विपक्ष तथ्यों को जाने बिना संवेदनशील मुद्दे पर फैला रहा झूठ

नीट विवाद पर बोले शिक्षा मंत्री प्रधान

नईदिल्ली,13 जून (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को नीट यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया, परिणामों को लेकर छात्रों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन के बीच दावा किया कि इस तरह के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। प्रधान ने विपक्ष पर वार करते हुए यह भी कहा कि विपक्ष तथ्यों को जाने बिना संवेदनशील मुद्दे पर झूठ फैला रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस नेता और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक ट्वीट के जवाब में कहा,  नीट परीक्षा मामले में एनटीए माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उचित कार्यवाही करने को कटिबद्ध है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1563 विद्यार्थियों की परीक्षा दोबारा करायी जायेगी।

प्रधान ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए आगे लिखा, मैं कांग्रेस को ये याद दिलाना चाहता हूं की पेपर लीक रोकने और नकल विहीन परीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने इसी साल सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम पारित किया है जिसमें कई कड़े प्रावधान हैं। कांग्रेस इस गलतफहमी में ना रहे कि कोई भी नेक्सस पाया जाएगा तो उस पर कार्यवाही नहीं होगी। इस अधिनियम के प्रावधानों को बहुत बारीकी से अमल में लाया जाएगा।

धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कोई पेपर लीक नहीं हुआ है, अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। लगभग 1560 छात्रों के लिए कोर्ट द्वारा सुझाया गया मॉडल अपनाया गया और इसके लिए शिक्षाविदों का एक पैनल बनाया गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधान ने कहा, मैं छात्रों और उनके अभिभावकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार और उसका संस्थान एनटीए उन्हें पारदर्शी और राहत देने वाले तरीके से न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बार 24 लाख छात्रों ने सफलतापूर्वक नीट परीक्षा दी है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई को 4,750 केंद्रों पर नीट परीक्षा आयोजित की, जिसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। मूल रूप से, परिणाम 14 जून को घोषित किए जाने थे, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं के तेजी से मूल्यांकन के कारण 10 दिन पहले, यानी 4 जून को ही घोषित कर दिए गए।

इस परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने 720 का पूर्ण स्कोर हासिल किया, जो एनटीए के इतिहास में पहली बार हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र के छह छात्र उनमें शामिल थे, जिससे संभावित अनियमितताओं को लेकर चिंताएं बढ़ गई।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें नीट यूजी 2024 के नतीजों को रद्द करने और परीक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि 5 मई को हुई परीक्षा लीक पेपर और कदाचार के कारण खराब हुई थी।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 में ग्रेस मार्क्स देने वाली एनटीए के खिलाफ याचिकाओं का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने 5 मई की परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी के कारण 1,563 उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा देने की अनुमति देने के केंद्र के सुझाव को स्वीकार कर लिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा, अदालत के सामने सब कुछ खुला रहेगा। हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। हम अदालत के फैसले को स्वीकार करेंगे।

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