मुंबई,20 मार्च (आरएनएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक माता-पिता जिंदा हैं, बेटों का संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा। कोर्ट ने एक महिला की याचिका पर यह फैसला दिया है।
दरअसल, एक महिला अपने पति का इलाज कराने के लिए अपनी संपत्ति बेचना चाहती थी, लेकिन उसका बेटा मां को संपत्ति बेचने से रोक रहा था।
इसके बाद उसकी मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सोनिया खान के पक्ष में फैसला दिया। याचिकाकर्ता सोनिया खान ने कहा था कि अपने पति की सभी संपत्ति की वह कानूनी अभिभावक बनना चाहती थी। याचिकाकर्ता का बेटा आसिफ खान उन्हें ऐसा करने से रोक रहा था। वह अपने पिता का फ्लैट बेचने के मां के फैसले के खिलाफ था, इसलिए उसने भी कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी।
कोर्ट ने उसकी इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया।
आसिफ ने कहा था कि अपने पिता की पूरी संपत्ति का वह लीगल गार्जियन है। उसके माता-पिता के दो फ्लैट हैं। एक मां के नाम पर है और दूसरा पिता के नाम पर है। फ्लैट शेयर्ड हाउसहोल्ड की श्रेणी में आता है। ऐसे में फ्लैट पर उसका पूरा-पूरा हक हैजस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि आसिफ यह साबित करने में विफल रहा कि उसने पिता की कभी परवाह की थी।
******************************************************************
गांधी-नेहरू खूंटा तभी कांग्रेस और विकल्प भी!
इंसानियत की कसौटी पर खरे उतरे जितेंद्र शंटी
भारत की गौरवशाली परंपरा को बहाल करने की जरूरत – उपराष्ट्रपति