*उच्च न्यायालय में सांसद अधीर चौधरी की याचिका पर हुई सुनवाई*
कोलकाता 10 जुलाई ,(एजेंसी)। पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान जमकर हिंसा हुई तो पुनर्मतदान के दिन भी गड़बड़ी व हिंसा की छिटपुट घटनाएं घटी। अभीतक दर्जनों लोग मारे गए हैं घायलों की संख्या लगभग एक हजार है। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पीडि़तों को मुआवजा दिए जाने समेत तीन मांगें उठाई हैं। साथ ही ममता सरकार से सवाल किया कि हिंसा क्यों हुई?।
अधीर चौधरी ने मुख्य न्यायाधीश से पंचायत चुनाव की अशांति को लेकर सवाल करते हुए कहा, सुप्रभात मैं मुर्शिदाबाद से हूं। मेरे जिले मुर्शिदाबाद समेत पूरे राज्य में अशांति है। हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि मृतकों के परिजनों को नहीं पता कि शव लाने के लिए कहां जाएं। ऐसे में आज कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीएसएफ आईजी और राज्य सरकार से पंचायत चुनावों को लेकर राजनीतिक हिंसा पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा।
उच्च न्यायालय ने कहा, राज्य सरकार को घायल लोगों को अच्छी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करनी होंगी।आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से दायर मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की खंडपीठ ने आदेश दिया कि घायलों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराया जाये। जरूरत पडऩे पर इलाज के लिए राज्य के किसी बड़े अस्पताल में ले जाना चाहिए। इसके अलावा, अदालत ने राज्य को मृतक के अंतिम संस्कार में हर संभव सहायता प्रदान करने का आदेश दिया।पोस्ट मार्टम की वीडियोग्राफी का भी आदेश दिया गया है।
घटना की सूचना संबंधित अधिकारियों को दी जानी चाहिए। रिपोर्ट के बाद ही कोर्ट मुआवजे पर फैसला करेगा। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा, मुझे अपने केस की एक कॉपी दीजिए। मामले को अनुमति देना. राज्य के महाधिवक्ता को सूचित करें। अधीर ने मुआवजे की मांग करते हुए हाई कोर्ट में मामला दायर किया। चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों से जल्द से जल्द जानकारी देने को कहा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस मामले की सुनवाई होगी।
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