Chhattisgarh / Bhopal / 03 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – ED की टीम महादेव ऐप के सटोरिये आरोपी गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को लेकर कोर्ट पहुंची है।
आपको बता दें कि महादेव सट्टा ऐप के मेन ऑपरेटर गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को लेकर ED की टीम आज रायपुर कोर्ट पहुंची है।
मामले की सुनवाई के लिए छुट्टी के दिन भी कोर्ट खोला गया है। इससे पूर्व ED ने शुक्रवार को भोपाल से तलरेजा और कोलकाता से सूरज को गिरफ्तार किया था। अब ED दोनों आरोपियों की रिमांड लेने का प्रयास करेगी।
जांच के दौरान तलरेजा और रतनलाल जैन के शुभम सोनी के साथ करोड़ों का ट्रांजेक्शन मिला था। शुभम सोनी अभी फरार है, वहीं सूरज चोखानी पर शेयर मार्केट में महादेव सट्टा का पैसा लगाने का आरोप है।
इसके अलावा रायपुर की विशेष कोर्ट में आज महादेव सट्टा, मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुनील दम्मानी के बेल एप्लिकेशन पर भी सुनवाई होगी। शराब घोटाला मामले में पंजीयन पर तर्क होगा। कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार बसंत चंद्राकर, निखिल चंद्राकर और दीपेश टांक को लेकर भी आज सुनवाई होगी।
दरअसल, दो सप्ताह पहले ED ने भिलाई से 25 साल के नीतीश दीवान को गिरफ्तार किया था। वैशाली नगर का रहने वाला नीतीश दीवान महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर के साथ ऐप के पैनल ऑपरेशन का काम करता था और 2 साल तक दुबई में रहा है। बताया जा रहा है कि उसकी निशानदेही पर ही टीम तलरेजा तक पहुंची है। ED ने 28 फरवरी को रायपुर सहित कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर और मुंबई में एक साथ छापे मारे थे।
सूत्रों के मुताबिक, ED ने इस मामले में एक हवाला ऑपरेटर हरिशंकर टिबरेवाल की पहचान की है। वह कोलकाता का रहने वाला है और फिलहाल दुबई में रहता है।
बताया जा रहा है कि टिबरेवाल ने कई महादेव ऐप के प्रमोटरों के साथ मिलकर कथित रूप से अवैध सट्टेबाजी ऐप स्काई एक्सचेंज का संचालन भी किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, टिबरेवाल की ही 580.78 करोड़ की संपत्ति को PMLA के तहत जब्त किया गया है।
जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी टिबरेवाल सट्टेबाजी में मिली रकम को अपनी दुबई स्थित इकाइयों से विदेशी पोर्टफोलियो (FPI) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था। उसने अपने कई सहयोगियों को कंपनियों का निदेशक बना रखा जो इसमें शामिल थे। इस मामले में ED अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एजेंसी ने पहले कहा था कि महादेव ऐप से हुई अवैध कमाई का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था।
ED के अनुसार, इस मामले में अनुमानित अवैध कमाई करीब 6,000 करोड़ रुपए की है वहीं पीएमएलए 2002 के तहत की गई तलाशी के दौरान कुल चल संपत्ति 572.41 करोड़ रुपए जब्त किया गया है। दो अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए गए जिनमें 142.86 करोड़ रुपए मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है। इस मामले में अभियोजन शिकायतें 20 अक्टूबर 2023 और 1 जनवरी 2024 को दर्ज की गई थी।
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