नई दिल्ली 30 jan, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – Supreme Court says, Consideration should be given to making a law to protect the rights of domestic workers …देश की शीर्ष अदालत ने घरेलू कामगारों के अधिकारों की सुरक्षा और नियमन के लिए कानून बनाने की सिफारिश करते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि घरेलू कामगारों के नियमन और सुरक्षा के लिए कानूनी उपाय सुझाए जाएं। इसके लिए समिति गठित की जाए, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समिति से छह महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने घरेलू कामगारों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और संबंधित मंत्रालयों को निर्देश जारी किए। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार को घरेलू कामगारों की गरिमा और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कानून लाने का प्रयास करना चाहिए।
खंडपीठ ने कहा कि हालांकि घरेलू कामगार एक आवश्यक कार्यबल हैं, लेकिन उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई अखिल भारतीय कानून नहीं है। इसलिए वे नियोक्ताओं और एजेंसियों द्वारा शोषण के लिए असुरक्षित हैं। खंडपीठ ने आपराधिक अपील का निपटारा करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
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