एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का होगा विलय, डीजीसीए ने दी मंजूरी

Air Asia and Air India Express will merge, DGCA approves

नई दिल्ली ,28 जुलाई (एजेंसी) । नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने किफायती विमान सेवा कंपनी एआईएक्स कनेक्ट (पहले एयरएशिया इंडिया) के एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय की टाटा समूह की पहल को हरी झंडी दे दी। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। यह टाटा समूह की दोनों एयरलाइंस के नियोजित कानूनी विलय से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है।

एयरलाइन ने कहा, एयरलाइन को अब ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ ब्रांडिंग के तहत अपनी उड़ानें संचालित करने के लिए विनियामक मंजूरी मिल गई है। यह विकास दोनों एयरलाइनों में ग्राहक संपर्क बिंदुओं, उत्पादों और सेवाओं के सामंजस्य समेत एकीकरण प्रयासों की महत्वपूर्ण तेजी को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि नियामक की मंजूरी एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (एआईएक्सएल) और एआईएक्स कनेक्ट (एआईएक्ससी) दोनों कंपनियों की उड़ानों को निर्धारित कानूनी विलय से पहले एक सामान्य ब्रांड नाम ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ के तहत विपणन, वितरण और संचालित करने की अनुमति देती है।

इसमें कहा है कि अगले कुछ महीनों में एक एकीकृत और नवीनीकृत ब्रांड के तहत उपभोक्ता पेशकशों में तालमेल बिठाने का प्रस्ताव उत्कृष्ट ग्राहक वादे, उत्पाद और सेवा मानकों को सुव्यवस्थित करने और दोनों कंपनियों के बीच तालमेल को अनलॉक करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस महीने की शुरुआत में ‘एक्सप्रेस अहेड’ प्राथमिकता सेवाओं को दोनों एयरलाइनों के मेहमानों के लिए सहायक एड-ऑन के रूप में विस्तारित किया गया था, जिसमें प्राथमिकता चेक-इन, बोर्डिंग और सामान की पेशकश की गई थी।

दोनों एयरलाइंस कई अन्य सहायक एड-ऑन सेवाओं और सामान्य उप-ब्रांडों के साथ भी तालमेल बिठाएंगी। एआईएक्सएल वर्तमान में 20 भारतीय शहरों से 14 क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करता है, जबकि एआईएक्ससी 19 घरेलू गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करता है।

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ऑटोमोबाइल कंपनी प्रोग्रेसिव के 35 ठिकानों पर आईटी की रेड, 15 करोड़ मिले कैश

IT raids on 35 locations of Progressive Automobile Company, 15 crore cash recovered

गाजियाबाद 15 जुलाई ,(एजेंसी)। गाजियाबाद, नोएडा समेत 35 जगहों पर इनकम टैक्स विभाग की रेड पिछले 48 घंटे से लगातार जारी है। यह रेड ऑटोमोबाइल कंपनी के पार्ट बनाने वाली कंपनी प्रोग्रेसिव के ठिकानों पर हो रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, और गुरुग्राम के करीब 35 ठिकानों पर ये छापेमारी चल रही है। इस रेड में 35 टीमें काम कर रही हैं। जिसमें करीब 200 के आसपास आईटी अधिकारी शामिल हैं। इस कंपनी के निदेशक परमजीत गांधी हैं। गाजियाबाद में बुलंदशहर रोड पर औद्योगिक एरिया में इसकी तीन फैक्ट्रियां हैं। ये कंपनी ऑटोमोबाइल पार्ट बनाती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 12 बैंक लॉकरों में करीब 15 करोड़ रुपए के कैश और जेवरात मिले हैं। कई सौ करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार, प्रोग्रेसिव कंपनी को घाटे में दिखाकर करीब 500 करोड़ रुपया एक बड़ी कंपनी में इन्वेस्ट किया गया। हर साल इसी तरह कंपनी को घाटे में दिखाकर टैक्स चोरी की जा रही थी। जब 500 करोड़ रुपए दूसरी कंपनी में इन्वेस्ट करने की बात आईटी को पता चली तो फिर ये कार्रवाई हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी निदेशक परमजीत गांधी के सेक्टर-2 राजनगर वाले मकान के समेत उनके दो आवास दिल्ली और गुरुग्राम में में भी छापेमारी चल रही है। इसके साथ साथ परमजीत गांधी की कंपनियों, कंपनी के अन्य निदेशकों, मैनेजर, सीए और इन कंपनी से जुड़े सभी लोगों के करीब 35 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड 12 जुलाई की सुबह 6 बजे हुई थी, जो अब तक जारी है।

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सब्जियों की बढ़ती कीमतों से खुदरा महंगाई तीन महीने के उच्चतम स्तर पर, 4.31प्रतिशत से 4.81प्रतिशत हुई

नई दिल्ली 13 जुलाई (एजेंसी)। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापा जाता है, खाद्य कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बाद जून में बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गई।

आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य मुद्रास्फीति 4.49 फीसदी रही। अनाज, मांस और मछली, अंडे, दूध, सब्जियां, दालें, मसाले, कपड़े और ईंधन की कीमतें मई की तुलना में जून में तेजी से बढ़ीं। मई में खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी थी जबकि खाद्य महंगाई दर 2.96 फीसदी थी।

सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सीपीआई महंगाई मई महीने के 4.31त्न के मुकाबले जून में खुदरा महंगाई 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई।

पिछले साल जून 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 7.75 फीसदी थी। हालांकि, जून में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि के बावजूद, यह लगातार चौथा महीना था जब सीपीआई-आधारित मुद्रास्फीति आरबीआई के टारगेट से नीचे रही, जो 2 से 6 प्रतिशत के बीच है।

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सावधान : कभी इंटरनेशनल कॉल तो कभी फेक जॉब ऑफर, व्हाट्सएप्प से हो रही धड़ल्ले से ठगी

नई दिल्ली 20 मई (एजेंसी)। व्हाट्सएप्प का इस्तेमाल करने वालों युजर्स के लिए बेहद जरूरी खबर है। क्योंकि, ऐसे ही किसी कॉल, फेक मैसेज या वीडियो कॉल के जरिए हजारों लोग ठगे जाते हैं। ऐसे में यहां जानेंगे कि कैसे इन घटनाओं से सुरक्षित रहा जा सकता है। इंडियन एक्सप्रेस ने एक एक्सपर्ट की मदद से इस बारे में कुछ टिप्स दिए हैं।

स्कैम वाले कॉल्स को पहचानना काफी आसान होता है। इनका प्रेजेंटेशन काफी अलग होता है। ये आमतौर पर मिस्ड कॉल्स होते हैं या कई बार इंटरनेशनल नंबर्स से मैसेज किए जाते हैं। इन नंबरों को सीधा ब्लॉक करना चाहिए और रिप्लाई करने से बचना चाहिए। साथ ही किसी भी तरह की निजी जानकारी नहीं शेयर करनी चाहिए।

अगर किसी कंपनी के कर्मचारी को वॉट्सऐप के जरिए टारगेट कर अपना शिकार बना लिया जाए। तो ये कंपनी और उस कर्मचारी दोनों के लिए खतरा हो सकता है। कंपनी की निजी जानकारियां जैसे ढ्ढष्ठ या यूजर एक्सेस पासवर्ड या कोई ऑफिशियल डेटा अगर स्कैमर्स के हाथ लग जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में इन अटैक्स से बचने के लिए कर्मचारियों को अवेयर जरूर करना चाहिए।

व्हाट्सएप्प में किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करना चाहिए। इसका ऑप्शन आपके सेटिंग्स में अकाउंट में जाकर मिल जाएगा।

अगर कभी भी किसी अननोन नंबर से आपको मैसेज या कॉल आए। तो उसे तुरंत ब्लॉक कर रिपोर्ट कर देना चाहिए। रिपोर्ट करने से वॉट्सऐप को भी उस नंबर पर एक्शन लेने में मदद मिलती है।

साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरह के स्कैम लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को हाल की घटनाओं से अपडेट रहना भी जरूरी है। साथ ही फोन और ऐप को भी लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन पर अपडेट करना जरूरी होता है।

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रुपया नौ पैसे गिरा

मुंबई 20 मई (एजेंसी)। अमेरिका में ऋण सीमा पर बातचीत को लेकर बनी उम्मीद से दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत रहने से आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया नौ पैसे गिरकर 82.71 रुपये प्रति डॉलर रह गया। इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.62 रुपये प्रति डॉलर रहा था।

कारोबार की शुरुआत में रुपया 11 रुपये लुढ़ककर 82.73 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और सत्र के दौरान लिवाली होने से 82.80 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक गिर गया। वहीं, बिकवाली होने से यह 82.64 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर भी रहा। अंत में पिछले दिवस के 82.62 रुपये प्रति डॉलर की तुलना में नौ पैसे गिरकर 82.71 रुपये प्रति डॉलर रह गया।

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चलन से बाहर होगा 2000 रुपए का नोट, आरबीआई का ऐलान- 30 सितंबर तक बैंक में करा सकेंगे जमा

नई दिल्ली 20 मई(एजेंसी)। केंद्रीय रिजर्व बैंक 2000 रुपए के नोट को चलन से वापस ले लेगा, लेकिन यह वैध मुद्रा बनी रहेगी। आरीबआई ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इसकी पुष्टि की है। आरबीआई का कहना है कि अब 2 हजार के नए नोट जारी नहीं करेगा। 23 मई से 30 सितंबर तक नोटों की बदली बैंक में की जा सकेगी। उसके बाद यह नोट पूरी तरह से चलन से बाहर हो जाएगा। हालांकि, ये बतौर लीगल टेंडर मनी जारी रहेगा। इसका मतलब है कि यदि किसी के पास दो हजार रुपए का नोट है तो उसकी मान्यता बनी रहेगी।

वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपए के नोट जारी करना बंद करें। आरबीआई ने बयान में कहा कि 2,000 रुपये के नोटों को लाने का उद्देश्य तब पूरा हो गया था, जब दूसरी वैल्यू के बैंक नोट आम लोगों के लिए अवेलेबल हो गए थे। आरबीआई के आदेश के अनुसार, 23 मई से अगर कोई भी किसी भी बैंक में 2000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कराने आता है तो एक समय में सिर्फ 20,000 रुपये के ही एक्सचेंज होंगे। आरबीआई के अनुसार सभी बैंक 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोटों को बदल सकेंगे।

आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। 2000 रुपये के कुल सर्कूलेट नोटों में से लगभग 89 फीसदी मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे।

31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ के 2000 रुपये के नोट सर्कूलेशन में थे जो 31 मार्च 2023 तक 2000 रुपये के नोटों का सर्कूलेशन 3.62 लाख करोड़ रुपये पर पर आ गया है, जो मौजूदा सर्कूलेटिड करेंसी का केवल 10.8 फीसदी है। आरबीआई के अनुसार मौजूदा समय में 2000 रुपये के नोटों का यूज नहीं देखा जा रहा है।

इस मामले पर वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा ने बताया कि इसे नोटबंदी कहना गलत होगा। दरअसल यह फेजवाइज तरीके से नोट को सर्कूलेशन से बाहर लाने का प्रोसेस है। इसके जरिये सरकार ब्लैक मनी पर नकेल कसने जा रही है।

बता दें कि 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन हो गए थे। इसके बदले में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नए नोट और 2000 रुपये के नोट को चलन में लाया था। हालांकि, कुछ ही साल में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन कम होता गया और ज्यादातर एटीएम से ये नोट गायब हो गए। अब रिजर्व बैंक ने वापस लेने का ऐलान कर दिया है।

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विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 अरब डॉलर बढ़कर 586.4 अरब डॉलर पर

मुंबई 24 अपै्रल (एजेंसी)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में बढ़ोतरी होने से 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 अरब डॉलर बढ़कर 586.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 578.44 अरब डॉलर रहा था।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 2.2 अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 516.64 अरब डॉलर हो गयी। वहीं, इस अवधि में स्वर्ण भंडार 52.1 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 46.18 अरब डॉलर पर रहा।

आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 3.8 करोड़ डॉलर गिरकर 18.4 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं, इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.2 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 5.19 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

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कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी बाजार की चाल

मुंबई 24 अपै्रल (एजेंसी)। वैश्विक बाजार के कमजोर रुझान से स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह चाल निर्धारित करने में कंपनियों के समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के परिणाम की अहम भूमिका होगी।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 775.94 अंक अर्थात 1.3 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 59655.06 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 203.95 अंक यानी 1.14 प्रतिशत का गोता लगाकर 17624.05 अंक पर

आ गया।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली का जोर रहा। इससे मिडकैप 124.4 अंक की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 24844.97 अंक और स्मॉलकैप 84.68 अंक की बढ़त लेकर 28234.26 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2021-2022 की अंतिम तिमाही में कंपनियों के तिमाही नतीजे का बजार पर असर रहेगा। अगले सप्ताह मारुति, एक्सिस बैंक, विप्रो, हिंदुस्तान यूनीलीवर, इंडसइंड बैंक, महाराष्ट्र बैंक, बजाज ऑटो, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और एसीसी जैसी दिग्गज कंपनियों के परिणाम जारी होने वाले हैं।

इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए। लेकिन, मार्च में उसने 1,997.70 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। इसके बाद एफआईआई अप्रैल में अबतक 316.67 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। इसी तरह घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का शुद्ध निवेश 342.32 करोड़ रुपये रहा।

बीते सप्ताह बाजार में तीन दिन गिरावट और दो दिन तेजी रही। वैश्विक बाजार के सकारात्मक रुझान के बावजूद स्थानीय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस के कमजोर तिमाही नतीजे से हतोत्साहित निवेशकों की आईटी और टेक समेत पांच समूहों में हुई भारी बिकवाली के दबाव में सोमवार को सेंसेक्स 520.25 अंक का गोता लगाकर 59910.75 अंक और निफ्टी 121.15 अंक टूटकर 17706.85 अंक पर आ गया।

वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर रिलायंस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस समेत पंद्रह दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 183.74 अंक की गिरावट लेकर 59727.01 अंक और निफ्टी 46.70 अंक उतरकर 17660.15 अंक पर आ गया। वैश्विक बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, पावर और यूटिलिटीज समेत चौदह समूहों में हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 159.21 अंक का गोता लगाकर 59567.80 अंक पर आ गया।

वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर पावर, यूटिलिटीज और दूरसंचार समेत दस समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 64.55 अंक की बढ़त लेकर 59632.35 अंक और निफ्टी 5.70 अंक की मामूली तेजी के साथ 17624.45 अंक पर पहुंच गया। विदेशी बाजारों के कमजोर रुझान के बावजूद स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, आईटी और टेक समेत सात समूहों में हुई लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 22.71 अंक बढ़कर 59655.06 अंक और निफ्टी 0.40 अंक की मामूली बढ़त के साथ 17624.05 अंक पर सपाट रहा।

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बीते वित्त वर्ष में 1.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई

नईदिल्ली,21 अपै्रल । हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की अदायगी से बचने की कोशिश को कर अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर नाकाम किया और 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है।

एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) के अधिकारियों ने पिछले वित्त वर्ष में कर चोरी करने वालों से 21,000 करोड़ रुपये की वसूली भी की।

अधिकारी ने कहा कि सरकार कर अनुपालन बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए डेटा विश्लेषण एवं मानवीय खुफिया सूचनाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिकारी ने कहा, डीजीसीआई अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,01,300 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है जो पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना है। वित्त वर्ष 2021-22 में डीजीसीआई ने 54,000 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया था।ÓÓ

बीते वित्त वर्ष में कर चोरी के करीब 14,000 मामले दर्ज किए गए जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 12,574 था। जीएसटी कर देने से बचने के लिए कारोबारी कर-योग्य माल एवं सेवाओं के मूल्य को घटाकर दिखाने के साथ कर छूट के गलत दावे पेश करने और इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) लेने में भी गड़बड़ी करते हैं। इसके अलावा फर्जी रसीदें जमा करने और फर्जी कंपनियों के साथ लेनदेन का ब्योरा भी दिखाया जाता है।

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विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 अरब डॉलर बढ़कर 586.4 अरब डॉलर पर

मुंबई 22 अपै्रल (एजेंसी)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में बढ़ोतरी होने से 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.7 अरब डॉलर बढ़कर 586.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 578.44 अरब डॉलर रहा था।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 14 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 2.2 अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 516.64 अरब डॉलर हो गयी। वहीं, इस अवधि में स्वर्ण भंडार 52.1 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 46.18 अरब डॉलर पर रहा।

आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 3.8 करोड़ डॉलर गिरकर 18.4 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं, इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.2 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 5.19 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

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रुपये में 12 पैसे की तेजी

मुंबई 22 अपै्रल (एजेंसी)। शेयर बाजार में जारी तेजी के साथ ही आयातकों और बैंकरों की बिकवाली की बदौलत आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 12 पैसे की तेजी लेकर 82.06 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया।

इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.18 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

शुरुआती कारोबार में रुपया दो पैसे के बढ़त लेकर 82.16 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और सत्र के दौरान बिकवाली होने से 82.06 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और अंत में इसी स्तर पर बंद भी हुआ। हालांकि लिवाली के दबाव में यह 82.19 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर पर भी रहा।

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Apple ने भारत में अपना पहला रिटेल स्टोर पेश किया, कल से जनता के लिए खुलेगा

मुंबई 18 April (एजेंसी): एप्पल ने अपने पहले ब्रांडेड खुदरा स्टोर पेश किया जो हर तरह के ग्राहकों को आकर्षित करेगा। मुंबई के चहल-पहल भरे बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के वित्तीय, कला और मनोरंजन क्षेत्र में स्थित, एप्पल बीकेसी (मंगलवार को जनता के लिए खुलेगा) जिससे ग्राहकों को कंपनी के उत्पादों और सेवाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी, असाधारण सेवा का आनंद मिलेगा और सीख सकेंगे कि एप्पल सत्रों में मुफ्त अपने उपकरणों से अधिक कैसे प्राप्त करें।

रिटेल के एप्पल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डिएड्रे ओ’ब्रायन ने कहा, एप्पल बीकेसी मुंबई की जीवंत संस्कृति का प्रतिबिंब है और कनेक्शन और समुदाय के लिए एक सुंदर, स्वागत योग्य स्थान में एप्पल के सर्वश्रेष्ठ को एक साथ लाता है। एप्पल बीकेसी मंगलवार (18 अप्रैल) से गर्मियों तक चलने वाली एप्पल सीरीज ‘मुंबई राइजिंग’ में आज एक विशेष पेशकश करेगा।

विजिटर्स स्थानीय कलाकारों और क्रिएटिव को एक साथ लाते हुए, एप्पल प्रोडक्टस और सेवाओं की विशेषता वाले ये नि:शुल्क सत्र स्थानीय समुदाय और संस्कृति का जश्न मनाने वाली गतिविधियों की पेशकश करेंगे।

एप्पल बीकेसी को दुनिया में सबसे अधिक ऊर्जा-कुशल एप्पल स्टोर स्थानों में से एक के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें एक समर्पित सौर सरणी और स्टोर संचालन के लिए जीवाश्म ईंधन पर शून्य निर्भरता है। स्टोर परिचालन रूप से कार्बन न्यूट्रल है, जो 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा पर चल रहा है। इसमें 450,000 से अधिक व्यक्तिगत लकड़ी के एलिमेंट हैं, जो सभी दिल्ली में इकट्ठे किए गए थे।

स्टोर में प्रवेश करने पर, ग्राहकों का स्वागत राजस्थान से प्राप्त दो पत्थर की दीवारों और जमीनी स्तर और कैंटिलीवर मेजेनाइन को जोड़ने वाली 14 मीटर लंबी स्टेनलेस स्टील की सीढ़ी से होता है। एप्पल बीकेसी में 100 से अधिक टीम सदस्य हैं जो सामूहिक रूप से 20 से अधिक भाषाएं बोलते हैं।

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पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर

नयी दिल्ली 17 अपै्रल (एजेंसी)।  वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें आज भी यथावत रही, जिससे दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा।

तेल विपणन करने वाली प्रमुख कंपनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन की वेबसाइट पर आज जारी दरों के अनुसार, देश में आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में इनकी कीमतों के यथावत रहने के साथ ही मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर पर रहा।

वैश्विक स्तर पर सप्ताहांत पर अमेरिकी क्रूड 0.63 प्रतिशत बढ़कर 82.68 डॉलर प्रति बैरल पर और लंदन ब्रेंट क्रूड 86.31 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।

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कंपनियों के तिमाही नतीजे का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई 17 अपै्रल (एजेंसी)। वैश्विक बाजार की तेजी से स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत चढ़े शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ ही कंपनियों के समाप्त वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के परिणाम का असर रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 548.03 अंक अर्थात 0.92 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 60431 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 228.85 अंक यानी 1.3 प्रतिशत की तेजी लेकर 17828 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 369.51 अंक की बढ़त लेकर 24720.57 अंक और स्मॉलकैप 424.24 अंक चढ़कर 28149.58 अंक पर पहुंच गया।

विश्लेषकों के अनुसार, बीते कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन दोनों मानक सूचकांकों ने लगातार नौ दिनों की बढ़त दर्ज की और अंत में उच्च स्तर पर पहुंच गया। अक्टूबर 2020 के बाद से 30 महीनों में सूचकांकों ने सबसे लंबा लाभ दर्ज किया। बाजार सात सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो 21 फरवरी 2023 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर समाप्त हुआ। सूचकांकों में तेजी का प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर और इसने उभरते बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीददारी रुचि को बढ़ावा दिया है।

स्थानीय स्तर पर मार्च में उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) फरवरी के 6.44 प्रतिशत से गिरकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण जनवरी में 5.2 प्रतिशत की तुलना में फरवरी में देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मामूली बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास अनुमान 20 आधार अंक घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। भारत का व्यापार घाटा साल-दर-साल आधार पर 19.73 अरब डॉलर के मुकाबले 18.52 अरब डॉलर रहा। इस बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के एफओएमसी की बैठक ने बैंकिंग उथल-पुथल के प्रभाव के कारण हल्की मंदी का संकेत दिया है।

घरेलू मोर्चे पर टीसीएस और इंफोसिस के तिमाही परिणाम जारी हो चुके हैं। दोनों कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे हैं। आगे कई अन्य कंपनियों के परिणाम आने वाले हैं जो फोकस में होंगे। वैश्विक बाजारों के रुख, घरेलू और वैश्विक मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव भी आने वाले सप्ताह में बाजार के रुख को तय करेंगे। आने वाले दिनों में चीन की पहली तिमाही की जीडीपी के आंकड़ों और मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों की घोषणा की जाएगी। इसका असर भी बाजार पर देखा जा सकेगा।
बीते सप्ताह शुक्रवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर अवकाश रहने से बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर से मिले

सकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर रियल्टी, तेल एवं गैस, ऑटो, पावर, यूटिलिटीज जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर सोमवार को सेंसेक्स 13.54 अंकों की तेजी के साथ 59846.51 अंक और निफ्टी 24.90 अंकों की बढ़त लेकर 17624.05 अंक पर रहा।

दुनिया के प्रमुख सूचकांकों के हरे निशान में रहने से घरेलू सतर पर यूटिलिटीज, कमोडिटी, धातु, तेल एवं गैस, पावर, बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूहों में हुयी लिवाली की बदौलत मंगलवार को शेयर बाजार में लगातार सातवें दिवस तेजी रही। सेंसेक्स 311.21 अंकों की तेजी लेकर 60157.72 अंक और निफ्टी 98.25 अंकों की बढ़त के साथ 17722.30 अंक पर पहुंच गया।

वैश्विक स्तर से मिल रहे सकारात्मक रुझान के साथ ही घरेलू स्तर पर हेल्थकेयर, ऑटो, आईटी, टेक, बैंकिंग, वित्त जैसे समूहों में जारी लिवाली के बल पर बुधवार को सेंसेक्स 235.05 अंक चढ़कर 60392.77 अंक और निफ्टी 90.10 अंक बढ़कर 17812.40 अंक पर रहा। इसी तरह वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग और रियल्टी समेत नौ समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 38.23 अंक की बढ़त लेकर 60431 अंक और निफ्टी 15.60 अंक बढ़कर 17828 अंक पर रहा।

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क्रिप्टो करेंसी पर बनेगा वैश्विक कानून! वित्त मंत्री सीतारमण की मांग पर जी20 देशों ने जताई सहमति

नई दिल्ली 15 अपै्रल (एजेंसी)। देश और दुनिया में क्रिप्टो करेंसी में बढ़ते निवेश और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चिंता जाहिर की है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की मांग पर जी20 सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर एक ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो संपत्ति से संबंधित मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है और जी20 देशों को यह सुनिश्चित करना है कि अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए इस पर गंभीरता से विचार किया जाए।

वहीं, जी20 सदस्य देशों ने कहा कि इससे न सिर्फ क्रिप्टो से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि इसका नियमन भी हो सकेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सदस्य देशों ने इस पर सहमति जताई है और जल्द ही इसे लेकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
बता दें कि आईएमएफ मुख्यालय में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के साथ क्रिप्टो एसेट्स के मैक्रोफाइनेंशियल इम्प्लिकेशन्स पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने विचार रखे।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि समूह देशों ने तत्परता के साथ इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है और जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान, क्रिप्टो संपत्ति से संबंधित मामलों पर एक ‘संश्लेषण पत्रÓ लाया जाएगा जो जिसमें विभिन्न विचारों को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जी20 के सदस्य इस बात को लेकर सहमत हैं कि क्रिप्टो संपत्तियों पर कोई भी कार्रवाई वैश्विक होनी चाहिए।

बता दें कि भारत सरकार क्रिप्टो संपत्तियों के नियमन को लेकर काम कर रही है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मांग को उठा रही है। वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठकों के अलावा निर्मला सीतारमण, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने समूह के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की एक बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में क्रिप्टो करेंसी और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में बात की गई।

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भारतीयों को PM मोदी सरकार पर अब भी भरोसा, 21 टॉप देशों में सबसे आगे

नई दिल्ली 15 April, (एजेंसी): भारत के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर भरोसा है। मार्केट रिसर्च फर्म इप्सोस ग्लोबल ट्रस्ट मॉनिटर द्वारा दुनिया के 21 टॉप 21 देशों में कराए गए सर्वे से यह बात सामने निकलकर आई है। सर्वे का मकसद यह जानना था कि इन 21 देशों के लोगों को अपनी सरकार पर कितना भरोसा है। इसमें भारत के लोगों ने सबसे अधिक अपनी सरकार पर भरोसा जताया है। यूं कहें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दुनिया की सबसे भरोसमंद सरकार बनकर उभरी है।

फर्म ने कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 21 देशों में लोगों से बात की। अधिकांश देशों में 16-74 वर्ष के बीच के लोगों से उनकी सरकार को लेकर राय मांगी गई। कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और संयुक्त राज्य अमेरिका में 18-74 वर्ष के लोगों से बात की गई। यह सर्वे बीते साल अगस्त और सीतंबर महीने में संपन्न हुआ।

इस सर्वे में सबसे अधिक शहरी लोग शामिल हुए। भारत सरकार पर 52% लोगों ने भरोसा जताया है। वहीं, यहां की आईटी कंपनियां (57%), ऊर्जा (57%), और बैंकिंग सर्विस (57%) के साथ सबसे भरोसेमंद सेक्टर बनकर उभरे हैं। हालांकि, सर्वे में लोगों ने सोशल मीडिया कंपनियों, तेल और गैस कंपनियों पर विश्वास की कमी को भी उजागर किया है।

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, “इंटरनेट पर मौजूद लोग आईटी कंपनियों पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं। इसके बाद ऊर्जा, बैंकिंग, खुदरा, फाइनेंस सेक्टर, फार्मास्यूटिकल्स, पैकेज्ड सामान, तेल और गैस कंपनियां आती हैं।”

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शेयर म्युचुअल फंड योजनाओं में 20.5 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश

मुंबई 14 अपै्रल (एजेंसी)। बाजार में अनिश्चितताओं के बावजूद देश में शेयरों निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं को निवेशकों का समर्थन जारी है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) की मार्ग 2023 की स्थिति पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार आलोच्य माह में म्यूचुअल फंड उद्योग की विभिन्न योजनाओं में 20.5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी का शुद्ध निवेश प्राप्त हुआ । फरवरी माह में इक्विटी म्यूचुअलफंड में शुद्ध पूंली प्रवाह 15 हजार 700 करोड़ रुपये के आस पास थे

एएमएफआई की रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2023 को म्यूचुअल फंड की बांड और शेयर आदि सभी योजनाओं में प्रबंधनाधीन सम्पत्ति 40,04,637.60 करोड़ रुपये के बराबार रही जिसमें फंड ऑफ फंड्स योजनाओं की 66,590.41 करोड़ रूपये की सम्पत्ति भी शामिल है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने मार्च के आकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा, एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इक्विटी (शेयर) में निवेशकों का विश्वास कायम रहा। नकारात्मक समाचारों के प्रवाह के बावजूद, निवेशकों का प्रवाह तेज बना रहा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, इक्विटी निवेशकों ने बाजार में सबसे अस्थिर समय में से एक के माध्यम से प्रवाह में मंदी की चिंताओं को खारिज कर दिया है।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष के अंत होने के कारण मार्च 2023 में निवेशकों ने कर बचत के लिए शेयर से सम्बद्ध बचत योजनाओं वाले कोषों में सकल 4.2 हजार करोड़ का निवेश किया जो फरवरी के 2.3 हजार करोड़ रुपये के सकल प्रवाह की तुलना में 84 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

श्री चतुर्वेदी ने कहा कि थीमैटिक/सेक्टोरल फंड्स में महीने दर महीने उच्चतम प्रवाह जारी है। स्मॉल कैप फंडों ने हाल के महीनों के रुझान के आधार पर प्रवाह गति प्राप्त करना जारी रखा। उन्होंने कहा, दिलचस्प बात यह है कि डिविडेंड यील्ड फंड्स ने डिविडेंड फैक्टर इंडेक्स के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाते हुए उच्चतम प्रवाह को आकर्षित किया। आलोच्य माह में हाइब्रिड फंड्स से 12.4 हजार करोड़ की शुद्ध निकासी देखी गयी।

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रुपया 35 पैसे मजबूत

मुंबई 14 अपै्रल (एजेंसी)। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी का सिलसिला समाप्त होने के अनुमान से दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के दो माह के निचले स्तर तक लुढ़कने की बदौलत आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 35 पैसे मजबूत होकर 81.76 रुपये प्रति डॉलर हो गया।

इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.11 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

कारोबार की शुरुआत में 14 पैसे की तेजी लेकर 81.97 रुपये प्रति डॉलर पर खुला रुपया सत्र के दौरान आयातकों और बैंकरों की हुई बिकवाली से समर्थन पाकर 81.76 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और इसी स्तर पर बंद भी हुआ। इस दौराल लिवाली के दबाव में यह 82.01 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर पर भी रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में मार्च में उत्पादन मूल्य में भारी गिरावट रही, जिससे उम्मीद बढ़ी है कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी का आक्रामक सिलसिला बंद होने की शुरुआत हो जाएगी। इससे दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर दो माह के निचले स्तर तक लुढ़क गया। इससे रुपये को बल मिला। इसके अलावा घरेलू शेयर बाजार में जारी तेजी से भी रुपये को समर्थन मिला है।

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औद्योगिक उत्पादन फरवरी में 5.6 प्रतिशत बढ़ा

नयी दिल्ली 13 अपै्रल (एजेंसी)। देश में फरवरी 2023 के औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इस साल जनवरी में वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत और पिछले साल फरवरी में 1.2 प्रतिशत थी।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) (आधार वर्ष 2011-12) फरवरी में 138.7 रहा। इस बार फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 5.3 प्रतिशत, खनन क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में सालाना आधार पर 8.2 प्रतिाशत की वृद्धि दर्ज की गयी ।

वित्त वर्ष 2022-23 के पहले ग्यारह माह (अप्रैल-फरवरी) में औद्योगिकी उत्पादन की वृद्धि 5.5 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इस अवधि में औद्योगिक उत्पादन 12.5 प्रतिशत बढ़ा था।

मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ, निश भट्ट ने नवीनतम आईआईपी नंबरों पर टिप्पणी करते हुए कहा, आईआईपी में फरवरी में 5.6 प्रतिशत की वद्धि का आंकड़ा उत्साहजनक है। विनिर्माण क्षेत्र की 5.3 प्रतिशत की वृद्धि अर्थव्यवस्था में गतिविधि को इंगित करती है।

अप्रैल-फरवरी 2022-23 में विनिर्माण क्षेत्र में 4.9 प्रतिशत, खनन क्षेत्र में 5.7 प्रतिशत तथा बिजली क्षेत्र में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

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खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में गिर कर 5.66 प्रतिशत के 15 माह के निम्नतम स्तर पर

नई दिल्ली 13 अपै्रल  (एजेंसी)। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में नरमी के कारण देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2023 में गिर कर 5.66 पर आ गयी। इस साल फरवरी में यह यह 6.44 प्रतिशत तथा पिछले साल मार्च में 6.95 प्रतिशत थी।

विश्लेषकों को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि पर रोक को अभी कुछ और समय तक रोके रख कर आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता देने का मौका मिलेगा।

खुदरा मुद्रास्फीति का यह ताजा आंकड़ा रिजर्व बैंक द्वारा तय सहज सीमा के भीतर है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ की ढील के साथ चार प्रतिशत के आस पार रखने की जिम्मेदारी दी गयी है।

लम्बे समय तक रिजर्व बैंक की सहज सीमा से ऊपर रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति पिछले साल के अंतिम कुछ महीनों में नीचे आ गयी थी लेकिन इस वर्ष जनवरी-फरवरी में यह फिर से छह प्रतिशत के ऊपर निकल गयी थी।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों में इस साल मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.95 प्रतिशत से घटकर 4.79 प्रतिशत रही।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने छह अप्रैल को नीतिगत रेपो दर को 6.5 पर अपरिवर्तित रखने का सर्वसममति से निर्णय किया।

इससे पहले मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए आरबीआई ने पिछले साल मई से लगातार छह बार में नितिगत ब्याज दर रेपो को कुल मिला कर 2.50 प्रतिशत ऊंचा कर दिया था।

खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ निश भट्ट ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति इस समय 15 महीने के निचले स्तर आ गयी है। यह रुझान इस वर्ष आगे मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के अनुमान को सही साबित करता है।

उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति, और सब्जियों की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति में मार्च में यह बड़ी कमी आयी है।

श्री भट्ट ने कहा, मुद्रास्फीति का ताजा आंकड़ा केंद्रीय बैंक को अगले कुछ महीनों तक ब्याज दर वृद्धि को रोके रखने में मदद करेगा।

नाइट फ्रैंक इंडिया के निदेशक अनुसंधान,विवेक राठी को उम्मीद की है कि मुद्रास्फीति में यह कमी ब्याज दरों के प्रति उदार रुख अपने के आरबीआई के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी और केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि ईंधन मुद्रास्फीति भी कम हो कर 8.9 तक आ गयी है पर ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में हाल ही में 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, ईंधन की कीमतों में वृद्धि का जोखिम बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि गैर-खाद्य और ईंधन श्रेणी पर कीमतों का दबाव स्थिर बना हुआ है। कपड़े, घरेलू सामान और सेवाओं आदि जैसी श्रेणियों में मूल्य वृद्धि लगातार उच्च बनी हुई है।

इस प्रकार, यह घरेलू खर्च करने योग्य आय को कम करता है जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता कम हो जाती है। हालांकि, थोक कीमतों में काफी गिरावट आई है जिसका फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाने की उम्मीद बनी है।

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सीतारमण ने आईएमएफ की गीता गोपीनाथ से की मुलाकात, अर्थव्यवस्था के लिए जोखिमों पर चर्चा

नई दिल्ली 12 अपै्रल (एजेंसी)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन डीसी में आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात की।

इस दौरान उन्होंने वित्तीय तनाव, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक ध्रुवीकरण के साथ-साथ चीन में लडख़ड़ाते विकास के अलावा अर्थव्यवस्था के प्रमुख जोखिमों पर मौद्रिक निकाय की चिंताओं पर बात की। यह बैठक आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठक के मौके पर हुई।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, सीतारमण ने गोपीनाथ को विश्व बैंक के साथ ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल में भारत के काम में तेजी लाने के लिए बधाई दी और बढ़ती ऋण कमजोरियों को दूर करने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली की प्रतिबद्धता को दोहराया।

सीतारमण ने साक्ष्य-आधारित नीति मार्गदर्शन विकसित करने की दिशा में इनपुट के रूप में भारत की जी20 अध्यक्षता को आईएमएफ के समर्थन की भी तारीफ की।

बैठक के बाद ट्विटर पर गोपीनाथ ने कहा, ऋण मुद्दों और क्रिप्टो संबंधित चुनौतियों पर भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत की जा रही प्रगति पर चर्चा करने के लिए आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठकों में वित्त मंत्री सीतारमण के साथ बहुत अच्छी चर्चा हुई।

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रुपया आठ पैसे टूटा

मुंबई 12 अपै्रल (एजेंसी)। दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर में रही मजबूती के दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया आठ पैसे टूटकर 82.07 रुपये प्रति डॉलर पर रहा। रुपया पिछले दिवस 81.99 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

रुपया आज छह पैसे गिरकर 82.05 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। सत्र के दौरान यह 81.95 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर तक चढ़ा लेकिन डॉलर की मांग आने से यह 82.15 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक टूटा। अंत में यह पिछले दिवस की तुलना में आठ पैसे टूटकर 82.07 रुपये प्रति डॉलर पर रहा।

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शेयर बाजार में छठे दिन तेजी जारी

मुुंबई 11 अपै्रल (एजेंसी)। वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संदेशों के साथ ही घरेलू स्तर पर रियलटी, तेल एवं गैस, ऑटो, पावर, यूटिलिटीज जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर शेयर बाजार आज लगातार छठे दिन तेजी बनाने में सफल रहा।

इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.54 अंकों की तेजी के साथ 59846.51 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 24.90 अंकों की बढ़त लेकर 17624.05 अंक पर रहा।

इस दौरान दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में लिवाली का अधिक जोर रहा जिससे बीएसई का मिडकैप 0.38 प्रतिशत की बढ़त लेकर 24443.02 अंक पर और स्मॉलकैप 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 27771 अंक पर रहा।

बीएसई में शामिल समूहों में से अधिकांश बढ़त में रहे जिसमें रियलटी 4.17 प्रतिशत, यूटिलिटीज 1.60 प्रतिशत, पावर 1.56 प्रतिशत, तेल एवं गैस 1.18 प्रतिशत, ऑटो 1.23 प्रतिशत की तेजी में रहा जबकि एफएमसीजी 0.33 प्रतिशत, वित्तीय सेवा 0.39 प्रतिशत, बैंकिंग 0.45 प्रतिशत और टेलीक्युनिकेशंस 0.32 प्रतिशत की गिरावट में रहा।

बीएसई में कुल 3781 कंपनियों में कारोबार हुआ जिसमें से 1955 हरे निशान में जबकि 1669 लाल निशान में रही। 157 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

वैश्विक स्तर पर चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.37 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर शेष सभी प्रमुख सूचकांकों में तेजी रही जिसमें ब्रिटेन का एफटीएसई 1.03 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.50 प्रतिशत, जापान का निक्केई 0.42 प्रतिशत औ हांगकांग का हैंगसेंग 0.28 प्रतिशत शामिल है।

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रुपया छह पैसे चढ़ा

मुंबई 11 अपै्रल (एजेंसी)। दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर में मामूली तेजी के बीच घरेलू स्तर पर शेयर बाजार के हरे निशान में रहने से मिले समर्थन के बल पर आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 6 पैसे की तेजी के साथ 81.96 रुपये प्रति डॉलर पर रहा।
पिछले दिवस रुपया 82.02 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।

रुपया आज 16 पैसे की मजबूती के साथ 81.86 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। सत्र के दौरान यह 82 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक टूटा। इस दौरान यह 81.76 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर तक भी चढ़ा। अंत में यह पिछले दिवस की तुलना में छह पैसे चढ़कर81.96 रुपये प्रति डॉलर पर टिका।

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