नक्सलियों के खिलाफ युद्ध को अवश्य जीतेंगे : हेमन्त सोरेन

* उग्रवादी घटनाओं की संख्या में कमी आयी है

*715 उग्रवादी हुए गिरफ्तार,18 उग्रवादी मारे गए और 27 उग्रवादियों ने किया सरेंडर

* पेंशन योजनाओं की समीक्षा करे केंद्र सरकार – हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री

नई दिल्ली/रांची, 26.09.2021

वर्ष 2016 में 195 उग्रवादी घटनाएं हुई थीं। यह संख्या वर्ष 2020 में घटकर 125 रह गयी है। वर्ष 2016 में उग्रवादियों द्वारा 61 आम नागरिकों की हत्या की गयी थी, वर्ष 2020 में यह संख्या 28 रही। इस अवधि में कुल 715 उग्रवादी गिरफ्तारी हुए। उक्त अवधि में पुलिस मुठभेड़ में 18 उग्रवादियों को मार गिराया गया था। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में “वामपंथी उग्रवाद” पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में बोल रहे थे।

चार स्थानों में सिमटे नक्सली

मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। इन अभियानों के फलस्वरूप राज्य में उग्रवादियों की उपस्थिति मुख्य रूप से पारसनाथ पहाड़, बूढ़ा पहाड़, सरायकेला, खूंटी, चाईबासा, कोल्हान क्षेत्र तथा बिहार सीमा के कुछ इलाके तक सीमित रह गई है। वह दिन दूर नहीं जब इन स्थानों से भी वामपंथी उग्रवाद का सफाया किया जा सकेगा।

मुख्यधारा में वापस लाने का हो रहा प्रयास

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 तथा 2021 के अगस्त तक 27 उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण भी किया गया है। राज्य की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। कम्युनिटी पुलिसिंग के द्वारा भटके युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने का प्रयास हो रहा है। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं के लिए ‘सहाय’ योजना लेकर आ रही है, जिसके अन्तर्गत इन क्षेत्रों में विभिन्न खेलों के माध्यम से युवाओं और अन्य लोगों को जोड़ा जायेगा।

राशि की मांग करना व्यवहारिक नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद की समस्या केन्द्र तथा राज्य सरकार दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसी परिस्थिति में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति के बदले भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों से राशि की मांग करना व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। इस मद में झारखण्ड के विरुद्ध अबतक 10 हजार करोड़ रुपये का बिल गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मेरा अनुरोध होगा कि इन बिलों को खारिज करते हुए भविष्य में इस तरह का बिल राज्य सरकारों को नहीं भेजने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाये।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में योजनाएं अचानक बंद न हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर उग्रवाद के उन्मूलन हेतु कई योजनाएं लागू की गयी हैं। इन योजनाओं से विशेष लाभ भी मिला है, परन्तु ऐसा देखा गया है कि कुछ जिलों के लिए इन योजनाओं को अचानक बंद कर दिया गया, जिससे उग्रवाद उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को आघात पहुंचता है। अचानक इन योजनाओं को बंद कर देने से उग्रवाद को पुनः पैर पसारने का मौका मिल सकता है। इसी संदर्भ में विशेष केंद्रीय सहायता

के तहत् प्रति जिला 33 करोड़ रुपये की राशि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। प्रारम्भ में यह योजना 16 जिलों के लिए स्वीकृत की गयी थी, परन्तु इस वर्ष यह योजना मात्र 08 जिलों के लिए जारी रखी गयी है। इसी प्रकार एसआरई योजना से कोडरमा, रामगढ़ तथा सिमडेगा को बाहर कर दिया गया है। अतएव मेरा अनुरोध होगा कि दोनों योजनाओं को सभी नक्सल प्रभावित जिलों के लिए अगले पांच वर्षों तक जारी रखा जाय।

मनरेगा मजदूरी दर और पेंशन राशि बढ़े

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की दशा को सुधारने में मनरेगा एक कारगर उपाय है। मनरेगा झारखण्ड में बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। परन्तु, झारखण्ड के श्रमिकों को जो मजदूरी दर मिल रही है, वह देश में सबसे कम है। अन्य राज्यों में 300 रु / दिन से ज्यादा मिल रही है, मगर झारखण्ड में 200 रु. भी नहीं। हमने राज्य की निधि से मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया है। मेहनतकश झारखंडियों को भी मनरेगा के तहत सही मजदूरी मिलनी चाहिए। सामाजिक सुरक्षा के तहत भारत सरकार के द्वारा जो विभिन्न पेंशन योजनाएं चलायी जा रही हैं उसे फिर से देखने की जरूरत है। अभी भी भारत सरकार एक वृद्ध / विधवा / दिव्यांग को प्रति महीने जीवनयापन सहायता के रूप में मात्र 250  रुपये प्रति महीने देती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहाँ जीविकोपार्जन अन्य क्षेत्रों से ज्यादा कठिन है, वहाँ के लिए तो यह राशि बढ़नी ही चाहिए।

शिक्षा के लिए विद्यालयों की संख्या बढ़े

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 192 एकलव्य विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 82 उग्रवाद प्रभावित जिलों में स्थापित होंगे। मेरा अनुरोध होगा कि एकलव्य विद्यालय की स्वीकृति हेतु निर्धारित मापदण्ड में 50% की शर्त को समाप्त किया जाए, ताकि आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों को इस योजना का लाभ मिल सके। झारखण्ड में 261 प्रखंड हैं, परन्तु मात्र 203 प्रखंडों में ही केंद्र सरकार की सहायता से कस्तूरबा विद्यालय का निर्माण किया गया। 57 विद्यालय राज्य सरकार अपनी निधि से प्रारंभ की है। राज्य की बेटियां इन विद्यालयों में नामांकन चाहती हैं। झारखण्ड जो सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित हैं, वहाँ 100 कस्तूरबा विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार सहयोग करे। नक्सल विरोधी अभियान में हमारी सरकार एवं केन्द्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय हमेशा बना रहेगा और मैं आशा करता हूँ कि हम सब मिलकर इस युद्ध को अवश्य जीत पायेंगे।

पोषण अभियान योजना के तहत प्रशिक्षण का आयोजन

 

रांची, अति कुपोषित बच्चों की पहचान, समुदाय स्तर पर उनका उपचार और कुपोषण के प्रति जागरुकता को लेकर पोषण अभियान योजना अन्तर्गत पोषण माह के दौरान राज्यस्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यूनिसेफ द्वारा आयोजित किये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती श्वेता भारती एवं जिला के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी शामिल हुए।

पोषण माह 2021 के अन्तर्गत ऑनलाइन प्रशिक्षण में रिम्म के चिकित्सकों ने कुपोषित बच्चों की पहचान, समुदाय स्तर पर उनका उपचार और जागरुकता को लेकर विस्तार से सभी को जानकारी दी।

स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी झारखंड प्रदेश रांची के प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारियों सदस्यों का चुनाव

रांची, 26.09.2021  – स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी झारखंड प्रदेश रांची के प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारियों सदस्यों का आम सहमति से चुनाव किया गया जो इस प्रकार है प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रकाश तिवारी. प्रदेश प्रधान महासचिव श्री राम रंजन कुमार सिंह. प्रदेश उपाध्यक्ष. श्री गोपाल राय, श्री सुरेंद्र भगत.श्री शंभू लाल वर्णवाल, प्रदेश महासचिव.  मोहम्मद इरफान खान, अजय शंकर कुमार, शैलवाहन कुमार, के. डी. मोदी प्रदेश सचिव. जय शंभू मिश्रा, टीयोसियस, दीपक डे. प्रदेश संगठन प्रचार सचिव. तालकेस्वर केसरी, परशुराम प्रसाद, सुधांशु शेखर. प्रदेश कोषाध्यक्ष, विमल कुमार. प्रदेश उपसचिव. अनिल कुमार तिवारी, केदारनाथ प्रसाद, रंजीत खत्री, अनिल लकड़ा ,अमृत कुमार महतो, मंगल सिंह टोप्पो.  प्रदेश संगठन सचिव. लीना अंजना बाड़ा, संजय कुमार सिन्हा. प्रेस  प्रवक्ता. पियूष झा. कार्यकारिणी सदस्य. नीलिमा वर्मा, दिलीप कुमार, विमल देव.

उपरोक्त निर्वाचित प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारियों, सदस्यों ने निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किया और हेमंत सरकार से मांग करते हुए कार्रवाई करने की मांग की इस प्रकार है लाखों गरीब मध्यम संपन्न वर्गों आदिवासी दलित पिछड़े वर्गों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तत्काल कक्षा नर्सरी  से पांच  की पढ़ाई शुरू करें और  प्राइमरी स्कूलों को खोलें. झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा  का अधिकार (प्रथम संशोधन) 2019 के काला कानून रद्द करके बिना शर्त सभी विद्यालयों को मान्यता दे. आर्थिक संकट से गुजर रहे परेशान आम जनता, मजदूर, किसान, प्राइवेट स्कूलों के संचालको, शिक्षकों, कर्मचारियों , विभिन्न कारखाना में कार्यरत को   तत्काल आर्थिक राहत सहायता दे.  कोरोना  महामारी से काम धंधा चौपट आर्थिक संकट से गुजर रहे छोटे मध्यम कारोबारियों को आर्थिक सहायता प्रदान करें अपने चुनावी वादे अनुसार सभी शिक्षित बेरोजगार युवाओं को ₹7000 प्रति माह रोजगारी भत्ता दे और पांच लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दे.  सामान्य कार्य का समान वेतन दे .सभी नागरिकों को. बिजली, पेयजल, शिक्षा,चिकित्सा,आवास, सुविधा उपलब्ध कराएं. बैठक में विभिन्न संगठनों संस्थाओं एवं झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, नेशनल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, आरक्षण गैर सरकारी स्कूल संचालक एवं यूथ इंडिया इत्यादि संगठनों के पदाधिकारी सदस्य शामिल हुए .बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों,सदस्य  के  नाम  श्री शिव शंकर सिंह, विवेक कुमार त्रिपाठी, अजय शंकर कुमार, राजदेव प्रसाद अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे

उक्त जानकारी अजय शंकर कुमार प्रदेश महासचिव स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी झारखंड प्रदेश रांची ने दी.

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन वामपंथी उग्रवाद और सुरक्षा और विकास से संबंधित मुद्दों पर आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लेंगे

नई दिल्ली/रांची – 25.09.2021
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन रविवार को नई दिल्ली में होने वाली ‘वामपंथी उग्रवाद और सुरक्षा और विकास से संबंधित मुद्दों पर आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री, श्री अमित शाह माओवादी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उक्त बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन राज्य में आदिवासी क्षेत्रों के विकास में केंद्र के योगदान के साथ-साथ राज्य में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता कोष के विस्तार जैसे मुद्दों को रखेंगे।।

प्रस्ताव होगा पेश

मुख्यमंत्री वामपंथी प्रभावित जिलों में व्यवस्थित विकास और महत्वपूर्ण बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को दी जाने वाली राशि में कटौती से संबंधित मुद्दों को उठा सकते हैं। हाल ही में, केंद्र सरकार ने झारखंड के 08 जिलों के विशेष केंद्रीय सहायता फंड में कटौती की है। इससे पहले यह राज्य के 16 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों को दिया गया था।

नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का होगा जिक्र
मुख्यमंत्री राज्य में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों से संबंधित रिकॉर्ड भी पेश करेंगे। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए केंद्र को सहयोग देने का आग्रह किया जाएगा।जिसमें सड़क निर्माण, कस्तूरबा बालिका विद्यालय के लिए सहायता और व्यापक इंटरनेट और मोबाइल-टेलीकॉम सुविधा शामिल है।

अन्य मुद्दे जो होंगे चर्चा का विषय

मनरेगा श्रमिकों के न्यूनतम दैनिक वेतन को बढ़ाने और इसे अन्य राज्यों के बराबर लाने से जुड़े मुद्दे भी उनके संबोधन का हिस्सा होंगे। मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा के दायरे में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजनाओं में आवश्यक संशोधन पर भी अपनी बात रखेंगे। जो वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय के आवंटन के लिए शर्तों में संशोधन का भी प्रस्ताव करेंगे, जिससे राज्य में और एकलव्य विद्यालय स्वीकृत करने के दरवाजे खुल सकते हैं। झारखंड की विभिन्न पंचायतों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी मुख्यमंत्री अपना पक्ष रखेंगे।

Exit mobile version