उन्होंने कहा कि लता जी ने अपने गायन से पूरे विश्व में अमिट पहचान स्थापित की। भारतीय संगीत में उनके अतुलनीय योगदान को सदा स्मरण किया जायेगा। प्रखर देशभक्त व प्रेरणादायी व्यक्तित्व लता जी का जाना पूरे देशवासियों एवं कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। राज्यपाल महोदय ने कहा कि पूरी दुनिया के संगीतप्रेमी आज उदास हैं। उनकी सुरीली आवाज हमेशा हमारे बीच गूंजती रहेगी। उन्होंने इस महान पुण्यात्मा के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ईश्वर शोकाकुल परिजनों एवं उनके असंख्य प्रशंसकों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
कुमारी लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिवसीय राजकीय शोक
राँची, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशानुसार झारखंड सरकार, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा सूचित किया गया है कि कुमारी लता मंगेशकर का निधन हो गया है। उनके सम्मान में भारत सरकार द्वारा दिनांक 06 फरवरी 2022 से दिनांक 07 फरवरी 2022 तक दो दिवसीय राजकीय शोक मनाने का निर्णय लिया गया है।
उक्त तिथि को झारखंड राज्य के उन सभी भवनों, जहाँ नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते है, पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगें एवं किसी भी प्रकार के राजकीय समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के निधन पर गहरी संवेदना जताई, कहा -देश के लिए अपूरणीय क्षति
*मुख्यमंत्री ने कहा- लता जी भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी आवाज हमेशा हमारे दिलों पर राज करेगी
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने भारतरत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि लता जी के निधन से मर्माहत हूं। यह देश और देशवासियों के लिए अपूरणीय क्षति है। आज हर किसी की आंखें नम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न भाषाओं में लगभग तीस हज़ार गानों को अपनी सुरीली आवाज दी थी । उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी । आज उनके हमारे बीच नहीं होने से सुरों का एक कारवां थम सा गया है। लेकिन, वे अपनी आवाज से हमेशा हमारे दिलों में राज करेंगी। लता जी भले ही इस दुनिया में अब नहीं है, लेकिन उनके गाने हमेशा उनकी याद दिलाती रहेगी। परमात्मा दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दे एवं उनके असंख्य प्रशंसकों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
विलुप्त होते औषधीय पौधो को नया जीवन दे रही औषधीय वाटिका
*कोरोनाकाल में वरदान साबित हुई औषधीय वाटिका
*राज्य में 17 जिलो के 35 प्रखंडों में 6500 दीदियां औषधीय वाटिका से जुड़ीं
रांची, खूंटी के बिरहु बड़का टोली की अनिता सांगा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि तुलसी , गिलोय , चिरोंजी, सतावर, घोडवार आदि औषधीय पौधों की नर्सरी उनकी आजीविका का साधन बन सकता है। नवीन आजीविका किसान उत्पादक समूह की सदस्य अनिता सांगा आज 50 से अधिक औषधीय पौधों की खेती कर कर रही हैं । पहले सिर्फ वनोपज आधारित आजीविका पर निर्भर अनिता सखी मंडल की महिलाओं के साथ मिल कर औषधीय पौधों और फलों की नर्सरी कर अच्छी आमदनी कर रही रही हैं। अनिता की नर्सरी के पौधे आज औषधीय वाटिका से जुड़ी सखी मंडल के दीदियों की इम्युनिटी बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के तहत औषधीय एवं सुगंधित पौधो की खेती की पहल से जुड़कर अनिता जैसी कई महिलाएं औषधीय पौध नर्सरी का संचालन कर रहीं हैं। वहीं हजारों महिलाएं अपने घरों में औषधीय वाटिका बनाकर अपने परिवार को स्वस्थ जीवन का उपहार दे रही हैं। इस पहल से एक ओर जहां ग्रामीण महिलाओं को औषधीय पौधे सस्ते दर पर नर्सरी के माध्यम से उपलब्ध हो रहे हैं, वहीं राज्य की जनजातीय चिकित्सा पद्धति होड़ोपैथी को पुनर्जीवित कर लोगों को प्राकृतिक उत्पादों के जरिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में वरदान साबित हो रहा है।
*कोरोनाकाल में वरदान साबित हुई औषधीय वाटिका
औषधीय वाटिका का लक्ष्य सखी मंडल की दीदियों के जरिए पुरातन प्राकृतिक उपायों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना एवं रोग निवारक उपायों को बढ़ावा देना है। इससे एक ओर जहां नेचुरोपैथी एवं होड़ोपैथी को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं गांव की महिलाएं आमदनी भी कर रही हैं। हज़ारीबाग जिले के दारु प्रखंड अंतर्गत पेटो गांव की आशा देवी पिछले डेढ़ साल से औषधीय वाटिका परियोजना से जुड़ कर न सिर्फ कोरोना के कठिन समय में कारगर तुलसी , गिलोय, हरसिंगार सहित 30 से ज्यादा औषधीय पौधों की खेती कर अपने परिवार और आसपास के लोगो की मदद की, बल्कि इन औषधीय पौधों की बिक्री के जरिए कुछ आमदनी भी कर लेती हैं।
*17 जिलो के 35 प्रखंडों में 6500 किसानों के साथ चल रही परियोजना
पिछले कुछ दशकों में होडोपैथी औषधीय पौधो की कमी के कारण विलुप्ति के कगार पर पहुंच गयी थी। ऐसे में झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी ने महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना अंतर्गत औषधीय वाटिका पहल के जरिये प्राचीन औषधीय चिकत्सा प्रणालियों को पुनर्जीवित कर इसके संरक्षण को बढ़ावा दिया है। वर्तमान में परियोजना राज्य के 17 जिलों के 35 प्रखंडों में 6500 किसानों के साथ चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत 30 से अधिक औषधीय और सुंगधित पौधों जैसे हर्रा, बहेड़ा, करंज, कुसुम, लेमनग्रास आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो मुख्य रूप से औषधीय वाटिका के तहत उगाए जाते हैं। इसके अलावा वन आधारित औषधीय पौधों का वैज्ञानिक संग्रहण, खेती तथा सुगंधित पौधे को बढ़ावा देकर राज्य में आजीविका के नये अवसर उत्पन्न करने का प्रयास भी जोरो पर है।
सखी मंडल की बहनों को औषधीय पौधों की खेती से जोड़कर सशक्त अभिनव आजीविका का अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक करीब 10 औषधीय पौधो की नर्सरी का संचालन ग्रामीण महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में नेशनल मेडिसिनल प्लान्ट बोर्ड के साथ अभिसरण के जरिए 50 से ज्यादा नर्सरी की स्थापना का लक्ष्य है। इस पहल से करीब 11 हजार ग्रामीण परिवार औषधीय वाटिका से जुड़ेंगे, जिसका लाभ एक लाख से ज्यादा परिवारों को होगा।
माली में फंसे झारखण्ड के 33 श्रमिकों में से सात श्रमिकों की हुई झारखण्ड वापसी
*श्रमिकों को कंपनी द्वारा किया जायेगा वेतन का भुगतान
रांची, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद वेस्ट अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के 33 श्रमिकों में से सात श्रमिक दिलीप कुमार, छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इन्द्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो और इन्द्रदेव प्रसाद की झारखण्ड वापसी हो गई। श्रमिकों के दूसरे समूह की रविवार को माली से रवाना होने की संभावना है।
*ये था मामला
जनवरी 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से श्रमिकों ने अपनी स्थिति से मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे सभी वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रैन्ज़्मिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में कार्यरत हैं। ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है और वह भारत वापस आ चुका है। तीन महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया एवं उनके पास दो दिन का खाना ही बचा था। मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का आदेश दिया। इसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा कंपनी के कंट्री हेड एवं मेनेजर से संपर्क कर उन्हें श्रमिकों की समस्या से अवगत कराते हुए उनके खाने की उचित व्यवस्था और वेतन का भुगतान करने को कहा गया।
*हुआ समझौता
मामले की गंभीरता को देखते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर घटना से अवगत कराया गया। दूतावास द्वारा कंपनी, ठेकेदार एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय बातचीत के लिए बुलाया गया। इसके बाद तीनों पक्ष के प्रतिनिधि द्वारा दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र में हस्ताक्षर किया गया और श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित हुई।
28 माह में आकांक्षी जिलों के 1.1 करोड़ घरों में नल से जलापूर्ति उपलब्ध कराई गई
*जल जीवन मिशन
नईदिल्ली (आरएनएस) जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने आकांक्षी जिलों में सुनिश्चित पोर्टेबल जल आपूर्ति और ओडीएफ प्लस पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ, अमिताभ कांत ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा, आकांक्षी जिले कई मायनों में अद्वितीय हैं और कई चुनौतियों का सामना करते हैं। इन क्षेत्रों में काम करने के मॉडल की संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने सराहना की है। पानी और स्वच्छता का प्रभाव कई गुना है और स्वास्थ्य तथा पोषण को सीधे प्रभावित करता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जिला कलेक्टर और नीति निर्माता यह सुनिश्चित करने के लिए अति आवश्यक नेतृत्व प्रदान करें कि शौचालय की सुविधा और नल का पानी दिए गए समय में हर ग्रामीण घर तक पहुंचे। श्रीमती विनी महाजन, सचिव डीडीडब्ल्यूएस, मुख्य सचिव, अरुण बरोका, अपर सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, एसीएस और राज्यों के प्रधान सचिव तथा डीडीडब्ल्यूएस, केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों के एक हजार से अधिक अधिकारियों और महत्वाकांक्षी जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ / उपायुक्तों-डीसी ने ई-सम्मेलन में भाग लिया।
सम्मेलन के एजेंडे को निर्धारित करते हुए श्रीमती महाजन ने ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति और ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्ति के बाद हर समय शौचालय का उपयोग सुनिश्चित करने में जिलों द्वारा की गई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा, चूंकि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन दोनों समयबद्ध हैं, इसलिए नल का पानी और स्वच्छता सुविधा प्रदान करने के लिए कोई भी छूटा नहीं है आदर्श वाक्य के साथ, मिशन मोड के कार्यक्रम के अंतर्गत यह महत्वपूर्ण है कि कार्यक्रम की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए पानी और स्वच्छ शौचालय की उपलब्धता सभी के द्वारा लगातार प्रयास किए जाएं।
अरुण बरोका, अपर सचिव, डीडीडब्ल्यूएस ने ओडीएफ प्लस में 117 आकांक्षी जिलों और नल से जल आपूर्ति प्रदान करने के प्रदर्शन की प्रस्तुत दी। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय आकांक्षी जिलों के 3.39 करोड़ घरों में से केवल 24 लाख घरों में नल का पानी था, लेकिन आज हम 1.34 करोड़ (39.53 प्रतिशत) घरों में नल का पानी उपलब्ध करा रहे हैं। तेलंगाना के तीन आकांक्षी जिलों और हरियाणा के 1 जिले ने 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त की है। आकांक्षी जिलों में 5,090 गांवों में ठोस कचरा और 3,663 गांवों में तरल कचरा प्रबंधन शुरू किया गया है।
बरोका ने कहा कि आकांक्षी जिलों के लिए यह आवश्यक है कि वे प्रयासों में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि लक्ष्य की समय सीमा से पहले कारी समाप्त हो जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए नल के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र में गढ़चिरौली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ कुमार आशीर्वाद, आरके शर्मा, डीसी, नामसाई, अरुणाचल प्रदेश, उदय प्रवीण, डीसी, उदालगुड़ी, असम और दीपक सोनी, डीसी, दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ ने अभिनव समाधानों के माध्यम से चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपने जिलों में स्वच्छ नल का पानी और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने में किए गए प्रासों के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
जल जीवन मिशन को बॉटम-अप यानी नीचे से ऊपर के दृष्टिकोण के बाद विकेन्द्रीकृत तरीके से कार्यान्वित किया जाता है, जिसमें स्थानीय ग्राम समुदाय, योजना बनाने से लेकर कार्यान्वयन और प्रबंधन से संचालन तथा रखरखाव तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए राज्य समुदाय के साथ जुडऩे और पानी समिति को मजबूत करने जैसी सामुदायिक गतिविधियों को अंजाम देता है। इस बारे में बातचीत कराते हुए अमिताभ कांत ने जल निकायों के कायाकल्प, जल स्रोतों के संरक्षण, वर्षा जल संचयन और सतही जल के संवर्धन के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा, समुदायों को शामिल करना कार्यक्रम का मूल होना चाहिए। परिवर्तन लाने और कार्यक्रम को जन आंदोलन बनाने के लिए सामाजिक और व्यवहारिक परिवर्तन महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी डीपीआर को मार्च, 2022 तक स्वीकृत किया जाए ताकि मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी जिलों को हर घर जल बनाने का काम तेजी से पूरा किया जा सके।
जल जीवन मिशन का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की तर्ज पर काम करते हुए, पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित बनाना है। 2019 में मिशन की शुरुआत में, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध थी। पिछले 28 महीनों के दौरान, कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और आज, 5.69 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। वर्तमान में, देश भर में 8.93 करोड़ (46.34 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमण तथा दीव के केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। वर्तमान में 97 जिलों के प्रत्येक घर और 1.34 लाख से अधिक गांवों को अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है।
जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, जल जीवन मिशन के बारे में सभी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।
मोरहाबादी मैदान के आसपास अतिक्रमित भूमि की मापी
*मैदान के उत्तरी छोर की भूमि की मापी
*सीओ टाउन श्री अमित भगत की देखरेख में जमीन मापी
*लगभग ढाई एकड़ में अस्थाई अतिक्रमण चिन्हित
*जल्द ही हटाया जाएगा अतिक्रमण
रांची (By Divya Rajan) मोरहाबादी मैदान के उत्तरी छोर में आज दिनांक 03 फरवरी 2022 को अतिक्रमण में समाहित अतिक्रमित भूमि की मापी की गयी। अंचल अधिकारी शहर श्री अमित भगत की देखरेख में भूमि की मापी की गई।
अंचल निरीक्षक, राजस्व कर्मचारी और अंचल आमीन के टीम ने होटल संस्कार से मान्या पैलेस तक भूमि की मापी की। इस दौरान करीब ढाई एकड़ में अस्थायी अतिक्रमण चिन्हित किया गया।
शहर अंचल अधिकारी श्री अमित भगत ने बताया कि मजिस्ट्रेट और फोर्स की मांग करते हुए जल्द ही अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
नीट पीजी परीक्षा 2022 स्थगित
*स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला
नईदिल्ली (आरएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला लिया है कि नीट पीजी 2021 काउंसलिंग के चलते नीट पीजी 2022 परीक्षा को स्थगित किया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्ष की परीक्षा 6-8 सप्ताह आगे के लिए टाल दी गई है। नीट पीजी 2022 परीक्षा 12 मार्च को आयोजित की जानी थी।
दरसअल, एक याचिका में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) पीजी परीक्षा टालने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में छात्रों के एक समूह ने याचिका दायर कर यह मांग की थी। परीक्षा के आयोजन के लिए नई तिथियों के बारे में मंत्रालय और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की समिति 6-8 सप्ताह के बाद समीक्षा कर फैसला लेगी।
पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के इच्छुक छात्रों ने याचिका में दावा किया था कि कई एमबीबीएस स्नातक छात्र अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि पूरी न होने के कारण मार्च 2022 की नीट परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इसलिए परीक्षा टाल देनी चाहिए। छह एमबीबीएस स्नातकों द्वारा दुबे लॉ चैंबर्स के माध्यम से दायर याचिका में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को निर्धारित परीक्षा को तब तक स्थगित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जब तक कि पीजी परीक्षा के पात्रता नियमों में निर्धारित उम्मीदवारों की अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि को पूरा करने जैसी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता है।
याचिकाकर्ताओं छात्रों का कहना था कि सैकड़ों एमबीबीएस स्नातक, जिनकी इंटर्नशिप कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए लगाई गई उनकी ड्यूटी के कारण अटकी हुई थी। ऐसे सैकड़ों छात्र इस अनिवार्य इंटर्नशिप ड्यूटी को पूरी नहीं कर पाने के कारण नीट पीजी 2022 की परीक्षा में शामिल होने से चूक जाएंगे। जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसलिए, याचिका में परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई है।
याचिका के जरिये नीट पीजी के सूचना बुलेटिन में दी गई शर्त, इंटर्नशिप पूरा करने के लिए 31 मई, 2022 की समय सीमा, को भी को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने 1500 उम्मीदवारों के समर्थन के साथ आग्रह किया है कि वे वर्ष 2021 में कोविड ड्यूटी में थे और इसलिए उनकी इंटर्नशिप स्थगित कर दी गई थी। याचिका में 31 मई से इंटर्नशिप पूरा करने की समय-सीमा बढ़ाने और फिर परीक्षा टालने की मांग की गई है।
पर्यटन के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था का होगा सशक्तिकरण
इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की होगी पहल
रांची, झारखण्ड सरकार राज्य में पर्यटन को विश्व पटल पर लाने के प्रति संजीदा है। ऱाज्य की भौगोलिक स्थिति व प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटन के लिहाज से अनुकूल है भी। सरकार ने राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराने के उदेश्य से पर्यटन के क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई है। पर्यटन नीति की मंत्रिपरिषद से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले दिनों में पर्यटन से रोजगार के अवसर सृजित करने और राजस्व में बढ़ोतरी करने के विजन के साथ झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में बदलाव का वाहक बनेगा। राज्य पर्यटन विकास की संभावनाओं से भरा है। राज्य के 33 प्रतिशत वन से आच्छादित भू-क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से बड़ा बाजार बनाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिया है।
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण भी
ग्रामीण विकास और ग्रामीणों का आर्थिक सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इस निमित्त पर्यटन विभाग, झारखण्ड के विभिन्न पर्यटन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में होमस्टे को बढ़ावा देने जा रहा है। इन होमस्टे को राज्य के पर्यटन स्थलों के पास रहने वाले ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही झारखण्ड की परंपरा और संस्कृति के बारे में लोगों को रूबरू कराने में भी मदद मिलेगी। पर्यटन स्थल के पास स्थित गांव में प्रवास को विकसित करने की योजना के साथ सरकार कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर रहने की सुविधाओं की कमी को भी दूर करने की कोशिश कर रही है। होम स्टे के निर्माण में सरकार अनुदान से लेकर अन्य सुविधाएं देने के प्रावधान की दिशा में कार्य करने जा रही है।
राज्य भर में पर्यटक सुविधा केंद्र
प्रदेश भर में पर्यटक सुविधा केंद्र विकसित करने की भी योजना पर्यटन नीति के तहत समाहित की गई है। योजना के अनुसार पर्यटन विभाग पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले रास्तों पर पर्यटक सुविधा केंद्र बनाएगा। ये केंद्र पर्यटकों को सूचना देने के साथ सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे। इन केंद्रों से पर्यटक जो लंबी सड़क यात्राएं करते हैं, उन्हें ठहरने और भोजन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार रास्ते के किनारे की सुविधाएं, पर्यटक सूचना केंद्र, शिल्प केंद्र, एटीएम सहित आवश्यक सुविधाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मंच सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का कार्य करेगी।
इको-टूरिज्म को बढ़ावा
झारखण्ड में इको-टूरिज्म के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हरे-भरे जंगल, जलप्रपात, भू-भाग, समृद्ध वन्य जीवन इसे वन ट्रेल्स, नेचर वॉक, जंगल सफारी, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग आदि झारखण्ड को इको- टूरिज्म के विकास के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करता है। लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट को ईको-सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा.
माननीय मंत्री -सह- प्रभारी मंत्री बादल की अध्यक्षता कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आपूर्ति, भूमि संरक्षण आदि विभागों का समीक्षा किया गया
गढ़वा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड, रांची के माननीय मंत्री -सह- प्रभारी मंत्री बादल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन परिसदन भवन गढ़वा में किया गया, जिसमें मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आपूर्ति, भूमि संरक्षण आदि विभागों का समीक्षा किया गया। मौके पर उपायुक्त, राजेश कुमार पाठक, पुलिस अधीक्षक, अंजनी कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी, रामाश्रय राम, जिला सहकारिता पदाधिकारी अमिता कुमारी, नजारत उप समाहर्ता, संजीव कुमार सिंह एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी गढ़वा आदि उपस्थित थें। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल के द्वारा बारी-बारी सभी विभागों के उपस्थित अधिकारियों से उनके विभाग से चल रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली गई एवं उसमें सुधार तथा लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने मौके पर उपस्थित सभी जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से अपेक्षित सहयोग करने की बात कही है। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा 20 सूत्री के उपाध्यक्ष एवं प्रखंड स्तर पर मनोनीत सदस्यों/पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर काम करने हेतु जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियो को निदेशित करने की बात कही गई। इसके अतिरिक्त मेराल प्रखंड में धान उठाव में अनियमितता पाए जाने की शिकायत पर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी मनोज प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध पाए गए शिकायतों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने हेतु जिला सहकारिता पदाधिकारी अमिता कुमारी को निदेशित किया गया। साथ ही सभी पैक्सों से धान उठाव करने एवं पैक्सों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कार्य करने हेतु कहा गया। सिंचाई योजनाओं की अद्यतन स्थिति के बारे में चर्चा की गई। प्रखंड गढ़वा में लाभुक के साथ हुए मारपीट की घटना पर खेद व्यक्त किया एवं इसकी चर्चा करते हुए माननीय मंत्री द्वारा इसकी आवश्यक जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही गई। जल-नल योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में जो जलापूर्ति हेतु कार्य किए गए हैं उसके दरम्यान सड़कों को क्षतिग्रस्त कर के ठेकेदारों द्वारा छोड़ दिया गया है, जिसे माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा गंभीरता से लिया गया है तथा उसकी मरम्मती करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। यदि संबंधित ठेकेदारों द्वारा उक्त सड़कों की मरम्मत नहीं की जाती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही करने का निदेश भी दिया गया। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा आगामी 20 सूत्री की बैठक जल्द ही होने की बात कही गई एवं अपेक्षित सफलता पूर्वक लक्ष्य प्राप्ति की कामना करते हुए बैठक को समाप्त किया गया।
बसंत पंचमी को लेकर उपायुक्त ने किया बाबा मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण
*देवतुल्य श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के पुख्ता होंगे इंतजाम
*सुरक्षित और सुलभ जलार्पण कराना हो प्राथमिकता
देवघर, (By Divya Rajan) बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा व सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने बाबा मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त ने मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई के अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु स्पाईरल की व्यवस्था, बैरिकेटिंग, दंडाधिकारियों एवं सुरक्षा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति के साथ स्वच्छ शौचालय, पेयजल की दुरूस्थ सुविधा हेतु विभिन्न बिंदुओं का अवलोकन करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया।
इसके अलावे उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर प्रांगण का निरीक्षण करते हुए बसंत पंचमी को लेकर श्रद्धालुओं को हर संभव आवश्यक सुविधा के अलावा स्वास्थ्य-व्यवस्था व कोविड नियमों के अनुपालन और मास्क की अनिवार्यता को लागू करने व मंदिर प्रांगण में व्यापक प्रचार प्रसार करने का निदेश दिया। साथ हीं उपायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि आने वाले दिनों में बसंत पंचमी, महाशिवरात्री को लेकर देवतुल्य श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि व्यवस्था के अलावा कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के साथ मास्क की अनिवार्यता मंदिर प्रांगण में पूर्ण रूप से लागू हो, ताकि सभी की बेहतरी का ख्याल रखा जा सके। आगे उपायुक्त ने संबंधित वरीय अधिकारियों को निदेशित किया गया कि कोविड नियमों के अनुपालन के साथ बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु बसंत पंचमी के दिन क्यू काॅम्प्लेक्स के हाॅलों में स्पाईरल की व्यवस्था, सभी शौचालय की सफाई, पेयजल की दुरूस्थ व्यवस्था के साथ स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया, ताकि आने वाले श्रद्धालु बाबा का जलार्पण के पश्चात एक सुखद अनुभूति प्राप्त कर अपने गंतव्य की ओर प्रास्थान करें।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे मुख्य प्रबंधक श्री रमेश परिहस्त प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित पुलिस अधिकारी आदि उपस्थित थे।
ग्रामीण महिलाओं के मेट बनने के बाद बदल रहे आर्थिक हालत
*सरकारी योजनाओं ने बदली ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी
*हुईं आत्मनिर्भर मिल रहा सम्मान
रांची ( By – Divya Rajan) राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। इन योजनाओं से जुड़कर उन्होंने न सिर्फ अपनी आर्थिक हालत सुधारी, बल्कि गांव के लोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। इन योजनाओं के तहत राज्य सरकार ग्रामीण महिलाओं को मेट बनाने का भी कार्य कर रही है।ये मेट गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी, उन योजनाओं से जोडने की पहल, गांव में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में संलग्न करते हुए उन्हें पारिश्रमिक का भुगतान समेत अन्य कार्य करतीं हैं, जिसके एवज में राज्य सरकार उन्हें राशि का भुगतान करती है। अब ये मेट अपने आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करते हुए गांव के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं।
मेट बनने के बाद सुधरी अवेदा की आर्थिक हालत
लोहरदगा की 8वीं पास अवेदा खातून ने मेट बनने के बाद अपने अपने परिवार का भरण पोषण बेहतर ढंग से कर रही है। अवेदा कहती है मेट के रूप में उसका काम करने का अनुभव अच्छा रहा है। गरीब ग्रामीणों को कार्य देकर उन्हें समय पर भुगतान करा कर काफी खुशी होती है। अवेदा मेट के रूप में चयन होने से पहले खेती-मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी। अब मेट बनने के बाद उसका परिवार आर्थिक रूप से अच्छा हो गया है। अवेदा की तरह ही, सिमडेगा के कोलेबिरा की शाहपुर पंचायत की सबिता कुमारी इंटर पास हैं। उन्हें मनरेगा में मेट का काम मिला। मेट में रजिस्टर होते ही सबिता आत्मनिर्भर हो गई। सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क होने के कारण उसे कई सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। इन जानकारियों को उसने ग्रामीणों के साथ बांटा और उन्हें भी सरकारी योजनाओं से जोड़ा।
मेट बुधनी ने बंजर जमीन में उगाई खुशहाली की फसल
बुधनी उरांव लोहरदगा के जोरी ब्लॉक की रहने वाली है। मेट बनने के बाद उसे मनरेगा से सिंचाई कूप दिया गया। जिससे उसने 2021 में सब्जी और आम की बागवानी शुरू की। बंजर जमीन को कृषि योग्य बनाया और किसानों को रोजगार मुहैया कराया। किसानों को कूप के लाभ के बारे में बताया। महिलाओं का समूह तैयार कर उन्हें मनरेगा समेत सरकार की अन्य लाभकारी योजनाओं के बारे में बताया, जिससे दूसरे ग्रामीण भी सब्जियों की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।
मनरेगा योजना वर्तमान समय में ग्रामीणों के लिए वरदान बन गया है। इस बदलाव के पथ प्रदर्शक बने है मनरेगा के महिला मेट। ये मनरेगा योजना से जुड़कर अपने परिवार का भरण पोषण तो कर ही रही हैं। साथ ही, जीवन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
स्थानीय विस्थापितों को एक करोड़ रुपये तक का कॉन्ट्रैक्ट मिलने का मार्ग प्रशस्त
रांची, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय कोयला मंत्री के बीच नवंबर 2021 में हुई बैठक का प्रतिफल है कि कोल इंडिया द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि से विस्थापित स्थानीय लोगों को अब एक करोड़ रुपये तक का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने इसपर अपनी सहमति दे दी है। इससे विस्थापितों की आर्थिक आजीविका को मजबूत आधार मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने रखा था सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कोयला मंत्री से कहा था कि एक करोड़ तक का ठेका स्थानीय लोगों को देने की योजना बने। इसके बाद समिति का गठन हुआ और स्थानीय विस्थापितों को कॉन्ट्रैक्ट देने की सिफारिश हुई है।
इन कार्यों में मिलेगी प्राथमिकता
कोयला परिवहन के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कोयले की लोडिंग एवं परिवहन कार्य। सिविल कार्य के तहत अकुशल कार्यबल की व्यवस्था करना। साफ- सफाई, रखरखाव, बागवानी कार्य समेत अन्य कार्य। कोल इंडिया द्वारा स्थानीय लोगों से वाहन किराया पर लेने को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
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केंद्रीय बजट में सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी समेकित कल्याण पर ध्यान देने के साथ बृहद आर्थिक स्तर वृद्धि पर जोर देने की कल्पना की गई
केंद्रीय बजट 2022-23 की मुख्य बातें
New Delhi, केंद्रीय बजट में सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी समेकित कल्याण पर ध्यान देने के साथ बृहद आर्थिक स्तर वृद्धि पर जोर देने की कल्पना की गई है। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश किया।
बजट की मुख्य बातें निम्न हैं –
- भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत अनुमानित है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
- 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत 60 लाख नए रोजगार का सृजन होगा।
- पीएलआई योजना में 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है।
- अगले 25 साल भारत@100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया हैः
- पीएम गतिशक्ति
- समेकित विकास
- उत्पाद संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्य
- निवेश को वित्तीय मदद
पीएम गतिशक्तिः
पीएम गतिशक्ति को बढ़ावा देने वाले 7 कारक सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, विमानपत्तन, माल परिवहन, जल मार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना हैं।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान
- पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में आर्थिक बदलाव के सभी 7 कारक, निर्बाध बहुपक्षीय कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक के दायरे में आ जाएंगे।
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में इन 7 कारकों से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।
सड़क परिवहन
- राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार दिया जाएगा।
- राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार के लिए 20000 रुपए जुटाए जाएंगे।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क
- 2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए पीपीपी प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
रेल मार्ग
- स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद की संकल्पना।
- 2022-23 में देसी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि कवच के तहत रेल मार्ग नेटवर्क में 2000 किलोमीटर जोड़ा जाएगा।
- अगले 3 साल के दौरान 400 उत्कृष्ट वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण होगा।
- अगले 3 साल के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।
पर्वतमाला
- राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को पीपीपी प्रारूप में लाया जाएगा।
- 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
समेकित विकास
कृषि
- गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान।
- देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। शुरू में गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान दिया जाएगा।
- नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्यम से जुड़े स्टार्टप्स को वित्तीय मदद के लिए मिश्रित पूंजी कोष की सुविधा देगा।
- फसलों के आकलन, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए “किसान ड्रोन।“
- केन बेतवा परियोजना
- केन-बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ परिव्यय।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीनों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
एमएसएमई
- उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा।
- 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त कर्ज दिया गया।
- ईसीएलजीएस को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
- ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ कर दिया जाएगा।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा।
- रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी) प्रोग्राम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा।
कौशल विकास
- ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए नागरिकों की कुशलता बढ़ाने के लिए डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड (डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल) लॉन्च किया जाएगा।
- ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा और सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टप्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षा
- पीएम ई-विद्या के एक कक्षा एक टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा।
- महत्वपूर्ण चिंतन कौशल और प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल प्रयोगशाला और कौशल ई-प्रयोगशाला की स्थापना।
- डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ई-कंटेंट विकसित किया जाएगा।
- व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्व विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
स्वास्थ्य
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा।
- गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखरेख सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इसका नोडल सेंटर निम्हांस (एनआईएमएचएएनएस) होगा और अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) इसे प्रौद्योगिकी सहायता देगा।
सक्षम आंगनबाड़ी
- मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के जरिए महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान किए जाएंगे।
- दो लाख आंगनवाडि़यों को सक्षम आंगनवाडि़यों में उन्नयन
हर घर, नल से जल
- हर घर, नल से जल के तहत वर्ष 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
सभी के लिए आवास
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 80 लाख घरों को पूरा करने के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल
- पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं और वित्त पोषण के लिए नई योजना पीएम-डीईवीआईएनई शुरू की गई।
- इस योजना के तहत युवा और महिलाओं को आजीविका गतिविधियों में समर्थ बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का शुरूआती आवंटन।
जीवंत ग्राम कार्यक्रम
- उत्तर सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम।
बैंकिंग
- शत-प्रतिशत 1.5 लाख डाकघरों को मुख्य बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जाएगा।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्थापित करेंगे।
ई-पासपोर्ट
- इम्बेडेड चिप और भावी प्रौद्योगिकी वाले ई-पासपोर्ट शुरू किए जाएंगे।
शहरी नियोजन
- भवन उपनियमों शहरी नियोजन योजना, पारगमन उन्मुखी विकास का आधुनिकीकरण लागू किया गया जाएगा।
- शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए बैट्री अदला-बदला नीति लाई जाएगी।
भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन
- भूमि के रिकॉर्ड के आईटी आधारित प्रबंधन के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या।
त्वरित कॉरपोरेट बहिर्गमन
- कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पीएसी) स्थापित।
एवीजीसी संवर्द्धन कार्य बल
- इस क्षेत्र की संभावना का पता लगाने के लिए एक एनीमेशन, विजुअल प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) संवर्द्धन कार्य बल की स्थापना।
दूरसंचार क्षेत्र
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के एक हिस्से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम स्थापित करने के लिए डिजाइन जनहित विनिर्माण के लिए योजना।
निर्यात संवर्द्धन
- उद्यम एवं सेवा केन्द्रों के विकास में भागीदारी बनने के लिए राज्यों को समर्थ बनाने हेतु विशेष आर्थिक जोन अधिनियम को एक नए विधान से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
रक्षा में आत्मनिर्भरता
- 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित पूंजीगत खरीदारी बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित किया गया, जो 2021 में 58 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है।
- 25 प्रतिशत रक्षा अनुसंधान विकास बजट के साथ उद्योग स्टार्टअप्स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान विकास खोला जाएगा।
- जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र नोडल अम्ब्रेला निकाय स्थापित किया जाएगा।
सनराइज अवसर
- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, भू-स्थानिक प्रणालियों और ड्रोनों, सेमीकंडक्टर और इसके इको-सिस्टम अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जीनोमिक्स और फार्मास्युटिकल्स हरित ऊर्जा और स्वच्छ गतिशीलता प्रणालियों जैसे सनराइज अवसरों में अनुसंधान और विकास के लिए सरकारी योगदान उपलब्ध कराया जाएगा।
ऊर्जा पारगमन और जलवायु कार्रवाई
- वर्ष 2030 तक स्थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्य हासिल करने के लिए उच्च दक्षता के सौर मॉड्यूल्स के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन।
- ताप विद्युत संयंत्रों में 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पैलेट्स फॉयर किए जाएंगे।
- वार्षिक रूप से 38 एमएमटी कार्बनडाई ऑक्साइड की बचत।
- किसानों के लिए अतिरिक्त आय और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर।
- खेतों में पराली जलाने से रोकने में मदद मिलेगी।
कोयला गैसीकरण करने तथा उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाओं की स्थापना की जाएगा।
कृषि वानिकी अपनाने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों से संबंधित किसानों को वित्तीय सहायता।
सार्वजनिक पूंजीगत निवेश
- 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखना।
- वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
- वर्ष 2022-23 में परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा।
- केन्द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है।
जीआईएफटी-आईएफएससी
- जीआईएफटी शहर में विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अनुमति दी जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय अधिकांश क्षेत्र के तहत विवादों के समय पर निपटान के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
संसाधनों को जुटाना
- डेटा केन्द्रों और ऊर्जा भंडार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा।
- उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्टार्टअप और विकास इको-सिस्टम में सुविधा प्रदान की। इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं।
- सनराइज क्षेत्रों के लिए बलेंडिंड निधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरिन ग्रीन बॉण्ड जारी किए जाएंगे1
डिजिटल रूपया
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूपए की शुरूआत 2022-23 में की।
राज्यों को वृहद राजकोषीय स्पेस उपलब्ध कराना
- पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना के लिए अधिक परिव्यय :
- यह परिव्यय बजट अनुमानों में 10 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्तमान वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया।
अर्थव्यवस्था में समग्र प्रोत्साहन के लिए राज्यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन, 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना, जो सामान्य ऋण के अतिरिक्त है।
2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।
राजकोषीय प्रबंधन
बजट अनुमान 2021-22 : 34.83 लाख करोड़ रुपये
संशोधित अनुमान 2021-22 : 37.70 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्यय : 39.45 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां : 22.84 लाख करोड़ रुपये
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में)
वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित।
प्रत्यक्ष कर
स्थिर एवं संभावित कर व्यवस्था संबंधी नीति को आगे बढ़ाया जाएगा :
- विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने का दृष्टिकोण।
- कर प्रणाली को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना।
नई ‘अद्यतनीकृत विवरणी’ का चलन शुरू करना
- अतिरिक्त कर की अदायगी करके अद्यतन विवरणी दाखिल करने के लिए नया प्रावधान।
- करदाता को आय के आकलन में की गई गलतियों को सुधार कर अद्यतन विवरणी दाखिल करने का अवसर मिलेगा।
- अद्यतन विवरणी संबंधित आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर दाखिल की जा सकती है।
सहकारी समितियां
- सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- सहकारी समितियों और कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।
- उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।
दिव्यांगजनों को कर राहत
- दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवनकाल के दौरान यानी माता-पिता/अभिभावकों के साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर भी बीमा योजनाओं से वार्षिकी और एकमुश्त राशि की अदायगी की अनुमति।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन
- कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31.03.2023 तक करने का प्रस्ताव।
- पहले निगमन की अवधि 31.03.2022 तक वैध।
रियायती कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रोत्साहन
- धारा 115बीएबी के तहत विनिर्माण एवं उत्पादन शुरू करने की अंतिम तिथि को एक साल के लिए यानी 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है।
वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई।
- किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर दी दर 30 प्रतिशत होगी।
- इस प्रकार की आय की गणना करते समय अधिग्रहण लागत को छोड़कर को किसी भी खर्च अथवा भत्ते के लिए कटौती नहीं होगी।
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती।
- लेन-देन के विवरण के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक निश्चित मौद्रिक सीमा से ऊपर की रकम के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस देय होगा।
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के उपहार पर भी प्राप्तकर्ता के यहाँ कर देय होगा।
मुकदमा प्रबंधन
- यदि किसी मामले में कानून उसी तरह का हो जिससे संबंधित कोई मामला उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हो तो विभाग द्वारा अपील दायर करने की प्रक्रिया को अदालय द्वारा उस कानून के संबंध में फैसला दिये जाने तक टाल दिया जाए।
- करदाताओं और विभाग के बीच दोहरायी जाने वाली मुकदमेबाजी को कम करने में इससे काफी मदद मिलेगी।
आईएफएससी को कर प्रोत्साहन
- निम्नलिखित को निर्धारित शर्तों के साथ कर से छूट प्रदान की गई :
- विदेशी डेरीवेटिव प्रपत्रों से किसी प्रवासी को कोई आमदनी।
- किसी विदेशी बैंकिंग इकाई द्वारा जारी काउंटर डेरीवेटिव्स से होने वाली आय।
- जहाज के पट्टे से मिली रायलटी एवं ब्याज आय।
- आईएफएससी में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं से प्राप्त आय।
अधिभार का यौक्तिकीकरण
- एओपी (अनुबंध के निष्पादन के लिए गठित कंसोर्टियम) पर अधिभार की उच्चतम सीमा 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
- व्यक्तिगत कंपनियों और एओपी के बीच अधिभार में अंतर को कम किया गया है।
- किसी भी प्रकार की परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर अधिभार की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत होगी।
- इससे स्टार्ट-अप समुदाय को नुकसान मिलेगा।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर
- आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार अथवा उपकर को कारोबारी खर्च की श्रेणी में रखने की अनुमति नहीं होगी।
कर-वंचन की रोकथाम
- तलाशी एवं सर्वेक्षण कार्रवाइयों के दौरान पता लगे और प्रकट आए के संबंध में किसी भी प्रकार की हानि के प्रति समंजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
टीडीएस प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना
- कारोबार को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत हित लाभ एजेंटों के हाथों में कर योग्य होते है, इसलिए लाभ एजेंटों तक अग्रसारित किया जाएगा।
- हित लाभ देने वाले व्यक्ति द्वारा कर कटौती के लिए उपबंध करने का प्रस्ताव होगा, बशर्ते वित्त वर्ष के दौरान ऐसे हितलाभों का कुल मूल्य 20,000 रुपये से अधिक न हो।
अप्रत्यक्ष कर
जीएसटी में असाधारण प्रगति
- वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है। इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है।
विशेष आर्थिक क्षेत्र
- एसईजेड का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और कस्टम्स नेशनल पोर्टल पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा।
सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव
- फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के प्रति असाधारण फ्रंट लाइन कार्य किया है।
परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं
- पूंजीगत वस्तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत असाधारण शुल्क लगाने का प्रस्ताव। इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- उन उन्नत मशीनरियों के लिए कतिपय छूट बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है।
- विशेषीकृत कॉस्टिंग्स, बॉल स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछेक छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके।
सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा
- 350 से अधिक प्रस्तावित छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।
विशेषकर रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्रों के लिए सीमा शुल्क दर एवं शुल्क दर संरचना सरल हो जाएंगी और विवाद कम हो जाएगा। जो वस्तुएं भारत में विनिर्मित की जाती है या की जा सकती है उनके लिए छूट हटाने से और अर्धनिर्मित उत्पादों के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल पर रियायती शुल्क लगाने से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
क्षेत्र विशेष प्रस्ताव
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र
- देश में पहनने वाले उपकरणों, सुने जा सकने वाले उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स स्मार्ट मीटरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रेणीबद्ध दरें तय करने के लिए सीमा शुल्क दरों में संशोधन किया जाएगा।
- देश में ज्यादा वृद्धि दर वाले इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्माण करने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर के ट्रांसफॉर्मर के कलपुर्जों और मोबाइल कैमरा मॉड्यूल के कैमरा लेंस और कुछ अन्य वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाएगी।
रत्न एवं आभूषण
- रत्न व आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों और रत्न पत्थरों पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है; केवल तराशे गए हीरे पर कुछ भी सीमा शुल्क नहीं लगेगा।
- ई-कॉमर्स के जरिए आभषूण निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरल नियामकीय रूपरेखा इस वर्ष जून तक लागू की जाएगी।
- कम मूल्य वाले इमिटेशन आभूषण का आयात हतोत्साहित करने के लिए इमिटेशन आभूषण के आयात पर प्रति किलो कम-से-कम 400 रुपये का सीमा शुल्क लगाया जाएगा।
रसायन
- कुछ महत्वपूर्ण रसायनों यथा मेथानॉल, एसिटिक एसिड और पेट्रोलियम शोधन से जुड़े हेवी फीड स्टॉक पर सीमा शुल्क घटाया जा रहा है; देश में पर्याप्त क्षमता वाले सोडियम साइनाइड पर सीमा शुल्क बढ़ाया जा रहा है- इससे देश में मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी।
एमएसएमई
- छतरी पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है। छतरी के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को वापस लिया जा रहा है।
- भारत में निर्मित किए जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़े कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
- पिछले साल स्टील स्क्रैप पर दी गई सीमा शुल्क छूट अब एक साल और दी जाएगी, ताकि एमएसएमई से जुड़े द्वितीयक इस्पात उत्पादकों को राहत मिल सके।
- स्टेनलेस स्टील एवं इस्पात के कोटेड चौरस उत्पादों, एलॉय स्टील एवं हाई-स्पीड स्टील की छड़ों पर कुछ एंटी-डंपिंग शुल्क एवं सीवीडी को वापस लिया जा रहा है, ताकि जन हित में इस धातु की मौजूदा ऊंची कीमतों से निपटा जा सके।
निर्यात
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्तुओं जैसे कि फास्टनर्स, बटन, जिपर, लाइनिंग मैटेरियल, विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्स पर छूट दी जा रही हैं।
- झींगा जलीय कृषि के लिए आवश्यक कुछ कच्चे माल पर शुल्क घटाया जा रहा है, ताकि इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुल्क संबंधी उपाय
गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके।
श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा के साथ सुरक्षित जलार्पण कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता – उपायुक्त
*बसंत पंचमी को लेकर उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने किया रुटलाइन
क्यू कॉम्प्लेक्स, बाबा मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण
*मास्क व साफ-सफाई का अनुपालन को हर हाल में करें लागू
*सेवा भाव व आपसी समन्वय के साथ कार्यों को तय समय के अनुरूप कर लें पूर्ण
*शीघ्र दर्शनम सुविधा को व्यवस्थित और कतारबद्ध करने का दिया निर्देश
*उपायुक्त ने बीएड कॉलेज परिसर में होल्डिंग पॉइंट और रुटलाइन को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश
Deoghar (Divya Rajan)
उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री व पुलिस अधीक्षक श्री धनंजय कुमार सिंह द्वारा पैदल भर्मण कर आगामी बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य-व्यवस्था को लेकर रुटलाइन, बाबा मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर की जाने वाली तैयारियों का जायजा लिया गया। इस दौरान उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा सरकार भवन मोड़, बीएड कॉलेज, तिवारी चैक, नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स, फुट ओवरब्रिज, बाबा मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर विधि-व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशानिर्देश दिया गया।
इसके अलावे रूटलाइन निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजंत्री द्वारा बीएड कॉलेज परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु होल्डिंग पॉइंट बनाने के अलावा रुटलाइन में अतिक्रमण, साफ-सफाई, सड़क किनारे नालों की सफाई व स्लैब की आवश्यकताओं को दुरुस्त करने का निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिया। साथ ही बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु क्यू काॅम्प्लेक्स के हाॅलों में स्पाईरल की व्यवस्था, सभी शौचालय की सफाई, शुद्ध पेयजल की व्यापक व्यवस्था के साथ स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश नगर निगम के वरीय अधिकारियों को दिया, ताकि आने वाले श्रद्धालु बाबा का जलार्पण के पश्चात एक सुखद अनुभूति प्राप्त कर अपने गंतव्य की ओर प्रास्थान करें। साथ ही उपायुक्त ने रुटलाइन, क्यू कॉम्प्लेक्स, मानसिंघी फुट ओवर ब्रिज, मंदिर प्रांगण का निरीक्षण कर विद्युत एवं जलापूर्ति संबंधी कार्यों का अवलोकन कर उसे समेकित ढंग से सम्पादित कराते हुए इधर-उधर दिख रहे बिजली के तारों को सुव्यवस्थित कराने का निर्देश कार्यपालक अभियन्ता विद्युत को दिया गया।
*मनसिंघी तालाब व आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई को रखें दुरुस्त
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजंत्री ने मनसिंघी तालाब व आसपास के क्षेत्रों की सफाई और मनसिंघी तालाब को स्वच्छ रखने के संबंध में नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहर के साथ-साथ मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान रखें। इसके अलावे बाबा मंदिर में साफ-सफाई, सुरक्षा-व्यवस्था, सुलभ जलार्पण, शीघ्र दर्शनम व्यवस्था को लेकर दण्डाधिकारियों व पुलिस प्रतिनियुक्ति के साथ मंदिर प्रांगण व आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता एवं अन्य सुरक्षा मानकों को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया गया।
इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि आने वाले दिनों में बसंत पंचमी, महाशिवरात्री को लेकर देवतुल्य श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के साथ मास्क की अनिवार्यता मंदिर प्रांगण में पूर्ण रूप से लागू हो, ताकि सभी की बेहतरी का ख्याल रखा जा सके। साथ हीं उपायुक्त ने शीघ्र दर्शन कूपन काउंटर की व्यवस्था व मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को दिन प्रतिदिन और भी बेहतर करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उपायुक्त ने शीघ्र दर्शनम सुविधा हेतु व्यवस्थित कतार को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया।
*श्रद्धालुओं को न हो पेयजल व शौचालय से जुड़ी समस्या
इस दौरान विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि क्यू काॅम्प्लैक्स, रूट लाईन, बीएड काॅलेज क्षेत्र में पेयजल व साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ शौचालय में हाथ धोने हेतु साबुन की समुचित व्यवस्था करने का निदेश दिया। इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में पुलिस अधीक्षक श्री धनंजय कुमार सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। साथ ही आवश्यक सुरक्षा बिंदुओं की वस्तुस्थिति का जायजा लेते हुए उन्होंने अतिरिक्त पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति को लेकर विभाग को पत्राचार करने का निर्देश दिया।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे नगर आयुक्त श्री शैलेंद्र कुमार लाल, बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी श्री दिनेश यादव, प्रशिक्षु आईएएस श्री अनिकेत सच्चान, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री पवन कुमार, एनडीसी श्री परमेश्वर मुंडा, गोपनीय प्रभारी श्री विवेक मेहता, संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, सहायक नाजिर समीर चैबे एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।
श्री अमित शाह ने गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर मिट्टी के कुल्हड़ों से बने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के भित्ति चित्र का अनावरण किया
New Delhi, 2975 लाल रंग की ग्लेज्ड मिट्टी के कुल्हड़ों से दीवार पर बना 100 वर्ग मीटर भित्ति चित्र भारत में अपनी तरह का केवल दूसरा और गुजरात में पहला है
स्मारक भित्ति चित्र देशभर से एकत्र की गई मिट्टी से बनाया गया है और इसमें इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ KVIC की “कुम्हार सशक्तिकरण योजना” के तहत प्रशिक्षित 75 कुम्हारों द्वारा बनाए गए हैं
30 जनवरी को, 1857 से लेकर 1947 तक आज़ादी के आंदोलन में जिन लोगों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, उनकी स्मृति में पूरा राष्ट्र आज शहीद दिवस मनाता है
यह वर्ष हमारी आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है और 75वें साल को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अत्यंत उत्साह के साथ मनाने का निर्णय लिया
इस निर्णय के पीछे दो उद्देश्य हैं- पहला, नई पीढ़ी को आज़ादी के संग्राम – 1857 से 1947 तक की लड़ाई के हर संघर्ष के महत्व के बारे में बताया जाए और आज़ादी के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया, अपार यातनाएं सहीं, उनके संघर्ष की जानकारी भी नई पीढ़ी तक पहुंचा कर राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक संकल्प नई पीढ़ी के मन में जागृत किया जाए
दूसरा उद्देश्य- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने एक विचार रखा है कि हम आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और जब आज़ादी के 100 साल होंगे, तब हर क्षेत्र में भारत कहां होगा, उसका लक्ष्य तय करना है और उसका संकल्प लेना है
आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष संकल्प लेने का वर्ष है और 75वें साल से 100 साल तक की हमारी यात्रा, संकल्प यात्रा है जिसमें हमें अपने लक्ष्य तय करने हैं और भारत की जनता को उन लक्ष्यों की सिद्धि के लिए तैयार भी करना है
बापू ने ना सिर्फ आज़ादी की लड़ाई की शुरूआत की, बल्कि आज़ादी की लड़ाई में, स्वराज की लड़ाई के दौरान कई ऐसे विचार रखे जो आज़ादी पाने के लिए तो ज़रूरी थे ही, परंतु आज़ादी के बाद भारत के पुनर्निर्माण के लिए भी आवश्यक है
स्वदेशी, स्वभाषा, सत्याग्रह, प्रार्थना, उपवास, साधनशुद्धि, अपरिग्रह, सादगी – यह सिद्धांत गांधीजी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान देश की जनता के भीतर सींचे और इनके आधार पर ही भारत के पुनर्निर्माण की शुरूआत हुई
दुर्भाग्य की बात थी कि अनेक सालों तक बापू की तस्वीर को तो श्रद्धांजलि दी गई, प्रवचनों में बापू का जिक्र तो हुआ, किंतु खादी, हस्तशिल्प, स्वभाषा के उपयोग और स्वदेशी की बात को भुला दिया गया
श्री नरेन्द्र मोदी ने देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद बापू के इन सारे सिद्धांतों को पुनर्जीवित करने का काम किया
आज़ादी के अमृत महोत्सव में नई शिक्षा नीति लाई गई, जिसने ये बताया कि ज्ञान पाने के लिये स्वभाषा से मजबूत और कोई साधन नहीं हो सकता, भारतीय भाषाएं सदैव विश्व के विकास में योगदान दे सकें, ऐसी व्यवस्था नई शिक्षा नीति में भारत के प्रधानमंत्री ने की
मेक इन इन्डिया, आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल – स्वदेशी की नई परिभाषा है, भारत के आर्थिक उत्थान के लिए आत्मनिर्भरता की कल्पना, भारत को विश्व में उत्पादन का केन्द्र बनाने की कल्पना और 130 करोड़ भारतीय, भारतीय उत्पादों का ही इस्तेमाल करें, ऐसा आग्रह – यह तीनों बातें बापू के स्वदेशी के सिद्धांत से ही निकली हुई हैं
खादी को पुनर्जीवित करने का काम भी देश के प्रधानमंत्री ने किया है, जब श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी से उन्होंने खादी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का काम शुरू किया
मैं गुजरात की जनता से अपील करता हूं कि आप अपने घर और जीवन में ज़्यादा से ज़्यादा खादी का इस्तेमाल करें
खादी का उपयोग न सिर्फ गरीब व्यक्ति के रोजगार का साधन है, बल्कि देश के स्वाभिमान का प्रतीक है और महात्मा गांधी ने आज़ादी के आंदोलन के समय खादी का विचार, विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार से शुरू किया था और वो विचार आज भी उतना ही प्रासंगिक है
खादी के इस विचार को, स्वदेशी के विचार को और स्वभाषा को सम्मान देने का कार्य देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के सुपुत्र श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया, विश्व के किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हिन्दी में ही बोलते हैं
अपनी भाषा को जानते ही बच्चा अपनी संस्कृति और भारत के इतिहास के साथ अपना नाता जोड़ लेता है और जब एक बच्चा अपनी भाषा से रिश्ता तोड़ लेता है, तब भारतीय संस्कृति और भारत के इतिहास से भी उसका रिश्ता तूट जाता है
स्वभाषा को मजबूत बनाने की नींव श्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में रखी है और मुझे विश्वास है कि देश जब आज़ादी की शताब्दी मना रहा होगा, तब निश्चय ही हर भारतीय भाषा का गौरव शीर्ष पर होगा
आज महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने का एक बहुत सुंदर कार्यक्रम खादी ग्रामोद्योग आयोग ने किया है जिसमें कुल्हड़ों से बना महात्मा गांधी का भित्ति चित्र दर्शाया गया है और इसके लिए जगह भी ऐसी चुनी गई है कि ज्यादा से ज्यादा युवा और बच्चे यहां आते हैं और महात्मा गांधी के संदेश के साथ ही खादी और स्वदेशी का संदेश भी उन तक पहुंचेगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संबद्ध व्यवसाय किस तरह से बढ़ाने हैं, इस पर काफी जोर दिया है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के कुल्हड़ों से बने भित्तिचित्र का अनावरण किया। श्री अमित शाह ने प्रशिक्षित कुम्हारों और मधुमक्खी पालकों को 200 इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील और 400 मधुमक्खी बक्से भी वितरित किए। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा ये भित्ति चित्र तैयार किया गया है। 2975 लाल रंग की ग्लेज्ड मिट्टी के कुल्हड़ों से दीवार पर बना 100 वर्ग मीटर भित्ति चित्र भारत में अपनी तरह का केवल दूसरा और गुजरात में पहला है। स्मारक भित्ति चित्र देशभर से एकत्र की गई मिट्टी से बनाया गया है और इसमें इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ KVIC द्वारा “कुम्हार सशक्तिकरण योजना” के तहत प्रशिक्षित 75 कुम्हारों द्वारा बनाए गए हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि आज 30 जनवरी बापू का भी स्मृति दिन है, इसीलिए 30 जनवरी को 1857 से लेकर 1947 तक आज़ादी के आंदोलन में जिन लोगों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, उनकी स्मृति में पूरा राष्ट्र आज शहीद दिवस मनाता है। आज के दिन ही साबरमती के जिस तट पर बापू ने आज़ादी के आंदोलन का आयोजन किया, उसी तट से आज उनके दिए आत्मनिर्भरता के मंत्र को साकार करते हुए मिट्टी के कुल्हड़ों से तैयार भित्ति चित्र के उदघाटन का कार्यक्रम आयोजित हुआ है और बापू को इससे बड़ी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती। श्री शाह ने कहा कि इस स्मृति दिन पर इस श्रद्धांजलि का एक और भी महत्व है कि यह वर्ष हमारी आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। देश की आज़ादी का 75वां साल है और 75वें साल को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अत्यंत उत्साह के साथ मनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे दो उद्देश्य हैं- पहला, नई पीढ़ी, जो भविष्य के भारत की रचना करेगी, उन्हें आज़ादी के समग्र संग्राम – 1857 से 1947 तक की लड़ाई के हर संघर्ष के महत्व के बारे में बताया जाए और आज़ादी के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया और अपार यातनाएं भुगतीं, उनके संघर्ष की जानकारी भी नई पीढ़ी तक पहुंचा कर राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक संकल्प नई पीढ़ी के मन में जागृत किया जाए। दूसरा उद्देश्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने एक विचार रखा है कि हम आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और जब आज़ादी के 100 साल होंगे, तब हर क्षेत्र में भारत कहां होगा, उसका लक्ष्य तय करना है और उसका संकल्प लेना है। 25 साल बाद आज़ादी के 100 साल पूरे होने पर आर्थिक, रोजगार, शिक्षा के क्षेत्रों में कौन-कौन से लक्ष्य सिद्ध करने हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रमें भारत को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर स्थापित करने के लिए क्या संकल्प लेना है, पर्यावरण जागरुकता और पूरी पृथ्वी
के वातावरण को अच्छा रखने के लिए भारत का क्या योगदान रहेगा, इन सारे क्षेत्रों में भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होने पर हम कहां
होंगे और वहां पहुंचने के लिए हमें आज क्या संकल्प करना है, उसका निर्णय करना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष संकल्प लेने का वर्ष है और 75वें साल से 100 साल तक की हमारी यात्रा, संकल्प यात्रा है जिसमें हमें अपने लक्ष्य तय करने हैं और भारत की जनता को उन लक्ष्यों की सिद्धि के लिए तैयार भी करना है। महात्मा गांधी के स्मृति दिन पर साबरमति रिवरफ्रन्ट पे साबरमति नदी में बहते हुए नर्मदा के जल को देखते हुए ये विचार आ रहा है कि बापू ने उस जमाने में कैसे माहौल में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू की होगी। एक निशस्त्र व्यक्ति जब अंग्रेजों के पूरे साम्राज्य को उखाड़ फेंकने का संकल्प करता है, उस संकल्प की शक्ति कहां से आई होगी, वह हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है। बापू ने ना सिर्फ आज़ादी की लड़ाई की शुरूआत की, बल्कि आज़ादी की लड़ाई में, स्वराज की लड़ाई के दौरान कई ऐसे विचार रखे जो आज़ादी पाने के लिए तो ज़रूरी थे ही, परंतु आज़ादी के बाद भारत के पुनर्निर्माण के लिए भी आवश्यक है। स्वदेशी, स्वभाषा, सत्याग्रह, प्रार्थना, उपवास, साधनशुद्धि, अपरिग्रह, सादगी – यह सिद्धांत गांधीजी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान देश की जनता के भीतर सींचे और इनके आधार पर ही भारत के पुनर्निर्माण की शुरूआत हुई।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया
New Delhi,प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। आज शहीद दिवस पर, प्रधानमंत्री ने उन सभी महान लोगों को भी श्रद्धांजलि दी है,जिन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश की रक्षा की।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;
“बापू को उनकी पुण्य तिथि पर स्मरण कर रहा हूँ। उनके महान आदर्शों को और लोकप्रिय बनाना, हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए।
आज शहीद दिवस पर, उन सभी महान लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश की रक्षा की। उनकी सेवा और बहादुरी को हमेशा याद किया जाएगा।”
राज्यपाल श्री रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया
रांची (Divya Rajan) –
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सर्वोदय आश्रम (तिरिल, धुर्वा) स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर राज्यपाल श्री रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित की। राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई आंदोलन हुए , लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आज़ादी दिलाई। बापू ने सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलने का मंत्र पूरा विश्व को दिया । उन्होंने कहा कि आज हम खुले आसमां में सांस ले रहे हैं, इसमें बापू का सबसे अहम योगदान है।
मौके पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, इसकी प्रेरणा बापू ने देशवासियों को दी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बदौलत दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र वाला देश भारत है। ऐसे महापुरुषों का मार्गदर्शन निश्चित रूप से किसी भी राष्ट्र के लिए वरदान होता है। आज हमसभी बापू को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन कर रहे हैं।
मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त श्री नितिन मदन कुलकर्णी, उपायुक्त रांची श्री छवि रंजन, एसएसपी रांची श्री सुरेंद्र कुमार झा, सर्वोदय आश्रम के संरक्षक श्री अभय कुमार चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सभी बिरसा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराएँ – श्री बादल, कृषि मंत्री
*हर दो पंचायत पर एक लैम्प-पैक्स की उपलब्धता करें सुनिश्चित
रांची, माननीय कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि राज्य के सभी बिरसा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराना है। सभी बिरसा कृषक चाहे वे पी.एच कार्ड, हरा राशन कार्ड, सफेद राशन कार्ड धारक हों अथवा बटाईदार हों उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़कर लाभांवित कराना हमारा लक्ष्य है। श्री बादल ने कहा कि बैंक से सामंजस्य स्थापित कर अधिक से अधिक जरूरतमंद कृषकों को इसका लाभ दिलवाएं, बेवजह किसी का आवेदन बैंक द्वारा रिजेक्ट न किया जाए। वे आज नेपाल हाउस में आयोजित प्रमण्डलस्तरीय समीक्षा बैठक में दक्षिण छोटानागपुर प्रमण्डल के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के साथ कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
श्री बादल ने कहा कि राज्य में हर दो पंचायत पर एक धान अधिप्राप्ति केंद्र खोला जाए तथा उसे लैंप्स पैक्स से जोड़ा जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था कराई जाए जिससे किसानों को उनके आवास के निकट ही धान के सैंपल को चेक किया जा सके। श्री बादल ने कहा कि मत्स्य उत्पादन के लिये तालाबों की नीलामी में पारदर्शिता लाई जाए जिससे इसमें अधिक लोग शामिल हो सकें। अधिक लोगों के शामिल होने से सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी ।
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये नए तालाबों के निर्माण के साथ-साथ पुराने तालाबों के जिर्णोद्धार पर भी विशेष ध्यान देना है। डोभा निर्माण एवं डीप बोरिंग सिस्टम की व्यवस्था भी किसानों को कराई जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना से लोगों को जोड़ें जिससे कृषकों के सर्वांगीण विकास में सहायता प्राप्त होगी।
उपायुक्तों द्वारा कृषि विभाग में मैन पावर की कमी कि ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया जिस वजह से योजनाओं को मूर्त रूप देने में समस्या आ रही है। इसपर कृषि सचिव ने कहा कि नियमावली के अनुसार ऑऊटसोर्स से भी मैनपॉवर बहाल कर लें एवं झारखण्ड बनने के बाद के जो नए जिले बने हैं वे कृषि विभाग के सैंक्सन पद हेतु आवेदन मुख्यालय को उपलब्ध करा दें।
समीक्षा बैठक में कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, पशुपालन निदेशक श्री शशिप्रकाश झा, मत्स्य निदेशक श्री एच.एन.द्विवेदी, सहकारिता निबंधक श्री मृंत्यजंय वर्णवाल, समिति निदेशक श्री सुभाष सिंह एवं विशेष सचिव श्री प्रदीप हजारे सहित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।
अपर समाहर्ता ने टीबी जागरूकता रथ को किया रवाना
पिरामल स्वास्थ्य द्वारा 100 दिनों तक रामगढ़ जिले के गोला एवं
पतरातू प्रखंड में चलाया जाएगा जागरूकता एवं जांच अभियान
रामगढ़, भारत सरकार के निर्देश पर टीबी रोग उन्मूलन हेतु देशभर के 100 अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में संचालित 100 दिन का 100 जिला अभियान के तहत बृहस्पतिवार को जिले के अपर समाहर्ता श्री नेल्सम एयोन बागे द्वारा समाहरणालय परिसर से फीता काटकर के उपरांत जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
100 दिन 100 जिला अभियान के तहत पीरामल स्वास्थ्य द्वारा रामगढ़ जिले के गोला एवं पतरातू प्रखंड में बृहद रूप से लोगों को टीवी रोग एवं कोरोना टिकाकरण के फायदों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस दौरान टीम के द्वारा गांव स्तर पर टीबी के संभावित मरीजों की सक्रिय खोज अभियान के माध्यम से पहचान करने के उपरांत संबंधित मरीज के लक्षणों के आधार पर बलगम की जांच की जाएगी। रोग की पुष्टि होने के उपरांत मरीज को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क रूप से टीबी का उपचार प्रदान किया जाएगा एवं दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
टीबी जैसे संक्रामक रोग को फैलने से रोकने हेतु पिरामल स्वास्थ्य द्वारा विशेष पहल करते हुए मरीज के घर पर ही उसके जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही जागरूकता वाहन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के बीच कोरोना टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है एवं उन्हें अनिवार्य रूप से कोरोना का टीका लेने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पिरामल स्वास्थ्य से डॉक्टर अजय नारायण दुबे द्वारा बताया गया कि जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावशाली लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं परंपरागत चिकित्सकों की भी सहायता ली जाएगी।
गौरतलब हो कि भारत सरकार द्वारा 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। इसी उद्देश्य से देशभर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों एवं अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए लोगों को जागरूक एवं संभावितों की जांच की जा रही है।
इस दौरान सिविल सर्जन रामगढ़ डॉ प्रभात कुमार, जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर स्वराज, डीपीएम एनएचएम श्री देवेंद्र भूषण श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री रंजीत कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से जिला समन्वयक डॉ अजय नारायण दुबे, श्री अनूप सिंह, श्री सुभाष कुमार एवं कीर्ति कुमार वार्ष्णेय सहित अन्य उपस्थित थे।
किसानों के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ससमय दिलाना प्राथमिकता – श्री बादल
कृषि मंत्री ने की प्रमण्डीय स्तरीय समीक्षा बैठक
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को ससमय पूरा करायें ताकि किसानों को उन योजनाओं का लाभ मिल सके। इन योजनाओं को धरातल पर उतराने हेतु विभिन्न आयामों का प्रयोग करते हुये योजनाओ को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उक्त निदेश कृषि मंत्री श्री बादल ने वीडियो कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से पलामू, लातेहार एवं गढ़वा उपायुक्त एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को दी। वे आज नेपाल हाउस में आयोजित प्रमण्डीय स्तरीय समीक्षा बैठक में पलामू प्रमण्डल में कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
कृषि ऋण माफी सरकार की प्राथमिकता
कृषि मंत्री श्री बादल ने अधिकारियों निदेश दिया कि कृषि ऋण माफी योजना में लाभुकों के चयन में तेजी लायें ताकि अधिक से अधिक किसानों का ऋण माफ किया जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि इस कार्य को अभियान चलाकर पूरा करें।
योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें
कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी किसानों तक पंहुचे, इस हेतु प्रयास करें। प्रत्येक प्रखण्ड में योजनाओं की जानकारी दें। इसके लिये प्रखण्ड के प्रमुख स्थानों को चिहिन्त करें एवं वहां पर फ्लैक्स लगाकर सरकार द्वारा किसानों के लिये चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओ की जानकारी दें। जिला,प्रमण्डल एवं प्रखण्ड स्तर पर कृषि विभागों के भवनों के दीवारों पर दीवार लेखन कर योजनाओं की जानकारी दे सकतें हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुये स्थानीय कलाकारों का सहयोग लेकर नुक्कड़-नाटक के माध्यम से भी लोगों को योजनाओं की जानकारी दे सकते हैं। इस तरह से प्रचार-प्रसार होने से अधिक से अधिक किसान योजनाओं के प्रति जागरुक होकर उन योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
बीज वितरण का कार्य ससमय सुनिश्चित करें
समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि बीज वितरण का कार्य ससमय सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन प्रमण्डल में जिस बीज की मांग अधिक है उसे ध्यान में ही रखकर बीज वितरण कार्य किया जाये। बैठक में बतलाया गया कि लातेहार में 7 दाल मिल, पलामू में 8 और गढ़वा मे 7 दाल मिल लगाया जायेगा। कृषि मंत्री ने पलामू उपायुक्त को निदेश दिया कि पलामू का दाल कॉफी प्रसिद्ध है इसे विदेशों तक पंहुचायें और इस कार्य में विभाग पूरी मदद करेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना को धरातल पर उतारने के जिसे उसके विभिन्न आयामों को पूराकर इस योजना को शत-प्रतिशत पूरा करायें।
केसीसी कार्ड बनाने में तेजी लायें
कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि राज्य के सभी किसानों का केसीसी कार्ड बनना हैं। उन्होंने पलामू प्रमण्डल के सभी उपायुक्तों को निदेश दिया कि पलामू प्रमण्डल में सभी किसानों का केसीसी कार्ड बनना है इसे सुनिश्चित करें। इस कार्य के लिये बैंक के साथ बात करें साथ ही उन्हें जल्द से जल्द इस कार्य मे तेजी लाने का निदेश दें।
कृषि विभाग सुझावों पर करेगा अमल
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में तीनों जिले ने लक्ष्य के विरुद्ध काफी कम प्रगति की है इसे जल्द से जल्द पूरा करायें। मिट्टी संरक्षण योजना में तालाबों के जीर्णोंद्धार का काम जल्द से जल्द पूरा करायें साथ ही डीप बोरिंग का काम पूरा करायें। बैठक में कृषि मंत्री ने तीनों जिलों के उपायुक्तों से सुझाव मांगा कि तालाब जीर्णोंद्धार योजना के लक्ष्य को बढ़ाया जाये या नहीं। सभी उपायुक्तों ने कहा कि जितने तालाब मिले है उससे ज्यादा लाभुक हो जाते हैं, अतः लक्ष्य बढ़ाने से ही अधिक से अधिक लाभुकों को ही इसका लाभ मिलेगा।
प्रत्येक पंचायत स्तर पर बनाई जाये मत्स्य सहयोग समिति
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं फीड बेस्ड फिशरीज योजना पर भी विस्तार से चर्चा की गई जिसमें केज कल्चर को बढ़ावा देने पर विचार किया गया। इस चर्चा में कृषि मंत्री ने निदेश दिया कि प्रत्येक पंचायत स्तर पर मत्स्य सहयोग समिति बनाई जाये साथ ही माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता एवं विभागीय मंत्री की उपाध्यक्षता में राज्य में वन एवं कृषि उपज को बढ़ाव देने एवं उचित बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य स्तरीय सिदो-कान्हू सहकारी समिति एवं जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सहकारी समिति के गठन का निर्णय लिया। जिला स्तरीय सहकारी समिति के सदस्यों का चयन मनोनयन/चुनाव हेतु अविलंब आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश सभी उपायुक्तों को दिया।
पलामू एवं लातेहार पशुपालन पदाधिकारी को शॉ-काज
मुख्यमंत्री पशुधन योजना की समीक्षा में पलामू एवं लातेहार जिला द्वारा लक्ष्य के विरुद्ध कम लाभुकों को गाय वितरित करने पर कृषि मंत्री ने दोनो जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी को शॉ-काज करने का निदेश दिया। साथ ही पलामू प्रमण्डल के तीनों जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी को निदेश दिया कि सुकर पालन,बकरा पालन,ब्रायलर-कुकुक्ट पालन, बत्तख पालन में शत-प्रतिशत लाभुकों का चयन कर येाजना को पूर्ण करें ।
अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ दिलाना प्राथमिकता
कृषि सचिव श्री अबु बकर सिद्दकी ने पलामू प्रमण्डल के उपायुक्तों एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निदेश दिया कि कृषि विभाग चलाई जा रही योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लेकर इसे पूर्ण करायें ताकि अधिक से अधिक लाभुकों को इसका लाभ मिल सके। इस दिशा में विभाग का पूरा सहयोग मिलेगा। हमारी प्राथमिकता अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ दिलाना हैं ।
समीक्षा बैठक में कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, पशुपालन निदेशक श्री शशिप्रकाश झा,मत्स्य निदेशक श्री एच.एन.द्विवेदी, सहकारिता निबंधक श्री मृंत्यजंय वर्णवाल, समिति निदेशक श्री सुभाष सिंह एव विशेष सचिव श्री प्रदीप हजारे सहित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कानून व्यवस्था परअधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
रांची, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आज राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं हर हाल में अपराध रोकने का निर्देश पुलिस पदाधिकारियों को दिया है। उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनसे सख्ती से निपटने का कार्य करे। राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस संवेदनशील और तत्पर रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की अहम जिम्मेदारी है। अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था के सख्त होने से राज्य में चल रहे विकास कार्यों की गति बढ़ेगी तथा योजनाओं का वास्तविक लाभ लोगों को मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने रांची के मोरहाबादी मैदान में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी की घटना को लेकर चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि मोरहाबादी घटना में शामिल अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नही जाना चाहिए जाए। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कानूनी-कार्रवाई सुनिश्चित हो।
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, डीजीपी श्री नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव-सह-गृह विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, नगर आयुक्त श्री मुकेश कुमार, एसएसपी रांची श्री सुरेंद्र कुमार झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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सोलर पावर प्लांट के माध्यम से रोशन हो रहे दुर्गम गांव
*246 गांवों में सोलर पावर प्लांट से पहुंची बिजली
*साहेबगंज के बरहेट स्थित चपेल पहाड़, बास्को पहाड़ और टेंगरा पहाड़ गांव हुए रोशन
*हजारीबाग का इचाक, चतरा के सिमरिया के एक-एक गांव एवं सिमडेगा के चार गांवों को सौर ऊर्जा से
आच्छादित करने का कार्य जारी
रांची, सौर ऊर्जा से झारखण्ड के सुदूर और दुर्गम स्थानों पर स्थित गांव अब रोशनी से जगमग हो रहे हैं। झारखण्ड राज्य के ये वैसे गांव हैं, जहां ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकरण संभव नहीं हो पाया था। अंततः कुल 246 गांवों में सोलर पावर प्लॉट (मिनी और माइक्रो), सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम से विद्युतीकरण किया गया है। वहीं वैसे अविद्युतीकृत घर, जिसके रहवासी विद्युत से वंचित रह गये थे, ऐसे 209 गांवों में क्रमश: 3494 एवं 4245 अविद्युतीकृत घरों अर्थात कुल 7740 घरों को सोलर स्टैण्ड ऍलोन सिस्टम से विद्युतीकृत किया गया है।
चिह्नित हुए गांव, पहुंची बिजली
झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वैसे सुदूरवर्ती गांवों को चिह्नित किया गया, जहां अबतक पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति या दुर्गम पहाड़ियों एवं वनों से आच्छादित होने के कारण पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से विद्युत आपूर्ति बहाल करना वित्तीय एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से व्यवहार्य नहीं था। ऐसी स्थिति में वैसे गांवों को सोलर एनर्जी के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया, जिससेे न सिर्फ उक्त ग्रामों की ऊर्जा की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सका, बल्कि ऐसे गांवों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने हेतु ग्रामीण औधोगिकीकरण की संभावनाओं को देखते हुए विद्युत की आवश्यकता को पूर्ण किया जा रहा है।
राज्य सरकार का लक्ष्य हरेक गांव, कस्बों, टोलों का विद्युतीकरण करना है। कई गांवों में दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परंपरागत विद्युत आपूर्ति तकनीकी और व्यावहारिक रूप से सहज नहीं है। ऐसे में सरकार का मानना है कि वहां अक्षय ऊर्जा परियोजना स्थानीय जरूरतों के अनुरूप एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। ऐसे गांवों या कस्बों को 100 प्रतिशत सब्सिडी के तहत स्थापित मिनी ग्रिड अथवा सोलर स्टैंड एलोने होम लाइटिंग सिस्टम के जरिए विद्युतीकृत करने की योजना पर कार्य हो रहा है, जिससे हर गरीब के घर तक बिजली पहुंच सके।
दो माध्यम से हो रहा विद्युतीकरण
सरकार दो माध्यम से सुदूरवर्ती गांवों को रोशन कर रही है।पहला सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के जरिये 50 से कम घर होने अथवा गांव की भौगोलिक स्थिति में गांव का विस्तार, ग्रामीण जनसंख्या का घनत्व विभिन्न टोलों में बांटकर दूर दूर होने की स्थिति में उस ग्राम को सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्तावित है। इसके तहत प्रत्येक घर में 200-250 वाट का मॉड्यूल 9 वाट के 4 अदद एल.ई.डी. लाईट, 1 अदद डी०सी० पंखा उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही एक मोबाईल चार्जिंग प्वाइंट एवं 1 एल.ई.डी. टी०वी० हेतु उपयुक्त क्षमता के पावर प्वाईंट की व्यवस्था के साथ विद्युतकृत किया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त यदि ग्राम में सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय उपलब्ध है, तो उसमें भी उपयुक्त क्षमता के अनुसार सोलर स्टैण्ड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक 10 घरों की आबादी पर एक अदद 12 वाट एल.ई.डी. सोलर स्ट्रीट लाईट लगाकर गांव की गलियों को रोशन किया जायेगा। दूसरा, मिनी/माईक्रो ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट के तहत घरों की संख्या 50 से अधिक होने पर एवं ग्राम का वास्तविक फैलाव, आबादी का घनत्व सघन होने की स्थिति में उस ग्राम को मिनी, माईक्रो ग्रिड सोलर पावर प्लांट के माध्यम से प्रत्येक घर में 200-250 वाट क्षमता का विद्युत लोड निर्धारित करते हुए पोल एवं तार के माध्यम से प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है।
ये गांव हुए रोशन
साहेबगंज के बरहेट स्थित चपेल पहाड़, बास्को पहाड़ और टेंगरा पहाड़ स्थित गांव सौर ऊर्जा से रोशन हो चुके हैं। वहीं पतना प्रखंड के छः गांवों में सौर ऊर्जा का कार्य जारी है। जबकि हजारीबाग के इचाक, चतरा के सिमरिया के एक-एक गांव एवं सिमडेगा के चार गांवों को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का कार्य जारी है।
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मोदी विरोध करते-करते देश विरोधी हो गए – नकवी
नई दिल्ली (आरएनएस) । पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा विवादित बयान दिए जाने को लेकर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी विरोध अब देश विरोध में बदल चुका है। जो लोग अल्पसंख्यक वोटों का फायदा उठाते थे वे अब देश में मौजूदा सकारात्मक माहौल को लेकर चिंतित है। बुधवार को 26 जनवरी के मौके पर हामिद अंसारी ने एक अमेरिकी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए और कहा कि देश में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में बदलने की कोशिश हो रही है। हामिद अंसारी के इन बयानों पर भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी का विरोध करते करते देश विरोधी हो गए।अमेरिकी संस्था भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा आयोजित वर्चुअल पैनल चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद के उदय के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल के वर्षो में हमने देखा है कि नागरिक राष्ट्रवाद को ख़त्म कर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक और एकाधिकार वाली राजनीतिक शक्ति की आड़ में चुनावी बहुमत पेश करने की कोशिश हो रही है। इन्हीं वजहों से असहिष्णुता, अन्याय, अशांति और असुरक्षा को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जा रहा है और ये लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर बांट दिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे ट्रेंड्स से क़ानूनी और राजनीतिक रूप से लडऩे की जरूरत है।अमेरिकी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हामिद अंसारी के द्वारा दिए गए इन बयानों को लेकर भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने जोरदार पलटवार करते हुए हमला बोला। नकवी ने कहा कि मोदी विरोध अब देश विरोध में बदल चुका है। जो लोग अल्पसंख्यक वोटों का फायदा उठाते थे, वे अब देश में मौजूदा सकारात्मक माहौल को लेकर चिंतित हैं।वहीं बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी से बड़ा इंसान मुसलमानों के लिए नहीं हो सकता, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पहले से कई विवादित बयान देते रहे हैं, जिस देश के लोगों ने बड़ा पद दिया उसके खिलाफ बात बर्दाश्त नहीं।