आरटीओ की कमाई के टूटे रिकॉर्ड: VIP नंबर 0001 हुआ नीलाम

देहरादून 26 Aug. (Rns/FJ): राजधानी के लोगों को महंगी गाड़ियां खरीदने के साथ वीआईपी नंबर लेने का भी शौक है। आरटीओ द्वारा नए नंबर की सीरीज जारी करने के बाद वीआईपी नंबरों की नीलामी की जाती है। इस बार महंगी गाड़ियों के मुकाबले वीआईपी नंबर ज्यादा पैसों में नीलाम हुए हैं।

देहरादून में 0001 वीआईपी नंबर 7 लाख 66 हजार रुपए में नीलाम हुआ है। साथ ही 0007 के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की बोली लगी है। बता दें कि राज्य गठन के बाद पहली बार गाड़ियों के वीआईपी नंबर के लिए सबसे अधिक बोली लगाई गई है।

बता दें कि परिवहन विभाग द्वारा गुरुवार को वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई। वीआईपी नंबरों की बोली में 0001 से 0009 तक की बोली लगाई गई। इसमें 0001 के लिए 7,66,000 रुपए, 0002 के लिए 35 हजार रुपए, 0003 के लिए 25 हजार रुपए, 0004 के लिए 26 हजार रुपए, 0005 के लिए 25 हजार रुपए की बोली लगी। स्पेशल नंबर माना जाने वाला 0007 के लिए एक लाख 11 हजार रुपए की बोली लगी। 0008 नवंबर के लिए 39 हजार रुपए दांव पर लगाए गए। 0009 के लिए 63 हजार रुपए की बोली लगाई गई।

आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि इससे पहले वीआईपी नंबर एक के लिए अधिकतम बोली 5 लाख रुपए लगाई गई थी। इससे पहले ऑनलाइन नीलामी की व्यवस्था नहीं होने पर वीआईपी नंबरों के आवंटन को लेकर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठते थे। लेकिन जब से नंबरों के आवंटन को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है, माहौल बदल गया है। ना सिर्फ नीलामी में अधिक से अधिक वाहन स्वामी हिस्सा लेते हैं, बल्कि परिवहन विभाग की आय में साल दर साल इजाफा हो रहा है।

**************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version