संघ की चिंतन बैठक देहरादून के आरोवैली आश्रम में 4 अप्रैल से

देहरादून,03 अप्रैल (आरएनएस)।संघ (आरएसएस) की चिंतन बैठक चार से 11 अप्रैल तक देहरादून के रायवाला स्थित आरोवैली आश्रम में होगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही संघ की समूची अखिल भारतीय कार्यकारिणी भाग लेगी। चिंतन बैठक में संघ के विस्तार और आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी। चिंतन बैठक के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से आएंगे और फिर वहां से कार द्वारा बैठक स्थल जाएंगे।

संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों में से कुछ तीन अप्रैल की शाम और कुछ चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। चिंतन बैठक में संघ के कार्यो की समीक्षा के साथ ही विस्तार और भावी कार्यक्रमों को लेकर मंथन होगा।
इस बीच संघ की चिंतन बैठक को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शनिवार शाम को आरोवैली आश्रम पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने संघ प्रमुख के रूट प्लान के अनुसार की गई व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उधर, प्रशासन भी इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर चौकन्ना है। रायवाला में हनुमान चौक से लेकर आरोवैली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है।

औरोवेली आश्रम रायवाला में होने वाले संघ के चिंतन शिविर में वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आश्रम पहुंचे। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के रूट प्लान के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को जरूरी निर्देश दिए। वहीं कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हनुमान चौक से लेकर औरोवेली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है। लोक निर्माण विभाग ने पूरे मार्ग पर कार्यक्रम स्थल के साइन बोर्ड लगाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में शिरकत करने संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंच जाएंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से व इसके बाद कार्यक्रम स्थल तक का सफर कार तय करेंगे। यह कार्यक्रम पांच से 12 अप्रैल तक होना है। शिविर में आरएसएस के अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी और भाजपा के कई बड़े राष्ट्रीय व राज्य स्तर के नेता, भारत सरकार में मंत्री समेत समेत कई विशिष्ट नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है।

***************************************

चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

उनके जीने के अधिकार का हो सम्मान

*मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

शौचालयों से ही समृद्धि संभव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version