बीजेपी नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार, घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने के आरोप

*दिव्यांग घरेलू सहायिका से क्रूरता का आरोप*

रांची 31 Aug. (Rns/FJ): झारखंड में घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने के आरोप में बीजेपी  नेता सीमा पात्रा को अब रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने कहा कि सीमा पात्रा को हिरासत में ले लिया गया है और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। सीमा पात्रा पर उनकी घरेलू सहायिका के साथ 8 सालों तक टॉर्चर करने का आरोप लगा है। आरोप है कि पिछले 8 सालों से सीमा के घर दिव्यांग लड़की काम कर रही थी। सीमा उसके साथ मारपीट करती थी और उसे बंधक बनाकर रखा था।

अरगोड़ा पुलिस की टीम ने रांची छोड़कर फरार होने की कोशिश कर रही सीमा पात्रा को 4 बजे सुबह गिरफ्तार कर लिया है। मामला दर्ज करने के बाद से पुलिस सीमा पात्रा की तलाश में जुटी हुई थी। मंगलवर को सीमा के यहां घरेलू सहायिका का काम करने वाली सुनीता का बयान कोर्ट में दर्ज करवाया गया था।

सीमा पात्रा गिरफ्तारी के डर से फरार हो गई थी। पिछले 2 दिनों से रांची पुलिस सीमा पात्रा को जगह-जगह तलाश कर रही थी। कई बार उसके संबंधित ठिकानों पर पुलिस ने रेड भी किया था। इससे पहले मंगलवार को मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने सीमा पात्रा को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

सीमा पात्रा ने रांची के अशोक नगर स्थित अपने घर में महिला को बंधक बनाकर रहा था। सीमा पर महिला के साथ टॉर्चर करने का आरोप है। सुनीता के शरीर पर जख्मों के कई निशान देखने को मिले। उसे कई बार गरम तवे से दागा गया। सीमा के बेटे आयुष्मान के दोस्त विवेक बस्के ने ही महिला की मदद की। आयुष्मान ने ही विवेक को बताया था कि कैसे उसकी मां सीमा उनकी घरेलू सहायिका सुनीता को यातनाएं देती है। आयुष्मान ने इस बारे में विवेक को बताया तो उन्होंने पुलिस की मदद से सुनिता को आजाद करवाया। विवेक सचिवालय में कार्यरत हैं।

सुनीता नाम की महिला का वीडियो वायरल हुआ था। महिला को सीमा पात्रा ने बंधक बनाकर रखा था और लंबे वक्त से टॉर्चर कर रही थीं।  वीडियो वायरल होने के बाद सीमा पात्रा की गिरफ्तारी की मांग हो रही थी।

पुलिस ने SC/ST एक्ट और आईपीसी के तहत सीमा पात्रा पर मामला दर्ज किया था। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। उन्होंने मंगलवार को डीजीपी नीरज सिन्हा से पूछा था कि अब तक सीमा पात्रा पर घरेलू सहायिका के टॉर्चर के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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