पीलीभीत ,06 दिसंबर(एजेंसी)। पीलीभीत में 10 साल की बच्ची की इसलिए चाकू गोदकर हत्या कर दी गई क्योंकि रेप केस में फंसे उसके चाचा को बचाना था। इस वारदात को बच्ची के चाचा, पिता और दादा ने अंजाम दिया। बच्ची का नाम अनम था और वारदात पीलीभीत के अमरिया थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में अंजाम दी गई। गंभीर रूप से घायल अनम की तीन दिसंबर को खेत में मिली थीं। उसके पेट पर चोट का गहरा जख्म था। आंतें बाहर आ गई थीं। चेहरे और हाथ पर भी चोट के निशान थे। करीब आधे घंटे तक तड़पने के बाद उसने परिवार के सामने ही दम तोड़ दिया। अनम के परिजनों ने कत्ल का आरोप रिश्तेदार शकील पर लगाया। जबकि पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची अनम के अब्बू अनीस, चाचा शादाब और दादा शहजादे ने रंजिश का बदला लेने के लिए उसकी हत्या की। इन तीनों के अलावा दो आरोपियों सलीम और नसीम को पकड़़ा गया।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि शादाब के परिवार और शकील में काफी समय से मुकदमेबाजी चल रही है, जिसमें कोर्ट ने शादाब और उसके परिवार के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसी बात से परेशान होकर उन्होंने शकील को फंसाने की योजना बनाई।
2 दिसंबर की शाम शादाब मृतका अनम को मेला दिखाने के बहाने ग्राम सौदा पट्टी ले गया था। वहां पर सभी आरोपी एकजुट हुए और बच्ची को एक बाग में ले जाकर नींद की गोली खिला दी और पराली में छुपा दिया। फिर अगली सुबह चार बजे चाकू घोंपकर हत्या कर दी। इसके बाद उसे मरा समझकर शकील के खेत में फेंक दिया। पुलिस अधीक्षक दिनेश पी ने घटना की पुष्टि की है।
साल 2019, मृतक बच्ची अनम के चाचा शादाब को गांव के पास रहने वाली एक लड़की से प्यार हो गया। बात शादी तक पहुंची तो लड़की का परिवार तैयार नहीं हुआ। बहुत कहने के बाद भी जब परिवार नहीं माना तो शादाब ने उस लड़की के साथ भाग कर शादी कर ली। लड़की पारसी समाज की थी। इसलिए लड़की के भाई शकील ने शादी का विरोध किया।
इसी बीच, शकील ने अपनी पत्नी के साथ रेप का मामला शादाब के खिलाफ दर्ज करा दिया। आरोपी चाचा शादाब ने पुलिस के सामने जुर्म कबूलते हुए कहा कि मैं और अब्बू ने पहले अनम को पत्थर से मारा। बड़े भाई अनीस ने भी बेटी के शरीर पर पत्थर से वार किया। उसके बाद हम लोगों ने उसकी जैकेट खोल दी, जिससे चाकू सही से अंदर चला जाए। पहले उसको अनीस ही मारने वाले थे, लेकिन फिर उनका दिल पसीज गया। उन्होंने मुझे चाकू दे दिया। उसके बाद कहा- मैं उधर मुंह घुमा लूं फिर तुम चाकू मारना। भाई के मुंह घुमाते ही मैंने उसके पेट में चाकू मारा फिर घुमा कर बाहर निकाल लिया। उसकी आंतें बाहर आ गईं। करीब आधे घंटे तक हम लोग वहीं उसको मरता हुआ देखते रहे। वो चिल्लाए न इसलिए अब्बू उसका गला दबाए हुए थे।
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