एकत्रित करने वाले को दस रुपये इनाम में दिए जा रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कपाट खुलने के बाद से अभी तक तीन हजार खाली बोतलें एकत्रित की गई हैं। इन बोतलों को जल्द रिसाइकिल के लिए भेजा जाएगा। खाली बोतलों को जमा करने के लिए गौरीकुंड, केदारनाथ मंदिर परिसर और केदारपुरी में तीन डिपॉजिट सेंटर बनाए गए हैं। यात्रियों से निरंतर क्यूआर कोड वाली बोतल खरीदने की अपील की जा रही है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरे की समस्या को दूर करने और यात्रियों में जागरुकता को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत क्यूआर कोड की प्लास्टिक बोतल को धाम से वापस लाने पर दस रुपये दिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की इस पहल का हर कोई स्वागत कर रहा है।
बता दें कि जिला प्रशासन गौरीकुंड से केदारनाथ तक 18 किमी पैदल मार्ग में प्लास्टिक उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान चला रहा है। सुलभ इंटरनेशनल की ओर से बीते 12 दिनों में सफाई अभियान चलाते हुए अभी तक 70 क्विंटल से अधिक कूड़ा-कचरा एकत्रित किया जा चुका है, जिसमें 35 क्विंटल प्लास्टिक कचरा है।
रांची, 22.06.2022 – मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने 93 नवनियुक्त पदाधिकारियों के बीच नियुक्ति पत्र सौंपा. राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है। झारखंड का राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला एक आदर्श प्रयोगशाला के रूप में अपनी पहचान बनाए इस निमित्त आपसभी नवनियुक्त सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी एवं वैज्ञानिक सहायक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। हमें अब फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट, नारकोटिक्स जांच सहित अन्य टेक्निकल जांच के लिए सैंपल अन्य राज्यों में न भेजना पड़े इसीलिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है।
हमारी सरकार ने राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिक्त पड़े पदों को भरने का काम किया है। जरूरत को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार आने वाले समय में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का विस्तार भी करेगी। जांच की वजह से पेंडिंग पड़े वादों का निपटारा जल्द हो यह सरकार की प्राथमिकता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कहीं।
मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं तथा बधाई दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं है यह संकल्प पत्र है। आज हम सभी का मकशद मिलकर राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करने का होना चाहिए।
जांच के अभाव में हजारों कैदी जेलों में है बंद
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आदिवासी, दलित, गरीब कमजोर वर्ग के हजारों कैदी जांच के अभाव में राज्य के विभिन्न कारागारों में बंद पड़े हैं। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में जो आंकड़े मेरे समक्ष लाए गए, उससे तो यह प्रतीत होता है कि ये सभी बंदी छोटे-छोटे जुर्म के आरोप में फंसे हैं और जांच के अभाव में कई वर्षों से राज्य के विभिन्न काराओं में कैदी के रूप में बंद पड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों के वादों पर सरकारी संसाधनों का उपयोग से त्वरित जांच प्रक्रिया निष्पादित कर इन्हें न्याय दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न कारागारों में 80 से 90% कैदी छोटे-मोटे आरोपों के शिकार बने हैं। ये सभी कैदी आर्थिक रूप से कमजोर, गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं। इन्हें विधि सम्मत न्याय मिले यह हम सभी की जिम्मेदारी है।
झारखंड के नौजवानों में काबिलियत की कमी नही, प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही हमारी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवानों के काबिलियत पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा नहीं किया जा सकता है। सीमित संसाधनों के बावजूद हमारे नौजवानों ने कई क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन कर दिखाया है। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में एक साथ हमारे 25 बच्चों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता पाई है। राज्य स्थित नेतरहाट विद्यालय से पढ़कर अबतक सैकड़ों आईएएस,आईपीएस सहित अन्य बड़े पदों में अधिकारी देश के कोने कोने में काबिज हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवनियुक्त पदाधिकारी जो इस सभागार में उपस्थित हैं 90 से 95% स्थानीय बच्चे हैं, जिन्होंने अपना प्रतिभा को दर्शाया और आज नियुक्ति पायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आप सभी लोग राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नई क्षमता, नई ऊर्जा एवं नई सोच के साथ आगे ले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विदेशों में शिक्षा ग्रहण हेतु एस्कॉलरशिप, खेल नीति सहित कई अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक सोच के साथ नियम बनाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 42% खनिज संपदा झारखंड में है। पिछले लगभग 100 वर्षों से खनन का कार्य किया जा रहा है परंतु यहां के विस्थापितों को दूसरे राज्यों में जाकर रोजी रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। विस्थापितों का विकास सिर्फ मुआवजा देकर ही नहीं किया जा सकता है बल्कि उन्हें सरकारी संसाधनों का लाभ देकर भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्यों के तहत राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी के रूप में 1 लाख 36 करोड़ रुपए का बकाया केंद्र सरकार पर है। अब हमें केंद्र सरकार द्वारा बकाया राशि मिलना प्रारंभ भी हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी, दलित, जरूरतमंदों का जुबान बनकर कार्य कर रही है।
स्थानीय बच्चों को नई नियुक्ति नियमावलियों का मिल रहा है लाभ
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में पड़े रिक्त पदों को भरने का कार्य किया जा रहा है। सरकार गठन के बाद से ही सभी विभागों की नियुक्ति नियमावलियों को दुरुस्त और सुदृढ़ किया गया है, जिसका लाभ झारखंड के स्थानीय बच्चों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 12,000 अवर सेवा स्तर के तथा विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक को अधियाचना भेज दी है।
बहुत जल्द 40,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों पर तेजी से नियुक्ति कर मानव बल के अभाव में हो रही समस्याओं का समाधान कर रही है हमारी सरकार। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि प्रत्येक महीने किसी न किसी विभाग में नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा, नियुक्ति रोजगार के कार्य सहित राज्य के प्रत्येक पिलर को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियुक्ति नियमावलियों में कई चीजों को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। पहले हमारे बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में आवेदन करने के लिए फॉर्म शुल्क के तौर पर पांच सौ, एक हजार, कभी-कभी पंद्रह सौ रुपए लगते थे, परंतु हमारी सरकार ने अब यह शुल्क मात्र 50 से 100 रुपए ही रखा है। अब जेपीएससी इत्यादि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चार लाख से अधिक बच्चे शामिल होते हैं।
जन भावना के अनुरूप कार्य कर रही राज्य सरकार
इस अवसर पर खिजरी विधायक श्री राजेश कच्छप ने कहा कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार प्रत्येक क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जो कार्य 22 साल पहले हो जानी थी, वह कार्य आज किया गया। उन्होंने कहा कि गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, झारखंड हेतु चयनित सहायक निदेशक/वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारियों एवं वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति कई वर्षों पहले ही होनी चाहिए थी परंतु पूर्ववर्ती सरकारों के उदासीनता का परिणाम है कि यह नियुक्ति आज हो रही है।
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए अब हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर नही रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री का सपना है कि झारखंड में सुशासन और पारदर्शी कानून व्यवस्था बना रहे। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के समय झारखंड ने दूसरे राज्यों को आईना दिखाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने प्रतिबद्धता के साथ अपने वादों को निभाने का काम किया है। तीव्र गति से सरकारी नियुक्तियां हो रही है। स्थिति अनुकूल रहती तो ये नियुक्तियां आज से डेढ़ वर्ष पहले ही हो गई होती।
जल्द ही कई विभागों में हजारों नियुक्तियां होनी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में वर्तमान सरकार झारखंड की परिस्थिति के अनुसार यहां की जनभावना और जरूरत को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।
अब तेज गति से हो सकेगा फॉरेंसिक जांच का कार्य
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की क्राइम की जांच के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक जांच टीम का होना जरूरी होता है। एक्सपर्ट पदाधिकारियों के अभाव में पहले सैंपल जांच के लिए गुजरात भेजे जाते थे। वहां हमारी जांच को प्राथमिकता नहीं मिलती थी। इसी कारण पुलिस की जांच प्रभावित होती थी।
लेकिन अब इससे मुक्ति मिलेगी। नवनियुक्त अधिकारियों के प्रति विश्वास जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए आये सभी सैम्पल ससमय पर पूरे होंगे, साथ ही बैकलॉग को क्लियर करने की रणनीति पर भी वह काम करें। इसके लिए उन्होंने गृह विभाग से अनुरोध किया कि 15 दिनों के अंदर एक ओवरटाइम सिस्टम काम करने की रणनीति बनाएं, जिसमें काम करने वाले अधिकारियों को सैलरी के साथ इंटेंसिव भी मिले। ताकि वे उत्साह से काम कर पाये।
गृह विभाग की रिक्तियों को तेज गति से भरा जा रहा है
इस अवसर पर गृह, कारा एवं आपदा विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नियुक्ति कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि जेएसएससी और जेपीएससी ने जितनी जल्दी से आज नियुक्ति पत्र पाने वाले अधिकारियों का रिजल्ट दिया है वह अपने आप में माइलस्टोन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गृह विभाग में रिक्त पड़े विभिन्न पदों को नियम के तहत जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
उसी का परिणाम है कि आज कुल 93 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। मौके पर डीजीपी श्री नीरज सिन्हा ने कहा कि पूर्व में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए एक समिति बनी थी। समिति ने सुझाव दिया था कि पुलिस की जांच के साथ एक फॉरेंसिक जांच की भी टीम रहे। राज्य में फॉरेंसिक लैब तो था, परंतु जांच के लिए एक्सपर्ट अधिकारियों की कमी थी। अब अधिकारियों की नियुक्ति होने से इन समस्याओं का निपटारा हो सकेगा।
इस अवसर पर विधायक श्री राजेश कच्छप, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, गृह, कारा एवं आपदा विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, डीजीपी श्री नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे सहित नवनियुक्त पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
हांगकांग,22 जून(RNS) । हांगकांग का प्रसिद्ध तैरता रेस्तरां दक्षिणी चीन सागर की गहराइयों में समा गया। उसे बांध कर पैरासेल द्वीप के करीब ले जाया गया जहां वह समुद्र में डूब गया। आबेरडीन रेस्ट्रॉन्ट एंटरप्राइजेज ने एक बयान जारी कर बताया कि रेस्तरां विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाया और उसमें पानी भरने लगा था। हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। रेस्त्रां को बचाने के प्रयास जारी हैं।
जंबो रेस्त्रां जहां डूबा है, वहां गहराई एक हजार मीटर से ज्यादा है, इसलिए बचाव व राहत कार्य में मुश्किल आ रही है। यह रेस्त्रां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और हॉलीवुड के सुपरस्टार टॉम क्रूज जैसे तमाम दिग्गजों की मेहमाननवाजी कर चुका है। हांगकांग आने वाले पर्यटकों के लिए यह मुख्य आकर्षण हुआ करता था।
जंबो रेस्टॉरेंट के डुबने की यह घटना उस वक्त हुई, जब 46 साल बाद उसे बोटों द्वारा दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। हांगकांग का यह जंबो रेस्टॉरेंट सालों से पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र था। यह 1976 में शुरू हुआ था। इसका कैंटोनीज खाना बेहतरीन माना जाता था।
जंबो रेस्टॉरेंट कोरोना महामारी के बाद से नहीं खुला था। इसे नए सिरे से संवारने के लिए कोई निवेशक आगे नहीं आया।
मालिकों ने इसके पुनरुद्धार के लिए काफी कोशिशें की थीं, लेकिन विफल रहने से उसे हांगकांग के एबरडीन हार्बर से हटाया जा रहा था, तभी यह डूब गया।
इसका संचालन करने वाली एबरडीन रेस्तरां एंटरप्राइजेज के अनुसार इस तैरते रेस्त्रां को चलाने की लागत लगातार बढ़ रही थी। वह लगातार पैसा लगाने में असमर्थ हो गए थे। इसके रखरखाव पर ही हर साल लाखों डॉलर खर्च हो रहे थे।
कंपनी ने कहा कि लगता नहीं है कि यह निकट भविष्य में फिर से शुरू होगा। इस तैरते हुए रेस्टोरेंट को कई नावों की मदद से दूर ले जाया गया है। इसे विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए थे।
नई दिल्ली 22 जून (आर एन एस) । केंद्र सरकार के द्वारा रक्षा मंत्रालय में अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर दोहराते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को अग्नीपथ वापस लेना ही होगा। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं सच्ची देशभक्ति सेना को मजबूत करने में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए धोखे से सेना को कमजोर कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के लिए और सेना के लिए दोनों ही घातक है और इसे हम लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। चीन की सेना हमारे हिंदुस्तान की धरती पर बैठी है किस बात की फिक्र केंद्र की मोदी सरकार को यह नहीं समझ नहीं आ रही है और अपने मनमर्जी करने के लिए सेना के साथ और देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की 14 जून को घोषणा की थी। इसके तहत साढ़े 17 साल से 21 वर्ष आयु तक के युवाओं की चार साल की अल्प अवधि के लिए संविदा आधार पर भर्ती की जाएगी।
इनमें से 25 फीसदी को 15 और वर्षों को लिए सेवा में रखा जाएगा। अन्य को बिना ग्रैज्युटी और पेंशन लाभ के सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इसके बाद से ही देश भर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
नई दिल्ली 22 June (Rns): सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सेना में पारंपरिक रेजीमेंट सिस्टम जारी रहेगा। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “अग्निपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है- पहली, सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल, दूसरा, तकनीकी जानकार और सेना में शामिल होने वाले अनुकूलनीय लोग, तीसरा व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करती है। हमें देश की सुरक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ की जरूरत है।” नई भर्ती योजना अग्निपथ के देश में व्यापक विरोध और आंदोलन के बाद से यह तीनों सेनाओं की दूसरी मीडिया ब्रीफिंग थी।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, “रक्षा सुधारों पर कई समितियां सशस्त्र बलों के लिए युवा प्रोफाइल की सिफारिश करती हैं और अग्निपथ योजना रक्षा बलों में उस बदलाव को लाने में मदद करती है। दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है। हमारे 50 प्रतिशत युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। सेना को इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। हमें इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्रतिबिंबित करना होगा।”
एयर मार्शल एस.के. झा ने कहा, “पहले वर्ष में दो प्रतिशत के साथ आग्नेयास्त्रों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी और 10वें वर्ष में लगभग 9,000-10,000 हो जाएगी। भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगा।”
इस बीच, वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना का भर्ती कैलेंडर 25 जून के लिए तय किया गया था, लेकिन यह 22 जून से शुरू होगा। ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू होगा। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “एग्निवर्स के लिए डीजी शिपिंग आदेश के अनुसार, 4 साल के प्रशिक्षण के बाद वे सीधे मर्चेट नेवी में जा सकते हैं।”
नई दिल्ली 22 June (Rns) एनडीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार में झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगा दी है। इससे पहले विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का नाम फाइनल किया था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के एनडीए उम्मीदवार के ऐलान के कुछ देर बाद पीएम नरेंद्र मोदी ट्वीट किया कि द्रौपदी मुर्मू देश की एक महान राष्ट्रपति बनेंगी।
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा ने प्रेस कांफ्रेस के जरिए एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार का औपचारिक ऐलान किया। काफी देर तक चले मंथन में पीएम मोदी, अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने बैठक की थी। जिसमें सर्वसम्मति से द्रौपदी मुर्मू का नाम फाइनल किया गया।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। आदिवासी नेता कहे जाने वाली मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं और बीजेडी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगने के बाद अब एनडीए को चुनाव में बीजू जनता दल का साथ मिलने की संभावना काफी बढ़ गई है।
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बारे ट्वीट किया। पीएम ने लिखा, “द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन समाज की सेवा और गरीबों, दलितों के साथ-साथ हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है। मुझे विश्वास है कि वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी।”
पीएम मोदी ने आगे लिखा, “लाखों लोग, विशेष रूप से वे जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और कठिनाइयों का सामना किया है, द्रौपदी मुर्मू जी के जीवन से बहुत ताकत मिलती है। नीतिगत मामलों में उनकी समझ और दयालु स्वभाव से हमारे देश को बहुत लाभ होगा।”
जनजातीय गौरव को नए शिखर पर ले जाने वाला काम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “आज देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व जेपी नड्डा की अध्यक्षता में एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की घोषणा की है। ये निर्णय जनजातीय गौरव को नए शिखर पर ले जाने का काम करेगा। इसके लिए मोदी जी का अभिनंदन करता हूं।”
नई दिल्ली 21 June (Rns) आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कल वह कर्नाटक पहुंचे। आज उन्होंने 15 हजार लोगों के साथ योग किया। पीएम मोदी प्रतिष्ठित लिंगायत समुदाय के गुरुकुल सुत्तूर मठ भी जाएंगे।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, वरिष्ठ भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा और पार्टी की प्रदेश ईकाई के प्रमुख नलिन कुमार कतील ने यहां येलहांका वायुसेना अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की थी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नोएडा स्टेडियम में सैकड़ों लोगों के साथ योग किया। इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने त्यागराज स्टेडियम में लोगों के साथ योग किया।
पीएम मोदी ने लोगों की दी योग दिवस की शुभकामनाएं
देश और विश्व भर के सभी लोगों को 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज योग दिवस के अवसर पर मैं कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी, आध्यात्म और योग की धरती मैसूरु को प्रणाम करता हूं।
नई दिल्ली 21 June (Rns) आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस अवसर में दुनिया भर में योग शिविरों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें योग दिवस पर देश व दुनिया के लोगों को बधाई दी और कहा कि योग समाज, राष्ट्र और विश्व के साथ ही पूरे ब्रह्मांड में शांति लाता है। ऐतिहासिक मैसुरु पैलेस परिसर में इस वर्ष आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही। इसके बाद उन्होंने यहां उपस्थित हजारों लोगों के साथ योगाभ्यास भी किया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2015 में हुई थी। हर वर्ष 21 जून को दुनिया भर में इसे मनाया जाता है। इस वर्ष के योग दिवस का विषय मानवता के लिए योग है। पीएम मोदी ने कहा, ”पूरे ब्रह्मांड की शुरुआत हमारे अपने शरीर और आत्मा से होती है। ब्रह्मांड की शुरुआत हमसे ही होती है। योग शरीर की हर चीज के प्रति जागरूक बनाता है और जागरूकता का एक भाव पैदा करता है। योग हमारे लिए शांति लाता है। योग से शांति केवल लोगों को नहीं मिलती, योग हमारे समाज में भी शांति लाता है। योग हमारे राष्ट्रों और विश्व में शांति लाता है और योग हमारे ब्रह्मांड में शांति लाता है।”
योग मानवता को भारत का उपहार: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि योग मानवता को भारत का उपहार है और यह स्वास्थ्य व कुशलक्षेम के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है, जो तन, मन तथा आत्मा को संतुलित करता है। उन्होंने सभी से योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने और इसके लाभ का अनुभव करने के लिए भी कहा। राष्ट्रपति भवन ने अन्य लोगों के साथ योगाभ्यास करते हुए राष्ट्रपति की तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा की।
केजरीवाल ने सैकड़ों दिल्ली वासियों के साथ किया योगाभ्यास
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने योग दिवस के अवसर पर त्यागराज स्टेडियम में सैकड़ों लोगों के साथ योगाभ्यास किया। उन्होंने लोगों से हर दिन योग और प्राणायाम करने का संकल्प करने की अपील की। केजरीवाल ने इस कार्यक्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और ‘दिल्ली की योगशाला’ के सदस्यों के साथ हिस्सा लिया। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि दिल्ली सरकार ने मुफ्त योग कक्षाओं की व्यवस्था की है, साथ ही लोगों से स्वस्थ जीवन जीने के लिए योगाभ्यास करने का आग्रह किया। दिल्ली सरकार ‘दिल्ली की योगशाला’ कार्यक्रम के तहत योग करने को इच्छुक 20-25 लोगों के समूहों को एक प्रशिक्षक मुहैया कराती है।
हिमवीरों ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर किया योग
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित भारत-चीन सीमाओं पर विभिन्न उच्च ऊंचाई वाले हिमालय पर्वतों पर योग किया। ITBP के हिमवीरों ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर योग अभ्यास किया। असम में 33 बटालियन आईटीबीपी के जवानों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर गुवाहाटी में योग अभ्यास किया। सिक्किम में आईटीबीपी के जवानों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग अभ्यास किया।
योग का विचार अब दुनिया भर में पहुंचा: हरदीप पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमारी 5000 साल पुरानी सभ्यता है। योग का विचार अब दुनिया भर में पहुंच गया है। ये जीवन का उत्सव है। हमने यहां 12,000 लोगों के लिए योग कार्यक्रम का आयोजन किया। ये अनुभव अद्वितीय था। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सीएम जयराम ठाकुर ने रिज मैदान में किया योग
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रिज मैदान में योग कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मैं सभी प्रदेश वासियों को बधाई देता हूं। हमारे लिए ये सौभाग्य की बात है कि हमारे ऋषियों ने योग के माध्यम से भारत की संस्कृति को विश्व भर में पहुंचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है।
एस जयशंकर बोले- दुनिया को जोड़ रहा योग
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “योग दुनिया को जोड़ती है। जो लोग योग करते हैं, उनके मन में शांति की भावना होती है। यहां योग करने के लिए कूटनीति से जुड़े हुए लोग और विश्वविद्यालयों से छात्र आए हैं। यह बहुत खुशी की बात है। यह शांति के पक्ष में एक भावना है, जिसे हम प्रकट कर रहे हैं।”
नई दिल्ली 21 June (Rns) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत सहित पूरी दुनिया में अलग-अलग स्थानों पर लोग योग कर रहे हैं। पीएम मोदी मैसूर में तो वहीं हरिद्वार स्थित पंताजलि योगपीठ में योग गुरु बाबा रामदेव योग कर रहे हैं। इसी बीच आईटीबीपी के जवानों ने देश के दुर्गम हिस्सों में योग किया। आईटीबीपी के हिमवीरों की शानदार तस्वीरें देश के अलग-अलग हिस्सों से आई हैं।
दरअसल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के हिमवीर आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सिक्किम स्थित 17 हजार फीट बर्फ की स्थिति में योग का अभ्यास करते नजर आए। वहीं ये हिमवीर उत्तराखंड में भी 16 हजार फीट की ऊंचाई पर योग का अभ्यास करते नजर आए। इसके अलावा उन्होंने हिमाचल प्रदेश में 16500 फीट की ऊंचाई पर भी योग का अभ्यास किया।
लद्दाख में भी 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के हिमवीरों ने योग किया।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग निरोग जीवन को विश्वास दे रहा है और घर-घर में योग का प्रसार हो रहा है। साथ ही बोले योग वैश्विक पर्व बन गया है।
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते साल 2020 और 2021 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया गया था। इस तरह वर्ष 2019 के बाद इस साल सार्वजनिक तौर पर योग दिवस मनाया जा रहा है।
नई दिल्ली ,20 जून।आनंद महिंद्रा ने अग्निवीरों के लिए खोले अपनी कंपनी के दरवाजे. अग्निपथ स्कीम के ऐलान के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई जगह पर हिंसा हो रही है। इस बीच महिंद्रा ग्रुप ने सेना में 4 साल की सेवा के बाद ‘अग्निवीरों’ को नौकरी देने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने खुद ट्वीट कर दी।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर जारी हिंसा पर दुख जताया है। महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है। आपको बता दें कि सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत की है जिसमें देश के युवाओं में सशस्त्र सेनाओं में भर्ती का मौका दिया जाएगा। इस योजना से जुडऩे वाले युवाओं को अग्निवीर का नाम दिया जाएगा। इसमें 4 साल की सेवा के बाद रोजगारको सुनिश्चित करने के प्रयास भी शामिल हैं।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने ट्वीट में कहा, अग्निपथ योजना को लेकर हुई हिंसा से दुखी हूं। जब पिछले साल इस योजना पर विचार किया गया था, तो मैंने कहा था, और मैं दोहराता हूं कि अग्निवीर द्वारा हासिल किया गया अनुशासन और कौशल उन्हें प्रमुख रूप से रोजगार योग्य बना देगा। महिंद्रा समूह ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा, कारपोरेट सेक्टर में अग्निवीरों के रोजगार की अपार संभावनाएं। लीडरशिप, टीम वर्क और फिजिकल ट्रेनिंग के साथ अग्निवीर इंडस्ट्री को बाजार के लिए तैयार पेशेवर समाधान प्रदान करते सकते हैं, जिसमें संचालन से लेकर प्रशासन और सप्लाई चेन मैनेजमेंट तक का पूरा स्पेक्ट्रम शामिल है।
सरकार ने अग्निवीरों की चिंताओं को दूर करते हुए कई ऐलान किए हैं। देश के अग्निवीरों को मौजूदा सरकारी स्कीम का भरपूर लाभ दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, मुद्रा लोन स्कीम और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं अग्निवीरों की मदद करेंगी। मौजूदा सरकारी स्कीमें जैसे मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया आदि को अग्निवीरों को समर्थन देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार का तर्क है कि फौज के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना से समाज से आसानी से युवा जुड़ सकेंगे। उन्हें आकर्षक वित्तीय पैकेज मिलेगा, सर्टिफिकेट और डिप्लोम देकर उन्हें उच्च शिक्षा का क्रेडिट दिया जाएगा। इस योजना में अनुशासन, स्किल और फिटनेस पर खास फोकस किया जाएगा। इस भर्ती का मापदंड कुछ ऐसा रखा गया है कि साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा को नौकरी दी जाएगी। सेवा की अवधि जिसमें ट्रेनिंग भी शामिल है, 4 साल की होगी। संबंधित सेवा अधिनियम और विनियम के तहत अग्निवीरों का चयन किया जाएगा।
चयन की प्रक्रिया पूरे देश में होगी और इसमें सभी वर्ग के युवा नामांकन कर सकेंगे। सरकार के पास सभी अग्निवीरों का सेंट्रलाइज्ड डेटा और रिकॉर्ड होगा।
नई दिल्ली,20 जून (आरएनएस)। भारी विरोध के बीच भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती रैली के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ट्रेनिंग पीरियड सहित चार साल की सेवा अवधि के लिए उम्मीदवारों को नामांकित किया जाएगा। इसके तहत उम्मीदवारों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसके बाद भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट इंडियनआर्मी पर विजिट करना होगा।
अग्निवीर सेना अधिनियम, 1950 के अधीन होंगे। ऐसे में उन्हें भूमि, समुद्र या वायु मार्ग से कहीं पर भी आने जाने के लिए उत्तरदायी माना जाएगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक, उम्मीदवारों की भर्ती चार सालों के लिए होगी। इस दौरान हर साल उन्हें 30 दिनों की छुट्टी भी मिलेगी। सेवा के पहले साल 30 हजार रुपये, दूसरे साल 33 हजार रुपये, तीसरे साल 36,500 रुपये और आखिरी साल यानी चौथे साल 40 हजार रुपये वेतन तथा भत्ते दिए जाएंगे।
नोटिफिकेशन के अनुसार, भर्तियां पूरी तरह से उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर मेरिट आधारित होंगी। केवल भर्ती प्रक्रिया में पास होने वाले उम्मीदवारों को सेना में भर्ती का दावा करने का कोई अधिकार नहीं होगा। यह भी कहा गया है कि जिन उम्मीदवारों के पास जरूरी सर्टिफिकेट नहीं होंगे, वे खुद रिजेक्शन के लिए उत्तरदायी होंगे।
एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को मिलेंगे बोनस मार्क्स
सभी पदों पर भर्ती के लिए एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को 05 बोनस मार्क्स मिलेंगे। एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को 10 बोनस अंक मिलेंगे जबकि एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को 15 बोनस अंक मिलेंगे। अग्निवीर जनरल ड्यूटी और क्लर्क/स्टोरकीपर पदों के लिए एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को (कॉमन एंट्रेंस एग्जाम) से छूट मिलेगी।
इन पदों के लिए होगी भर्ती
भारतीय सेना द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, ‘अग्निवीर जनरल ड्यूटी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर टेक्निकल (एविएशन/ एम्युनिशन एग्जामनर), अग्निवीर क्लर्क/स्टोर कीपर टेक्निकल, अग्निवीर ट्रेडमैन 10 वीं पास और अग्निवीर ट्रेड्समैन 8 वीं पास के लिए संबंधित एआरओ द्वारा जुलाई 2022 से रजिस्ट्रेशन ओपन होगा।Ó यानी कि इन पांच ट्रेड्स पर भर्ती होनी है।
क्या है जरूरी योग्यताएं
जनरल ड्यूटी के लिए उम्मीदवारों के पास में 45 फीसदी अंकों के साथ में 10वीं पास की योग्यता होनी चाहिए।
अग्निवीर तकनीकी (विमानन/गोला-बारूदपरीक्षक) के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और इंग्लिश सब्जेक्ट में 50 फीसदी अंकों के साथ में 12वीं पास।
क्लर्क/ स्टोरकीपर पदों के लिए 60 फीसदी अंकों के साथ 12वीं पास की योग्यता। अंग्रेजी और गणित में 50 फीसदी अंक जरूरी।
ट्रेड्समैन के लिए 10वीं और 8वीं पास उम्मीदवारों की अलग-अलग भर्ती होगी। आवेदक के सभी विषयों में 33 फीसदी अंक होने चाहिए।
नियम और शर्तें
*अग्निवीरों को सेना अधिनियम 1950 के तहत 4 वर्ष की सेवा अवधि के लिए नामांकित किया जाएगा।
*आवेदकों की आयुसीमा 17.5 वर्ष से 23 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
*अग्निवीरों आदेश के अनुसार थल, जल और वायु कहीं भी भेजा जा सकेगा।
*नामांकित अग्निवीर किसी भी तरह की पेंशन या ग्रेच्युटी के पात्र नहीं होंगे।
*सभी अग्निवीरों को चार वर्ष की सेवा पूरी होने पर सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
*सेवामुक्ती के समय उन्हें सेवा नीधि दी जाएगी।
सर्विस के बाद मिलेगा ये
चार साल की सर्विस पूरी होने के बाद अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज, अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट और कक्षा 12वीं के समकक्ष योग्यता प्रमाणपत्र भी मिलेगा। जो उम्मीदवार 10वीं पास हैं उन्हें 4 साल के बाद 12वीं समकक्ष पास सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिसकी पूरी जानकारी बाद में जारी की जाएगी।
बहराइच,20 जून (आरएनएस)। यूपी के लक्ष्मणपुर-शंकरपुर गांव में जब बारात पहुंची तो लोग देखकर दंग रह गए। दूल्हा घोड़ी पर नहीं, बल्कि सजे-धजे बुलडोजर पर बैठकर आया था।
शनिवार को दूल्हा बुलडोजर के साथ बारात लेकर दुल्हन के द्वार पर पहुंचा। इस दौरान लोगों ने ‘बुलडोजर बाबा की जय’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
दूल्हे ने कहा, मैं अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता था, तब मुझे यह आइडिया आया, जिसने मुझे अलग बना दिया। सोशल मीडिया पर अब बुलडोजर का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
नई दिल्ली,20 जून (आरएनएस)। तीनों सेनाओं की ओर से आज यह स्पष्ट किया गया की अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेनाओं को युवा एवं अधिक ताकतवर बनाना है और इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा तथा इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सेनाओं में भर्ती नहीं किया जाएगा।
अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में हो रहे उग्र तथा हिंसक आंदोलनों के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में रविवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अग्निपथ योजना विदेशों में प्रचलित विभिन्न मॉडलों का अध्ययन करने के बाद लाई गई है और भारत में इस तरह की योजना के बारे में सबसे पहले वर्ष 1989 में बातचीत शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद से इस तरह की योजना को शुरू करने की निरंतर कोशिश की जा रही है लेकिन इसमें अब जाकर सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से जवानों की भर्ती नहीं की जा सकी थी और इसे संयोग कहें या या कुछ और लेकिन इस दौरान दो वर्ष तक इस योजना पर खूब माथापच्ची की गई और इसके बाद अग्निपथ योजना को शुरू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सेनाओं को युवा अधिक ताकतवर तथा तकनीक और प्रौद्योगिकी से लैस बनाना है। देश की रक्षा पुख्ता करने के लिए यह उपाय करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 में सेना की औसत उम्र 30 वर्ष थी जो अभी बढ़कर 32 वर्ष हो गई है । नयी योजना लागू होने के कुछ वर्षों बाद यह औसत उम्र 24 से 26 वर्ष तक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। तीनों सेनाएं चाहती है कि यह योजना वापस ना हो और इसके उद्देश्य पूरे होने चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक आंदोलन में शामिल होने वाले युवाओं के लिए तीनों सेनाओं में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि फौज अनुशासन पर टिकी है इसलिए अनुशासनहीनता की सेनाओं में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को आवेदन पत्र के साथ एक शपथ पत्र देकर यह शपथ लेनी होगी कि वह किसी भी हिंसक आंदोलन में शामिल नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी अग्निवीरों की पुलिस इंक्वायरी कराई जाएगी और जगह-जगह लगे कैमरों से भी इस बात की पुष्टि की जाएगी कि इस उम्मीदवार ने किसी भी तरह के आंदोलन में या विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है । उन्होंने देश के युवाओं से अनुरोध किया कि वह अपना समय बर्बाद ना करें और अग्निवीर के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया की तैयारी करें।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने सेनाओं में अग्निवीरों की भूमिका से संबंधित सवालों और आशंकाओं का जवाब देते हुए कहा कि आम जवानों और अग्निवीरों को समान सुविधाएं तथा नियमों के अनुसार समान भत्ते एवं जोखिम भत्ते दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अग्निवीर सेनाओं का अभिन्न अंग होंगे और सेना में रहते हुए उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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न्होंने कहा कि अग्निवीर और सेना का संबंध मां और बेटे की तरह रहेगा जैसे मां हमेशा बेटे का ध्यान रखती है ऐसे ही सेना भी अग्निवीरों का ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना करीब एक सप्ताह पहले ही घोषित की गई है और इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों , विभागों , केंद्रीय पुलिस बलों और राज्य सरकारों ने चार वर्ष की सेवा के बाद अग्निवीरों को अपने यहां भर्ती में प्राथमिकता देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ इससे संबंधित बातें और स्पष्ट होंगी तथा अग्निवीरों को और ज्यादा प्राथमिकताएं मिलेंगी जिससे उनका भविष्य सुनिश्चित हो सके।
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद एयर मार्शल एस के झा ने बताया कि वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए अधिसूचना और पंजीकरण 24 जून से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके एक महीने बाद यानी 24 जुलाई को पहले चरण की परीक्षा आयोजित की जाएगी और दिसंबर के अंत तक पहला बैच प्रशिक्षण के लिए वायुसेना अकादमी में पहुंच जाएगा।
नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने बताया कि नौसेना में अग्नि वीरों की भर्ती के लिए 25 जून को विज्ञापन दिया जाएगा जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी 21 नवंबर को पहला अग्निवीर नौसेना की अकादमी में ट्रेनिंग के लिए पहुंच जाए इस तरह की योजना बनाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अग्नीपथ योजना के तहत नौसेना में महिला अग्निवीरों की भी भर्ती की जाएगी हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महिला अग्निवीरों की संख्या कितनी होगी। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने नौसैनिक जलपोतों में महिलाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकती है।
सेना की ओर से भी बताया गया कि अग्निवीरों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर सेवा शर्तों से संबंधित जानकारी वेबसाइट पर डाली गई है। सेना की योजना है कि आगामी अगस्त के पहले पखवाड़े में अग्निवीरों की भर्ती के लिए पहली भर्ती रैली का आयोजन किया जाना है। इसके बाद उम्मीदवारों का शारीरिक और चिकित्सा परीक्षण के बाद उनकी लिखित परीक्षा ली जाएगी। सेना में अग्निवीरों की भर्ती दो चरण में की जाएगी। पहले चरण में आगामी दिसंबर के पहले सप्ताह में 25000 तथा अगले वर्ष 23 फरवरी तक दूसरे चरण में 21000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने गत 14 जून को तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए अग्नीपथ योजना की घोषणा की थी जिसके तहत 4 वर्ष के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। देशभर में युवा इस योजना का विरोध करते हुए उग्र आंदोलन तथा आगजनी कर रहे हैं।
युवाओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने अग्निपथ योजना को आकर्षक बनाने के लिए अनेक उपायों तथा निर्णय की घोषणा की है।
गुवाहाटी ,20 जून (आरएनएस)। बाढ़ प्रभावित असम में सेना का बड़े पैमाने पर राहत अभियान जारी है और अब तक तीन हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया जा चुका है। एक बयान में कहा गया है कि सेना के जवान असम के होजई, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, दरांग, तामूलपुर और कामरूप में बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। सेना ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए असम के विभिन्न स्थानों पर 11 समग्र कॉलम तैनात किए हैं।
बयान में कहा गया,असम के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है तथा खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ एवं जलजमाव का कारण बन रही हैं। सेना बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हुई है। असम में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। शनिवार को आठ नई मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की नवीनतम क्षति रिपोर्ट के अनुसार, कुल 118 राजस्व मंडलों सहित राज्य के 32 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। फसल प्रभावित क्षेत्र 66455.82 हेक्टेयर हैं। एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों में आठ और लोगों की जान चली गई और कुल 62 लोगों की जान चली गई (बाढ़ में 51 और भूस्खलन में 11 लोगों की मौत हुई है)। शनिवार तक सभी प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले जा चुके हैं।
नई दिल्ली ,19 जून (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के लिए ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित भी किया। दुनिया के सबसे बड़े शतरंज आयोजन के 44वें संस्करण का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई के पास महाबलीपुरम में होगा।
अंतरराष्ट्रीय शतरंज निकाय ने पहली बार मशाल रिले की स्थापना की है, जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में पहले कभी ऐसा नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले रखने वाला पहला देश होगा।
शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले के उद्घाटन के अवसर पर फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को मशाल सौंपी, जिन्होंने इसे भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया।
75 शहरों में ले जाई जाएगी मशाल
इस मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में लेह, श्रीनगर, जयपुर, सूरत, मुंबई, भोपाल, पटना, कोलकाता, गंगटोक, हैदराबाद, बेंगलुरु, त्रिशूर, पोर्ट ब्लेयर और कन्याकुमारी जैसे अन्य 75 शहरों में ले जाया जाएगा। हर स्थान पर प्रदेश के शतरंज महारथियों को मशाल थमाई जाएगी।
शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए पंजीकृत 188 देशों के साथ देश पहली बार भारतीय धरती पर एक खेल आयोजन के लिए राष्ट्रों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।
शतरंज का खेल दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनून
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड के लिए आज पहली मशाल रिले भारत से शुरू हो रही है। पहली बार भारत मेजबानी भी कर रहा है, यह एक बड़ी घटना है। यह मशाल रिले न केवल भारत के लिए बल्कि खेल की गौरवशाली विरासत के लिए भी सम्मान की बात है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि शतरंज के खेल को उसके जन्मस्थान में एक विशाल अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में मनाया जा रहा है और अब यह दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनून है। उन्होंने कहा कि हम शतरंज को अपने जन्म स्थान पर वापस देखकर और शतरंज ओलंपियाड के रूप में इसकी सफलता का जश्न मनाते हुए खुश हैं।
न्यू इंडिया के युवा हर खेल में बना रहे कीर्तिमान
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मस्तिष्क के विकास के लिए चतुरंगा और शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। शतरंज खेलने वाले बच्चे अच्छे प्रॉब्लम सॉल्वर बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत ने शतरंज में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और न्यू इंडिया के युवा हर खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कीर्तिमान बना रहे हैं।
आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया है
पीएम मोदी ने कहा कि फिडे ने फैसला किया है कि मशाल रिले भारत से शुरू होगी। यह सिर्फ भारत का सम्मान नहीं है, बल्कि शतरंज के लिए सम्मान है। मोदी ने कहा कि शतरंज सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि अब एक शैक्षिक उपकरण बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में कुश्ती, कबड्डी, मलखंब फिट रहने के लिए खेले जाते थे और विश्लेषणात्मक कौशल के लिए हमारे पूर्वजों ने शतरंज का आविष्कार किया। शतरंज ने पूरी दुनिया की यात्रा की और लोकप्रिय हो गया। आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया है, शतरंज के खिलाड़ी समस्या हल करने वाले बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि शतरंज में सफलता के लिए योग और ध्यान जरूरी है।
शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए 188 देशों के पंजीकरण के साथ भारतीय खेल इतिहास भी पहली बार किसी आयोजन में भारतीय धरती पर देशों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।
44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में की जा रही है। 189 देशों के भाग लेने के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी।
लखनऊ 19 June (Rns):अग्निपथ योजना ने युवाओं को किया निराश. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के कारण तनाव में जीने को मजबूर युवा वर्ग को केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना ने निराश और हताश किया है।
सुश्री मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा “ ऐसे समय में जब मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी में से खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे जीवन संघर्ष को मजबूर हैं, उन्हें केन्द्र की अल्पावधि ’अग्निपथ’ सैन्य भर्ती स्कीम ने काफी निराश व हताश किया है।”
उन्होने कहा “ केन्द्र द्वारा रेलवे, सेना व अर्द्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या व संभावना को अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के हिम्मतवर नौजवान काफी असहाय व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है, जिसे सही से संभालना जरूरी। ”
बसपा अध्यक्ष ने अपील करते हुये कहा “ केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि देश के भविष्य इन पीड़ित नौजवानों के दर्द व इनके भविष्य के मुद्दे को गंभीरता से लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से सम्बंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले। नौजवानों से भी अपील है कि वे संयम जरूर बरतें।”
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की सैन्य भर्ती की नयी योजना अग्निपथ को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनाये हुयी है। केन्द्र सरकार ने अग्निवीरों को आश्वस्त किया है कि उन्हे चार साल की नौकरी के बाद विभिन्न सरकारी नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा उनके बेहतर भविष्य की प्रचुर संभावनायें सैन्य भर्ती योजना में है जिनका उन्हे लाभ उठाना चाहिये।
दिसपुर 19 June (Rns) : असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि पिछले 24 घंटे में बाढ़ और भूस्खलन से 8 और लोगों की मौत हो गई है। इसे मिलाकर अब तक राज्य में मरने वालों की कुल संख्या 62 हो गई है। आठ में से 2 लोग करीमगंज जिले में और 1 व्यक्ति हैलाकांडी जिले में भूस्खलन की वजह से जिंदा दब गया और मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बाढ़ के पानी में डूबने से छह लोगों की जान चली गई। राज्य के 32 जिलों में 4,291 गांवों में 30 लाख से अधिक प्रभावित हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कई राहत शिविरों का दौरा किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम सरमा को फोन कर राज्य में बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को केंद्र से राज्य को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम इस बात की जानकरी खुद ट्वीट कर दी। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें सुबह 6 बजे बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली और प्राकृतिक आपदा की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों पर अपनी चिंता जताई।
इसी बीच सीएम सरमा ने राज्य के कामरूप जिले के रंगिया क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे फौरन संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों से निकालें। सीएम ने यह भी कहा कि सेना मदद के लिए हमेशा तैयार हैं वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान लगातार प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रहे हैं।
इधर राज्य के रोजई जिले में 113 बाढ़ प्रभावित लोगों को ले जा रही एक देसी नाव पलट गई, जिसकी वजह से एक महिला और चार साल के बच्चे की मौत हो गई। गुवाहाटी के कई इलाकों सहित कछार, करीमगंज, हैलाकांडी, गोलपारा, दक्षिण सलमारा, दीमा हसाओ और कामरूप जिलों के कुछ हिस्सों में भूस्खलन होने की खबर है।
असम के अलावा मेघालय और त्रिपुरा में भी बाढ़ के कहर से लोगों को जूझना पड़ रहा है। केंद्र सरकार मेघालय में बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम भेजने जा रही है। बीते शुक्रवार को राज्य में बारिश और बाढ़ की वजह से 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के मुख्यमंत्री कोनरॉड संगमा से बात की थी और बाढ़ की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी। अमित शाह ने मुख्यमंत्री संगमा को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा में बीते शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ के कारण दस हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। वहीं मौसम विभाग ने 19 और 20 जून को मेघालय और असम में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
नई दिल्ली 19 June (Rns): बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार ने डिप्टी सीएम और विधायकों समेत 10 बीजेपी नेताओं को Y ग्रेड सुरक्षा दी है। गृह मंत्रालय का आदेश मिलने के बाद सीआरपीएफ आज से सुरक्षा घेरा संभाल रही है। सभी नेताओं के यहां आज केंद्रीय बल के 12 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भाजपा के आक्रामक विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल की सुरक्षा में सीआरपीएफ के 12 जवान तैनात किये गये हैं। वहीं दरभंगा से विधायक संजय सरावगी, दीघा से विधायक संजीव चौरसिया को सीआरपीएफ की सुरक्षा लगाई गई है। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी की सुरक्षा में भी सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।
दरअसल, बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा नेताओं पर हमले बढ़ गए हैं। विधायक विनय बिहारी अपने घर योगापट्टी से एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेतिया जा रहे थे। प्रदर्शन के कारण जाम में फंसे विनय बिहारी की गाड़ी पर अचानक प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। इसके साथ भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के पेट्रोल पंप पर तोड़फोड़ की गई। उधर लखीसराय और सासाराम में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के कार्यालय में आग लगा दी। वहीं गुरुवार को नवादा में भी भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया।
केंद्र के इस फैसले से ठीक पहले बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार सरकार की पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे। बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा को टारगेट किया जा रहा है। तीन जिलों में बीजेपी के दफ्तर जला दिए गए लेकिन पुलिस वहां मौन रही। संजय जायसवाल ने कहा कि पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में वैसे कार्रवाई नहीं की जिस तरह से करनी चाहिए थी। ना कहीं लाठीचार्ज हुआ और ना ही कहीं आंसू गैस छोड़ा गया।
निनानिया ,18 जून(RNS) । देहलावास गुलाबपुरा के एक युवक के पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी। इसी दौरान उसके पास एक फोन कॉल आई। उसे बताया गया कि उसकी 25 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। इसके बाद आर्थिक तंगी दूर होने के सपने देखते हुए युवक साइबर ठग के जाल में एक बार नहीं, बल्कि तीन बार फंसा। उसने किसी से पैसे उधार लेकर 28 हजार रुपए साइबर ठग के हवाले कर दिए।
जब तक उसे लॉटरी के नाम ठगी होने का पता चला, तब तक ठगी करने वाला आउट आफ रेंज हो चुका था। विनोद के पास दो दिन पहले एक मैसेज आया कि उसकी 25 लाख रुपए की लॉटरी लगी है। मैसेज में लॉटरी की रकम लेने के लिए कुछ मोबाइल नंबर संपर्क करने के लिए उपलब्ध कराए गए थे। उन्हीं में से एक नंबर पर कॉल करने के बाद उसे बताया गया कि लॉटरी की रकम हासिल करने के लिए उसे उनके खाते में 10.10 हजार रुपए भेजने होंगे।
विनोद के पास पैसे नहीं थे। उसने किसी पहचान वाले व्यक्ति से पैसे उधार लेकर बताए गए खाता नंबर पर भेज दिए। उसके बाद शातिर ने विनोद को कॉल की। फोन करने वाले ने बताया कि उसकी बैंक की लिमिट बहुत कम है।
25 लाख रुपए ट्रांसफर नहीं हो सकते। लॉटरी की रकम लेनी है तो बैंक की लिमिट बढ़वानी होगी। इसके लिए उसने 20 हजार रुपए और डलवाने की बात कही। ?
नई दिल्ली 18 June (Rns): केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर देशभर में जारी युवाओं के हंगामे के बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित याचिका दाखिल की गई है। दिल्ली के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल करते हुए स्कीम के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा की जांच को लेकर एसआईटी का गठन करने की मांग की है।
साथ ही स्कीम की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी के गठन की भी मांग की गई है।याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वो हिंसा को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे। साथ ही राज्यों को आदेश दे कि पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर दोषियों से दावा वसूलने को लेकर दावा कमिश्नर नियुक्ति की जाए।
इसके अलावा अग्निपथ योजना के राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन भी एक्सपर्ट कमेटी से कराया जाए।बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का एलान किया है।
इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। हालांकि, केंद्र की इस योजना ने युवाओं के आक्रोश को भड़का दिया है।
योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के बीच केंद्र ने योजना में बदलाव भी किए हैं। लेकिन युवा बहाली की पुरानी पद्धति को लागू करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
नई दिल्ली 18 June (Rns) : अग्निपथ योजना के विरोध में उग्र आंदोलन कर रहे युवाओं को विश्वास में लेने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने अग्निवीरों के लिए केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा अग्निवीरों के पहले बैच को केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल्स की भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की और बाद के बैचों को तीन वर्ष की छूट देने की भी घोषणा की है।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने कहा था कि अग्निपथ योजना के तहत वर्ष 2022 की अग्निवीरों की भर्ती में उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में दो वर्ष की छूट दी जाएगी।
गृह मंत्री के कार्यालय की ओर से शनिवार को किए गए ट्वीट ने कहा गया,“गृह मंत्रालय ने केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।”
एक अन्य ट्वीट में कहा गया,“गृह मंत्रालय ने हिंदी पुलिस वालों और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष होगी।”
उल्लेखनीय है कि तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत की है जिसके तहत भर्ती किए जाने वाले अग्निवीरों का कार्यकाल केवल चार साल का होगा। देशभर में युवा इस योजना का विरोध करते हुए आंदोलन कर रहे हैं।