बंगाल मवेशी तस्करी मामला : अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ाई गई

कोलकाता 07 Sep. (Rns/FJ): यहां एक विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी, जिन्हें पशु तस्करी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था।

बुधवार को मंडल के वकील फारूक रज्जाक ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत याचिका दायर की। साथ ही उन्होंने तर्क दिया कि केंद्रीय एजेंसी आज तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है कि मंडल सीधे तौर पर पशु तस्करी घोटाले से जुड़े थे। इसलिए, इन पहलुओं के साथ-साथ उसके मुवक्किल की स्वास्थ्य स्थितियों पर विचार करके जमानत की प्रार्थना को मंजूरी दी जा सकती है।

यह देखते हुए कि इस मामले में पहले दो पूरक आरोप पत्र में मंडल का नाम नहीं था, वकील ने यह भी कहा कि हालांकि ऐसे आरोप हैं कि सीमा शुल्क विभाग और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कई समूह पशु तस्करी घोटाले में शामिल थें, केंद्रीय एजेंसियों ने इसलिए अभी तक सिर्फ बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को ही गिरफ्तार किया है।

प्रतिवाद में, सीबीआई के वकील कालीचरण मिश्रा ने तर्क दिया कि पूरी पशु तस्करी प्रक्रिया एक बड़ी साजिश थी, क्योंकि मंडल का मवेशी तस्करी के सरगना इनामुल हक से सीधा संबंध था।

वकील ने कहा कि अपराध एक राज्य से दूसरे राज्य में मवेशियों की आवाजाही नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार मवेशियों की अवैध तस्करी है।

मिश्रा ने यह भी तर्क दिया कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति मंडल ने जांच प्रक्रिया में केंद्रीय एजेंसी के साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो उनके सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की पूरी संभावना है।

सीबीआई के वकील ने जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा बरामद दस्तावेजों का एक सेट भी जमा किया, जिसमें कुछ बैंक खाते के विवरण शामिल थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने मंडल को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

*************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Exit mobile version