अफ्सपा को हटाकर केंद्र सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है

04.04.2022 – वेद प्रताप वैदिक – अफ्सपा याने आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर्स एक्ट’ को केंद्र सरकार ने असम, नगालैंड और मणिपुर के ज्यादातर क्षेत्रों से हटाकर सराहनीय कदम उठाया है 1958 में यह कानून नेहरु सरकार को इसलिए बनाना पड़ा था कि भारत के इन पूर्वी सीमा के प्रांतों में काफी अराजकता फैली हुई थी। कई बागी संगठनों ने इन प्रांतों को भारत से तोडऩे का बीड़ा उठा रखा था। उन्हें ईसाइयत के प्रचार के नाम पर पश्चिमी मुल्क भरपूर सहायता दे रहे थे और चीन समेत कुछ पड़ौसी देश भी उनकी सक्रिय मदद कर रहे थे।

इसीलिए इस कानून के तहत भारतीय फौज को असाधारण अधिकार प्रदान कर दिए गए थे। इन क्षेत्रों में नियुक्त फौजियों को अधिकार दिया गया था कि वे किसी भी व्यक्ति पर जऱा भी शक होने पर उसे गिरफ्तार कर सकते थे, उसकी जांच कर सकते थे और उसे कोई भी सजा दे सकते थे। उन्हें किसी वारंट या एफआईआर की जरुरत नहीं थी। इन फौजियों के खिलाफ न तो कोई रपट लिखवा सकते थे और न ही उन पर कोई मुकदमा चल सकता था। दूसरे शब्दों में इन क्षेत्रों की जनता मार्शल लॉ’ के तहत जीवन गुजार रही थी।

कई निर्दोष और निरपराध लोग भी इस कानून की चपेट में आते रहे हैं। लगभग इन सभी राज्यों की सरकारें इस कानून को हटाने की मांग करती रही हैं। इस कानून को हटाने की मांग को लेकर मणिपुर से इरोम शर्मिला नामक महिला ने 16 वर्ष तक लगातार अनशन किया। यह विश्व का सबसे लंबा और अहिंसक अनशन था। हालांकि यह कानून अभी हर क्षेत्र से पूरी तरह नहीं हटाया गया है, फिर भी 60 प्रतिशत क्षेत्र इससे मुक्त कर दिए गए हैं।

पिछले 7-8 सालों में उग्रवादी हिंसक घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी हुई है। सैनिकों की मौत में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मौत में 84 प्रतिशत कमी हो गई है। पिछले साल 4 दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में फौज के अंधाधुंध गोलीबार से 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना ने उक्त कानून की वापसी की मांग को काफी तेज कर दिया था। सच्चाई तो यह है कि पूर्वी सीमांत के इन इलाकों में इस तरह का कानून और पुलिस का निरंकुश बर्ताव अंग्रेजों के जमाने से चल रहा था।केंद्र की विभिन्न सरकारों ने समय-समय पर इस कानून में थोड़ी-बहुत ढील तो दी थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से हटाने का रास्ता खोल दिया है।

पिछले कुछ वर्षों में इन इलाकों के लगभग 70,000 उग्रवादियों ने आत्म-समर्पण किया है। लगभग सभी राज्यों में भाजपा या उसकी समर्थक सरकारें हैं याने केंद्र और राज्यों के समीकरण उत्तम है। 2020 का बोदो समझौता और 2021 का कर्बी-आंगलोंग पेक्ट भी शांति की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह खुद इन क्षेत्रों के नेताओं के बीच काफी सक्रिय हैं। यही प्रक्रिया चलती रही तो अगले कुछ ही वर्षों में ये सीमांत के क्षेत्र भी दिल्ली और मुंबई की तरह संपन्न हो सकेंगे।

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शौचालयों से ही समृद्धि संभव

 

 

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

04.04.2022 – गजेंद्र सिंह शेखावत – जल शक्ति अभियान  ”कैच द रेन- 2022” का शुभारम्भ राष्ट्रपति द्वारा 29 मार्च, 2022 को किया गया था। यह तीसरा वर्ष है, जब देश वर्षा जल के संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के लिए एक जन आंदोलन का मिशन मोड में आयोजन कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उनकी प्रेरणा से, जल शक्ति अभियान को पहली बार वर्ष 2019 में सभी को वर्षा के लिए तैयार करने’ के विजऩ के साथ शुरू किया गया था, ताकि हम वर्षाजल का अधिक से अधिक भण्डारण और उपयोग कर सकें तथा हमारे भूजल भंडार को फिर से भरा भी जा सके।

भूजल को कभी-कभी अदृश्य संसाधन कहा जाता है। हर कोई इसका इस्तेमाल करता है। यह ज्यादातर मामलों में नि:शुल्क है और उन लोगों को उपलब्ध है, जो इन स्रोतों तक पहुंच पाते हैं, या जिनके पास इसे प्राप्त करने के साधन मौजूद हैं। यह झीलों, आर्द्रभूमि और जंगल जैसे महत्वपूर्ण पारितंत्र को बनाए रखता है।भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उपलब्ध वैश्विक संसाधनों के एक चौथाई से अधिक का उपयोग करता है। भूजल ने कई दशकों से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह लाखों नलकूपों के माध्यम से हरित क्रांति की सफलता सुनिश्चित करने में प्रमुख संचालक सिद्ध हुआ है। यह सीमित संसाधन वर्तमान में 60 प्रतिशत से अधिक कृषि की सिंचाई, 85 प्रतिशत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति और 50 प्रतिशत से अधिक शहरी जल आपूर्ति की ज़रूरतों को पूरा करता है।भूजल के बढ़ते उपयोग और पुनर्भरण से अधिक दोहन के परिणामस्वरूप इस मूल्यवान संसाधन के भण्डार में महत्वपूर्ण कमी आयी है। बड़े पैमाने पर आजीविका के नुकसान से लेकर प्रवासी लोगों के लिए सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता में कमी से जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों तक, जल-संकट का गंभीर प्रभाव पड़ा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि यह वर्षा के पैटर्न को अनिश्चित बनाता है और भूजल पुनर्भरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। वर्तमान में, देश के लगभग एक तिहाई भू-जल संसाधन विभिन्न स्तरों के संकट झेल रहे हैं। छोटे एवं सीमांत किसान, महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग, भूजल की कमी और दूषित जल का सबसे ज्यादा नुकसान सहते हैं।इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से भारत सरकार ने 2019 में जल शक्ति अभियान (जेएसए) की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा सभी पंचायतों के अग्रणी कर्मियों को पत्र लिखा एवं उनसे अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान को नेतृत्व प्रदान करने का अनुरोध किया।यह मिशन मोड में एक समयबद्ध जल संरक्षण अभियान था, जिसे देश में जल-संकट झेल रहे 256 जिलों के 1,592 ब्लॉकों में जुलाई-नवंबर 2019 की अवधि के दौरान लागू किया गया था। ये ब्लॉक भूजल के सन्दर्भ में संकटग्रस्त या अत्यधिक उपयोग किये जाने की श्रेणी में आते हैं, जहां संचय होने की तुलना में भूजल को अधिक मात्रा में निकाला जा रहा था।जेएसए, भारत सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों का एक परस्पर सहयोगी प्रयास था, जिसका संचालन जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा किया जा रहा था।

इस अभियान के दौरान, भारत सरकार के अधिकारियों, भूजल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने पांच लक्षित कार्यों के त्वरित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन के लिए भारत के सबसे जल-संकटग्रस्त जिलों में राज्यों और जिला अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। जेएसए का उद्देश्य व्यापक प्रचार-प्रसार और समुदायों की भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाना है।जेएसए ने पांच बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित किया- जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, पारंपरिक और अन्य जल निकायों का पुनरुद्धार, पानी का पुन: उपयोग और संरचनाओं का पुनर्भरण, वाटरशेड विकास और गहन वनीकरण। इसके अलावा, विशेष कार्यक्रमों में ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं और जिला जल संरक्षण योजनाओं का निर्माण, कृषि विज्ञान केंद्र मेलों का आयोजन, शहरी अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और सभी गांवों के लिए 3 डी रूपरेखा मानचित्रण आदि शामिल हैं।

राज्यों ने कई स्रोतों से संसाधनों का इस्तेमाल किया। यह निर्धारित किया गया था कि मनरेगा निधि का कम से कम 60 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन गतिविधियों, मुख्य रूप से जल संरक्षण पर खर्च किया जाना चाहिए। पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान, कैम्पा निधि, सीएसआर संसाधनों का उपयोग इन कार्यक्रमों को निधि देने के लिए किया गया था।2019 में सभी हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से 2.73 लाख जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण हुआ, 45,000 जल निकायों/टैंकों का पुनरुद्धार किया गया, 1.43 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण हुआ, 1.59 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य पूरे किये गए, 12.36 करोड़ पौधे लगाये गए और 1372 ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं की तैयारी की गयी।

इन आंकड़ों से अलग, अभियान ने जल पुनर्भरण और प्रबंधन के लिए काम कर रहे सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक प्रभावशाली वातावरण तैयार किया। कई राज्यों ने मूल रूप से निर्धारित कार्य की तुलना में अधिक कार्य किये। कुछ राज्यों ने अपने सभी जिलों में इस अभियान का विस्तार किया, जबकि प्रारंभ में पानी की कमी वाले जिलों के लिए ही योजना की शुरुआत की गयी थी।वर्ष 2020 में देश ने कोविड महामारी से मुकाबले की शुरुआत की थी। इसलिए, उस वर्ष पूरे तौर पर जन-आंदोलन को लागू करना संभव नहीं था। इसलिए, जल शक्ति मंत्रालय ने वर्षा जल संचयन में वृद्धि के लिए शैक्षणिक संस्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों जैसे बड़े भूखण्डों पर काम किया।

2019 में प्राप्त प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर, वर्ष 2021 में जेएसए-2019 के दायरे का विस्तार किया गया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए: सीटीआर) को देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी) में शुरू किया गया। जेएसए: सीटीआर को 22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर 2021 के दौरान कैच द रेन, व्हेयर फॉल्स, व्हेन फॉल्स थीम के साथ लागू किया गया था।22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक जेएसए: सीटीआर अभियान के दौरान लगभग 42 लाख जल से संबंधित कार्य किए गए और 36 करोड़ पौधे लगाए गए। इसमें 14.76 लाख जल संरक्षण और आरडब्ल्यूएच संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव, 2.78 लाख पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार, 7.34 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव और 17.02 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य शामिल हैं।

इन कार्यों पर अकेले मनरेगा के तहत 65,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए।देश में जीवन और आजीविका के लिए पानी के महत्व को देखते हुए, जल संरक्षण कार्य को विस्तार देने के लिए वर्षा की तैयारी’ को वार्षिक कार्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। इसलिए इस वर्ष भी जल शक्ति अभियान : कैच द रेन का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। अभियान 22 मार्च, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक लागू किया जाएगा, जिसमें मानसून-पूर्व और मानसून अवधि को कवर किया जायेगा।पिछले वर्ष की तरह, जल संरक्षण और पुनर्भरण गतिविधियों में निम्न को शामिल किया जायेगा – सरकारी भवनों की प्राथमिकता के साथ सभी भवनों पर छत के ऊपर आरडब्ल्यूएचएस, सभी परिसरों में जल संचयन गड्ढे, पुराने/नए चेक बांधों/तालाबों का रख-रखाव/ निर्माण; तालाबों/झीलों से अतिक्रमणों को हटाना, तालाबों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालना, जल-प्रवाह के अवरोधों को हटाना, पारंपरिक बावडिय़ों और अन्य आरडब्ल्यूएचएस की मरम्मत करना, जलभृतों के पुनर्भरण के लिए निष्क्रिय बोरवेल/अप्रयुक्त कुओं का उपयोग करना, छोटी नदियों/नालों का कायाकल्प, आर्द्रभूमि का पुनरुद्धार और बाढ़-बांधों की सुरक्षा आदि।पर्वतीय राज्यों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इस वर्ष झरनों की पहचान, मानचित्रण और प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्रत्येक जिले से पुराने राजस्व रिकॉर्ड तथा एनआरएसए और जीआईएस मैपिंग तकनीक से प्राप्त रिमोट सेंसिंग चित्रों का उपयोग करके सभी मौजूदा जल-निकायों/जल संचयन संरचनाओं (डब्ल्यूएचएस) की सूची बनाने और भविष्य में डब्ल्यूएचएस की वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए डेटा का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय जल मिशन ने जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना तैयार करने और जिलों के जल निकायों की सूची तैयार करने के सन्दर्भ में दिशा-निर्देश तैयार किये हैं और क्रियान्वयन के लिए इन्हें सभी जिलों को भेजा गया है। कई जिलों ने इन योजनाओं को तैयार किया है और उन्हें लागू कर रहे हैं।

इस कार्य को इस वर्ष ही पूरा करने के लिए सभी जिलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जेएसए: सीटीआर अभियान 2021 के एक हिस्से के रूप में, राज्य सरकारों से सभी जिला मुख्यालयों में जल शक्ति केंद्र (जेएसके) स्थापित करने का अनुरोध किया गया था। ये जेएसके; जल, जल संरक्षण की तकनीकों और जल की बचत से संबंधित जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। जेएसके की स्थापना का उद्देश्य स्थानीय लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना था। अब तक पूरे देश में 336 जेएसके स्थापित किए जा चुके हैं। चालू वर्ष में अभियान के कार्यान्वयन के दौरान, देश के प्रत्येक जिले में जेएसके की स्थापना से संबंधित कार्यों में तेजी लाकर उन्हें पूरा किया जायेगा।

जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज संगठन, जो केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के जिला प्रशासन और स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रहे हैं, इस अभियान का हिस्सा हैं।लोग और समुदाय हमारे सभी कार्यक्रमों के केंद्र में हैं। चाहे वह हमारी नदियों का फिर से जीर्णोद्धार का प्रयास हो, जल पुनर्भरण और जल उपयोग दक्षता में सुधार हो, भूजल का सतत उपयोग करना हो, खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल करना हो- जल सुरक्षा के लिए लोगों को शामिल करना, स्थायी परिवर्तन का आधार होता है।

यह जल शक्ति अभियान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी व्यक्ति, समूह, निवासी कल्याण संगठन, स्वयं सहायता समूह, कॉर्पोरेट, मीडिया हाउस, शैक्षणिक संस्थान सभी साथ मिलकर कार्य करें।हम पर वर्तमान पीढ़ी के लिए जल-सुरक्षा और आने वाली पीढिय़ों के लिए जल सुरक्षित भारत का उत्तरदायित्व है। जय हिन्द।

(लेखक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय हैं)

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कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट

कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट.दो साल से कोरोना के साये में सख्तियों के बीच जीने को मजबूर देशवासियों को थोड़ी और राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई में अब मुंह पर मास्क लगाए रखना अनिवार्य नहीं रहा। दिल्ली में मास्क न लगाने वालों पर अब जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी 2 अप्रैल से कोविड संबंधी सारी पाबंदियां खत्म करने का एलान किया है। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में या तो पाबंदियां पूरी तरह हटा ली गई हैं या उनमें कमी लाई गई है या उस पर गंभीरता से विचार करने की बात कही गई है।

जाहिर है, इसके पीछे कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट है। रोज सामने आने वाले नए मामलों की संख्या अब बारह से साढ़े बारह सौ के बीच आ गई है। देश में कोरोना के कुल एक्टिव मामले अभी 14307 हैं। अगर इन्फेक्शन के सभी मामलों में इसका अनुपात देखें तो यह मात्र 0.03 फीसदी बैठता है। दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों में 99.4 फीसदी खाली हैं। जाहिर है, ऐसी स्थिति में कोरोना से जुड़े प्रतिबंध जारी रखते हुए लोगों की स्वाभाविक गतिविधियों में बाधा डालने का कोई मतलब नहीं बनता। इससे आर्थिक विकास की धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही प्रक्रिया भी बाधित होगी। मगर सबसे बड़ी बात इस संदर्भ में यह है कि कोरोना की महामारी का स्वरूप पहले दिन से वैश्विक रहा है।

इसलिए सिर्फ अपने देश की स्थितियों के आधार पर इसका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। और जहां तक विदेशों की बात है तो यह कई देशों में आज भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है।खासकर चीन एकाधिक बार इसे काबू में कर लेने के बावजूद अभी एक बार फिर कई इलाकों में सख्त लॉकडाउन घोषित करने पर मजबूर हुआ है। ऐसे में इसे हम बीती हुई बात के रूप में नहीं ले सकते। संभवत: इसीलिए अपने देश में भी सरकारें पाबंदिया हटाने की घोषणा करते हुए भी नागरिकों को सलाह यही दे रही हैं कि वे मास्क पहनने और दो गज दूरी रखने जैसी सावधानियों में अपने स्तर पर कमी न आने दें।

यह भी स्पष्ट है कि आम लोगों पर से भले पाबंदियां हटाई जा रही हों, अस्पतालों में आ रहे मामलों के जरिए कोरोना की स्थिति पर भी नजर रखी जाएगी और तय किए गए तबकों में तेज टीकाकरण के माध्यम से उसके खिलाफ लड़ाई भी पूरी तत्परता से जारी रखी जाएगी। इसलिए जरूरी है कि आम नागरिक पाबंदियां हटाने के इस फैसले को कोरोना से मुक्ति के संकेत के रूप में न लें। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि वायरस से लड़ाई के मौजूदा चरण में कानून की सख्ती के मुकाबले नागरिकों की समझदारी को ज्यादा कारगर माना जा रहा है।

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सफेद रंग के कपड़ों की चमक बनाए रखना चाहते हैं..!

04.04.2022 – सफेद रंग के कपड़ों को कई लोग जिन्हें पहनना बहुत पसंद होता हैं क्योंकि इनकी चमक आपके लुक को प्रभावित करती हैं। सफेद रंग के कपड़े लाइट महसूस कराने के साथ ही प्रेजेंटेबल लुक भी देते हैं। लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते तो हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता रहती हैं इनपर दाग लगने और चमक खोने की। देखा जाता हैं कि समय के साथ सफेद रंग के कपड़ों की चमक कहीं खो जाती हैं। ऐसे में आपको इसे धोते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत हैं ताकि इनकी चमक बनी रहे।

तो आइये जानते हैं कुछ तरीकों के बारे में कि कैसे आप अपने कपड़ों को सफेद और चमकदार बना सकती हैं।रंगीन कपड़ों के साथ न करें वॉश अमूमन घरों में वॉशिंग मशीन (वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के टिप्स) में जब कपड़े धुलते हैं तो हर तरह के कपड़े को एक साथ मशीन में डाल दिया जाता है।

रंगीन कपड़े धुलते वक्त थोड़ा बहुत रंग जरूर छोड़ते हैं, ऐसे में अगर मशीन के अंदर सफेद रंग के कपड़े भी मौजूद हैं तो उनमें वह रंग लग सकता है। इसलिए सफेद रंग के कपड़ों को हमेशा अलग से वॉश करें। अगर आप वॉशिंग मशीन में सफेद रंग के कपड़ों को वॉश कर रही हैं तो यूज किए हुए डिटर्जेंट के घोल से न धोएं। यूज्ड डिटर्जेंट में मौजूद गंदगी से भी सफेद रंग के कपड़े खराब हो जाते हैं। नील का उपयोग करेंयह गंदे व दाग वाले सफेद कपड़ों में एक नीले रंग का स्पर्श प्रदान करता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि पीला और नीला रंग एक दूसरे के पूरक हैं। जिस कारण नील, सफेद रंग के कपड़ों से पीले रंग के दाग या धब्बों को खत्म करने में मदद करता है और कपड़ों को एक बार फिर चमकदार सफेद और नया जैसा बनाता है। इसे सीधे कपड़ों पर न डालें, इसका इस्तेमाल पानी में मिला कर या फिर वॉशिंग मशीन में डिटर्जेंट के साथ मिलाकर ही उपयोग करें।कपड़े पर लगे दाग को ज्यादा न रगड़ें अगर सफेद रंग के कपड़े पर कोई दाग लगा है तो उसे नेचुरली हटाने की कोशिश करें। दाग वाली जगह को ज्यादा रगड़ें नहीं।

इससे दाग बेशक हल्का हो जाएगा मगर, कपड़े को ज्यादा रगडऩे से उसके धागे कमजोर हो जाएंगे, जिससे वह जल्दी फट भी सकता है। इतना ही नहीं दाग (कपड़े में लगे दाग हटाने के टिप्स) को ज्यादा रगडऩे से वह और भी फैलने लगता है। आप नींबू या विनेगर की मदद से सफेद रंग के कपड़ों पर लगे दाग को नेचुरली हटा सकती हैं।ब्लीच का इस्तेमाल सिर्फ कॉटन के कपड़ों में करेंक्लोरीन ब्लीच कुछ कपड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी वजह से सफेद कपड़ों में पीले व हल्के ग्रे रंग का दाग पड़ सकता है।

आप ब्लीच का उपयोग कपास पर सुरक्षित रूप से कर सकते हैं, लेकिन अन्य कपड़ों के लिए इसका उपयोग करने से बचें।फैब्रिक व्हाइटनर का कम करें इस्तेमाल बाजार में सफेद रंग के कपड़ों के लिए बहुत सारे फैब्रिक व्हाइटनर आते हैं। इनमें से कुछ ब्लू कलर के होते हैं। अक्सर कपड़ों में ज्यादा सफेदी लाने की कोशिश में लोग ज्यादा फैब्रिक व्हाइटनर का यूज करने लगते हैं। ऐसे में सफेद रंग के कपड़ों पर नीला रंग डॉमिनेट करने लगता है और सफेदी की जगह उनमें नीलापन झलकने लगता है । फैब्रिक व्हाइटनर को 2-3 ड्रॉप से ज्यादा कभी यूज न करें। ज्यादा डिटर्जेंट का न करें यूज सफेद रंग के कपड़ों को बहुत ज्यादा डिटर्जेंट में वॉश न करें।

इससे उनकी चमक खत्म हो जाती है और उनमें पीलापन आने लगता है। यदि आपके सफेद रंग के कपड़ों में पीलापन आ रहा है तो आप पानी में विनेगर की कुछ बूंदें डालें और उसमें सफेद रंग के कपड़े 30 मिनट के लिए डुबो कर रख दें। ऐसा करने से कपड़ा साफ भी हो जाता है और उसकी चमक भी बरकरार रहती है। तेज धूप में कपड़े को सुखाने से बचें आमतौर पर सभी लोग कपड़ों को वॉश करने के बाद धूप में सुखाते हैं।

ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है मगर, ज्यादा देर तक कपड़ों को तेज धूप में सूखने के लिए मत छोड़ें। इससे उनका रंग और चमक दोनों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आप तेज धूप में सफेद रंग के कपड़ों को सूखने के लिए छोड़ देती हैं तो वह बहुत जल्दी पीले पड़ सकते हैं। कपड़ों को हल्की धूप या फिर छांव में ही सुखाएं। (एजेंसी)

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नॉन स्टिक पैन का इस तरह से करें सही इस्तेमाल,चलेंगे सालोंसाल

04.04.2022 – नॉन स्टिक पैन आजकल घरों में इस्तेमाल बहुत होता हैं जो कि किचन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका हैं। इसमें खाना पकाना इतना आसान और हेल्दी होता है। नॉन-स्टिक सतह आपके भोजन को बर्तन से चिपकाने के जोखिम को कम करती है। दरअसल नॉन स्टिक पैन की ऊपरी सतह पर एक खास कोटिंग की जाती है जिसकी वजह से कुकिंग के दौरान खाना चिपकता नहीं है। अगर यह कोटिंग खराब हो जाती हैं तो पैन व्यर्थ हो जाता हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी जानकर नॉन स्टिक पैन का इस्तेमाल किया जाए तो ये सालोंसाल चलेंगे।

तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…थोड़े से तेल का इस्तेमालभले ही यह एक नॉन-स्टिक पैन है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस पर थोड़े से तेल का उपयोग करना चाहिए। लेकिन इसे करने का सही तरीका क्या है? अगर आप यह जानना चाहती हैं तो हम आपको बता दें कि थोड़ा सा तेल लेकर स्पैटुला का उपयोग करके इसे बर्तन पर फैला दें। एक पेपर टॉवल का इस्तेमाल करके तेल को पोंछ लें और खाना बनाना शुरू करें।पहली बार साबुन के पानी से धोएंजब आप पहली बार कोई नॉन-स्टिक कुकवेयर घर पर लाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसे आपको सबसे पहले साबुन और गर्म पानी से साफ करना होगा ताकि इसमें मौजूद सारी गंदगी या अवशेष साफ हो जाएं।

इसके लिए एक सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करके इसे रगड़ें और फिर साफ करें। इसे पूरी तरह से सूखने दें और फिर यह उपयोग के लिए तैयार है।वेजिटेबल स्टिर फ्राईदरअसल स्टिर फ्राई वेजिटेबल एक ऐसी डिश है जिसे हाई फ्लेम पर बनाया जाता है और कैरेमलाइज करना होता है लेकिन आपको बता दें कि नॉन स्टिक पैन हाई फ्लेम की हीट को कम कर देता है। जबकि नॉन स्टिक पैन में ज्यादा हाई हीट नहीं देनी चाहिए। इससे उनकी कोटिंग पर असर पड़ता है और खाने में टॉक्सिक तत्व घुलने लगते हैं।मेटल चम्मच के इस्तेमाल से बचें अगर आप चाहती हैं कि आपके नॉन-स्टिक बर्तन लंबे समय तक चलें तो खाना पकाने के लिए कभी भी मेटल के चम्मच या चाकू का इस्तेमाल करने से बचें।

ये नुकीली चीजें बर्तन से नॉन-स्टिक कोटिंग को हटा सकती हैं। आप प्लास्टिक, लकड़ी या सिलिकॉन से बने खाना पकाने के चम्मच का इस्तेमाल कर सकती हैं।अगर ज्यादा देर पकाना होअगर नॉन स्टिक पैन में बहुत देर तक हीट दी जाए तो इसकी कोटिंग पिघलने लगेगी और इससे निकलने वाला धुंआ खाने को टॉक्सिक यानी विषैला कर देता है जो हेल्थ के लिए बुरा होता है। दरअसल 500 डिग्री फारेनहाइट पर इसकी कोटिंग पिघलने लगती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि खाने के बर्तन को कभी भी डायरेक्ट हीट ना दें।स्लो कुकिंग में ना करें यूज़स्लो कुकिंग के लिए भी नॉन स्किट पैन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

अगर आप सॉस, सूप, मीट, खीर या कोई भी डिश जिसे कम आंच पर बहुत देर तक पकाया जाता है और ये नीचे चिपकने लगते हैं तो ऐसी चीजो को भी नॉन स्टिक पैन में नहीं पकाना चाहिए। इससे आपके पैन की कोटिंग खराब होती है और ये सेहत के लिए भी नुकसानदेह होता है।हमेशा इसे पूरी तरह से ठंडा होने देंक्या आपको खाना बनाने के तुरंत बाद अपने कुकवेयर को पानी में रखने की आदत है? तो अपनी इस आदत को पूरी तरह से बदल लें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि बर्तन पूरी तरह से ठंडा हो और फिर आप इसे पानी में साफ करने के लिए डालें क्योंकि तापमान में यह भारी बदलाव नॉन-स्टिक कोटिंग को नुकसान पहुंचा सकता है।

सही तरीके से साफ करेंअपने नॉन-स्टिक कुकवेयर को साफ करने के लिए हमेशा सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करें। अगर बर्तन पर कोई धब्बे या अवशेष हैं तो इसे साफ करने के लिए बेकिंग सोडा और पानी के मिश्रण का उपयोग करें। अंत में, वेजिटेबल ऑयल में डूबे हुए कागज के साथ साफ करें।इन चीजों में करें नॉन स्टिक पैन का इस्तेमालऑमलेट, फिश, चिकेन, नूडल्स आदि को आप नॉन स्टिक पैन में आसानी से पका सकते हैं। ये सभी डिशेज काफी जल्दी बनती हैं और इन्हे अधिक देर तक पकाने की जरूरत नहीं होती। दरअसल, नॉन स्टिक पैन में मिक्स करने, टॉस करने और पलटने में समस्या नहीं आती, इसलिए मिक्स वेज, चीले, ऑमलेट जैसी चीज़ों को इस पर बहुत अच्छी तरह बनाया जा सकता है। (एजेंसी)

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उर्फी जावेद ने इस बार कपड़ों की जगह चिपका लीं अपनी तस्वीरें

04.04.2022 -उर्फी जावेद का नाम इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर हर जगह एक ही नाम छाया हुआ है। उर्फी अपने कपड़ों को लेकर रोज चर्चा में बनी रहती है। उनका लुक और उनके पोज फैंस को खूब पसंद आते है। उर्फी का नाम कई विवादों में भी आता रहता है। वो कई मुद्दों के लेकर आपनी राय रखती रहती है। अभी हाल में एक उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें वो लड़ाई करते हुए नजर आ रही थी। उर्फी अपने कपड़ों से लोगों को हरान करती रहती है।

उर्फी को आपने कभी बिकिनी में देखा होगा, तो ब्रालेट में देखा होगा, इसके अलावा बैकलेस तक में देखा होगा। लेकिन इस बार उन्होंने सभी हदें पार कर दी है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक नई ड्रेस में नजर आ रही है। जिसे देखने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।उर्फी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से फैंस के लिए अक्सर अपनी नई-नई फोटोज या वीडियो डालती रहती है।

लेकिन इस बार उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं। इस वीडियो में एक्ट्रेस किसी गाने की लिप्सिंग करती नजर रही हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात इसके आगे वाली है। उर्फी ने इस दौरान अपनी तस्वीरों से बनी ड्रेस पहन रखी है और ये फोटोज किसी कपड़े पर नहीं लगी हैं, बल्कि एक पतले से धागे से बंधी हुई हैं। इस तस्वीरों वाली को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। तो चलिए देखते है ये वीडियो।उर्फी जावेद ने कुछ समय पहले संजय लीला भंसाली को लेकर एक बड़ी बात बोली थी।

उन्होंने कहा था, मैं भला क्यों अपने कपड़े उतारना चाहूंगी? मैं यह सिर्फ इसलिए नहीं करूंगी क्योंकि आप मुझे बिना कपड़ों के देखना चाहते हैं। मैं बेवजह किसी भी प्रॉजेक्ट में बेवजह न्यूड नहीं हो सकती। लेकिन संजय लीला भंसाली की फिल्म के लेवल का प्रॉजेक्ट हो, तो इस बारे में सोच सकती हूं क्योंकि मैं उन पर पर भरोसा करती हूं। (एजेंसी)

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संघ की चिंतन बैठक देहरादून के आरोवैली आश्रम में 4 अप्रैल से

देहरादून,03 अप्रैल (आरएनएस)।संघ (आरएसएस) की चिंतन बैठक चार से 11 अप्रैल तक देहरादून के रायवाला स्थित आरोवैली आश्रम में होगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही संघ की समूची अखिल भारतीय कार्यकारिणी भाग लेगी। चिंतन बैठक में संघ के विस्तार और आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी। चिंतन बैठक के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से आएंगे और फिर वहां से कार द्वारा बैठक स्थल जाएंगे।

संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों में से कुछ तीन अप्रैल की शाम और कुछ चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। चिंतन बैठक में संघ के कार्यो की समीक्षा के साथ ही विस्तार और भावी कार्यक्रमों को लेकर मंथन होगा।
इस बीच संघ की चिंतन बैठक को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शनिवार शाम को आरोवैली आश्रम पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने संघ प्रमुख के रूट प्लान के अनुसार की गई व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उधर, प्रशासन भी इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर चौकन्ना है। रायवाला में हनुमान चौक से लेकर आरोवैली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है।

औरोवेली आश्रम रायवाला में होने वाले संघ के चिंतन शिविर में वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आश्रम पहुंचे। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के रूट प्लान के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को जरूरी निर्देश दिए। वहीं कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हनुमान चौक से लेकर औरोवेली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है। लोक निर्माण विभाग ने पूरे मार्ग पर कार्यक्रम स्थल के साइन बोर्ड लगाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में शिरकत करने संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंच जाएंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से व इसके बाद कार्यक्रम स्थल तक का सफर कार तय करेंगे। यह कार्यक्रम पांच से 12 अप्रैल तक होना है। शिविर में आरएसएस के अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी और भाजपा के कई बड़े राष्ट्रीय व राज्य स्तर के नेता, भारत सरकार में मंत्री समेत समेत कई विशिष्ट नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है।

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श्रीलंकाई नौसेना ने भारत के 12 मछुआरों को पकड़ा,नाव जब्त की

चेन्नई,03 अप्रैल (आरएनएस)। श्रीलंकाई नौसेना ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने वाले तमिलनाडु के 12 मछुआरों को गिरफ्तार किया है और एक नाव भी जब्त की है। राज्य के मछुआरा संघ के नेता ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है। रामनाथपुरम के मछुआरा संघ के नेता जे. जेसुदासन ने बताया, कि श्रीलंकाई नौसेना नियमित रूप से तमिलनाडु से भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर रही है। हम श्रीलंकाई नौसेना की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। मछुआरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीन नाव भी थी, जो श्रीलंकाई सेना द्वारा जब्त कर ली गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और राज्य से भारतीय मछुआरों को राहत पहुंचाना चाहिए। रविवार की गिरफ्तारी के साथ, वर्तमान में श्रीलंकाई हिरासत में तमिलनाडु के मछुआरों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। रामनाथपुरम और थंगाचिमडोम के मछुआरे शनिवार रात अलग-अलग नावों में समुद्र में उतरे थे।
रविवार को यह पाया गया कि एक नाव वापस नहीं आई थी और पूछताछ करने पर पता चला कि मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार मछुआरों और नाव को श्रीलंका के मैलाडी फिशिंग हार्बर ले जाया गया और आगे की कार्रवाई के लिए जाफना में सौंप दिया जाएगा। श्रीलंकाई नौसेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने डेल्फ्ट द्वीप क्षेत्र से कई भारतीय मछली पकडऩे वाली नौकाओं का पीछा किया और 12 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उनकी नाव को भी जब्त कर लिया है।

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कश्मीरी पंडित जब अपने घरों में वापस लौटेंगे,वह दिन बहुत करीब.. : मोहन भागवत

श्रीनगर,03 अप्रैल (आरएनएस)। कश्मीरी पंडित जब अपने घरों में वापस लौटेंगे.यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कही है। भागवत ने उम्मीद जताई कि आतंकवाद की शुरुआत के बाद 1990 के दशक में अपने घरों से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी में वापस लौट आएंगे। भागवत ने जम्मू में नवरेह समारोह के आखिरी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कश्मीरी हिंदू समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह दिन बहुत करीब है जब कश्मीरी पंडित अपने घरों में वापस आएंगे और मैं चाहता हूं कि वह दिन जल्द आए।
भागवत ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित द कश्मीर फाइल्स ने कश्मीरी पंडितों की सच्ची तस्वीर और 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से उनके पलायन का खुलासा किया है। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित द कश्मीर फाइल्स 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, इसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य एक्टर्स शामिल हैं। फिल्म ने देश में पॉलिटिकल स्पेक्ट्रम का तेजी से ध्रुवीकरण किया है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, आज हर भारतीय कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्चाई के बारे में जानता है। यही वह समय है जब कश्मीरी पंडितों को अपने घरों में इस तरह वापस जाना है कि वे भविष्य में फिर कभी नहीं उखड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने वतन लौटने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि जल्द ही हालात बदल सकें।
भागवत ने कहा, कुछ इस फिल्म के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं… लेकिन इस देश के आम लोगों की राय है कि कड़वी सच्चाई को दुनिया के सामने पेश करके फिल्म ने लोगों को झकझोर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसे नतीजे भुगतने होंगे।

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अंतरराष्ट्रीय ठग व एक्सटॉर्शन गैंग को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली,03 अप्रैल(आरएनएस)। अंतरराष्ट्रीय ठग और एक्सटॉर्शन गैंग को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने भंडाफोड़ कर दिल्ली, जोधपुर और गुरुग्राम से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सीधे कनेक्शन चीन से हैं और यह गिरोह बेहद ऑर्गेनाइज्ड तरीके लोगों से पैसा उगाही करता था। पुलिस ने इस गिरोह के 25 से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज भी कराए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 16 डेबिट कार्ड, 22 चेक बुक और 26 पासपोर्ट भी जब्त किए हैं। डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने अब तक दिल्ली, जोधपुर राजस्थान, गुरुग्राम हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों से 8 लोगों को कर्ज देने के नाम पर निर्दोष लोगों से पैसे वसूलने और उन्हें धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने इस मामले में चीन से सीधे संपर्क के साथ अंतरराष्ट्रीय जालसाजों और जबरन वसूली करने वालों के एक सिंडिकेट का भी भंडाफोड़ किया गया है। यह गिरोह विभिन्न देशों से क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग करता था। इस गिरोह में शामिल 3 चीनी नागरिकों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है।

पुलिस ने बताया कि चीन में बैठे गिरोह के सरगना तक पैसा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पहुंचाया जाता था। पुलिस ने तीन चाइनीज नागरिकों का भी पता लगाया है, जो इस गिरोह से जुड़े हुए थे। पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि धोखाधड़ी और उगाही से लिए गए रकम को चीन, हॉन्गकॉन्ग और दुबई तक इन तीनों चाइनीज नागरिकों के अकाउंट में क्रिप्टो करेंसी के जरिये पहुंचाया जाता था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ये स्कैम कई करोड़ रुपये का गया। अब तक इनके एक अकाउंट में ही 8.25 करोड़ रुपये का पता चला है। साथ ही इस गिरोह के 25 और अकाउंट की भी पुलिस को जानकारी मिली है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह टारगेट के मोबाइल फोन को हैक करके उसमें एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर देते थे और फिर उसके पर्सनल डेटा को एक्सेस करते थे। इसी तरीके से ये गिरोह पीडि़त से पैसा उगाही करते थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने कई महिलाओं की फोटो के साथ छेडख़ानी कर उनसे भी उगाही की है।

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नासिक के पास जयनगर एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे

नई दिल्ली,03 अप्रैल (आरएनएस)। नासिक महाराष्ट्र के  के पास रविवार को ट्रेन हादसा   हो गया। लाहवित और देवलाली के बीच 11061 एलटीटी-जयनगर एक्सप्रेस के करीब 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। मध्य रेलवे के सीपीआरओ के मुताबिक यह हादसा करीब 3.10 बजे डाउन लाइन पर लाहवित और देवलाली (नासिक के पास) के बीच हुआ। जिसमें ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना के बाद दुर्घटना राहत ट्रेन और मेडिकल वैन मौके पुहंच चुकी है। हालांकि, हादसे में अभी तक किसी भी यात्री की जान जाने की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि हादसे में कुछ यात्रियों को चोटें आ सकती हैं। फिलहाल मौके पर मेडिकल ट्रेन को रवाना कर दिया गया है। यह हादसा कैसे हुआ इसका पता नहीं चल पाया है।

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करौली में पथराव एवं आगजनी की घटना पर भाजपा ने गठित की कमेटी

जयपुर,03 अपै्रल (आरएनएस)। करौली राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नव संवत्सर पर निकाली जा रही रैली पर पथराव एवं आगजनी के मामले की तथ्यात्मक जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आज इसके लिए कमेटी गठित की जो घटनास्थल पर जाकर सभी पक्षों से बात कर तथ्यात्मक जानकारी जुटाएगी और बाद में डा पूनियां को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

कमेटी में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुजर, प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर, सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, सांसद जसकौर मीणा, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा, विधायक कन्हैया लाल चौधरी एवं पूर्व विधायक रामहेत यादव शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को करौली में नवसंवत्सर पर निकाली जा रही मोटरसाइकिल रैली पर पथराव एवं आगजनी की घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

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नवरात्रि के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी ने देवीपाटन में किया पूजा-पाठ

बलरामपुर ,02 अप्रैल(आरएनएस)। नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर में आदिशक्ति मां पाटेश्वरी देवीपाटन शक्तिपीठ में पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद मुख्यमंत्री पीठ परिसर स्थित गौशाला पहुंचे जहां उन्होंने गायों को हरा चारा खिलाया। पूजा अर्चना व गौ सेवा भी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल देर शाम बलरामपुर के तुलसीपुर पहुंचे थे। देवीपाटन मंदिर प्रांगण में रात्रि विश्राम के बाद आज मां पाटेष्वरी की पूजा-अर्चना के बाद गोशाला में जाकर गायों को हरा चारा खिलाया। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आदिशक्ति मां भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना करने के लिए लोग कलश स्थापित कर विधि-विधान से मां की पूर्जा-अर्चना कर रहे हैं।
दूसरी बार प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद चैत्र नवरात्रि के पहले दिन योगी पहली बार शक्तिपीठ पहुंचे। मुख्यमंत्री ने गर्भगृह में आज मां पाटेश्वरी के चरण पखार विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। इसके बाद पारंपरिक रूप से मंदिर परिसर की गौ शाला में पहुंचे। वहां गायों को गुड़, दलिया व हरा चारा खिलाकर गौ सेवा की। इस दौरान गौ सेवकों से गायों का हालचाल लिया।

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भारत के विकास को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे : वेंकैया नायडू

हैदराबाद ,02 अप्रैल (आरएनएस)। भारत के विकास को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां भारत को सम्मान और मान्यता मिल रही है, वहीं कुछ पश्चिमी मीडिया छोटे-छोटे मुद्दों पर हमारे खिलाफ दुष्प्रचार करता है।
नायडू हैदराबाद के बाहरी इलाके मुचिन्तल में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में तेलुगु नव वर्ष उगादि समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत का सम्मान किया जा रहा है, पहचाना जा रहा है और महसूस किया जा रहा है। हालांकि कुछ पश्चिमी मीडिया छोटे मुद्दों पर भारत के खिलाफ प्रचार कर सकते हैं, लेकिन बड़े सार्वजनिक जीवन, मूल्य प्रणाली, भारत की परंपराओं और विरासत को प्रभावित किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति ने संसद और राज्य विधानसभाओं में कुछ सदस्यों के आचरण में गिरावट पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे पूरे सिस्टम की बदनामी हो रही है।

राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में कुछ घटनाएं दर्दनाक थीं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को महत्व देने के लिए मीडिया को भी दोषी पाया। उन्होंने कहा कि अगर विधायक मुद्दों पर अच्छा बोलते हैं तो यह मीडिया के लिए खबर नहीं है, लेकिन अगर कोई हंगामा करता है, खराब भाषा का इस्तेमाल करता है या दूसरों पर व्यक्तिगत हमले करता है तो यह खबर बन जाती है।
नायडू ने अपनी मातृभाषा में बोलने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा में घर पर और उस भाषा को समझने वालों के बीच में बोलना चाहिए और अगर वह अन्य भारतीयों के साथ है तो उसे भारतीय भाषाओं में बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, विदेशी भाषा सीखने में कुछ भी गलत नहीं है। आप कोई भी विदेशी भाषा सीख सकते हैं लेकिन आपको अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए। यह हमारा पता और पहचान है।

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महंगाई के मामले में धर्मनिरपेक्ष मोदी सरकार : सुरजेवाला

नई दिल्ली ,02 अपै्रल (आरएनएस)।महंगाई के मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की चुनावी जीत इस देश में महंगाई का लाइसेंस बन गई है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महंगाई के मामले में मोदी सरकार धर्मनिरपेक्ष है और सभी पर समान रूप से महंगाई का बोझ लादा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार हिंदू और मुसलमान या किसी अन्य धर्म पर ज्यादा या कम महंगाई का बोझ नहीं डाल रहे हैं बल्कि समान रूप से पूरे देश में महंगाई बढ़ाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर, दवाइयां, घर के जरूरी सामान, सीएनजी-पीएनजी, स्टील के दाम और घर बनाने की वस्तुओं के दाम बढऩे से आम आदमी पर सालाना 125407 रुपये करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा।

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। नवरात्रि और त्यौहार के मौके पर भी इसका ख्याल नहीं रखा गया। 1 अप्रैल से लगातार देश में महंगाई बढ़ती जा रही है। दवाइयां-पीएनजी-सीएनजी तमाम चीजों के दाम 1 अप्रैल से बढ़ गए हैं। सुरजेवाला ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए देश के किसानों के आंदोलन का बदला आज किसानों से लिया जा रहा है। डीएपी खाद पर प्रति पैकेट देड़ सौ रुपये दाम बढ़ा दिए गए हैं।

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कश्मीर सिंह गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन भुगतान पाने वाले पंजाब के पहले किसान

चंडीगढ़ ,02 अप्रैल (आरएनएस)। कश्मीर सिंह शनिवार को अपने बैंक खाते में सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान प्राप्त करने वाले पंजाब के पहले किसान बन गए हैं।
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक ने कहा कि पटियाला जिले के मुहब्बतपुर गांव के रहने वाले सिंह 31 मार्च को 51 क्विंटल गेहूं राजपुरा लाए थे और गेहूं खरीद के पहले दिन 1 अप्रैल को इसे क्लियर कर खरीदा गया था।
खरीद के 24 घंटे के भीतर विभाग ने किसान के भुगतान की राशि 1,02,765 रुपये सीधे उसके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी।
परिवहन और श्रम की व्यवस्था के संबंध में मीडिया के एक सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि सभी श्रम और परिवहन अनुबंध सीजन की शुरुआत से पहले ही पूरे कर लिए गए हैं।
इसने सुनिश्चित किया है कि राज्य भर की सभी मंडियां पर्याप्त श्रम और ट्रकों के साथ तैयार हैं।
मंडियों में गेहूं की आवक की धीमी गति के बारे में मंत्री ने कहा कि फसल अभी तक पक नहीं पाई है और छह अप्रैल के बाद मालवा क्षेत्र की मंडियों में काफी मात्रा में पहुंचने की उम्मीद है, जबकि माझा क्षेत्र में संभवत: 12 अप्रैल के बाद आवक बढ़ेगी।

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गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट यूपी में निराश्रित गोवंश को आश्रय देगा

02.04.2022 – गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट महाराष्ट्र अब उत्तर प्रदेश में निराश्रित गौवंश को आश्रय देने के लिए अपनी प्रस्तावित ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के लक्ष्य को पूरा करने हेतु निजी क्षेत्र और सामाजिक समूहों से सहायता लेगी। साथ ही साथ पूरे प्रदेश में संस्था के 200 गौसेवकों के द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। ‘गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ नाम के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा ‘अमान’ ने ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों के साथ शनिवार को राजधानी लखनऊ में एक प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी संस्था महाराष्ट्र प्रदेश में पूर्व से ही इस विषय को लेकर बड़ा काम कर रही है।

यद्यपि संस्था को ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के लिए ढेर सारे धन की आवश्यकता होगी, परन्तु संस्था इसके लिए सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं लेगी। संस्था इसके लिए औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र से फंड जुटाने का काम करेगी। बड़े उद्योग समूहों द्वारा ‘कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ स्कीम के तहत समाज के विभिन्न क्षेत्रों में मदद की जाती है। संस्था इसी सीएसआर फंड को अपनी ताकत बनाएगी। इसके अतिरिक्त संस्था समाज के अन्य मददगार समूहों से भी संपर्क करेगी।

प्रेसवार्ता में ‘गउ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ के अध्यक्ष संजय शर्मा अमान ने आगे कहा कि हम सरकार से मदद लेने नहीं सरकार की मदद करने आये हैं। संजय अमान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं धर्म की रक्षा हेतु गौवंश संरक्षण की दिशा में बड़ा कार्य कर रहे हैं। हम उन्ही की मंशा के अनुरूप प्रदेश में काम करने आये हैं। हमे पूरा विश्वास है कि निराश्रित गौवंश को आश्रय-प्रश्रय देने के इस कार्य मे हमे महाराज जी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होगा। प्रेसवार्ता के दौरान संस्था से जुड़े पदाधिकारी गणों के अलावा में हेमलता त्रिपाठी, बिजेन्द्र विश्वकर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

एक ओर गाय को जहां भारतीय सनातन समाज में माता का दर्जा प्राप्त है। गऊ माता सनातन मतावलंबियों के लिए परम आराध्य हैं। वो धर्म और आस्था से सीधे जुड़ी हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जनसामान्य के लिए गौवंश को ही आज निराश्रित पशु के रूप में एक समस्या बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि निराश्रित गौवंश या अन्ना पशु आज किसानों खेतिहरों के लिए बड़ी मुश्किल बन चुके हैं। अभी अभी निपटे यूपी विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष ने ‘सड़कों पर सांड’ जैसे स्लोगन से सत्तासीन भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। वैसे में ‘गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ के द्वारा संचालित जनसहभागिता योजना ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के माध्यम से निराश्रित गोवंश को आश्रय देने का बीड़ा उठाया जाना उत्तर प्रदेश की धरती पर एक सार्थक पहल है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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अनोखी-द जर्नी ऑफ ए वुमन का पोस्ट प्रोडक्शन कार्य सम्पन्न

02.04.2022 – अनोखी-द जर्नी ऑफ ए वुमन मां विंध्यवासिनी फिल्म्स के बैनर तले बी बी के सिन्हा द्वारा निर्मित फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन कार्य अंधेरी मुंबई स्थित आई फोकस स्टूडियो में सम्पन्न हो गया है। अब यह फिल्म बहुत जल्द ही सिनेदर्शकों तक पहुँचने वाली है। इस फिल्म की सह निर्मात्री रेणु सिन्हा हैं।

फिल्म की शूटिंग बिहार, झारखंड व मुंबई के खूबसूरत लोकेशनों पर की गई है। इस फिल्म में एक नारी के त्याग और बलिदान को दिखाया गया है। इस फिल्म के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि सौतेली माँ भी एक माँ ही होती है, जो अपने बच्चों की खुशी के लिए कुछ भी बलिदान कर सकती है।

संजय कुमार सिन्हा निर्देशित इस फिल्म के पटकथा व संवाद लेखक जितेंद्र सुमन, गीतकार कुकू प्रभाष, फरीद साबरी, विवेक बख्शी व राजेश मिश्रा, संगीतकार अमन श्लोक, कोरियोग्राफर पप्पू खन्ना, एडीटर गोविंद दुबे, सिनेमाटोग्राफर शानू सिन्हा और पी आरओ समरजीत हैं। 5 कर्णप्रिय गीतों से सजी इस फिल्म के मुख्य कलाकार राहुल राॅय, कल्पना शाह, जरीना वहाब, राजू खेर, कशिश दुग्गल, पुष्पा वर्मा, अमायरा भारद्वाज, केशू राहुल, बृजेश कुमार, मनीष चतुर्वेदी, रूपा सिंह, ओम कपूर, पूजा वर्मा, प्रिया सिंहा और चाइल्ड आर्टिस्ट मास्टर अभिनव व बेबी पूजा आदि हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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प्रधानमंत्री ने नवरात्री से लेकर नवरेह, उगादी, गुड़ी पड़वा समेत कई त्योहारों की शुभकामनाएं दी हैं

नई दिल्ली ,02 अप्रैल (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को नवरात्री से लेकर नवरेह, उगादी, गुड़ी पड़वा समेत कई त्योहारों की शुभकामनाएं दी हैं। ट्विटर हैंडल के जरिए पीएम ने भारतीयों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। पीएम के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट के जरिए भारतीयों को त्योहारों की बधाई दी। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुभकामनाएं दी थी।

पीएम मोदी ने नवरात्र की बधाई देते हुए ट्वीट किया, सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई। शक्ति की उपासना का यह पर्व हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे। वहीं, उगादी समृद्धि की कामना की। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस दिन कई आयोजन होते हैं।

गुड़ी पाड़वा की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी मराठी में ट्वीट किया। साथ ही कश्मीरी नव वर्ष माने जाने वाले नवरेह भी पीएम ने दी देशवासियों को बधाई दी। कश्मीरी पंडित देवी शारिका की पूजा कर नवरेह मनाते हैं। उन्होंने सिंधी हिंदुओं को चेती चंद्र और मणिपुर वासियों को सजिबू चिराओबा की शुभकामनाएं दी हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने उगादी, गुड़ी पड़वा, नवरेह, चैत्र शुक्ल आदि तथा चेती चंद की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि देशभर में विविध प्रकार से मनाये जाने वाले ये त्योहार पारम्परिक नव वर्ष के प्रतीक हैं। कोविंद ने कहा कि ये त्योहार हमारी सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकता के बंधन को मजबूत बनाते हैं।

राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि ये आनंदपूर्ण त्योहार हमारे समाज में भाईचारे एवं बंधुत्व की भावना को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आशा करता हूं कि ये त्योहार हर एक व्यक्ति के जीवन में प्रेम और सद्भावना को बढ़ावा देंगे।

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विदेशी निवेशकों के लिए भारत आकर्षण का केन्द्र : गोयल

नईदिल्ली,01 अप्रैल (आरएनएस)। विदेशी निवेशकों के लिए दुनिया में भारत आकर्षक निवेश स्थल बना हुआ है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में कहा कि कई देश यहां अपना व्यापार बढाना चाहते हैं। गोयल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछले छह साल से देश में रिकार्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है और इसमें वृद्धि हो रही है। दुनिया भारत को आकर्षक निवेश स्थल के रुप में देख रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के कई निवेशक निवेश के अधिक प्रस्ताव दे हे हैं। विदेशी निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है । ब्रिटेन , यूरोपीय संघ , कनाडा और इजरायल अपना व्यवसाय बढाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि देश में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना चलायी जा रही है और इसके तहत दो लाख करोड़ रुपये दिया जाना है। मोबाइल निर्माता कम्पनी एप्पल 10 हजार करोड़ रुपये निवेश करना चाहती है। तेल शोधन के क्षेत्र में भी विदेशी निवेश के प्रस्ताव आये हैं ।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले 25 साल में देश को समृद्ध बनाने की योजना पर कार्य कर रही है । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मल्टी माडल लॉजिस्टीक हब बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है और इसके लिए 1183 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है जिसमें से 911 एकड़ जमीन मिल गयी है। करीब 205 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है ।

यहां 105 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाना है और पानी उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया जाना है । यहां एक नहर का भी निर्माण किया जाना है । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 853 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है ।

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया

श्रीनगर ,01 अपै्रल (आरएनएस)। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। मारे गए दहशतगर्द की पहचान अभी नहीं हो पाई है। सर्च ऑपरेशन जारी है। माना जा रहा है कि एक-दो और आतंकवादी यहां छिपे हो सकते हैं। घटनास्थल के आसपास लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने शोपियां के तुर्कवांगम गांव में घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबल के जवान जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

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राज्यसभा चुनाव नार्थ ईस्ट की 4 सीटों पर भाजपा ने लहराया परचम

नई दिल्ली ,01 अपै्रल (आरएनएस)। राज्यसभा चुनाव  में भारतीय जनता पार्टी और उसके एक सहयोगी ने पूर्वोत्तर के राज्यों की सभी चार सीटें जीत लीं। वहीं, कांग्रेस को संसदीय इतिहास में पहली बार उच्च सदन में इस क्षेत्र से कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। बीजेपी ने त्रिपुरा सीट अपनी संख्या के बल पर जीती और नागालैंड सीट निर्विरोध जीती। असम में क्रॉस-वोटिंग और अमान्य विपक्षी वोटों ने भगवा पार्टी और उसके सहयोगी यूपीपीएल को उन दोनों सीटों पर जीत हासिल करने में मदद की, जिन पर चुनाव हुए थे।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, हमारी रणनीति विधायकों की अंतरात्मा पर भरोसा करने की थी। हमें कांग्रेस विधायकों से सात वोट मिले हैं। आपको बता दें कि 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने के लिए आवश्यक मतों में चार वोट की कमी थी। विपक्ष के पास एक सीट आराम से जा सकती थी।
नॉर्थ इईस्ट से कांग्रेस का सफाया

असम की दो सीटों पर बीजेपी की पाबित्रा मार्गेरिटा और यूपीपीएल की रवंगरा नारजारी ने जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा को हार का सामना करना पड़ा, जो संयुक्त विपक्ष के आम उम्मीदवार थे। एनडीए के पास अब इस क्षेत्र से उच्च सदन की 14 में से 13 सीटें हैं। असम की एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है।

बीजेपी ने नागालैंड सीट भी निर्विरोध जीती, जिस पर उसके सहयोगी एनपीएफ का कब्जा था। त्रिपुरा में माकपा अपनी सीट भाजपा से हार गई। त्रिपुरा में भाजपा उम्मीदवार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा ने सीपीएम उम्मीदवार, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक भानु लाल साहा को हराकर जीत हासिल की। नागालैंड में भाजपा की एस फांगनोन कोन्याक ने राज्य की राजनीति में इतिहास रच दिया और राज्यसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत

चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की शिकायतों पर सुनवाई शुरू करने के बाद असम की दो राज्यसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती में पांच घंटे से अधिक की देरी हुई। भाजपा के तीन सहित कुल पांच विधायकों ने कथित तौर पर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया था। चुनाव आयोग द्वारा सभी शिकायतों को खारिज किए जाने के बाद रात 10.25 बजे मतगणना शुरू हुई।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि उसके निलंबित विधायक शशिकांत दास, बीपीएफ विधायक दुर्गादास बोरो और भाजपा के तीन विधायकों हितेंद्र नाथ गोस्वामी, गणेश लिम्बु और संजय किशन ने वोट डालते समय चुनाव के नियमों का उल्लंघन किया है।

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कश्मीरी पंडितों के कातिल का केस 31 साल बाद फिर खुला

श्रीनगर ,01 अप्रैल (आरएनएस)। कश्मीरी पंडितों की हत्या का केश  श्रीनगर की एक सत्र अदालत ने 1990 के दशक में सशस्त्र विद्रोह के दौरान आरोपी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे के खिलाफ मामला फिर से खोल दिया है। कोर्ट इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में 2 फरवरी, 1990 को सतीश टिक्कू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। टिक्कू के परिजनों की याचिका पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने यह एक्शन लिया है।
सतीश टिक्कू के बहनोई प्रदीप कौल ने कहा कि मामला विचाराधीन है, इसलिए परिवार टिप्पणी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हमें कानून पर पूरा भरोसा है। इस मामले को लेकर मीडिया पहले ही हल्ला मचा चुका है। हम चाहते हैं कि चीजें कानून के अनुसार चले। दरअसल, कश्मीर फाइल्स फिल्म ने कश्मीरी पंडितों की हत्याओं और पलायन पर फिर से चर्चा शुरू कर दी है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट को काफी हद तक हिंसा का दोषी ठहराया गया है, जिसने एक स्वतंत्र कश्मीर की मांग की थी।
20 पंडितों को मारने की बात कराटे ने स्वीकार की
कराटे के साथ-साथ यासीन मलिक कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान से फंडिंग करने के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए ने 2017 में कराटे और फरवरी 2019 में मलिक को गिरफ्तार किया। बिट्टा कराटे को शुरुआत में 1990 में गिरफ्तार किया गया था। उसने जेकेएलएफ नेताओं के आदेश पर 20 पंडितों को मारने की बात कैमरे पर स्वीकार की थी। बाद में कराटे ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उसने दबाव में यह बयान दिया। 2006 में कराटे को सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष की अरुचि पर रिहा कर दिया गया था।
31 साल बीत गए, न्याय तो मिलना चाहिए
फारूक अहमद डार का नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि वह मार्शल आर्ट में ट्रेंड था। कराटे पुराने शहर श्रीनगर के गुरु बाजार इलाके में बड़ा हुआ, जो 1990 के दशक में उग्रवाद का केंद्र था। उसने हाई स्कूल छोड़ दिया, जिसमें कई पंडित शिक्षक थे। वकील उत्सव बैंस ने कहा कि पीडि़त परिवार को न्याय मिलना चाहिए। 31 साल बीत चुके हैं और परिवार को नहीं पता कि मामले का क्या हुआ।

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कार्तिक आर्यन संजय लीला भंसाली की फिल्म में नजर आ सकते हैं

01.04.2022 – अभिनेता कार्तिक आर्यन के सितारे बुलंदियों पर हैं। उनके खाते में एक के बाद एक कई फिल्में हैं। आमतौर पर उनका शेड्यूल काफी व्यस्त रहता है। अब उनकी एक नई फिल्म को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। खबरों की मानें तो वह मशहूर निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म में नजर आ सकते हैं। भंसाली और कार्तिक की जोड़ी वाकई में कमाल की होगी और फैंस उनके साथ आने का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कार्तिक फिल्ममेकर भंसाली की अगली फिल्म में दिखने वाले हैं।

कार्तिक को हाल ही में फिल्म निर्माता भंसाली के जुहू स्थित कार्यालय के पास स्पॉट किया गया था। कार्तिक ने भंसाली के ऑफिस से बाहर आने के बाद फोटोग्राफर्स से अपनी तस्वीरें भी खिंचावाई थीं। वह एकदम कूल अंदाज में नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपना हाथ हिलाते हुए फैंस और मीडिया का अभिवादन किया था। भंसाली की फिल्म बैजू बावरा के साथ भी कार्तिक का नाम जुड़ा है। पिछले साल जुलाई में खबरें आई थीं कि रणबीर कपूर के बाहर होने के बाद उन्हें फिल्म में शामिल किया गया है।

कार्तिक ने भी फिल्म में काम करने की इच्छा जताई थी। फिल्म की कहानी 1952 में आई सुपरहिट फिल्म बैजू बावरा पर आधारित होगी, जिसका निर्देशन विजय भट्ट ने किया था। इसमें मीना कुमारी और भारत भूषण जैसे कलाकार नजर आए थे। कार्तिक के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह साजिद नाडियाडवाला की फिल्म लुका छुपी 2 में नजर आएंगे। वह फिल्म शहजादा में भी नजर आएंगे। हंसल मेहता की फिल्म कैप्टन इंडिया में कार्तिक मुख्य भूमिका निभाएंगे। वह एकता कपूर की फिल्म फ्रेडी से जुड़े हैं।

वह निर्देशक अनीस बाज्मी की फिल्म भूल भुलैया 2 में काम कर रहे हैं। अनीस बाज्मी की एक अन्य रोमांटिक फिल्म को लेकर भी कार्तिक सुर्खियों में हैं। भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी हाल में सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। आलिया भट्ट ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म ने करीब 126 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था। भंसाली अपनी पहली वेब सीरीज हीरा मंडी के काम में व्यस्त हैं। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे वह काफी शिद्दत से बनाएंगे। वह मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी के जीवन पर बनने वाली फिल्म पर भी काम कर रहे हैं। (एजेंसी)

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