डिफेंस में एक और बड़ी छलांग

*35 हजार करोड़ का Export करेगा भारत*

नई दिल्ली 18 Oct. (Rns/FJ): भारत ने बीते कुछ सालों में रक्षा क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाई है और अब आने वाले सालों में इसमें और इजाफा होने की तैयारी है। भारत की ओर से अफ्रीका समेत दुनिया के कई देशों को 35,000 करोड़ रुपये तक के हथियार और ड्रोन्स आदि बेचे जाने की तैयारी है। डिफेंस एग्जिबिशन से इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन तैयारियों के बारे में जानकारी दी है।

इस प्रदर्शनी में भारत स्वदेश में बने हथियारों, उभरती तकनीकों पर अपनी रिसर्च और स्वार्म ड्रोन्स जैसे उपकरणों की ताकत दुनिया को दिखाएगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में भी भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब भारत की कोशिश है कि इन हथियारों और तकनीकों को हिंद महासागर के देशों और अफ्रीकी मुल्कों को निर्यात किया जाए।

इसी कड़ी में भारत की तैयारी है कि 2025 तक यह निर्यात 35,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा लिया जाए। अफ्रीकी देशों के अपने समकक्षों से बातचीत में जुटे राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2025 तक इस बड़े आंकड़े को हासिल किया जाए। बीते साल भी भारत ने 13,000 करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री का निर्यात किया था। डिफेंस सेक्रेटरी अजय कुमार ने कहा कि इस साल के एक्सपो में कुल 451 एग्रीमेंट्स पर साइन होने वाले हैं। इनमें प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर शामिल है।

मंगलवार को शुरू हुए एक्सपो से पहले राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक देश से आगे निकलते हुए टॉप 25 निर्यातकों में शामिल होने में सफलता पाई है।

******************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version