दिल्ली : आप ने जारी की चौथी लिस्ट, केजरीवाल नई दिल्ली से

 सीएम आतिशी कालका जी से लड़ेंगी चुनाव

नई दिल्ली ,15 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। के नामों का ऐलान किया दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को अपनी चौथी और आखिरी लिस्ट जारी कर दी है।

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कालका जी और सौरभ भारद्वाज को ग्रेटर कैलाश से टिकट दिया है।

इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

आम आदमी पार्टी ने बुराड़ी से संजीव झा, बादली से अजेश यादव, रिठाला से मोहिंदर गोयल, बवाना से जय भगवान, सुल्तानपुर माजरा से मुकेश कुमार अहलावत,नांगलोई जाट से रघुविंदर शौकीन, शालीमार बाग से बंदना कुमारी, शकूरबस्ती से सत्येंद्र कुमार जैन, त्रिनगर से प्रीति तोमर, वजीरपुर से राजेश गुप्ता, मॉडल टाउन से अखिलेश पति त्रिपाठी को टिकट दिया है।

वहीं, सदर बाजार से सोम दत्ता, मटिया महल से शोएब इकबाल, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, करोल बाग से विशेष रवि, मोती नगर से शिव चरण गोयल,राजौरी गार्डन से धनवती चंदेला, हरिनगर से राजकुमार ढिल्लों, तिलक नगर से जनरैल सिंह, विकासपुरी से महेंद्र यादव, उत्तम नगर से पोष बालियान, द्वारका से विनय मिश्रा,दिल्ली कैंटोनमेंट से वीरेंद्र सिंह कादियान को चुनावी मैदान में उतारा है।

इसके अलावा पार्टी ने राजेंद्र नगर से दुर्गेश पाठक, कस्तूरबा नगर से रमेश पहलवान, मालवीय नगर से सोमनाथ भारती, आरके पुरम से प्रमिला टोकस, महरौली से नरेश यादव, अंबेडकर नगर से अजय दत्त, संगम विहार से दिनेश मोंगिया, तुगलकाबाद से साईं राम, ओखला से अमानतुल्लाह खां, कोंडली से कुलदीप कुमार, बाबरपुर से गोपाल राय और गोकलपुर से सुरेंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।

चौथी लिस्ट जारी होने के बाद दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आज आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। पार्टी पूरे आत्मविश्वास और पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है। भाजपा गायब है। उनके पास ना सीएम चेहरा है, ना टीम है, ना प्लानिंग है और न दिल्ली के लिए कोई विजन है। उनका केवल एक ही नारा है, केवल एक ही नीति है और केवल एक ही मिशन है – केजरीवाल हटाओ।

केजरीवाल ने आगे लिखा, उनसे पूछो 5 साल क्या किया, तो वो जवाब देते हैं – केजरीवाल को खूब गाली दी। हमारी पार्टी के पास दिल्ली वालों के विकास के लिए विजऩ है, प्लान है और उसे लागू करने के लिए पढ़े लिखे लोगों की एक अच्छी टीम है। पिछले दस सालों में किए कामों की लंबी लिस्ट है। दिल्ली वाले काम करने वालों को वोट देंगे, ना कि गाली देने वालों को।

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देश की सबसे बहादुर पुलिस बलों में से है छत्तीसगढ़ पुलिस– अमित शाह

रायपुर, 15 दिसम्बर 2024 (Rns) / राष्ट्रपति निशान हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और समर्पण का प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
राष्ट्रपति निशान हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और समर्पण का प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

राष्ट्रपति निशान हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और समर्पण का प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित बेहद गरिमामय कार्यक्रम में राज्य की पुलिस को राष्ट्रपति निशान (पुलिस कलर्स अवार्ड-2024) सौंपा। यह देश के सशस्त्र बलों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

विगत 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ पुलिस की असाधारण सेवाओं, बहादुरी और कर्तव्यपरायणता के लिए राज्य को यह सम्मान मिला है। छत्तीसगढ़ यह सम्मान हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है, जिसने अपने गठन के मात्र 24 वर्षों में ही यह उपलब्धि हासिल की है।

गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड केवल एक सम्मान नहीं है, यह सेवा और कर्तव्य का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलवाद, संगठित अपराध और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में जो साहस और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अभूतपूर्व है।

छत्तीसगढ़ पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ और बहादुर पुलिस बलों में से एक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ और देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ और देश से नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा हो जाएगा।

श्री शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि इसने न केवल कानून और व्यवस्था को बनाए रखा है, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, उनका हौसला और मनोबल बढ़ाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जांबाज पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपना मेरे लिए भी गर्व की बात है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की पुलिस की कड़ी मेहनत, समर्पण और जनता के प्रति लगाव का द्योतक है। छत्तीसगढ़ की पुलिस नक्सलियों के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की तैयारी में है।

यहां की पुलिस ने कानून-व्यवस्था और नक्सल मोर्च के साथ ही कोरोना महामारी में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की।

श्री शाह ने समारोह में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का जो कार्य किया, उसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद-370 को हटाकर और मजबूत किया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के केवल 24 वर्षों में हमारे पुलिस बल को उनकी असाधारण सेवाओं और जनता के प्रति समर्पण के लिए मिला है।

यह सम्मान न केवल पुलिस बल के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें और अधिक उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।

मुख्यमंत्री ने एंटी-नक्सल ऑपरेशनों में छत्तीसगढ़ पुलिस की सफलता पर कहा कि बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं।

भारत सरकार की नीति के अनुरूप हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल ट्रांजिट कैम्प में रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर देने की व्यवस्था की गई है। उनके कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

श्री साय ने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत 5 लाख या उससे अधिक के इनामी माओवादी के आत्मसमर्पण करने पर उन्हें आवास हेतु शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 डिसमिल जमीन या ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा इनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 15,000 पक्के आवास स्वीकृत किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की पुलिस द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए ‘महिला थाना’, महिला हेल्प डेस्क और ‘अभिव्यक्ति’ ऐप जैसे प्रयास उनकी संवेदनशीलता और जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते हैं।

उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति निशान छत्तीसगढ़ पुलिस के साहस, सेवा और कर्तव्यपरायणता का सशक्त प्रतीक है।

राष्ट्रपति पुलिस निशान का यह अलंकरण न केवल पुलिस बल को गर्वित करता है, बल्कि उन्हें नई ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। राज्य की पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि वह दुर्जनों के लिए भय और सज्जनों के लिए सम्मान का पर्याय है।

पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने अपने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि 1 नवम्बर 2000 को राज्य की स्थापना के बाद से पुलिस बल ने हर मोर्चे पर साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है।

उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशनों, पुनर्वास नीतियों और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस जनता की सेवा में हर समय तत्पर रही है।

राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में परेड द्वारा मुख्य अतिथि श्री अमित शाह को सलामी दी गई। श्री शाह ने सलामी के बाद परेड का निरीक्षण किया। महिला और पुरुष प्लाटून द्वारा मार्चपास्ट भी किया गया।

मुख्य अतिथि श्री शाह ने धर्मगुरूओं द्वारा मंत्रोच्चार के बाद आकाश में तिरंगे गुब्बारों और शानदार आतिशबाजी के बीच छत्तीसगढ़ पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपा। उन्होंने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पुलिस की 24 वर्षों के सफर पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केंद्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन और आसूचना ब्यूरो के निदेशक श्री तपन कुमार डेका सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी, जवान और शहीद जवानों के परिजन बड़ी संख्या में समारोह में उपस्थित थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया।

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हिंदी भाषा भारत की आत्मा और पहचान, एकता का अहम कारक : ओम बिरला

इटावा ,15 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के इटावा में हिंदी सेवा निधि के 32वें वार्षिक अधिवेशन एवं हिंदी सेवा सम्मान समारोह का कार्यक्रम इस्लामिया इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे।

अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश या दुनिया के अंदर भाषा देश की पहचान होती है और हिंदी भाषा भारत की आत्मा और पहचान है।

आज भी दुनिया के अंदर हम जब शासन पद्धतियों को देखते हैं, उस समय भारत की एकता को रखने में भाषा का बड़ा महत्व है। संविधान निर्माण के दौरान भी इसके निर्माताओं ने माना कि भारत में भाषा एकता का प्रतीक है।

हिंदी भाषा सब को जोडऩे का कम करती है, इसलिए इसे भारत की आत्मा माना जाता है। पहले कोर्ट में सिर्फ अंग्रेजी में काम होता था लेकिन अब 22 भाषाओं में काम हो रहा है।

हमने हिंदी के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त किया है। आजादी की लड़ाई लडऩे में भाषा का और साहित्यकारों का बहुत बड़ा योगदान था।

बिरला ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी का जमाना है, इससे भाषा का तुरंत आदान-प्रदान होता है। भारत में ऐसे लोग हुए, जिन्होंने हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने का काम किया। ये समारोह इसलिए किए जाते हैं कि आने वाली पीढ़ी अपनी भाषा पर गर्व करे।

नहीं तो आने वह गुलामी की मानसिकता वाली भाषाओं पर गर्व करेगी। प्रधानमंत्री मोदी हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी का प्रयोग करते हैं।

भारतीय भाषा की विविधता बहुत बड़ी है। दुनिया में हिंदी भाषा सिखाने की लिए कई संस्थान काम कर रहे हैं। दुनिया के लोग हिंदी भाषा में रुचि रखते हैं।

हमारे साहित्यकारों का हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने हिंदी को दुनिया में पहुंचने का काम किया है। आज डिजिटल युग में भी हिंदी का विस्तार हो रहा है।

कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल मौजूद रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत इटावा लोक सभा के सांसद और सदर विधायक ने किया। यह कार्यक्रम न्यायमूर्ति स्वर्गीय प्रेम शंकर गुप्त की याद में आयोजित किया जाता है।

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संसद में सावरकर पर राहुल-रिजिजू की नोक-झोंक

के बाद इंदिरा गांधी का चार दशक पुराना लेटर वायरल

नई दिल्ली ,15 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने वीर सावरकर का जिक्र करते हुए लोकसभा में कहा था कि इंदिरा गांधी ने मुझे बताया कि सावरकर ने अंग्रेजों से समझौता कर लिया था। उन्होंने अंग्रेजों को चिठ्ठी लिखकर माफी भी मांगी।

राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार भी किया और कांग्रेस को घेरा। इसी बीच सोशल मीडिया पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 44 साल पुराना लेटर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने वीर सावरकर की जयंती पर उनको रिमार्केबल सन ऑफ इंडिया’ बताया था।

इंदिरा गांधी ने 20 मई 1980 को पंडित बाखले, सचिव, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के नाम से संबोधित चिठ्ठी में वीर सावरकर के योगदान का जिक्र किया था। यह चिठ्ठी पंडित बाखले के पत्र के जवाब में लिखी गई थी।

इस लेटर में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने लिखा था, ”मुझे आपका पत्र 8 मई 1980 को मिला था। वीर सावरकर का ब्रिटिश सरकार के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए काफी अहम है। मैं आपको देश के महान सपूत (रिमार्केबल सन ऑफ इंडिया) के शताब्दी समारोह के आयोजन के लिए बधाई देती हूं।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का 44 साल पुराना लेटर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, यह दस्तावेज राहुल गांधी के लिए है, क्योंकि उन्होंने लोकसभा में वीर सावरकर और इंदिरा गांधी के बारे में गलत बयान दिया था। कांग्रेस पार्टी वीर सावरकर की वीरता को सवालों के घेरे में खड़ी करती रहती है।

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उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुँचे एक्टर और सिंगर दिलजीत

लाइव कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के बाद

उज्जैन ,15 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ इन दिनों लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। वे दिल लुमिनाटी टूर के तहत देशभर में लाइव कॉन्सर्ट कर रहे हैं। लोगों में उनका जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है और वे उनके कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ब्लैक में भी टिकट खरीदने को तैयार हैं। दिलजीत हाल ही में उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर पहुंचे।

सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिलजीत को बाबा महाकाल के चरणों में श्रद्धा प्रकट करते और भस्म आरती में शामिल होते हुए देखा गया। सफेद धोती-कुर्ता पहने दिलजीत ने शिवजी के प्रति गहरी आस्था व्यक्त की। माथे पर त्रिपुंड तिलक और ओम की शाल ओढ़े दिलजीत ने आरती में भाग लिया। वह चांदी की द्वार से बाबा को प्रणाम करते और ध्यानमग्न नजर आए। दिलजीत ने इस यात्रा के बाद अपने इंस्टाग्राम पर कैप्शन लिखा, जय श्री महाकाल, जो उनके प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

बता दें दिलजीत ने 8 दिसंबर को मध्यप्रदेश के ही इंदौर में धमाकेदार परफॉर्मेंस दी। हालांकि बजरंग दल ने कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी। संगठन का आरोप था कि दिलजीत के कॉन्सर्ट में नशे से जुड़े तत्वों को बढ़ावा दिया जाता है। कॉन्सर्ट के दौरान दिलजीत ने किसी का नाम लिए बगैर राहत इंदौरी का मशहूर शेर, हिंदुस्तान किसी के बाप का थोड़ी है, पढ़कर तंज कसा।

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जहां हिंदुत्व खत्म, वहां लोकतंत्र भी खत्म : रंजीत सावरकर

मुंबई ,15 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।

रंजीत ने कहा, सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेकिन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।

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दूरस्थ गांव पूवर्ती में पहली बार गूंजी दूरदर्शन की आवाज

आजादी के 78 साल बाद घोर माओवादी दूरस्थ गांव

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। छत्तीसगढ़ के दक्षिणतम छोर सुकमा जिले के अति-माओवाद प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र पूवर्ती में विकास की एक नई किरण पहुंची है। आजादी के 78 साल बाद पहली बार इस गांव के लोगों ने दूरदर्शन पर देश-दुनिया की खबरें, धारावाहिक और स्थानीय फिल्में देखी। नियद नेल्ला नार गांव पूवर्ती के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी दूरदर्शन के कार्यक्रमों को देखने के लिए घंटों टीवी सेट के पास बैठे रहे।

इस पहल ने यह साबित किया है कि विकास की तेजी माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव हो रहा है। जिससे पूवर्ती, सिलगेर, टेकलगुडिय़म जैसे सुदूर गांवों में इस तरह की योजनाएं विकास और शांति का नया अध्याय लिख रही हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर गांव के बच्चों ने ज्ञानवर्धक कार्यक्रम और कार्टून देखकर न केवल खुशी का अनुभव किया, बल्कि उनके चेहरे पर सीखने और उत्सुकता की झलक भी साफ देखी गई। यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुदूर गांवों तक पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नियद नेल्लानार योजना का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के पहल पर इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों तक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग ने पूवर्ती गांव में सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण का वितरण किया।

परिवार को सोलर लाइट और सोलर पंखा वितरण किया गया। इसके साथ ही दूरदर्शन के सेट पूवर्ती, टेकलगुडियम और सिलगेर में क्रमश: दो-दो सेट स्थापित किए गए हैं। इस कदम से गांव में बिजली की कमी की समस्या दूर हो गई है और ग्रामीणों को अंधेरे से मुक्ति मिली है। ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी के मौसम में सोलर पंखों से राहत मिलेगी। पंखा पाकर लोग बेहद खुश हैं।

यह कदम उनके जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीदें लेकर आया है। नियद नेल्लानार गांव की बंजाम मडग़ू, बंडीपारा पूवर्ती ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे गांव में टीवी आएगा। पहली बार देश-दुनिया की खबरें और धारावाहिक देखकर ऐसा लग रहा है जैसे हम भी अब बाकी दुनिया से जुड़े हैं। सोलर लाइट और पंखे से अब रातें रोशनी से भर जाएंगी और गर्मी से भी राहत मिलेगी। यह हमारे लिए चमत्कार होने जैसा है।

गांव के युवा नुप्पो हड़मा, तुमालपारा पूवर्ती ने कहा अब बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी होगी, क्योंकि सोलर लाइट की मदद से रात को भी आसानी पढ़ सकेंगे। दूरदर्शन पर आने वाले ज्ञानवर्धक कार्यक्रमो से बच्चों को नई जानकारी मिलेगी। कलेक्टर  देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि पूवर्ती जैसे दूरस्थ और माओवाद प्रभावित गांवों तक सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण पहुंचाना विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

यह ग्रामीणों की जरूरतें पूरी कर रहा है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्थायी ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा दे रहा है। हमारी कोशिश है कि इन क्षेत्रों के हर गांव में विकास के नए आयाम जोड़े जाएं, जिससे लोग मुख्यधारा में शामिल हो सकें। सुकमा जिले में जनजातीय वर्गों की बहुलता है, जो वन संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के प्रति सदैव तत्पर रहते हैं।

सौर ऊर्जा पर आधारित उपकरणों के वितरण से न केवल ग्रामीण बिजली पर निर्भरता से मुक्त हो रहे हैं, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहन दे रहा है। अक्षय ऊर्जा के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और यह सतत विकास का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

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सावरकर पर टिप्पणी को लेकर रविशंकर प्रसाद ने पूछा

किस ट्यूटर से क्लास लेते हैं राहुल

नई दिल्ली,14 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। लोकसभा में संविधान के 75 वर्ष पर चर्चा के दौरान भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि जब भी राहुल गांधी बोलते हैं, तो वे वैसे तथ्यों का प्रयोग करते हैं, जिसका कोई आधार नहीं होता है, ऐसा लगता है कि उन्हें ट्यूटर बदलने की जरूरत है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या राहुल गांधी कभी अंडमान एवं निकोबार जेल में गए हैं. वहां के क्या हालात थे, क्या राहुल ने कभी जानने की कोशिश की है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उस जेल में वीर सावरकर 11 सालों तक बंद थे.

उन्हें लिखने के लिए कलम नहीं दिया गया. भाजपा नेता ने कहा कि मेरी गुजारिश है कि कभी राहुल गांधी को वहां पर ले जाया जाए, और उन्हें दिखाया जाए कि वहां पर क्या है.

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि वीर सावरकर ने संविधान को लेकर कहा था कि इस संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है. राहुल गांधी ने आरएसएस को लेकर भी ऐसी ही टिप्पणी की. रविशंकर प्रसाद इसका जवाब दे रहे थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, ”इस सदन में मैं आग्रह करूंगा कि एक बार इन्हें (राहुल) अंडमान-निकोबार की सेलुलर जेल लाया जाए जहां सावरकर 11 साल बंद थे. मैं तीन बार गया हूं. जब भी गया हूं रोया हूं.ÓÓ उनका कहना था, ”आप अपनी राजनीति के लिए जो कुछ भी बोलिए. जिस व्यक्ति ने इतना त्याग किया है उसके बारे में इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए.ÓÓ प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा, ”ट्यूटर बदलना बहुत जरूरी है, ये ट्यूशन कहां से आ रहा है, यह बताना जरूरी है.ÓÓ

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभी हाल ही में महायुति को महाराष्ट्र में प्रचंड जीत हासिल हुई. ऐसी जीत 1971 के बाद किसी को नहीं मिली. इसी तरह से हरियाणा में भी भाजपा को जीत हासिल हुई. इसका मतलब यह है कि जनता ने विश्वास दिखाया. और यही वजह है कि पीएम मोदी भी लगातार तीसरी बार सत्ता में आए, जनता ने उन पर भरोसा जताया.

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी और कुछ अन्य नेताओं ने कहा कि संविधान में किसी भी हिंदू देवता का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन उन्हें पता नहीं है कि मैं उन्हें संविधान की मूल प्रति दिखाना चाहता हूं. इसमें आप सब देख सकते हैं कि यहां पर राम, कृष्ण, हनुमान के चित्र मौजूद हैं.

प्रसाद ने कहा, ”आज लोगों ने स्वीकारा है कि यह देश राष्ट्रवाद से चलेगा, समर्पण से चलेगा और विकास से चलेगा.ÓÓ उन्होंने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि कल्पना नहीं की जा सकती कि किस तरह से दमन हुआ था और यहां कांग्रेस के लोग संविधान की बात रहे हैं.

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वन नेशन, वन इलेक्शन देश की जरूरत: चिराग पासवान

पटना,14 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने वन नेशन, वन इलेक्शन को देश की जरूरत बताते हुए कहा कि इसकी चाहत हमलोगों की लंबे समय से थी।

उन्होंने विपक्ष के विरोध करने पर कहा कि विपक्ष को हर एक फैसले से ऐतराज है। शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे नेता और मेरे पिता रामविलास पासवान की भी यही सोच रही थी कि देश में एक साथ चुनाव हो।

उन्होंने कहा, अभी हम लोगों ने देखा कुछ महीने पहले ही लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए, उसके ठीक बाद हरियाणा, जम्मू कश्मीर के चुनाव में लोग व्यस्त हुए। उसके बाद झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव हुए।

इसके बाद दिल्ली और उसके बाद बिहार और फिर असम का चुनाव है। हर दूसरे और तीसरे महीने देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं। यह न सिर्फ आर्थिक बोझ देश के ऊपर डालने का काम करते हैं, बल्कि जिस तरीके से मशीनरी के डिप्लॉयमेंट को लेकर एक व्यवस्था तैयार करने की जरूरत पड़ती है, उसमें भी समय बहुत ज्यादा बर्बाद होता है।

इस स्थिति में जब आचार संहिता लगती है तो विकास की गति कहीं ना कहीं रूकती है। इस कारण देश में एक ही बार चुनाव हों और पांच साल तक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।

उन्होंने कहा, विपक्ष को हर एक उस फैसले पर ऐतराज है, जो पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लिया जाता है। मैं चाहता हूं कि विपक्ष इसकी मेरिट पर चर्चा करे, बताएं क्या एतराज है? क्यों यह सही नहीं है?

एक तरफ जो उन लोगों की बातें हैं, जो छोटे दल हैं, एक साथ चुनाव में उनको दिक्कत होगी। आज की तारीख में देश की जनता इतनी समझदार है कि दो राज्यों में चुनाव के संघीय ढांचे को समझती है।

लोकसभा के साथ जिन राज्यों में चुनाव हुए उसके परिणाम अलग हुए हैं। आंध्र प्रदेश इसका उदाहरण है। जहां लोकसभा के परिणाम कुछ थे और विधानसभा के परिणाम कुछ और। यह दर्शाता है कि देश की जनता इस बात को अच्छे से जानती है कि भारत के संघीय ढांचे में किस तरीके से मतदान करना है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए संभव हो तो हमारी सरकार एक कमेटी का गठन करेगी। हम लोग जेपीसी का भी गठन करेंगे। विपक्ष वहां पर मेरिट के ऊपर इसकी चर्चा करे।

उन्होंने लालू यादव के आंख सेंकने वाले बयान पर कहा कि इससे अशोभनीय और अभद्र टिप्पणी कुछ नहीं हो सकती। इतनी गिरी हुई टिप्पणी करना कतई जायज नहीं है। वे खुद इतने अनुभवी नेता हैं और उनके मुंह से इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती। जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर निकल रहे हैं, उसका लाभ 2025 के बिहार चुनाव में जरूर होगा।

पत्रकारों के संविधान के मुद्दे पर चर्चा को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर मंत्री चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा, जो लोग संविधान को पॉकेट में लेकर घूमने का काम करते हैं, वह कभी समझेंगे ही नहीं कि संवैधानिक मर्यादा क्या होती है। जिन लोगों ने संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोगों को राजनीति से अछूता नहीं रखा, उनके ऊपर भी टीका-टिप्पणी करने का काम किया, वह कभी संवैधानिक मर्यादा को नहीं समझ पाएंगे।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के लेटरल एंट्री और प्राइवेटाइजेशन के जरिए आरक्षण को खत्म करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि लेटरल एंट्री की शुरुआत किसने की थी। लेटरल एंट्री की शुरुआत विपक्षी दलों के सरकारों ने की थी।

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लोकसभा में आज होगी संविधान पर आखिरी बहस

पीएम मोदी देंगे विपक्ष के आरोपों का जवाब

नईदिल्ली,14 दिसंबर(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। संसद के शीतकालीन सत्र का शनिवार को 15वां दिन है। लोकसभा में भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को लेकर इस पर बहस चल रही है।इस बहस का शनिवार को दूसरा और आखिरी दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस बहस में विपक्ष की ओर से लगाए गए सभी आरोपों का जवाब देंगे और इसका समापन करेंगे।इससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर बोलते हुए बहस की शुरुआत की थी।

लोकसभा में राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था।उन्होंने कहा, एक पार्टी ने संविधान को हाईजैक करने और हड़पने की कोशिश की। यह किसी एक पार्टी की देन नहीं, बल्कि पूरे देश का है।उन्होंने कहा, विपक्ष के कई नेता अपनी जेब में संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार में पीढिय़ों से संविधान को जेब में रखा हुआ देखा है, लेकिन भाजपा संविधान को अपने माथे पर रखती है।

वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में पहला भाषण देते हुए संविधान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।उन्होंने कहा था कि भाजपा संविधान को संघ की नियम पुस्तिका बनाने पर तुली है। उन्होंने संभल हिंसा और उन्नाव रेप केस का जिक्र करते हुए सत्तारूढ़ सरकार पर डर फैलाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि संविधान लोगों को उत्पीडऩ का सामना करने और लडऩे का साहस देता है। यह लोगों के लिए न्याय और सुरक्षा कवच का है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जाति जनगणना कराने की मांग फिर से उठाई।संभल हिंसा और पूजा स्थलों के अन्य सर्वेक्षणों पर उन्होंने कहा कि जो लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे हैं, वे शांति नहीं चाहते और देश में हिंसा फैलाना चाहते हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास कर रही है। उन हमला किया जा रहा है और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के बहस के दौरान न्यायिक अधिकारी की मौत का जिक्र करते ही लोकसभा में हंगामा मच गया।केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें उचित संसदीय कार्रवाई की चेतावनी दी। दोनों पक्षों के हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शाम करीब साढ़े 5 बजे कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।मोइत्रा ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप भी लगाया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल में कहा कि हिंदुओं पर हमलों की खबरों के बीच अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश के हित में है। भारत के पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान को आतंकवादियों से मुक्त होना चाहिए।

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बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में कराया गया भर्ती 

नईदिल्ली,14 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। देश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को शनिवार सुबह दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें तबीयत बिगडऩे के बाद जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गत 2 सप्ताह से उनकी तबीयत नासाज चल रही है। वर्तमान में वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं।इससे पहले जुलाई महीने में भी आडवाणी को तबीयत बिगडऩे पर अपोलो अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में तबीयत बिगडऩे के बाद आडवाणी को न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विनीत सूरी की देखरेख में रखा गया था। हालांकि, एक सप्ताह बाद सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें छुट्?टी दे दी गई थी।

उसके एक महीने पहले 26 जून की रात 10:30 बजे उन्हें दिल्ली एम्स के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया था। उनका इलाज डॉ अमलेश सेठ की निगरानी में किया गया था और उन्हें अगले दिन छुट्?टी भी मिल गई थी।

आडवाणी को 30 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया था।आडवाणी ने 8 नवंबर को अपना 98वां जन्मदिन मनाया था। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए शुभकामना संदेश दिया था।

इसमें उन्होंने कहा था कि देश के लिए यह वर्ष और भी विशेष है, क्योंकि देश के प्रति आडवाणी की उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। वह भारत के सबसे प्रशंसित राजनेताओं में से एक हैं।

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संगम नोज पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने की पूजा-अर्चना

उतारी त्रिवेणी की आरती

महाकुंभनगर,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में पूजा अर्चना कर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहे महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की।

पीएम मोदी ने इस अवसर पर गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी की आरती कर वैश्विक कल्याण का भी संकल्प लिया। तीर्थ पुरोहितों के द्वारा वैदिक मंत्रों के बीच पूरा कार्यक्रम संपन्न कराया गया।

इस दौरान पीएम मोदी ने त्रिवेणी में अक्षत, चंदन, रोली, पुष्प और वस्त्र भी अर्पित किए। इससे पूर्व पीएम मोदी ने प्रमुख साधु संतों का आशीर्वाद भी लिया। इस अवसर पर पीएम के साथ सीएम योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं।

प्रधानमंत्री मोदी निषादराज क्रूज पर सवार होकर संगम नोज पर पहुंचे। किला घाट पर फ्लोटिंग जेटी से होते हुए वो क्रूज पर सवार हुए। व्हाइट कुर्ता-पजामा, ब्लू जैकेट, मैरून कलर की शॉल पहने पीएम मोदी ने क्रूज पर सवार होने के बाद डेक पर खड़े होकर यमुना की लहरों को निहारा।

यहां से वह घूम-घूमकर पूरे क्षेत्र का अवलोकन भी करते नजर आए। इसके बाद रिवर क्रूज पर विहार का भी आनंद उठाया। संगम नोज पर सीएम योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने एक बार फिर उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी ने साधु संतों से मुलाकात की और उनका अभिवादन किया। इस दौरान एक संत ने उन्हें मोतियों की माला भी भेंट की।

यहां से पीएम सीधे संगम नोज पर बने पंडाल में पहुंचे। यहां उपस्थित तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें आसन ग्रहण कराया। पीएम के अगल-बगल में सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी आसन ग्रहण किया।

इसके बाद तीर्थ पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पीएम मोदी ने पूजा अर्चना की। तीर्थ पुरोहितों ने उनसे आचमन भी कराया। पीएम मोदी ने खड़े होकर त्रिवेणी का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया।

पीएम मोदी, सीएम योगी और राज्यपाल ने अक्षत, चंदन, रोली और पुष्पमाला के साथ ही त्रिवेणी में वस्त्र भी अर्पित किया। इसके बाद पीएम ने संगम आरती भी की। अंत में पीएम मोदी ने विशेष रूप से सजाए गए प्रांगण में फोटोशूट भी कराया।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी मौजूद रहे।

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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान पर भाषण दिया

बोलीं- चुनाव परिणाम से संविधान नहीं बदल सकी सरकार

नईदिल्ली,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। देश में संविधान लागू होने के 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में आयोजित विशेष बहस में विपक्षी पार्टियों की ओर से प्रियंका गांधी ने विशेष भाषण दिया।

केरल से चुनकर आईं कांग्रेस सांसद प्रियंका ने पहले भाषण में केंद्र को घेरते हुए कहा कि संविधान देश के लोगों के लिए न्याय और सुरक्षा कवच का है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग कवच को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। अगर लोकसभा नतीजे ऐसे न आते तो ये संविधान बदल देते।

प्रियंका ने कहा, हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। सत्ता पक्ष ने 10 सालों में ये सुरक्षा कवच तोडऩे का पूरा प्रयास किया है।

संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसको तोडऩे का काम शुरू हो चुका है। लैटरल एंट्री और निजीकरण से सरकार आरक्षण को कमजोर कर रही है। अगर लोकसभा के नतीजे ऐसे न होते तो ये संविधान बदलने का काम शुरू करते।

प्रियंका ने कहा, सत्ता पक्ष अब संविधान-संविधान इसलिए कर रही है क्योंकि इन्हें इस चुनाव में पता चल गया है कि जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी। इस चुनाव में हारते-हारते जीतने से ये अहसास हुआ कि संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।

आज जनता की मांग है कि जाति जनगणना हो। ये जिक्र चुनाव की नतीजों की वजह से हो रहा है। जाति जनगणना से हमें असली संख्या पता चलेगी।

प्रियंका ने 31:55 मिनट के भाषण में उद्योगपति गौतम अडाणी को भी घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ 1 व्यक्ति के लिए 142 करोड़ लोगों को नजरअंदाज कर रही है।

उन्होंने कहा कि ये भारत का संविधान है, संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का विधान नहीं हैं।उन्होंने कहा कि आज सच बोलने पर डराया और धमकाया जा रहा है, पूरे देश में भय का माहौल औऱ ऐसा माहौल अंग्रेजों के समय में हुआ करता था।

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आज से ठीक 23 साल पहले संसद भवन पर हुआ था हमला

राष्ट्रपति समेत गणमान्यों ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। देश में लोकतंत्र के प्रतीक माने जाने वाले संसद भवन पर आज से ठीक 23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादियों ने हमला बोला था. हमारे जवानों ने मुस्तैदी दिखाते हुए इस हमले को नाकाम कर दिया था. हालांकि इस नापाक हमले में हमारे 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस अवसर पर आज शुक्रवार को संसद भवन में सभी सांसदों ने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी.

संसद भवन में सुबह-सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी गणमान्यों ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि राष्ट्र आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है.

सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राष्ट्रपति ने लिखा कि मैं उन वीरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहेगी. राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा. इस दिन, मैं आतंकवाद से लडऩे के लिए भारत के अटूट संकल्प को दोहराती हूं. हमारा देश आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है.

बता दें, 13 दिसंबर 2001 को दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी, नानक चंद और रामपाल, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेंद्र सिंह और घनश्याम तथा सीपीडब्ल्यूडी के माली देशराज ने आतंकवादी हमले के दौरान संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था. यह हमला उस समय हुआ था जब 13 दिसंबर 2001 को सुबह लगभग 11.30 बजे एक सफेद एंबेसडर कार में सवार पांच आतंकवादी संसद भवन के गेट नंबर 12 से संसद परिसर में घुसे. गोलियों की आवाज सुनते ही सीआरपीएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की. आतंकवादी हमले के समय संसद में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत कई मंत्री, सांसद एवं पत्रकार मौजूद थे.

एक आतंकवादी ने गेट नंबर-1 से संसद में घुसने की कोशिश की. हालांकि, सतर्क सुरक्षा बलों ने उसे ढेर कर दिया. शेष आतंकवादियों ने एक अन्य गेट से संसद में घुसने की कोशिश की. इस बार भी सुरक्षा बलों को कामयाबी मिली और चार में से तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया. बाद में जिंदा बचे एक और आतंकवादी को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया. इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, जिनमें से कुछ निहत्थे भी थे.

मामले की जांच से जुड़े रहे अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित यह आतंकवादी हमला भारत को अस्थिर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए किया गया था. इस हमले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने की पुष्टि हुई थी.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवान हमेशा लोगों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे. धामी ने भी एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि लोकतंत्र के प्रतीक भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को कोटि-कोटि नमन. आपकी कर्तव्यनिष्ठा, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र के प्रति आपकी अटूट निष्ठा का प्रमाण है. आपकी वीरता की गाथा हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी. श्रद्धांजलि सभा ने सभी को 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए भीषण आतंकवादी हमले की याद दिला दी.

उस हमले के बाद संसद की सुरक्षा में कई बड़े परिवर्तन किए गए. पूरे संसद परिसर की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से समीक्षा की गई. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर नए सुरक्षा उपकरण, सुरक्षा बलों की तैनाती और अन्य आवश्यक उपाय अपनाए गए हैं. नई संसद में सुरक्षा उपायों को और भी पुख्ता किया गया है। बहुआयामी सुरक्षा घेरे स्थापित किए गए हैं. इसके अंतर्गत यहां तैनात अलग-अलग विभागों के सुरक्षाकर्मियों के बीच बेहतर संवाद एवं तालमेल भी स्थापित किया गया है.

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अल्लू अर्जुन को हैदराबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

महिला की मौत से जुड़ा है मामला

हैदराबाद,13 दिसंबर (एजेंसी) । इन दिनों सिनेमाघरों में पुष्पा 2 छाई है। फिल्म के हीरो हैं अल्लू अर्जुन। उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन से ही जोरदार कमाई कर रही है। खासकर इसमें अल्लू के काम की बड़ी तारीफ हो रही है।

हालांकि, अब अल्लू से जुड़ी ऐसी खबर सामने आ रही है, जिससे उनके प्रशंसक हैरान-परेशान हो जाएंगे।दरअसल, पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान हुई महिला की मौत के मामले में हैदराबाद पुलिस ने अभिनेता को गिरफ्तार कर लिया है।

अल्लू को हैदराबाद के संध्या थिएटर में मची भगदड़ में हुई महिला की मौत के मामले में हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।बता दें कि पुष्पा 2 के पेड प्रीव्यू के दौरान अल्लू संध्या थिएटर पहुंचे थे, जहां उन्हें प्रशंसक बेकाबू हो गए और इसके चलते फिल्म देखने आई एक महिला की मौत हो गई और उसका बच्चा बुरी तरह घायल हो गया।इस मामले से निपटने के लिए अल्लू ने तेलंगाना हाईकोर्ट का रुख किया था।

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दिल्ली की कोर्ट का खडग़े के खिलाफ FIR दर्ज करने से इंकार

नईदिल्ली,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली की एक कोर्ट ने अभद्र टिप्पणी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है।आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चतिंदर सिंह ने शिकायतकर्ता के वकील की दलीलों और दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद दिया।शिकायत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने खडग़े पर रैली के दौरान भाजपा- आरएसएस के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का आरोप लगाया था।

कोर्ट ने कहा कि कथित आरोपी की पहचान हो चुकी है और सारे सबूत शिकायतकर्ता के पास हैं, ऐसे में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत पुलिस जांच और एफआईआर की जरूरत नहीं, आवेदन खारिज किया जाता है।कोर्ट ने कहा कि वह शिकायत का संज्ञान लेता है और शिकायतकर्ता को समन-पूर्व साक्ष्य दाखिल करने की अनुमति देता है।कोर्ट ने कहा, आगे जांच की जरूरत पड़ी तो दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 लागू की जा सकती है।

शिकायतकर्ता का कहना है कि खडग़े ने अप्रैल 2023 को कर्नाटक के गडग के नारेगल में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी।शिकायत में बताया कि बाद में उसी दिन कथित खडग़े ने अन्य चुनावी रैलियों में स्पष्ट किया कि उनका बयान प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं बल्कि भाजपा और आरएसएस के खिलाफ था।शिकायतकर्ता ने कहा कि आरएसएस सदस्य होने के नाते वह खुद को बदनाम महसूस कर रहा है।

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राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खडग़े के बीच बहस

सदन सोमवार तक स्थगित

नईदिल्ली,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खूब हंगामा हुआ।

सभापति धनखड़ ने कहा कि वे किसान के बेटे हैं और झुकने वाले नहीं हैं।इस पर मल्लिकार्जुन खडग़े ने खुद को मजदूर का बेटा बताया।इस दौरान खूब हंगामा भी हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही 16 दिसंबर सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

सभापति धनखड़ ने विपक्ष के व्यवहार को लेकर कहा, मैं किसान का बेटा हूं, कमजोर नहीं पड़ूंगा। मैं इस देश के लिए मर जाऊंगा। आप सोचेंगे नहीं और सिर्फ आश्चर्य करेंगे कि एक किसान का बेटा इस पद पर क्यों बैठा है।

इस पर खडग़े ने कहा, आप कह रहे हैं कि हम किसान के बेटे का अपमान कर रहे हैं तो मैं कहना चाहता हूं कि मैं मजदूर का बेटा हूं। हम यहां आपकी तारीफ सुनने नहीं आए हैं।

राज्यसभा में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है।55 विपक्षी सांसदों ने जज के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव राज्यसभा महासचिव को सौंपा है।

इस पर कपिल सिब्बल की अगुवाई विवेक तन्खा, दिग्विजय सिंह, पीपी विल्सन समेत 55 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में न्यायाधीश शेखर ने विवादित भाषण दिया था।

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लोकसभा में संविधान पर 2 दिवसीय विशेष बहस आज से

नईदिल्ली,13 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। देश में संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में 2 दिन की विशेष बहस सिर्फ संविधान पर होगी, जो शुक्रवार से शुरू हो रही है।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष संविधान पर बहस कराने की मांग कर रहा था, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया था।विपक्ष से बातचीत के बाद सरकार 13 और 14 दिसंबर को लोकसभा में, 16 और 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर बहस के लिए तैयार हुई है।

सरकार की ओर से लोकसभा में बहस की शुरूआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा में बहस की शुरूआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर सकते हैं।

विपक्ष की ओर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहले संविधान पर चर्चा करने वाले थे, लेकिन विपक्षी नेताओं ने रणनीति में बदलाव करते हुए वायनाड से पहली बार सांसद प्रियंका गांधी को मौका देने को कहा है।यह प्रियंका का लोकसभा में पहला भाषण होगा।

संविधान पर बहस के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव की आशंका दिख रही है। विपक्ष जहां अडाणी रिश्वतखोरी मामला, मणिपुर और संभल हिंसा पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

सत्ता पक्ष कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस से जुड़े मामले पर विपक्ष को घेरेगा। इससे सदन में हंगामा होने के आसार हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर 2 दिवसीय बहस का जवाब देंगे।

संविधान पर बहस से पहले भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति बनाने के लिए बैठक की है। भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बैठक की, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, शाह और राजनाथ शामिल हुए।

इससे पहले शाह ने अपने संसद स्थित कार्यालय में नड्डा, पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी।कांग्रेस ने भी अपने मुख्यालय में मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल के नेतृत्व में बैठक की।

लोकसभा और राज्यसभा में गौतम अडाणी के रिश्वतखोरी मामले को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है। इसके अलावा मणिपुर और संभल हिंसा पर भी विपक्ष केंद्र सरकार पर हावी है।हंगामे के कारण पिछले 13 दिनों से दोनों सदन स्थगित हो रहे हैं।

विपक्ष के हंगामे के बाद सत्ता पक्ष ने जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी के मुद्दे पर विपक्ष को घेरना शुरू कर दिया है।इस बीच, विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।

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दिल्ली की महिलाओं को चुनाव बाद हर महीने मिलेंगे 2,100 रुपये

अरविंद केजरीवाल का ऐलान 

नईदिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए आम आदमी पार्टी (्र्रक्क) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को जरूरी ऐलान किया।उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने महिला सम्मान निधि योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे हर महिला के बैंक खाते में हर महीने 1,000-1,000 रुपये आएंगे।उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो यह राशि बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति महीना कर दी जाएगी।

महिला सम्मान कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने कहा, “आज मैं दिल्ली की महिलाओं के लिए 2 बड़ी घोषणाएं करने आया हूं। मैंने वादा किया था कि मैं हर महिला को 1,000 रुपए दूंगा। आज सुबह आतिशी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। चुनावों की घोषणा के कारण अभी खाते में पैसे नहीं आएंगे। महंगाई के कारण 1,000 रुपए पर्याप्त नहीं होंगे। इसलिए 2,100 रुपए के लिए कल से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे।”

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पत्नी को गुजारा भत्ता देना पति के लिए सजा नहीं होना चाहिए

सर्वोच्च अदालत का बड़ा फैसला

नईदिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. अतुल के सुसाइड के कारण कानून प्रक्रियाओं और न्यायालयों पर भी सवाल उठने लगे हैं. इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट ने फिर से दोहराया कि वैवाहिक विवाद में पति द्वारा पत्नी को दिए जाने वाला गुजारा भत्ता पति के लिए सजा जैसा नहीं होना चाहिए.

अदालतों को ध्यान देना होगा कि पत्नी सही ढंग से जीवन जी सकें लेकिन पति की आर्थिक स्थिति सहित अन्य बातों को भी ध्यान में रखना होगा.

जस्टिस विक्रम नाथ और प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने अपने फैसले में देश की सभी अदालतों को सलाह दी कि वे 2020 में आए ‘रजनेश बनाम नेहा’ फैसले के अनुसार ही काम करें. रजनेश बनाम नेहा केस में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदु मल्होत्रा और सुभाष रेड्डी की बेंच ने गुजारा भत्ता देने के निर्देश देते वक्त आठ बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अपने नए फैसले में उन निर्देशों को शामिल किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ता तय करते वक्त कोर्ट को पहले इन आठ बिंदुओं पर विचार जरुर करना चाहिए.

1.पति और पत्नी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसे है

2.पत्नी और बच्चों के भविष्य की जुड़ी बुनियादी जरूरतें

3.पति-पत्नी की शैक्षणिक योग्यता और रोजगार क्या है

4.दोनों के आय के साधन और संपत्ति कितनी है

5.ससुराल में रहते वक्त पत्नी का जीवन स्तर कैसा था

6.क्या पत्नी ने परिवार का ध्यान रखने के लिए नौकरी छोड़ी थी

7.पत्नी की अगर कोई कमाई नहीं है तो कानूनी लड़ाई लडऩे के लिए उसका उचित खर्च कौन देगा

8.गुजारा भत्ता से पति की आर्थिक स्थिति, आमदनी और दूसरी जिम्मेदारियों पर पडऩे वाला असर क्या होगा

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि गुजारा भत्ता का फैसला सुनाते हुए इन आठ बातों का ध्यान देना चाहिए. लेकिन ये कोई स्थायी फॉर्मूला नहीं है. केस के तथ्यों के आधार पर कोर्ट आदेश दे सकते हैं. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि गुजारे भत्ता का प्रावधान पत्नी और बच्चों की उचित जरुरतों को पूरा करने के लिए होता है. गुजारा भत्ता पति को सजा देने के लिए हरगिज नहीं है.

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गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में लहराया सोनिया गांधी और सोरोस का पोस्टर

पूछा- रिश्ता क्या कहलाता है?

नई दिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस सत्र की शुरुआत से सदन में सोरोस समेत कई मुद्दों को लेकर हंगामे का दौर देखने को मिल रहा है। भाजपा ने गुरुवार को सोरोस मुद्दे को लेकर संसद में प्रोटेस्ट शुरू किया है।

भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में सोनिया गांधी और सोरेस का पोस्टर लहराया है। जिस पर लिखा है सोरेस से रिश्ता क्या है सोनिया गांधी जवाब दें। दूसरे पोस्टर पर लिखा है रिश्ता क्या कहलाता है?

इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बातचीत की। एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी जवाब दें जॉर्ज सोरोस से क्या संबंध है? जॉर्ज सोरोस वो ही है, जो भारत को तोडऩे के लिए देश के खिलाफ बिलियन के बिलियन डॉलर खर्च कर रहा है। इसलिए सोनिया गांधी जवाब दें। मेरे यही कहना है।

भाजपा ने बीते सोमवार को राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसी अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। सोरोस हमेशा से कॉन्सपिरेसी थ्योरीज के केंद्र में रहे हैं।

बता दें कि भाजपा का दावा है कि सोरोस और कुछ अमेरिकी एजेंसियां, राहुल गांधी के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे एक खतरनाक त्रिकोण का हिस्सा हैं। भाजपा का दावा है कि सोनिया और राहुल गांधी के सोरोस से संबंध हैं। सोरोस के संगठन ने जम्मू-कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के विचार का समर्थन किया है। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों का खंडन किया है।

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एक देश एक चुनाव को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

इस हफ्ते संसद में पेश होगा

नईदिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को मंजूरी दे दी गई है।अब सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को संसद में रखा जाएगा। संभावना है कि इसे 20 दिसंबर से पहले इसी हफ्ते संसद के शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा।बता दें कि संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को ही समाप्त हो रहा है।

एक देश एक चुनाव को केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद में पेश कर चर्चा कराना चाहती है। इससे पहले वह सभी राजनीतिक दलों की पूर्ण सहमति चाहती है, जिसके लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाएगा। जेपीसी में पूर्ण रूप से सहमति मिलने के बाद इसे राज्यों की विधानसभाओं से भी पास कराना होगा, जिसके लिए 50 प्रतिशत राज्यों का समर्थन चाहिए होगा।अडाणी और मणिपुर मामले पर हंगामे के बीच सरकार इसे पेश कर सकती है।

एक देश एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन होना है, उसमें अनुच्छेद 327 में संशोधन कर एक देश एक चुनाव को शामिल किया जाएगा, ऐसे में बिल को राज्यों से पास करवाना भी बहुत आवश्यक है।केंद्र सरकार इसके लिए सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों को बुद्धिजीवियों, विशेषज्ञों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए कहेगी।आम जनता से भी सुझाव मांगे जाएंगे। विधेयक से फायदे-नुकसान पर चर्चा होगी।

एक देश एक चुनाव के अंतर्गत विधानसभा-लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। इसके तहत चुनाव 2 चरणों में करवाए जा सकते हैं।अगर राज्य सरकार बीच में गिरती है तो दूसरी बार में अन्य राज्यों के साथ उस राज्य के दोबारा चुनाव हो सकेंगे। देश में 2029 में एक साथ चुनाव हो सकते हैं।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में समिति ने 18,626 पन्नों की रिपोर्ट 191 दिन में तैयार कर मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा था।

समिति ने रिपोर्ट में जो सुझाव दिए हैं, उसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव को पहले चरण में एक साथ कराने की बात कही गई है।दोनों चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के अंदर स्थानीय निकाय और पंचायती चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।समिति ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश में चुनाव को लेकर होने वाले खर्च और अन्य चीजों में कमी आएगी।

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इंजन सीई20 क्रायोजेनिक ने सफलतापूर्वक टेस्ट पास कर लिया है

इसरो को एक महत्वपूर्ण मिली बड़ी सफलता

सीई20 क्रायोजेनिक इंजन का दिखेगा अब जलवा,टेस्ट में हुआ पास

नईदिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। इसरो को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बहुप्रतिक्षित रॉकेट इंजन सीई20 क्रायोजेनिक ने सफलतापूर्वक टेस्ट पास कर लिया है। अब जल्द ही इस इंजन से देश के भविष्य के मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान लिया जाएगा।

इसरो ने 29 नवंबर 2024 को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में 100 के नोजल क्षेत्र रेशियो वाले अपने सीई20 क्रायोजेनिक इंजन का समुद्र तल पर हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है।

इस टेस्ट के दौरान इंजन रिस्टार्ट करने की क्षमता के लिए जरूरी मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का प्रदर्शन भी किया गया।

समुद्र तल पर सीई20 इंजन का टेस्ट करना काफी चुनौतियों भरा रहता है, मुख्य रूप से हाई प्रेशर रेशियो नोजल के कारण जिसमें लगभग 50 द्वड्ढड्डह्म् का एग्जिट प्रेशर होता है।

समुद्र तल पर टेस्ट के दौरान बड़ी चिंता नोजल के अंदर बह रही पृथक्करण है, जो प्रवाह पृथक्करण तल पर गंभीर कंपन और थर्मल प्रॉब्लम्स की ओर ले जाता है जिससे नोजल को संभावित मैकेनिकल नुकसान हो सकता है।

इस समस्या को कम करने के लिए, सीई20 इंजन के लिए फ्लाइट टेस्ट वर्तमान में हाई-एल्टिट्यूड टेस्ट सुविधा में किए जा रहे हैं, जिससे एक्सेटेंस टेस्टिंग प्रक्रिया में कठिनाईयां बढ़ जाती है।

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राज्यसभा के चेयरमैन को चेयरलीडर कहा गया,कांग्रेस पर बरसे जेपी नड्डा

कांग्रेस पर बरसे जेपी नड्डा

पूछा- सोनिया का सोरोस से क्या है संबंध

नई दिल्ली,12 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। संसद में आज भी जोरदार हंगामा हुआ। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष को संसदीय परंपरराओं पर कोई भरोसा नहीं है।

सरकार ने कांग्रेस पर राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ का अपमान करने का आरोप लगाया। जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे सभापति पर अपमानजनक टिप्पणी की है। सदन के चेयरमैन को चेयरलीडर कहा गया है।

जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि जॉर्ज सोरोस का सोनिया गांधी से क्या संबंध है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन का अपमान किया गया है। हम हम निंदा प्रस्ताव लाएंगे। नड्डा ने कहा कि देश की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। देश को भटकाने का जो प्रयास किया जा रहा है। उसे देश माफ नहीं करेगा।

जेपी नड्डा के आरोप का जवाब देते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार सदन को चलाना नहीं चाहती। खरगे ने कहा कि बीजेपी असली मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। खरगे सदन में बोल ही रहे थे तभी हंगामे के कारण सभापति धनखड़ ने राज्यसभा को स्थगित कर दिया।

सदन स्थगित होने के बाद संसद परिसर में जेपी नड्डा ने कहा कि सभापति के फैसले पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राज्यसभा सभापति पर आरोप लगाए, ये निंदनीय है। ये दुर्भाग्यपूर्ण  और हास्यास्पद है। सदन में बोलने का मल्लिकार्जुन खरगे को पूरा मौका दिया गया

लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्हें चैंबर में भी कई बार बुलाया गया लेकिन वे नहीं गए। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सदन में सहयोग करना नहीं चाहती। वे अराजकता लाने का प्रयास करते हैं।

वहीं, दोपहर से पहले के सत्र के दौरान सूचीबद्ध कागजात और रिपोर्टें सदन में रखे जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने दिन के निर्धारित कामकाज को स्थगित करने और नोटिस में उल्लिखित मामलों को उठाने के छह नोटिसों को खारिज कर दिया।

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