कपड़ों को महकाने के लिए धोते समय करें इन चीजों का इस्तेमाल

11.04.2022- कपड़ों को महकाने के लिए धोते समय करें इन चीजों का इस्तेमाल. आमतौर पर देखा जाता हैं कि कपड़ों से खुशबु आए इसके लिए लोग परफ्य़ूम का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। जो कुछ देर तक ही टिकता हैं और इसके बाद कपड़ों से पसीने की बदबू आने लगती हैं। ऐसे में आप चाहे तो कपड़ों को धोते वक्त ही कुछ ऐसा काम कर सकते हैं कि इनमें एक खुशबु बस जाए जो लंबे समय तक इनको महकाने का काम करें। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें कपड़े धोते समय ही इस्तेमाल किया जाता हैं ताकि धुलाई के बाद भी कपड़ों की महक बनी रहे।

तो आइये जानते हैं इन चीजों के बारे में..फ़ैब्रिक सॉफ़्टनरकपड़ों को ख़ुशबू से महकाने के लिए फ़ैब्रिक सॉफ़्टनर का इस्तेमाल भी एक बढिय़ा उपाय है। इसके लिए अगर आप वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रहे हैं तो रिंस के दौरान 1 बड़ा चम्मच फ़ैब्रिक सॉफ़्टनर डालें। अगर आप हाथ से कपड़े धो रहे हैं तो कपड़ों को धोने के बाद खंगालें। बाल्टीभर पानी में आधा बड़ा चम्मच फ़ैब्रिक सॉफ़्टनर मिलाएं और इसमें धोए हुए कपड़ों को 15 मिनट के लिए भिगोकर रखें। फिर कपड़ों को निचोड़कर सुखाएं।बेकिंग सोड़ाकई बार डिटर्जेंट से कपड़े धोने के बाद भी उनमें से बदबू नहीं जाती। ऐसे में आप कपड़ों को धोने के लिए डिटर्जेंट के साथ पानी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा मिला दें।

ऐसा करने से आपके कपड़ों से आने वाली बदबू दूर हो जाएगी और ये महकने लगेंगे।ख़ुशबूदार डिटर्जेंटकपड़ों को सुगंधित बनाने का सबसे आसान तरीक़ा है ख़ुशबूदार डिटर्जेंट। जी हां, बाज़ार में उपलब्ध भीनी ख़ुशबू वाले डिटर्जेंट का चुनाव कर आप अपने कपड़ों को महका सकते हैं। इसके लिए कपड़ों को धोने से पहले बाल्टीभर पानी लें। अब कपड़े के हिसाब से ख़ुशबूदार डिटर्जेंट डालें और आधे घंटे बाद कपड़ों को धोएं। इसे कपड़े ख़ुशबू से महकेंगेनींबू का रसनमी होने की वजह से कई बार गीले कपड़ों में से बदबू आनी शुरू हो जाती है।

ऐसे में यदि आप कपड़े धोते समय नींबू के रस का इस्तेमाल करेंगे, तो कपड़ों में से बदबू की जगह खुशबु आएगी।विनेगरअगर आप कपड़ों को महकाने के लिए घरेलू उपाय की खोज में हैं तो समझें अब आपकी खोज ख़त्म हो गई है। जी बिल्कुल, आपके किचन में उपलब्ध विनेगर से भी आप अपने कपड़ों को सुगंधित बना सकते हैं। इसके लिए कपड़ों को धोने से पहले गुनगुने पानी में विनेगर सहित कपड़ों को भिगोएं, जैसे बाल्टीभर गुनगुने पानी में आधा कप विनेगर मिलाकर और उसमें कपड़ों को आधे घंटे के लिए भिगोकर रख दें।

लैवेंडर वॉटरधोते समय कपड़ों को ख़ुशबूदार बनाने के लिए आप लैवेंडर वॉटर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रहे हैं तो रिंस के दौरान मशीन में 1 बड़ा चम्मच लैवेंडर वॉटर डालें। इसी तरह हाथ से कपड़े धोते समय कपड़ों को खंगालने के बाद बाल्टीभर पानी में 1 बड़ा चम्मच लैवेंडर वॉटर मिलाएं और कपड़ों को 15 मिनट के लिए उसमें भिगोएं। इससे कपड़ों से भीनी ख़ुशबू आएगी। (एजेंसी)

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लैपटॉप की सफाई बिना किसी परेशानी के इन तरीकों से करें

11.04.2022 –  लैपटॉप की सफाई बिना किसी परेशानी के इन तरीकों से करें. वर्तमान समय में सभी अपना काम लैपटॉप की मदद से कर रहे हैं और कोरोना काल के दौरान तो इसका चलन और भी बढ़ गया हैं। वर्क फ्रॉम होम हो या पढ़ाई सभी लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस तरह आप दूसरी सभी चीजों की सफाई करते हैं उसी तरह लैपटॉप को भी साफ़ करने की जरूरत पड़ती हैं। अन्यथा इसमें धूल के कण चिपक जाते हैं जो नमी बढ़ाते हैं और लैपटॉप के अंदरूनी पार्ट्स को खराब कर देते हैं। जिससे कभी-कभी इसकी ऑपरेटिंग में भी प्रॉब्लम आने लगती है। ऐसे में जरूरत होती हैं कि समय-समय पर इसकी सफाई की जाए।

आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जो लैपटॉप की सफाई को आसान बनाने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में…स्क्रीन को ना करें पानी से साफकुछ लोग स्क्रीन को पानी लगे हुए कपड़े से वाइप करते हैं जबकि ऐसा करना आपके लैपटॉप की स्क्रीन को डैमेज कर सकता है। अगर आप लैपटॉप की स्क्रीन को अच्छी तरह से साफ करना चाहते हैं तो मार्केट में कई तरह के लैपटॉप क्लीनिंग स्प्रे मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल स्क्रीन को साफ करने में किया जा सकता है इससे किसी भी तरह का डैमेज नहीं होता है साथ ही साथ यह बहुत ही किफायती भी होते हैं।

माइक्रोफाइबर क्लॉथ का करें इस्तेमालअगर आप अपने लैपटॉप को साफ करने के लिए माइक्रोफाइबर क्लॉथ नहीं इस्तेमाल करते हैं और इसकी जगह पर कपड़ा इस्तेमाल करते हैं तो ऐसा करना बंद कर दीजिए क्योंकि नॉरमल कपड़ा आपके लैपटॉप पर स्क्रैच डाल सकता है ऐसे में आप हमेशा इस बात को सुनिश्चित करें कि लैपटॉप पर सिर्फ माइक्रोफाइबर क्लॉथ से ही सफाई करें। कपड़े को फोल्ड करके हल्के हाथ से लैपटॉप के सरफेस और स्क्रीन की डस्ट को साफ़ करें। इसको साफ़ करते वक़्त दूसरे हाथ से स्क्रीन को अच्छे से पकड़ लें ताकि स्क्रीन आगे-पीछे मूव न करे। स्क्रीन को पोंछते समय इस पर बिल्कुल भी दवाब न डालें और न ही इस पर लगे धब्बों को खुरचने की कोशिश करें। इससे स्क्रीन को नुक़सान हो सकता है। स्क्रीन की सफ़ाई के लिए किसी भी ग्लास क्लीनर के इस्तेमाल से बचें।

आप इसके लिए प्यूरिफाइड वॉटर का यूज़ करें। आप चाहें तो इसकी सफ़ाई के लिए स्क्रीन-क्लीनिंग किट खरीद सकते हैं। जो विशेष रूप से लैपटॉप और कम्प्यूटर स्क्रीन की सफ़ाई के लिए बनी होती है।कीबोर्ड के लिए पतले ब्रश करें इस्तेमालबहुत सारे लोग अपने लैपटॉप के कीबोर्ड को साफ नहीं करते हैं क्योंकि यहां पर ज्यादा जगह नहीं होती है ऐसे में इसे कपड़े से साफ करना मुमकिन नहीं है इस समस्या का समाधान यह है कि आप इसके लिए पतले ब्रश का इस्तेमाल करें जिनसे कीबोर्ड के बीच में फंसी हुई गंदगी आसानी से साफ हो जाती है और इसमें कुछ मिनटों का ही समय लगता है।की-बॉर्ड की सफ़ाई इसको साफ़ करने के लिए आप सबसे पहले लैपटॉप को हाथों में लेकर उल्टा करके धीरे-धीरे हिलाते हुए की-बोर्ड में फंसी गन्दगी को झाड़ कर बाहर करें।

इस समय स्क्रीन को खुला रखें। इस प्रक्रिया में स्क्रीन गन्दी हो सकती है जिसको आप बाद में पोंछ कर साफ़ कर सकती हैं। अगर आपके पास हैंड वैक्यूम है तो आप कंप्रेस्ड एयर की मदद से इसमें जमी धूल को हटा सकती हैं। ध्यान रखें कि एयर का प्रेशर लौ रहे। इसके बाद कॉटन या माइक्रो फाइबर क्लॉथ को प्यूरिफाइड वाटर में गीला कर लें। आप पानी की बजाय रबिंग एल्कॉहल का यूज़ कर सकती हैं। कपड़े को गीला कर लैपटॉप की और की के बीच वाले पार्ट को साफ़ करें। ध्यान रखें कपड़ा स्कीज़ किया हुआ क्योंकि थोड़ा बहुत पानी भी आपके लैपटॉप की-बॉर्ड के स्मूथ फंक्शन को बेकार कर सकता है। पोर्ट को करें ब्लोअर से साफलैपटॉप के चार्जिंग पोर्ट या फिर यूएसबी पोर्ट की सफाई करने के लिए ना तो आप ब्रश का इस्तेमाल करें और ना ही माइक्रोफाइबर क्लॉथ का क्योंकि इससे कोर्ट में किसी तरह की दिक्कत आ सकती है ऐसे में इन्हें साफ करने के लिए ब्लोअर का इस्तेमाल किया जा सकता है जो मार्केट में कम कीमत में उपलब्ध है।

लैपटॉप केस की सफ़ाई एक बाउल में प्यूरिफाइड वाटर लें और उसमे कुछ बूदें डिश वॉश की मिला लें। एक स्पंज को इसमें भिगोकर अच्छे से निचोड़कर स्पंज की मदद से लैपटॉप केस को चारों तरफ से साफ़ करें। इसके साइड में मौजूद चाजिऱ्ंग और माउस कनेक्ट पोर्ट को साफ़ करने के लिए ईयरबड का इस्तेमाल करें। इसकी मदद से उसके अंदर मौज़ूद डस्ट को साफ़ करें। लास्ट में माइक्रोफाइबर क्लॉथ की मदद से पूरे लैपटॉप को दोबारा से साफ़ कर दें। (एजेंसी)

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मोबाइल की स्क्रीन इन तरीकों से करें साफ़,काम होगा आसान

09.04.2022 – मोबाइल की स्क्रीन इन तरीकों से करें साफ़,काम होगा आसान. कोरोनोवायरस फैलने से दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। संक्रमित व्यक्ति से कोरोनावायरस आसानी से फैल सकता है।वायरस के एक से दूसरे में फैलने के लिए स्वच्छता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। हैंडवाशिंग या हैंड सैनिटाइटर जैसे सरल कदम संक्रमण से लडऩे में आपकी मदद कर सकते हैं। आपके हाथ दिन भर में कई सतहों को छूते हैं। अगर आप किसी भी सतह को छूते हैं जिसमें संक्रमित बूंदें हैं, तो यह आपके शरीर के अंदर वायरस को प्रवेश करना आसान बना सकता है।

हैंडवाशिंग या हैंड सैनिटाइटर का उपयोग करने से आपको उस वायरस को मारने में मदद मिल सकती है जो आपके हाथों पर हो सकता है।आपका मोबाइल फ़ोन दिन भर में कई घंटों के लिए आपके हाथों में ही रहता है। इससे संक्रमण का खतरा अधिक होता है। किसी भी सतह को छूने के बाद अपना मोबाइल फोन पकडऩा, जिसमें कोई भी वायरस हो, इससे वायरस फोन पर आ सकता है। वायरस के इस ट्रासफॉर्मेशन को रोकने के लिए, आपको अपने मोबाइल फोन को बार-बार कीटाणुरहित करना होगा।

आइये जानें कैसे-माइक्रोफाइबर कपड़े का यूजस्मार्टफोन या टैब की टचस्क्रीन को साफ करने के लिए हमेशा माइक्रोफाइबर कपड़े का ही इस्तेमाल करें। यह काफी सॉफ्ट होता है और इससे स्क्रीन पर स्क्रैच नहीं आती। जब आप अपने मोबाइल पर स्क्रीन गार्ड लगवाते है तो दुकानदार से माइक्रोफाइबर कपड़ा लेना न भूले। चश्मे को साफ करने में भी इसी तरह के कपड़े का यूज किया जाता है। इसमें साधारण कपड़े के मुकाबले काफी मुलायम रेशे होते हैं। बाजार में यह अलग से भी मिल जाता है।गोलाकार करें सफाईजब आप स्क्रीन की सफाई कर रहे हो तो याद रखे कि कपड़े को स्क्रीन पर नीचे से ऊपर या ऊपर से नीचे की तरफ साफ न करें।

ऐसा करने से स्क्रीन में नमी जाने का खतरा बना रहता है। कपड़े को स्क्रीन के ऊपर गोल-गोल घुमाकर साफ करें तो अच्छा होगा।इयर बडइयर बड वैसे तो इन्हें हम कान साफ करने के लिए यूज़ करते हैं लेकिन जैसा की मैने आपको बताया हेडफोन जैक और यूएसबी पोर्ट जैसी जगह कपड़े से नहीं साफ की जा सकतीं इनके लिए इयरबड सबसे अच्छाक तरीका है जिसकी मदद से फोन के पोर्ट आसानी से साफ किए जा सकते हैं।

की पैड है तो क्या करेंअगर आपके फोन में की पैड और बटन हैं तो रबिंग एल्कोहहल में क्यू -टिप डुबोकर बटनों के बीच के स्थाहन को साफ करें। ध्योन रहे बहुत आराम से साफ करें। और इस बात का ध्याोन रखें कि लिक्विड फोन के अंदर न जाए।एंटीवायरल वाइपएक एंटीवायरल वाइप का उपयोग करें या स्क्रीन पर और अपने फोन पर सैनिटाइजर की कुछ बूंदें डालें और जल्दी रगड़ें।

वैकल्पिक रूप से साफ करने के लिए एक कपड़ा अपनो पास रखें। कपड़ा से फोन साफ करने के लिए कपड़े को पानी और साबुन के घोल से गीला करके आप फोन को पोंछ सकते हैं। ध्यान रखें की फोन को इस्तेमाल करने से पहले आप उसकी सफाई कर लें। (एजेंसी)

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नमक सब्जी में ज्यादा है तो इस परेशानी को 5 तरीकों से करे दूर

09.04.2022 – नमक सब्जी में ज्यादा है तो इस परेशानी को 5 तरीकों से करें दूर.  नमक भोजन का स्वाद बढ़ाने क काम करता हैं। सब्जी ने नमक कम हो तो इसका स्वाद फीका लगने लगता हैं। हांलाकि नमक ऊपर से भी डाला जा सकता हैं और स्वाद को संतुलित किया जा सकता हैं। लेकिन परेशानी तब उत्पन्न होती हैं जब सब्जी में नामाक ज्यादा हो जाता हैं जिसे खाने में भी परेशानी होती हैं। आपके साथ भी ऐसा कई बार हुआ होगा कि अनजाने में सब्जी में नमक ज्यादा हो गया हो। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से सब्जी में पड़े ज्यादा नमक को कम किया जा सकता हैं।

तो आइये जानते हैं इनके बारे में।आटा करें इस्तेमालसब्ज़ी में नमक ज्यादा होने पर इसको कम करने के लिए आप गूंथे हुए आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप आटे की गोलियां बना कर सब्ज़ी में डाल दें और इनको कुछ देर सब्ज़ी में पड़ा रहने दें। फिर इनको सब्ज़ी से निकाल कर बाहर कर दें। इससे सब्ज़ी में नमक कम हो जायेगा। ये तरीका ग्रेवी वाली सब्ज़ी और दाल का नमक कम करने के काम आएगा।

ब्रेड इस्तेमाल करेंसब्ज़ी और दाल में नमक ज्यादा हो जाने पर इसको कम करने के लिए आप ब्रेड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए आप ब्रेड के एक-दो पीस सब्ज़ी और दाल में डालकर इनको एक मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर इनको हटा दें। इससे नमक भी कम हो जायेगा और स्वाद भी बढ़ जायेगा।भुना बेसन इस्तेमाल करेंसब्ज़ी में नमक ज्यादा होने पर आप भुना हुआ बेसन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए आप बेसन को भून कर सब्जी या दाल में मिक्स कर दें। इससे सब्ज़ी में नमक कम हो जायेगा। ये तरीका आप ग्रेवी और सूखी दोनों तरह की सब्जियों में इस्तेमाल कर सकते हैं।नींबू इस्तेमाल करेंनमक कम करने के लिए आप नींबू की मदद भी ले सकते हैं। इसके लिए आप नींबू का रस निकाल कर सब्ज़ी या दाल में मिला दें। इससे नमक भी कम हो जायेगा साथ ही स्वाद भी खराब नहीं होगा।उबला आलू इस्तेमाल करेंउबले हुए आलू को भी आप सब्ज़ी या दाल में नमक कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए आप चाहें तो उबले आलू को छीलकर दो-तीन बड़े टुकड़ों में तोड़कर सब्ज़ी और दाल में डाल दें। पांच मिनट तक इनको ऐसे ही पड़ा रहने दें फिर निकाल कर अलग कर दें। अगर आप चाहें तो आलू को मैश करके भी सब्ज़ी में मिक्स कर सकते हैं। इससे नमक भी कम हो जायेगा और गाढ़ापन भी आ जायेगा। (एजेंसी)

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कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती

06.04.2022 – कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती. हर इंसान अपनी मेहनत के पैसे से अपनी पसंद की गाड़ी खरीदता हैं और चाहता हैं कि वह हमेशा नई जैसी चमचमाती हुई रहे। इसके लिए वह अपनी गाड़ी की हमेशा साफाई करता रहता हैं। लेकिन कई बार ऐसे रास्ते पर निकलना पड़ता हैं जहां गाड़ी की हालत ज्यादा खराब हो जाती हैं। ऐसे में लोग सर्विसिंग करवाने से कतराते हैं जो महंगा पड़ जाता हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप आसानी से बिना खर्चे के ही गाड़ी की अच्छे से सफाई कर सकते हैं और इसके बाद गाड़ी नई जैसी चमचमाती दिखने लगेगी। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…कैरोसीन से कीचड़ और जंग से हो सुरक्षा, चमक भी रहे बरकरारएक कप कैरोसीन को तीन गैलन पानी के साथ बाल्टी में डालें और इस मिश्रण में स्पंज भिगोकर कार की सफाई करें। इससे पहले आपको कार पानी से भिगोना या साफ करना जरुरी नहीं है। कैरोसीन के सॉल्यूशन से गाड़ी साफ करने पर बारिश में कीचड़ या जंग लगने से गाड़ी खराब नहीं होगी।

हेयर कंडीशनरअपनी कार को धोते समय हेयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें। आप पाएंगे, कि कार बिल्कुल ऐसी चमक उठेगी, जैसे कि नए-नए में उसका वैक्स लुक दिखता है। इतना ही नहीं, उसकी सतह पर पानी भी नहीं टिकेगा यानि कि रिपल रेन सर्फेस।सॉफ्ट ड्रिंक से हटाएं गंदगीजब कभी लंबी दूरी में गाड़ी इस्तेमाल होती है तो उसकी विंड शील्ड्स को साफ करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही गाड़ी पर डस्ट के कारण लकीरें धारियां और दाग-धब्बे आ जाते है। इसे साफ करने के लिए आसान तरीका है कि इन पर सॉफ्ट ड्रिंक कोला डाल दिया जाए। ?सा करते समय बस ये ध्यान रखें, कि हुड प्वाइंट को सुरक्षित रखने के लिए विंड शील्ड के नीचे एक मोटा कपड़ा या तौलिया लगा दें। कोला में उठनेवाले बुलबुलों से जमी हुई डस्ट या मिट्टी की पर्त साफ हो जाएगी।

बस अंत में कोला डालने के बाद उसे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें अन्यथा बाद में उसकी चिपचिपाहट से गाड़ी पर फिर डस्ट या गंदगी चिपक सकती है।अपनी गाड़ी की हेडलाइट्स की पॉलिश के लिए विंडो क्लीनर का इस्तेमाल करें और पुराने लेकिन नरम मोजे से थोड़ा रगड़कर साफ करें। फिर देखिए, हेडलाइट्स कैसे चमक उठेंगी। आप चाहें, तो हेडलाइट्स या गाड़ी के शीशे चमकाने में बेबी वाइप्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।बेकिंग-सोडाकार क्लीनर-एक गैलन साइज का बर्तन लेकर उसमें एक चौथाई तक बेकिंग-सोडा डालें, इसमें एक चौथाई कप डिशवाशिंग लिक्विड और बर्तन को पूरा ऊपर तक पानी से भर लें।

एक प्लास्टिक की बोतल में इस मिश्रण को डालें और अच्छी तरह मिला लें। जब भी कार को धोना हो, इस बोतल को हिलाएं और इसमें से मिश्रण 1 कप निकालें और 2 गैलन पानी के स्तर वाली बाल्टी में निकाल लें। अब इस बाल्टी को ऊपर तक हल्के गर्म पानी से भर लें और पानी को अच्छी तरह हिला लें। आपकी गाड़ी की सफाई के लिए घर का सस्ता और अच्छी क्लीनिंग सॉल्यूशन तैयार है।

वोदका से कांच की सफाई जब आपके विंडशील्ड वाशर रेसर्वेयर में लिक्विड खत्म हो जाता है, तो आप इसे वोदका यानि शराब से खुद ही बना सकते है। एक ढक्कन वाले जग में 4 कप पानी और 2 चम्मच तरल डिटर्जेंट के साथ 3 कप वोदका (जो सबसे सस्ती आपको मिल जाए) को मिला ले। जग को बंद कर उसे अच्छी तरह हिला लें और ज़रूरत के हिसाब से रेसर्वेयर में भर लें। (एजेंसी)

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सफेद रंग के कपड़ों की चमक बनाए रखना चाहते हैं..!

04.04.2022 – सफेद रंग के कपड़ों को कई लोग जिन्हें पहनना बहुत पसंद होता हैं क्योंकि इनकी चमक आपके लुक को प्रभावित करती हैं। सफेद रंग के कपड़े लाइट महसूस कराने के साथ ही प्रेजेंटेबल लुक भी देते हैं। लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते तो हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता रहती हैं इनपर दाग लगने और चमक खोने की। देखा जाता हैं कि समय के साथ सफेद रंग के कपड़ों की चमक कहीं खो जाती हैं। ऐसे में आपको इसे धोते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत हैं ताकि इनकी चमक बनी रहे।

तो आइये जानते हैं कुछ तरीकों के बारे में कि कैसे आप अपने कपड़ों को सफेद और चमकदार बना सकती हैं।रंगीन कपड़ों के साथ न करें वॉश अमूमन घरों में वॉशिंग मशीन (वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के टिप्स) में जब कपड़े धुलते हैं तो हर तरह के कपड़े को एक साथ मशीन में डाल दिया जाता है।

रंगीन कपड़े धुलते वक्त थोड़ा बहुत रंग जरूर छोड़ते हैं, ऐसे में अगर मशीन के अंदर सफेद रंग के कपड़े भी मौजूद हैं तो उनमें वह रंग लग सकता है। इसलिए सफेद रंग के कपड़ों को हमेशा अलग से वॉश करें। अगर आप वॉशिंग मशीन में सफेद रंग के कपड़ों को वॉश कर रही हैं तो यूज किए हुए डिटर्जेंट के घोल से न धोएं। यूज्ड डिटर्जेंट में मौजूद गंदगी से भी सफेद रंग के कपड़े खराब हो जाते हैं। नील का उपयोग करेंयह गंदे व दाग वाले सफेद कपड़ों में एक नीले रंग का स्पर्श प्रदान करता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि पीला और नीला रंग एक दूसरे के पूरक हैं। जिस कारण नील, सफेद रंग के कपड़ों से पीले रंग के दाग या धब्बों को खत्म करने में मदद करता है और कपड़ों को एक बार फिर चमकदार सफेद और नया जैसा बनाता है। इसे सीधे कपड़ों पर न डालें, इसका इस्तेमाल पानी में मिला कर या फिर वॉशिंग मशीन में डिटर्जेंट के साथ मिलाकर ही उपयोग करें।कपड़े पर लगे दाग को ज्यादा न रगड़ें अगर सफेद रंग के कपड़े पर कोई दाग लगा है तो उसे नेचुरली हटाने की कोशिश करें। दाग वाली जगह को ज्यादा रगड़ें नहीं।

इससे दाग बेशक हल्का हो जाएगा मगर, कपड़े को ज्यादा रगडऩे से उसके धागे कमजोर हो जाएंगे, जिससे वह जल्दी फट भी सकता है। इतना ही नहीं दाग (कपड़े में लगे दाग हटाने के टिप्स) को ज्यादा रगडऩे से वह और भी फैलने लगता है। आप नींबू या विनेगर की मदद से सफेद रंग के कपड़ों पर लगे दाग को नेचुरली हटा सकती हैं।ब्लीच का इस्तेमाल सिर्फ कॉटन के कपड़ों में करेंक्लोरीन ब्लीच कुछ कपड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी वजह से सफेद कपड़ों में पीले व हल्के ग्रे रंग का दाग पड़ सकता है।

आप ब्लीच का उपयोग कपास पर सुरक्षित रूप से कर सकते हैं, लेकिन अन्य कपड़ों के लिए इसका उपयोग करने से बचें।फैब्रिक व्हाइटनर का कम करें इस्तेमाल बाजार में सफेद रंग के कपड़ों के लिए बहुत सारे फैब्रिक व्हाइटनर आते हैं। इनमें से कुछ ब्लू कलर के होते हैं। अक्सर कपड़ों में ज्यादा सफेदी लाने की कोशिश में लोग ज्यादा फैब्रिक व्हाइटनर का यूज करने लगते हैं। ऐसे में सफेद रंग के कपड़ों पर नीला रंग डॉमिनेट करने लगता है और सफेदी की जगह उनमें नीलापन झलकने लगता है । फैब्रिक व्हाइटनर को 2-3 ड्रॉप से ज्यादा कभी यूज न करें। ज्यादा डिटर्जेंट का न करें यूज सफेद रंग के कपड़ों को बहुत ज्यादा डिटर्जेंट में वॉश न करें।

इससे उनकी चमक खत्म हो जाती है और उनमें पीलापन आने लगता है। यदि आपके सफेद रंग के कपड़ों में पीलापन आ रहा है तो आप पानी में विनेगर की कुछ बूंदें डालें और उसमें सफेद रंग के कपड़े 30 मिनट के लिए डुबो कर रख दें। ऐसा करने से कपड़ा साफ भी हो जाता है और उसकी चमक भी बरकरार रहती है। तेज धूप में कपड़े को सुखाने से बचें आमतौर पर सभी लोग कपड़ों को वॉश करने के बाद धूप में सुखाते हैं।

ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है मगर, ज्यादा देर तक कपड़ों को तेज धूप में सूखने के लिए मत छोड़ें। इससे उनका रंग और चमक दोनों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आप तेज धूप में सफेद रंग के कपड़ों को सूखने के लिए छोड़ देती हैं तो वह बहुत जल्दी पीले पड़ सकते हैं। कपड़ों को हल्की धूप या फिर छांव में ही सुखाएं। (एजेंसी)

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नॉन स्टिक पैन का इस तरह से करें सही इस्तेमाल,चलेंगे सालोंसाल

04.04.2022 – नॉन स्टिक पैन आजकल घरों में इस्तेमाल बहुत होता हैं जो कि किचन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका हैं। इसमें खाना पकाना इतना आसान और हेल्दी होता है। नॉन-स्टिक सतह आपके भोजन को बर्तन से चिपकाने के जोखिम को कम करती है। दरअसल नॉन स्टिक पैन की ऊपरी सतह पर एक खास कोटिंग की जाती है जिसकी वजह से कुकिंग के दौरान खाना चिपकता नहीं है। अगर यह कोटिंग खराब हो जाती हैं तो पैन व्यर्थ हो जाता हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी जानकर नॉन स्टिक पैन का इस्तेमाल किया जाए तो ये सालोंसाल चलेंगे।

तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…थोड़े से तेल का इस्तेमालभले ही यह एक नॉन-स्टिक पैन है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस पर थोड़े से तेल का उपयोग करना चाहिए। लेकिन इसे करने का सही तरीका क्या है? अगर आप यह जानना चाहती हैं तो हम आपको बता दें कि थोड़ा सा तेल लेकर स्पैटुला का उपयोग करके इसे बर्तन पर फैला दें। एक पेपर टॉवल का इस्तेमाल करके तेल को पोंछ लें और खाना बनाना शुरू करें।पहली बार साबुन के पानी से धोएंजब आप पहली बार कोई नॉन-स्टिक कुकवेयर घर पर लाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसे आपको सबसे पहले साबुन और गर्म पानी से साफ करना होगा ताकि इसमें मौजूद सारी गंदगी या अवशेष साफ हो जाएं।

इसके लिए एक सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करके इसे रगड़ें और फिर साफ करें। इसे पूरी तरह से सूखने दें और फिर यह उपयोग के लिए तैयार है।वेजिटेबल स्टिर फ्राईदरअसल स्टिर फ्राई वेजिटेबल एक ऐसी डिश है जिसे हाई फ्लेम पर बनाया जाता है और कैरेमलाइज करना होता है लेकिन आपको बता दें कि नॉन स्टिक पैन हाई फ्लेम की हीट को कम कर देता है। जबकि नॉन स्टिक पैन में ज्यादा हाई हीट नहीं देनी चाहिए। इससे उनकी कोटिंग पर असर पड़ता है और खाने में टॉक्सिक तत्व घुलने लगते हैं।मेटल चम्मच के इस्तेमाल से बचें अगर आप चाहती हैं कि आपके नॉन-स्टिक बर्तन लंबे समय तक चलें तो खाना पकाने के लिए कभी भी मेटल के चम्मच या चाकू का इस्तेमाल करने से बचें।

ये नुकीली चीजें बर्तन से नॉन-स्टिक कोटिंग को हटा सकती हैं। आप प्लास्टिक, लकड़ी या सिलिकॉन से बने खाना पकाने के चम्मच का इस्तेमाल कर सकती हैं।अगर ज्यादा देर पकाना होअगर नॉन स्टिक पैन में बहुत देर तक हीट दी जाए तो इसकी कोटिंग पिघलने लगेगी और इससे निकलने वाला धुंआ खाने को टॉक्सिक यानी विषैला कर देता है जो हेल्थ के लिए बुरा होता है। दरअसल 500 डिग्री फारेनहाइट पर इसकी कोटिंग पिघलने लगती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि खाने के बर्तन को कभी भी डायरेक्ट हीट ना दें।स्लो कुकिंग में ना करें यूज़स्लो कुकिंग के लिए भी नॉन स्किट पैन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

अगर आप सॉस, सूप, मीट, खीर या कोई भी डिश जिसे कम आंच पर बहुत देर तक पकाया जाता है और ये नीचे चिपकने लगते हैं तो ऐसी चीजो को भी नॉन स्टिक पैन में नहीं पकाना चाहिए। इससे आपके पैन की कोटिंग खराब होती है और ये सेहत के लिए भी नुकसानदेह होता है।हमेशा इसे पूरी तरह से ठंडा होने देंक्या आपको खाना बनाने के तुरंत बाद अपने कुकवेयर को पानी में रखने की आदत है? तो अपनी इस आदत को पूरी तरह से बदल लें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि बर्तन पूरी तरह से ठंडा हो और फिर आप इसे पानी में साफ करने के लिए डालें क्योंकि तापमान में यह भारी बदलाव नॉन-स्टिक कोटिंग को नुकसान पहुंचा सकता है।

सही तरीके से साफ करेंअपने नॉन-स्टिक कुकवेयर को साफ करने के लिए हमेशा सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करें। अगर बर्तन पर कोई धब्बे या अवशेष हैं तो इसे साफ करने के लिए बेकिंग सोडा और पानी के मिश्रण का उपयोग करें। अंत में, वेजिटेबल ऑयल में डूबे हुए कागज के साथ साफ करें।इन चीजों में करें नॉन स्टिक पैन का इस्तेमालऑमलेट, फिश, चिकेन, नूडल्स आदि को आप नॉन स्टिक पैन में आसानी से पका सकते हैं। ये सभी डिशेज काफी जल्दी बनती हैं और इन्हे अधिक देर तक पकाने की जरूरत नहीं होती। दरअसल, नॉन स्टिक पैन में मिक्स करने, टॉस करने और पलटने में समस्या नहीं आती, इसलिए मिक्स वेज, चीले, ऑमलेट जैसी चीज़ों को इस पर बहुत अच्छी तरह बनाया जा सकता है। (एजेंसी)

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प्राणायाम ओवरथिंकिंग से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं

27.03.20252 – प्राणायाम आपके दिमाग को शांत करते हुए इस समस्या से उभार सकते हैं। अमूमन यह देखने में आता है कि जिन लोगों को अपनी जिंदगी से ढेरों शिकायतें होती हैं, वे हमेशा एक अजीब सा दबाव महसूस करते हैं और हर समय कुछ न कुछ सोचते रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे ओवर थिंकिंग की चपेट में आ जाते हैं।

अगर आप भी बेवजह की बातों में उलझे रहते हैं तो कुछ प्राणायाम आपके दिमाग को शांत करते हुए इस समस्या से उभार सकते हैं। आइए आज उन्हीं प्राणायामों के अभ्यास का तरीका जानें। नाड़ी शोधन प्राणायामनाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें, फिर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें।

अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें। उज्जायी प्राणायामउज्जायी प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और अपनी जीभ को ऊपर तालु से टच करते हुए मुंह के अंदर की ओर मोड़ लें।

इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और गले से आवाज निकालते हुए सामान्य रूप से सांस लें, फिर धीरे-धीरे सांस को गहरा कर लें। ऐसा 10-20 मिनट तक करने के बाद धीरे-धीरे अपनी दोनों आंखों को खोलें और सामान्य हो जाएं। कपालभाति प्राणायामकपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें।

कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें। शीतकारी प्राणायामसबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब जीभ को ऊपर की ओर रोल करें और इससे ऊपरी तालु को छुएं। इसके बाद दांतों को एक साथ मिलाएं और होठों को अलग रखें ताकि दांत दिखें। फिर धीरे से लंबी सांस लें।

इस दौरान मुंह से हिस की आवाज उत्पन्न होगी। इसके बाद अपने होंठों को आपस में मिलाकर नाक से सांस को धीरे से छोड़े। इस प्रक्रिया को लगभग 20-25 बार दोहराएं। (एजेंसी)

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सिरका गार्डन की कई समस्याओं को दूर कर सकता है

27.03.2022 – सिरका का इस्तेमाल तरह-तरह के व्यंजन बनाने से लेकर घर की सफाई करने के लिए करते आए होंगे, लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि सिरका आपके गार्डन के लिए भी बेहद काम का है। दरअसल, सिरका गार्डन से कीड़े-मकोड़े दूर करने से लेकर गार्डनिंग टूल्स को आसानी से साफ करने में आपकी मदद कर सकता है।

आइए जानते हैं कि आप गार्डन में किस-किस तरह सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं।गार्डन से दूर होगें कीड़े-मकोड़ेअगर आपके गार्डन में कीड़े-मकोड़ों ने तहलका मचा रखा है तो उन्हें हमेशा के लिए गार्डन से दूर रखने में सिरका आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके लिए एक बर्तन में आधा कप सिरका और एक मग पानी डालकर उन्हें अच्छे से मिलाएं और एक घोल तैयार कर लें।

अब इस घोल को एक स्प्रे बोतल में डालकर इससे अपने गार्डन में छिड़काव करें। इस घोल की महक से कीड़े-मकोड़े कुछ ही दिनों में भाग जाएंगे। बतौर कीटनाशक करें इस्तेमालअगर आप अपने गार्डन को फफूंद से बचाना चाहते हैं तो आपको अपने गार्डन में समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करना होगा। दरअसल, फफूंद से गार्डन के फल और फूल को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

वहीं, फफूंद वाले गार्डन की चीजों के सेवन से आप कई शारीरिक समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में कीटनाशक का छिड़काव बेहद जरूरी है। इसके लिए आवश्यकतानुसार पानी में एक कप सिरका मिलाकर गार्डन में छिड़कें। जंगली घास हटाने में है सहायकअगर आपके गार्डन में पौधों के आस-पास बड़ी मात्रा में जंगली घास उग आई है तो इसे हटाने के लिए भी आप सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए जंगली घास की जड़ों पर थोड़ा सिरका डालकर छोड़ दें। एक से दो दिन में ये घास अपने आप मुरझा जाएगी। इसके बाद आप इस घास को गार्डन से हटा सकते हैं। वहीं, सिरके के इस्तेमाल से उस जगह पर दोबारा जंगली घास नहीं उगेगी। गार्डनिंग टूल्स और गमलों का रखें ख्यालअगर आप यह चाहते हैं कि आपके गार्डनिंग टूल्स और गमले जल्दी खराब न हो तो आप इन्हे सुरक्षित रखने के लिए सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए सबसे पहले एक मुलायम कपड़े पर थोड़ा सिरका लगाएं, फिर उसे अपने गार्डनिंग टूल्स और पौधों के गमलों पर रगड़ें। इसके बाद इन चीजों को गर्म पानी से धोकर साफ सूखे कपड़े से पोंछे। इससे ये चीजें एकदम नई जैसी लगने लगेगी। (एजेंसी)

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गर्मियों में हो जाती है डिहाइड्रेशन की समस्या बचने के लिए..

25.03.2022 – गर्मियों के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। यह तब होता है जब हमारा शरीर तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखने में असमर्थ होता है।

इसके कारण ना सिर्फ किडनी, गुर्दे व शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचता है बल्कि यह चक्कर आना, कमजोरी का कारण भी बन सकता है। वैसे तो डिहाइड्रेशन से बचने के लिए हर किसी को रोजाना 3 लीटर पानी पीना चाहिए लेकिन आप डाइट में कुछ फूड्स लेकर भी बॉडी को हाइड्रेट कर सकते हैं।

इन फूड्स से करें बॉडी को हाइड्रेट…केलाकेले का सेवन दिन में एक या दो बार किया जा सकता है क्योंकि ये निर्जलीकरण के दौरान खोए हुए पोटेशियम को वापस पाने में मदद करता है।छाछ1 कप छाछ में सोंठ मिलाकर दिन में कम से कम 3 से 4 बार इसका सेवन करें। इससे ना सिर्फ बॉडी हाइड्रेट रहेगी बल्कि आप बीमारियों से भी बचे रहेंगे।

नारियल पानीदिन में 1 नारियल पानी का सेवन भी बॉडी को हाइड्रेट करता है। वहीं, इसमें सोडियम और पोटैशियम होता है, जो आपको सेहतमंद रखने में फायदेमंद है।दहीदही डिहाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। दिन में एक बार इसका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।फल और सब्जियांबॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए अपनी डाइट में पानी से भरपूर फूड्स शामिल करें।

इसके लिए आप संतरा, पालक, सलाद पत्ता, पपीता, खीरा खा सकते हैं।तरबूजगर्मियों में खाए जाने वाले तरबूज में 99त्न पानी होता है। आप इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। इसके अलावा तरबूज की स्मूदी, फ्रूट सलाद भी गर्मियों के लिए परफेक्ट ऑप्शन है।आइसबर्ग लेट्यूसइसमें 95 प्रतिशत पानी होता है और गर्मियों के सलाद के लिए एक अच्छा हाइड्रेटिंग बेस होता है। इसमें फाइबर, विटामिन के और फोलेट भी भरपूर मात्रा में होता है। (एजेंसी)

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व्यायाम हर रोज करना,स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है

25.03.2022 -व्यायाम के हम सभी जानते हैं  कि बहुत सारे लाभ हैं, जिन्हें किसी के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। यह याददाश्त में सुधार करता है, बीमारियों से बचाता है और तनाव को कम करता है। वास्तव में, विशेषज्ञों के अनुसार, यह कई प्रकार की बीमारियों का मूल समाधान है।

हालांकि लोग अच्छी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए व्यायाम के लाभों से परिचित हैं, लेकिन कई लोग यौन स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व से अवगत हैं।शरीर के वजन को प्रबंधित करने के अलावा, व्यायाम स्वस्थ रक्त प्रवाह को बनाए रखता है, भावनात्मक स्वास्थ्य को मजबूत करता है, और नियमित व्यायाम यौन-बढ़ाने वाले मानसिक और शारीरिक लाभों की एक श्रृंखला प्रदान करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक नए अध्ययन से पता चला है कि 43त्न महिलाओं और 31त्न पुरुषों को मोटापे और व्यायाम की कमी के कारण यौन रोग का सामना करना पड़ा।इसलिए, नियमित व्यायाम में योगदान देकर कई सकारात्मक सेक्स संबंधी लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

तो, यहां कुछ पहलू दिए गए हैं जिनमें दैनिक व्यायाम आपके यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।रक्त परिसंचरण को बढ़ावा दें : व्यायाम के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है और पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो जाता है। यह आपको रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल आदि को कम करने में मदद करता है। नतीजतन, यौन अंगों में स्वस्थ रक्त प्रवाह द्वारा एक व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है, जो संभोग यौन अनुभव को बढ़ाता है।

शरीर की छवि में सुधार : यौन रूप से सक्रिय होना अक्सर एक सकारात्मक शरीर की छवि को निर्देशित कर सकता है जो एक महान कारक हो सकता है क्योंकि कथित आकर्षण की भावनाएं यौन संतुष्टि से संबंधित होती हैं। व्यायाम करने से आप अपने वांछित शरीर के आकार में होंगे, जिसके परिणामस्वरूप आप और आपके साथी में एक मजबूत सेक्स ड्राइव होगी।

तनाव को कम करें :हम जानते हैं कि शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन का उत्पादन करती है जिसे हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। ये दर्द को रोकने और आनंद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए, यदि आप अधिक खुश हैं, तो यह आपकी सेक्स ड्राइव को प्रभावित करेगा।

संक्षेप में कहें तो तनाव से निपटने के दौरान व्यायाम से आपकी सेक्स लाइफ भी बेहतर होगी।यौन रोग को कम करें.नियमित रूप से व्यायाम करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन रोग को कम किया जा सकता है। बेहतर हृदय स्वास्थ्य, सहनशक्ति और लंबी उम्र आपको और आपके साथी को अत्यधिक संतुष्टि दे सकती है। (एजेंसी)

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तरबूज के सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती

24.03.2022 –  तरबूज गर्मी में मिलना लाजमी है और इसे खाने से कई बड़े-बड़े फायदे भी होते हैं। जी दरअसल इस फल में सबसे ज्यादा पानी होता है और भीषण गर्मी के मौसम में इस फल के सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। आप सभी को बता दें कि तरबूज में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें पानी के साथ ही फाइबर, आयरन, कई तरह के विटामिंस, मैग्नीशियम, पोटैशियम, लाइकोपीन आदि मौजूद होते हैं।

जी हाँ और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को तरबूज खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। केवल यही नहीं बल्कि प्रेग्नेंट महिलाओं को भी गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं जैसे मॉर्निंग सिकनेस , डिहाइड्रेशन, एसिडिटी, सीने में जलन जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। अब आज हम आपको बताते हैं गर्भावस्था में तरबूज का सेवन और क्या है इसके लाभ। प्रेग्नेंसी में तरबूज खाने के फायदे-* एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्सर गर्भावस्था में महिलाओं को सीने में जलन, गैस जैसी डाइजेस्टिव समस्याएं होती हैं।

ऐसे में तरबूज खाने से पेट के साथ ही फूड पाइप को भी आराम मिलता है। क्योंकि तरबूज में मौजूद कूलिंग प्रॉपर्टीज जलन, गैस को शांत करता है।* अगर हाथ-पैरों में सूजन की समस्या रहती है, तो तरबूज का सेवन करें। प्रेग्नेंसी के दौरान सूजन की समस्या बहुत कॉमन होती है। * अक्सर गर्भावस्था की पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस, थकान से महिलाएं परेशान रहती हैं। ऐसे में अगर आप सुबह के समय तरबूज खाती हैं, तो तरोताजा और हल्का महसूस करेंगी।* प्रेग्नेंसी में डिहाइड्रेशन की समस्या बिल्कुल भी ठीक नहीं है। जी दरअसल इस दौरान आपके शरीर में पर्याप्त पानी की मात्रा होनी चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु को कोई समस्या ना हो। ऐसे में आप तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी खा सकती हैं। * प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं को स्किन संबंधित समस्याएं जैसे मुंहासे, पिग्मेंटेशन, झाइयां हो जाती हैं।

ऐसे में तरबूज खाए क्योंकि इसमें फाइबर होता है जिससे पेट साफ होता है, कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसी के साथ मुंहासे, पिग्मेंटेशन, झाइयां भी नहीं होती। (एजेंसी)

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दूध इन लोगों को भूल से भी नहीं पीना चाहिए

24.03.2022 – दूध पीना सभी को पसंद होता है और यह सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जी दरअसल यह कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, डी, ई आदि पोषक तत्वों से भरपूर होता है, और यह हड्डियों, दांतों को मजबूत बनाने का काम करता है। कहते हैं बच्चों से लेकर बजुर्गों तक को प्रतिदिन एक गिलास दूध का सेवन जरूर करना चाहिए।

हालाँकि आयुर्वेद के अनुसार, कुछ शारीरिक समस्याएं होने पर दूध पीना सही नहीं माना गया है। अब आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।किन लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए-जी दरअसल सार्थक आयुर्वेदालय एवं पंचकर्मा केंद्र (मथुरा) के पंचकर्मा विशेषज्ञ और

आयुर्वेदाचार्य डॉ। अंकुर अग्रवाल कहते हैं कि जिन लोगों को कफ वाली खांसी, सर्दी-जुकाम, त्वचा संबंधित समस्या, खुजली, वजन बढ़ रहा हो, नाक, कान और गले में खुजली की समस्या से परेशान हों, ऐसे लोगों को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। जी दरअसल इन समस्याओं से ग्रस्त लोग सिर्फ गर्मी में रात में सोते समय दूध पी सकते हैं बाकी मौसम में रात के समय दूध से परहेज करना चाहिए। वहीं अगर आपको सूखी खांसी हो, तो आप दूध पी सकते हैं, लेकिन खांसने पर बलगम आए तो दूध नहीं पीना चाहिए।

वहीं देर रात भोजन करना और सोने से पहले दूध पी लेना सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इससे शिरो गत रोग हो सकता है।दूध पीने का सही समय क्या है-खाना खाते ही कुछ देर बाद बिना भूख लगे ही दूध पीने से बचें, क्योंकि इससे दूध सही से नहीं पचेगा। इसके अलावा कभी भी भोजन करने के साथ-साथ दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। (एजेंसी)

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30 की उम्र के बाद इन चीजों के सेवन से बना लें दूरी

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए स्वास्थ्य का खास ध्यान देना जरूरी है। इस दौरान डाइट का खास ध्यान रखें क्योंकि एक उम्र के बाद खान-पान की कुछ चीजें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए आज हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बताते हैं, जिनका सेवन 30 की उम्र के बाद करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

पैकेज्ड सूप

अगर आपकी उम्र 30 के पार हो चुकी है और आप हल्की-फुल्की भूख मिटाने के लिए पैकेज्ड सूप का सेवन कर लेते हैं तो आज से ही इनका सेवन करना बंद कर दें। दरअसल, पैकेज्ड सूप में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में पहुंचकर इसे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक आदि बीमारियों का घर बना सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में पैकेज्ड सूप की बजाय होममेड सूप को ही शामिल करें।

ज्यादा मीठे पेय पदार्थ

कई लोग फ्लेवर्ड सोडा पानी, स्पोर्टस ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे मीठे पेय पदार्थों का सेवन करना काफी पसंद करते हैं, लेकिन अगर आप 30 साल के हो गए हैं तो इन पेय पदार्थों का सेवन करना बंद कर दें। दरअसल, इन पेय पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है और इनमें शुगर की मात्रा भी अधिक होती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकती है।

रिफाइंड कार्ब्स

अगर आपकी उम्र 30 साल से ज्यादा है तो आपको रिफाइंड कार्ब्स से युक्त चीजों के सेवन से दूरी बना लेनी चाहिए क्योंकि रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान खाद्य पदार्थों में से सभी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। रिफाइंड कार्ब्स से भरपूर भोजन एक उच्च ग्लाइसेमिक आहार होता है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है, जिसके कारण न सिर्फ मधुमेह बल्कि याददाशत में कमी और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है।

अधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थ

अध्ययनों पर गौर फरमाया जाए तो अत्याधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी 30 की उम्र के बाद करना सही नहीं है क्योंकि यह लीवर को कमजोर कर सकता है। दरअसल, इस तरह के खाद्य पदार्थ शरीर में पहुंचकर शरीर की तंत्रिकाओं और कोशिकाओं में सूजन पैदा करते है जिसकी वजह से लीवर कमजोर होने लगता है। इसके अलावा, ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से वजन बढऩे की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
अगर आपकी उम्र 30 साल से अधिक है तो आपकी डाइट में जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ और होममेड पेय पदार्थ शामिल होने चाहिए ताकि शरीर में टॉक्सिन का स्तर कम रहे। टॉक्सिन का स्तर कम रहने से बीमारियों का खतरा नहीं रहता। (एजेंसी)

स्किन केयर रूटीन के दौरान इस क्रम में लगाएं प्रोडक्ट्स, मिलेगा पूरा फायदा

एक बेहतरीन स्किन केयर रूटीन के लिए सिर्फ अच्छे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना ही काफी नहीं है। अगर आप स्किन केयर प्रोडक्ट्स को सही समय और सही क्रम में अप्लाई करती हैं, तभी आपको उनका पूरा फायदा मिलता है। हालांकि, समस्या यह है कि कई लोगों को इसके सही क्रम के बारे में पता ही नहीं है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में एक हैं तो चलिए आज आपको स्किन केयर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने का सही क्रम बताते हैं।

सबसे पहले क्लींजर, फिर टोनर का करें इस्तेमाल

क्लींजर : सबसे पहले अपने चेहरे को साफ करने के लिए किसी ऐसे क्लींजर का इस्तेमाल करें जो आपकी त्वचा के प्रकार के हिसाब से अच्छा हो। उदाहरण के लिए तैलीय त्वचा के लिए एक्सफोलिएटिंग फेसवॉश का इस्तेमाल करें, लेकिन अगर आपकी त्वचा रूखी या संवेदनशील है तो सल्फेट मुक्त माइल्ड क्लींनर का चयन करें। टोनर: क्लींजर के बाद हाइड्रेटिंग टोनर का इस्तेमाल करें। टोनर त्वचा को हाइड्रेट करके अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने का काम करता है।

फेस सीरम हैं जरूरी और स्पॉट ट्रीटमेंट से हटेंगे दाग-धब्बे

सीरम : टोनर के बाद चेहरे पर सीरम लगाएं क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं, जो त्वचा को हर तरह के नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। बेहतर होगा कि आप विटामिन-ष्ट युक्त फेस सीरम का इस्तेमाल करें। स्पॉट ट्रीटमेंट: अगर आपके चेहरे पर किसी तरह के दाग-धब्बे हैं तो आप उन्हें हटाने के लिए सीरम के बाद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। हालांकि, अगर आपके चेहरे पर कोई दाग-धब्बे हैं तो आप इस स्टेप को छोड़ दें।

आंखों की देखभाल के लिए आई क्रीम लगाएं और चेहरे को मॉइश्चराइज करना न भूलें

आई क्रीम : आंखों के आस-पास की त्वचा काफी पतली और नाजुक होती है, इसलिए यहां जल्द झुर्रियां और फाइन लाइन्स उभरने लगती हैं। इस परिस्थिति में आंखों की देखभाल के लिए विटामिन- सी युक्त आई क्रीम का इस्तेमाल करें। मॉइश्चराइजर: मॉइश्चराइजिंग त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान करती है। आप चाहें तो त्वचा को मॉइश्चराइज करने के लिए केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की बजाय जैतून का तेल और नारियल का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

रेटिनॉल से मिलेगा स्मूद चेहरा और फेस ऑयल से चेहरे पर आएगी चमक

रेटिनॉल : अगर आप समय से पहले झलकने वाले बढ़ती उम्र के प्रभाव, मुंहासों और दाग-धब्बे आदि से परेशान हैं तो अपने स्किन केयर रूटीन में रेटिनॉल से युक्त क्रीम या सीरम को जरूर शामिल करें। यह आपके चेहरे को एकदम स्मूद और ग्लोइंग बना देगा। फेस ऑयल: फेस ऑयल के इस्तेमाल से चेहरे को भरपूर नमी के साथ ही कई तरह के पोषक तत्व मिल सकते हैं, जिसके कारण चेहरा स्वस्थ और चमकदार नजर आता है।

सनस्क्रीन के बिना अधूरा है स्किन केयर रूटीन

मौसम भले ही कोई भी हो, रोजाना सीमित मात्रा में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी है। बेहतर होगा कि आप अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। दरअसल, सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ झुर्रियों, पिगमेंटेंशन और असमान रंगत को भी दूर करती है। हालांकि, अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि कौन सी सनस्क्रीन लगानी चाहिए तो हाइड्रेटिंग और प्राकृतिक सामग्रियों से युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

गेहूं के आटे की शुद्धता जांचने के लिए अपनाएं ये तरीके

पहले कई महिलाएं खुद ही गेंहू को पीसकर आटा बनाती थीं, जो शुद्ध होता था और इसे लंबे समय तक स्टोर भी किया जा सकता था। हालांकि, आजकल लोग इतनी मेहनत नहीं करते और बाजार से गेंहू का आटा खरीद लाते हैं जिसका रंग अलग होता है और इसे लंबे समय तक स्टोर भी नहीं किया जा सकता। ये मिलावटी भी हो सकता है। चलिए आज आपको गेंहू के आटे की शुद्धता पता लगाने के कुछ तरीके बताते हैं।

पानी आएगा काम

पानी के इस्तेमाल से गेहूं के आटे की शुद्धता चेक की जा सकती है। इसके लिए आपको बस इतना करना है कि सबसे पहले एक गिलास में पानी भर लें, फिर इसमें एक चम्मच गेंहू का आटा डालकर छोड़ दें। इसके बाद अगर आपको गेंहू का आटा पानी में तैरता मिले तो समझ जाइए कि मिलावट है। दरअसल, ऐसा तब होता है, जब आटे में चोकर की मात्रा कम और मिलावट सामग्री की मात्रा अधिक होती है।

नींबू का रस करेगा मदद

आप चाहें तो गेहूं के आटे की शुद्धता का पता लगाने के लिए नींबू के रस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक कटोरी में एक चम्मच आटा डालकर इसके ऊपर नींबू के रस की कुछ बूंदें डालें, फिर चार से पांच मिनट के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें। समय पूरा होने के बाद अगर आटे में बुलबुले उठने लगें तो समझ जाइए कि इसमें किसी न किसी चीज की मिलावट जरूर है।

हाइड्रोक्लोरिक एसिड सॉल्यूशन आएगा काम

गेहूं का आटा शुद्ध है या नहीं, इसका पता आप हाइड्रोक्लोरिक एसिड सॉल्यूशन की मदद से लगा सकते हैं। इसके लिए एक टेस्ट ट्यूब में एक चम्मच आटा और हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तीन से चार बूंदें डालें, फिर इस मिश्रण में एक हल्दी पेपर की स्ट्रिप को डुबोकर निकाल लें। अगर स्ट्रिप के रंग में कोई बदलाव नहीं आया तो समझ जाइए कि आटा शुद्ध है, लेकिन अगर स्ट्रिप लाल रंग की हो जाती है तो आटे में मिलावट है।

अपनी उंगलियों की मदद से लगाएं पता

गेहूं के आटे में किसी तरह की मिलावट है या नहीं, इसका पता आप अपनी उंगलियों से भी लगा सकते हैं। इसके लिए बस थोड़े से आटे को अपनी उंगलियों पर अच्छे से रगड़ें। अगर आटे को रगडऩे के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं आए तो समझ जाए कि इसमें मिलावट नहीं है, लेकिन अगर यह इक_ा हो जाता है तो इसमें किसी चीज की मिलावट हो सकती है।

मुंहासों की समस्या से राहत दिलाने में कारगर हैं ये खाद्य पदार्थ

मुंहासें रहित त्वचा पाने के लिए लोग स्किन केयर प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट पर न जाने कितने रूपये यूं ही खर्च कर देते हैं, लेकिन आप चाहें तो डाइट में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके इस समस्या से जल्द राहत पा सकते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं, जिनका सेवन प्राकृतिक रूप से त्वचा के अतिरिक्त सीबम के उत्पादन को नियंत्रित करके मुंहासों से छुटकारा दिला सकता है।

कैरोटीनॉयड से भरपूर खाद्य पदार्थ

कैरोटीनॉयड एक ऐसा पोषक तत्व है, जो एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज से युक्त होता है, इसलिए इससे भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन मुंहासों से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। बता दें कि गाजर, पालक, केल, वेजिटेबल सूप, आम, पपीता, टमाटर और शकरकंद कैरोटेनॉयड्स के समृद्ध स्रोत हैं। वहीं, इन खाद्य पदार्थों में जिंक की भी अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है, जो त्वचा के अतिरिक्त सीबम को नियंत्रित करने में मदद करता है।

नींबू

नींबू का सेवन भी मुंहासों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि यह विटामिन- सी से समृद्ध होता है। वहीं, विटामिन- सी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती है। इस गतिविधि की वजह से विटामिन- सी मुंहासों से बचाने में मदद क सकता है। इसके अतिरिक्त, यह मुंहासों के कारण होने वाले घाव को भरने और हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकने में भी सहायता प्रदान कर सकता है। इसलिए डाइट में नींबू को जरूर शामिल करें।

सूखे मेवे

अगर आपकी त्वचा पर मुंहासें होते रहते हैं तो आपके लिए अपनी डाइट में बादाम और अखरोट जैसे सूखे मेवे शामिल करना फायदेमंद हो सकते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि सूखे मेवे एंटी-ऑक्सिडेंट गुण युक्त होते हैं, जो मुंहासों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, सूखे मेवे सेलेनियम, विटामिन- ई, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन युक्त होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए आवश्यक हैं।

सालमन मछली और मैकेरल मछली

सालमन, मैकेरल और सार्डिन जैसी मछलियां ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं। ये दोनों फैटी एसिड हार्मोन टेस्टोस्टेरोन को नियंत्रित कर सकते हैं, जो मुंहासों का कारण माना जाता है। इसके अतिरिक्त, ये फैटी एसिड आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव से बचाने, त्वचा के कैंसर के जोखिम को कम करने और किसी भी तरह के दाग-धब्बों को दूर करने में सहायक हैं। इसलिए डाइट में इन मछिलयों को जरूर शामिल करें।
अगर आपको मुंहासें की समस्या है और आप जंक फूड, एनर्जी ड्रिंक, शराब, दुग्ध उत्पाद, रिफाइंड खाद्य पदार्थ और मसालेदार खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं तो आज से ऐसा करना छोड़ दें क्योंकि ये आपकी समस्या बढ़ा सकते हैं।

भूख न लगने की समस्या से परेशान है

*तो इन घरेलू उपायों को जरूर अपनाएं

सही समय पर भोजन ग्रहण करना बहुत ही जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो यानी संतुलित भोजन का सेवन करना। वहीं, कुछ लोग भूख न लगने से भी परेशान रहते हैं जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पडऩा शुरू हो जाता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप जल्द ही भूख न लगने की समस्या से निजात पा सकते हैं। आइए जानें।

भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाने वाला धनिया भूख बढ़ाने में है मददगार

आधा कप धनिया (पत्तेदार) और आवश्यकतानुसार पानी। इस्तेमाल करने का तरीका: सबसे पहले मिक्सी में धनिए की पत्तियां और पानी डाल लें, फिर मिश्रण को ग्राइंड करके जूस बना लें। अब इस जूस का खाली पेट सेवन करें। समस्या से जल्द निजात पाने के लिए एक हफ्ते तक रोज सुबह इस जूस का सेवन करें। फायदा: धनिए की पत्तियां एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती हैं, जो पाचन क्रिया में सुधार कर भूख को बढ़ाने में सहायक हैं।

अजवाइन के साथ गुनगुने पानी का सेवन

एक चम्मच अजवाइन और एक गिलास गुनगुना पानी। इस्तेमाल करने का तरीका: सबसे पहले हाथ में अजवाइन लें और गुनगुने पानी के साथ उसका सेवन झट से कर लें। समस्या से जल्द निजात पाने के लिए दिन में एक ही बार इस उपाय का इस्तेमाल करें। फायदा: अजवाइन एंटी-फ्लैटुलेंस के रूप में काम करने के अलावा पाचन एंजाइमों के स्राव में भी मदद करता है, जो भूख को उत्तेजित करने का काम करते हैं।

भूख न लगने की समस्या से जल्द निजात दिलाता है मेपल सिरप

आधा कप आर्गेनिक मेपल सिरप, नींबू के रस की पांच-छह बूंदें और पांच कप पानी। इस्तेमाल करने का तरीका: एक पैन में पानी और मेपल सिरप डालकर कुछ मिनट गर्म कर लें। फिर मिश्रण को ठंडा कर उसमें नींबू का रस मिलाएं। अब किसी एयरटाइट कंटेनर में इस मिश्रण को स्टोर कर लें और जरूरत पडऩे पर दो-दो चम्मच पिएं। फायदा: यह उपाय पाचन क्रिया और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर भूख बढ़ाने में मदद करता है।

पाचन स्वास्थ्य को ठीक कर भूख बढ़ाने में कारगर है आंवले के जूस का सेवन

20-30 एमएल आंवले का रस और आधा कप पानी। इस्तेमाल करने का तरीका: आंवला का जूस बाजार में आसानी से मिल जाता है, बस आपको आधे कप पानी में 20-30 एमएल आंवला का रस डालकर उसका सेवन करना है। समस्या से जल्द निजात पाने के लिए एक हफ्ते तक रोज सुबह इस जूस का सेवन करें। फायदा: आंवला विटामिन-सी और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव जैसे गुणों से समृद्ध होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ भूख बढ़ाने में भी मददगार है।  (एजेंसी)

रोजमर्रा के कई कामों को आसान बना सकते हैं फेस प्राइमर से जुड़े ये हैक्स

फेस प्राइमर एक तरह का मेकअप प्रोडक्ट है, जिसकी मदद से मेकअप बेस तैयार किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ यही तक सीमित नहीं है। अगर आपके पास कोई ऐसा फेस प्राइमर है, जो एक्सपायर हो चुका या फिर जिसका आप इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उसे फेंकने के बजाय आप उसका इस्तेमाल विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। आइए आज आपको फेस प्राइमर से जुड़े कुछ अद्भुत हैक्स के बारे में बताते हैं।

मेकअप साफ करने के आए काम

रात को सोने से पहले अगर मेकअप न साफ किया जाए तो इससे त्वचा का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। अगर आपके पास मेकअप रिमूवर नहीं है तो आप मेकअप हटाने के लिए फेस प्राइमर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए मेकअप वाले चेहरे पर थोड़ा सा फेस प्राइमर लगाकर थोड़ी मसाज करें। इसके बाद अपने चेहरे को टिश्यू पेपर से पोंछ लें और अंत में अपना चेहरा पानी से धो लें।

बतौर शेविंग क्रीम करें इस्तेमाल

कई लोग शेविंग क्रीम खत्म होने पर साबुन का इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन इससे त्वचा रूखी लगने लगती है। इस काम के लिए फेस प्राइमर का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे त्वचा मॉइश्चराइज होती है। इसके अलावा, इसकी मदद से ब्लेड से त्वचा के कटने का डर भी नहीं रहता। इसके लिए शेविंग करते समय फेस प्राइमर को अपनी दाढ़ी वाले हिस्से पर लगाएं, फिर रेजर से अनचाहे बालों को साफ करें।

स्टीकर को आसानी से निकालें

अगर किसी नए बर्तन या किसी अन्य चीज पर लगे स्टीकर को निकालना काफी मुश्किल हो रहा है तो आप इस काम को आसान बनाने के लिए फेस प्राइमर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले स्टीकर वाली जगह पर थोड़ा फेस प्राइमर लगाकर उसे कुछ मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। ऐसा करने से स्टीकर्स की पकड़ कमजोर हो जाएगी, फिर आप चुटकियों में इस स्टीकर को निकाल सकेंगे।

उंगली में फंसी हुई अंगूठी को आसानी से निकालें

अगर कोई अंगूठी उंगली में फंस जाती है तो हम उसे बाहर निकालने के चक्कर में जबरदस्ती से खींचते हैं, जिसके कारण उंगली में चोट लग जाती है। हालांकि, अब आपको ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है क्योंकि फेस प्राइमर की मदद से आप यह काम बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए बस अपनी अंगूठी वाली उंगली पर थोड़ा फेस प्राइमर लगाएं, फिर अंगूठी को निकालें। यकीनन इससे झट से अंगूठी निकल जाएगी।
बता दें कि मार्केट में फेस प्राइमर की कीमत 150 रूपये से शुरू होकर 1000 रूपये तक है। हालांकि, फेस प्राइमर का चयन अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही करें क्योंकि गलत प्राइमर कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।  (एजेंसी)

कान की गंदगी निकालने के लिए अपनाये ये घरेल नुस्खे

आज के समय में कान साफ़ करने से कई लोग डरते हैं क्योंकि कान के पर्दे को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में कई बार लोगों को कान साफ़ करने से कई बड़ी परेशानियां हो जाती है लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों से कान की गंदगी साफ़ कर सकते हैं। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप कर सकते हैं और उससे आपका कान साफ़ हो सकता है।

बादाम का तेल- कान का मैल निकालने के लिए बादाम का तेल सबसे पुराने तरीकों में से एक है। जी हाँ और इस इस्तेमाल करने के लिए आप इस तेल को पहले गुनगुना कर लें उसके बाद दो या तीन बूंद बादाम का तेल कान में डालकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दे। इस तेल से कान का मैल मुलायम हो कर आराम से बाहर निकल जाएगा।

सरसों, जैतून और नारियल का तेल- सरसों, जैतून और नारियल का तेल भी बादाम के तेल की तरह कान का मैल निकालने में बेहतरीन है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि बाजार से हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही तेल लाएं और अब आप इनमें से किसी भी तेल में लहसुन की तीन से चार कलियां डालकर गर्म करें, तेल दो चम्मच ही ले। इस लहसुन तेल को थोड़ा सा गुनगुना हो जाने पर कुछ बूंद कान में डालकर रूई से कान बंद कर लें। इससे लाभ होगा।

बेबी ऑयल तेल- कान की गंदगी निकालने के लिए बेबी ऑयल तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने कानों में 3 से 4 बूंदें बेबी ऑयल को डाल कर रूई से बंद कर दें और फिर 5 मिनट बाद रूई को निकाल दें।

सेब का सिरका और हाइड्रोजन पराक्साइड – इसके लिए थोड़ा सा हाइड्रोजन पेरोक्साइड को लेकर पानी में घोलें और इस मिक्सचर को कान में डालें। वहीं उसके बाद इस घोल को कान से बाहर निकाल दें। वैसे इसके अलावा सिरका की मदद से भी कान की सफाई कर सकते हैं। इसके लिए आप थोड़े से सिरके को एक चम्मच पानी में मिला ले और अब इसको कान में डाल दें।

गुनगुना पानी- वैसे आप गुनगुने पानी की मदद से भी कान का मैल साफ कर सकते हैं। इसके लिए पानी को थोड़ा सा गुनगुना कर लें और फिर रूई की सहायता से कान के अंदर डालें। अंत में उलटे होकर मेल बाहर निकाले।

प्याज का रस- इसे इस्तेमाल करने के लिए रूई की मदद से कुछ बूंदे कान के अंदर डालें क्योंकि इससे कान की गंदगी आसानी से बाहर आ जाएगी।

(एजेंसी)

लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम

वयस्कों में सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 एमएमएचजी होता है और इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। बार-बार चक्कर आना या अचानक धुंधला दिखना लो ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं और इससे हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जिन्हें रोजाना करते रहने से लो ब्लड प्रेशर को ठीक किया जा सकता है।

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोडऩे की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें। अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें। इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें, फिर सिर को ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें। कुछ मिनट के बाद प्राणायाम छोड़ दें।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।

(एजेंसी)

ब्लश की बजाय अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, प्राकृतिक तरीके से गाल हो जाएंगे गुलाबी

अमूमन महिलाएं गालों को गुलाबी करने के लिए ब्लश या फिर लिपबाम को लगा लेती हैं, लेकिन ये मेकअप प्रोडक्ट्स केमिकल्स होते हैं, जिससे गालों को नुकसान भी पहुंच सकता है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ करती हैं तो आज से ऐसा करना छोड़ दें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने गालों को प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से गुलाबी कर सकती हैं।

नारियल का तेल लगाएं

नारियल के तेल में हाइड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो गालों को प्राकृतिक तरीके से गुलाबी करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यकतानुसार नारियल के तेल को हथेलियों पर मसलकर अपने चेहरे और गर्दन पर हल्के हाथों से मलते हुए लगाएं। इसके बाद टिश्यू पेपर से चेहरे और गर्दन से अतिरिक्त नारियल तेल को साफ कर दें। अच्छे परिणामस्वरूप हफ्ते में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

चुकंदर आएगा काम

चुकंदर प्राकृतिक रूप से गहरे गुलाबी रंग का होता है, इसलिए इसकी मदद से गालों को गुलाबी किया जा सकता है। इसके लिए एक छोटे कंटेनर में एक चुकंदर (कद्दूकस किया हुआ), एक चम्मच चीनी और एक से दो चम्मच पानी या गुलाबजल डालकर मिलाएं, फिर इस मिश्रण से कुछ देर गालों को स्क्रब करें। इसके बाद चेहरे को पानी से धो लें। इसके अतिरिक्त, गुलाबी गाल पाने के लिए रोजाना एक गिलास चुकंदर का जूस भी पिएं।

गाजर का जूस करेगा मदद

गाजर का जूस विटामिन- सी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होता है, जो शरीर कोई स्वास्थ्य लाभ देने के साथ ही त्वचा को ग्लोइंग और गालो को गुलाबी बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरी में आवश्यकतानुसार गाजर (कद्दूकस की हुई) और थोड़ा शहद मिलाएं, फिर इस मिश्रण को गालों पर हल्के हाथों से मलें। इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। अच्छे परिणामस्वरूप हफ्ते में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

पर्याप्त मात्रा में करें पानी का सेवन

रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन कई तरह के त्वचा संबंधित लाभ दे सकता है। गुलाबी गाल पाने के लिए भी पानी का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं, जब आप फटे और रूखे गालों की समस्या का सामना करें तो ढेर सारा पानी पीना शुरु कर दें क्योंकि डिहाइड्रेशन भी फटे और रूखे गालों का एक कारण हो सकता है। पानी का सेवन डिहाइड्रेशन को दूर करके गालों को खूबसूरत बना सकता है।  (एजेंसी)

बेवजह का गुस्सा बिगाड़ सकता है काम, इन प्राणायामों के अभ्यास से खुद को रखें शांत

अगर आप अपने गुस्से को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और अपने आस-पास की वस्तुओं को तोडऩे या चिल्लाने लगते हैं, तो इससे आप खुद को ही मानसिक और शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं, गुस्सा आपके काम और निजी संबंधों में तनाव पैदा करता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो गुस्से को नियंत्रित करने के साथ आपको शांत रखने में मदद कर सकते हैं।

नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें, फिर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।

उद्गीथ प्राणायाम

सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। (एजेंसी)

बालों के लिए सबसे बेहतरीन है चुकंदर, जानिए इसके फायदे

आजकल बालों का झडऩा लोगों के लिए बहुत आम हो चुका है। यह समस्या महिला हो या पुरुष सभी में नजर आती है। जी हाँ और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें खराब लाइफस्टाइल और वातावरण को होने वाला नुकसान भी शामिल हैं। हालाँकि आप इन सभी से राहत पाने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज हम आपको चुकंदर के रस से बालों के लिए होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे जानकर आपको यकीन नहीं होगा।

ड्राईनेस- ठंड के मौसम में बालों में नमी की कमी हो जाती है और ऐसे में ड्राईनेस का आना आम होता है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए आप चुकंदर के रस को स्कैल्प में लगा सकते हैं। आप सभी को बता दें कि चुकंदर में मौजूद विटामिन ई और ए बालों की ड्राईनेस को दूर करने में कारगर होते हैं। इसके लिए चुकंदर को कद्दूकस करके इसका रस निकालें और स्कैल्प में इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद नहाते समय इसे गुनगुने पानी से रिमूव करें।

डैंड्रफ- बालों में डैंड्रफ के कारण खुजली की समस्या भी होने लगती है और ऐसे में डैंड्रफ से निजात पाने के लिए भी स्कैल्प में चुंकदर का रस लगाना बेस्ट रहते हैं। जी दरअसल इसके लिए चुकंदर के रस को बालों में शैंपू करने से ठीक 15 मिनट पहले लगाएं और फिर नहा लें।
ब्लड सर्कुलेशन करें ठीक- चुकंदर के रस का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, हालाँकि अगर स्कैल्प में इसे नियमित रूप से लगाया जाए, तो ऊपर से भी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है। अगर आप चाहे तो गुनगुने पानी में चुकंदर के रस को मिलाकर इसकी सिर में मालिश करें।

हेयर फॉल- इस समस्या के लिए भी आप चुकंदर के रस की मदद ले सकते हैं। चुकंदर के रस को लगाने से बालों की जड़े मजबूत होती है। जी दरअसल इसमें पोटेशियम भी मौजूद होता है, जो बालों को पतला और कमजोर होने से बचाता है।  (एजेंसी)

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