स्कूल ड्रॉप आउट रोकने के लिए राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति शुरू, हर साल 12 हजार रुपए देगी सरकार

नई दिल्ली 05 Oct, (एजेंसी): छात्रों के स्कूल ड्रॉप आउट की समस्या से निपटने के लिए एक खास स्कॉलरशिप ‘राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति’ शुरू की गई है। यह छात्रवृत्ति खास तौर पर इसलिए डिजाइन की गई है ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई न छोड़ें। छात्रवृत्ति की राशि 12,000 रुपए प्रति वर्ष है। इस योजना के तहत एक लाख छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2023-24 के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर छात्रवृत्ति के आवेदनों की ऑनलाइन जमा या पंजीकरण की प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2023 को शुरू हो गई। ‘राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति (एनएमएमएसएस) योजना’ के तहत कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में पढ़ाई बीच में छोड़ने की समस्या को कम करने के लिए है।

इसके साथ ही नवीन से 12वीं कक्षा के छात्रों को माध्यमिक स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए प्रत्येक वर्ष कक्षा 9 से चयनित छात्रों को कक्षा 10 से 12 में उनके नवीनीकरण पर एक लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (एनएमएमएसएस) को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर उपलब्ध कराया गया है। यह छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है।

एनएमएमएसएस छात्रवृत्ति डीबीटी मोड के बाद सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर द्वारा सीधे चयनित छात्रों के बैंक खातों में वितरित की जाती है। यह केंद्र सरकार की योजना है। वे छात्र जिनके माता-पिता की सभी स्रोतों से आय प्रति वर्ष 3,50,000 रुपए से अधिक नहीं है, वे छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के पात्र हैं।

छात्रवृत्ति के पुरस्कार के लिए चयन परीक्षा में उपस्थित होने के लिए छात्रों के पास सातवीं कक्षा की परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड होना चाहिए (एससी, एसटी छात्रों के लिए 5 प्रतिशत की छूट)। छात्रवृत्ति आवेदन नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर सत्यापन के दो स्तरों से गुजरते हैं। पहला स्कूल स्तर पर संस्थान नोडल अधिकारी (आईएनओ) द्वारा और दूसरा जिला नोडल अधिकारी (डीएनओ) द्वारा सत्यापित किया जाता है।

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