भारत में अच्छी तरह से विनियमित और निगरानी वाला बैंकिंग क्षेत्र है : आरबीआई गवर्नर

India has well regulated and supervised banking sector RBI Governor

कोच्चि 19 मार्च(एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को देश की बैंकिंग प्रणाली को हरी झंडी दिखाते हुए इस बात पर जोर दिया कि कैसे अमेरिका में हाल की घटनाओं ने बैंकिंग क्षेत्र के नियमन और पर्यवेक्षण की अहमियत को सामने ला दिया है।

उन्होंने केपी हॉरमिस स्मारक व्याख्यान देते हुए कहा- आज हमारे पास भारत में एक अच्छी तरह से विनियमित और अच्छी तरह से पर्यवेक्षित बैंकिंग क्षेत्र है। यह आरबीआई के डोमेन के तहत एनबीएफसी क्षेत्र और अन्य वित्तीय संस्थाओं पर लागू होगा।

होर्मिस केरल मुख्यालय वाले फेडरल बैंक के संस्थापक थे। दास ने बताया कि अब केवल लक्षणों से निपटने के बजाय कमजोरियों के मूल कारण की पहचान करने पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

उन्होंने कहा- हमने वित्तीय संस्थाओं के निरीक्षण और आश्वासन कार्यों पर संशोधित दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। उन्नत डेटा एनालिटिक्स का उपयोग हमारी पर्यवेक्षी प्रक्रिया का पूरक है।

साइबर लचीलापन को मजबूत करने के लिए, डिजिटल भुगतान सुरक्षा नियंत्रण दिशानिर्देशों के साथ बैंकों के लिए एक व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा जारी किया गया है। हमने पर्यवेक्षकों के कॉलेज की भी स्थापना की है और हाल के वर्षों में कर्मचारियों की संख्या में काफी वृद्धि की है।

दास ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में हाल के घटनाक्रमों ने बैंकिंग क्षेत्र के विनियमन और पर्यवेक्षण की महत्वपूर्णता को सामने लाया है।

ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनका हर देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अधिक विशेष रूप से, यूएस में ये विकास विवेकपूर्ण परिसंपत्ति देयता प्रबंधन, मजबूत जोखिम प्रबंधन, और देनदारियों और संपत्तियों में सतत विकास, समय-समय पर तनाव परीक्षण करने, और किसी भी अप्रत्याशित भविष्य के तनाव के लिए पूंजीगत बफर्स का निर्माण सुनिश्चित करने के महत्व को प्रेरित करते हैं।

उन्होंने कहा- वह यह भी बताते हैं कि क्रिप्टो मुद्राएं/संपत्ति या जैसे, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों के लिए एक वास्तविक खतरा हो सकता है। दास ने कहा- रिजर्व बैंक ने इन सभी क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाए हैं।

वित्तीय क्षेत्र और विनियमित संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण को उपयुक्त रूप से मजबूत किया गया है।

नियामक कदमों में, अन्य बातों के अलावा, उत्तोलन अनुपात (जून 2019) का कार्यान्वयन, बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क (जून 2019), वाणिज्यिक बैंकों में शासन पर दिशानिर्देश (अप्रैल 2021), मानक संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण पर दिशानिर्देश (सितंबर 2021), एनबीएफसी के लिए स्केल-आधारित नियामक (एसबीआर) ढांचा (अक्टूबर 2021), माइक्रोफाइनेंस के लिए संशोधित नियामक ढांचा ( अप्रैल 2022), शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित नियामक ढांचा (जुलाई 2022) और डिजिटल ऋण देने पर दिशानिर्देश (सितंबर 2022) शामिल हैं।

भारत की जी20 अध्यक्षता पर, दास ने कहा कि यह ऐसे समय में आया है जब देश एक बार फिर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा- वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को नया रूप देने के लिए रचनात्मक योगदान देने की भारत की क्षमता पर अंतर्राष्ट्रीय विश्वास बढ़ रहा है।

कठिन अवतरण का जोखिम दुनिया भर में समाप्त हो गया है, यहां तक कि अपस्फीति की गति वांछनीय से कम बनी हुई है।

भू-आर्थिक विखंडन के प्रपाती प्रभावों से पहले वैश्विक ²ष्टिकोण को और कम करना, सहयोग के माध्यम से विश्वास का पुनर्निर्माण करना और महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बहुपक्षीय रूपरेखाओं को फिर से प्रतिबद्ध करना आवश्यक हो गया है।

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एक लाख लोगों के रोजगार पर संकट, दुनिया के इस बैंक ने खुद को घोषित किया दिवालिया

नई दिल्ली 18 मार्च (एजेंसी)। सिलिकॉन वैली बैंक ने आधिकारिक तौर पर खुद के दिवालियापन की घोषणा कर दी है। बैंक ने चैप्टर 11 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के लिए फाइल किया है।

एक अनुमान के मुताबिक बैंक के दिवालिया होने से एक लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 10 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स पर इसका सीधा असर हो सकता है।

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी करदाता असफल बैंक से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। इससे पहले यूएस प्रशासन ने एक बड़ी घोषणा की। दिवालिया हुए बैंक में जमाकर्ताओं के बचाव के लिए अमेरिकी करदाता पर कोई अंकुश नहीं होगा।

सिलिकॉन वैली बैंक की मूल कंपनी फ़ाइनेंशियल ग्रुप ने अमेरिकी कानून के अध्याय 11 के तहत दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया है। गौरतलब है कि अमेरिका ने पिछले सप्ताह एसवीबी को बंद कर दिया था।

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विदेशी मुद्रा भंडार 2.4 अरब डॉलर घटकर 560 अरब डॉलर पर

मुंबई 18 मार्च (एजेंसी)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में भारी कमी आने से 10 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.4 अरब डॉलर घटकर 560 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 562.4 अरब डॉलर पर रहा था।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 10 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 2.22 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 494.9 अरब डॉलर रह गयी। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 11 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह गिरकर 41.9 अरब डॉलर पर आ गया।

आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 5.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 18.1 अरब डॉलर रह गया। इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.1 लाख डॉलर कम होकर 5.1 अरब डॉलर पर आ गई।

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गौतम अडानी को राहत, बीएसई-एनएसई ने ग्रुप की 3 कंपनियों को निगरानी से हटाया

नई दिल्ली 17 मार्च (एजेंसी)। मुश्किलों में घिरे गौतम अडानी को बीएसई-एनएसई की तरफ से बड़ी राहत मिली है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एक फैसले से अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी को बड़ी राहत मिली है।

एनएसई और बीएसई ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियां- अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पॉवर और अडानी विल्मर के शेयर्स पर से निगरानी (शॉर्ट टर्म सर्विलांस) हटा दी है। सर्कुलर के मुताबिक 17 मार्च से इन स्टॉक्स को शॉर्ट टर्म सर्विलांस से बाहर रखा जाएगा।

एनएसई और बीएसई ने ग्रुप की इन 3 कंपनियों को 8 मार्च से सर्विलांस के दायरे में रखा था। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस शॉर्ट टर्म सर्विलांस के हटने से इन कंपनियों के शेयर प्राइस में तेजी देखने को मिल सकती है।

शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 443 अंक की बढ़त के साथ 58,078.11 अंक पर खुला। जबकि एनएसई निफ्टी में 147.80 अंक की तेजी देखी गई और ये 17,133.40 अंक पर खुला।

सर्विलांस के रहते इन कंपनियों के शेयर्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की आवश्यकता होती है।बाजार में हाई लेवल पर उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों की सुरक्षा के लिए कुछ शेयर्स को शॉर्ट टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क में रखा जाता है।

बता दें कि निगरानी में रखे जाने के बाद 9 मार्च से इन शेयरों में गिरावट देखने मिली है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6त्न और अडानी विल्मर में 11त्न की गिरावट आई है, हालांकि अडानी पावर में 1.5त्न की वृद्धि हुई है।

अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयर्स अभी लंबी अवधि तक अतिरिक्त निगरानी के लिए शॉर्ट टर्म सर्विलांस के तहत बने रहेंगे।

जनवरी के अंत में अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।

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रुपया 10 पैसे गिरा

मुंबई 17 मार्च (एजेंसी)।  आयातकों और बैंकरों की लिवाली से आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 10 पैसे गिरकर 82.75 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.65 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

कारोबार की शुरुआत में रुपया 13 पैसे लुढ़ककर 82.78 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और सत्र के दौरान लिवाली के दबाव में 82.80 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया। वहीं, बिकवाली की बदौलत यह 82.61 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर भी रहा। अंत में पिछले दिवस के 82.65 रुपये प्रति डॉलर के मुकाबले 10 पैसे गिरकर 82.75 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

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ऐतिहासिक पहाड़ी मार्गो पर चलेगी 35 हाइड्रोजन ट्रेन

नई दिल्ली 16 मार्च (एजेंसी)।  रेल मंत्रालय बजट 2023-24 में 2800 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विरासत व पहाड़ी मार्गो के लिए 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेनों के लिए विकास कार्य कर रहा है।

रेल मंत्रालय को 2023-24 के दौरान पूंजीगत व्यय के लिए सकल बजट समर्थन (जीबीएस) के रूप में 2,40,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें पूंजी के तहत 1,85,000 करोड़ रुपये, रेलवे सुरक्षा कोष के तहत 45,000 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष में योगदान के रूप में 10,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।

2023-24 के लिए योजना शीर्ष ‘नई लाइनें’ के लिए सकल बजटीय सहायता में से कुल 31,850 करोड़ आवंटित किए गए हैं। 2023-24 के लिए नई लाइनों के लिए क्षेत्रवार निधि आवंटन किया गया है। इसके तहत केंद्रीय रेलवे को 1234.95 करोड़,

पूर्व रेलवे को 432.95 करोड़, उत्तरी रेलवे को 11617.30 करोड़, उत्तर पूर्वी रेलवे को 792.00 करोड़, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे को 6591.00 करोड़, दक्षिण रेलवे को 1158.15 करोड़, दक्षिण केंद्रीय रेलवे को 819.50 करोड़, दक्षिण पूर्वी रेलवे 14.90 करोड़, पश्चिमी रेलवे 1011.70 करोड़, पूर्व मध्य रेलवे को 1518.02 करोड़, पूर्वी तट रेलवे 1984.00, उत्तर मध्य रेलवे 2.13 करोड़, उत्तर पश्चिमी रेल को 861.65 करोड़, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 389.00, दक्षिण पश्चिमी रेलवे 1408.35 और पश्चिम मध्य को 2014.40 करोड़ आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि नई ट्रेनों की शुरुआत रेलवे के नियमित दैनिक परिचालन का एक हिस्सा है। 2023-24 के लिए योजना शीर्ष ‘ग्राहक सुविधाएं’ के लिए सकल बजटीय सहायता में से 13,150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बजट 2023-24 में 2800 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विरासत व पहाड़ी मार्गो के लिए 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेनों के विकास को शामिल किया गया है। इसके अलावा 600 करोड़ रुपए की लागत से विरासत मार्गो के लिए हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार किया जा रहा है।

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रुपया 38 पैसे लुढ़का

मुंबई 16 मार्च (एजेंसी)। आयातकों और बैंकरों की लिवाली के दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 38 पैसे लुढ़ककर 82.75 रुपये प्रति डॉलर रह गया। इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.37 रुपये प्रति डॉलर रहा था।

शुरुआती कारोबार में रुपया चार पैसे की बढ़त लेकर 82.33 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। सत्र के दौरान बिकवाली होने से यह 82.31 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा।

वहीं, लिवाली के दबाव में 82.80 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया।

अंत में पिछले दिवस के 82.37 रुपये प्रति डॉलर की तुलना में 38 पैसे की गिरावट लेकर 82.75 रुपये प्रति डॉलर रह गया।

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अदाणी समूह ने समय से पहले चुकाया 2.15 अरब डॉलर का लोन, अंबुजा फाइनेंसिंग में इक्विटी बढ़ाई

मुंबई 13 मार्च (एजेंसी)। प्रमोटर लीवरेज चुकाने के लिए अपने प्रमोटरों की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए अडानी समूह ने 31 मार्च की प्रतिबद्ध समय-सीमा से काफी पहले मार्जिन लिंक्ड शेयर समर्थित वित्तपोषण का पूर्ण पूर्व भुगतान पूरा कर लिया है, जो कुल मिलाकर 2.15 अरब डॉलर है।

इसके अलावा, प्रमोटरों ने अंबुजा अधिग्रहण वित्तपोषण के लिए ली गई 50 करोड़ डॉलर की सुविधा का प्रीपेड भी लिया है। यह इक्विटी अंशदान बढ़ाने के लिए प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और प्रवर्तकों ने अब अंबुजा और एसीसी के लिए 6.6 अरब डॉलर के कुल अधिग्रहण मूल्य में से 2.6 अरब डॉलर का निवेश किया है।

बयान में कहा गया है कि 2.65 अरब डॉलर का पूरा पूर्व भुगतान कार्यक्रम 6 सप्ताह के भीतर पूरा हो गया है, जो मजबूत तरलता प्रबंधन और प्रायोजक स्तर पर पूंजी तक पहुंच को प्रमाणित करता है, जो सभी पोर्टफोलियो कंपनियों में अपनाई गई ठोस पूंजी विवेकशीलता का पूरक है।

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महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई जमा योजना की सीमा बढ़ी

नई दिल्ली 13 मार्च (एजेंसी)। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए एक बार की नई छोटी बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र मार्च 2025 तक उपलब्ध कराया जाएगा। यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए की। यह आंशिक निकासी विकल्प के साथ 7.5 प्रतिशत की निश्चित ब्याज दर पर दो साल की अवधि के लिए महिलाओं या लड़कियों के नाम पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा प्रदान करेगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अधिकतम जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की जाएगी।
मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी।

बजट में कुल कैपेक्स परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अपने संबोधन में सीतारमण ने घोषणा की कि पूंजी निवेश परिव्यय को लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा।

यह 2019-20 में परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा।

केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष पूंजी निवेश राज्यों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किए गए प्रावधान द्वारा पूरक है। केंद्र के प्रभावी पूंजीगत व्यय का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो जीडीपी का 4.5 फीसदी होगा।

एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि बाजार सरकार से सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के लिए एक और प्रतिबद्धता की उम्मीद कर रहा था और इसने निराश नहीं किया है।

केंद्रीय बजट में कुल कैपेक्स परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से 10.0 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो इसे सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर ले जाता है।

यह न केवल बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा देगा बल्कि रोजगार और विकास के लिए भी सकारात्मक होगा।

आनंद राठी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष आनंद राठी ने कहा कि पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि से यह 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो सड़कों, बंदरगाहों और हवाईअड्डों के निर्माण में सबसे ज्यादा लंबा रास्ता तय करेगा।

रेलवे में 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश सराहनीय है।

राठी ने कहा कि अगले साल के लिए 15.43 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का अनुमान सर्वेक्षण के 15.77 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है। उम्मीद है, इससे बॉन्ड बाजारों को खुशी मिलेगी।

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राज्यों के लिए 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी

नयी दिल्ली 11 मार्च (एजेंसी)।  केन्द्र सरकार ने राज्यों के लिए केन्द्रीय कर में हिस्सेदारी के तौर पर आज 140318 करोड़ रुपये की 14वीं किश्त जारी की।
वित्त मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आमतौर पर हर महीने 70159 करोड़ रुपये जारी किये जाते हैं लेकिन राज्यों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की केन्द्र की प्रतिबद्धता के तहत इस बार 140318 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।

यह राशि 28 राज्यों को जारी की गयी है।

इसमें सबसे अधिक राशि 24783 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को, 14232 करोड़ रुपये बिहार को, 11108 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश को, 10642 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल को, 8535 करोड़ रुपये राजस्थान को, 6399 करोड़ रुपये ओडिशा को, 5474 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश को, 5125 करोड़ रुपये कर्नाटक को, 4929 करोड़ रुपये गुजरात को, 4827 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को, 4681 करोड़ रुपये झारखंड को, 4417 करोड़ रुपये असम को जारी किये गये हैं।

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विदेशी मुद्रा भंडार 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 562.4 अरब डॉलर पर

मुंबई 11 मार्च (एजेंसी)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि बढऩे से 03 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 562.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 32.5 करोड़ डॉलर घटकर 560.9 अरब डॉलर रहा था।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 03 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.2 अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 497.1 अरब डॉलर हो गयी। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 28.2 करोड़ डॉलर की बढ़त हुई और यह बढ़कर 42.03 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वहीं, आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 1.3 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 18.17 अरब डॉलर रह गया। इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 80 लाख डॉलर बढ़कर 5.12 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

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सेंसेक्स, निफ्टी में शुरुआती कारोबार में गिरावट

मुंबई,10 मार्च। वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख तथा वित्तीय, आईटी और पूंजीगत सामान शेयरों में भारी बिकवाली से शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 730.17 अंक यानी 1.22 प्रतिशत टूटकर 59,076.11 अंक पर आ गया। शुरुआती कारोबार में सूचकांक गिरावट के साथ खुला और 59,062.72 के निचले स्तर तक गिर गया।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 201.05 अंक या 1.14 प्रतिशत के नुकसान से 17,388.55 अंक पर कारोबार कर रहा था।
45 निफ्टी शेयरों में अडाणी एंटरप्राइजेज, एचडीएफसी ट्विन्स (एचडीएफसी एवं एचडीएफसी बैंक) और इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा नुकसान में थे।

विश्लेषकों के अनुसार, सुस्त एशियाई बाजारों और अमेरिकी बाजार में रात भर के नुकसान ने वित्तीय, बैंकिंग, आईटी और पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में भारी बिकवाली की, तथा बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट आई।

सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी के शेयर 2.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान में रहे। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, इंफोसिस, टीसीएस और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में गिरावट आई।

वहीं दूसरी ओर टाटा मोटर्स 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ लाभ में रहा। भारती एयरटेल और मारुति के शेयर भी लाभ में थे। एशियाई बाजारों में, अमेरिकी शेयरों में गिरावट के बाद हांगकांग, शंघाई, टोक्यो और सियोल के बाजारों में गिरावट आई।

पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 541.81 अंक या 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,806.28 अंक पर रहा था। वहीं निफ्टी 164.80 अंक या 0.93 प्रतिशत टूटकर 17,589.60 अंक पर बंद हुआ था।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 561.78 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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शुरुआती कारोबार में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.14 प्रति डॉलर पर

मुंबई, 10 मार्च  (एजेंसी)। अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के रुख के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.14 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.12 प्रति डॉलर पर कमजोर स्थिति में खुलने के बाद और टूटकर 82.14 प्रति डॉलर पर आ गया। बृहस्पतिवार को रुपया 82.06 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

अन्य मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत गिरकर 105.18 पर आ गया। वैश्विक मानक ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.15 डॉलर प्रति बैरल पर था।

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बाजार में भारी उठापटक के बावजूद शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश 1.5 लाख करोड़ के पार

नईदिल्ली,07 मार्च (एजेंसी)। चालू वित्त वर्ष के दौरान शेयर बाजार में तमाम उठापटक और बाधाओं के बावजूद शेयर बाजार पर देसी म्युचुअल फंडों का भरोसा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा शुद्ध निवेश किया है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इतना अधिक निवेश हुआ है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में 1 मार्च तक म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.53 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में 1.72 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। वित्त वर्ष 2015 से अभी तक केवल वित्त वर्ष 2021 को छोड़कर (2021 में 1.21 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी) म्युचुअल फंड शेयरों के शुद्ध लिवाल रहे। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 तक पिछले 9 वित्त वर्ष में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 6.90 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के मुख्य कार्याधिकारी और निदेशक स्वरूप मोहंती मानते हैं कि भारत में मजबूत आर्थिक वृद्धि देखकर म्युचुअल फंडों का शेयर बाजार में भरोसा बढ़ा है और उनके निवेश में तेजी आई है। मोहंती ने कहा, ‘मजबूत आर्थिक पैमानों के अलावा शेयरों में लगातार निवेश बढऩे के पीछे खुदरा निवेशकों के व्यवहार में बदलाव भी अहम है, जो पिछले कई वर्षों से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्युचुअल फंडों में लगातार निवेश कर रहे हैं। इसने देसी शेयर बाजार का ढांचा बदल दिया है। इससे हर बार गिरावट के दौरान बाजार को म्युचुअल फंडों के निवेश से थोड़ी राहत मिलती है।

दूसरी ओर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष में जमकर बिकवाली की है और शेयर बाजार से अभी तक 36,538 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में उन्होंने 1.42 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

तुलनात्मक आधार पर देखें तो बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले दो वित्त वर्ष (मार्च 2021 से) में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 3.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि विदेशी निवेशकों ने इस दौरान 1.78 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में बीएसई सेंसेक्स 2.12 फीसदी बढ़ा है, जबकि बीएसई मिडकैप में 2 फीसदी की तेजी आई है। स्मॉलकैप सूचकांक 2.3 फीसदी गिरा है।

ऐसे में सवाल उठता है कि वित्त वर्ष 2024 में शेयर बाजार का रुख कैसा रहेगा। क्या बाजार में म्युचुअल फंडों का निवेश बरकरार रहेगा? विदेशी निवेश की क्या स्थिति रहेगी?

मोहंती मानते हैं कि वित्त वर्ष 2024 थोड़ा अलग रह सकता है। अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार थोड़ी नरम पड़ सकती है, जिसका असर शेयर बाजार में निवेश पर भी दिख सकता है।

उन्होंने कहा, ‘पिछले दो साल में शेयर बाजार में निवेश शुरू करने वाले निवेशकों को लाभ नहीं हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी ज्यादा मजबूत नहीं है। निवेशक इसे ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में निवेश कम कर सकते हैं।’

बीएनपी पारिबा में भारत में इक्विटी शोध प्रमुख कुणाल वोरा ने कहा, ‘घरेलू बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी दशक में सबसे कम है। चीन के बाजार खुलने और भारत में शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा होने से विदेशी निवेशक 2023 में भी बिकवाली जारी रख सकते हैं।

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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 31 मार्च के बाद 6 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या के बिना हॉलमार्क वाले आभूषणों की बिक्री प्रतिबंधित

नई दिल्ली 06 मार्च (एजेंसी)। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 31 मार्च, 2023 के बाद छह अंकों के अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या (एचयूआईडी) के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण या सोने की कलाकृतियों की बिक्री पर रोक लगा दी है।

सरकार द्वारा शनिवार को घोषित कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना और हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की खरीद में उनका विश्वास बढ़ाना है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करेगा और सोने के आभूषणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।

उपभोक्ता ‘बिड केयर’ ऐप में ‘वेरीफाई एचयूआईडी’ का उपयोग करके एचयूआईडी नंबर वाले हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की जांच और प्रमाणीकरण कर सकते हैं।

यह ऐप उस जौहरी की जानकारी प्रदान करता है, जिसने वस्तु पर हॉलमार्क किया है, उनकी पंजीकरण संख्या, वस्तु की शुद्धता, वस्तु के प्रकार के साथ-साथ हॉलमार्किं ग केंद्र का विवरण भी प्रदान करता है, जिसने वस्तु का परीक्षण और हॉलमार्क किया है।

इस जानकारी का उपयोग कर एक आम उपभोक्ता खरीदी जा रही वस्तु को वस्तु के प्रकार के साथ-साथ उसकी शुद्धता के साथ मिलान करके सत्यापित कर सकता है।

सरकार ने हालांकि यह अधिसूचित किया है कि पुरानी योजनाओं के अनुसार उपभोक्ताओं के पास पड़े हॉलमार्क वाले आभूषण वैध रहेंगे।

बीआईएस नियम, 2018 की धारा 49 के अनुसार, यदि उपभोक्ता द्वारा खरीदे गए हॉलमार्क वाले आभूषण, आभूषणों पर अंकित आभूषणों की तुलना में कम शुद्धता के पाए जाते हैं, तो खरीदार या ग्राहक मुआवजे का हकदार होना चाहिए जो राशि का दोगुना होगा।

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वैश्विक रुख का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई 06 मार्च (एजेंसी)। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से मुश्किलों का सामना कर रहे अडानी समूह में करीब दो अरब डॉलर के निवेश आने की खबर से बीते सप्ताह आधी फीसदी से अधिक की बढ़त पर रहे घरेलू शेयर की अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में वैश्विक रुख के साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 345.04 अंक अर्थात 0.58 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 59808.97 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 128.55 अंक यानी 0.74 प्रतिशत मजबूत होकर 17594.35 अंक पर पहुंच गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों के प्रति भी निवेशकों की निवेश धारणा मजबूत रही। इससे मिडकैप 417.16 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 24595.89 अंक और स्मॉलकैप 261.81 अंक उछल कर 27846.40 अंक पर रहा।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिसका दबाव घरेलू शेयर बाजार पर लगातार बना रहा। लेकिन, अडानी समूह को जीक्यूजी पार्टनर्स से 1.87 अरब डॉलर निवेश मिलने की खबर के बाद सप्ताहांत पर बाजार ने करवट बदली और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी ने डेढ़ प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई।

इसके अलावा अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में अगली बढ़ोतरी की रफ्तार को धीमा रखने की उम्मीद से भी बाजार को समर्थन मिला है। हालांकि आसमान छू रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए फेड रिजर्व और यूरोपीय केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखने का संकेत दे चुके हैं। अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार पर इसका असर रहेगा।

साथ ही वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए। लेकिन, मार्च में अबतक वह 12,592.17 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं।

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वैश्विक रुझान, विदेशी कोषों के रुख से तय होगी बाजार की दिशा

नई दिल्ली,05 मार्च (एजेंसी)। शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुझान तथा विदेशी कोषों के रुख से तय होगी. होली का अवकाश होने से सप्ताह के कारोबारी दिवस कम हो गए हैं. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.

बीएसई तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने होली के अवसर पर सात मार्च (मंगलवार) को अवकाश घोषित किया है. हालांकि स्टॉक ब्रोकरों के संगठन एएनएमआई ने सरकार, शेयर बाजारों तथा सेबी से होली का अवकाश सात मार्च के बजाए आठ मार्च को देने का अनुरोध किया है.

स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी करने की आशंका के बीच भारतीय बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी.

विदेशी संस्थागत निवेशक जो छोटे स्तर पर शुद्ध लिवाल बने हुए हैं उन पर भी नजर रहेगी. उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका के व्यापक आर्थिक आंकड़े दस मार्च को जारी होने हैं, बैंक ऑफ जापान भी ब्याज दरों पर निर्णय लेने वाला है.

वहीं घरेलू स्तर पर भारत के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों को भी दस मार्च को जारी किया जाएगा. बाजार के निवेशकों की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव पर और ब्रेंट कच्चे तेल पर भी नजर होगी.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में तकनीकी शोध के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, होली का त्योहार होने से इस सप्ताह में कारोबारी दिवस कम हो गए है. हमारा अनुमान है कि मिलेजुले संकेतों के बीच अस्थिरता अधिक रहेगी.

प्रतिभागियों को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का इंतजार है जो दस मार्च को जारी होंगे. इसके अलावा वैश्विक सूचकांकों विशेषकर अमेरिकी बाजारों के प्रदर्शन पर भी उनकी नजर होगी.

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 345.04 अंक या 0.58 फीसदी चढ़ा था. भारी अस्थिरता के बावजूद शुक्रवार को बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुक्रवार 899.62 अंक या 1.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,808.97 पर बंद हुआ.

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बीते सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 88,605 करोड़ रुपये बढ़ा

नयी दिल्ली,05 मार्च (एजेंसी)। सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 88,604.99 करोड़ रुपये की बढ़त हुई। सबसे अधिक फायदा भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को हुआ।

एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी और भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन जहां बढ़ा है वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस), इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर तथा आईटीसी की बाजार हैसियत में गिरावट आई। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 345.04 अंक या 0.58 प्रतिशत चढ़ा।

शीर्ष दस कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक के मूल्यांकन में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है और यह 35,832.32 करोड़ रुपये बढ़कर 5,00,759.98 करोड़ रुपये हो गया।आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 20,360.13 करोड़ रुपये बढ़कर 6,06,514.71 करोड़ रुपये हो गई।

एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 15,236.59 करोड़ रुपये बढ़कर 9,01,307.58 करोड़ रुपये और एचडीएफसी का 13,051.48 करोड़ रुपये बढ़कर 4,84,417.42 करोड़ रुपये हो गया है। भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 4,124.47 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 4,26,158.52 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

हालांकि इंफोसिस का बाजार मूल्यांकन 30,150.9 करोड़ रुपये गिरकर 6,22,711.80 करोड़ रुपये रह गया जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस का 20,966.36 करोड़ रुपये घटकर 12,23,129.40 करोड़ रुपये रह गया है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 3,336.42 करोड़ रुपये गिरकर 5,80,360.79 करोड़ रुपये और रिलायंस इंडस्ट्रीज का 507.03 करोड़ रुपये घटकर 16,13,602.63 करोड़ रुपये रह गया है। आईटीसी की बाजार हैसियत भी 24.72 करोड़ रुपये की कमी होने के साथ 4,77,886.13 करोड़ रुपये रह गई है।

शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसबीआई, एचडीएफसी, आईटीसी और भारती एयरटेल का स्थान रहा।

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एमेजॉन पे पर लगा तीन करोड़ रुपये जुर्माना

*ओला फाइनैंसियल और ओबोपे मोबाइल पर भी कार्रवाई*

नईदिल्ली,04 मार्च (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक ने एमेजॉन पे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पर 3.06 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स मानकों और अपने ग्राहक को जानें मानकों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने की वजह से लगाया गया है।

इसके अलावा ओला फाइनैंसियल सर्विसेज, ओबोपे मोबाइल टेक्नोलॉजिज और मणप्पुरम फाइनैंसियल सर्विसेज पर भी इन्हीं मानकों का पालन न करने के कारण जुर्माना लगाया गया है। ओबोपे पर 5.93 करोड़ रुपये, ओला फाइनैंसियल सर्विसेज पर 1.67 करोड़ रुपये और मणप्पुरम फाइनैंस लिमिटेड पर 17.63 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।

एक बयान में केंद्रीय बैंक ने कहा है, ‘ऐसा पाया गया कि इकाई (एमेजॉन पे) रिजर्व बैंक द्वारा जारी केवाईसी की जरूरतों संबंधी दिशानिर्देश का अनुपालन नहीं कर रही है। इसी को देखते हुए इकाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि दिशानिर्देशों का पालन न करने पर क्यों न जुर्माना लगा दिया जाए।’

केंद्रीय बैंक ने कहा कि इकाई द्वारा दिए गए जवाब पर विचार करने के बाद पाया गया कि इकाई पर मौद्रिक दंड लगाने की पर्याप्त वजह है।
रिजर्व बैंक के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एमेजॉन पे के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम नियामकीय दिशानिर्देशों के मुताबिक कामकाज करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और अनुपालन के उच्च मानकों का पालन करते हैं।

हम अपने ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक नवाचार करते हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक भुगतान का अनुभव मिल सके। हम प्राधिकारियों के साथ मिलकर काम जारी रखेंगे और अपनी प्रतिबद्धताएं उनसे साझा करेंगे।’

उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक एमेजॉन पे सहित फिनटेक कारोबारियों को रिजर्व बैंक ने 2017 में कहा था डोर टु डोर जाकर फिजिकल केवाईसी लेने की जगह वीडियो केवाईसी को सामान्य बनाया जाना चाहिए। उनसे यह भी कहा गया था कि किसी थर्ड पार्टी से केवाईसी कराने की जगह फिनटेक कारोबारियों द्वारा वीडिओ केवाईसी किया जाना चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक एमेजॉन पे ने तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा दिया और वीडियो केवाईसी करना शुरू कर दिया और अभी उसके सभी केवाईसी वीडियो आधारित हैं। बहरहाल शुरुआती चरण में वीडियो केवाईसी अपनाने में तमाम फिनटेक को वक्त लग रहा है।

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भारत की अर्थव्यवस्था में चीन की अर्थव्यवस्था की तुलना में लगातार दूसरे वर्ष तेज गति से वृद्धि

नईदिल्ली,04 मार्च (एजेंसी)। भारत की अर्थव्यवस्था में चीन की अर्थव्यवस्था की तुलना में लगातार दूसरे वर्ष तेज गति से वृद्धि हो रही है। इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की 7 फीसदी वृद्धि दर होने का अनुमान जताया गया है जबकि चीन की अर्थव्यवस्था के महज 3 फीसदी वृद्धि हासिल करने का अनुमान है।

इसी प्रकार गत वर्ष भारत की 9.1 फीसदी की वृद्धि दर चीन की 8.1 फीसदी की वृद्धि दर से अधिक थी। इससे भी पहले की बात करें तो कोविड महामारी के आगमन के किसी भी संकेत से पांच वर्ष पहले यानी 2014-18 के दौरान भारत की औसत वृद्धि दर 7.4 फीसदी थी जबकि चीन की वृद्धि दर केवल 7 फीसदी थी।

वहीं से भारत के सबसे तेज गति से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था की बात शुरू हुई। इसके साथ ही चीन की कुछ दशकों की तेज विकास यात्रा पर पहली बार विराम लगा।

परंतु जैसा कि इन आंकड़ों के साथ अक्सर होता है, अगर आप अध्ययन के लिए चयनित समय में बदलाव करें तो यह कहानी बदल सकती है। पिछले पैराग्राफ में जो तस्वीर पेश की गई है उसमें वर्ष 2019 और 2020 नदारद हैं।

इन दोनों वर्षों में चीन का प्रदर्शन भारत से बेहतर रहा।

दोनों सालों के दौरान चीन का प्रदर्शन भारत से इतना अधिक बेहतर रहा कि दीर्घावधि के वृद्धि के औसत में भी वह भारत से बेहतर हो गया। 2019 में चीन ने 6 फीसदी की दर से वृद्धि हासिल की जबकि भारत की वृद्धि दर 3.9 फीसदी रही।

कोविड के पहले वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5.8 फीसदी घटा और वृद्धि दर में 2.2 फीसदी की गिरावट आई। 2014 से 2022 तक की नौ वर्ष की अवधि को मिलाकर देखें तो चीन की औसत वृद्धि 6 फीसदी से अधिक रही जबकि भारत बमुश्किल 5.7 फीसदी की दर से वृद्धि हासिल कर सका।

अगर कोविड के पहले के वर्ष से लेकर बीते चार वर्षों पर ही नजर डाली जाए चीन ने भारत को पीछे छोड़ दिया।

दुनिया की सबसे तेज गति से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था का आकलन करने की कोशिश में परिणाम एक तरह से अनिश्चित नजर आते हैं। ऐसे में भविष्य के संभावित परिदृश्य को लेकर सतर्क रहना ही चाहिए।

अभी हाल तक अधिकांश पूर्वानुमान लगाने वाले कह रहे थे कि 2023-24 में भारत का प्रदर्शन चीन की तुलना में काफी बेहतर रहेगा।

उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि चीन की वृद्धि दर 4.4 फीसदी जबकि भारत की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहेगी। परंतु हालिया सप्ताहों में इस परिदृश्य में बदलाव आया है क्योंकि चीन में कुछ नाटकीय बदलाव आए हैं। उसने कोविड शून्य की नीति त्याग दी है और अब पहले जैसी बंदी और उथलपुथल के हालात नहीं हैं।

इसके परिणामस्वरूप एक के बाद एक अनुमान जताने वालों ने 2023 में चीन की संभावित वृद्धि के आंकड़ों में सुधार किया। अधिकांश ने चीन की संभावित वृद्धि को 5.5 फीसदी के आसपास बताया है जबकि अधिक आशावादी लोगों ने वृद्धि दर को इससे कुछ अधिक बताया है।

यह दर 6 से 6.8 फीसदी की उस संभावित वृद्धि दर से कम है जिसे एक माह पहले भारत की आर्थिक समीक्षा में उल्लिखित किया गया है। मध्यम स्तर पर इसे 6.5 फीसदी बताया गया है। सवाल यह है कि क्या अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर केवल 4.4 फीसदी रह जाने के बाद क्या भारत के आंकड़े और खराब होंगे। संभव है दोनों देश इस होड़ में बराबरी पर रहें।
सरकार की दलील है कि ताजा तिमाही के आंकड़े इसलिए कमजोर हैं क्योंकि पिछले तीन वर्षों के वृद्धि के आंकड़ों में संशोधन करके उन्हें

सुधारा गया है। शायद, लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही के लिए अनुमान 5.1 फीसदी से अधिक नहीं हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भी स्पष्टता के साथ स्वीकार किया है कि फिलहाल गिरावट की आशंका अधिक है।

संशोधित परिदृश्य की बात करें तो फरवरी का वस्तु एवं सेवा कर संग्रह भी उसे दर्शाता है। 1.49 लाख करोड़ रुपये के साथ यह दर्शाता है कि हाल के महीनों में बहुत कम या न के बराबर वृद्धि हुई है।

दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी वृद्धि के कोई संकेत नहीं हैं जो अर्थव्यवस्था को 5 फीसदी से 6 फीसदी या उससे अधिक के दायरे में ले जाए। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अल्पावधि का परिदृश्य चीन से बहुत अलग नहीं दिख रहा।

यह दलील दी जा सकती है कि भारत चीन की तरह मुश्किल में नहीं है। यहां न तो आबादी घट रही है और न ही अचल संपत्ति, विनिर्माण या वित्त की कोई समस्या है। परंतु भारत के व्यापार और राजकोष में असंतुलन है।

हम सरकार के पूंजीगत व्यय पर बहुत अधिक निर्भर हैं। संदेश एकदम साफ है: यदि भारत और चीन के बीच वृद्धि को लेकर होड़ है तो अब तक दोनों में से कोई विजेता नहीं है।

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आईआरसीटीसी ने की नई शुरुआत, सिर्फ 20 रुपए में मिलेगा 5 स्टार जैसा आलीशान कमरा

नई दिल्ली 27 फरवरी (एजेंसी)। अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं और अगर आपके पास ट्रेन की कन्फर्म टिकट है तो आप 40 रुपए में शानदार रूम में 48 घंटे तक रुक सकते हैं। भारतीय रेलवे की रिटायरिंग रूम में आपको लग्जरी होटल की तमाम सुविधाएं मिलती है। यह फैसिलिटी अधिकांश बड़े स्टेशनों पर आपको मिल जाएगी।

गर्मियों और बारिश के मौसम में अक्सर ट्रेनें काफी लेट चलती हैं जिससे यात्रियों को काफी वेट करना पड़ता है। कई यात्री ऐसे भी होते हैं जिन्हें गर्मी और बरसात की वजह से जान भी गंवानी पड़ती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी ने यह सेवा शुरू की है।

भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए लग्जरी रिटायरिंग रूम तैयार किए हैं। इस रूम को बुक करने के लिए आपके पास पीएनआर नंबर होना चाहिए। यह सुविधा आपको रेलवे के रिटायरिंग रूम में मिलती है। आप इस रूम में 48 घंटे तक ट्रेन का वेट कर सकते हैं। यहां आपसे केवल 20-40 रुपए ही किराया वसूला जाएगा।

बता दें कि नई दिल्ली, मुंबई, पुणे जैसे तमाम बड़े स्टेशनों पर रिटायरिंग रूम की सुविधा मिलती है। आप अपने टिकट के पीएनआर नंबर (क्कहृक्र) से इन रूम्स की बुकिंग कर सकते हैं। आप अपनी सुविधा के मुताबिक एसी और नॉनएसी कमरे की बुकिंग कर सकते हैं। रिटायरिंग रूम फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर आपको अलॉट होगा। अगर रिटायरिंग रूम फुल हैं तो आपका नाम वेटिंग लिस्ट में रहेगा और जैसे ही कमरे खाली होंगे, आपकी बुकिंग अपग्रेड हो जाएगी।

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3डी मॉडल ऑनलाइन लीक: आईफोन 15 प्रो मैक्स में होगी मोटी बॉडी, कोई फिजिकल बटन नहीं

सैन फ्रांसिस्को 27 फरवरी (एजेंसी)। टेक दिग्गज एप्पल के अपकमिंग आईफोन 15 प्रो मैक्स के 3डी मॉडल ऑनलाइन लीक हो गए हैं। इसमें पता चला है कि स्मार्टफोन मोटी बॉडी के साथ आएगा और इसमें फिजिकल बटन नहीं होंगे।

एक ट्वीट में टिपस्टर आइस यूनिवर्स ने 3डी मॉडल पोस्ट किए और लिखा, 14 प्रो मैक्स की तुलना में फ्रेम पतला है।

फ्रॉस्टेड प्रक्रिया के साथ टाइटेनियम अलॉय मिडल फ्रेम, टाइप-सी, कोई फिजिकल बटन डिजाइन नहीं। इससे पहले, यह अफवाह थी कि आईफोन 15 प्रो मैक्स स्मार्टफोन में सैमसंग का 2,500 निट्स डिस्प्ले पैनल होगा।

पिछले महीने, यह बताया गया था कि आने वाले आईफोन 15 प्रो मैक्स में एक पेरिस्कोप फोल्डिंग जूम कैमरा होगा, हालांकि इसे केवल टॉप-एंड आईफोन मॉडल में शामिल किया जाएगा।

इस बीच, एक अन्य रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स मॉडल में हैप्टिक फीडबैक के साथ सॉलिड-स्टेट बटन, एक टाइटेनियम फ्रेम और बढ़ी हुई रैम जैसी नए फीचर्स शामिल होने की संभावना है।

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सीतारमण ने फ्रांस और दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्रियों से की द्विपक्षीय चर्चा

बेंगलुरु 26 फरवरी (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज से यहां शुरू हुयी जी 20 वित्त मंत्री एवं केन्द्रीय बैंक गवर्नरों की पहली बैठक के इतर फ्रांस के आर्थिक ,वित्त, औद्योगिक एवं डिजिटल संप्रभुता मंत्री ब्रुनो ली मैरी और दक्षिण कोरिया के उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री चू क्यूंग हो के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

वित्त मंत्रालय ने ट्विट के माध्यम से यह जानकारी देते हुये कहा कि इस दौरान आपसी हितों के साथ ही भारत की अध्यक्षता में हो रही जी 20 बैठक के बारे में विचार विमर्श किया गया। श्री चू के साथ श्रीमती सीतारमण ने ऊर्जा सुरक्षा और इस संबंध में स्थिर आपूर्ति श्रृखंला को लेकर विचार विमर्श भी किया।

फ्रांस के मंत्री ने टाटा एयरबस के साथ हुये सौदे को लेकर श्रीमती सीतारमण को धन्यवाद दिया और दोनों नेता बढ़ते आर्थिक सहयोग को और मजबूत बनाने और नवीनीकरण ऊर्जा , इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन सिटी जैसे मुद्दों पर भी सहयोग बढ़ाने की बात की।

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रुपया 14 पैसे लुढ़का

मुंबई 26 फरवरी (एजेंसी)। दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के सात सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने और घरेलू शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट के दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 14 पैसे लुढ़ककर 82.79 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।
इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.65 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

शुरुआती कारोबार में रुपया तीन पैसे फिसलकर 82.68 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और सत्र के दौरान लिवाली होने से यह 82.81 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया। इस दौरान बिकवाली होने से यह 82.67 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर भी रहा। अंत में पिछले दिवस के 82.65 रुपये प्रति डॉलर की तुलना में 14 पैसे लुढ़ककर 82.79 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

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