इंदौर,22 जून (एजेंसी)। चाय की टपरी लगाने वाले कैलाश बड़ोनिया पर 27 लाख रुपए चुकाने का दबाव बना रही बैंकों में तकरीबन 300 करोड़ के फर्जी लोन हुए हैं। 2019 में क्राइम ब्रांच की छानबीन में सामने आए इस तथ्य की पुष्टि बड़ोनिया ने भी की। उनकी मानें तो गुरवीरसिंह चावला, गुरदीपसिंह चावला और रणवीरसिंह चावला के खिलाफ तकरीबन 14 लोगों ने लोन के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जिन्हें दबाव-प्रभाव से साधा गया। इस मायने में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद है।
जिसने कमजोर छानबीन की, जिसकी बिनाह पर चावला एंड संस को जल्दी जमानत मिली। बैंक का लोन दिलाने के बहाने कैलाश बड़ोनिया को पहे आंध्रा बैंक और फिर विजया बैंक में दस्तखत कराए। फिर कहा लोन नहीं मिलेगा। दो साल बाद पता चला 27 लाख रुपए बैंम में चुाना है। इस पूरे खेल को गुरवीरसिंह चावला, गुरदीपसिंह चावला और रणवीरसिंह चावला ने आंध्रा बैंक (अब यूनियन बैंक) की मैनेजर से मिलकर अंजाम दिया। अपने गृह खेत्र के थाने (जूनी इंदौर) में सेटिंग से चावला एंड संस को क्लीन चिट मिलने की बात सामने आई थी।
इसके बाद क्राइम ब्रांच की इन्वेस्टिगेशन के आधार पर संयोगितागंज थाना क्षेत्र में मीणा व चावला एंड संस के खिलाफ केस दर्ज हुए थे। अलग-अलग फरियादियों द्वारा पांच एफआईआर 2019 में दर्ज कराई थी। दस जुलाई 2019 को मिलिंद पिता दिनकर शेंडे की शिकायत पर संयोगितागंज पुलिस ने 15 अक्टूबर 2019 को चावला एंड संस पर केस दर्ज किया था। शेंडे के नाम पर 35 लाख रुपए का होम लोन और सात लाख रुपए का कार लोन हुआ था। इसमें रामसिंह यादव और राजकुमार मीणा भी आरोपी बनाए गए थे।
मीणा फरार हो गया था। 40 हजार रुपए की इनामी राशि तय होने के बाद नौ जुलाई 2022 को गिरफ्तार हुआ था। तब क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि अल्मास बिल्डर के नाम पर फर्जी अकाउंट खोला गया चेक बुक जारी की गई। दो करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ। इससे पहले होम लोन औरा वाहन लोन के नाम पर भी बड़ा फर्जीवाड़ा बैंक में हुआ है। यह गिरफ्तारी अल्मास सॉलिसिटर निवासी खुर्शीद खान जो दुबई में रहते हुए फर्जीवाड़ा हुआ था, जिसकी शिकायत पर दर्ज एफआईआर में हुई थी। इसमें राहुल पिता महेन्द्र जैन और संजीव कानूनगो भी आरोपी थे।
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