हत्या को हादसा दिखाने के लिए 4 दोस्तों के साथ रची थी साजिश,चार आरोपी गिरफ्तार

*कार से रौंदा था महिला को, 50 हजार में दी थी सुपारी*

कानपुर 11 जून,(एजेंसी)। शहर में नजीराबाद क्षेत्र में एक महिला की कार से कुचलकर हत्या कर दी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। इसमें दिख रहा है कि महिला बेटों के साथ ठेला लेकर जा रही है। उसके बेटा पीछे चल रहा है। तभी कार महिला को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर से महिला कार के बोनट में फंस गई। इसके बाद आरोपी ने कार नहीं रोकी।

महिला 50 मीटर तक घिसटती चली गई। महिला के बेटे और आस-पास के लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना की 8 जून की है। पुलिस ने रविवार को घटना का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि महिला की हत्या रंजिश में पड़ोसी ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर जानबूझकर की थी। मनोज ने साथियों को महिला की हत्या करने के लिए  50 हजार में सुपारी दी गई थी। उसे हत्या को हादसा दिखाने के लिए महिला को कार से रौंदा था। फिलहाल पुलिस चारों को गिरफ्तार कर लिया है।

कार से की थी रेकी 

डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि लक्ष्मी रतन कॉलोनी निवासी जयंती देवी (45) मरियमपुर हॉस्पिटल के सामने जूस का ठेला लगाती थीं। उनके 2 बेटे अजीत और अमित इस काम में हाथ बंटाते थे। 8 जून की रात वह बेटों के साथ घर वापस लौट रही थी। वह जैसे ही मरियमपुर अस्पताल के सामने से घर की तरफ निकली। तभी कार सवार ने महिला को रौंद डाला। गंभीर रूप से घायल जयंती ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था।
बेटे ने शक के आधार पर बगल में जूस का ठेला लगाने वाले मनोज के खिलाफ नजीराबाद थाने में हत्या और अवैध वसूली समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने मनोज को हिरासत में लेकर जांच शुरू की। नगर निगम के कंट्रोल रूम से चौराहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो वह कार से रेकी करता नजर आया। इसके बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो जुर्म कबूल लिया।

आरोपी भतीजा मनोज ने पुलिस को बताया कि उसने अपने चार अन्य दोस्तों महेश,अभय,अमित और गया प्रसाद के साथ हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्याकांड को हादसा दिखाने के लिए कार का इस्तेमाल किया था। कार की नंबर प्लेट भी हटा दी थी।

रंजिश के चलते रची हत्याकांड की साजिश 

आरोपी ने बताया, जयंती का मेरे घर के पीछे मकान है। वह जब 35 साल कानपुर आई, तो मैने ही अपने ठेले के बगल में उसे ठेला लगाने की जगह दी थी। इसके बदले वह 2 हजार रुपए हर महीने देती थी। इसके बाद उसके काम ने थोड़ी तेजी पकड़ ली। इसके बाद बेटे बड़े हो गए तो उसने एक और ठेला लगा लिया।

इसके बाद उसने मेरे से भी अच्छा ठेला लगा लिया। इतना ही नहीं, इसके बाद उसने हर महीने रुपए भी नहीं देती थी। इसके बाद ही मेरे अंदर जलन और कुंठा होने लगी। फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ कार से कुचल कर हत्या करने की योजना बनाई। जिससे लोगों को लगे कि जयंती की हादसे में जान गई है।

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