भाजपा संसदीय दल की बैठक में गुजरात जीत के लिए मोदी का भव्य स्वागत

*पीएम ने गुजरात की जीत का श्रेय सीआर पाटिल को दिया*

नई दिल्ली,14 दिसंबर (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय दल की बुधवार को बैठक हुई, जिसमें गुजरात की ऐतिहासिक जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया.

संसद के शीतकालीन सत्र में यह भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक थी. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी सांसदों ने हिस्सा लिया. संसद भवन परिसर स्थित संसदीय सौंध में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री के पहुंचते ही जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया गया. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया.

बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने गुजरात की ऐतिहासिक जीत का श्रेय भाजपा की प्रदेश इकाई और उसके अध्यक्ष सी आर पाटिल के साथ ही पार्टी की संगठनात्मक मजबूती को दिया.

सूत्रों के मुताबिक मोदी ने बैठक में कहा कि यदि संगठन मजबूत होता है तो जीत कैसे संभव बनाई जा सकती है, भाजपा की गुजरात इकाई इसका एक उदाहरण है.

बैठक में सी आर पाटील की प्रधानमंत्री द्वारा की गई सराहना को इस रूप में भी देखा जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है. पाटिल को प्रधानमंत्री मोदी का बेहद करीबी और विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की भी सराहना की. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के जी-20 की अध्यक्षता मिलने का भी जिक्र किया और सांसदों से अगले साल होने वाली शिखर बैठक से पहले देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में लोगों को शामिल करने के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ आने को कहा.

भारत के शहरों में इस आयोजन से जुड़ी बैठकों में कई विदेशी प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाना चाहिए और इनमें पारंपरिक संस्कृति और रीति-रिवाजों की झलक होनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक प्रस्तुति दी. अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत शीर्ष सात देशों में एक उज्ज्वल स्थान पर है. पिछले कई दशकों के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रस्तुति में कहा गया है कि मुद्रास्फीति और बेरोजगारी हमेशा कांग्रेस सरकारों में अधिक थी जबकि भाजपा सरकारों में यह कम रही है.

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