भाजपा के मूल में ही अराजकता: राहुल गांधी

नईदिल्ली,08 जून (आरएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में बुधवार को भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि फ्रिंज (अराजक) सत्तारूढ़ पार्टी के मूल में है।

ट्विटर पर कुछ शीर्ष भाजपा नेताओं के पिछले बयानों का उदाहरण पेश करते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि फ्रिंज बीजेपी का मूल (आधार) है।
राहुल गांधी की टिप्पणी भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर सामने आई है।

पैगंबर मोहम्मद पर दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। विवादास्पद बयान के बाद खाड़ी देशों की ओर से भारत के प्रति एक तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। मामले की गंभीरता को भांपते हुए भाजपा ने उन्हें पार्टी से हटा दिया था।

दोहा में भारतीय दूतावास द्वारा विवाद पर एक बयान जारी किए जाने के बाद से कांग्रेस हमलावर मोड पर है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय दूतावास का इस्तेमाल भाजपा के लिए किया गया है। पार्टी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूरे मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला।

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अभिनेत्री सरगुन मेहता ने फिल्म सौकन सौंकने की सफलता के राज का किया खुलासा

08.06.2022 – अभिनेत्री सरगुन मेहता के लिए काफी अच्छा वक्त चल रहा है, काफी खुश है अभिनेत्री। दरअसल फिल्म सौकन सौंकने जिसको खुद अभिनेत्री ने निर्मित किया है और उसमें मुख्य भू्मिका में नजर आई हैं। इस फिल्म ने बॉक्स, फैंस इस फिल्म को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

अभिनेत्री का कहना है कि, मेरी पहली प्रतिक्रिया खुशी से उछलने की थी। मैं पिछले तीन वर्षों से फिल्म पर काम कर रही हूं। जब से मैंने कहानी सुनी, मैं इस फिल्म के लिए लेखक के पीछे थी। फिर मैंने इसे एक निर्माता के रूप में लिया, आज फिल्म कमाल कर रही है। मुझे अच्छा लगता है कि लोग फिल्म को पसंद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दर्शकों में आपका विश्वास बनाने में लंबा समय लगता है।

अभिनेत्री सरगुन मेहता ने अपनी फीचर फिल्म की शुरूआत 2015 की पंजाबी रोमांटिक कॉमेडी अंगरेज से की और लव पंजाब और लाहौरिए सहित अन्य पंजाबी फिल्मों में भी दिखाई दी है।

एक्टिंग और प्रोडक्शन दोनों को सरगुन मेहता का कहना है, दोनों कार्यक्षेत्रों को प्रबंधित करना मुश्किल है। यह बहुत कठिन था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और काम किया। मुझे कभी कभी लगा कि मैं हार गई हूं पर फिर मैने खुद को हारने नहीं दिया और हर दिन काम किया। यह टेलीविजन की तरह नहीं है जैसे आपने अपनी भूमिका निभाई है, यह हर दिन का काम है।

वास्तव में, इस फिल्म के साथ, मैं था दो साल तक जोर दिया। इसके अलावा, कोविड -19 महामारी के दौरान शूटिंग ने इस परियोजना को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया। (एजेंसी)

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केनिशा अवस्थी के समर लुक ने हर तरफ तापमान बढ़ाया

08.06.2022 – केनिशा अवस्थी के समर लुक ने हर तरफ तापमान बढ़ाया. हंसमुख अभिनेत्री और चार्टबस्टर ग्राइंड की मुख्य अभिनेत्री केनिशा अवस्थी ने तेंदुए की प्रिंट वाली बिकनी में अपनी जलती हुई तस्वीरों से इंटरनेट पर धमाल मचा दिया है। इस भीषण गर्मी में अपने फैनबेस को खूब पसीना बहाते हुए केनिशा की बाथटब में पोज देते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। एक फैशन प्रेरणा और सोशल मीडिया पर हिट, केनिशा अवस्थी की उबेर शांत शैली और आत्मविश्वास ने हमें नोट कर लिया है। एनिमल प्रिंट इन दिनों फैशन क्लासिक होने के साथ, अभिनेत्री बहुत ही स्टाइलिश जंजीर वाले टू पीस में पोज़ देती है। केनिशा ने अपने इस उग्र रूप पर टिप्पणी की, सेक्सी और सुंदर होने का मंत्र हमारे दिमाग में निहित है।
स्वयं होने से, आप किसी के होने का आत्मविश्वास हासिल करते हैं, जिसे आपको कैमरे के सामने रहने की आवश्यकता होती है, जब आप इसे गले लगा सकते हैं कि आप प्रामाणिक रूप से कौन हैं बिना चटकीले मीठे वार्निश के आप अपना रास्ता खुद बनाते हैं और वास्तव में आपके लिए अद्वितीय है। एक ऐसे उद्योग में जहां बड़े पैमाने पर हर कोई नकली मोर्चा खोल रहा है, असली होने से आप बहुत अधिक प्रमुखता से बहुत जल्दी खड़े हो जाएंगे या इसलिए मेरा सामान्य ज्ञान कहता है कि एक प्रदर्शन करने वाले कलाकार के पेशे में, आत्म-प्रेम सफलता की कुंजी है जो सुनिश्चित करता है कि आप स्थानों पर जाएं और आपको उन ऊंचाइयों पर ले जाएं जिनकी आप उंचाइयों को छूना चाहते हैं।  (एजेंसी)

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नींबू को इन तरीकों से करें स्टोर, लंबे समय तक रहेंगे फ्रेश

08.06.2022 – अगर नींबू को सही ढंग से स्टोर न किया जाए तो कुछ ही दिनों में ये सूखने लगते हैं। वहीं, इनका स्वाद भी खराब लगता है, जिस वजह से इन्हें मजबूरन फेंकना पड़ जाता है। अगर आप यह नहीं चाहते हैं कि आपके द्वारा लाए गए नींबू जल्दी खराब हो तो आइए आज हम आपको इन्हें स्टोर करने के पांच बेहतरीन तरीके बताते हैं ताकि नींबू लंबे समय तक फ्रेश रहें।
फ्रीजर में स्टोर करें नींबू

जब भी आप नींबू खरीदकर लाएं तो इन्हें धोकर एक जिप लॉक बैग में रखकर फ्रीजर में रख दें और जब आपको उनकी आवश्यकता हो तो आप नींबू को फिर से नरम होने तक डीफ्रॉस्ट कर सकते हैं। डीफ्रॉस्ट के लिए आप नींबू को हल्के गर्म पानी में कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। इस तरीके से आप नींबू के ताजे रस का इस्तेमाल कर पाएंगे। फ्रीजर में रखें नींबू का इस्तेमाल आप तीन-चार महीने तक कर सकते हैं।
एयर टाइट कंटनेर का करें इस्तेमाल

आप चाहें तो नींबू को स्टोर करने के लिए एयर टाइट कंटेनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले सारे नींबू को साफ पानी से धो लें, फिर इन्हें बीच में से काटकर इनका रस एक कटोरी में निकाल लें। इसके बाद कटोरी वाले रस को किसी एयर टाइट कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें। इस तरह से आप चार दिनों तक नींबू के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नींबू को काटकर करें स्टोर

इसके लिए सबसे पहले सारे नींबू को धोकर छोटे-छोटे में काट लें, फिर इनके बीज निकालें। इसके बाद नींबू के टुकड़ों को एक बेकिंग शीट पर फैलाकर फ्रीजर में रखें और जब ये ठोस हो जाएं तो इन्हें एक जिप लॉक बैग में डालकर दोबार फ्रीजर में कर दें। इस तरह से नींबू तीन से चार महीने तक चलेंगे। हालांकि, इस्तेमाल करने से पहले नींबू के टुकड़ों को कुछ देर के लिए कमरे के तापमान पर छोड़ दें।
फ्रिज में करें स्टोर

नींबू को स्टोर करने के लिए इन्हें फ्रिज में भी रखा जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले एक प्लास्टिक के रेपर से सारे नींबू को लपेटें और उसे किसी धागे से बांधकर फ्रिज में रख दें। आप चाहें तो नींबू को पेपर टॉवल में लपेटकर भी फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। इस तरह से आप नींबू का इस्तेमाल लगभग दो-तीन सप्ताह तक कर सकते हैं।

आप चाहें तो नींबू को कमरे के तापमान पर भी स्टोर कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि इन पर सीधी धूप न पड़े। इस तरीके से नींबू कम से कम छह दिन तक ठीक रहेंगे। (एजेंसी)

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फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज

08.06.2022 -फटी एडिय़ों में वैसलीन के साथ मिलाकर रातभर लगे रहने दे यह चीज.  फटी एडिय़ों की समस्या आज के समय में हर किसी को परेशां करती है। हालाँकि इसके लिए नींबू रामबाण है। जी हाँ, आप इसके इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

आप सभी को बता दें कि नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फटी एडिय़ों की परेशानी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। इसी के साथ ही यह एडिय़ों में सूजन, दरारों को कम कर सकता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं फटी एडिय़ों के लिए नींबू के फायदों के बारे में और इसका इस्तेमाल कैसे करना है।

रातभर मोजे में नींबू रखकर सोएं

अगर आप काफी दिनों से फटी एडिय़ों की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो यह नुस्खा काम का है। इसके लिए आपको 1 नींबू के छोटे से टुकड़े को मोजे में डालकर पहनकर सोने की जरूरत है। वहीं रातभर मोजे में मौजूद नींबू आपके पैरों को मॉइश्चराइज कर सकता है और इससे आपके पैरों में नमी बनी रहेगी, जो पैरों के रूखेपन को दूर कर सकता है। वैसे आप चाहे तो मोजे में नींबू डालने से पहले इसे अपने तलवों पर रगड़ लें।

नींबू और पेट्रोलियम जेली

जी दरअसल इन दोनों का मिश्रण आपके पैरों को सॉफ्ट कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नींबू और पेट्रोलियम जेली का मिश्रण तैयार कर लें। उसके बाद इस मिश्रण को सोने से पहले अपने पैरों पर लगा लें। वहीं सुबह उठकर अपने पैरों को धो लें। जी दरअसल नियमित रूप से इस तरह पैरों में नींबू लगाने से फटी एडिय़ों की परेशानी दूर हो सकती है।

सीधे तौर पर एडिय़ों में रगड़े नींबू

रात में सोने से पहले नींबू के रस को अपनी एडिय़ों पर रगड़ें। आप सुबह उठकर अपने पैरों को गर्म या गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लेंक्योंकि नियमित रूप से ऐसा करने से आपके पैरों की खूबसूरती बढ़ेगी।

नारियल तेल और नींबू

इसको इस्तेमाल करने के लिए रात में सोने से पहले नारियल तेल में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिक्स कर लें और अब इस मिश्रण को अपने पैरों पर रगड़ लें। उसके बाद पैरों की हल्की सी सिंकाई करें, ऐसा करने से कुछ समय तक पैरों की मसाज करने से थकान कम होगी और इसके बाद मोजे पहनकर सो जाएं। वहीं सुबह उठकर पैरों को गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपके पैर सॉफ्ट होंगे और फटी एडिय़ों की परेशानी दूर होगी। (एजेंसी)

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कांग्रेस बदलने को तैयार नहीं

अजीत द्विवेदी – कांग्रेस बदलने को तैयार नहीं. चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के बारे में अपनी जो ताजा राय व्यक्त की है उसमें उन्होंने कहा है, ‘कांग्रेस पार्टी सुधरती नहीं है, अपने तो डूब रही है हमको भी डुबा देगी। हम 10 साल में सिर्फ एक चुनाव हारे 2017 में। कांग्रेस ने हमारा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया, इसलिए उसके बाद हमने उनसे हाथ जोड़ लिया कि इन लोगों के साथ कभी काम नहीं करेंगे’।

सचमुच प्रशांत किशोर ने 2017 के बाद कांग्रेस के लिए काम नहीं किया। हालांकि वे कांग्रेस के साथ जुडऩे जरूर गए थे लेकिन वह एक अलग मामला है। वे चुनाव रणनीतिकार के तौर पर नहीं, बल्कि एक नेता के तौर पर कांग्रेस के साथ जुड़ कर उसमें संरचनात्मक बदलाव करके उसे भाजपा से मुकाबले के लिए तैयार करने के मकसद से गए थे। उनके कई बार प्रेजेंटेशन देने के बावजूद जब कांग्रेस उनकी शर्तों पर राजी नहीं हुई तो लगा कि कांग्रेस एक चुनाव रणनीतिकार के तौर पर तो उनकी सेवा लेना चाहती है लेकिन एक नेता के रूप में पार्टी में शामिल कर उन्हें अपने मन से हर काम करने की छूट नहीं देना चाहती।

कांग्रेस ने हालांकि प्रशांत किशोर के कुछ सुझावों पर उदयपुर के नव संकल्प शिविर में विचार किया और उनमें से कुछ पर अमल का फैसला भी किया। लेकिन नव संकल्प शिविर के बाद पिछले तीन हफ्ते में जो राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं उनसे ऐसा लग नहीं रहा है कि कांग्रेस इस बात को समझ पाई है कि उसके अंदर क्या कमी है और उसे क्या सुधार करना है। असल में कांग्रेस ने उदयपुर में अपनी कमियों पर चर्चा ही नहीं की। यह सोचा ही नहीं कि उसकी क्या कमजोरी है, जिसकी वजह से वह लगातार चुनाव हार रही है और जिसकी वजह से लगातार उसके नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। तीन दिन तक पार्टी के शीर्ष नेता विचार करते रहे लेकिन हार पर चिंतन नहीं किया और न संगठन पर विचार हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव अगस्त में होना है। उसकी तैयारियों से भी पार्टी कोई राजनीतिक माहौल नहीं बना पाई है, जबकि भाजपा अध्यक्ष का चुनाव अगले साल होना है और उसने हर प्रदेश में लगातार कार्यसमिति का आयोजन करके राजनीतिक माहौल बनाया हुआ है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई है।

नव संकल्प शिविर के बाद जो सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है वह राज्यसभा के दोवार्षिक चुनाव हैं। इन चुनावों के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों को देख कर भी साफ हो गया है कि कांग्रेस किसी हाल में नहीं बदल सकती है। कांग्रेस ने कुल 10 उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन उनमें महाराष्ट्र के एक, राजस्थान के तीन, छत्तीसगढ़ के दो और हरियाणा के एक यानी सात उम्मीदवारों को लेकर राज्यों में जबरदस्त विरोध है। सोचें, 10 में से सात उम्मीदवारों का भारी विरोध है और उन्हीं में से दो उम्मीदवार ऐसी लड़ाई में फंस गए हैं, जहां उनके जीतने की संभावना कम हो गई है। कांग्रेस ने कर्नाटक से जयराम रमेश, तमिलनाडु से पी चिदंबरम और मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा को छोड़ कर बाकी सारे उम्मीदवार बाहरी दिए हैं। यानी जिस राज्य में सीटें खाली हुई हैं वहां की बजाय दूसरे राज्य का उम्मीदवार उतारा है। कांग्रेस ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया है कि परिवार के प्रति निष्ठा रखने वालों को उच्च सदन में भेजा जा सके।

कांग्रेस ने उम्मीदवार तय करने में न तो सामाजिक समीकरण का ध्यान रखा है और न क्षेत्रीय संतुलन का प्रयास किया है। बादशाह के हुक्मनामे की तरह उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए गए। उत्तर प्रदेश के रहने वाले राजीव शुक्ल छत्तीसगढ़ से, प्रमोद तिवारी राजस्थान से और इमरान प्रतापगढ़ी महाराष्ट्र से चुनाव लड़ रहे हैं। हरियाणा के रणदीप सुरजेवाला और महाराष्ट्र के मुकुल वासनिक राजस्थान से तो दिल्ली के अजय माकन हरियाणा से उम्मीदवार हैं। बिहार की रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके उलट भाजपा ने अपने 22 में सिर्फ दो उम्मीदवारों को उनके राज्य के बाहर टिकट दिया है। उसने निर्मला सीतारमण को कर्नाटक और के लक्ष्मण को उत्तर प्रदेश से उम्मीदवार बनाया है।

अगर सामाजिक समीकरण की बात करें तो भाजपा ने 22 उम्मीदवारों में से सिर्फ चार ब्राह्मण उम्मीदवार दिए हैं। इनके अलावा उसके ज्यादातर उम्मीदवार पिछड़ी और दलित जातियों के हैं। उसने इस बात का खास ख्याल रखा है कि कम से कम उम्मीदवार हाई प्रोफाइल हो। उसने ज्यादातर संगठन के नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका दिया है। इसके उलट कांग्रेस ने 10 में से पांच ब्राह्मण सहित सात सवर्ण उम्मीदवार दिए हैं। कांग्रेस की सूची में एक दलित, एक ओबीसी और एक मुस्लिम है। इसके अलावा लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली पार्टी ने 10 में से सिर्फ एक महिला उम्मीदवार दिया है, जबकि भाजपा के 22 उम्मीदवारों में से चार महिलाएं हैं। भाजपा ने तीन राज्यों में अतिरिक्त उम्मीदवार देकर कांग्रेस को फंसाया है लेकिन मौका होने के बावजूद कांग्रेस किसी राज्य में भाजपा को नहीं उलझा सकी। उलटे कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी नासमझी या अपरिपक्वता में झारखंड की सहयोगी पार्टी जेएमएम से संबंध खराब किया सो अलग।

कांग्रेस ने जिस तरह से अपने शासन वाले राज्यों- राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार दिए हैं उससे ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने इन दोनों राज्यों में अगले साल होने वाले चुनाव में जीतने का इरादा त्याग दिया है। अगर कांग्रेस इन राज्यों में लडऩे और जीतने का इरादा दिखाती तो सारे उम्मीदवार स्थानीय होते और राज्य के जातीय समीकरण के अनुरूप होते। जमीनी कार्यकर्ता होते और दोनों मुख्यमंत्रियों के हाथ मजबूत करने वाले होते। लेकिन उसकी बजाय पांच बाहरी व थके-हारे नेताओं को उम्मीदवार बना कर कांग्रेस आलाकमान ने अपने मुख्यमंत्रियों को भी मुश्किल में डाला है और आगे की संभावना भी खराब की है। दूसरी और बड़ी कमी यह है कि कांग्रेस अब भी उस बादशाही वाले अंदाज में काम कर रही है कि जो निष्ठावान नहीं है या कभी भी जिसने परिवार पर सवाल उठाया है उसको कुछ नहीं देना है। तभी पार्टी के अनेक उपयुक्त उम्मीदवारों की अनदेखी कर दी गई।

सोचें, इतनी खराब दशा में भी कांग्रेस परिवार के प्रति निष्ठावान लोगों को उपकृत करने और असंतुष्ट नेताओं को निपटाने के खेल में लगी है। इतने मुश्किल समय में पार्टी अपनी कमियों पर विचार नहीं कर रही है। पार्टी को एकजुट रखने और नेताओं से बात कर उनकी शिकायतों को दूर करने की बजाय ऐसे हालात बना रही है कि और नेता पार्टी छोड़ कर जाएं। नव संकल्प शिविर के बाद सुनील जाखड़ और कपिल सिब्बल जैसे पुराने नेता पार्टी छोड़ गए। कांग्रेस ऐसे दिखा रही है, जैसे उसे इसकी परवाह ही नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ नेताओं के मामले में पार्टी की यह एप्रोच है। पार्टी के पास कोई संगठन भी नहीं है और कोई कार्यक्रम भी नहीं है। इतनी घनघोर महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी के बावजूद सरकार को घेरने वाला कोई कार्यक्रम कांग्रेस नहीं चला रही है। भाजपा और क्षेत्रीय पार्टियां आगे होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में लगी हैं लेकिन कांग्रेस नेता पार्टी के अंदर एक-दूसरे को निपटाने के खेल में लगे हैं।

असल में लगातार चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के नेता इस मुगालते में हैं कि एक दिन लोग भाजपा से उब जाएंगे और फिर घर बैठे कांग्रेस को सत्ता सौंप देंगे। एक बार 2004 में ऐसा हो गया था लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।

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सिर्फ सोनिया व राहुल ही क्यों?

वेद प्रताप वैदिक – सिर्फ सोनिया व राहुल ही क्यों? केंद्र सरकार के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पेशी का नोटिस भेजा है। ये दोनों कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष हैं। इनके अलावा आप पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने हिरासत में डाल रखा है। लालू प्रसाद यादव और ओमप्रकाश चौटाला पहले से जेल भुगत रहे हैं। झारखंड के कुछ अफसर भी जेल भुगत रहे हैं। ये लोग सब कौन हैं? ये सब गैर-भाजपाई नेता हैं।

ये सब विरोधी दलों के अध्यक्ष या मुख्यमंत्री या अफसर रहे हैं? इनमें से किसका कितना दोष या अपराध है, यह तो अदालतें तय करती हैं लेकिन कितने गर्व और गौरव की बात है कि इनमें से एक भी आदमी ऐसा नहीं है, जो भाजपा का हो या सत्तारुढ़ दल का हो। यदि भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्त्ता सचमुच ऐसे हों तो इससे बढ़कर आनंद की बात राष्ट्र के लिए क्या हो सकती है? लेकिन क्या ऐसा है? यह कैसे पता चले?

या तो वे शपथ लेकर कहें कि वे दूध के धुले हुए हैं या वे यह दावा करें कि उन्होंने कभी रिश्वत नहीं ली है, या उन्होंने कभी टैक्स-चोरी नहीं की है या पैसे की अफरा-तफरी नहीं की है। ऐसा दावा करते हुए तो हमने किसी भी पार्टी के एक भी नेता को नहीं सुना है। हाँ, सिर्फ विरोधी नेताओं को सरकारें अपने दांव में फंसा लेती हैं। आज भाजपा अपने विरोधियों- कांग्रेसियों, आपियों, बसपाइयों और समाजवादियों- को अपने जाल में फंसा रही है तो कल जब सत्ता बदलेगी तो ये सब मिलकर क्या भाजपाइयों के लिए लंबा-चैड़ा जाल नहीं बिछा देंगे?

क्या इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी? नहीं, बिल्कुल नहीं। अपने विरोधियों पर छापे मारने के पहले यदि कोई प्रधानमंत्री अपने समर्थकों पर छापे डलवा दे तो वह असली सफाई कहलाएगी। दूसरों का घर साफ़ करने के पहले यदि अपना घर साफ़ न करें तो लोग आपकी मजाक उड़ाए बिना नहीं रहेंगे। आपकी उस सफाई को लोग राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई समझेंगे। जनता में उसकी एकदम उल्टी प्रतिक्रिया भी हो सकती है। जनता उनके अपराध को अनदेखा कर देगी और उनके लिए सहानुभूति के बादल बरस पड़ेगे जैसे कि चरणसिंह द्वारा इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी पर बरसे थे।

क्या भारत में किसी पार्टी की कोई ऐसी सरकार कभी बनेगी, जो अपने नेताओं पर सबसे पहले छापे मारे और उन्हें गिरफ्तार करे। पंजाब में आप पार्टी ने यह कर दिखाया है लेकिन अपने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को वह पद्मविभूषण के लायक बता रही है और कांग्रेस भी अपने दोनों मालिकों के प्रति पूर्ण भक्तिभाव दिखा रही है। यह हो सकता है कि गहन जांच के बाद ये लोग दोषी साबित हो जाएं लेकिन फिर भी यह सवाल बना ही रहेगा कि सिर्फ ये ही क्यों?

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आज का राशिफल

मेष : सेहत को देखभाल की ख़ास ज़रूरत है। जिन लोगों ने कहीं निवेश किया था आज के दिन आपको आर्थिक हानि होने की संभावना है। संबंधियों से मुलाक़ात उससे कहीं बेहतर रहेगी, जितनी आपको उम्मीद थी। भावनात्मक उथल-पुथल आपको परेशान कर सकती है। चीज़ें कार्यक्षेत्र में बेहतर नजऱ आती हैं।

वृष : मौज-मस्ती और मनपसंद काम करने का दिन है। अतिरिक्त धन को रिअल एस्टेट में निवेश किया जा सकता है। घर पर कोशिश करें कि कोई आपकी वजह से आहत न हो और परिवार की ज़रूरतों के मुताबिक़ ख़ुद को ढालें। प्रेम के नज़रिए से आज का दिन आपके लिए ख़ुशियों से भरा रहेगा।

मिथुन: भले ही आप उत्साह से लबरेज़ हों, फिर भी आज आप किसी ऐसे की कमी महसूस करेंगे जो आज आपके साथ नहीं है। दिन बहुत लाभदायक नहीं है- इसलिए अपनी जेब पर नजऱ रखें और ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें।

कर्क : आज अतीत के ग़लत फ़ैसले मानसिक अशांति और क्लेश की वजह बनेंगे। आप ख़ुद को अकेला पाएंगे और सही-ग़लत का निर्णय करने में असमर्थ महसूस करेंगे। दूसरों की सलाह लें। उस सलाह को जिंदगी में जगह भी दे सकते हैं।

सिंह: आज आपके पास ख़ुद के लिए पर्याप्त समय होगा, तो मौक़े का फ़ायदा उठाएँ और अच्छी सेहत के लिए पैदल सैर पर जाएं। ऐसा लगता है आप जानते हैं कि लोग आपसे क्या चाहते हैं, लेकिन आज अपने ख़र्चों को बहुत ज़्यादा बढ़ाने से बचें।

कन्या: आप खाली समय का आनंद ले सकेंगे। व्यापाार में मुनाफा आज कई व्यापारियों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। कोई पुराना परिचित आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। जऱा संभल कर, क्योंकि आपका प्रिय रूमानी तौर पर आपको मक्खन लगा सकता है मैं तुम्हारे बग़ैर इस दुनिया में नहीं रह सकता/सकती।

तुला: आपका ईष्र्यालु स्वभाव आपको उदास और दु:खी बना सकता है। आप यह चोट ख़ुद को पहुँचा रहे हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके इसे छोड़ दें। दूसरों के सुख-दु:ख बांटने की आदत विकसित करें। अगर आप लम्बे वक़्त के लिए निवेश करें, तो अच्छा-ख़ासा फ़ायदा हासिल कर सकते हैं।

वृश्चिक: हृदय-रोगियों के लिए कॉफ़ी छोडऩे का सही समय है। अब इसका जऱा भी इस्तेमाल दिल पर अतिरिक्त दबाव डालेगा। जिन लोगों को आप जानते हैं, उनके ज़रिए आपको आमदनी के नए स्रोत मिलेंगे। आपको अपने रोज़मर्रा के कामों से छुट्टी लेकर आज दोस्तों के साथ घूमने का कार्यक्रम बनाना चाहिए।

धनु: दोस्त से मिली ख़ास तारीफ़ ख़ुशी का ज़रिया बनेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपने अपनी जि़ंदगी को पेड़ की तरह बना लिया है, जो ख़ुद तपती धूप में खड़ा होकर और उसे सहकर भी राहगीरों को छांव देता है। आज आपका सामना कई नई आर्थिक योजनाओं से होगा।

मकर: आपके तनाव और परेशानी की एक बड़ी वजह बचपन की मासूमियत को जीने की चाह है, इसलिए खुलकर जिएं। आज के दिन भूलकर भी किसी को पैसे उधार न दें और यदि देना जरुरी हो तो देने वाले से लिखित में लें कि वो पैसा वापस कब करेगा।

कुंभ: आप महसूस करेंगे कि आस-पास के लोग बहुत ज़्यादा मांग करने वाले हैं। लेकिन जितना आप कर सकते हैं, उससे ज़्यादा करने का वादा न करें और केवल दूसरे को ख़ुश करने के लिए ख़ुद को तनाव से नहीं थकाएँ। आपने बीते समय में बहुत पैसा खर्च किया है जिसका खामियाजा आज आपको भुगतना पड़ सकता है।

मीन: अवांछित विचार दिमाग़ में छा सकते हैं। ख़ुद को शारीरिक व्यायाम का मज़ा लेने दें, क्योंकि खाली दिमाग़ शैतान का घर होता है। आर्थिक पक्ष के मजबूत होने की पूरी संभावना है। अगर आपने किसी शख्स को पैसा उधार दिया था, तो आज आपको वो पैसा वापस मिलने की उम्मीद है। आज का दिन ख़ुशियों से भरा रहेगा, क्योंकि आपका जीवन-साथी आपको ख़ुशी देने का हर प्रयास करेगा।

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श्रेयस होसुर ने आयरनमैन ट्रायथलॉन को पूरा कर,इतिहास रचा

नईदिल्ली,07 जून (आरएनएस)।श्रेयस होसुर ने आयरनमैन ट्रायथलॉन को पूरा कर,इतिहास रचा.  दक्षिण पश्चिम रेलवे के डिप्टी एफएएंडसीएओउ श्रेयस होसुर ने कठिन आयरनमैन ट्रायथलॉन को पूरा करने वाले पहले रेलवे अधिकारी और बिना वर्दी वाली सिविल सेवाओं के पहले अधिकारी बनकर भारतीय रेलवे को गौरवान्वित किया है।

इस स्पर्धा में 3.8 किलो मीटर की तैराकी, 180 किलो मीटर साइक्लिंग और 42.2 किलो मीटर की दौड़ शामिल थी। श्रेयस ने इसे जर्मनी के हैम्बर्ग में 5 जून, 2022 को 13 घंटे 26 मिनट में पूरा किया।

स्पर्धा समाप्ति करने वाले को आयरनमैन के नाम से जाना जाता है, जो स्पर्धा के लिए आवश्यक मानसिक और शारीरिक शक्ति के अनुरूप होता है।

यह स्पर्धा हैम्बर्ग झील के ठंडे पानी में सुबह 6:30 बजे 3.8 किलो मीटर की तैराकी के साथ शुरू हुई, जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्र में 180 किलो मीटर लंबी साइकिलिंग हुई और 42.2 किलो मीटर की पूर्ण मैराथन के साथ समाप्त हुई।

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देश में बने अनेक जनजातीय परंपरागत क़ानून पर अनुसंधान की ज़रूरत : अमित शाह

– राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान उद्घाटित

नईदिल्ली,07 जून (आरएनएस)।देश में बने अनेक जनजातीय परंपरागत क़ानून पर अनुसंधान की ज़रूरत. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता और जनजातीय कार्य एवं जलशक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज का दिन पूरे देश, विशेषकर जनजातीय समाज, के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार आज ये राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान अस्तित्व में आ रहा है। देश में अनेक जनजातीय अनुसंधान संस्थान काम कर रहे हैं लेकिन जनजातीय समाज की अनेक विविधताओं को राष्ट्रीय रूप से जोडऩे वाली कड़ी नहीं थी और नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार बन रहा ये संस्थान वो कड़ी बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा भी की और मनाया भी। गुजरात के मुख्यमत्री रहते हुए मोदी ने जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए वनबंधु कल्याण योजना के रूप में एक ऐसी योजना शुरू की जिससे व्यक्ति, गाँव और क्षेत्र का समानांतर विकास हुआ।

जब तक व्यक्ति, गांव और क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं होता तब तक जनजातीय समाज का विकास नहीं हो सकता। इसके लिए मोदी ने पहली बार वनबंधु कल्याण योजना गुजरात में ज़मीन पर उतारी थी और आज़ादी के बाद पहली बार जनजातीय समाज को संविधानप्रदत्त अधिकार अगर की राज्य ने दिया तो वो नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने दिया। सबका, समावेशी और सर्वस्पर्शीय विकास को ध्यान में रखकर वनबंधु कल्याण योजना बनाई गई थी। अब मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अनेक प्रकार की विविधता वाले इस देश के 8 प्रतिशत जनजातीय समाज के विकास को एकसूत्र में पिरोने के लिए इस संस्थान की कल्पना की थी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जल, जंगल, ज़मीन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति, भाषा, परंपरा से संबंधित देश में अनेक जनजातीय परंपरागत क़ानून बने हुए हैं जिनपर अनुसंधान की ज़रूरत है। इन क़ानूनों का वर्तमान क़ानून के साथ सामंजस्य किए बिना किसी भी जनजातीय कल्याण के क़ानून पर अमल नहीं हो सकता। इन सभी विषयों पर अनुसंधान राष्ट्रीय स्तर पर ही हो सकता है और उसे राष्ट्रीय मान्यता भी तभी मिलेगी।

शाह ने कहा कि ये संस्थान विभिन्न विषयों पर अनुसंधान और उनका मूल्यांकन करेगा, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य संस्थानों का क्षमता निर्माण करेगा, डेटा संग्रह भी करेगा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अच्छी बातों का प्रचार-प्रसार भी करेगा। जनजातीय त्यौहारों को, उनकी मूल भावना को संजोए रखते हुए, आधुनिक स्वरूप देकर लोकप्रिय बनाने का काम भी करेगा। मोदी द्वारा कल्पित जनजातीय संग्रहालयों की विविधता, रखरखाव पर भी काम करेगा। एक प्रकार से समग्र जनजातीय समाज के विकास का ख़ाका खींचने का काम ये अनुसंधान संस्थान करेगा। ये अनुसंधान संस्थान आने वाले 25 सालों में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी बनने वाला है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुरूआत से ही अनुसंधान संस्थान और जनशिक्षा पर बहुत बल दिया है। पिछली सरकार के समय वर्ष 2014 में इसके लिए बजट सात करोड़ रूपए था जिसे 2022 के बजट में बढ़ाकर 150 करोड़ रूपए कर दिया गया। किसी भी विकास के लिए नींव ठोस होनी चाहिए और विकास योजनाओं के आधार को मज़बूत उनकी कमियों का अभ्यास करके, नीति बनाकर और उसपर अमल करके ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की संख्या में भी बहुत बढ़ोतरी करके 27 बनाए गए हैं।

49 प्रतिष्ठान आज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में सर्टिफाइड हैं। जनजातीय जनप्रतिनिधियों, जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले एनजीओ, रिसर्च इंस्टिट्यूट को इनका बहुत अच्छे से उपयोग करना चाहिए कि आदिवासी का स्वास्थ्य कैसे ठीक हो, उनमें न्यूट्रीशन की कमी को कैसे हल किया जाए, परंपरागत रोगों को कैसे दूर किया जाए और कैसे उन्हें सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनाया जाए। इन सारी चीजों को इस संस्थान और सेंटर फॉर एक्सीलेंस से ही आगे बढ़ा सकते हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने 2014 में महसूस किया कि राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय नीतियां देश की सभी जनजातियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। जनजाति संबंधी लीगेसी के मुद्दों पर भी कई विवाद सालों से लंबित हैं जिनका निपटारा भी जरूरी है और जनजातीय मुद्दों पर नॉलेज बैंक भी बनाना चाहिए। इन सभी को ध्यान में रखकर इस संस्थान की कल्पना की गई थी जो लगभग 10 करोड रूपए की लागत से आज पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान संस्थान सरकार को नीतिगत जानकारी देगा, राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में भी काम करेगा, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय ज्ञान केंद्र भी यहीं बनाया जाएगा, और, शैक्षणिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्र में जनजातियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी काम करेगा।

शाह ने कहा कि जनजातियों के सम्मान के लिए मोदी सरकार ने ढेर सारे काम किए हैं। कई राज्यों में ठुकराए और भुला दिए गए जनजातीय नेताओं को गौरव प्रदान करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है। चाहे खासी-गारो आंदोलन हो, मिज़ो आंदोलन हो, मणिपुर का आंदोलन हो, वीर दुर्गावती का शौर्य हो या रानी कमलावती का बलिदान हो, इन सबको गौरव देने का काम मोदी सरकार ने किया है। भगवान बिरसा मुंडा के साथ जोड़कर आदिवासी जनजातीय गौरव दिवस मनाने का भी हमने फैसला किया है। लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से 10 संग्रहालय भी हम बना रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत नॉर्थ-ईस्ट, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू कश्मीर में जनजातियों से जुड़ी हुई अनेक समस्याएं लंबित थीं, जो धीरे-धीरे कानून और व्यवस्था की स्थिति में परिवर्तित हो गईं। मोदी ने 2019 के बाद नॉर्थईस्ट में एक के बाद एक कई कदम उठाए हैं। कई जनजातियों के साथ हमने समझौते किए हैं कि आज एएफएसपीए को नॉर्थईस्ट के लगभग 66त्न से ज्यादा क्षेत्र से हमने उठा लिया है और शांति प्रस्थापित की है। वर्ष 2006 से 2014 तक के पिछली सरकार के आठ सालों में छोटी-छोटी घटनाओं को गिनकर पूर्वोत्तर में 8700 घटनाएं हुईं थीं जबकि नरेंद्र मोदी के 8 सालों के शासन में इन घटनाओं में लगभग 70त्न की कमी आई है।

पहले 304 सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई थी जिसमें अब 60त्न की कमी आई है, नागरिकों की मृत्यु का आंकड़ा भी पहले की तुलना में 83त्न तक कम हुआ है और इन सबसे आप कल्पना कर सकते हैं कि नॉर्थईस्ट में कितना बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में शांति होती है उसी क्षेत्र में विकास होता है फिर चाहे वो वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र हो या नॉर्थईस्ट हो, जहां जनजाति ही रहती है। सुरक्षित पूर्वोत्तर और सुरक्षित मध्य भारत के वामपंथी उग्रवादग्रस्त क्षेत्र जनजातीय कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एकलव्य स्कूल के लिए 278 करोड रूपए का बजट था जिसे इस साल के बजट में बढ़ाकर 1,418 करोड़ रूपए करने का काम हमने किया है। ओलंपिक में मेडल जीतने की सबसे अच्छी क्षमता आदिवासी बच्चों में ही होती है क्योंकि वह परंपरा से खेलता है। उसे बस नियमों की जानकारी देनी है, नियम समझाने हैं, अभ्यास कराना है, प्रशिक्षण देना है और मंच देना है। वह तो एक नेचुरल खिलाड़ी है। इन एकलव्य स्कूलों में खिलाडिय़ों को तैयार करने की विशेष व्यवस्था हमने की है। पहले 42,000 रूपए एक छात्र पर खर्च किए जाते थे लेकिन अब 1,09,000 रूपए खर्च होते हैं।

यही बताता है कि नरेंद्र मोदी सरकार कितनी बारीकी से चीजों को सोचती है और जो योजना हाथ में लेती है उसकी आत्मा को समझकर उसे परिपूर्ण करने का हम प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जनजातीय सांसद आज हमारी पार्टी के हैं, सबसे ज्यादा जनजातीय मंत्री और नीतियां बनाने का गौरव भी नरेन्द्र मोदी को प्राप्त है। छात्रवृत्ति में भी हमने काफ़ी वृद्धि की है। वर्ष 2014 में 978 करोड़ रूपए खर्च किए जाते थे और अब 2,546 करोड रुपए खर्च किए जाते हैं। ये वृद्धि नरेंद्र मोदी के अलावा और कोई नहीं कर सकता और जनजातीय योजनाओं के लिए 2014 में 21,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए थे जिसे 2021-22 में बढ़ाकर 86,000 करोड़ रूपए किया गया और इसमें से 93त्न खर्च भी किया गया। पिछली सरकारें पहले जनजातीय कल्याण की बात तो करती थीं, लेकिन आदिवासी के घर में पानी, शौचालय नहीं था, स्वास्थ्य कार्ड नहीं था, कोई आवास योजना नहीं थी, किसान सम्मान निधि नहीं मिलती थी।

आज बात करें तो जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना के तहत 1.28 करोड आदिवासी घरों में नल से जल पहुंच चुका है, 1.45 करोड़ आदिवासियों के घर में शौचालय है, 82 लाख जनजातीय परिवारों को आयुष्मान कार्ड दिया गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 लाख से ज्यादा जनजातीय परिवारों को घर देने का काम हो गया है और किसान सम्मान निधि में लगभग 30 लाख किसानों को इसका फायदा पहुंच रहा है। नरेंद्र मोदी ने इन सब योजनाओं की बारीकी से मॉनिटरिंग कर इन्हें जमीन पर उतारा है।

उन्होंने कहा कि यह सारे काम जनजातीय कल्याण के लिए मोदी ने 8 साल में किए हैं लेकिन पहली बार स्ट्रक्चरल तरीके से देशभर की जनजातियों को, छोटी से छोटी जनजाति को समाहित करके, उसके कल्याण की योजना यह अनुसंधान केंद्र बनने के बाद बनेगी, इसका मुझे पूरा विश्वास है।

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नारी चेतना की वकालत करती है फिल्म शिक्षा संदेश निर्माता आर. बी. गौतम 

07.06.2022 – नारी चेतना की वकालत करती है फिल्म शिक्षा संदेश. भोजपुरी फिल्में अमूमन मनोरंजन के लिए बनती रही हैं। लेकिन, गौतम फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी निर्माता आर० बी० गौतम की फिल्म ‘शिक्षा संदेश’ में भरपूर मनोरंजन के साथ देहाती क्षेत्रों में व्याप्त निरक्षरता को चित्रित करने के साथ साथ, उसके विरूद्ध जनजागृति लाने का संदेश भी दी गई है। टेली फिल्म ‘हिन्दुस्तान की जय’ से चर्चा में आये इस फिल्म के निर्माता आर० बी० गौतम ने एक भेंटवार्ता में यह स्पष्ट किया। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :–

फिल्म की क्या स्थिति है ?

फिल्म सेंसर बोर्ड में है। सर्टिफिकेट मिलते ही रिलीज की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी।

फिल्म की कथावस्तु पर प्रकाश डालें…?

फिल्म की पृष्ठभूमि देहाती क्षेत्र की है। आज भी पूर्वांचल में ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, गाँव कस्बे हैं जहाँ के लोग अशिक्षित हैं, निरक्षर हैं। इस फिल्म में भी यही मुद्दा उठाया गया है। इसमें एक जमींदार है जो नहीं चाहता उसके क्षेत्र में शिक्षा का प्रचार प्रसार हो, लोग पढ़ें लिखें, साक्षर बनें। उसे डर रहता है कि पढ़ लिख जाने के बाद लोग उसके प्रभाव दबाव में नहीं रहेंगे।

सुना है आपकी फिल्म ‘शिक्षा संदेश’ नारी चेतना की भी वकालत करती है ?

जी हाँ… मेरी फिल्म ‘शिक्षा संदेश’ निरक्षरता के खिलाफ बिगुल बजाते हुए नारी चेतना की भी वकालत करती है। इस लिहाज से यह एक नारी प्रधान फिल्म है। सामान्यतः ऐसा होता है कि जब किसी गाँव में कोई स्त्री अकेली होती है तो विभिन्न समस्याओं से घिर जाती है, अलग थलग पड़ जाती है। पर, हमारी हीरोइन लोगों पर आश्रित नहीं होती। वह पढ़ी लिखी है, सारे कार्य अपने तरीक़े से कर लेती है और अपने इलाके में लोकहित में जन जागरूकता अभियान चलती है। संदेश के साथ साथ

भरपूर एंटरटेनमेंट है। इसमें छह कर्णप्रिय गाने हैं। एक साफ सुथरा आइटम नंबर भी है।

कलाकार व तकनीशियन कौन कौन हैं ?

अविनाश शाही हीरो, कल्पना शाह हीरोइन और दीपक भाटिया विलेन जमींदार हैं। इसमें प्रमोद माऊथो भी हैं। बिग बी., रवीन्द्र अरोड़ा, ज्योति ठाकुर, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, राम विश्वकर्मा, राधेश्याम गुप्ता मुख्य साथी कलाकार हैं। लेखक अनिल विश्वकर्मा हैं, संगीतकार विपिन बिहारी तथा माधव सिंह राजपूत हैं। फिल्म के एडिटर उपेन्द्र विक्रम, कोरियोग्राफर फीरोज खान, सिनेमैटोग्राफर बिरजू चौधरी व पंकज जोशी और डायरेक्टर लखीचंद ठाकुर हैं।

भविष्य की क्या योजना है ?

—- एक सोशल म्यूजिकल फैमिली ड्रामा का पेपर वर्क चल रहा है। बहुत जल्द ही इसके टाइटल की घोषणा कर दी जाएगी।

 प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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हिना खान लंबे समय बाद टीवी पर एंट्री करने जा रही है 

07.06.2022 – हिना खान लंबे समय बाद टीवी पर एंट्री करने जा रही है . टीवी जगत की मशहूर अदाकारा हिना खान कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 में अपने हुस्न का जलवा बिखेरने के बाद अब छोटे पर्दे पर एंट्री करने जा रही है। वही दर्शक भी उन्हें वपा देखने को बेताब है, ऐसे में अब जो खबर सामने आई है उससे दर्शक बहुत खुश हैं।

बताया जा रहा है कि अब हिना खान जल्द ही मीका सिंह के शो में नजर आएंगी। कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 से आने के बाद हिना खान को एक नया टास्क प्राप्त हुआ है। हिना खान अब मीका सिंह के लिए उनके शो मीका दी वोटी में जीवनसाथी तलाशने वाली हैं।

बताया जा रहा है कि जल्द ही हिना खान को मीका सिंह के शो मीका दी वोटी में देखा जाएगा। इस टेलीविजऩ शो में हिना खान बतौर मेहमान एंट्री करने वाली हैं। शो में हिना खान मीका सिंह को उनकी दुल्हनिया ढूंढने में सहायता करेंगी। कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 के चलते अपना जलवा बिखेरने के बाद हिना खान छुट्टियों पर चली गए थीं।

हिना खान ने अपनी छुट्टियों के चलते जमकर मस्ती की तथा अपने बॉयफ्रेंड रॉकी जयसवाल के साथ चलिटी टाइम गुजारा। मगर कुछ ही दिनों के भीतर अब हिना खान की छुट्टियों पर ब्रेक लगने वाला है। क्योंकि हिना खान जल्द अपने काम पर वापस लौटने वाली हैं।

वही छुट्टियां मनाने के बाद हिना खान अब वापस टेलीविजऩ शो के सेट पर आएंगी। फिलहाल हिना खान, मीका सिंह और इस शो के निर्माताओं ने एक्ट्रेस की एंट्री को लेकर कुछ कहा नहीं है। लेकिन खबरों के मुताबिक, हिना खान को इस शो में देखा जाएगा। फिलहाल इस खबर से उनके फैंस बहुत खुश है। (एजेंसी)

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मालविका शर्मां की एंट्री कभी ईद कभी दिवाली में होने जा रही है

07.06.2022 -मालविका शर्मां की एंट्री कभी ईद कभी दिवाली में होने जा रही है . सलमान खान इन दिनों अपनी अपकमिंग मूवी कभी ईद कभी दिवाली को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। क्रिएटिव डिफरेंस के चलते आयुष शर्मा और जहीर इकबाल को बाहर का रास्ता दिखाया गया है वहीं, जस्सी गिल और सिद्धार्थ निगम को उनकी जगह लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें मालविका शर्मा बेहद खूबसूरत हैं। उनके क्यूटनेस पर लाखों लोग फिदा हो जाते हैं।

साउथ की ये एक्ट्रेस बॉलीवुड में कदम रखने जा रही हैं। सलमान खान की सोशल कॉमेडी फिल्म कभी ईद कभी दिवालीमें वो नजर आएंगी। मीडिया में इनकी एंट्री को लेकर बज बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सलमान खान की मूवी कभी ईद कभी दिवाली के लिए मेकर्स ने मालविका शर्मा को लीड रोल के लिए चुना गया है। मालविका शर्मा सिद्धार्थ निगम के साथ फिल्म में इश्क फरमाती दिखाई देंगी।

एक्ट्रेस इस मूवी को लेकर काफी उत्साहित हैं और जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू करेंगी। इस फिल्म में सलमान खान , मालविका शर्मा के अलावा जस्सी गिल, सिद्धार्थ निगम, वेंकटेश, पूजा हेगड़े और शहनाज गिल नजर आने वाली हैं। मूवी की शूटिंग शुरू हो चुकी हैं। साउथ एक्ट्रेस के पास इस मूवी के अलावा और भी कई प्रोजेक्ट हैं। फिल्म 30 दिसंबर 2022 को रिलीज होगी।

मूवी में सलमान खान के ऑपोजिट पूजा हेगड़े होंगी। भाई जान के फैंस इस मूवी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बात मालविका की करें तो इनका जन्म 18 जनवरी 1995 में महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने साउथ फिल्म नेला टिकट से एक्टिंग की दुनिया में डेब्यू किया था।

इसके बाद वो साउथ की कई मूवी में नजर आई हैं। हिमालया और जियोनी जैसे विज्ञापन में भी वो नजर आ चुकी हैं। अब उनके फैंस उन्हें हिंदी फिल्मों में जलवे बिखेरने का इंतजार कर रहे हैं। (एजेंसी)

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इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

07.06.2022 – इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ. कई लोग अपने दिन की शुरूआत चाय और कॉफी से करना पसंद करते हैं। खासकर, चाय में तो कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो कोई कड़क चाय या नींबू की चाय का जायका लेना पसंद करता है। वहीं, इलायची की चाय पीने वालों की भी कमी नहीं है क्योंकि इस चाय का सेवन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में सक्षम है। आइए इस चाय को बनाने का तरीका और इसके फायदे जानें।

इलायची की चाय बनाने का तरीका

सामग्री: तीन-चार हरी इलायची या आधा चम्मच हरी इलायची का पाउडर, एक कप पानी, एक चौथाई चम्मच चायपत्ती, थोड़ा सा दूध (वैकल्पिक) और शहद (स्वादानुसार)। चाय बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पैन में पानी को गर्म करें, फिर उसमें चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो कूटी हरी इलायची या फिर हरी इलायची का पाउडर और दूध डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर डालें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

पाचन को दुरुस्त रखने में है सहायक

इलायची की चाय का सेवन पाचन क्रिया के लिए बहुत फायदेमंद होती है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इलायची की चाय पाचन एंजाइम को उत्तेजित करके पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही यह कब्ज, डायरिया, अपच और गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का भी काम कर सकती है। इसके लिए बस रोजाना एक कप इलायची की चाय का सेवन करना सुनिश्चित करें।

हृदय के स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक

एक शोध के अनुसार, इलायची की चाय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट धमनियों के सेल्स से कोलेस्ट्रॉल को हटाकर हृदय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ये धमनियों के सख्त होने और इससे होने वाली समस्या एथेरोस्क्लेरोसिस से भी निजात दिलाने में सहायक हैं। एक अन्य शोध के मुताबिक, इलायची की चाय का सेवन हृदय में रक्त संचार में सुधार लाता है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।

सर्दी और खांसी से मिलेगी जल्द राहत

मौसम में बदलाव के कारण सर्दी और खांसी जैसी समस्याएं होना सामान्य बात है, लेकिन ये काफी परेशान कर देती हैं, इसलिए इनसे जल्द राहत पाना जरूरी है। आप चाहें तो सर्दी और खांसी के उपचार के लिए इलायची की चाय का सेवन कर सकते हैं। कई अध्ययन के मुताबिक, इलायची की चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो इन समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हैं।

ताजा सांस के लिए करें इस चाय का सेवन

इलायची की चाय में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह के कीटाणुओं को दूर कर मुंह की बदबू से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, इलायची की चाय में मौजूद मेंथॉल प्रभाव की वजह से ताजगी का अहसास भी होता है। आप चाहें तो माउथ फ्रेशनर के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं। इन्हीं फायदों की वजह से इलायची की चाय का सेवन मुंह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। (एजेंसी)

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कुछ मिनटों में बनाएं ये चॉकलेट डेजर्ट, जानिए इनकी रेसिपी

07.06.2020 – चॉकलेट का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ गया न! यह होना तो लाजमी है क्योंकि इसका स्वाद ही इतना बेमिसाल होता है कि बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसका शौकीन है। अगर आपका परिवार भी चॉकलेट का बहुत बड़ा फैन है तो आप उनके लिए घर पर बड़ी आसानी से कुछ ही मिनटों में तरह-तरह के स्वादिष्ट चॉकलेट डेजर्ट बना सकते हैं। चलिए फिर आज हम आपको कुछ चॉकलेट डेजर्ट की रेसिपी बताते करते हैं।

चॉकलेट मूस

सबसे पहले डबल बॉयलर विधि का उपयोग करके एक कटोरे में चॉकलेट, मक्खन, एक चुटकी नमक और कॉफी को पिघलाएं, फिर एक स्पैटुला से सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं। अब इस मिश्रण को कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें। अब एक कटोरे में वनिला क्रीम और को फेंटें, फिर इसमें चॉकलेट वाला मिश्रण डालकर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद मिश्रण को एक छोटे कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें, फिर कुछ घंटे बाद इसका सेवन करें।

नो बेक चीज़केक

सबसे पहले ओरियो बिस्कुट को क्रश करके पिघले हुए मक्खन के साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को एक स्प्रिंगफॉर्म पैन में डालकर दबाते हुए फैलाएं और इसे फ्रिज में रखें। इसके बाद एक कटोरे में क्रीम चीज़, चीनी और वनीला एसेंस को फेंटें, फिर इसमें पिघली हुई चॉकलेट मिलाएं। अंत में स्प्रिंगफॉर्म पैन को फ्रिज से बाहर निकालकर उसमें क्रीम चीज़ वाला मिश्रण डालें और दोबारा इसे कुछ देर के लिए फ्रिज में रखें। इसके बाद केक का आनंद लें।

चॉकलेट कप-केक्स

सबसे पहले एक कटोरे में मैदा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, कोकोआ पाउडर और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं। अब एक बड़े कटोरे में चीनी, अंडे और मक्खन को डालकर स्पैटुला से तब तक फेंटें, जब तक मिश्रण फुला-फुला सा न लगे, फिर इसमें कुछ वेनिला एसेंस में मिलाएं। इसके बाद मैदे के मिश्रण में दूध मिलाएं और इसे मफिन कप में डालने के बाद इन्हें ओवन में बेक करें, फिर कप-केक को ठंडा करके परोसें।

चॉकलेट पुडिंग

सबसे पहले एक कटोरे में चीनी, कोकोआ पाउडर, कॉर्नस्टार्च और एक चुटकी नमक को डालकर मिलाएं, फिर मिश्रण में दूध डालकर फेंटें। अब इस मिश्रण को गर्म करें और मध्यम आंच पर धीरे-धीरे हिलाते हुए उबालें और दो मिनट तक मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं। इसके बाद गैस बंद करके मिश्रण में वेनिला एसेंस और मक्खन मिलाएं, फिर इस मिश्रण को छह घंटे के लिए फ्रिज में रखने के बाद खाएं। (एजेंसी)

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कश्मीर में फिर आतंकवाद

वेद प्रताप वैदिक – कश्मीर में फिर आतंकवाद. जम्मू-कश्मीर में जबसे धारा 370 हटी है, वहां राजनीतिक उठा-पटक और आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी हुई है लेकिन इधर पिछले कुछ हफ्तों में आतंकवाद ने फिर से जोर पकड़ लिया है। कश्मीर घाटी के एक स्कूल में पढ़ा रही जम्मू की अध्यापिका रजनीबाला की हत्या ने कश्मीर में तूफान-सा खड़ा कर दिया है।

कश्मीर के हजारों अल्पसंख्यक हिंदू कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं और वे उप-राज्यपाल से मांग कर रहे हैं कि उन्हें घाटी के बाहर स्थानांतरित किया जाए, वरना वे सामूहिक बहिर्गमन का रास्ता अपनाएंगे।

उनका यह आक्रोश तो स्वाभाविक है लेकिन उनकी मांग को क्रियान्वित करने में अनेक व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। यहां एक सवाल तो यही है कि क्या आतंकवादी सिर्फ हिंदू पंडितों को ही मार रहे हैं? यह तो ठीक है कि मरनेवालों में हिंदू पंडितों की संख्या ज्यादा है, क्योंकि एक तो वे प्रभावशाली हैं, मुखर हैं और उनकी संख्या भी ज्यादा है लेकिन रजनीबाला तो पंडित नहीं थी। वह तो दलित थी।

इसके अलावा हम थोड़े और गहरे उतरें तो पता चलेगा कि इस वर्ष अब तक आतंकवादियों ने 13 लोगों की हत्या की है, उनमें चार पुलिस के जवान थे, तीन हिंदू थे और छह मुसलमान थे। इन मुसलमानों में पुलिस वालों के अलावा पंच, सरपंच और टीवी की एक महिला कलाकार भी थी। कहने का अर्थ यह कि आतंकवादी सबके ही दुश्मन हैं। वे घृणा और घमंड से भरे हुए होते हैं।

वे जिनसे भी घृणा करते हैं, उनकी हत्या करना वे अपना धर्म समझते हैं। क्या वे यह नहीं जानते यह कुकर्म वे इस्लाम के नाम पर करते हैं और उनकी इस करनी की वजह से इस्लाम सारी दुनिया में बदनाम होता रहता है। ऐसे ही हिंसक उग्रवादियों की मेहरबानी के कारण आज पाकिस्तान और अफगानिस्तान बिल्कुल खस्ता-हाल हुए जा रहे हैं। कश्मीर में इधर कुछ हफ्तों से आतंकवादी हमलों में जो बढ़त हुई है,

उसका एक कारण यह भी लगता है कि ये आतंकवादी नहीं चाहते कि भारत-पाक रिश्तों में जो सुधार के संकेत इधर मिल रहे हैं, उन्हें सफल होने दिया जाए। इधर जब से शाहबाज शरीफ की सरकार बनी है, दोनों देशों के नेताओं का रवैया रचनात्मक दिख रहा है।

दोनों देश सीमा पर युद्ध विराम समझौते का पालन कर रहे हैं और सिंधु-जल विवाद को निपटाने के लिए हाल ही में दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक दिल्ली में हुई है। पाकिस्तान के व्यापारी भी बंद हुए आपसी व्यापार को खुलवाने का आग्रह कर रहे हैं। आतंकवादियों के लिए यह सब तथ्य काफी निराशाजनक हैं। इसीलिए वे अंधाधुंध गोलियां चला रहे हैं।

उनकी हिंसा की सभी कश्मीरी नेताओं ने कड़ी निंदा की है और उप-राज्यपाल मनोज सिंहा ने भी कठोर शब्दों में आतंकवादी हत्यारों को शीघ्र ही दंडित करने की घोषणा की है।

क्या इन आतंकवादियों को इतनी-सी बात भी समझ नहीं आती कि वे हजार साल तक भी इसी तरह लोगों का खून बहाते रहें तो भी अपना लक्ष्य साकार नहीं कर पाएंगे और वे जितने निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं, उससे कई गुना ज्यादा आतंकवादी हर साल मारे जाते हैं। यह बात उन पाकिस्तानी लोगों को भी समझनी चाहिए, जो आतंकवाद को प्रोत्साहित करते हैं।

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आज का राशिफल

मेष: खेलों और आउटडोर गतिविधियों में भागीदारी आपकी खोयी ऊर्जा को फिर से इक_ा करने में आपकी मदद करेगी। घर में किसी फंक्शन के होने की वजह से आज आपको बहुत धन खर्च करना पड़ेगा। जीवनसाथी आज आपके ऊपर ख़ास ध्यान देगा।

वृष: आज आपका आत्मविश्वास और ऊर्जा का स्तर ऊंचा रहेगा। इस राशि के बड़े कारोबारियों को आज के दिन बहुत सोच समझकर पैसा निवेश करने की जरुरत है। परिवार में किसी सदस्य की खऱाब सेहत की वजह से घूमने का कार्यक्रम टल सकता है।

मिथुन: आज आपके पास ख़ुद के लिए पर्याप्त समय होगा, तो मौके का फ़ायदा उठाएं। प्रिय को नजऱअंदाज़ करना घर पर तनाव का कारण बन सकता है। आप दफ़्तर में माहौल में बेहतरी और कामकाज के स्तर में सुधार को महसूस कर सकते हैं।

कर्क: आपकी इच्छा-शक्ति को प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि आप बहुत पेचीदा हालात से निकलने में क़ामयाब रहेंगे। भावुक फैसला लेते वक्त अपनी तार्किकता न छोड़ें। आज आप आसानी से पैसे इक_ा कर सकते हैं। लोगों को दिए कजऱ् वापस मिल सकते हैं।

सिंह: आपका व्यक्तित्व आज इत्र की तरह महकेगा और सबको आकर्षित करेगा। आज कोई लेनदार आपके दरवाजे पर आ सकता है और आपसे पैसे उधार मांग सकता है। आज रोमांस आपके दिलो-दिमाग़ पर छाया रहेगा। आपको हर कोई गंभीरता से सुनेगा।

कन्या: स्वयं को शांत बनाए रखें, क्योंकि आज आपको ऐसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनके चलते आप काफ़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं। दिन आर्थिक दृष्टि से अच्छा रहेगा और आपको पर्याप्त धन की प्राप्ति होगी। जीवनसाथी को सरप्राइज दे सकते हैं।

तुला: जल्दी ही बीमारी से उबरने की संभावना है। आज आपको पैसों से जुड़ी कोई समस्या आ सकती है। बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान लगाने और भविष्य के लिए योजना बनाने की ज़रूरत है। प्यार में निराशा हाथ लग सकती है, पर हिम्मत मत हारिए, क्योंकि आखिर में जीत सच्चे प्यार की ही होती है।

वृश्विक: आपका विनम्र स्वभाव सराहा जाएगा। कई लोग आपकी ख़ासी तारीफ़ कर सकते हैं। अगर आप घर से बाहर रहकर जॉब या पढ़ाई करते हैं, तो ऐसे लोगों से दूर रहना सीखें, जो आपका धन और समय बर्बाद करते हैं। घरेलू काम थका देने वाला होगा और इसलिए मानसिक तनाव की वजह भी बन सकता है।

धनु: अपनी सेहत का खय़ाल रखें। जेवर और एंटीक में निवेश फ़ायदेमंद रहेगा और समृद्धि लेकर आएगा। जब आप समूह में हों तो ध्यान रखें कि आप क्या कह रहे हैं, बिना ज़्यादा समझे-बूझे अचानक कहे गए शब्दों के चलते आप कड़ी आलोचना के शिकार हो सकते हैं। अपने प्रिय की ईमानदारी पर शक न करें।

मकर: सामाजिक मेलजोल से ज़्यादा सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आपने बीते समय में बहुत पैसा खर्च किया है, जिसका खामियाजा आज आपको भुगतना पड़ सकता है। आज आपको पैसों की जरूरत होगी, लेकिन वो आपको मिल नहीं पाएगा। आपके घर वाले आज आपसे कई परेशानियां शेयर करेंग।

कुंभ: आज आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और प्रगति निश्चित है। घर में किसी फंक्शन के होने की वजह से आज आपको बहुत धन खर्च करना पड़ेगा। मशहूर लोगों से मेलजोल आपको नई योजनाएं और आइडिया सुझाएगा। बढिय़ा खाने, महक और ख़ुशी के साथ आप अपने हमदम के साथ बेहतरीन समय बिता सकते हैं।

मीन: आपका ग़ुस्सा राई का पहाड़ बना सकता है, जो आपके परिवार को नाराज़ कर सकता है। आज आपके ऑफिस का कोई सहकर्मी आपकी कीमती वस्तु चुरा सकता है। प्रेमी से अचानक रोमांटिक मुलाक़ात हो सकती है।

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भाजपा के अलावा कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं : जेपी नड्डा

विजयवाड़ा,06 जून (आरएनएस)। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को दावा किया कि देश में भाजपा के अलावा कोई राष्ट्रीय दल नहीं बचा है।

उन्होंने यहां एक बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा की लड़ाई अब देश में किसी राष्ट्रीय पार्टी से नहीं है। उन्होंने विभिन्न राज्यों में पार्टियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा, अगर कोई राष्ट्रीय पार्टी है, तो वह भाजपा है। हम पारिवारिक शासन के खिलाफ लड़ रहे हैं।

यहां शक्ति केंद्रों के प्रमुखों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नड्डा ने शिवसेना को पिता-पुत्र की पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) दोनों वंशवादी दल हैं। उन्होंने यह भी टिप्पणी की है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक भाई-बहन की पार्टी में सिमट कर रह गई हैं।
नड्डा ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी ने परिवार केंद्रित, जाति और समुदाय आधारित राजनीति, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को खत्म करके देश की राजनीति और राजनीतिक संस्कृति को बदल दिया है।

यह कहते हुए कि आंध्र प्रदेश में भाजपा के लिए एक विशेष स्थान है, उन्होंने याद किया कि एक बार पूरे देश से भाजपा के दो सांसदों में से राज्य ने एक सांसद भेजा था। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य में संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के 10,000 शक्ति केंद्रों में से 6,000 से अधिक केंद्रों में नियुक्तियां की गई हैं, जबकि शेष केंद्रों में जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शक्ति केंद्र के अंतर्गत 4-5 बूथ आते हैं और देश में 10.40 लाख बूथ हैं।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में 4,600 बूथ हैं, उन्होंने सभी बूथों तक पहुंचने, कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करने और नए कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने का आग्रह किया। उन्होंने दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गो के सदस्यों को नामांकित करने का आह्वान किया।

उन्होंने केंद्र प्रमुखों से बूथ स्तर पर केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान करने का आग्रह किया। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत किसे अनाज मिल रहा है और इससे उनके जीवन में क्या बदलाव आया है। इसी तरह पीएम आवास योजना के लाभार्थियों की पहचान करें, पता करें कि उन्हें घर मिला है या नहीं और इससे उनके जीवन में क्या बदलाव आया है।
उन्होंने दावा किया कि आंध्र प्रदेश में लागू की जा रही आरोग्ययोजना राज्य सरकार की नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की योजना है।
उन्होंने कहा, आयुष्मान भारत को जगन मोहन रेड्डी ने आरोग्यके रूप में बदल दिया है। यह जगन की योजना नहीं है, यह नरेंद्र मोदी की योजना है।

नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं से लोगों को यह समझाने के लिए कहा कि यदि आयुष्मान भारत के तहत वे आते हैं तो वे देश के किसी भी अन्य राज्य में 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए उन्हें हर महीने के आखिरी रविवार को बूथ स्तर की बैठकों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।

नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर घर पर भाजपा का झंडा फहराने, जनसंपर्क के लिए घर-घर जाकर सरकारी योजनाओं की व्याख्या करने वाले लोगों को संबोधित करने के लिए वक्ताओं की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने उन्हें हर दिन पांच नए लोगों से मिलने और उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने की सलाह दी।

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अन्तर्यात्री महापुरुष-द वॉकिंग गॉड का ट्रेलर व म्यूजिक जारी

06.06.2022 – शिरोमणि क्रिएशन के बैनर तले निर्मात्री कामना कुलचैनिया द्वारा निर्मित बायोपिक ‘अन्तर्यात्री महापुरुष – द वॉकिंग गॉड’ का म्यूजिक और ट्रेलर पछले दिनों जारी कर दिया गया है।दिगंबर संत आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन गाथा पर आधारित इस बायोपिक फिल्म का पटकथा, संवाद लेखन और निर्देशन अनिल कुलचैनिया ने किया है।

फिल्म में आचार्य विद्यासागर की भूमिका को विवेक आनंद मिश्रा निभा रहे हैं वहीं उनके माता श्रीमन्ती की भूमिका किशोरी शहाणे विज व पिता मल्लप्पा की भूमिका में गजेंद्र चौहान हैं। इनके अलावा आचार्य ज्ञानसागर के रुप में दिवंगत बलदेव त्रेहान दिखाई देंगे। साथ ही कृष्णा भट्ट, हार्दिक मिश्रा, अर्जुन, सुधाकर शर्मा, मिलिंद गुणाजी और गुफी पेंटल भी इस बायोपिक में नज़र आएंगे। इस फ़िल्म की शूटिंग आचार्य के जन्मस्थान सदलगा (कर्नाटक) के साथ साथ स्तवनिधि, कोल्हापुर, अजमेर, किशनगढ़, जयपुर, कोटा, हैदराबाद और मुम्बई में की गई है।

इस फिल्म के सह निर्माता उमेश मल्हार व आनंद राठी, कार्यकारी निर्माता योगिता शर्मा, संगीतकार सतीश देहरा, गीतकार सुधाकर शर्मा, सिनेमैटोग्राफर महेश जी. शर्मा, कोरियोग्राफर माधव किशन, एडिटर गुल हैं एवं बैकग्राउंड स्कोर धर्मेंद्र जावड़ा ने तैयार किया है। इस फिल्म के गीतों को प्रसिद्ध गायक अमित कुमार, अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल, साधना सरगम, रामशंकर, पामेला जैन, सलोनी जैन, अरविंदर सिंह, सतीश देहरा, देव राठौड़ और शैलेष श्रीवास्तव ने गाया है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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देश में अब तक 194 करोड़ 12 लाख से अधिक कोविड रोधी टीके लगे

नईदिल्ली,06 जून (आरएनएस)।देश में अब तक 194 करोड़ 12 लाख से अधिक कोविड रोधी टीके लगे. भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 194.12 करोड़ से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 2,47,70,416 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है।

12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16 मार्च, 2022 को प्रारंभ हुआ था। अब तक 3.44 करोड़ से अधिक किशोरों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई गई है। समान रुप से 18-59 आयु वर्ग के लिये प्रीकॉशन खुराक भी 10 अप्रैल, 2022 को प्रारंभ की गई थी।

भारत में सक्रिय मामले आज 25,782 हैं। सक्रिय मामले, कुल पॉजिटिव मामलों के 0.06 प्रतिशत हैं। नतीजतन, भारत में स्वस्थ होने की दर 98.73 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में 2,779 रोगियों के ठीक होने के साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों (महामारी की शुरुआत के बाद से) की कुल संख्या बढ़कर 4,26,30,852 हो गई है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 4,518 नए मामले सामने आएं।

पिछले 24 घंटों में कुल 2,78,059 जांच की गई हैं। भारत ने अब तक कुल 85.29 करोड़ से अधिक जांच की गई हैं। देश में साप्ताहिक पुष्टि वाले मामलों की दर 0.91 प्रतिशत है और दैनिक रूप से पुष्टि वाले मामलों की दर 1.62 प्रतिशत है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिक्कों की एक नयी श्रृंखला पेश की

नयी दिल्ली,06 जून (आरएनएस)। दृष्टिहीन भी आसानी पहचान सकेंगे सिक्के. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिक्कों की एक नयी श्रृंखला पेश की, जो दृष्टिहीनों के अनुकूल भी हैं। ये सिक्के 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये मूल्यवर्ग के हैं और इस पर आजादी के अमृत महोत्सव (एकेएएम) का डिजाइन बना है। ये विशेष रूप से जारी किए सिक्के नहीं है, बल्कि आम चलन में बने रहेंगे। मोदी ने वित्त मंत्रालय के आइकॉनिक सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘सिक्कों की ये नयी श्रृंखला लोगों को अमृत काल के लक्ष्य की याद दिलाएगी और लोगों को देश के विकास की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करेगी।’

इस मौके पर मोदी ने जन समर्थ पोर्टल की शुरुआत भी की, जो 12 सरकारी योजनाओं का क्रेडिट-लिंक्ड पोर्टल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनमें से प्रत्येक योजना को पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘इस पोर्टल से सहूलियत बढ़ेगी और नागरिकों को सरकारी कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए हर बार एक ही सवाल पूछना नहीं पड़ेगा।’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के एक बड़े हिस्से को भारत से समस्याओं के समाधान की उम्मीद है और यह इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि पिछले आठ वर्षों में सरकार ने सामान्य भारतीय के विवेक पर भरोसा किया और जनता को विकास में ईमानदार भागीदार के रूप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ”हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वे अपने उद्यम आसानी से स्थापित कर पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं, इसके लिए 30 हजार से ज्यादा स्वीकृति संबंधी खामियों को कम करके, डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को अवैध मानना बंद करके यह सुनिश्चित किया गया है कि भारत की कंपनियां न सिर्फ आगे बढ़ें, बल्कि नयी ऊंचाई प्राप्त करें। ज्ञात हो कि वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय छह से 11 जून तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘अनुप्रतीकात्मक सप्ताह आयोजित कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के बैंकों और मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने वित्तीय संस्थानों से आह्वान किया कि वे अच्छी वित्तीय और कॉरपोरेट प्रशासन प्रथाओं को लगातार प्रोत्साहित करें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे घरेलू बैंकों, मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे बनाया जाए, इस पर ध्यान देना जरूरी है।’

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प्रिया बनर्जी रे डोनोवन के रीमेक राणा नायडू का हिस्सा बनीं

06.06.2022 – लोकप्रिय अभिनेत्री प्रिया बनर्जी को वेब सीरीज राणा नायडू में एक प्रमुख भूमिका मिली है, जो प्रसिद्ध हॉलीवुड शो रे डोनोवन की हिंदी रीमेक है। प्रिया हैलो मिनी, ट्विस्टेड 3, जमाई 2.0 और बेकाबू जैसी परियोजनाओं का हिस्सा रही हैं।

उसी के बारे में बात करते हुए, प्रिया ने कहा, हॉलीवुड संस्करण में केटी होम्स द्वारा निभाए गए चरित्र के लिए सुपरन वर्मा वास्तव में मुझसे संपर्क में थे। मैंने इसके लिए ऑडिशन दिया था और तुरंत बंद कर दिया गया था।

पेशेवर मोर्चे पर, प्रिया निखिल आडवाणी की एम्मे एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित प्राइम वीडियो सीरीज अधुरा के मुख्य कलाकारों का हिस्सा होंगी। सीरीज का निर्देशन गौरव के चावला ने किया है। सीरीज में मुख्य भूमिका में इश्वाक सिंह और रसिका दुग्गल हैं। (एजेंसी)

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उर्वशी राय ग्रे में एक पत्रकार की भूमिका में आएंगी नजर

06.06.2022 – पंजाबी म्यूजिक वीडियो पायल से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस उर्वशी राय अपनी तेलुगु फिल्म ग्रे के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
ट्रेलर पहले ही जारी किया जा चुका है, और फिल्म रोमांस, दर्द और स्पाई प्रेम के इर्द गिर्द बुनी हई है। यह एक स्पाई थ्रिलर है जो दर्शकों को रोलर कोस्टर राइड पर ले जाएगी।

उर्वशी अरुशी शर्मा का किरदार निभाती नजर आएंगी, जो पेशे से पत्रकार हैं और एक प्रमुख समाचार चैनल के लिए काम करती हैं।
वह कहती है कि यह फिल्म मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि यह मेरा पहला बड़ा ब्रेक है।

जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, तो यह मुझे अच्छी लगी। यह एक सामान्य पारिवारिक फिल्म की तरह नहीं है और मुझे यकीन है कि फिल्म से कई लोग जुड़ाव महसूस करेंगे।

अपने चरित्र के बारे में बात करते हुए, वह आगे कहती है कि अरुशी का जन्म दिल्ली में हुआ है, और उसका पालन-पोषण हैदराबाद में हुआ। वह बहुत ही आकर्षक, तेज दिमाग वाली और एक स्व-निर्मित लड़की है। वह जब भी बहुत खुश या उदास होती है, तो सैक्सोफोन बजाना पसंद करती है।

अपने चरित्र के माध्यम से, वह बहुत कुछ बताती है। फिल्म में उन सभी महिलाओं के लिए कड़ा संदेश जो अपने लुक और व्यक्तित्व के लिए काफी कुछ सुनती हैं। (एजेंसी)

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बॉडी वॉश घर पर बहुत आसानी से तैयार किए जा सकते हैं

06.06.2022 – आजकल बॉडी वॉश काफी चलन में है क्योंकि यह साबुन की तुलना में त्वचा पर हार्श नहीं होता और गहराई से साफ करने के साथ-साथ त्वचा को मॉइश्चराइज भी करता है। वैसे तो आजकल मार्केट में कई तरह के बॉडी वॉश मौजूद है, लेकिन अगर आप बिना पैसे खर्च किए बॉडी वॉश चाहते हैं तो आप इसे खुद ही घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज चार तरह के बॉडी वॉश बनाने के तरीके जानते हैं।

तैलीय त्वचा के लिए बेहतरीन है यह बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, दो बड़ी चम्मच शुद्ध नारियल का तेल, दो बड़ी चमम्च ग्लिसरीन, एक बड़ी चम्मच जैतून का तेल, एक बड़ी चम्मच विटामिन-श्व का तेल और किसी भी खट्टे फल से बने एसेंशियल ऑयल की 20-30 बूंदें। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को पंप डिस्पेंसर वाली बोतल में डालें। बस बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: दो साल।

रूखे प्रकार की त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप बिना चीनी वाला नारियल का दूध, ढाई कप बिना गंध वाला लिक्विड कैस्टाइल साबुन, तीन चम्मच जोजोबा ऑयल, दो चम्मच ग्लिसरीन, एक छोटा चम्मच कच्चा शहद और पांच बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक कटोरे में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से मिला लें, फिर इस मिश्रण को किसी बोतल में डालें। इस्तेमाल के लिए बॉडी वॉश को स्नान स्पंज पर डालकर इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: एक साल।

मिश्रित त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: डेढ़ कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, चार चम्मच ग्लिसरीन, 10 बूंद पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल और 10 बूंद इलंग-इलंग एसेंशियल ऑयल। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पंप वाली डिस्पेंसर बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन और ग्लिसरीन डालें, फिर इसमें दोनों एसेंशियल ऑयल डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं और इसका बतौर बॉडी वॉश इस्तेमाल करें। शेल्फ लाइफ: इस बॉडी वॉश की शेल्फ लाइफ एक साल है।

संवेदनशील त्वचा के लिए बॉडी वॉश

सामग्री: आधा कप लिक्विड कैस्टाइल साबुन, आधा कप कच्चा शहद, दो बड़ी चम्मच अरंडी का तेल, दो बड़ी चम्मच जैतून का तेल और 10 बूंदे आपके पंसदीदा एसेंशियल ऑयल की। बॉडी वॉश बनाने का तरीका: सबसे पहले एक बोतल में लिक्विड कैस्टाइल साबुन डालें, फिर इसमें बाकि की सारी सामग्रियों को डालकर बोतल को अच्छे से हिलाएं। इसके बाद यह बॉडी वॉश तैयार है। शेल्फ लाइफ: यह बॉडी वॉश दो साल तक चल सकता है। (एजेंसी)

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