प्रयागराज ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। प्रयागराज में ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर, जहां एक डेंगू मरीज की कथित तौर पर रक्त प्लेटलेट्स के बजाय फलों का रस चढ़ाने से मौत हो गई थी, पर अब बुलडोजर चलने वाला है। अनाधिकृत निर्माण के लिए अस्पताल प्रबंधन को तोडफ़ोड़ करने का नोटिस दिया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल बिना अनुमति के बनाया गया है और इसे शुक्रवार तक खाली कर देना होगा।
प्रारंभिक जांच में अधिकारियों की चूक का खुलासा होने के बाद पिछले हफ्ते अस्पताल को सील कर दिया गया था। अस्पताल में अब कोई मरीज नहीं है।
नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारियों ने इस संबंध में पहले के नोटिस का जवाब नहीं दिया और इस साल की शुरुआत में एक आदेश पारित किया गया था।
32 वर्षीय डेंगू रोगी के परिवार ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने प्लाज्मा के रूप में चिह्न्ति एक बैग में मौसंबी का रस दिया था। उसके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि इसके बाद मरीज की तबीयत बिगड़ गई और उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के बाद उसकी मौत हो गई।
उन्होंने दावा किया कि दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि विवादित प्लेटलेट बैग में केमिकल्स का मिश्रण और मौसमी जूस जैसा कुछ मीठा था।
लेकिन प्लेटलेट बैग में जूस था या नहीं इस पर मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।
मरीज के परिवार ने भी अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
प्रयागराज पुलिस ने बाद में फर्जी प्लेटलेट्स की आपूर्ति करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया और 10 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा था कि वे ब्लड बैंकों से प्लाज्मा लेते थे और उन्हें प्लेटलेट्स के रूप में दोबारा पैक करते थे।
नई दिल्ली,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। कांग्रेस में खडग़े युग की शुरूआत हो चुकी है। मल्लिकार्जुन खडग़े ने अध्यक्ष पद संभाल लिया है। इस दौरान सोनिया गांधी ने उनको बधाई दी और कहा, अब मैं राहत महसूस कर रही हूं। हालांकि जिस वक्त सोनिया गांधी ने राहत की बात कही, मंच पर बैठे खडग़े ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, आपको राहत नहीं मिलेगी।
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा, कांग्रेस के नए अध्यक्ष खडग़े जी व अन्य नेताओं को धन्यवाद करती हूं। मैं प्रसन्न हूं, खडग़े जी अनुभवी और धरती से जुड़े नेता हैं। अपनी लगन से वह इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं, उनसे पार्टी को प्रेरणा मिलेगी और उनके नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत होगी।
मैं इसलिए राहत महसूस कर रही हूं, मैं इस बात को स्पष्ट करना चाहती हूं कि आपने इतने सालों से मुझे जो प्यार और सम्मान दिया है, उसका अहसास मुझे जीवन की आखिरी सांस तक रहेगा। लेकिन यह सम्मान एक बड़ी जिम्मेदारी भी थी।
उन्होंने आगे कहा, परिवर्तन संसार का नियम है। ये जीवन के हर क्षेत्र में होता है। आज हमारी पार्टी के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती देश के सामने लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बना है, उसका मुकाबला कैसे करें? कांग्रेस के सामने पहले भी बड़े संकट आए हैं। लेकिन हमने हार नहीं मानी। मैं मलिकार्जुन खडग़े का स्वागत करती हूं।
इससे पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने सभा को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी के समर्थन में एक प्रस्ताव भी पास किया। पार्टी के सभी मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने खड़े होकर प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
उन्होंने कहा, इतनी सारी बातें और इतने सारे कार्य सोनिया जी ने पिछले 25 वर्षों में देश के लिए और कांग्रेस के लिए किए, लेकिन फिर भी हमने कोशिश की है, इस प्रस्ताव के अंदर कुछ भावनाएं, जो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की, नेताओं की, देश के लोगों की हैं, वो इसमें डाल सकें।
उन्होंने पंचमढ़ी से उदयपुर तक बीते 25 सालों के दरमियान इतिहास के सभी जरुरी अफसरों को संगठन को पुनर्विचार और रणनीति निर्माण के लिए प्रेरित और बाध्य किया। सबसे शक्तिशाली विचार जो उदयपुर शिविर में उभरा, वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा का था।
उन्होंने जनहित एवं मूल्यों की रक्षा के लिए कभी भी सत्ता की इच्छा नहीं रखी। वो सत्ता में नहीं रहीं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्षा के तौर पर उन्होंने देश की सरकार को जनता के हक में नए और ठोस अधिकार संबंधी कानून बनाने के लिए प्रेरित किया। सूचना का अधिकार अधिनियम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, भूमि-अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्था संबंधी अधिनियम, उसी युग के उपहार हैं।
उन्होंने आगे कहा, सोनिया जी ने आम सहमति और विकास के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को एक राजनीतिक मूल्य में बदला और अपने अप्रतिम राजनीतिक कौशल से देश की जरुरतों के लिहाज से, भिन्न-भिन्न राजनैतिक सोच वाली पार्टियों के समूह और लोगों को एक मंच पर खड़ा कर दिया। यह प्रयोग जितना सफल साबित हुआ, उतना ही ऐतिहासिक महत्व का भी था।
खरगोन ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ) । मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में पेट्रोल और डीजल से भरा टैंकर पलट गया और उसमें विस्फोट के साथ आग लग गई। इस हादसे में जहां एक व्यक्ति की मौत हुई है वहीं 22 लोग झुलस गए हैं।
घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खरगोन के बिस्टान थाना क्षेत्र के मोगर गांव और गढ़ी मार्ग पर अंजनगांव के पास एक टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गया।
टैंकर में डीजल और पेट्रोल दोनों पदार्थ थे। टैंकर पलटने की सूचना मिलने पर गांव के लोग मौके पर पहुंचे, तभी टैंकर में विस्फोट के साथ आग लग गई और बड़ी संख्या में लोग झुलस गए।
खरगोन की जिला अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने संवाददाताओं को बताया है कि इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि 22 लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल लाया जा रहा है और जिनकी स्थिति गंभीर है उन्हें उपचार के लिए इंदौर भेजा जाएगा।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि जो टैंकर पलटा था उसमें अलग-अलग हिस्सों में डीजल और पेट्रोल था, उनकी बीपीसीएल के अधिकारियों से बातचीत हुई है और उन्हें बुलाया भी गया है।
नयी दिल्ली ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंकाओं के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और यूक्रेन से कहा है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल मानवता के खिलाफ है।
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने बुधवार को सिंह से फोन पर बात की । उन्होंने श्री सिंह को यूक्रेन के साथ संघर्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दिवपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न आयामों पर भी विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने सैन्य संघर्ष में दिनो दिन बिगड़ते हालात पर भी चिंता व्यक्त की।
रूसी रक्षा मंत्री ने यूक्रेन द्वारा कथित रूप से डर्टी बम के इस्तेमाल की आशंका का मुद्दा भी उठाया। सिंह ने टकराव के समाधान के लिए बातचीत और राजनय के इस्तेमाल पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष को परमाणु या रेडियोधर्मी हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मानवता के खिलाफ है।
हैदराबाद ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की प्रमुख वाई एस शर्मिला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को उठाने की अपील की है।
शर्मिला ने बुधवार को पत्र को मीडिया में जारी करते हुए साफ किया है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कांग्रेस को क्षेत्रीय समस्याओं की चिंता भी होनी चाहिए और विशेष रूप से उन्हें एक ऐसी परियोजना के बारे में सोचना चाहिए जिसे उनके पिता और आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी ने सूखाग्रस्त तेलंगाना भूमि के स्थायी समाधान लाने की कल्पना की थी।
शर्मिला ने कहा, जैसा की राहुल गांधी कल से तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, हम इस धरती पर उनका स्वागत करते हैं और उनसे इस मुद्दे को उठाने की अपील भी करते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपने परिवार और एक ठेकेदार के पक्ष में कथित तौर पर सबसे बड़ा घोटाला किया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के स्थानीय नेता कालेश्वरम परियोजना में केसीआर और उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में केवल दिखावटी कार्य कर रहे हैं।
तेलंगाना के प्रति अपने पिता की प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को याद करते हुए पार्टी प्रमुख ने पत्र के माध्यम से राहुल गांधी का ध्यान उस परियोजना के मूल विनिर्देशों की ओर आकर्षित करने की कोशिश की जिसकी उस समय अंबेडकर प्राणहिता चेवेल्ला परियोजना के रूप में कल्पना की गई थी और इस योजना में 38,500 करोड़ रुपये की लागत तय की गयी थी।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने उसे आज बिना किसी अतिरिक्त लाभ के लागत को बढ़ाकर 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। उन्होंने कहा,तेलंगाना में सिंचाई के प्रति डॉ वाईएसआर की अडिग प्रतिबद्धता के साथ मूल परियोजना डिजाइन की सोनिया गांधी सहित कांग्रेस नेताओं ने सराहना की थी।
हम चाहते हैं कि राहुल गांधी को पता चले कि राज्य में उनके वर्तमान सहयोगियों की इन अनियमितताओं से लडऩे में कोई दिलचस्पी नहीं है।
हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी तेलंगाना में अपनी यात्रा के दौरान इस विषय को केवल जुबानी रूप से नहीं बल्कि अधिक गंभीरता से उठाएंगे। यह अपील तेलंगाना के लोगों के व्यापक हित में है।
नयी दिल्ली ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ईरान सहित पांच देशों के भारत में नव नियुक्त राजनयिकों के परिचय-पत्र स्वीकार किए।
राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में युगांडा की उच्चायुक्त और वियतनाम, ईरान, स्वीडन तथा बेल्जियम के राजदूतों ने मुर्मू को अपने परिचय-पत्र भेंट किए।
विज्ञप्ति के अनुसार इन राजनयिकों में यूगांडा की उच्चायुक्त जॉयस काकुरामत्सी किकाफुंडा,समाजवादी गणराज्य वियतनाम के राजदूत गुयेन थान हे, इस्लामिक गणराज्य ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही, स्वीडन के राजदूत जान थेसलेफ और बेल्जियम साम्राज्य के राजदूत दिदियर वांडरहेसेल्ट शामिल हैं।
जौनपुर ,26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसले में जौनपुर और वाराणसी जंक्शन सहित उत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म टिकट के दाम आज 26 अक्टूबर से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार लखनऊ मंडल प्रशासन ने 26 अक्टूबर से 6 नवंबर तक के लिये प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 रुपए कर दी है। लखनऊ मंडल के महत्वपूर्ण स्टेशनों लखनऊ, वाराणसी जं, बाराबंकी जं, अयोध्या कैंट, अयोध्या, अकबरपुर, शाहगंज, जौनपुर जं, सुल्तानपुर जं, रायबरेली, जंघई, भदोही, प्रतापगढ़ एवं उन्नाव पर प्लेटफार्म टिकट का मूल्य 50 रुपए प्रतिव्यक्ति निर्धारित कर दिया है।
रेलवे ने स्टशनों पर भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिये यह फैसला किया है, ताकि केवल यात्रियों का ही स्टेशन और प्लेटफार्म पर आगमन हो। इससे अनावश्यक भीड़ को रोकने में भी सहायता मिलेगी।
लखनऊ के मंडल रेल प्रबंधक, सुरेश कुमार सपरा ने कहा कि यात्री सुविधा के तहत मंडल पर प्लेटफार्म टिकट के मूल्य का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है। आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं अमल में लाई जा रही हैं।
*मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आगामी छठ महापर्व को लेकर राज्य
के सभी घाटों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का दिया निर्देश*
रांची, 26.10.2022 (FJ) – मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने 28 अक्टूबर से शुरू हो रहे लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राज्य के सभी घाटों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रांची में कांके डैम और हटनिया तालाब घाट पर साफ- सफाई, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं / व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी छठ घाटों पर छठ व्रतधारियों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए सभी जरूरी व्यवस्थाओं को समय पर पुख्ता करें ।
*कांके डैम की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा*
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने पर सरकार विशेष जोर दे रही है । इस लिहाज से राजधानी रांची में कांके डैम एक बेहतर पर्यटक स्थल है। लेकिन, निरीक्षण के क्रम में यहां की व्यवस्था में कई खामियां और मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखने को मिला। आपसी समन्वय नही होने से यहां का बेहतर रखरखाव नहीं हो रहा है । फूड कोर्ट का भवन जर्जर हो चुका है। यहां की तमाम व्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त किया जाएगा, ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
छठ घाटों के निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री के साथ रांची के उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त श्री शशि रंजन, उप विकास आयुक्त और सदर अनुमंडल पदाधिकारी समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद थे।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ गांधी जी और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश जी की तश्वीर लगाई जाए। अगर भारतीय करेंसी पर एक गांधी जी और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश जी की तश्वीर होगी, तो इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा।
इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है। वहां 85 फीसद आबादी मुस्लिम है और 2 फीसद से भी कम हिन्दू हैं, लेकिन उनके नोट पर गणेश जी की तश्वीर है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि सारे नोट बदले जाएं, लेकिन हर महीने जितने नए नोट छापे जाएं, उन पर यह शुरूआत की जा सकती है। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी नाजुक दौर से गुजर रही है।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है और इसकी मार आम आदमी को भुगतनी पड़ती है। हम सब चाहते हैं कि भारत एक विकसित व अमीर देश बने। इसके लिए हमें बड़ी संख्या स्कूल-अस्पताल खोलने हैं और बिजली व सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। हम सब लोग प्रयास करते हैं, लेकिन प्रयास तभी फलीभूत होते हैं, जब हमारे उपर देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है।
अरविंद केजरीवाल ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब लोग देख रहे हैं कि भारतीय अर्थ व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। भारतीय अर्थ व्यवस्था काफी नाजुक दौर से गुजर रही है। हम सब लोग देख रहे कि किस तरह से डॉलर के मुकाबले रुपया दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है। इन सब चीजों की मार हमारे देश के एक आम आदमी को भुगतनी पड़ती है। ऐसा क्यों है कि आजादी के 75 साल हो गए, लेकिन आज भी भारत एक विकासशील देश है और भारत एक गरीब देश माना जाता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि भारत एक विकसित देश बने। हम सब चाहते हैं कि भारत अमीर देश बने और हम सब चाहते हैं कि भारत का हर एक परिवार अमीर परिवार बने। इसके लिए बहुत सारे कदम उठाने की जरूरत हैं, बहुत सारे प्रयास करने की जरूरत है। हमें बड़ी संख्या में स्कूल और अस्पताल खोलने हैं। हमें बहुत बड़े स्तर पर बिजली और सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
लेकिन प्रयास तभी फलीभूत होते हैं, जब हमारे उपर देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है। प्रयास करने चाहिए और हम सब लोग अपनी-अपनी जिंदगी में प्रयास करते हैं। लेकिन हम कई बार देखते हैं कि प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसके नतीजे नहीं आ रहे हैं। उस वक्त लगता है कि अगर देवी-देवताओं का आशीर्वाद हो तो प्रयास फलीभूत होने लगते हैं और उसके नतीजे आने लगते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 24 अक्टूबर को दीपावली थी।
दीपावली पर हम सब लोगों ने गणेश जी और लक्ष्मी जी का पूजन किया। हम सब लोगों ने भगवान से सुख-शांति की प्रार्थना की। हम सब लोगों ने अपने-अपने परिवार और देश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। हम ये भी देखते हैं कि बिजनेस करने वाले व्यापारी और उद्योगपति अपने-अपने कमरे में लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति जरूर लगाकर रखते हैं और रोज सुबह काम शुरू करने से पहले उनकी पूजा करते हैं।
आज मेरी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री जी से अपील है कि भारतीय करेंसी के उपर एक तरफ गांधी जी तश्वीर है। वो वैसी ही रहनी चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ गणेश जी और लक्ष्मी जी की तश्वीर भारतीय करेंसी पर लगाई जाए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें अपनी अर्थ व्यवस्था सुधारने और भारत को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए बहुत सारे प्रयास करने की जरूरत है, लेकिन उसके साथ-साथ देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी जरूरत है। अगर भारतीय करेंसी के उपर एक गांधी जी की तश्वीर रहे और दूसरी तरफ लक्ष्मी जी व गणेश जी की तश्वीर होगी, तो इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा।
लक्ष्मी जी को समृद्धि की देवी माना गया है और गणेश जी को विघ्न दूर करने वाला देवता माना गया है। इसलिए इन दोनों देवी-देवताओं की तश्वीर भारतीय करेंसी पर लगनी चाहिए। हम ये नहीं कह रहे है कि सारे नोट बदले जाएं, लेकिन हर महीने जितने नए नोट छापे जाएं, उन नए नोटों के उपर यह शुरूआत की जा सकती है और धीरे-धीरे सर्कुलेशन में लक्ष्मी जी और गणेश जी के नए नोट आ जाएंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है। इंडोनेशिया में 85 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम है और वहां पर 2 फीसद से भी कम हिन्दू हैं, लेकिन उन्होंने वहां पर अपने नोट के उपर गणेश जी की तश्वीर छापी हुई है।
मैं समझता हूं कि ये एक बहुत अहम कदम है, जो केंद्र सरकार को उठाना चाहिए।
आज मैं मीडिया के माध्यम से इस देश के 130 करोड़ लोगों की तरफ से केंद्र सरकार और माननीय प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि भारतीय करेंसी के उपर लक्ष्मी जी और गणेश जी की तश्वीर लगाई जाए।
जयपुर 26 Oct. (Rns/FJ): राजस्थान में बेटियों को अब प्राइवेट स्कूल्स में भी फ्री एजुकेशन मिलेगी और वो भी पूरी 12वीं कक्षा तक। इसके लिए राजस्थान सरकार ने राज्य में नई स्कीम लागू की है जिसका नाम है, इंदिरा शक्ति बालिका फीस पुनर्भरण योजना।
सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में इस योजना की जानकारी दी थी, लेकिन इसका लाभ लेने के लिए आपको एक शर्त पूरी करनी होगी। उसके बाद राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अप्लाई भी करना होगा।
सरकार की तरफ से Girls Free Education Scheme के लिए इस पूरी प्रक्रिया का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है ।
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको 31 दिसंबर 2022 तक अपना रजिस्ट्रेशन राजस्थान शिक्षा विभाग के पास करना होगा। आवेदन 1 नवंबर से शुरू हो जाएंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी आपके आवेदनों का वेरिफिकेशन करेंगे। उसके बाद 28 फरवरी 2023 तक आपके अकाउंट में फीस की रकम दो किश्तों में भेज दी जाएगी।
रामनगर 26 Oct. (Rns/FJ): कर्नाटक पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कंचुगल बंदे मठ के लिंगायत संत बसवलिंग श्री की आत्महत्या के मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि मृतक साधु को फंसाया गया, प्रताड़ित किया गया और जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर किया गया। जांच में यह भी पता चला है कि इस साजिश के पीछे एक और लिंगायत संत का हाथ है, जो स्थिति पर नजर रखे हुए है।
पुलिस ने यह भी बताया कि कुछ नेता समेत 10 से 15 लोगों की एक टीम ने योजना को अंजाम दिया। पुलिस ने कहा कि मृतक संत को निजी तस्वीरें और वीडियो के जरिए हनी ट्रैप और ब्लैकमेल किया गया।
मामले की जांच कर रही कुदुर पुलिस ने पहले ही कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि मृतक संत ने अपने सुसाइड नोट में प्रताड़ना और हनी ट्रैपिंग का जिक्र किया है।
एसपी संतोष बाबू ने कहा है कि मामले की जांच को लेकर पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। हालांकि, सुसाइड नोट में कुछ नाम लिखे गए हैं, लेकिन उनकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार किसी व्यक्ति का जिक्र नहीं है।
मठ में सोमवार को संत रहस्यमय परिस्थितियों में फांसी पर लटका मिला। आगे की जांच जारी है।
देहरादून 26 Oct. (Rns/FJ): तीन मई 2022 को अक्षय तृतीया के मौके पर चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी और अब शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के क्रम शुरू हो रहे हैं। चारधाम यात्रा में अब तक 42 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। सबसे पहले अन्नकूट पर्व पर 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। 26 अक्टूबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 1 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर को बंद हो जाएंगे। 19 नवंबर को अपराह्न् 3 बजकर 35 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। इसके साथ ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट सात नवंबर को बंद होंगे। बता दें कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर विधि-विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुई थी।
बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना पश्चात शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जाएंगे।
दूसरे दिन 16 नवंबर बुधवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, तीसरे दिन गुरुवार 17 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा। चौथे दिन शुक्रवार 18 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा। पांचवें दिन 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आएंगे और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
यहां से कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव जाएंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहेंगे। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 20 नवंबर को रावल सहित योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेगी। 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा।
केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएंगी।
नई दिल्ली 26 Oct. (Rns/FJ): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ को संबोधित करेंगे। सभी राज्यों के गृह मंत्री पुलिस बल के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए बैठक आयोजित की जा रही है।
राज्यों के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) के महानिदेशक भी चिंतन शिविर में शामिल होंगे।
चेन्नई 26 Oct. (Rns/FJ): 23 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुए कार ब्लास्ट मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दक्षिण भारत में बड़ा विस्फोट करने की योजना बनाई थी। तमिलनाडु पुलिस की जांच टीम के सूत्रों ने बताया कि मुबीन के आत्मघाती हमलावर होने की संभावना अधिक है, क्योंकि पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में केमिकल्स पाए गए हैं। गौरतलब है कि रविवार तड़के जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे मुबिन चला रहा था, जिसमें वह मारा था। मृतक मुबीन के व्हाट्सएप स्टेटस से यह भी पता चला कि उसे पहले से पता था कि वह मरने वाला है।
जांच दल के अनुसार, मुबीन के आवास पर की गई तलाशी में कोयंबटूर रेलवे स्टेशन, शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय, कोयंबटूर कलेक्ट्रेट, रेस कोर्स और विक्टोरिया हॉल का रोडमैप मिला, जिससे पता चलता है कि मृतक और उसके साथी कुछ बड़े विस्फोटों की योजना बना रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि मुबीन और उसके तीन साथी कार में दो गैस सिलेंडर और कुछ विस्फोटक ले जा रहे थे। ऐसे में शक है कि मुबीन आत्मघाती हमलावर हो सकता है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी का आईएस (इस्लामिक स्टेट) से सीधा संपर्क था और आरोपी फैजल को आईएस के साथ संबंधों के कारण 2020 में यूएई से निर्वासित कर दिया गया था। मुस्लिम युवकों को आईएस की विचारधारा में भर्ती करने की कोशिश करने के आरोप में वियूर जेल में बंद मोहम्मद अजहरुद्दीन का मुबीन से गहरा नाता था।
इस बीच, कार विस्फोट का पूरा ब्योरा नहीं देने पर विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि द्रमुक सरकार राज्य में इस तरह की आतंकी गतिविधियों को फैलने से रोकने में बुरी तरह विफल रही है। आरोपियों पर गैरकानूनी अत्याचार निवारण अधिनियम (यूएपीए) लगाने के साथ, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पहले ही मामले को अपने हाथ में ले लिया है और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
पीलीभीत 26 Oct. (Rns/FJ): कर्नाटक से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में चार हाथी आने वाले हैं। इसको लेकर वन अधिकारी सतर्क हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि स्थानांतरण की प्रक्रिया परेशानी मुक्त रहे।
हाथियों की यात्रा कर्नाटक से शुरू होगी और पीटीआर पहुंचने से पहले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगी।
हाथियों को शिफ्ट करने के लिए एक पशु चिकित्सा अधिकारी, अनुमंडल वन अधिकारी, वन रेंज अधिकारी, वन निरीक्षक, वन रक्षक और पांच महावत समेत पीटीआर के विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं।
चार में से एक नर और एक मादा हाथी है, जिनकी उम्र 5 से 6 साल के बीच है, जबकि अन्य 2 की उम्र करीब 12 साल है।
बरेली जोन के मुख्य संरक्षक ललित वर्मा ने कहा, हाथी ट्रकों के एक काफिले में लगभग 3,000 किमी की दूरी तय करेंगे। हमने ट्रांजिट परमिट प्राप्त कर लिया है और सभी संबंधित राज्यों के मुख्य वन्यजीव वार्डन और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया है। ताकि वे अपनी ओर से सभी आवश्यक सावधानियां बरत सकें।
पीटीआर में हाथी, आवारा बाघों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाएंगे।
पीटीआर के आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले सात वर्षों में अब तक 30 से अधिक ग्रामीण बाघ हमले में मारे गए हैं।
पीटीआर के पशुचिकित्सक डॉ दक्ष गंगवार ने बताया कि कर्नाटक के पांच महावतों की एक टीम कुछ महीनों के लिए पीटीआर में रहेगी, ताकि हाथियों को हिंदी में आदेशों का जवाब देने में मदद की जा सके।
उन्होंने कहा, कर्नाटक के एक वन्यजीव पशुचिकित्सक डॉ विनय शिवमूर्ति भी उनकी यात्रा में शामिल होंगे। हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक ट्रैंक्विलाइजर गन, सीडेटिव और मेडिकल किट भी ले जा रहे हैं।
हैदराबाद 26 Oct. (Rns/FJ): तेलंगाना के मंचेरियल कस्बे में एक पुलिसकर्मी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सार्वजनिक रूप से शराब पी कर जमकर हंगामा किया। जानकारी के मुताबिक, करीमनगर जिले के बेजजानकी थाने में पुलिस उपनिरीक्षक तिरुपति और उसके दोस्तों ने मंगलवार की रात सड़क पर शराब पी और हंगामा किया।
स्थानीय निवासियों ने डायल 100 पर पुलिस को सूचित किया। जब पुलिस कर्मी वहां पहुंचे तो एसआई और उसके दोस्तों ने उनसे बहस की और उन पर हमला कर दिया।
तिरुपति मनचेरियल जिले के हाजीपुर मंडल के वेम्पल्ली गांव के मूल निवासी हैं और दिवाली मनाने के लिए घर आए थे।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। फरार सिपाही और उसके दोस्तों की तलाश कर रही है।
नयी दिल्ली 26 Oct. (Rns/FJ): कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपनी अराजकता के कारण देश के समक्ष कई चुनौतियां पेश कर दी हैं और कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार राजनीतिक दल का सदस्य होने के नाते देश के लिए संकट पैदा कर रही इन चुनौतियों को मुंहतोड़ जवाब देना है।
श्री खड़गे ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में उन्हें अध्यक्ष निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र देने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर सीधा हमला किया और कहा कि सरकार की अराजक नीतियों के कारण देश एवं समाज के समक्ष संकट पैदा हो गये हैं और कांग्रेस एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते इन सब चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब देगी।
अध्यक्ष निर्वाचित होने पर उनके सम्मान में आयोजित इस समारोह को अपने लिए गर्व का विषय बताते हुए श्री खड़गे ने कहा, “मेरे लिए गर्व का विषय है कि पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता को यह गौरव हासिल हुआ है कि वह उस महान पार्टी का दायित्व संभाल रहे हैं जिसको महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, जगजीवन राम जैसी महान राजनीतिक विभूतियों को आगे बढ़ाया है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्र निर्माण जो महान भूमिका निभाई है और उसको बनाए रखना कांग्रेस के हर नेता और कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है, इसलिए पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए जो भी कदम वह उठाएंगे पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को उनके साथ आगे बढ़कर उनका उत्साह बढ़ाना होगा।
भोपाल 26 Oct. (Rns/FJ): मध्य प्रदेश के कई इलाकों की सड़कें खस्ताहाल हैं और ग्वालियर में तो ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सड़कों की खातिर जूते चप्पल पहनना भी त्याग दिया है। मंगलवार रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजधानी की सड़कों का हाल जानने निकले और उन्होंने सड़कों की हालत में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने राजधानी की सड़कों का हाल जानने के बाद बुधवार सुबह नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की बैठक बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री चौहान ने इस बैठक में भोपाल नगर निगम सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़कों की मरम्मत जल्द की जाये।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान बीते 4 माह में हुई बारिश के चलते सड़कों की हालत खराब होने और फिर उसके बाद सुधार कार्य न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सड़कों का मरम्मत कार्य न करने वाले ठेकेदारों पर भी कार्रवाई की बात कही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वे 15 दिन बाद फिर सड़कों की स्थिति की समीक्षा करेंगे। ज्ञात हो कि ग्वालियर की सड़कों की हालत भी खराब है और वहां के रहवासियों में नाराजगी भी बढ़ रही है। इसको लेकर क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री तोमर भी नाराज हैं।
सड़कों की हालत सुधरने तक उन्होंने जूते चप्पल पहनना ही बंद कर दिया है और अब भी नंगे पांव नजर आते हैं।
26.10.2022 (एजेंसी) दक्षिण भारत के अत्यधिक लोकप्रिय फलों में से एक आइस एप्पल पौष्टिक फल है जिसे तमिल में टडगोला कहा जाता है। यह एक नारियल जैसा फल है जो अंदर से बर्फ की तरह लगता है। यह रसदार फल फाइटोन्यूट्रिएंट्स, कार्ब्स और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अतिरिक्त, यह कम कैलोरी वाला फल हाइड्रेटिंग और कूलिंग गुणों से भी समृद्ध होता है।
आइए जानते हैं कि आइस एप्पल के सेवन से क्या-क्या फायदे मिलते हैं। त्वचा के लिए है लाभदायकआइस एप्पल एंटी-इंफ्लेमेटरी और कूलिंग गुणों से भरपूर होता है जो त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। ये गुण त्वचा की सूजन को दूर करने समेत दानों और चकत्ते का इलाज कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स कोलेजन का उत्पादन भी बढ़ाते हैं और हानिकारक मुक्त कणों से लडऩे में मदद करते हैं।
खुजली को शांत करने के लिए आप अपनी त्वचा के प्रभावित हिस्से पर आइस एप्पल के गूदे को भी लगा सकते हैं। वजन घटाने में है सहायकअगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो अपनी डाइट में आइस एप्पल को जरूर शामिल करें। इस स्वास्थ्यवर्धक फल में उच्च पानी की मात्रा आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखती है जिससे आप अनहेल्दी चीजों के सेवन से खुद को बचा सकते हैं।
इस फल में कैलोरी भी कम होती है जो वजन घटाने में मदद करती है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। मधुमेह को करे नियंत्रितकार्ब्स में कम और विटामिन और खनिजों से भरपूर आइस एप्पल का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी सुरक्षित है। इसमें मौजूद पोटेशियम की उच्च मात्रा इंसुलिन के बढ़े हुए उत्पादन को नियंत्रित करती है जिससे ब्लड शुगर का स्तर कम होता है।
एक अध्ययन के अनुसार, जिन मधुमेह रोगियों ने आइस एप्पल खाएं, उन्होंने अपने ब्लड शुगर के स्तर में कमी का अनुभव किया। रोजाना सुबह इसका सेवन करने से आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। बालों को बनाता है मजबूतआइस एप्पल बालों का रूखापन और बेजानपन कम करके इन्हें मुलायम, स्वस्थ और चमकदार बना सकता है। यह एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में कार्य करता है और आपके बालों को मजबूत करने में मदद करता है। यह बालों से संबंधित समस्याओं जैसे स्प्लिट एंड्स, सन डैमेज, जल्दी गंजापन और बालों का समय से पहले सफेद होना कम करने में भी मदद करते हैं।
इसकी मदद से बालों का झडऩा भी कम होता है। हाइड्रेट करने समेत थकान करें दूरअगर किसी भी कारण आप खुद में डिहाइड्रेशन और कम ऊर्जा महसूस करें तो उस दौरान आइस एप्पल का सेवन जरूर करें।
इससे आपके शरीर पर कूलिंग प्रभाव पड़ेगा और प्राकृतिक रूप से डिहाइड्रेशन का इलाज होगा। इन फलों में पोटेशियम और सोडियम की उच्च मात्रा शरीर में द्रव और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती हैं।
26.10.2022 – (एजेंसी) नारियल कई ऐसे गुणों से भरपूर होता है जो हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। नारियल का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। आप नारियल की स्वादिष्ट मिठाइयां बना सकते हैं, इसका तेल निकाल सकते हैं, गर्मियों में नारियल का पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रख सकते या फिर घर में खुशबू के लिए इसकी मोमबत्तियां इस्तेमाल कर सकते हैं।
आज हम आपको नारियल से स्वास्थ्य को होने वाले पांच फायदे बताएंगे। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायकनारियल फाइबर और स्वस्थ फैट से भरपूर होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। इसकी वजह से यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है।
इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपके ब्लड शुगर के लेवल को सही रखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्जिन नारियल तेल के इस्तेमाल से ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार होता है। त्वचा के लिए है फायदेमंदनारियल आपकी त्वचा को मुलायम, हाइड्रेट और मॉइश्चराइज रखने का काम करता है।
इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी एंजिंग को कम करने और मृत त्वचा को हटाकर रंग निखारने में मदद करते हैं। नारियल तेल स्ट्रेच मार्क हटाने और होठों को फटने से बचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
वजन घटाने के लिए करें इस्तेमालताजे नारियल से निकाले गए तेल में अन्य नारियल तेलों की अपेक्षा में ज्यादा मीडियम चेन फैटी एसिड होता है। इससे आपको वजन कम करने के लिए अनगिनत फायदे मिलते हैं। नारियल में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स शरीर की चर्बी को तेजी से खत्म करते हैं और भूख को कम कर देते हैं। यह आपकी पेट की चर्बी को कम करने और वजन घटाने में मददगार साबित होगा, इसलिए आप इसका इस्तेमाल जरूर करें।
नारियल का तेल बालों को लंबा और घना बनाने में मददगारनारियल तेल का इस्तेमाल सदियों से बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। इसके नियमित इस्तेमाल से बालों को लंबा, घना और चमकदार बनाया जा सकता है। नारियल तेल से सिर में पांच मिनट मसाज करने से न सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि होती है, बल्कि इससे बालों के खो चुके पोषण की भरपाई भी होती है।
नियमित नारियल तेल से मसाज करने पर बालों में रूसी की समस्या नहीं होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को देता है बढ़ावाआजकल बीमारियां बढ़ती जा रही हैं और सही खान-पान नहीं होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती जा रही है। इसे बढ़ाने के लिए आप रोजाना खाना पकाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करें।
इससे आपको स्वास्थ्य से जुड़े अन्य फायदे भी मिलेंगे। जो लोग नारियल के तेल में बना खाना खाते हैं, वो कई गंभीर बीमारियों से दूर रहते हैं। अन्य तेल में बने खाने को खाने से बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
आज का दिन आपके लिये भाग्यशाली है। नक्षत्र आपके लिये अत्यंत अनुकूल दिखाई देता है। सकारात्मक विचार करने से आप सकारात्मक ऊर्जा पाएंगे जिससे आप अपने मकसद तक पहुंच सकेंगे। यदि आप किसी परियोजना पर कार्य कर रहे हैं और आप जिन बदलावों को लागू करने का इरादा कर रहे हैं यह उनके लिए अनुकूल समय नहीं है। आर्थिक सहायता में भी देरी हो सकती है। किसी कार्य से मन अत्यन्त प्रसन्न होगा। ध्यान रखने से स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष : (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वु, वे, वो)
आप किसी ऐसे व्यक्ति की ओर आकर्षित होंगे जो आपकी रुचियों और इच्छाओं तथा जुनून को साझा करेगा। यदि अपने किसी के साथ कुछ गलत किया है, तो हमेशा अपनी गलती मानकर माफी मांगना ही बेहतर होगा। आज आपके पश्चाताप को समझा जाएगा और आप माफ किए जाएँगे।
मिथुन : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप जिन लोगों से मिलेंगे उनके लिए आप एक प्रेरणा होंगे। आपकी फुर्तीली ऊर्जा और आपके चारों ओर प्रेम तथा सुंदरता उन्हें प्रोत्साहित करती है। आज आप भाग्यशाली साबित हो सकते है। परंतु आज छोटे से काम के लिये भी आपको जोर लगाना होगा या बहुत प्रयास करना होगा।
कर्क : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपके इरादो से संबंधित पुस्तकों का संदर्भ लें। यह पुस्तकें आपको यशस्वी योजनायें बनाने में मार्गदर्शन करेगी।आप सामान्य तौर पर चुस्त और प्रबल हैं। परंतु पिछले कुछ दिनो सें आपके व्यस्तता के कारण हो रही थकावट आपको सुस्त कर देगी। पर्याप्त आराम करें जिससे आप ठीक हो जाएंगे।
सिंह : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
किसी को अनचाही सलाह या तारीफ देने से बचें। इसके अतिरिक्त दूसरे लोगों के व्यक्तिगत मामलों में भी हस्तक्षेप न करें। आप बुरे सपने तथा भ्रमो से पू री तरह से घिरे हुये है। केवल आपकी इच्छाशक्ती आपके जिंदगी को बर्बाद करने वाले इन नकारत्मक विचारो से आपको मुक्ती दिला सकती है। इस लिये आप बुरे सपनो में नही उलझें।
कन्या : (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपको नुकसान पहुँचाने का कारण बने व्यक्ति पर दया दिखाना या उसे माफ करना आपके लिये आज मुश्किल होगा। ऐसा करने हेतू अत्यधिक समझ की आवश्यकता होती है। परंतु हर व्यक्ति के बारें मे सहानुभूति रखने की आपकी क्षमता आपको ऐसे व्यक्ति को माफ करने में सहायता करेगी। कामकाजी महिलाओं को घर और कार्यालय दोनों जगह पर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह उनके लिए एक कठिन दिन होगा।
तुला : (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
अपनी भावनाओं और मनोभावों को उस व्यक्ति के सामने स्पष्ट और खुले रूप से व्यक्त करें जिससे आप आकर्षित हैं। अस्वीकृति से भयभीत न हों। आज आपको कुछ कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। किंतु आप अपनी बौद्धिकता और विश्लेषणात्मक शक्तियों के साथ सभी का समाधान करने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक : (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आप एकबार पुन: दीर्घकालिक स्वप्न पर कार्य करने का प्रयास कर सकते हैं। कभी भी देरी नहीं है। वास्तव में, आपको अपने सपनों को पहले की अपेक्षा पूरा करना अधिक आसान हो सकता है। आपको अपने प्रेमी के आसपास कुत्ते के पिल्ले के समान प्रेम की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। बस आगे बढि़ए और प्रस्ताव दीजिए और आपको निश्चित ही एक सकारात्मक प्रतिसाद मिलता है।
धनु : (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपका मजाकिया स्वभाव आपको मित्रों और दूसरे लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय बनाता है जिनसे आप आज मिलते हैं। यह उन लोगों को भी उत्साहित करेगा जिनके साथ आप कार्य करते हैं। आपको नुकसान पहुँचाने का कारण बने व्यक्ति पर दया दिखाना या उसे माफ करना आपके लिये आज मुश्किल होगा। ऐसा करने हेतू अत्यधिक समझ की आवश्यकता होती है। परंतु हर व्यक्ति के बारें मे सहानुभूति रखने की आपकी क्षमता आपको ऐसे व्यक्ति को माफ करने में सहायता करेगी।
मकर : (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
महिलाएँ आज जिन पार्टियों या फंक्शनों में उपस्थित होंगी उनमें वे आकर्षक और लोकप्रिय होंगी। संपत्ति के बारे में या कोई घरेलू समस्या का समाधान करने हेतू आपको उसमें शामिल सभी लोगो की राय लेनी चाहिये। कुछ समय अपने अहंकार को दूर रखें।
कुंभ : (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। आज आपकी अथवा घर में किसी सदस्य की सेहत अकस्मात खऱाब होने या पुराने रोग के बढऩे से भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आज आर्थिक कारणों से कार्य अटक सकते है। उधार की वसूली में परेशानी आएगी। किसी अरिष्ट की चिंता से मन व्याकुल रहेगा। सहकर्मियों का सहयोग मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। मानसिक तनाव ना बढऩे दें आध्यात्म का सहारा लें।
मीन : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
भावनात्मक रुप से आपका कठिन समय चल रहा है तथा आपके हृदय के घाव भरने में थोड़ा और समय लगेगा। परंतु आपके अपने लोगों से आपको करुणा एवं सहानुभूति प्राप्त होगी। जल्द ही यह समय भी निकल जाएगा।आज आप निष्क्रियता एवं थकावट महसूस करेंगे। यह आपके सक्रिय स्वभाव के विपरीत होगा। सहजता से क्षुब्ध भी हो जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाई
इस अवसर पर उन्होंने बहादुर जवानों से बातचीत की
24 OCT-2022
“वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं”
“दिवाली आतंक के अंत का त्योहार है”
“जिस भारत का हम सम्मान करते हैं वह सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है बल्कि एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है”
“आप सरहद पर ढाल बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर भी दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है”
“मैं अपने सशस्त्र बलों की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे”
“हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और राष्ट्रीय रक्षा की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार कर रहे हैं”
सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को कायम रखते हुए, प्रधानमंत्री ने यह दिवाली कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ मनाई।
वीर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल की धरती के प्रति श्रद्धा उन्हें हमेशा सशस्त्र बलों के वीर पुत्र-पुत्रियों की ओर खींचती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जवानों की उपस्थिति में दिवाली की मिठास बढ़ जाती है और उनके बीच मौजूद दिवाली की रोशनी उनके हौसले को बुलंद करती है। उन्होंने कहा, “एक तरफ देश की संप्रभु सीमा हैं, और दूसरी ओर समर्पित सिपाही, एक ओर मातृभूमि की ममतामयी मिट्टी है तो दूसरी ओर वीर जवान। मैं कहीं और इस तरह की दिवाली की उम्मीद नहीं कर सकता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वीरता और बहादुरी की इन गाथाओं का जश्न मनाता है जो हमारी परंपराओं और संस्कृतियों का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, कारगिल की विजयी भूमि से, मैं सभी देशवासियों और दुनिया में सभी लोगों को दिवाली की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब कारगिल ने विजयी होकर तिरंगा नहीं फहराया। आज की दुनिया में भारत की अभिलाषा के बारे में, प्रधानमंत्री ने कामना करते हुए कहा कि रोशनी का त्योहार आज के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में शांति और समृद्धि का मार्ग रोशन करे। दिवाली के महत्व के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “यह आतंक के अंत का उत्सव है।” दिवाली की उपमा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल ने ठीक वैसा ही किया था और जीत के जश्न को आज भी याद किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि वह कारगिल युद्ध के साक्षी थे और उन्होंने इसे करीब से देखा था। उन्होंने प्रधानमंत्री की 23 साल पुरानी तस्वीरों को संरक्षित करने और दिखाने के लिए अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया, जब वे युद्ध के दौरान दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों के साथ समय बिताने आए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “एक सामान्य नागरिक के रूप में, मेरा कर्तव्य पथ मुझे रणभूमि तक ले आया।” प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि वे देशवासियों द्वारा इकट्ठा की गई राहत सामग्रियों को यहां सौंपने आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके लिए पूजा करने जैसा क्षण था। उस समय के वातावरण के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति का आह्वान था कि वह अपने मन, शरीर और आत्मा को इस उद्देश्य के लिए समर्पित करे, और जीत के जयकारों ने हमारे चारों ओर जोश भर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम जिस राष्ट्र की आराधना करते हैं, हमारा वह भारत केवल एक भौगोलिक भूखंड मात्र नहीं है, हमारा भारत एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है।” श्री मोदी ने यह भी कहा, “जब हम भारत कहते हैं, तो सामने शाश्वत संस्कृति का चित्र उभर आता है, जब हम भारत कहते हैं तो सामने वीरता की विरासत उठ खड़ी होती है, जब हम भारत कहते हैं तो सामने पराक्रम की परिपाटी प्रखर हो उठती है।” उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी अजस्र धारा है, जो एक और गगनचुंबी हिमालय से प्रस्फुटित होती है और दूसरी ओर हिंद महासागर में समाहित होती है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि अतीत में विश्व की कई समृद्ध सभ्यताएं रेगिस्तान सी वीरान हो गई, लेकिन भारत के अस्तित्व की यह सांस्कृतिक धारा आज भी अविरल है। उन्होंने समझाया कि एक राष्ट्र अमर हो जाता है जब देश के बहादुर बेटे और बेटियां अपने सामर्थ्य पर और संसाधनों में पूर्ण विश्वास दिखाते हैं।
कारगिल का युद्धक्षेत्र भारतीय सेना के पराक्रम का बुलंद गवाह बन चुका है। श्री मोदी ने कहा, “द्रास, बटालिक और टाइगर हिल इस बात के प्रमाण हैं कि पहाड़ की चोटी पर बैठे दुश्मन भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और वीरता के आगे बौने हैं।” उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले भारत की सुरक्षा के सशक्त स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि एक देश तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम देश की ताकत के बारे में समाचार सुनते हैं तो पूरे देश का मनोबल बढ़ जाता है। देशवासियों के बीच एकजुटता की भावना को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन और बिजली व पानी के साथ पक्के घरों की समय पर डिलीवरी का उदाहरण दिया और कहा कि हर जवान इस पर गर्व महसूस करता है। उन्होंने कहा कि दूर-दूर तक जब ये सेवाएं जवानों के घरों तक पहुंचती हैं, तो उन्हें संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि जब जवान को कनेक्टिविटी में वृद्धि का पता चलता है, तो उनके लिए घर पर कॉल करना आसान हो जाता है और छुट्टियों के दौरान घर जाना और भी आसान हो जाता है। उन्होंने 7-8 साल पहले की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की हालिया उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने 80,000 से अधिक स्टार्टअप्स के बारे में भी बताया जो इनोवेशन के कार्य को चालू रखते हैं। उन्होंने यह भी याद किया कि दो दिन पहले, इसरो ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार करने के लिए 36 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन युद्ध पर भी प्रकाश डाला जहां तिरंगे ने भारतीयों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम किया।
प्रधानमंत्री ने समझाया कि यह बाहरी और आंतरिक दोनों दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष में भारत की सफलता का परिणाम है। आप सरहद पर कवच बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। श्री मोदी ने कहा कि देश ने आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने का सफल प्रयास किया है। कभी देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाले नक्सलवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका दायरा लगातार सिमट रहा है। भ्रष्टाचार पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़ रहा है। “भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, वह कानून से नहीं बच सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि कुशासन ने हमारे विकास के रास्ते में बाधाएं पैदा करके देश की क्षमता को सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम उन सभी पुरानी कमियों को तेजी से दूर कर रहे हैं।”
आधुनिक युद्ध में प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य के युद्धों का स्वरूप बदलने वाला है और इस नए युग में राष्ट्रीय रक्षा की आवश्यकताओं के अनुसार हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और बदलते परिवेश के अनुरूप तैयार कर रहे हैं। सेना में बड़े सुधारों की आवश्यकता पर बोलते हुए, जिनकी आवश्यकता दशकों से महसूस की जा रही थी, प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि हर चुनौती के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने के लिए हमारे बलों का बेहतर तालमेल हो। उन्होंने कहा, “इसके लिए सीडीएस जैसा संस्थान बनाया गया है। सीमा पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क बनाया जा रहा है ताकि हमारे जवान अपनी ड्यूटी करने में अधिक सहज हों।” उन्होंने कहा कि देश में कई सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भारतीय सेनाओं में आधुनिक स्वदेशी हथियारों का होना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के तीनों वर्गों ने विदेशी हथियारों और प्रणालियों पर हमारी निर्भरता को कम करने का फैसला किया है और आत्मनिर्भर होने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैं अपनी सभी तीन सेनाओं की सराहना करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे।” स्वदेशी हथियारों के इस्तेमाल से होने वाले फायदों की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत के जवान देश में बने हथियारों से लड़ेंगे तो उनका विश्वास चरम पर होगा और उनके हमले में दुश्मन के मनोबल को कुचलने के लिए एक सरप्राइज एलिमेंट होगा। प्रधानमंत्री ने प्रचंड-हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, तेजस लड़ाकू जेट और विशाल विमान वाहक विक्रांत का उदाहरण दिया, और अरिहंत, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, पिनाक और अर्जुन के रूप में भारत की मिसाइल ताकत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए रक्षा उपकरणों का निर्यातक बन गया है, और ड्रोन जैसी आधुनिक और प्रभावी तकनीक पर भी तेजी से काम कर रहा है।
श्री मोदी ने कहा, “हम उन परंपराओं का पालन करते हैं जहां युद्ध को अंतिम विकल्प माना जाता है।” उन्होंने कहा कि भारत हमेशा विश्व शांति के पक्ष में है। श्री मोदी ने कहा, “हम युद्ध के विरोधी हैं, लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभव नहीं है।” उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं में क्षमता और रणनीति है, और अगर कोई हमारी ओर नजर उठा कर देखता है, तो हमारी सेनाएं भी दुश्मन को अपनी भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना जानती हैं। गुलामी की मानसिकता को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने नए उद्घाटन किए गए कर्तव्य पथ का उदाहरण दिया और कहा कि यह नए भारत के नए विश्वास को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हो या राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, ये नए भारत के लिए एक नई पहचान बनाते हैं।” प्रधानमंत्री ने नए भारतीय नौसेना के ध्वज को भी याद किया और कहा, “अब शिवाजी की बहादुरी की प्रेरणा नौसेना ध्वज में जुड़ गई है।”
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत और इसकी विकास क्षमता पर है। श्री मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत काल भारत की इस सामर्थ्य का, ताकत का साक्षात साक्षी बनने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसमें आपकी भूमिका बहुत बड़ी है क्योंकि आप भारत के गौरव हैं।” उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को समर्पित एक कविता पढ़कर अपने संबोधन का समापन किया।
पराक्रम और शौर्य से सिंचित कारगिल की इस मिट्टी को नमन करने का भाव मुझे बार बार अपने वीर बेटे-बेटियों के बीच खींच लाता है। मेरे लिए तो, वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप सब ही हैं। मेरी दीपावली की मिठास आपके बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावाली का प्रकाश आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पथ प्रशस्त करता है। मेरी दीपावाली का उल्लास आपके पास है, मेरी उमंग आपके साथ है। मेरा सौभाग्य है, मुझे बरसों से दिवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर मनाने का अवसर मिल रहा है। एक ओर देश की संप्रभु सीमा, और दूसरी ओर उसके समर्पित सिपाही! एक ओर मातृभूमि की ममतामयी मिट्टी और दूसरी ओर उसे चन्दन बनाकर माथे पर लगाने वाले आप सब मेरे वीर जवान साथी, जांबाज नौजवान! इससे बेहतर दिवाली मुझे और कहाँ नसीब हो सकती है? और हम civilian लोगों की दिवाली, हमारी आतिशबाज़ी और कहां आपकी आतिशबाज़ी, आपकी तो आतिशबाज़ी ही अलग होती है। आपके धमाके भी अलग होते हैं।
साथियों,
शौर्य की अप्रतिम गाथाओं के साथ ही, हमारी परंपरा, मधुरता और मिठास की भी है। इसलिए, भारत अपने त्योहारों को प्रेम के साथ मनाता है। पूरी दुनिया को उसमें शामिल करके मनाता है। आज, कारगिल की इस विजय भूमि से, आप सब जवानों के बीच से मैं सभी देशवासियों को, और पूरे विश्व को दीपावली की हार्दिक बधाई देता हूँ। पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। आज के वैश्विक परिदृश्य में प्रकाश का ये पर्व पूरे विश्व के लिए शांति का पथ-प्रदर्शन करे, ये भारत की कामना है।
साथियों,
दिवाली का अर्थ है, आतंक के अंत के साथ उत्सव! आतंक के अंत का उत्सव! यही कारगिल ने भी किया था। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था, और देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी थी, ऐसी दिवाली मनी थी कि लोग आज भी याद करते हैं। मेरा ये सौभाग्य रहा है, मैं उस जीत का भी साक्षी बना था, और मैंने उस युद्ध को भी करीब से देखा था। मैं हमारे अधिकारियों का आभारी हूं कि यहां आते ही मुझे कई साल पुरानी मेरी वो तस्वीरें दिखायी जो पल मैं आपके बीच में बिताता था। मेरे लिए वो पल बड़े भावुक थे, जब मैं वो फोटो देख रहा था और मैं आप सबका बहुत आभारी हूं कि आपने मुझे यादों के अंदर वीर जवानों के बीच में बीते हुए मेरे पल को फिर से आपने मुझे याद करा दिया, मैं आपका बहुत आभारी हूं। जब हमारे जवान कारगिल युद्ध में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, तब मुझे उनके बीच आने का सौभाग्य मिला था। देश के एक सामान्य नागरिक के रूप में मेरा कर्तव्य पथ, मुझे रणभूमि तक ले आया था। देश ने अपने सैनिकों की सेवा के लिए जो भी छोटी-मोटी राहत सामग्री भेजी थी। हम उसे लेकर यहां पहुंचे थे। हम तो सिर्फ उससे पुण्य कमा रहे थे क्योंकि देव भक्ति तो करते हैं, वो पल देशभक्ति के रंग से रंगे हुए आपका पूजन का मेरे लिए वो पल था। उस समय की कितनी ही यादें हैं, जो मैं कभी भूल नहीं सकता। ऐसा लगता था, चारों दिशाओं में विजय का जयघोष है, जयघोष है, जयघोष है। हर मन का आह्वान था- मन समर्पित, तन समर्पित। और यह जीवन समर्पित। चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं!
साथियों,
हम जिस राष्ट्र की आराधना करते हैं, हमारा वो भारत केवल एक भौगोलिक भूखंड मात्र नहीं है। हमारा भारत एक जीवंत विभूति है, एक चिरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने शाश्वत संस्कृति का चित्र उभर जाता है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने वीरता की विरासत उठ खड़ी होती है। जब हम भारत कहते हैं, तो सामने पराक्रम की परिपाटी प्रखर हो उठती है। ये एक ऐसी अजस्र धारा है, जो एक ओर गगनचुंबी हिमालय से प्रस्फुटित होती है तो दूसरी ओर हिन्द महासागर में समाहित होती है। अतीत में असीम लपटें उठीं, विश्व की कितनी ही लहलहाती सभ्यताएँ रेगिस्तान सी वीरान हो गईं, लेकिन भारत के अस्तित्व की ये सांस्कृतिक धारा आज भी अविरल है, अमर है। और मेरे जवानों, एक राष्ट्र कब अमर होता है? राष्ट्र तब अमर होता है जब उसकी संतानों को, उसके वीर बेटे-बेटियों को अपने सामर्थ्य पर, अपने संसाधनों पर परम विश्वास होता है। राष्ट्र तब अमर होता है, जब उसके सैनिकों के शीश हिमालय के शीर्ष शिखरों की तरह उत्तंग होते हैं। एक राष्ट्र तब अमर होता है जब उसकी संतानों के बारे में ये कहा जा सके कि- चलन्तु गिरयः कामं युगान्त पवनाहताः। कृच्छेरपि न चलत्येव धीराणां निश्चलं मनः॥ यानी, प्रलयकाल के तूफानों से विशाल पर्वत भले ही क्यों न उखड़ जाएँ, लेकिन आप जैसे धीरों और वीरों के मन अडिग, अटल और निश्चल होते हैं। इसलिए, आपकी भुजाओं का सामर्थ्य हिमालय की दुरूह ऊंचाइयों को नापता है। आपका मनस्वी मन, मरुस्थलों की मुश्किलों का सफलता से मुक़ाबला करता हैं। आपके असीम शौर्य के आगे अनंत आकाश और असीमित समंदर घुटने टेकते हैं। कारगिल का कुरुक्षेत्र भारतीय सेना के इस पराक्रम का बुलंद गवाह बन चुका है। ये द्रास, ये बटालिक और ये टाइगर हिल, ये गवाह हैं कि पहाड़ों की ऊंचाइयों पर बैठा दुश्मन भी भारतीय सेना के गगनचुंबी साहस और शौर्य के आगे कैसे बौना बन जाता है। जिस देश के सैनिकों का शौर्य इतना अनंत हो, उस राष्ट्र का अस्तित्व अमर और अटल ही होता है।
साथियों,
आप सभी, सीमा के हमारे प्रहरी देश की रक्षा के मज़बूत स्तंभ हैं। आप हैं, तभी देश के भीतर देशवासी चैन से रहते हैं, निश्चिंत रहते हैं। लेकिन ये हर भारतवासी के लिए खुशी की बात है कि देश के सुरक्षा कवच को संपूर्णता देने के लिए, हर भारतवासी पूरी शक्ति लगा रहा है। देश सुरक्षित तभी होता है, जब बॉर्डर सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था सशक्त हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो। आप भी बॉर्डर पर आज देश की ताकत की खबरें सुनते हैं, तो आपका हौसला दोगुना हो जाता होगा। जब देश के लोग स्वच्छता के मिशन से जुड़ते हैं, गरीब से गरीब को भी अपना पक्का घर, पीने का पानी, बिजली-गैस जैसी सुविधाएं रिकॉर्ड समय पर मिलती हैं, तब हर जवान को भी गर्व होता है। दूर कहीं उसके घर में, उसके गांव में, उसके शहर में सुविधाएं पहुंचती हैं, तो सीमा पर उसका सीना भी तन जाता है, उसे अच्छा लगता है। जब वो देखता है कि कनेक्टिविटी अच्छी हो रही है, तो उसका घर पर बात करना भी आसान होता है और छुट्टी पर घर पहुंचना भी आसान बन जाता है।
साथियों,
मुझे पता है, जब 7-8 साल के भीतर ही देश की अर्थव्यवस्था 10वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंचती है, तो आपका भी माथा गर्व से ऊंचा होता है। जब एक तरफ आप जैसे युवा सीमा को संभालते हैं और दूसरी तरफ आपके ही युवा साथी 80 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप बना देते हैं, नए-नए इनोवेशन करते हैं, तो आपकी खुशी भी बढ़ जाती है। दो दिन पहले ही इसरो ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार करने वाले 36 सैटेलाइट, एक-साथ लॉन्च कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। अंतरिक्ष में भारत जब अपना सिक्का जमाता है तो कौन मेरा वीर जवान होगा जिसकी छाती चौड़ी न होती हो। कुछ महीने पहले जब युक्रेन में लड़ाई छिड़ी तो हमारा प्यारा तिरंगा कैसे वहां फंसे भारतीयों का सुरक्षा कवच बना, ये हम सभी ने देखा है। दुनिया में आज जिस प्रकार भारत का मान बढ़ा है, सम्मान बढ़ा है, विश्व पटल पर बढ़ती भारत की भूमिका आज सबके सामने है।
साथियों,
आज ये सब कुछ इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि भारत अपने बाहरी और भीतरी, दोनों दुश्मनों के विरुद्ध सफलता के साथ मोर्चा ले रहा है। आप सीमा पर कवच बनकर खड़े हैं, तो देश के भीतर भी देश के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। आतंकवाद की, नक्सलवाद की, अतिवाद की, जो भी जड़ें बीते दशकों में पनपी थी, उसको उखाड़ने का सफल प्रयास देश निरंतर कर रहा है। कभी नक्सलवाद ने देश के एक बहुत बड़े हिस्सों को चपेट में ले लिया था। लेकिन आज वो दायरा लगातार सिमट रहा है। आज देश भ्रष्टाचार के खिलाफ भी निर्णायक युद्ध लड़ रहा है। भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, अब वो बच नहीं सकता और बचेगा भी नहीं। कुशासन ने लंबे समय तक देश के सामर्थ्य को सीमित रखा, हमारे विकास के रास्ते में रोड़े अटकाए। आज सबका, साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम उन सभी पुरानी कमियों को तेज़ी से दूर कर रहे हैं। राष्ट्रहित में आज बड़े से बड़े निर्णय तेजी से किए जाते हैं, तेजी से लागू किए जाते हैं।
साथियों,
तेजी से बदलते हुए समय में, टेक्नोलॉजी के इस दौर में भविष्य के युद्धों का स्वरूप भी बदलने जा रहा है। नए दौर में नई चुनौतियों, नए तौर-तरीकों और राष्ट्ररक्षा के बदलती ज़रूरतों के हिसाब से भी आज हम देश की सैन्य ताकत को तैयार कर रहे हैं। सेना में बड़े रिफॉर्म्स, बड़े सुधार की जो ज़रूरत दशकों से महसूस की जा रही थी, वो आज ज़मीन पर उतर रही है। हमारी सेनाओं में बेहतर तालमेल हो, हम हर चुनौती के विरुद्ध तेज़ी से, त्वरित कार्रवाई कर सकें, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए CDS जैसे संस्थान का निर्माण किया गया है। सीमा पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, ताकि आप जैसे हमारे साथियों को अपना कर्तव्य निभाने में अधिक सुविधा हो। आज देश में अनेक सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य ट्रेनिंग संस्थानों को बेटियों के लिए खोल दिया गया है और मुझे गर्व है मैं बहुत सारी बेटियों को मेरे सामने देख रहा हूं। भारत की सेना में बेटियों के आने से हमारी ताकत में वृद्धि होने वाली है, ये विश्वास रखिए। हमारा सामर्थ्य बढ़ने वाला है।
साथियों,
देश की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है- आत्मनिर्भर भारत, भारतीय सेनाओं के पास आधुनिक स्वदेशी हथियार। विदेशी हथियारों पर, विदेशी सिस्टम पर हमारी निर्भरता कम से कम हो, इसके लिए तीनों सेनाओं ने आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। मैं प्रशंसा करता हूं अपनी तीनों सेनाओं की, जिन्होंने ये तय किया है कि 400 से भी अधिक रक्षा साजो सामान अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे। अब ये 400 हथियार भारत में ही बनेंगे, 400 प्रकार के भारत का सामर्थ्य बढ़ाएंगे। इसका एक और सबसे बड़ा लाभ होगा। जब भारत का जवान, अपने देश में बने हथियारों से लड़ेगा, तो उसका विश्वास चरम पर होगा। उसके हमले में दुश्मन के लिए Surprise Element भी होगा और दुश्मन का मनोबल कुचलने का साहस भी। और मुझे खुशी है कि आज एक तरफ अगर हमारी सेनाएं ज्यादा से ज्यादा मेड इन इंडिया हथियार अपना रही हैं तो वहीं सामान्य भारतीय भी लोकल के लिए वोकल हो रहा है। और लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए सपने देखकर के समय लगा रहा है।
साथियों,
आज ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल्स से लेकर ‘प्रचंड’ लाइट combat हेलीकाप्टर्स और तेजस फाइटर जेट्स तक, ये रक्षा साजो सामान भारत की शक्ति का पर्याय बन रहे हैं। आज भारत के पास, विशाल समंदर में विप्लवी विक्रांत है। युद्ध गहराइयों में हुआ, तो अरि का अंत अरिहंत है। भारत के पास पृथ्वी है, आकाश है। अगर विनाश का तांडव है, तो शिव का त्रिशूल है, पिनाका है। कितना भी बड़ा कुरुक्षेत्र होगा, लक्ष्य भारत का अर्जुन भेदेगा। आज भारत अपनी सेना की ज़रूरत तो पूरी कर ही रहा है, बल्कि रक्षा उपकरणों का एक बड़ा निर्यातक भी बन रहा है। आज भारत अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को सशक्त रहा है, वहीं दूसरी तरफ ड्रोन जैसी आधुनिक और प्रभावी तकनीक पर भी तेज़ी से काम कर रहा है।
भाइयों और बहनों,
हम उस परंपरा को मानने वाले हैं जहां युद्ध को, हमने युद्ध को कभी पहला विकल्प नहीं माना है। हमने हमेशा, ये हमारा वीरता का भी कारण है, हमारे संस्कार का भी कारण है कि हमने युद्ध को हमेशा अंतिम विकल्प माना जाता है। युद्ध लंका में हुआ हो या फिर कुरुक्षेत्र में, अंत तक उसको टालने की हर संभव कोशिश हुई है। इसलिए हम विश्व शांति के पक्षधर हैं। हम युद्ध के विरोधी हैं। लेकिन शांति भी बिना सामर्थ्य के संभव नहीं होती। हमारी सेनाओं के पास सामर्थ्य भी है, रणनीति भी है। अगर कोई हमारी तरफ नज़र उठाकर देखेगा तो हमारी तीनों सेनाएं दुश्मन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती हैं।
साथियों,
देश के सामने, हमारी सेनाओं के सामने, एक और सोच अवरोध बनकर खड़ी थी। ये सोच है गुलामी की मानसिकता। आज देश इस मानसिकता से भी छुटकारा पा रहा है। लंबे समय तक देश की राजधानी में राजपथ गुलामी का एक प्रतीक था। आज वो कर्तव्य पथ बनकर नए भारत के नए विश्वास को बढ़ावा दे रहा है। इंडिया गेट के पास जहां कभी गुलामी का प्रतीक था, वहां आज नेता जी सुभाषचंद्र बोस की भव्य-विशाल प्रतिमा हमारे मार्ग दिखा रही है, हमारा मार्गदर्शन कर रही है। नेशनल वॉर मेमोरियल हो, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक हो, राष्ट्ररक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा देने वाले ये तीर्थ भी नए भारत की पहचान हैं। कुछ समय पहले ही देश ने गुलामी के प्रतीक से भारतीय नौ-सेना को भी मुक्त किया है। नौ-सेना के ध्वज से अब वीर शिवाजी की नौ-सेना के शौर्य की प्रेरणा जुड़ गई है।
साथियों,
आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत के बढ़ते सामर्थ्य पर है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो शांति की उम्मीद बढ़ती है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो समृद्धि की संभावना बढ़ती है। जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो विश्व में एक संतुलन आता है। आज़ादी का ये अमृतकाल भारत की इसी ताकत का, इसी सामर्थ्य का साक्षात साक्षी बनने वाला है। इसमें आपकी भूमिका, आप सब वीर जवानों की भूमिका बहुत बड़ी भूमिका है, क्योंकि आप “भारत के गौरव की शान” हैं। तन तिरंगा, मन तिरंगा, चाहत तिरंगा, राह तिरंगा। विजय का विश्वास गरजता, सीमा से भी सीना चौड़ा, सपनों में संकल्प सुहाता, कदम-कदम पर दम दिखाता, भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। वीर गाथा घर घर गुंजे, नर नारी सब शीश नवाऐ सागर से गहरा स्नेह हमारा अपने भी हैं, और सपने भी हैं, जवानों के अपने लोग भी तो होते हैं, आपका भी परिवार होता है। आपके सपने भी हैं फिर भी अपने भी हैं, और सपने भी हैं, देश हित सब किया है समर्पित अब देश के दुश्मन जान गए है लोहा तेरा मान गये है भारत के गौरव की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। प्रेम की बात चले तो सागर शान्त हो तुम पर देश पे नज़र उठी तो फिर वीर ‘वज्र’ ‘विक्रांत’ हो तुम, एक निडर ‘अग्नि’, एक आग हो तुम ‘निर्भय’ ‘प्रचंड’ और ‘नाग’ हो तुम ‘अर्जुन’ ‘पृथ्वी’ ‘अरिहंत’ हो तुम हर अन्धकार का अन्त हो तुम, तुम यहाँ तपस्या करते हो वहाँ देश धन्य हो जाता है, भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है। स्वाभिमान से खड़ा हुआ मस्तक हो तुम आसमां में ‘तेजस’ की हुंकार हो तुम दुश्मन की आँख में, आँख डाल के जो बोले ‘ब्रम्होस’ की अजेय ललकार हो तुम, हैं ऋणी तुम्हारे हर पल हम यह सत्य देश दोहराता है। भारत के गौरव- की शान, तुम्हे देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है।
एक बार फिर आप सभी को और कारगिल के वीरों की यह तीर्थ भूमि के हिमालय की गोद से मैं देश और दुनिया में बसे हुए सब भारतीयों को मेरे वीर जवानों की तरफ से, मेरी तरफ से भी दीपावली की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, पूरे हिमालय से गूंज आनी चाहिए।