कोलकाता 16 Oct. (Rns/FJ) : विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों की भर्ती पर कई विवादों के बाद, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) ने सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को वीडियो के माध्यम से पूरी तरह से पारदर्शी बनाने का फैसला किया है। यानी चयन प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जाएगी। राज्य के शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि लिखित परीक्षा और उसके अंकन, साक्षात्कार और उसके बाद की काउंसलिंग से शुरू होकर पूरी प्रक्रिया की वीडियो- रिकॉर्डिंग की जाएगी। डब्ल्यूबीबीपीई भर्ती प्रणाली में लगभग 100 प्रतिशत पारदर्शिता लाने के लिए इस निगरानी प्रणाली से सहमत होने वाला पहला शिक्षक भर्ती स्वायत्त निकाय है और उम्मीद है कि भविष्य में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भी इस स्पष्टता को सुनिश्चित करने के लिए इसी तरह के कदम उठा सकता है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक और डब्ल्यूबीपीईई के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और डब्ल्यूबीएसएससी के कई शीर्ष अधिकारी न्यायिक और केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में हैं। चार्जशीट में यह उल्लेख किया गया था कि ऐसे कई मामले थे जहां अपात्र उम्मीदवारों के रिक्त ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट जमा करने के बाद भी अच्छे नंबर दिए थे।
राज्य के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, एक बार भर्ती प्रक्रिया की पूरी प्रणाली की वीडियो- रिकॉर्डिंग हो जाने के बाद, भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं की कोई गुंजाइश नहीं होगी और पूरी भर्ती प्रक्रिया में 100 प्रतिशत स्पष्टता बनाए रखी जा सकती है।
दरअसल, डब्ल्यूबीबीपीई के नवनियुक्त अध्यक्ष गौतम पाल ने कुर्सी संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनकी पहली प्राथमिकता भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त बनाना होगा।
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