द कश्मीर फाइल्स 4थे सप्ताह में 250 करोड!

01.04.2022 – द कश्मीर फाइल्स निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की बहुविवादित और चर्चित फिल्म अपने 3रे सप्ताह में भी बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन कारोबार कर रही है। एसएस राजामौली की आरआरआर की दहाड़ के सामने भी इस फिल्म ने अपने पाँव को जमीन से उखडऩे नहीं दिया है। सिर्फ 12 करोड़ की लागत से बनी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स बॉक्स ऑफिस पर धमाका का रही है।

बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की कमाई लगातार जारी है। विवेक अग्निहोत्री की फिल्म वल्र्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने में कामयाब हो गई है।ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, 20वें दिन द कश्मीर फाइल्स ने 2.25 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। अब तक यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 236.28 करोड़ को जोडऩे में कामयाब हो चुकी है।

उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म अपने 4थे सप्ताह में बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ के बैंच मार्क को पार करने में सफल हो जाएगी। यदि ऐसा होता है तो यह इस वर्ष की पहली ऐसी फिल्म होगी जो इस आंकड़े को छूने में सफल होगी। अपने 3रे सप्ताह के शुक्रवार को द कश्मीर फाइल्स ने 4.50 करोड़ रुपये कमाये थे।

वहीं शनिवार को फिल्म की कमाई 7.60 करोड़ रही और रविवार को फिल्म ने 8.75 करोड़ का कारोबार किया। इसके बाद सोमवार को फिल्म सिर्फ 3.10 करोड़ रुपये कमा पाई जो उसके प्रदर्शन के पहले दिन 11 मार्च के 3.50 करोड़ से पहली बार कम कारोबार था और मंगलवार को फिल्म का कलेक्शन 2.75 करोड़ रहा। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की ये कमाई संकेत दे रही है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन फिल्म जल्द ही 250 करोड़ कमाने में कामयाब होगी। (एजेंसी)

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शौचालयों से ही समृद्धि संभव

सलाद अपने डायट में शामिल करें,सेहत को होंगे ये जबरदस्त फायदे

01.04.2022 – सलाद आमतौर पर हम कभी खाने के साथ खाते हैं लेकिन रोजाना नहीं खा पाते। कई बार तो हफ्ते गुजर जाते हैं और हम सलाद नहीं खा पाते। लेकिन आप सलाद खाने के फायदे जान जाएंगे तो रोजाना सलाद खाएंगे।*सलाद में एंजाइम्स होते हैं जो हाजमा ठीक करते हैं। खाने को पकाने से एंजाइम्स नष्ट हो जाते हैं क्योंकि 37 डिग्री पर कोई भी एंजाइम बच नहीं पाते। इसलिए फल और सलाद में ही ये एंजाइम्स बरकरार रहते हैं। ऐसे में हर मील के साथ सलाद जरूर खाएं। कम से कम सप्ताह में तीन बार सलाद जरूर खाएं।*जैसे आप बॉडी की एक्सरसाइज करते हैं वैसे ही सलाद खाने से मसूड़े और दांतों की एक्सरसाइज होती हैं जिससे ये स्वस्थ रहते हैं। जो लोग बिल्कुल भी सलाद नहीं खाते हैं उनके गम्स बिल्कुल भी मजबूत नहीं होते हैं।* सलाद में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। जब हम सलाद खाते हैं तो प्राकृतिक रूप से फाइबर खाते हैं जिससे शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती।* पाचन तंत्र के लिए भी सलाद बहुत अच्छा होता है।-इसके अलावा वजन कम करना हो तो भी सलाद खाना चाहिए। यदि आप काफी समय से हेल्दी डायट प्लान कर रहे हैं तो खाने से पहले सलाद खाएं इससे आप खुद ही फूड कम खाएंगे।-जो लोग नॉनवेज खाते हैं उनके लिए सलाद बहुत फायदेमंद हैं। दरअसल, नॉनवेज में बिल्कुल भी फाइबर नहीं होता और साथ ही नॉनवेज से एसिडिटी होती हैं। ऐसे में नॉनवेज डायट को संतुलित करने के लिए भी सलाद खाना चाहिए।* सलाद में कैल्शियम, मिनरल्स जैसी चीजें भी पाईं जाती हैं जो शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। रोजाना सलाद खाने से आप हेल्दी और फिट रहेंगे। (एजेंसी)

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ऑफिस में अगर आप को भी आलस आते है तो कैसे फिट रहे

01.04.2022 – ऑफिस में  आलस आपकी फिटनेस को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, सभी रुके हुए कामों तथा समय पर दिए जाने वाले कामों के बीच इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको अपने कार्यस्थल पर व्यायाम करने का मौका मिल सके। आलस को दूर करने के लिए कुछ हल्के-फुल्के व्यायाम कर सकते हैं इस आप को काफी आराम मिलेगा ।*चलते-फिरने रहने या सीढिय़ों पर उतरने-चढ़ते रहने की कोशिश करें।

इससे आपके पैरों की नसें काम करती रहेंगी।*अपनी एडिय़ों को उठाकर फिर इन्हें धीरे-धीरे जमीन पर वापस रखें। इससे आपके शरीर का निचला हिस्सा सामान्य रूप से काम करता रहेगा।* अपनी कुर्सी में उठते-बैठते रहने का व्यायाम करीब एक समय पर 10 बार करें। आप इसे दिन में तीन बार कर सकते हैं।* बैठे रहने के दौरान अपने पैरों के पंजों को हिलाने की कोशिश करें। हालांकि, इस दौरान आपकी एड़ी जमीन पर ही टिकी रहे।* कुर्सी पर ही बैठे रहने के दौरान अपने बाएं पैर को थोड़ा ऊपर उठाएं और इसे 90 डिग्री के कोण की तरह कुछ समय तक हवा में ही रखें, जब तक आप इसमें सहज हो सकें।* अपने कंधों को जितना हो सके, उतना ऊंचा उठाएं और इसके बाद इन्हें आगे-पीछे कर हिलाने की कोशिश करें। इस व्यायाम को दिन में लगभग 10 बार करें।* टाइपिंग करने के दौरान आपको जब भी अपनी उंगलियों में एक समय पर दर्द महसूस हो, उस दौरान अपने पंजों को खोलें और बंद करें।

यह उंगलियों के लिए काफी अच्छा व्यायाम है।* काम करते रहने के दौरान आपकी गर्दन को भी व्यायाम की जरूरत होती है। इसलिए आप अपनी गर्दन को 360 डिग्री के कोण पर घुमाएं और साथ ही नीचे-ऊपर भी करें। (एजेंसी)

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 सैनिक को बाईस वर्ष बाद सेना कोर्ट से मिली दिव्यांगता पेंशन

लखनऊ 31 March (आरएनएस) :  सैनिक को सेना कोर्ट लखनऊ ने उत्तराखण्ड के देहरादून निवासी सेना के पूर्व हवलदार देवबहादुर छेत्री मामले में भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय को चौबीस साल बाद पचास प्रतिशत दिव्यांगता पेंशन देने का आदेश दिया. मामला यह था कि याची वर्ष 1998 में लेह-लद्दाख में सेवारत था जहाँ का तापमान माईनस चालीस डिग्री के लगभग रहता है, देश की सीमा की सुरक्षा में तैनात सैनिक बर्फीले तूफान का शिकार हो गया. उसकी आँख में बर्फ लग गई जिसके कारण उसके आँख की रौशनी चली गई, दोनों आँख लगभग समाप्त हो गई, कई बार आपरेशन के बावजूद उसमें रोशनी नहीं आई उसके बाद, सेना ने सैनिक को मेडिकल आधार पर डिस्चार्ज करते हुए कहा कि कहा कि आँख खराब होने के लिए सैनिक स्वयं जिम्मेदार है न कि सेना इसलिए इसका लाभ नहीं दिया जा सकता l

सेना से इस प्रकार निकाले जाने से क्षुब्ध सैनिक ने अपने अधिकार के लिए भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय के सामने अपील कि जिसमें उसने कहा कि उसकी दोनों आँखें लगभग समाप्त हो चुकी हैं इसके बावजूद उसे दिव्यांगता पेंशन न देना गलत है लेकिन, भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय ने यह कहते हुए उसकी अपील को ख़ारिज कर दिया कि इसके लिए भारत सरकार जिम्मेदार नहीं है इसलिए दिव्यांगता पेंशन नहीं दी जा सकती, उसके बाद पीड़ित ने अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय के माध्यम से सशत्र-बल अधिकरण, लखनऊ में वाद दायर किया l

भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय के अधिवक्ता ने इतने लंबे समय बाद मुकदमें की सुनवाई करने को कानून के विरुद्ध मानते हुए न्यायालय के सामने दलील दी कि न्याय उन्हीं के लिए है जो अपने अधिकारों के प्रति सजग हों ऐसे लोगों के लिए नहीं जो लंबे समय तक उदासीन रहें l इसका विरोध करते हुए याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने दलील दी कि विपक्षी का यह तर्क कोर्ट को गुमराह करने वाला है, पेंशन के मामलों में समय सीमा की बाध्यता को प्रभावी नहीं बनाया जा सकता, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं अभयरघुनाथ कार्वे, वाईस एडमिरल (रि०) की खण्ड-पीठ ने सुनवाई के लिए वाद को स्वीकार कर लिया l

सुनवाई के दौरान विपक्षी भारत सरकार रक्षा-मंत्रालय द्वारा तर्क दिया गया कि आँख के खराब होने को सेना से नहीं जोड़ा जा सकता और याची की दिव्यांगता उस श्रेणी में नहीं आती की इसका लाभ याची को दिया जा सके इसलिए याची के वाद को जुर्माने के साथ ख़ारिज कर दिया जाए, जिसका जबर्दस्त विरोध करते हुए याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि समुद्र से करीब छः हजार फीट ऊँचाई पर माईनस चालीस डिग्री तापमान में देश की सेवा करने वाले सैनिक को यह कहना कि इस बीमारी से सेना का कोई संबंध नहीं है स्वीकार करने योग्य नहीं है, और याची को दिए गए इलाज और आपरेशन से यह साबित होता है कि उसको यह बीमारी लेह-लद्दाख जैसे दुर्गम इलाके में हुई है और, उसकी दिव्यांगता को कानूनी परिधि के बाहर बताना तर्कसंगत नहीं है.

याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय की दलीलों को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं वाईस एडमिरल (रि०) अभयरघुनाथ कार्वे की खण्ड-पीठ ने आठ प्रतिशत व्याज के साथ दिव्यांगता पेंशन देने का आदेश दिया और, निर्देशित किया कि याची का मेडिकल दुबारा कराया जाए जिससे उसकी दिव्यांगता को जाना जा सके और उस आधार पर उसे आगे पेंशन दी जा सके l

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सरकार ने चिराग पासवान से खाली कराया बंगला 

नई दिल्ली, 31 मार्च (आरएनएस)। सरकार ने चिराग पासवान से उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले को खाली कर लिया गया है। इससे पहले उन्हें पिछले साल जारी किए गए निष्कासन आदेश को अमल में लाने के लिए सरकारी टीम यहां भेजी गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की टीम के वहां पर पहुंची, जिसके तुरंत बाद लुटियंस दिल्ली में जनपथ स्थित बंगले से फर्नीचर और घरेलू सामान ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के आधिकारिक पते 12 जनपथ बंगले से सामान लदे दो ट्रक बाहर निकले, जबकि तीन और बंगले के सामने खड़े थे। अधिकारियों ने कहा कि बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए रखा गया है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है।

पार्टी बैठकों के लिए हो रहा था बंगले का इस्तेमाल

इस बंगले का उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था। देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक राम विलास पासवान का अक्टूबर 2020 में 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह केंद्र की कई सरकारों में 1989 से मंत्री रहे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच मतभेदों के चलते लोजपा दो धड़ों विभाजित हो गई। दोनों लोजपा के नेतृत्व के लिए अड़े हुए हैं। अकेले चिराग पासवान ही अब लोजपा का हिस्सा हैं। इसके अलावा पिता के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्हें करारा झटका लगा था। इस चुनाव में वह भाजपा से अलग होकर लड़े थे और एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाए थे।

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सुप्रीम कोर्ट ने वन्नियार जाति को मिलेआरक्षण को किया खारिज

नई दिल्ली,31 मार्च (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के वन्नियार समुदाय को दिए गए 10.5 फीसदी के आरक्षण को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी समुदाय को आरक्षण देने के लिए जाति ही एकमात्र आधार नहीं हो सकती है। वन्नियार समुदाय को तमिलनाडु में मोस्ट बैकवर्ड कम्युनिटी माना जाता है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने मद्रास हाई कोर्ट के 1 नवंबर को दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार और पीएमके ने याचिका दायर की थी।

जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि 2021 में तमिलनाडु सरकार की ओर से बनाया गया यह कानून संविधान की शक्तियों का बेजा इस्तेमाल है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई आधार नहीं बनता है कि वन्नियार समुदाय को अलग श्रेणी में रखा जाए। फरवरी 2021 में वन्नियार समुदाय को मोस्ट बैकवर्ड कम्युनिटी घोषित करते हुए तमिलनाडु विधानसभा में 10.5 फीसदी आरक्षण देने का कानून पारित किया गया था। यह कोटा एमबीसी के लिए तय 20 फीसदी आरक्षण में से ही दिया जाना था। इस फैसले के तुरंत बाद इसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। तब शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया था कि इस बारे में हाई कोर्ट फैसला देगा।

हाई कोर्ट ने आरक्षण को खारिज कर दिया था और फिर उसके आदेश को चुनौती दिए जाने पर शीर्ष अदालत ने भी उसके फैसले को सही करार दिया है। हाई कोर्ट ने बीते साल अपने फैसले में कहा था कि एआईएडीएमके सरकार की ओर से वन्नियार समुदाय को दिए गए 10.5 फीसदी आरक्षण का कोई आधार नहीं बनता है। अदालत ने कहा था कि यह आरक्षण देने के लिए ऐ्सा कोई डेटा नहीं है, जो यह साबित करता हो कि वन्नियार समुदाय अति पिछड़े वर्ग में हैं। इसके बाद तमिलनाडु सरकार और पीएमके ने हाई कोर्ट के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

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राज्यसभा(संसद के उच्च सदन) से 72 सदस्य रिटायर

नई दिल्ली,31 मार्च (आरएनएस)।राज्यसभा(संसद के उच्च सदन) से 72 सदस्य रिटायर आनंद शर्मा, स्वामी समेत 72 सांसद राज्यसभा से रिटायर, पीएम मोदी बोले- अनुभवियों के जाने की कमी हमेशा खलेगी.  संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज 12वां दिन है। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज राज्यसभा की 13 सीटों पर चुनाव होगा। ये 13 सीटें छह राज्यों की हैं, जिनमें पंजाब (5 सीट), केरल (3 सीट), असम (दो सीट) और हिमाचल प्रदेश, नागालैंड और त्रिपुरा की एक-एक सीट शामिल है। वोटिंग और इनकी गिनती आज ही संपन्न हो जाएगी। फिलहाल की बात करें तो 245 में से 97 राज्यसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है।

गौर हो कि संसद के उच्च सदन राज्यसभा से 72 सदस्य रिटायर हो रहे हैं। आज राज्यसभा उनके कार्यों और योगदान को याद कर रही है। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी कई सदस्यों का जिक्र करते हुए उनके कार्यों और उनकी उपस्थिति की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज इन सदस्यों को विदाई देंगे। आज सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा जिससे विभिन्न दलों के नेता और सदस्य इस अवसर पर बोल सकें।

अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, ए. के. एंटनी, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, एम. सी. मैरी कॉम और स्वप्न दासगुप्ता शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एम. जे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी. विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में समाप्त होगा। जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और के. जे. अल्फोंस शामिल हैं।

कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं को फिर से नामित किया जाएगा वहीं कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पुन: नामित किए जाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनमें से कई सदस्य जी-23 में शामिल हैं जो पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं।

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दादा साहेब फाल्के अवार्ड समारोह 4 मई को

30.03.2022 – दादा साहेब फाल्के अवार्ड (भारतीय फिल्मों के पितामह दादा साहेब फाल्के के स्मृति में) कृष्णा चौहान फाउंडेशन के द्वारा (2022) समारोह अंधेरी (मुम्बई) स्थित मेयर हॉल में 4 मई को आयोजित होगा। इस बात की जानकारी फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कृष्णा चौहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है। डॉ कृष्णा चौहान न केवल बतौर फिल्म निर्देशक व समाज सेवक कर्मपथ पर अग्रसर हैं बल्कि अवार्ड्स फंक्शन करने के मामले में सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाले पर्सनाल्टी के रूप में जाने जाते हैं ।

डॉ कृष्णा चौहान अपने फाउंडेशन के बैैैनर तले कई अवार्ड्स शो का आयोजन करते हैं। ‘केसीएफ’ के अंतर्गत बॉलीवुड लीजेंड अवार्ड, बॉलीवुड आइकोनिक अवॉर्ड और लीजेंड दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड का आयोजन सन 2019 से किया जा रहा है। इसके अलावा केसीएफ के द्वारा समाज सेवा, भोजन वितरण और भगवद गीता का वितरण किया जाता है। अभी हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर डॉ कृष्णा चौहान द्वारा ‘मिस एंड मिसेज इंडिया व नारी शक्ति सम्मान 2022’ का सफल आयोजन किया गया था।

इस अवार्ड समारोह के बाद डॉ कृष्णा चौहान 4 मई 2022 को अपने जन्मदिवस पर लीजेंड दादा साहेब फाल्के अवार्ड (2022) समारोह का भव्य आयोजन करने जा रहे हैं। इस समारोह में भारतीय फिल्मों और उसकी तरक्की में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस बार भी बॉलीवुड के कई नामचीन शख्सियत इस समारोह में शिरकत करेंगे। गोरखपुर (यूपी) के मूल निवासी डॉ कृष्णा चौहान पिछले 20 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। इन्होंने अपना फिल्मी सफर बतौर सहयक निर्देशक शुरू किया था।

एक शार्ट फिल्म के लिए डॉ कृष्णा चौहान को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड भी मिल चुका है। इन्होंने कई एड फिल्म्स, म्यूजिक वीडियो बनाया है और अब हिंदी फ़ीचर फिल्म ‘आत्मा डॉट कॉम’ भी बनाने जा रहे हैं। यह एक हॉरर थ्रिलर फ़िल्म है, जिसके लेखक गाज़ी मोइन हैं। डॉ कृष्णा चौहान के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म के डीओपी पप्पू के शेट्टी हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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ऑटिज़्म बच्चे अलग हैं कम नहीं

रांची। 30.03.2022 – ऑटिज्म डे पर विशेष बच्चों के लिए होगी जागरूकता कार्यक्रम वर्ल्ड ऑटिज्म डे 2 अप्रैल को दुनिया भर में मनाई जाएगी ।इस मौके पर 1 दिन पूर्व एक अप्रैल को रांची प्रेस क्लब में ऑटिज्म डे कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को द रांची प्रेस क्लब और डॉक्टर राजीव कुमार होम्योपैथ विशेषज्ञ व वाईबीएन यूनिवर्सिटी के रामजी यादव के संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन किया  गया।

इस मौके पर डॉ राजीव ने कहा कि ऑटिज्म एक ऐसी बीमारी है जो मानसिक ,शारीरिक रूप से एक से डेढ़ साल के बच्चों में पाया जाता है । यह बीमारी तेजी के साथ झारखंड में भी बढ़ रहा है । इसके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजन प्रेस क्लब के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा हैं, इसमें पत्रकारों और फिर मेरे यहां भी कई विशेष बच्चे हैं जिसका ईलाज चल रहा है,बहुत बच्चे स्वस्थ भी हुए हैं वैसे बच्चों को भी इस कैंप में बुलाया गया है।

राजीव ने कहा कि रांची के विभिन्न क्षेत्रों में ऑटिज्म पार्क की व्यवस्था की भी राज्य सरकार से मांग कर रहें हैं। वही वाईबीएन के रामजी यादव ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए और मेरा भी यूनिवर्सिटी में इस तरह के बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है । जहां कहीं भी मेरी जरूरत पड़ेगी हम वहां पर सहयोग करेंगे ।

द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि ऑटिज्म एक ऐसी बीमारी है जिससे ना सिर्फ बच्चे बल्कि मां बाप भी परेशान रहते हैं । इस बीमारी से बच्चे के साथ-साथ परिवार को भी बचाना सामाजिक दायित्व है । हम सब मिलकर इस पर पहल करें। हमारे बीच ऐसे पत्रकार हैं जिनके बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं , वे भी अपने बच्चे को लेकर आएं और डॉक्टर राजीव के भी संपर्क में जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं, वह भी इस कैंप में आएंगे। इस मौके पर डॉ राजीव ,वाईवीएन के रामजी यादव ,रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र व सदस्य परवेज कुरेशी उपस्थित थे।

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सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़त महिला से विवाह करने पर रेप के आरोपी को बरी किया

नई दिल्ली,30 मार्च (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत मिली असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीडि़त महिला से विवाह करने पर रेप के आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत चल रहा अभियोजन समाप्त कर दिया। जस्टिस विनीत शरण की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश आरोपी जतिन अग्रवाल की विशेष अनुमति याचिका पर कोर्ट ने कहा कि यह सत्यापित हो गया है कि महिला के साथ आरोपी ने 23 सितंबर 2020 को विवाह कर लिया है। वह खुशी से उसके साथ रह रही है।

कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उससे बात की और वकील से उसकी पहचान करवाई और विवाह प्रमाणपत्र भी देखा। अभियुक्त पीडि़त से ऑनलाइन वेब पोर्टल भारत मैट्रीमोनी पर मिला था और उसके बाद दोस्ती कर उसने उसे शादी का वादा किया। इसके बाद वह कई दिनों साथ रहे, लेकिन बाद में वह मुकर गया। इस पर महिला ने उसके के खिलाफ धारा 417, 420 और 376 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई। इसके बाद दोनों में समझौता हो गया और आरोपी ने पीडि़त से विवाह कर लिया।

आरोपी ने रेप का अभियोजन रद्द करने के लिए धारा 482 के तहत तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दायर की लेकिन हाईकोर्ट ने केस समाप्त करने से इनकार कर दिया। इस आदेश को उसने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

विवाह करने के बाद रेप के आरोप रद्द करने पर बहुत असमंजस की स्थिति है। कानून के अनुसार रेप का आरोप गंभीर, संज्ञेय और गैजमानती अपराधों की श्रेणी में आता है। अदालत में रेप सिद्ध होने पर कम से कम सात वर्ष की सजा का प्रावधान है। सीआरपीसी की धारा 320 के तहत ऐसे केसों में आरोप समाप्त नहीं किए जा सकते जो अपराध समाज के खिलाफ माने गए हैं और जिनमें सात साल या उससे ज्यादा के कारावास की सजा प्रावधान है। प्ली बारगेनिंग (समझौता/मुआवजा) में भी इन अपराधों को शामिल नहीं किया गया है।

हाईकोर्ट को भी यह अधिकार नहीं है कि वह ऐसे अपराधों में समझौता होने पर उन्हें समाप्त कर सके। यह असाधारण अधिकार सुप्रीम कोर्ट को ही है कि वह अनुच्छेद-142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए कोई भी आदेश दे सकता है।

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2 करोड़ घरों पर महिलाओं को मालिकाना हक मिला है-प्रधानमंत्री

छतरपुर,29 मार्च (आरएनएस)। 2 करोड़ घरों पर महिलाओं को मालिकाना हक मिला है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज मध्यप्रदेश के सवा 5 लाख गरीबों को उनके सपनों का पक्का घर मिला है। कुछ ही दिनों में नव विक्रम संवत्सर 2079 प्रारंभ होने जा रहा है। नव वर्ष पर नवगृह प्रवेश मंगलकारी है। ये प्रधानमंत्री आवास सशक्त होते गरीब, नारी सशक्तिरकरण एवं ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था की मजबूती की पहचान बनेंगे। इनसे गाँवों में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से देश में 2 करोड़ घरों पर महिलाओं को मालिकाना हक मिला है। पक्के आवास के साथ ही उन्हें शौचालय, बिजली, एलईडी बल्ब, गैस एवं नल कनेक्शन भी मिले हैं। यह आर्थिक फैसलों में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करेगा। दुनिया की यूनिवर्सिटीज में यह केस स्टडी का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी आज मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित 5 लाख 21 हजार आवासों में हितग्राहियों के गृह-प्रवेशम कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छतरपुर जिले से कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में गरीबी दूर करने के नारे तो बहुत लगाये गये परंतु जो कार्य होना था, वह नहीं हुआ। अब सरकार के ईमानदार प्रयासों एवं गरीबों के सहयोग से गरीबी परास्त हो रही है। सबका साथ-सबका विकास हो रहा है। केन्द्र और राज्य मिलकर गरीबी दूर करने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री आवास के माध्यम से महिलाएँ लखपति हो रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आवास गरीबी दूर करने की पहली सीढ़ी है। ये गाँवों एवं गरीब को विश्वास देने की सरकार की प्रतिबद्धता के प्रतीक है। जब गरीब पक्की छत के नीचे सोयेगा, तब वह निश्चिंत होकर अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य कार्यों पर ध्यान दे पाएगा। हमारी सरकार देश में ढ़ाई करोड़ गरीब परिवारों को पक्का आवास दे चुकी है, जिनमें 2 आवास करोड़ ग्रामीण क्षेत्र में घर हैं। मध्यप्रदेश में 30 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें 24 लाख से अधिक पूर्ण हो गये हैं। प्रदेश में बैगा, सहरिया एवं भारिया जैसी पिछड़ी जनजातियों को भी पक्के घर मिल गये हैं, जिन्होंने पक्के आवास के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। इसके लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी सरकार बधाई के पात्र हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में महिलाओं की परेशानी दूर करते हुए 6 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से जल पहुँचाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आज 50 लाख परिवारों तक पाइप से पानी पहुँचाने के पड़ाव के बहुत निकट है। हम हर ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से पेयजल पहुँचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन गरीबों को अभी पक्का घर नहीं मिला है, वे आशवस्त रहें, सभी को शीघ्र की पक्का घर मिलेगा। देश में इस वर्ष 80 लाख पक्के घर बनाये जाने के लिये राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें मध्यप्रदेश के भी लाखों परिवारों को लाभ होना तय है। अब तक इस योजना में सवा 2 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किये जा चुके हैं। सरकार गरीबों के सुख-दुख की साथी है, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। कोरोना काल में भी विकास कार्य जारी रहे। सरकार गरीबों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। उन्हें मुफ्त वैक्सीन, मुफ्त राशन दिलवाया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी 6 माह के लिये बढ़ा दिया गया है। आज पूरी दुनिया लड़ाई के मैदान में उतरी हुई है, उसके कारण भी अनेक प्रकार की आर्थिक व्यवस्थाओं पर नया संकट पैदा होता जा रहा है। युद्ध ने आज अर्थ-व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डाला है परंतु भारत के नागरिकों पर इसका असर न पड़े, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को समर्पित है, दिन-रात उनके लिये काम करती है। हमारा उद्देश्य है कि सरकार की हर योजना शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों तक और उनके घर तक पहुँचे। हमारी नियत एवं नीति आखरी पंक्ति के व्यक्ति तक को लाभ देने की है। राशन योजना में 4 करोड़ ऐसे व्यक्तियों के नाम हटाये गये, जो फर्जी तरीके से जुड़ गये थे। गरीबों का हक छीन रहे थे। राशन की चोरी रोकने के लिये राशन दुकानों पर आधुनिक मशीन लगायी गयी हैं। फर्जी खेल बंद कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को केवल खेती तक ही सीमित नहीं रखेंगे। गाँवों के समग्र विकास की हमारी नीति है। गाँव एवं जमीन पर आर्थिक गतिविधियाँ सीमित नहीं रहेंगी। खेती में ड्रोन तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। हमारी सरकार स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्राम वासियों को उनकी संपत्तियों का स्वामित्व दे रही है। मध्यप्रदेश में 50 हजार से अधिक गाँवों का सर्वे किया गया है तथा 3 लाख व्यक्तियों को स्वामित्व अधिकार सौंपे जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनाज की सरकारी खरीद में मध्यप्रदेश में अद्भुत कार्य हुआ है। इस कार्य में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 90 लाख छोटे किसानों को 13 हजार करोड़ से अधिक की राशि छोटे-छोटे खर्चों के लिये दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा यह कर्त्तव्य है कि हम आने वाली पीढ़ी को कुछ देकर जाएँ तथा उनके लिये प्रेरणा बनें। इसके लिये हम सब यह संकल्प लें कि अगले प्रतिपदा तक देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाये जायें। ये तालाब नये हों तथा बड़े हों। इनके निर्माण में मनरेगा योजना का लाभ लिया जा सकता है। यह पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को नव संवत्सर की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों के मसीहा हैं। गरीबों के जीवन में नया सवेरा लेकर आये प्रधानमंत्री मोदी ने आज प्रदेश के सवा पाँच लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश करवाया है। सभी गरीबों का अपना पक्का आवास हो, इसके लिये मध्यप्रदेश में अगले वर्ष के बजट में 10 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2024-25 तक कोई भी गरीब झोपड़ी में नहीं रहेगा, सबका पक्का मकान होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार हर गरीब को पक्का मकान दिलाएगी। आगामी 3 वर्षों तक प्रदेश में 10-10 लाख पक्के मकान बनाये जायेंगे। मकान के साथ ही शौचालय, रसोई गैस, बिजली कनेक्शन और पेयजल भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 44 हजार करोड़ रूपये की केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश को बहुत बड़ी सौगात दी है। यह योजना बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर एवं तकदीर बदल देगी। इससे 20 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा 41 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा। उन्होंने इस परियोजना की स्वीकृति के लिये प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया तथा प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें परियोजना के शिलान्यास के लिये मध्यप्रदेश पधारने का निमंत्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति संसाधन सभी के लिये हैं। प्रदेश में हर गरीब को उसका हक दिलावाया जाएगा। हमारी सरकार सबसे पहले गरीबों की सरकार है। प्रदेश में हर गरीब को रोटी, मकान, दवाई, पढ़ाई एवं रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि सिंतबर माह तक बढ़ा दी है। अब गरीब परिवारों को प्रति व्यक्ति सितंबर माह तक 5 किलो राशन नि:शुल्क मिलेगा। साथ ही मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में एक रूपये किलो की दर पर 5 किलो प्रति व्यक्ति राशन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर रही है। उच्च शिक्षा में प्रोफेशनल कोर्सेस के लिये भी सरकार फीस दे रही है। गरीबों को आयुष्मान योजना से एक वर्ष में 5 लाख रूपये तक निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जा रही है। हर व्यक्ति को रोजगार भी सुनिश्चित किया जा रहा है। हर माह प्रत्येक जिले में रोजगार दिवस मनाया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में व्यक्तियों को रोजगार, स्व-रोजगार के अवसर प्रदान किये जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन-समुदाय से अपील की कि वे प्रति वर्ष एक दिन अपने गाँव और शहर का गौरव दिवस मनायें। इस दिन सरकार एवं जनता मिलकर अपने क्षेत्र को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि महाराजा छत्रसाल की जयंती 2 जून को छतरपुर जिले का गौरव दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में आगामी गुड़ी-पड़वा तक 75 अमृत सरोवर बनाये जाएंगे। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस महत्वपूर्ण कार्य में सहभागी बने। साथ ही 12 से 14 वर्ष के बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन करवाना भी सुनिश्चित करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रारंभ में पीएम आवास योजना में 5 लाख 21 हजार हितग्राहियों को वर्चुअली गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री चौहान ने 56 करोड़ 60 लाख रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। इनमें 33 करोड़ 26 लाख के लोकार्पण तथा 23 करोड़ 34 लाख के भूमि-पूजन शामिल हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री चौहान ने कन्या-पूजन के साथ किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रदेश में प्रगति पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री गिरीराज सिंह, केन्द्रीय स्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र खटीक, केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग (स्वतंत्र प्रभार) ,पंचायत और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल सहित जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश के मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्य अपने-अपने प्रभार के जिलों से वर्चुअली जुड़े।

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शोख़ चंचल हसीन अदाकारा कात्यायनी शर्मा

29.03.2022 – शोख़ चंचल हसीन अदाकारा कात्यायनी शर्मा जो ज़ी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक ‘दो सहेलियां किस्मत की कठपुतलियां’ में मीरा का किरदार और बालाजी के धारावाहिक ‘करम अपना अपना’ में मुख्य भूमिका निभाने के बाद  इन दिनों बॉलीवुड में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बचपन से ही अभिनय के प्रति रुचि रहने की वजह से अमृतसर (पंजाब) की गलियों से निकल कर दिल्ली पहुँची जहां इन्होंने टीचिंग और मॉडलिंग का काम किया।

दिल्ली में बात बनता न देख कात्यायनी शर्मा ने मुम्बई को अपने फिल्मी करियर का केंद्र बिंदु बनाया। मुंबई में इन्होंने कई शॉर्ट फिल्म, विज्ञापन, फिल्मों और धारावाहिको में काम किया। सावधान इंडिया और क्राइम पेट्रोल के कई भाग में इन्होंने काम किया है। इसके बाद इन्होंने साउथ की ओर अपना रुख किया। दक्षिण भारत में किस्मत ने इनका भरपूर साथ दिया और उन्हें कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम करने का मौका मिला। फ़िल्म ‘ट्रैप’ में ब्रम्हा के साथ इन्हें काम करने का मौका मिला।

यह फ़िल्म और इनका स्वयं के द्वारा निभाया किरदार इन्हें बेहद पसंद है। कात्यायनी ने तमिल फिल्म ‘पार्वतीपुरम’ में मुख्य भूमिका निभाया। जिसे हिंदी में डब किया गया और इस फ़िल्म का नाम ‘शिवशक्ति’ रखा गया। अभिनेता श्रीहरि के साथ इन्होंने फ़िल्म ‘शिवकेशव’ मुख्य भूमिका में काम किया। फ़िल्म अभिनेत्री रश्मिका मंदना का अभिनय इन्हें पसंद है। अभिनेता में नागार्जुन, अल्लुअर्जुन इनके पसंदीदा अभिनेता है और भविष्य में इनके साथ काम करना इनकी ख्वाहिश है। अभिनेता गोविंद नामदेव का भी ये बहुत सम्मान करती है।

अभिनय क्षेत्र में जब इनकी शुरुआत हुई तो गोविंद नामदेव के सानिध्य में अभिनय की बारीकियां सीखने का इन्हें मौका मिला। हिंदी फिल्म ‘कॉलेज कैम्पस’ और ‘लव क्रॉस’ में वह अपने अभिनय का जादू बिखेर चुकी है। अभिनय के क्षेत्र में कात्यायनी हर प्रकार का चैलेंजिंग किरदार निभाना चाहती है।

कात्यायनी ने दो वेब सीरीज़ में भी अभिनय किया है।

कोविड के कारण उनकी कई फिल्मों का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया था परंतु फ़िलवक्त उन सभी फिल्मों का निर्माण कार्य प्रगति की ओर अग्रसर है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

 

एक्शन मोड में क्यों दिखने लगे- शिवराज, कमल और कैलाश

अरुण पटेल – एक्शन मोड में इन दिनों पूरी तरह से हैं  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  और सतपुड़ा सुंदरी पचमढ़ी की सुरम्य वादियों में दो दिन अपने मंत्रि-मंडलीय सहयोगियों के साथ चिंतन कर 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए एक ऐसा मंत्र तलाशेंगे जिसके सहारे प्रदेश फिर से भाजपा के अजेय गढ़ में तब्दील हो जाए जो कि 2018 में मामूली अन्तर से ढह गया था। पचमढ़ी में चिंतन-मनन के बाद निश्चित तौर पर शिवराज कुछ और नवाचार करेंगे तथा इस बार उनका सारा ध्यान इस बात पर रहेगा कि हरिजनों, आदिवासियों, महिलाओं व समाज के कमजोर वर्गों सहित जिस भी वर्ग के लिए योजनायें बनाई जा रही हैं

उनका क्रियान्वयन धरातल पर हो और इसमें किसी भी तरह की कोताही वे सहन करने वाले नहीं है। मंथन के बाद शिवराज एक ऐसे रुप में नजर आयेंगे जो माफियाओं, अपराधियों, निहित स्वार्थी तत्वों पर कहर बनकर टूटेंगे और इसमें आड़े आने वाली नौकरशाही को भी सहन नहीं करेंगे। अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर अपने नागरिक अभिनंदन के अवसर पर उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि राज्य शासन के ऊपर कोई दबंग नहीं जा सकता और उसे कुचल देंगे।

अपनी तथा कमलनाथ की कांग्रेस सरकार का अन्तर स्पष्ट करते हुए शिवराज का कहना है कि हमारी सरकार मिशन की सरकार है और कमलनाथ की सरकार कमीशन की सरकार थी। दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की चर्चा करते हुए बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब सड़क में गड्ढा था या गड्ढ़े में सड़क समझ में ही नहीं आता था, बिजली आती ही नहीं थी यह आम बाती थी, आज दो घंटे के लिए बिजली चली जाए तो वह बड़ी खबर बन जाती है।

कमलनाथ दादा तो पैसे छोड़कर ही नहीं गये थे लेकिन चाह होती है वहां राह निकालनी पड़ती है और हमने गरीबों को सुविधा देने में पैसों की कमी नहीं आने दी।

शिवराज चाहते हैं कि हितग्राहियों का एक ऐसा वर्ग बने जो यह महसूस करे कि सरकार उनके लिए काफी कुछ कर रही है और क्रियान्वयन इस ढंग से हो कि लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली जो योजनायें है उससे न केवल वे लाभान्वित हों बल्कि भाजपा के लिए एक मजबूत वोट बैंक भी तैयार हो। राज्य में कांग्रेस एवं भाजपा के बीच मत प्रतिशत का बहुत बारीक-सा अन्तर है और इसी अन्तर को बढ़ाकर भाजपा का मत प्रतिशत किस प्रकार 51 प्रतिशत किया जाए वही इस चिंतन का केंद्रीय बिन्दु होगा।

भांजे-भांजियों के मामा के रुप में सामाजिक रिश्ते जोडऩे वाले शिवराज की छवि अब एक सख्त प्रषासक के रुप में उभर रही है तथा मामा से लेकर अब उनकी छवि बुलडोजर मामा की गढ़ी जा रही है, जिसकी शुरुआत राजधानी भोपाल के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने प्रारंभ कर दी है। शिवराज सिंह चौहान के पुन: मध्यप्रदेश की कमान संभालने के बाद दो साल पूरे हो गये हैं और इसके साथ ही उनके पुराने कार्यकाल को मिलाकर वह भाजपा के सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बना चुके हैं।

दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही कोरोना महामारी की चपेट में देश के साथ ही प्रदेश भी आ गया था और यह समय उनके नेतृत्व के लिए परीक्षा की घड़ी था जिसका उन्होंने सफलतापूर्वक सामना किया और ऐसे कोई हालात पैदा नहीं हुए जैसी दुश्वारियां अन्य राज्यों में देखी गयीं। न तो आक्सीजन की कमी हुई और न ही मरीजों में किसी प्रकार की अफरा-तफरी थी। दवाइयां और इंजेक्शन का भी समय रहते प्रबंध किया गया। लेकिन इस अवधि में भी उन्होंने विकास की गति अवरुद्ध नहीं होने दी।

शिवराज सरकार ने पिछले दो वर्षों में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहायता किसानों को दी तथा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के तहत 10 लाख से अधिक आवास बनाये गये। केन-बेतवा लिंक परियोजना जिससे 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी और अटल प्रगति पथ 313 किलोमीटर की योजनायें स्वीकृत हुईं। ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों के लगभग 9 लाख सदस्यों को आर्थिक गतिविधियों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये गये।

इसी अवधि में 8 हजार 276 करोड़ रुपये की लागत से 5 हजार 322 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण भी हुआ। अपने इस दो साल के कार्यकाल में शिवराज काफी बदले-बदले नजर आ रहे हैं और उन्होंने अपनी छवि एक सख्त प्रशासक की गढ़ ली है और अब जहां एक और नौकरशाही को भी नियंत्रित कर रहे हैं तो वहीं माफियाओं के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रखी है और उन्हें नेस्तनाबूद करने की दिशा में कदम उठाते हुए 21 हजार एकड़ से अधिक शासकीय भूमि अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है।

कमलनाथ की नजर में शिवराज के दो साल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की नजर में शिवराज सरकार के दो वर्षों में प्रदेश विकास की दृष्टि से आगे बढऩे की बजाय हर दृष्टि से पीछे ही गया है। कमलनाथ का आरोप है कि इस अवधि में किसी वर्ग का भला नहीं हुआ बल्कि हर वर्ग परेशान ही हुआ है। इन दो वर्षों में सिर्फ इवेन्ट आयोजनों के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम जमकर हुआ है। उनका आरोप है कि उनकी सरकार के जाते और शिवराज सरकार के आते हमने प्रदेश में कोरोना काल में सरकार का कुप्रबंधन देखा है कि किस प्रकार हजारों लोगों की इलाज, बेड, अस्पताल, आक्सीजन, जीवन रक्षक दवाइयों के अभाव में मौतें हुई हैं। कोरोना के संकटकाल में भी सरकार लोगों को बचाने की बजाय सत्याग्रह पर बैठने, रथ पर सवार होकर घूमने, गोले बनाने जैसे इवेन्ट करती नजर आई है। सबसे ज्यादा परेशान किसान हुआ है और उसे अभी तक अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिल सका है, और यदि कुछ मिला है तो तो फिर केवल कोरे आश्वासन और भाषण। और यह भी

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा। पार्टी ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है अभी तो उन्हीं का चेहरा है और वे अच्छा काम कर रहे हैं। यूपी में बुलडोजर बाबा के रूप में योगी आदित्यनाथ की ख्याति के बाद शिवराज को बुलडोजर मामा प्रोजेक्ट किए जाने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में काफी पहले से बुलडोजर चल रहा है।

उनका कहना था कि शिवराज ने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड कायम किया है और आज भी वे लोकप्रिय हैं। बच्चों के बीच मामा के नाम से जाने जाते हैं। उमा भारती और बाबूलाल गौर ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश के विकास की नींव रखी थी उसके बाद शिवराज के नेतृत्व में एक बड़ी विकास की इमारत प्रदेश में बनाई गई है। चुनावी राजनीति में वापसी के सवाल पर कैलाश ने दोटूक शब्दों में कहा कि इस मामले में हमारा नेतृत्व फैसला करता है, संगठन का काम करने को कहा गया है वह मैं कर रहा हूं।

मैं स्वयं अपने बारे में निर्णय नहीं लेता। राजनीति में जितना आगे बढ़ जाओ उतना ग्लैमर बढ़ता जाता है लेकिन जनप्रतिनिधि के रुप में उनका सबसे अच्छा कार्यकाल तो पार्षद का था क्योंकि वह कार्यकाल आत्मीयता से भरा था। विजयवर्गीय लम्बे समय बाद भोपाल में पत्रकारों से पिट्टू टूर्नामेंट के आयोजन की जानकारी देने रुबरु हुए थे लेकिन उनसे ज्यादातर सवाल राजनीति पर हुए। उनका कहना था कि पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद विपक्ष पूरी तरह धराशाई हो गया है

इसलिए इस राजनीतिक माहौल में अभी सेकेंड या थर्ड फ्रंट बनेगा, इस बारे में कहना जल्दबाजी होगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बड़ी चुनौती नहीं है। छोटा-छोटा कर कम करने से कुछ नहीं होगा क्योंकि 130 करोड की जनसंख्या वाले देश में प्रभाव जमाने के लिए एक बड़े चिंतन की जरुरत है और आम आदमी पार्टी में इसका अभाव नजर आ रहा है।

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लाह उत्पादन से जुड़े राज्य की महिला कृषक हो रहीं सशक्त

रांची,29.03.2022 – लाह उत्पादन व वनोपज को बाजार और इससे जुड़े लोगों की समृद्धि के प्रति संजीदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। इस सिलसिले को और कारगर बनाने के लिए महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना एवं जोहार परियोजना के जरिए लाह की खेती को राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है।राज्य की ग्रामीण महिलाओं को वनोपज आधारित आजीविका से जोड़कर आमदनी बढ़ोतरी के प्रयासों को महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के ज़रिये अमली जामा पहनाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के ये किसान लाह एवं लाह की खेती के ज़रिये बेहतर आजीविका की ओर अग्रसर हो रहे हैं| लाह की खेती से महिलाएं ना सिर्फ अपने गाँव में रहकर ही अच्छी आमदनी कर रहीं हैं, बल्कि राज्य में लाह उत्पादन के आंकड़ों में भी बदलाव ला रही हैं| ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के ज़रिये सखी मंडल की ग्रामीण महिलाओं को लाह की वैज्ञानिक खेती से जोड़कर अत्याधुनिक प्रशिक्षण के जरिए आमदनी बढ़ोतरी के प्रयास हो रहे हैं। इस पहल से राज्य की 73 हजार से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को लाह की वैज्ञानिक खेती से जोड़ा गया है, जिनमें ज्यादातर अति गरीब एवं वनों के आस-पास रहने वाले ग्रामीण परिवार हैं। इस साल करीब 2000 मीट्रिक टन छिला लाह का उत्पादन इनके द्वारा किया गया है।

लाह की वैज्ञानिक खेती से बढ़ रही आमदनी

पश्चिमी सिंहभूम के गोईलकेरा प्रखंड के रूमकूट गाँव की रंजीता देवी लाह की खेती से सालाना 3 लाख रुपए तक की आमदनी प्राप्त कर रही हैं। रंजीता देवी विगत कुछ सालों से आधुनिक तकनीक के ज़रिये वैज्ञानिक विधि से बिहन लाह की खेती कर रही हैं। सखी मंडल से जुड़ने के बाद उन्हें लाह की उन्नत खेती करने का प्रशिक्षण मिला। रंजीता देवी बताती हैं, दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण हमारी आजीविका मुख्यतः जंगल और वनोपज पर निर्भर करती है। हमारे परिवार में पहले भी लाह की खेती का कार्य किया जाता था, लेकिन सखी मंडल से जुड़ने के बाद हमे 25 दिनों की सीआरपी ड्राइव के द्वारा वैज्ञानिक विधि से लाह की खेती करना सिखाया गया। इस प्रकार सखी मंडल के माध्यम से लाह की आधुनिक खेती से सम्बंधित प्रशिक्षण के साथ 5 किलो बिहन लाह (बीज के रूप में) प्राप्त हुआ। लाह की खेती में रंजीता देवी कम खर्च में कई गुना ज्यादा उपज एवं मुनाफा कमा रही हैं। पिछले साल रंजीता ने 300 किलो बिहन लाह बीज के रूप में लगाया, जिससे उन्हें 15 क्विंटल लाह की उपज प्राप्त। उससे उन्हें 3 लाख रुपए की आमदनी हुई। उनका कहना है, सखी मंडल के माध्यम से हमे अपने पारंपरिक पेशे में ही स्थानीय आजीविका के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।

किसानों को मिल रहा प्रशिक्षण एवं बाज़ार

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना एवं जोहार परियोजना के अंतर्गत महिला किसानों को लाह उत्पादन और बिक्री के लिए तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण से लेकर बिक्री हेतु बाज़ार भी उपलब्ध कराया जा रहा है| किसान उत्पादक समूहों के माध्यम से लाह की सामूहिक खेती एवं बिक्री की व्यवस्था की गई है। महिलाओं को आवासीय प्रशिक्षण के जरिए लाह की उन्नत खेती के लिए प्रेरित किया जाता है। साथ हीं पहले से लाह की खेती कर रहे किसानों के अनुभवों से भी उन्हें अवगत कराया जाता है, ताकि किसान आपस में जानकारी साझा कर सकें। लाह किसानों को उचित बाज़ार उपलब्ध कराने के लिए एवं उनकी फसल की बिक्री हेतु, राज्य भर में 460 संग्रहण केंद्र और 25 ग्रामीण सेवा केंद्र का परिचालन किया जा रहा है।  ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित इन संस्थाओं के माध्यम से लाह की खेती कर रहे किसान अपनी उपज को एक जगह इकठ्ठा करते हैं और फिर ग्रामीण सेवा केंद्र के माध्यम से एकत्रित उत्पाद की बिक्री की जाती है।

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना से लाह की खेती को मिला नया जीवन 

लाह की आधुनिक एवं वैज्ञानिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी संपोषित सखी मंडल की बहनों को सीआरपी ड्राइव के माध्यम से 25 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है। ग्राम स्तर पर लाह कृषकों की मदद के लिए चुनिंदा क्षेत्रों में आजीविका वनोपज मित्र के रूप में दीदियों को प्रशिक्षित करके रखा गया है। आजीविका वनोपज मित्र ग्रामीण परिवारों को लाह की वैज्ञानिक खेती में मदद करते है। आश्रिता एवं रंजिता जैसी हजारों ग्रामीण महिलाएं आज लाह की वैज्ञानिक खेती से जुड़कर अच्छी आय कर रही हैं। वन संपदा से समृद्ध झारखण्ड में ग्रामीण परिवारों को वनोपज आधारित आजीविका से जोड़कर जीवनशैली एवं आजीविका में उल्लेखनीय बदलाव आ रहा है।

“लाह की वैज्ञानिक खेती के जरिए राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी में बदलाव आ रहा है। राज्य के करीब 73 हजार लोगों को लाह की वैज्ञानिक खेती का प्रशिक्षण देकर उनको लाह उत्पादन से जोड़ा गया है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना एवं जोहार परियोजना के जरिए राज्य के कई इलाको में लाह की खेती को पुनर्जीवित किया गया है। वहीं ग्रामीण सेवा केंद्र एवं संग्रहण केंद्र के माध्यम से किसानों को लाह का बेहतर बाजार एवं कीमत सुनिश्चित किया जा रहा है।“

उक्त जानकारी  श्री सूरज कुमार, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी , जेएसएलपीएस ने दी है

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मनरेगा का App से शिकायतों का निष्पादन करें – मनरेगा आयुक्त

रांची, 29.03.2022 (दिव्या राजन)  मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने राज्य के सभी जिला के लोकपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा योजना से क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं को सही तरीके से धरातल पर लाने के लिए दिशा निर्देश दिया साथ ही विभाग के द्वारा तैयार कराए गए ombudsman App के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी  दी।

इस ऐप के जरिए लोकपाल अपने मोबाइल पर ऑनलाइन ही शिकायतों दर्ज करवा कर उसका निपटारा करने का भी कार्य कर सकेंगे। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी। बैठक में पंचायत में सभी दस्तावेजों को एकत्र कराने की दिशा में भी कार्य करने को कहा गया।

मनरेगा आयुक्त ने स्पष्ट किया किया प्रयास करें कि मनरेगा से संबंधित जितनी भी शिकायतें प्राप्त हो, उनका त्वरित निष्पादन संबंधित जिले के लोकपाल करें। योजनाओं का  स्थल निरीक्षण में उन्होंने करने को कहा ताकि कार्य में हमेशा पारदर्शिता बनी रहे।

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कांग्रेस के संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में सोनिया गांधी

नई दिल्ली ,29 मार्च (आरएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी  पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद अपनी टीम में बदलाव कर सकती हैं। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कई प्रदेशों में नए सचिवों की नियुक्ति कर इसके संकेत भी दे दिए हैं। यह फेरबदल संगठन चुनाव और अगले विधानसभा चुनाव के लिए अहम साबित होगा। कांग्रेस में कई पद लंबे वक्त से खाली है। वहीं, कई नेता एक से ज्यादा जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष इन पदों पर नियुक्ति के साथ आवश्यक फेरबदल कर सकती हैं। पार्टी में छात्र संगठन एनएसयूआई के साथ कई प्रदेशों में प्रभारियों की नियुक्ति काफी लंबे वक्त से नहीं हो पाई है। एनएसयूआई के पूर्णकालिक प्रभारी का पद दो साल से खाली है।
एनएसयूआई की अध्यक्ष रुचिका गुप्ता ने दिसंबर 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। इसके साथ मध्य प्रदेश में कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी संभाल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के पास लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी हैं। बंगाल में पूर्णकालिक प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति भी काफी दिनों से नहीं हुई है। जितिन प्रसाद के पार्टी छोडऩे के बाद दिसंबर 2021 में चेला कुमार को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
पांच राज्यों में हार पर चर्चा के लिए 14 मार्च को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी संगठन में फेरबदल का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठा था। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में पार्टी अध्यक्ष को संगठन को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक व व्यापक संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष जल्द कुछ फेरबदल कर सकती हैं। पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में बड़ा बदलाव नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही होगा। संगठन में इस बदलाव के जरिए पार्टी के नए अध्यक्ष की नई टीम का खाका काफी हद तक तैयार हो जाएगा।

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राष्ट्रपति ने चार विदेशियों, दो एनआरआई को पद्म पुरस्कार दिए

नई दिल्ली,29 मार्च (आरएनएस)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने चार विदेशियों और भारतीय मूल के दो व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार दिए। इनमें भारत में जन्मे जापान के एक प्रमुख होटल व्यवसायी भी शामिल हैं। उनके अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार दिया गया है।

राष्ट्रपति ने साहित्य और शिक्षा के लिए डॉ तातियाना शौम्याण को पद्मश्री दिया। वह रूसी विज्ञान अकादमी में भारतीय अध्ययन केंद्र की प्रमुख हैं। वह एशियाई देशों में भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की विशेषज्ञ हैं। मॉस्को के इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज में सेंटर ऑफ इंडियन स्टडीज में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्हें भारत पर उनके काम के लिए पद्म पुरस्कार प्रदान किया गया है।

राष्ट्रपति कोविंद ने व्यापार और उद्योग के लिए रयुको हीरा को पद्मश्री प्रदान किया। एचएमआई होटल ग्रुप और ओरा ग्रुप ऑफ कंपनीज जापान के अध्यक्ष, उन्होंने भारत में जापानी निवेश को प्रोत्साहित किया है। इसके अलावा जापान के रयुको हीरा को भी सम्मानित किया गया है। उनका जन्म जयपुर में कमलेश पंजाबी के रूप में हुआ। उन्हें रयुको हीरा और एचएमआई होटल ग्रुप के मालिक के रूप में जाना जाता है, जो जापान में होटलों और रिसॉर्ट्स की एक श्रृंखला चलाते हैं। वह जापान के भारतीय वाणिज्य और उद्योग संघ के अध्यक्ष भी है। उन्होंने भारत में निवेश के बहुत सारे अवसर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राष्ट्रपति कोविंद ने साहित्य और शिक्षा के लिए डॉ चिरापत प्रपंडविद्या को पद्मश्री प्रदान किया। वह एक थाई संस्कृत विद्वान हैं। वह बैंकॉक के सिलपाकोर्न विश्वविद्यालय में संस्कृत अध्ययन केंद्र के सदस्य हैं। वे संस्कृत स्टडीज फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं। राष्ट्रपति ने साहित्य और शिक्षा के लिए रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट को भी पद्मश्री प्रदान किया। वह डबलिन के जॉन स्कॉटस स्कूल में संस्कृत के शोधकर्ता और शिक्षक हैं। वे आयरलैंड में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में अग्रणी रहे हैं।

ब्रिटिश भारतीय प्रोफेसर प्रोकर दासगुप्ता को चिकित्सा के लिए पद्म श्री मिला। वह किंग्स कॉलेज लंदन में एक प्रोफेसर हैं। उन्होंने यूरोलॉजी में रोबोटिक सर्जरी का बीड़ा उठाया है। 2010 और 2018 में उन्हें डेली मेल द्वारा यूनाइटेड किंगडम में शीर्ष दस प्रोस्टेट कैंसर सर्जनों में से एक नामित किया गया था। राष्ट्रपति कोविंद ने साहित्य और शिक्षा के लिए मारिया क्रिजिस्तोफ बायर्स्की को पद्मश्री प्रदान किया। वह वारसॉ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उन्होंने मनुस्मृति, कामसूत्र और भासा और कालिदास के नाटकों का पोलिश भाषा में अनुवाद किया है।

बायर्स्की 1994 से 1996 तक भारत में पोलिश राजदूत थी। भारत के लिए उनका प्यार 1955 में शुरू हुआ जब वे वारसॉ विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन की छात्र थी। राजदूत के रूप में उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देवनागरी लिपि में उकेरा था। 1994 में, जब उन्हें केरल में वार्षिक परीक्षित स्मृति व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया, बायर्स्की ने एक घंटे तक शुद्ध संस्कृत में बात की, जबकि उनके सामने बोलने वाले अन्य सभी संस्कृत विद्वानों ने मलयालम में अपने भाषण दिए।

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राहुल गांधी ने तेलंगाना व केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताया

नई दिल्ली ,29 मार्च (आरएनएस)। राहुल गांधी ने  तेलंगाना के किसानों की उपज को नहीं खरीदने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और तेलंगाना सरकार की आलोचना करते हुए उन्हें किसान विरोधी बताया और कहा कि किसानों को लेकर राजनीति करने की बजाय उनकी मांग पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

गांधी ने ट्वीट किया यह शर्म की बात है कि भाजपा और टीआरएस सरकारें तेलंगाना के किसानों से धान खरीदने की बजाय इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर अपनी नैतिक जिम्मेदारी से भाग रही हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को किसानों की फसल की खरीद को लेकर राजनीति करने के लिए कटघरे में खड़ा किया और कहा, किसान विरोधी गतिविधियों से उन्हें परेशान करना बंद करें और तेलंगाना के किसानों की कड़ी मेहनत से पैदा किये गए अनाज के एक-एक दाने की खरीद करें।

गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना के किसानों के साथ है और वह तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक किसानों के साथ न्याय नहीं होता है। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसानों के हक़ के लिए तब तक संघर्ष करती रहेगी जब तक तेलंगाना के किसानों की फसल के एक-एक दाने की खरीद नहीं हो जाती है।

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दिल्ली पुलिस ने 40 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन पकड़ी

नई दिल्ली ,29 मार्च (आरएनएस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स स्मगलिंग गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर करीब 10 किलोग्राम हेरोइन बरामद की है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस हेरोइन की कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। गिरफ्तार दोनों तस्करों से पूछताछ में पता चला है कि ये एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय गैंग के सदस्य हैं और पिछले 5 साल से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की तस्करी में लिप्त थे।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जसमीत सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले नजीर उर्फ नाजिम और दिनेश सिंह के रूप में हुई है। इनके कब्जे से बरामद हेरोइन को म्यांमार से मणिपुर के रास्ते भारत लाया गया था। इन तस्करों के पास से एक कार भी बरामद की गई है, जिसमें छुपाने और नशीले पदार्थों के लाने के लिए एक गुप्त जगह बनाई गई है।
डीसीपी ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की उपयुक्त धाराओं के तहत थाना स्पेशल सेल में मामला दर्ज किया गया था। सिंह के अनुसार, 24 मार्च, 2022 को स्पेशल सेल को विशेष सूचना मिली थी कि इस गैंग के दो सदस्य झारखंड से हेरोइन की एक बड़ी खेप लेकर आईएसबीटी सराय काले खां में अपने एक संपर्क को हेरोइन की सप्लाई करने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे टी प्वाइंट पर आएंगे।

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ड्रग सप्लायर्स ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ये एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल के सदस्य हैं। इन दोनों ने पिछले पांच सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की आपूर्ति में लिप्त होने का खुलासा किया है। उन्होंने झारखंड के चतरा जिले के एक व्यक्ति से यह हेरोइन खरीदी थी और उन्हें दिल्ली में एक व्यक्ति को छह किलोग्राम हेरोइन और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक व्यक्ति को शेष चार किलोग्राम पहुंचानी थी। उन्होंने आगे खुलासा किया कि उनके हेरोइन सप्लायर्स के म्यांमार और मणिपुर में संबंध हैं।

डीसीपी सिंह ने कहा कि म्यांमार से मणिपुर में लाई गई अधिकांश हेरोइन को असम और अरुणाचल प्रदेश के आस-पास के राज्यों में भेजा जाता है और फिर वहां से दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधित पदार्थों का परिवहन किया जाता है।
डीसीपी ने कहा कि इस मामले की जांच के दौरान यह पता चला है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और मणिपुर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अवैध रूप से खेती की गई अफीम से हेरोइन बनाई जाती है। गिरफ्तार किए गए नशीली दवाओं के तस्करों ने आगे खुलासा किया है कि वे झारखंड के दवा निर्माता और सप्लायर्स से भी हेरोइन खरीदते थे।

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आरआरआर ने महज तीन दिनों में कमाए 500 करोड़ रुपये

29.03.2022 – आरआरआर ने अपने पहले सप्ताहांत में पूरे विश्व में कमाई के स्तर को लगातार बरकरार रखते हुए 500 करोड़ के आंकड़े को छूने में कामयाबी प्राप्त कर ली है। प्रदर्शन के पहले दिन ही वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक कमाई करने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी.  फिल्म ने तीसरे दिन हिंदी बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार कमाई की है। इसके साथ ही फिल्म पहले वीकेंड पर अपने खाते में बड़ी रकम जोड़ते हुए अकेले हिंदी बॉक्स ऑफिस से अब तक 75 करोड़ रुपये की बड़ी कमाई कर चुकी है।ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर ऐलान किया है कि राम चरण और जूनियर एनटीआर स्टारर निर्देशक एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के हिन्दी वर्जन ने तीसरे दिन यानी रविवार को कुल 31.50 करोड़ रुपये की बंपर कमाई की है। फिल्म ने पहले दिन हिंदी सिनेमाघरों से सिर्फ हिंदी वर्जन में जहां 19 करोड़ रुपये की कमाई की तो वहीं, दूसरे दिन ये आंकड़ा 24 करोड़ रुपये हो गया था। तीसरे दिन फिल्म ने अपने खाते में 31.05 करोड़ रुपये बटोरते हुए कुल 74.50 करोड़ रुपये नाम कर लिए हैं। इसके साथ ही ये फिल्म साल 2022 की पहली फिल्म बन गई है, जिसने एक दिन में 30 करोड़ रुपये की रकम बॉक्स ऑफिस से हासिल की।वैश्विक स्तर पर 500 करोड़ी हुई आरआरआरयही नहीं, दिलचस्प बात ये है कि ये फिल्म वल्र्डवाइड स्तर पर 3 दिन के अंदर ही 500 करोड़ रुपये की बड़ी रकम अपने नाम कर चुकी है। ये आंकड़ा कोरोना काल के बीच रिलीज हुई अभी तक की सभी फिल्मों से कहीं ज्यादा है। निर्देशक एसएस राजामौली ने इसके साथ ही साबित कर दिया है कि वो इस वक्त भारतीय सिनेमा के टॉप निर्देशक हैं। (एजेंसी)

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विजय देवरकोंडा ने पुरी जगन्नाधी के साथ अगली फिल्म की घोषणा की

विजय देवरकोंडा अर्जुन रेड्डी के अभिनेता ने पोकिरी के निर्देशक पुरी जगन्नाथ के साथ अपनी अगली फिल्म की घोषणा की। चूंकि दोनों एक साथ अपनी पहली फिल्म लाइगर की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं, उन्होंने एक और प्रोजेक्ट पर साथ काम करने का फैसला किया है। एक पोस्टर जारी करते हुए पेल्ली चोपुलु अभिनेता ने पुरी जगन्नाथ के साथ अपनी अगली फिल्म की घोषणा की।

निर्माताओं ने उल्लेख किया कि, इस परियोजना के बारे में अधिक जानकारी का सोमवार को दोपहर में दी जाएगी।अब तक, विजय देवरकोंडा-पुरी जगन्नाथ की फिल्म के निर्माताओं ने विवरण को गुप्त रखा है।तो वहीं, दोनों की लाइगर फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन फेज में है और जल्द ही रिलीज होगी। विजय देवरकोंडा ने इस आगामी फिल्म में एक एमएमए सेनानी के रूप में एक मुख्य भूमिका निभाई है। (एजेंसी)

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पुष्पा:द रूल के आइटम नंबर में सामंथा की जगह ले सकती हैं दिशा पाटनी

29.03.2022 – पुष्पा:द रूल के आइटम नंबर में अब निर्माता पुष्पा के दूसरे पार्ट में सामंथा को लेने के मूड में नहीं हैं।साउथ की अदाकारा सामंथा रुथ प्रभु सुपरहिट फिल्म पुष्पा में आइटम नंबर करती दिखी थीं। यह सामंथा के करियर का पहला आइटम नंबर था, जो भले ही रिलीज होने के बाद खूब विवादों में रहा, लेकिन सामंथा पर फिल्माया गया यह गाना सुपरहिट रहा।

पुष्पा: द रूल में उनकी जगह अभिनेत्री दिशा पाटनी को लेने की तैयारी चल रही है।सामंथा को पुष्पा के गाने ओ अंतावा पर थिरकते देखा गया था। रिपोर्टों के मुताबिक, अब पुष्पा: द रूल के लिए निर्माताओं ने दिशा से संपर्क किया है। निर्देशक सुकुमार, दिशा को फिल्म में लेना चाहते हैं। हालांकि, दिशा को पुष्पा का प्रस्ताव भी मिला था, लेकिन उन्होंने किसी वजह से यह ऑफर ठुकरा दिया था।

अब सुनने में आ रहा है कि उन्होंने दूसरे पार्ट का हिस्सा बनने के लिए रजामंदी दे दी है।पुरुषों के लिए काम करने वाले एक संस्थान ने ओ अंतावा गाने के खिलाफ आंध प्रदेश कोर्ट में केस दर्ज किया था। गाने पर बैन लगाने की मांग की गई थी। याचिका में गाने की लिरिक्स पर ऐतराज जताया गया। कहा गया कि यह पुरुषों की गंदी सोच को दर्शाता है, जैसे वे हर वक्त केवल शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचा करते हों। सोशल मीडिया पर इस वजह से सामंथा को भी ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा था।

ओ अंतावा बीते 10 दिसंबर को रिलीज हुआ था। इसे इंद्रावती चौहान ने अपनी आवाज दी और देवी श्री प्रसाद ने कंपोज किया। गणेश आचार्य इस गाने के कोरियोग्राफर थे। तमिल वर्जन की लिरिक्स विवेका ने लिखी, वहीं चंद्राबोस ने तेलुगु वर्जन के बोल लिखे। पुष्पा 17, दिसंबर 2021 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिका में थीं।

पुष्पा बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। दर्शकों को अब पुष्पा: द रूल का बेसब्री से इंतजार है। फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई है और इस साल के अंत तक यह फिल्म दर्शकों के बीच होगी। अल्लू का कहना है कि दूसरा पार्ट पहले से ज्यादा मजेदार और धमाकेदार होगा। दिशा जल्द ही एकता कपूर की फिल्म केटीना में नजर आएंगी। फिल्म में वह एक अंधविश्वासी पंजाबी लड़की का किरदार निभाएंगी।

इसके अलावा दिशा, एकता की फिल्म एक विलेन रिटर्न्स में भी काम कर रही हैं। फिल्म के निर्देशक मोहित सूरी हैं, जिनके साथ दिशा फिल्म मलंग में काम कर चुकी हैं। वह करण जौहर की फिल्म योद्धा से भी जुड़ी हैं। इसमें उनके साथ राशि खन्ना भी दिखेंगी। दिशा जल्द ही एक हॉलीवुड फिल्म में भी दिख सकती हैं। (एजेंसी)

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विश्व रंगमंच दिवस पर अभिनेता राजन कुमार ने लाइव शो में दर्शकों को गुदगुदाया

28.03.2022 – विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर नवी मुम्बई में आयोजित एक समारोह में चार्ली चैपलिन 2 के नाम से मशहूर अभिनेता राजन कुमार ने लाइव शो में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। विदित हो कि हर वर्ष 27 मार्च को विश्वरंग मंच दिवस खूब धूमधाम से मनाया जाता है। लोकप्रिय रंगकर्मी राजन कुमार ने प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्वरंग मंच दिवस के अवसर पर अपने लाइव शो के दौरान अपनी हास्य प्रस्तुति से दर्शकों को गुदगुदाया।

मुंगेर (बिहार) के मूल निवासी अभिनेता राजन कुमार थियेटर बैक ग्राउंड से आते हैं। ‘शहर मसीहा नहीं’ और ‘नमस्ते बिहार’ जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता राजन कुमार मुंगेर (बिहार) के मूल निवासी हैं और बॉलीवुड में फिल्म निर्माण और अभिनय के क्षेत्र में क्रियाशील हैं। ‘शहर मसीहा नहीं’ और ‘नमस्ते बिहार’ जैसी बॉलीवुड की कई चर्चित फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता राजन कुमार मानते हैं कि रंगमंच की बदौलत उनके जीवन में कई बड़े चेंज आए हैं।

बकौल अभिनेता राजन कुमार रंगमंच एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ आर्टिस्ट को अपनी प्रतिभा को परिमार्जित करने का खुला अवसर मिलता है। थिएटर दरअसल एक कम्प्लीट आर्ट है, इसमे म्यूज़िक, डांस, एक्शन, इमोशन, संवाद अदायगी सभी कुछ शामिल हो जाता है। रंगमंच दिवस इस लिए मनाया जाता है ताकि थिएटर के प्रति जागरूकता और उमंग पैदा की जा सके। नवोदित प्रतिभाओं को सफल एक्टर बनने के लिए रंगमंच अपनाना चाहिए।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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जड़ी-बूटियों से दस से 12 हजार रुपए होती मासिक कमाई

ग्वालियर,28 मार्च (आरएनएस)। जड़ी-बूटियों से दस से 12 हजार रुपए होती मासिक कमाई. ग्वालियर के घाटीगांव, मोहना, श्योपुर के कराहल और शिवपुरी जिले के पोहरी क्षेत्र की सहरिया आदिवासी महिलाओं द्वारा वन्य क्षेत्र में बिखरी पड़ी जड़ी-बूटियों को खोजने और उसका चूर्ण बनाने के बाद संबंधितों को सप्लाई करने का काम किया जा रहा है।

इस काम से प्रति महिला को हर माह दस से 12 हजार रुपए मासिक पारिश्रमिक मिल जाता है। बताया जाता है कि इन जड़ी-बूटियों को लेने के लिए देश की नामी गिरामी कंपनियों पहुंंचती हैं। इन क्षेत्रों में 6112 आदिवासी महिलाएं काम में जुटी हैं। यह जड़ीबूटी जंगल से आती हैं – सफेद मूसली, गोंद, मशरूम, छाल, अश्वगंधा, पहर का बीज, शहद, हर्र, बहेड़ा, आंवकला, चांदी बाजार, गोखरू व बेल प्रमुख रूप से शामिल हैं।

वन उत्पादक समिति ले लेती हैं महिलाओं से माल – ये आदिवासी महिलाएं कई क्विंटल जड़ी बूटियां महीने में जंगलों से एकत्रित कर लेती हैं। जिन्हें वन उत्पादक समिति को दे दिया जाता है। इसके लिए महिलाओं का एक संगठन वन उत्पादक समिति की जमुना और हरीना आदिवासी महिलाओं के जरिए तैयार किया गया है।

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