पेपरलीक के मास्टर माइंड सारण की रिमांड अवधि नौ दिन बढ़ी

उदयपुर 27 फरवरी, (एजेंसी)। सीनियर टीचर भर्ती के पेपरलीक मामले में मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण को रिमांड अवधि और नौ दिन बढ़ाई गई है। तीन दिन की रिमांड अवधि के रिमांड अवधि खत्म होने पर पुलिस ने सोमवार दोपहर बाद उसे उदयपुर की अदालत में पेश किया, जहां सह आरोपी राजीव उपाध्याय तथा फरार आरोपी शेरसिंह के पकड़े जाने पर आमने—सामने पूछताछ के लिए उसकी रिमांड अवधि बढ़ाए जाने की मांग की थी। जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए सारण को और नौ दिन के लिए पुलिस रिमांड पर सौंप दिया, वहीं सह आरोपी राजीव उपाध्याय को भी चार दिन के रिमांड पर सौंपा है।

मामले के अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र पारीक ने बताया कि पेपर लीक मामले को लेकर जल्द ही बड़े खुलासे किए जाएंगे। फिलहाल मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण और सह आरोपी राजीव उपाध्याय को आमने—सामने पूछताछ की जरूरत है। सारण की गिरफ्तारी के बाद बीती रात ही राजीव उपाध्याय को पुलिस गिरफ्तार कर पाई थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन भी आरोपियों से पूछतार के लिए उदयपुर में बने हुए हैं।
दस टीमें शेरसिंह की तलाश में जुटी,

जिसके लिए 40 लाख में सारण ने खरीदा था पेपर

अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि पेपर लीक मामले में एक और मुख्य आरोपी चौंमू निवासी शिक्षक शेरसिंह मीणा है, जिसकी तलाश के लिए दस टीमें जुटी है। उसी के लिए सारण ने चालीस लाख में पेपर खरीदा था। वह जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही पेपरलीक का मुख्य खुलासा हो पाएगा। शेरसिंह आबू रोड के सरकारी स्कूल में हैड मास्टर है तथा पिण्डवाड़ा में रहता था। उदयपुर पुलिस की 10 टीमें आबू रोड, चौंमू, जयपुर, जालोर और आस-पास के क्षेत्रों में उसकी तलाश कर रही है। ?

बेंगलुरु से पकड़ा गया था सारण

उल्लेखनीय है कि पेपर लीक का मास्टर माइंड भूपेन्द्र को एसओजी, एटीएस और उदयपुर जिला विशेष टीम ने गत गुरुवार को बेंगलूरु से गिरफ्तार किया था। इससे पहले उदयपुर की बेकरिया थाना पुलिस ने पिछले साल 24 दिसंबर को हेमा गुड़ा (सांचोर) निवासी सरकारी स्कूल के हैड मास्टर सुरेश कुमार पुत्र जगदीश विश्नोई को शिक्षक भर्ती परीक्षा में जीके का लीक पेपर बस में अभ्यर्थियों को हल करवाते गिरफ्तार किया था। उसके साथ अन्य 57 आरोपियों को भी पकड़ा था। सुरेश विश्नोई अभी भी जेल में है। जबकि 54 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। हालांकि उनकी जमानत रद्द करने के लिए उदयपुर पुलिस ने राजस्थान हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है।

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