नईदिल्ली,14 मार्च (आरएनएस)। पंजाब में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद अब 16 मार्च को भगवंत मान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि 16 मार्च को भगवंत मान अकेले ही शपथ लेंगे। इस दिन कोई भी मंत्री शपथ ग्रहण नहीं होगा। भगवंत मान 16 मार्च को नवांशहर जिले में महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जबकि बाकी मंत्री बाद में शपथ लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने फैसला किया है कि केवल मान ही शपथ लेंगे क्योंकि शपथ ग्रहण एक विशेष और ऐतिहासिक स्थान पर हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 16 अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
बता दें, मान ने केजरीवाल को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। रविवार को आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल एक दिन के अमृतसर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब में पार्टी को दो-तिहाई बहुमत देने के लिए राज्य के लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए एक रोड शो में हिस्सा लिया। मान और केजरीवाल ने रविवार को जलियांवाला बाग का दौरा किया और अमृतसर में रोड शो से पहले स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
स्मारक जाने से पहले आप के दो वरिष्ठ नेताओं ने आशीर्वाद लेने के लिए स्वर्ण मंदिर का दौरा किया। इस बीच, आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा अपने मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपने मंत्री सहयोगी चुनने की छूट देने की खबरों के बीच मंत्रिमंडल के संभावित गठन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
होली मनाने देश विदेश से हजारों की संख्या में गोवर्धन पहुंच रहे श्रद्धालु
मथुरा ,13 मार्च (आरएनएस)। गिरिराज तहलहटी इस समय मिनी भारत का नजारा पेश कर रही है। कोरोना के प्रतिबंध शिथिल होने के बाद देश विदेश से बडी संख्या में श्रद्धालु बडी संख्या में अपने आराध्य के सथ होली मनाने के लिए पहुंच रहे हैं। देश विदेश से आ रहीं श्रद्धालुओं की ये टोलियां अद्भुत दृश्य पैदा कर रही हैं। अलग अलग बोली, अलग अलग भाषा और परिधानों में होली खेलते ये टोलियां ब्रज में होली का अलग ही अंदाज पैदा कर रही हैं। वहीं प्रशासन की ओर से भी होली पर समुचित व्यवस्था की गई है। किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो इसके व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पार्किंग से लेकर साफ सफाई तक का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इससे भी यहां आ रहे श्रद्धालु खुश नजर आए। ऐसे श्रद्धालुओं की संख्या भी बहुतायत में है जो वर्षों से लगातर ब्रज में आकर होली मना रहे हैं। इंदौर से आए महेश कालरा ने बताया कि वह पिछले सात साल से यहां आकर होली मना रहे हैं। यहां व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है। बहुत सहयोग मिलता है बहुत आनंद आता है। यहां आकर दुनियांदारी को भूल जाते हैं। मध्यप्रदेश से आए माही लाल अग्रवाल ने कहा वह पिछले दस साल से आ रहे हैं। ठाकुर जी के साथ होली खेलकर मन को आनंद प्रप्त होता है। सप्तकोसीय परिक्रमा मार्ग में देवास से सैकडों की संख्या आए श्रद्धालु भक्तों ने गिरिराज जी के साथ होली खेली। वहीं ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचते गाते और होली का आनंद लिया। गोवर्धन में इस समय दिल्ली, हरियाणा, एमपी, राजस्थान, गुजरात सहित दूसरे प्रदेशों के श्रद्धालु भी दिख रहे हैं। विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ गई है।
नई दिल्ली,13 मार्च (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अधिकारियों को यूक्रेन से नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले दिन में भारत की सुरक्षा तैयारियों और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में मौजूदा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक सीसीएस बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री को सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ समुद्री और हवाई क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों के नवीनतम विकास और विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री को यूक्रेन में नवीनतम घटनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा के विवरण के साथ-साथ भारत के पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को यूक्रेन से निकाला गया।
पीएम मोदी ने अतीत में कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की थी क्योंकि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया था और भारत ने छात्रों सहित फंसे हुए भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए ऑपरेशन गंगा नामक एक बड़े पैमाने पर निकासी मिशन शुरू किया था। अब तक, सरकार यूक्रेन के पड़ोसी देशों के माध्यम से युद्धग्रस्त देश से 20,000 से अधिक भारतीयों को वापस ला चुकी है।
भोपाल ,13 मार्च (आरएनएस)। राजधानी भोपाल में एटीएस ने 4 आतंकियों को पकड़ा है। प्रारंभिक पूछताछ में इनका बांग्लादेशी होना पाया गया है। जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन (बांग्लादेश) के सदस्य हैं। आरोपी जेहादी गतिविधियों में शामिल थे और देश विरोधी घटनाओं को अंजाम देने के लिए रिमोट बेस/ स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनमें से दो आतंकी ऐशबाग इलाके की फातिमा मस्जिद के पास किराए से रह रहे थे। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के करीब एक घर में रह रहे 2 और आतंकियों को पकड़ा गया। हिरासत में लिए गए आतंकियों से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।
प्रारंभिक पूछताछ में चारों के बाग्लादेशी होने की जानकारी मिली है। पकड़े गए आरोपी में 32 वर्षीय फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम, 24 वर्षीय मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख, 28 वर्षीय जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल अहसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान शामिल है।
आरोपियों के पास से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। आरोपी कट्टर तालिबानी सोच के हैं। एटीएस ने करौंद में भी संदिग्ध ठिकाने पर सर्च की है। चारों सदस्य प्रतिबंधित संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लोदश के सक्रिय सदस्य हैं।
जेएमबी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया था। इन आतंकी घटनाओं के चलते केन्द्र सरकार ने जेएमबी को 2019 में 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। इस प्रतिबंध के चलते जेएमबी देश भर में अलग-अलग जगह स्लीपर सेल चला रहा है। भोपाल में पकड़ाया मॉडयूल ऐसी ही एक स्लीपर सेल का हिस्सा है। जिसके माध्यम से भविष्य में कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकें। साल 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों में 300 स्थानों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके जेएमबी ने ही कराए थे।
मकान मालकिन नायाब जहां ने बताया कि इनमें से एक का नाम अहमद है, इसके बाद उसके साथ दूसरे लड़के आते रहे। मकान मालकिन नायाब जहां ने कहा सलमान नाम का एक लड़का हमारे यहां कम्प्यूटर सुधारने आया था। उसने कहा कि कोई मकान खाली हो तो दे दीजिए एक युवक (धार्मिक शिक्षा) की पढ़ाई कर रहा है, बाद में वो अपने परिवार को भी साथ ले आएगा। इसके बाद उन्हें किराए पर घर दे दिया। इसके बाद जब मैंने उनसे आधार कार्ड मांगा तो लगातार टालते रहे, कभी कहते घर से लाकर देंगे। फिर कहने लगे हम 15 दिन में घर खाली कर जा रहे हैं। मकान मालकिन ने कहा कि इसके बाद मैंने भी सोचा कि अब आधार की क्या जरूरत जब ये जाने ही वाले हैं। महिला ने बताया कि देर रात शोर हुआ तो हम बाहर निकले, पहले लगा ये आपस में लड़ रहे हैं, बाहर निकले तो पुलिस वाले खड़े थे। हमने पूछा क्या हो रहा है तो पुलिस वालों ने कहा कि आप अंदर चले जाइये।
गिरफ्तारी के बाद घर को सील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सभी आतंकी छात्रों के भेष में यहां रह रहे थे, इन्होंने किसी कालेज में दाखिला भी ले रखा था।
मंत्री श्री आलमगीर आलम ने महिला मेट एवं लाभुकों को किया सम्मानित
रांची,(दिव्या राजन) महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। वह चाहे महिला जनप्रतिनिधि, एसएचजी, महिला श्रमिक अथवा महिला मेट हों। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता का समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत ग्रामीण विकास विभाग एवं मनरेगा अंतर्गत कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।उक्त बातें ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम ने प्रोजेक्ट भवन में अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के अवसर पर महिला मेट एवं लाभार्थियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
समाज, देश एवं राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी
मंत्री श्री आलमगीर आलम ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है कि महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ाई जाए। किसी भी समाज, देश एवं राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है और ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये कई कार्यक्रम चला रहा है, जिससे उनका आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हो सके। विभाग की ओर से लगातार कई ऐसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जिससे उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके ताकि उनके जीवन में खुशहाली आये साथ ही वे स्वावलंबी बनें। महिलायें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बने यह सरकार की सोच है। उन्होंने कहा कि समाज में नारी शक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। एक महिला के विकास का मतलब एक पूरे परिवार का विकास है और इसलिए समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में अपना सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए।
पूरे राज्य में 50 लाख से अधिक परिवारों को दिये गये जॉब कार्ड में से 21 लाख से अधिक महिलाएं निबंधित
मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने कहा कि महिला मेट एवं लाभार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है, यह विभाग के लिये हर्ष की बात है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 50 लाख से अधिक परिवारों को जाब कार्ड दिया गया है, उसमें से 21 लाख से अधिक महिलाएं निबंधित है। हमने पूरे राज्य में 4.8 करोड़ मानव दिवस सृजन किया है। महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी दीदी बाड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़ कर महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं। सरकार की सोच है कि महिलाओं की आजीविका के साधन को बढ़ाया जाये। मनरेगा के अंतर्गत चलने वाली कई योजनाओं से महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। महिलाएं दीदी बाड़ी योजनाओं में कार्य कर कूप निर्माण एवं अन्य योजना से लाभान्वित होकर अपने परिवार का सहारा बन रही हैं। इससे उनमें एक नया आत्मविश्वास उभर रहा है। उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने में मदद मिल रही है । उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर सकती हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संवार सकती हैं। ग्राम स्तर पर ऐसी हजारों महिलाओं ने आज अपने भविष्य को संवारने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। यह महिला सशक्तिकरण का एक अनुपम उदाहरण है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में जेएसएलपीएस का महत्वपूर्ण योगदान
झारखण्ड लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी के सीईओ श्री सूरज कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में सखी मंडल का गठन किया जा रहा है। इन सखी मंडल के माध्यम से कई कार्य किये जा रहे हैं,जिनसे महिलाएं आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में जेएसएलपीएस महत्वपूर्ण योगदान निभा कर महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस के तहत पलाश ब्रांड को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं । आने वाले दिनों में पलाश ब्रांड एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर उभर कर सामने आयेगा।
महिला मेट एवं लाभार्थियों ने अपने अनुभव एवं विचार को किया साझा
कार्यक्रम में महिला मेट एवं लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव एवं विचार साझा किए। गुमला जिला के बसिया प्रखण्ड की लाभार्थी विश्वासी कुजूर ने अपने अनुभव को साझा करते हुये कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर आज वह स्वावलंबी बन रही हैं। मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना का लाभ लेकर आज पशुपालन से जुड़ी हुई हैं। मुर्गी पालन,बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। वे कहती हैं कि अब वह आसानी से अपनी आजीविका चला रही हैं।
खूंटी, तोरपा की महिला मेट एतवारी देवी कहती हैं कि मनरेगा से जुड़ने के पहले परिवार की आर्थिक स्थिती दयनीय थी। परिवार की जरुरते पूरी नहीं हो पाती थीं। मनरेगा मेट के रूप में जुड़ने के बाद उनकी आय में भी वृद्धि होने लगी। मनरेगा के तहत आम बागवानी एवं अंतर कृषि कर उनकी आय में बढ़ोत्तरी होने लगी। वे कहतीं है कि मनरेगा ने उनके जीवन को बदल डाला। अब उनकी जीवनशैली में काफी सुधार होने लगा है।अब वह अपनी आय से परिवार की सही तरीके से देख-भाल कर सकती हैं। इसी तरह कई अन्य महिला मेट एवं लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव एवं विचार रखे।
कार्यक्रम में महिला मेट एवं महिला लाभार्थियों का उत्सव से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया
इस अवसर पर कई महिला मेट एवं लाभुको को मंत्री श्री आलमगीर आलम ने सम्मानित किया, जिसमें बेड़ों प्रखण्ड की रुकसाना खातुन, सोनाहातू की माहेश्वरी देवी , तोरपा की एतवारी देवी, रनिया की ममता देवी, घाघरा, गुमला की सीता देवी, कैरो की संगीता देवी, किस्को की रशिदा खातुन, पतरातु की रेखा देवी एवं माण्डू की रूपा देवी शामिल थीं। लाभार्थियों में पूनम देवी,निर्मला देवी,पुष्पा देवी, विश्वासी कुजूर,रिंकी देवी,सुमनती तिग्गा आदि थीं।
कार्यक्रम में जलछाजन के सीईओ श्री विनयकान्त मिश्रा , ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव श्री रंजीत रंजन प्रसाद, अवर सचिव श्री चन्द्रभूषण, कई पदाधिकारीगण विभिन्न जिलों से आई महिला मेट एवं लाभार्थी उपस्थित थे
भुवनेश्वर,12 मार्च (आरएनएस)। ओडिशा के खुर्दा जिले में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के एक निलंबित विधायक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के जुलूस में कथित तौर पर अपनी एसयूवी चला दी। इस हादसे में पुलिस निरीक्षक सहित 24 लोग घायल हो गए। पांच की हालत नाजुक बताई जा रही है। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने विधायक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। साथ ही विधायक की गाड़ी पर आग लगा दी। पुलिस ने इलाके में पुलिस बल को बढ़ा दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पंचायत समिति अध्यक्ष के चुनाव के लिए शनिवार सुबह करीब 200 भाजपा कार्यकर्ता चिल्का झील के पास बानपुर पंचायत समिति कार्यालय के बाहर जुलूस निकाल रहे थे, तभी विधायक प्रशांत जगदेव की एसयूवी वहां पहुंची।
एक दलित भाजपा नेता की पिटाई के कारण पिछले साल बीजद से निलंबित किए गए जगदेव ने अपनी एसयूवी को कार्यालय की ओर बढ़ाई, उन्हें शुरू में पुलिस निरीक्षक के साथ-साथ अन्य पुलिसकर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोक दिया। पुलिस महानिरीक्षक (मध्य रेंज) नरसिंह भोल ने कहा कि विधायक ने किसी की नहीं मानी और गाड़ी को आगे बढ़ाना जारी रखा, इसी बीच आसपास लोग एसयूवी की चपेट में आ गए। इस घटना में कम से कम 24 घायल हो गए। बानपुर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक सहित पांच घायल गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने विधायक की पिटाई कर दी जिससे वह घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि घटना के वक्त विधायक नशे में थे और पहले पुलिस से झड़प की और फिर बिना कोई बात सुने लोगों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। घटना के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने जगदेव को उनके वाहन से खींच लिया और उनके वाहन में आग लगाते हुए उनकी पिटाई कर दी। घायल विधायक को भुवनेश्वर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मॉस्को, 11 मार्च । रूसी संघ के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर पंकिन ने कहा है कि यूक्रेन में सैन्य अभियान को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के परिणाम यूरोप को भुगतने होंगे।
आप हम पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव अभी से देख सकते हैं, जो पश्चिमी यूरोप पर भी पडऩे वाला है। ये हम पर निर्भरशील हैं । हालांकि ये इसलिए नहीं प्रभावित होंगे कि हम ऊर्जा की आपूर्ति को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि हम अपने समझौतों और उनमें वर्णित अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पूरा करते हैं।
नई दिल्ली ,11 मार्च (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में मतगणना पूरी हो गई है। भाजपा पंजाब को छोड़कर बाकी राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। यूपी में एक बार फिर ऐतिहासिक जीत के साथ योगी राज वापस लौट रहा है। सपा को हालांकि 2017 के मुकाबले काफी ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन सरकार बनाने का सपना एक बार फिर धराशायी हो गया। पंजाब में आम आदमी पार्टी बंपर जीत के साथ सरकार बना रही है। पांचों राज्यों की मतगणना में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। राजनीतिक दलों के दिग्गज अपनी सीट हार गए।
उत्तराखंड की बात करें तो कांग्रेस के सीएम फेस हरीश रावत चुनाव हार गए हैं। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस प्रतिद्वंदी भुवन चंद्र कापड़ी से चुनाव हार गए हैं। हालांकि इस पहाड़ी प्रदेश में भी भगवा रंग लहराया है।
पंजाब में बड़ा उलटफेर करते हुए आम आदमी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है। आप के सीएम फेस भगवंत मान धुरी विधानसभा सीट से जीत चुके हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी की बुरी दशा जारी है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं। वहीं, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सीट हार गए हैं। उन्हें आप कैंडिडेट जीवनजोत कौर ने हरा दिया है। अकाली परिवार भी इस चुनाव में बुरी हार का सामना कर रही है। पार्टी के दोनों दिग्गज प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल अपनी सीटें हार गए हैं। यहां कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाल सीट से चुनाव हार गए हैं।
उत्तराखंड में आखिरकार 20 साल का टूटा रिकॉर्ड टूट ही गया है। भाजपा प्रदेश में बहुमत के साथ उत्तराखंड में दोबारा सरकार बनाने जा रही है। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सीएम पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए हैं, लेकिन भाजपा को बहुमत मिला है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों ने शिवसेना की भी पोल खोल दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि गोवा, उत्तर प्रदेश, मणिपुर में शिवसेना को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। शिवसेना, जो एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में महाराष्ट्र में सत्ता में है, ने इन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। यूपी में हालांकि भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बना ली है। लेकिन यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट हार गए हैं। सिराथू सीट पर सपा उम्मीदवार पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को 7337 वोटों के अंतर से हरा दिया है।
लखनऊ ,11 मार्च (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार को लेकर अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन का आया है। समाजवादी पार्टी के नेता ने इन नतीजों को भी सकारात्मक ढंग से लेने की बात कही है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी व मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद। हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा। आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा। जनहित के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इससे पहले गुरुवार को नतीजों के वक्त अखिलेश यादव का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया था।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया से साफ है कि वह वोट प्रतिशत और सीटों में इजाफे को लेकर खुश हैं। उन्होंने साफ कहा कि आपने हमारी सीटों को ढाई गुना तक बढ़ा दिया है, जो 2017 में मिलीं 47 सीटों के मुकाबले बढ़ते हुए 125 हो गई हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत भी तेजी से बढ़ते हुए 20 फीसदी की बजाय 32 फीसदी पर पहुंच गया है। इस तरह सपा ने वोट प्रतिशत के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन फिर सीटों के मामले में उतनी बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है। दरअसल इसकी एक वजह यह है कि मामला पूरी तरह से दो ध्रुवीय हो गया था और उसका फायदा सपा से कहीं ज्यादा भाजपा को ही मिला है।समाजवादी पार्टी के लिए दरअसल वोट शेयर के मामले में खुश होने की बड़ी वजह है। 2012 में सपा को जब पूर्ण बहुमत मिला था, तब उसे 224 सीटें मिली थीं, लेकिन वोट शेयर 29 फीसदी ही रहा था। लेकिन आज उसका वोट प्रतिशत तेजी से बढ़ते हुए 32 फीसदी के पार पहुंच गया है। यही वजह है कि सपा एक तरफ सरकार बनाने से भले ही चूक गई है, लेकिन दूसरी तरफ इस बढ़े वोट को भविष्य के लिए अपनी उम्मीदों के तौर पर देख रही है। इस चुनाव का सबसे बड़ा पहलू यह है कि बसपा का वोट फीसदी तेजी से घटते हुए 12 फीसदी के करीब ही रह गया है, जो कभी 20 फीसदी से कम नहीं रहा है।
नई दिल्ली ,11 मार्च (आरएनएस)। पंजाब में विधानसभा चुनाव जीत चुकी आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय दल के दर्जे का दावेदार बनने के लिए अगले दो विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है जो इस साल के आखिर या अगले साल के प्रारंभ में होंगे। चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने चुनाव निशान (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि स्वत: ही राष्ट्रीय पार्टी बन जाने के लिए किसी भी पार्टी को चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय) दल बनने की जरूरत होती है। आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली और पंजाब में प्रादेशिक दल है। वह दिल्ली में सत्ता में है जबकि वह पंजाब चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद वहां सत्तासीन होने जा रही है।
आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए आयोग के पूर्व अधिकारी ने कहा कि किसी भी पार्टी को प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त करने के लिए आठ फीसद वोटों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, विविध विकल्प हैं। यदि किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में छह फीसद वोट और दो सीटें मिलती है तो उसे प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है। प्रादेशिक दल का दर्जा प्राप्त करने का दूसरा विकल्प है कि विधानसभा में कम से कम तीन सीटें मिल जाएं , भले ही वोटों की हिस्सेदारी कुछ भी हो।
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में भी प्रदर्शन के संदर्भ में प्रावधान हैं लेकिन वे 2024 में होने वाले हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नवीनतम रूझानों के अनुसार आप गोवा विधानसभा चुनाव में 6.77 फीसद वोट हासिल करने में कामयाब रही है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी, 2023 तक है जबकि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को खत्म होगा। ये दोनों चुनाव इस साल के आखिर या 2023 के प्रारंभ में हो सकते हैं। आप गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए अपनी जमीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार फिलहाल आठ राष्ट्रीय दल–तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं।
गौ वंश पर आधारित भारत की पहली व एक मात्र राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘गऊ भारत भारती’ द्वारा संचालित ‘गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ की तिमाही बैठक 10 मार्च को गोरेगाँव (मुम्बई) स्थित संस्था के कार्यालय में 10 मार्च को
‘गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ तथा ‘गऊ भारत भारती’ के संस्थापक ट्रस्टी संजय अमान ,महासचिव ट्रस्टी राम कुमार पाल , सचिव प्रेम कुमार , विशाल भगत , राजेश मेहता और अन्य कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति में संपन्न हुई। इस तिमाही बैठक में यूपी में 11.8 लाख से भी अधिक छुट्टा पशुधन पर संस्था के महासचिव और ट्रस्टी रामकुमार पाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि -” इस समस्या के समाधान के लिए ” गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट ” पहल करे और उत्तरप्रदेश में व्याप्त इस विषय पर हो रही राजनीति पर अंकुश लगाना जरुरी है क्योंकि यूपी में छुट्टा पशुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साल 2012 से 2019 के बीच सात सालों में छुट्टा पशुओं की संख्या 17.3% बढ़ गई। पशुगणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 2012 में 10 लाख से ज्यादा छुट्टा पशु थे, सात साल बाद 2019 में यह संख्या करीब 11.8 लाख हो गई। साल 2019 में आई 20वीं पशुगणना के मुताबिक, देश में राजस्थान के बाद सबसे ज्यादा छुट्टा पशु यूपी में मौजूद हैं। श्री पाल ने आगे कहा कि उत्तरप्रदेश में गौशालाओं के अलावा यूपी में ‘बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ भी चलाई जा रही है, जिसके तहत लोगों को छुट्टा पशुओं को पालने के लिए ₹30 प्रतिदिन दिए जाते हैं। इस योजना में एक लाख पशुओं को देने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य करीब-करीब हासिल कर लिया गया है। मगर इतना काफी नहीं है हमें आगे आ कर बड़े पैमाने पर छुट्टा पशुधन पर काम करने की जरुरत है। श्री पाल के इस सुझाव पर तुरंत ही गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट तथा ” गऊ भारत भारती ”के संस्थापक ट्रस्टी संजय अमान , ने संस्था के सभी ट्रस्टियों से विचार कर एक रिजुलेशन पास किया कि उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुधन को गौशालाओ में पहुंचाने , उनके चारे पानी की समुचित व्यवस्था , उन के चिकित्सा व्यवस्था के लिए संस्था सरकार के साथ मिल कर जमीनी स्तर पर कार्य करेगी। बैठक के अंत में संस्था के सचिव प्रेम कुमार ने बैठक में आए सभी ट्रस्ट्रियों को धन्यवाद देते हुए पुनः उत्तरप्रदेश में भाजपा की जीत पर सब को बधाई दी।
विदित हो कि ”गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट ” अपनी 7वीं वार्षिक वर्षगाँठ मना रहा है। इस का वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम 25 मार्च को महराष्ट्र के राज्यपाल माननीय महामहिम श्री भगत सिंह कोश्यारी जी के संरक्षण में राजभवन में होने जा रहा है। जिसमें गौसेवा और समाज से जुड़े लोगों को राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान दे कर उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा।
*यूपी में 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार आई है
नई दिल्ली ,10 मार्च (आरएनएस)। 5 में से 4 राज्यों में भाजपा को मिले जनादेश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज उत्साह का दिन है, उत्सव का दिन है। ये उत्सव भारत के लोकतंत्र के लिए है। मैं इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी मतदाताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके निर्णय के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। विशेष रूप से हमारी माताओं, बहनों और युवाओं ने जिस तरह से बीजेपी का समर्थन किया वह अपने आप में बड़ा संदेश है।
पीएम मोदी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुझसे वादा किया था कि इस बार होली 10 मार्च से ही शुरू हो जाएगी। हमारे कर्मठ कार्यकर्ताओं ने अपने वादे को पूरा करके दिखाया है। मैं अपने कार्यकर्ताओं की भूरी-भूरी प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने इन चुनावों में कड़ी मेहनत की है। यूपी ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का ये पहला उदाहरण है। यूपी में 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार आई है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि तीन राज्य यूपी, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद भाजपा के वोट शेयर में वृद्धि हुई है। गोवा में सारे एग्जिट पोल गलत निकल गए और वहां की जनता ने तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है। सीमा से सटा एक पहाड़ी राज्य, एक समुद्र तटीय राज्य, मां गंगा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त एक राज्य और पूर्वोत्तर सीमा पर एक राज्य, भाजपा को चारों दिशाओं से आशीर्वाद मिला है। इन राज्यों की चुनौतियों भिन्न हैं, सबकी विकास यात्रा का मार्ग भिन्न है, लेकिन सबको जो बात एक सूत्र में पिरो रही है, वो है- भाजपा पर विश्वास, भाजपा की नीति, भाजपा की नीयत और भाजपा के निर्णयों पर अपार विश्वास।
इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने पीएम मोदी को माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार नरेंद्र मोदी को प्रदेश की जनता ने लगातार अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 लोकसभा में प्रचंड जीत हासिल हुई थी, 2017 में प्रदेश की जनता ने आशीर्वाद दिया था। 2019 में जनता ने फिर से लोकसभा में आशीर्वाद दिया था। इस बार 2022 में चौथी बार भाजपा को उत्तर प्रदेश की जनता ने आशीर्वाद दिया है।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति की संस्कृति बदली है। लंबे समय तक एक राजनीति चल रही थी। वह राजनीति थी भाई, भतीजावाद, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद, परिवारवाद, क्षेत्रवाद। इनकी राजनीति लंबे समय से चल रही थी। प्रधानमंत्री ने भारत की राजनीति की संस्कृति बदल दी है। अब रिपोर्ट कार्ड की राजनीति है। काम करोगे, जनता के बीच में जाओगे और जनता का आशीर्वाद लोगे। आज विकास की राजनीति है, महिला सशक्तिकरण, किसानों का सशक्तिकरण की राजनीति है।
चुनाव आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 399 सीटों के रुझानों में भाजपा 252, सपा 110 तथा अपना दल 12 सीटों पर आगे चल रहा है। इसके अलावा भी कुछ अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहरी सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार से करीब 20 हजार मतों से तथा सपा के अखिलेश यादव करहल सीट पर 30 हजार से ज्यादा मतों से आगे चल रहे हैं। राज्य के बुंदेलखंड के सात जिलों की कुल 19 सीटों में सभी पर भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों के उम्मीदवार काफी बढत बनाए हुए हैं। पंजाब में सभी 117 सीटों के रुझान आ चुके हैं और आम आदमी पार्टी 90 सीटों पर आगे है, कांग्रेस 18, शिरोमणि अकाली दल छह और भाजपा दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब सीट से पीछे चल रहे हैं और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी अमृतसर पूर्वी सीट पर आम आदमी पार्टी की जीवन जोत कौर से, पटियाला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आम आदमी पार्टी से और पूर्व मुख्यमंत्री तथ शिरोमणी अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल लम्बी सीट से पिछड़ रहे हैं। उत्तराखंड में सभी 70 सीटों के प्रारंभिक रुझान आ चुके हैं और वहां भाजपा 42, कांग्रेस 22 आगे चल रही है। इस राज्य में बहुजन समाज पार्टी एक सीट पर बढ़त बनाये हुए है। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी खटीमा सीट से करीब एक हजार वोटों से और कांग्रेस उम्मीदवार तथा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से 12 वोटों से पीछे चल रहे हैं।
मणिपुर की 60 सीटों में 41 के रुझान आ गए हैं, जिनमें भापजा 21, कांग्रेस तीन, नागा पीपुल्स फ्रंट तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी छह-छह सीटों पर बढत बनाए हुए है। राज्य विधानसभा चुनाव का पहला परिणाम घोषित किया जा चुका है और यह परिणाम जनता दल यू के पक्ष में गया है और इसके प्रत्याशी नगूरसंगलूर सनाते ने भाजपा के सीएल येमो को 1249 मतों से पराजित किया है। भाजपा नेता तथा राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हींगांग सीट से 18 हजार वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं।
अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, राँची श्री दीपक दुबे एवं जिला प्रबंधक, झारखण्ड राज्य खाद्य निगम, राँची द्वारा संयुक्त रूप से श्रेया राईस मिल, नगड़ी का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में राइस मिल में कई अनियमितता पायी गयी, जिसके बाद मिल को सील कर दिया गया।
पायी गयी भारी अनियमितता
श्रेया राईस मिल, नगड़ी में व्यवसायिक कार्य दु्रत गति से चल रहा था। यहां खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के तहत् किये गये एकरारनामा का सरासर उल्लघंन करते हुए राज्य सरकार का कार्य नहीं किया जा रहा है। तीन चार मजदूरों द्वारा सीएमआर हेतु दिये गये बोरों पर कई तरह के चावलों को मिलाकर पैकेट तैयार किया जा रहा था।
नहीं मेंटेंन किया जा रहा था रजिस्टर
साथ ही कार्यालय में किसी तरह का पंजी संधारित नहीं किया जा रहा था। मिल में स्टॉक पंजी, आगत-निर्गत पंजी किसी तरह के पंजियों का संधारण नहीं किया गया था। मिल के मुंशी, श्री आशीष कुमार यादव के द्वारा बताया गया कि रजिस्टर हेड ऑफिस में है।
मिल प्रतिनिधि ने जिला प्रशासन को दी गलत जानकारी
जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में श्रेया राईस मिल के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया था कि एक बॉयलर काम नहीं करता है, जबकि दोनों बॉयलर चलते पाये गये एवं धड़ल्ले से चावल तैयार कर अपने ब्रांडेड पैकेट में पैक किया जा रहा था।
जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना
श्रेया राईस मिल द्वारा सरकार के महत्वकांक्षी योजना, जो स्थानीय किसानों के हित में जुड़ा है, उसे प्रभावित किया जा रहा है। जिला आपूर्ति कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण एवं उपायुक्त, रांची द्वारा निदेश दिया गया था बावजूद इसके जिला प्रशासन के आदेश एवं निर्देशों की अवहेलना करते हुए दो माह अर्थात् (60 दिनों) में मिल द्वारा मात्र 04 लॉट सीमएमआर दिया गया, जबकि 42 लॉट सीएमआर दिया जाना चाहिए था। 04 लॉट आरओ के विरूद्ध मात्र 02 लॉट का धान उठाव किया गया। इस गति से कार्य करने से किसान धान (एमएसपीसी) में में नहीं बेच पायेंगे बल्कि थक-हार के मिल के पास औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जायेंगे।
श्रेया राईस मिल द्वारा एफसीआई को घटिया (मिलावट वाला) चावल सीएमआर के रूप में भेजा गया है, जो रिजेक्ट पड़ा हुआ है। आपको बतायें कि राज्य सरकार के संकल्प से स्पष्ट निदेश दिया गया है कि मिलर को मात्र 30 प्रतिशत कार्य सरकार का करना है परंतु श्रेया राईस मिल द्वारा आज की तिथि तक 09 प्रतिशत का कार्य ही सरकार के निदेशानुसार नहीं किया गया है।
* मुख्यमंत्री ने बाबा भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर राज्य के सुख समृद्धि और कल्याण की कामना की
रांची (दिव्या राजन) महाशिवरात्रि का त्यौहार आज श्रद्धा ,आस्था ,परंपरा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है । इस अवसर पर ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर परिसर में आयोजित शिव बारात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए । मुख्यमंत्री ने बाबा भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा- अर्चना कर राज्य एवं राज्य वासियों के सुख समृद्धि और कल्याण की कामना की । मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाबा भोले शंकर के दरबार में पूजा अर्चना और आशीर्वाद लेने हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं । शिव बारात में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है । यह परंपरा आगे भी अनवरत चलता रहे, यही हमारी बाबा भोलेनाथ से विनती है । मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को महाशिवरात्रि की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सांसद श्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व मंत्री और विधायक श्री सीपी सिंह तथा श्री शिव बारात आयोजन समिति के तमाम सदस्यगण मौजूद थे ।
क्षमा शर्मा –
प्लेट में गरमा-गरम भरवां परांठा हो, डोसा हो, पूरी-कचौरी, अचार हो, कॉफी-चाय की चुस्कियां हों, चॉकलेट, हलवा, मिठाई की मिठास हो, परिवार आसपास हो, हंसी–मजाक हो और सामने टीवी के पर्दे पर लाइव दिखता युद्ध हो, तो कहने ही क्या। ऐसे दृश्य रोज तो देखने को मिलते नहीं। दफ्तर से लौटकर थकान मिटाने का यह सबसे मनोरंजक तरीका है। कोई बड़ी से बड़ी मारधाड़ वाली फिल्म इसके सामने फीकी है। युद्ध हमारे मन में कोई दु:ख, परेशानी, सहानुभूति नहीं जागता। रोते-बिलखते लोग हमें सच्चे नहीं लगते। बल्कि लाइव लड़ाई एक एडवेंचर का भाव पैदा करती है। भागते, खून से सने लोग, साइकिल पर जाता बच्चा बम से उड़ता, टूटे, तहस-नहस हुए घर, खाने-पीने की चीजों की भारी कमी, एटीएम खाली, पेट्रोल पंप खाली, पानी, नमक की कमी, स्टेशनों पर गाडिय़ां कैंसिल होने के कारण भारी भीड़, एयर लाइंस का टिकटों के दामों को दोगुना करना, भागते लोगों की बदहवासी, बचाने की पुकार, हममें युद्ध के प्रति कोई नाराजगी पैदा नहीं करती, न करुणा जगाती है। हम लगातार हथियारों की आधुनिक तकनीक और मारक क्षमता के सामने नतमस्तक होते रहते हैं। और वाह-वाह करते हैं। यही ताकत की पूजा है। जबकि आम लोग लड़ाई को आमंत्रण नहीं देते हैं, वे अपने-अपने नेताओं की नीतियों के कारण इसे झेलने को अभिशप्त होते हैं।
इन दिनों हम जबरा मारे और रोने भी न दे की कहावत को चरितार्थ होते देख रहे हैं। पुतिन की ताकत से बड़े से बड़े देश घबरा रहे हैं। दुनिया को बात-बात पर आंखें दिखाने वाले देश, इधर–उधर हो रहे हैं। कल तक जिस यूक्रेन की पीठ पर हाथ धर कर उकसा रहे थे, आज कोई ढांढ़स बंधाने वाला तक नहीं दिख रहा है।
देखने वालों की तो एक एडवेंचर और वो मारा, वाह क्या निशाना साधा है, जैसे वाक्यों से आंखें चमक उठती हैं। करुणा क्या हमारी जिंदगियों से इस तरह विदा हो गई है? किसी और के दु:ख से क्या द्रवित होना भूल गए हैं? या पुराने वक्त के वे योद्धा दिलों में जगह बनाए हैं, जो जितने सिर काटकर लाते थे, उतने ही सम्मानित होते थे। दुश्मन कभी मनुष्य क्यों नहीं लगते। उनकी लाशें और कटे सिर वीरता का भाव क्यों जगाते हैं।
याद कीजिए 1991 के इराक-अमेरिका के युद्ध को, जब बहुत से देशों की सेनाओं ने अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हमला बोल दिया था। कहा गया था कि सद्दाम हुसैन के पास खतरनाक जैविक हथियार हैं। वहां कुछ नहीं मिला था, मगर सद्दाम को फांसी दे दी गई थी। पश्चिमी देशों की इस दरोगाई और एक से एक मारक हथियारों के प्रदर्शन का लाइव प्रसारण किया गया था। आसमान में तेज गति से दौड़ती मिसाइलें किसी जादू की तरह लगती थीं जो ठीक निशाने पर वार करती थीं। तब कहा गया था कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने आने वाले सौ साल के हथियारों का परीक्षण कर लिया है। उसके बाद यही भारत में हुआ। कारगिल की लड़ाई का भी प्रसारण किया गया था। दुनिया भर के चैनल्स इसे खूब दिखा रहे थे। हमारे यहां की एक मशहूर पत्रकार ने जब युद्ध स्थल से मोबाइल पर संदेश भेजा तो पाकिस्तान ने उसे इंटरसेप्ट करके मिसाइल दाग दी थी और हमारे कई सैनिक मारे गए थे। एक तरह से लालची मीडिया द्वारा युद्ध हमारे घर-घर में घुसा दिया गया। युद्ध से नफरत करने की जगह हम उसमें आनंद प्राप्त करने लगे।
जिस तरह से हिंसा से भरी फिल्में हमें चकित करती हैं, परेशान नहीं, जबकि हम जानते हैं कि फिल्म में कोई असली लड़ाई नहीं होती है। बीस-बीस को मौत के घाट उतारने वाला हीरो निजी तौर पर शायद एक आदमी से लड़ाई का खतरा मोल नहीं ले सकता। जबकि असली युद्ध में कितने मरते हैं, कितने घायल होते हैं, अर्थव्यवस्था तबाह होती है। नदियां प्रदूषित होती हैं। फसलें चौपट होती हैं। और पशु-पक्षियों की तो गिनती ही कौन करता है। उनकी जान जाए या रहे, हमें क्या फर्क पड़ता है।
लेकिन ताकतवर के खौफ के कारण हम उसे आदर की दृष्टि से देखते हैं। जब से पुतिन ने हमला बोला है, भारत में भी उनके प्रशंसकों की तादाद में भारी इजाफा हुआ है। लोग बाइडेन और पुतिन की तुलना कर रहे हैं। पुतिन को असली शेर और चीता बता रहे हैं। जबकि देखा जाए तो अमेरिका या रूस दुनिया भर में अपने हथियार बेचते हैं। नाम जरूर अहिंसा का लेते होंगे। हथियारों के सौदों के बारे में भी यही कहा जाता है कि वे शक्ति-संतुलन के लिए होते हैं और असली शांति शक्ति-संतुलन से ही होती है। कमजोर को तो सब मार लेते हैं। इस सच को हम अक्सर भूल जाते हैं कि बड़े से बड़े युद्ध के बाद हमें समझौतों की तरफ बढऩा पड़ता है, क्योंकि युद्ध से उस देश की अर्थव्यवस्था तो तबाह होती ही है जिस पर आक्रमण किया जाता है, हमलावर देश भी नहीं बचता है।
लेकिन लड़ाई में आनंद प्राप्त करने वाले ये सब नहीं सोचते हैं। वैसे भी जब तक खुद की उंगली न कटती हो, हर लड़ाई हमें बहुत आनंद देती है।
इसी आनंद को दुनिया भर के चैनल्स पकड़ते हैं। उन्हें पता है कि यह सबसे ज्यादा बिकने वाली चीज है, कोई मरे-जिये हमारी टीआरपी और मुनाफे में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। इसीलिए आपने देखा होगा कि बहुत से एंकर अपने-अपने माइक हाथ में पकड़े बता रहे हैं कि वे सीधे युद्ध स्थल से ही रिपोर्ट कर रहे हैं, कि वे सबसे पहले वहां पहुंचे हैं, कि उन्होंने ही सबसे अधिक मारक दृश्य दिखाए हैं, कि उनके ही कैमरा एंगल सर्वश्रेष्ठ रहे हैं। कई तो इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की तरह बेच रहे हैं। कुछ दिन पहले तक जो लोग अफगानिस्तान की लड़ाई और भागती अमेरिकी सेना को अपने-अपने घरों में देखकर तालियां बजा रहे थे, अब यही उक्रेन और रूस की लड़ाई में हो रहा है।
हम भूल गए हैं कि चाहे हम युद्ध में भाग लें या न लें, उसकी तबाही से नहीं बच सकते। यह नहीं कह सकते कि वहां होने वाले युद्ध से हमें क्या। बेशक वहां की सेनाएं हमारे यहां न आएं, लेकिन अगर दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट होती है, तो भला हम भी उससे कैसे बच सकते हैं। – लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।
*पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव लंबे समय तक याद रहेंगे
*चुनाव हर भारतीय की भागीदारी का उत्सव रहे हैं
*चुनाव प्रचार राजनीतिक दलों-प्रत्याशियों के लिए
किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं रहा
राजकुमार सिंह –
अभूतपूर्व कोरोना प्रतिबंधों के साये में हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव लंबे समय तक याद रहेंगे। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चुनाव किसी लोक पर्व से कम नहीं रहे। धर्म-क्षेत्र विशेष के दायरे से परे चुनाव हर भारतीय की भागीदारी का उत्सव रहे हैं। इसलिए जन साधारण का उत्साह देखते ही बनता रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में तो चुनाव प्रचार किसी दीर्घकालीन मेले जैसा ही नजर आता था, पर इस बार सब कुछ बदला-बदला सा है। सभाओं में उपस्थिति की संख्या सीमित है तो घर-घर जन संपर्क का सिलसिला अरसे बाद लौटा है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय तेज रफ्तार से बढ़ते कोरोना केस, अब आंकड़ों में तो कम होते नजर आ रहे हैं। इसे साहस कहिए या दुस्साहस– तेजी से खुलते जहान के बीच लोगों में कोरोना से जान का डर भी कम होता नजर आ रहा है। सात चरणों में मतदान वाले उत्तर प्रदेश में पहले चरण में मतदान का अच्छा प्रतिशत भी यही बताता है। तमाम तरह के प्रतिबंधों के बीच चुनाव प्रचार राजनीतिक दलों-प्रत्याशियों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं रहा। यह अलग बात है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और अमर्यादित भाषा का चिर-परिचित खेल इस बीच भी बदस्तूर जारी है। शायद इसलिए भी कि ऐसा करने से असल मुद्दों से ध्यान हटाने में मदद मिलती है।
बेशक छोटे राज्यों उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के लिए भी विधानसभा चुनाव समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन राज्यों की राजनीति अंतत: देश की राजनीति भी तय करती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश और पंजाब सरीखे बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव की चर्चा कुछ ज्यादा है। उत्तर प्रदेश लोकसभा सदस्य संख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसीलिए माना जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से निकलता है। उत्तर प्रदेश ने ही देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिये हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को केंद्र में लगातार दूसरी बार सत्तारूढ़ करने में भी उत्तर प्रदेश की निर्णायक भूमिका रही है। इसलिए स्वाभाविक ही उत्तर प्रदेश में चुनाव से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़ी हर गतिविधि पर देश ही नहीं, दुनिया की भी नजरें लगी हैं। पिछली बार 300 से भी ज्यादा सीटें जीत कर उत्तर प्रदेश में बनी योगी आदित्यनाथ सरकार को इस बार कड़ी चुनावी चुनौती मिल रही है—यह बात भाजपा नेता भी निजी बातचीत में स्वीकारते हैं। पिछली बार दो लड़कों (अखिलेश यादव-राहुल गांधी) की जोड़ी भाजपा का विजय रथ रोकने में नाकाम रही थी। इस बार अखिलेश यादव-जयंत चौधरी के रूप में दो लड़कों की नयी जोड़ी भाजपा से मुकाबिल है। बेशक इस सपा-रालोद गठबंधन में अन्य छोटे दल भी शामिल हैं, लेकिन भाजपाई रणनीतिकारों के पसीने ये दो लड़के ही छुड़ा रहे हैं। वजह भी साफ है : 10 फरवरी को पहले चरण में जिन 58 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें से भाजपा ने पिछली बार 53 सीटें जीती थीं। कारण था : 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद परंपरागत जाट-मुस्लिम समीकरण का टूट जाना। दंगों के बाद हुए ध्रुवीकरण से नलकूप सूख गया और साइकिल पंचर हो गयी–सिर्फ कमल खिला, और खूब खिला।
पहले चरण का मतदान हो चुका है। मतगणना तो 10 मार्च को होगी, लेकिन उससे पहले भी यह बात दावे से कही जा सकती है कि 2017 के चुनाव परिणामों की पुनरावृत्ति इन सीटों पर हरगिज नहीं होने जा रही। यह उत्तर प्रदेश की चुनावी चिंता का ही परिणाम था कि मजबूत प्रधानमंत्री की छवि वाले नरेंद्र मोदी देश से क्षमा याचना सहित तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने को बाध्य हुए, क्योंकि दिल्ली की दहलीज पर साल भर चले किसान आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के बाद सबसे बड़ी और मुखर भागीदारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही थी। साल भर बाद तीन कृषि कानूनों की वापसी से भी भाजपा को वांछित राजनीतिक लाभ नहीं मिला—इसका संकेत चुनाव प्रचार के बीच भी जयंत चौधरी पर डोरे डालने तथा मतदाताओं को बार-बार दंगों की याद दिलाने से मिल जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही 55 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। कुल मिला कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये 103 सीटें शेष पांच चरणों के मतदान की दिशा भी तय कर सकती हैं। अगर किसान आंदोलन से जाट-मुस्लिम विभाजन की खाई पटी है और सवालिया निशानों वाले अतीत के बावजूद अखिलेश, जयंत के साथ मिलकर दो लड़कों की छवि से निकल कर विश्वसनीय विकल्प का विश्वास मतदाताओं में जगाने में सफल रहे हैं तो तय मानिए कि उत्तर प्रदेश की सत्ता का सूर्य इस बार पश्चिम से ही उदय होगा। बेशक अंतिम परिणाम 10 मार्च को ही पता चलेंगे, लेकिन अगर इन 103 सीटों पर भाजपा आधी ही रह गयी तो उसके लिए 403 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 202 का आंकड़ा छू पाना आसान तो हरगिज नहीं होगा। हां, अंतिम तस्वीर उभरने में अहम भूमिका उस बसपा की रह सकती है, जिसे फिलहाल प्रेक्षक ज्यादा महत्व नहीं दे रहे। दलित वर्ग में जाटव मतदाता अभी भी मायावती के साथ एकजुट हैं। अगर बसपा परंपरागत रूप से मुस्लिम मतों में हिस्सा बंटाने में सफल रही तो उसका सीधा लाभ भाजपा को ही मिलेगा, जो जातिगत राजनीति की चुनौतियों को हिंदुत्व के नारे से नाकाम करने की जांची-परखी रणनीति पर चल रही है। संक्षिप्त में कहें तो अगर अखिलेश अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिल कर भाजपा के कमंडल से मंडल के बड़े हिस्से को निकाल पाने में सफल रहे तो लखनऊ ही नहीं, दिल्ली की राह भी भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले तक पंजाब की राजनीति मुख्यत: दो दलीय नहीं तो दो ध्रुवीय ही रही है। 2014 में चार लोकसभा सीटें जीत कर आम आदमी पार्टी पंजाब की तीसरी बड़ी राजनीतिक धारा बनी तो 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की दावेदार भी बन गयी, पर अंतिम क्षणों में बाजी पलटी और कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गयी। पिछले पांच सालों में पंजाब की राजनीति ने कई रंग बदले हैं। जिन कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चेहरा बना कर पिछली बार कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी, उन्हें ही बेआबरू कर सत्ता से बेदखल कर दिया गया। कैप्टन अमरेंद्र की विदाई में निर्णायक भूमिका भाजपाई से कांग्रेसी बने जिन नवजोत सिंह सिद्धू ने निभायी थी, उनके हिस्से सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पद ही आया और मुख्यमंत्री पद के लिए चरणजीत सिंह चन्नी की लॉटरी खुल गयी। सुनील जाखड़ या सुखजिंदर सिंह रंधावा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए सिद्धू भी चन्नी के नाम पर मान गये। शायद उन्हें उम्मीद रही कि नये चुनाव के बाद तो वह ही मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार होंगे, लेकिन सर्वाधिक प्रतिशत दलित मतदाताओं वाले पंजाब में कांग्रेस ने चन्नी को चुनावी ट्रंप कार्ड के रूप में इस्तेमाल करना चाहा तो सिद्धू के होश उड़ गये। अभी तक दबाव की राजनीति में सफल रहे सिद्धू ने इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर जो दबाव बनाया, वह उन पर ही भारी पड़ गया। चन्नी के मुख्यमंत्रित्व में चुनाव लड़ते हुए किसी अन्य को चेहरा घोषित करना आत्मघाती होगा—यह समझने में कांग्रेस आलाकमान को भी मुश्किल नहीं हुई। चेहरा घोषित किये बिना चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर तो शायद सिद्धू के लिए संभावनाओं के द्वार खुले भी रहते, पर उतावलेपन में गुरु खुद तो गुड़ ही रह गये, जबकि चन्नी शक्कर बन गये।
विरोधी भी मानते हैं कि उठापटक के बावजूद कांग्रेस पंजाब में सत्ता की दावेदार है, पर उसका मुकाबला किससे होगा—इस पर प्रेक्षक भी एकमत नहीं हैं। दबाव में ही सही, आम आदमी पार्टी ने इस बार सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है, पर पंजाब के मतदाता ऐसी छवि के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनायेंगे—यह देखना दिलचस्प होगा। जैसे-जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ रहा है, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। भाजपा ने भी बागी कांग्रेसी कैप्टन अमरेंद्र सिंह और बागी अकाली सुखदेव सिंह ढींढसा के दलों के साथ गठबंधन कर चुनावी मुकाबले में चौथा कोण बनने की कोशिश की है। हत्या और बलात्कार सरीखे अपराधों में सजा काट रहे विवादास्पद डेरा प्रमुख राम रहीम को जेल से मिली फरलो को भी जानकार इसी रणनीति से जोड़ कर देख रहे हैं, लेकिन लगता नहीं कि त्रिशंकु विधानसभा बने बिना पंजाब के सत्ता समीकरणों में भाजपा के लिए कोई भूमिका बन पायेगी।
*सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट और झारखंड निवासी श्री एसबी तिर्की कल
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में हुए थे शहीद
*राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद की वीरता को किया नमन
दुख की इस घड़ी में परिजनों का ढाढ़स बंधाया
*शहीदों के परिजनों आश्रितों की सहायता के लिए कमेटी गठन
पर किया जा रहा विचार – श्री रमेश बैस, राज्यपाल
*शहीद के परिजनों के साथ पूरी संवेदना है
मदद के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है – श्री हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री
रांची, राज्यपाल श्री रमेश बैस और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कल उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद 168 बटालियन, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एस बी तिर्की के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को नमन किया । राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर उनका ढाढ़स बंधाया। उन्होंने कहा कि शहीद के परिजनों की सहायता के लिए सरकार हमेशा खड़ी रहेगी ।
उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं जवान
राज्यपाल ने कहा कि देश की खातिर हमारा एक और वीर जवान शहीद हो गया ।सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसबी तिर्की की शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाएगी। उग्रवादी जिस तरह कायराना हरकत कर रहे हैं, उसका उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। झारखंड और छत्तीसगढ़ में उग्रवादियों का सुरक्षा बल के जवान डटकर मुकाबला कर रहे हैं ।ऐसे में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कभी-कभी जवान शहीद हो जाते हैं ।आगे ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए सभी ठोस कदम उठाए जाएंगे । राजपाल ने कहा कि शहीदों के परिजनों की सहायता के लिए कमेटी गठन पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। उन्होंने भगवान से दिवंगत आत्मा को शांति और अपने चरणों में जगह देने की कामना की।
इस घटना से मर्माहत जरूर हुए हैं, लेकिन मनोबल में नहीं आएगी कोई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के एक और वीर सपूत ने देश की रक्षा के लिए अपने को बलिदान कर दिया।उनकी शहादत पर हम सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के इस तरह की कायराना हरकत से हम मर्माहत जरूर हुए हैं। हमने एक बार फिर अपने परिवार के एक सदस्य को खोया है, लेकिन इससे जवानों के मनोबल में कोई कमी नहीं आएगी। हमारे जवान और मजबूती तथा शक्ति के साथ ऐसे तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। उग्रवादियों के नापाक इरादे को नेस्तनाबूद करेंगे ।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पूरी संवेदना शहीद के परिजनों के साथ है। उनकी मदद के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना ईश्वर की।
मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, एडीजी अभियान श्री संजय आनंद लाटकर, सीआरपीएफ के झारखंड सेक्टर के आईजी श्री राजीव कुमार समेत अन्य वरीय पदाधिकारी तथा शहीद की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा मंजुला तिर्की एवं पिता श्री स्टीफन तिर्की और अन्य परिजनों ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
लातेहार, लातेहार जिले के ललमटिया डैम में वन विभाग द्वारा एशियन वाटरबर्ड सेंसस 2022 के तहत एशियाई जल पक्षियों की गणना की गई। कार्यक्रम में उपायुक्त अबु इमरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्थानीय वाटर बर्ड्स व माइग्रेटरी बर्ड्स की पहचान एवं गणना की गई। वन विभाग की टीम द्वारा पक्षियों की फोटोग्राफी की गयी l उपायुक्त लातेहार, अबु इमरान ने इस मौके पर कहा कि लातेहार जिला में देखने के लिए जंगल, पहाड़, जलप्रपात के अलावा विभिन्न प्रजातियों के सुन्दर पक्षी भी हैं l ठंड के मौसम में विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षी लातेहार जिला के जलाशयों को अपना आश्रय बनाते हैं l उन्होंने कहा कि लातेहार जिला में बर्ड वाचिंग एवं इको टूरिज्म की काफ़ी संभावना है l लातेहार में एशियन वाटरबर्ड्स सेंसस का आयोजन काफ़ी अच्छी पहल है l वन प्रमंडल पदाधिकारी रोशन कुमार ने प्रवासी एवं स्थानीय वाटर बर्ड्स की पहचान के संदर्भ में जानकारी दी l उन्होंने पर्यावरण के दृष्टिकोण से पक्षियों के महत्व के बारे में बताया l वहीं पक्षियों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने एवं पक्षियों के संरक्षण की बात कही l
गणना के दौरान कॉमन किंगफिशर, रेड नेप्ड आईबिस, ओपन बिल स्टॉर्क, कॉमन कॉन्मोरेंट आदि प्रजातिया पाई गई।
मौके पर लालमटिया डैम में बर्ड वाचिंग टावर बनाने तथा इको टूरिज्म को विकसित करने पर चर्चा की गर्वl
इसके साथ ही उपायुक्त लातेहार अबु इमरान ने लालमटिया डैम के सौंदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया l उन्होंने लालमटिया डैम में कैफ़ेटेरिया निर्माण हेतु स्थल का अवलोकन किया l
मौके पर डीपीओ संतोष कुमार भगत ,नजारत उपसमाहर्ता शिवेंंद्र कुमार सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी दिव्या गुलाब बा एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री ने कहा- स्वास्थ्य क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो
*मुख्यमंत्री बोले- राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में
सरकारी के साथ निजी अस्पतालों का भी अहम योगदान
रांची, राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है । लोगों को अपने ही राज्य में अच्छी चिकित्सीय सुविधाएं मिले, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है । मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज सेंटेविटा अस्पताल, रांची के कार्डियक यूनिट में कैथलैब का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने विश्व स्तरीय और अत्याधुनिक कैथलैब स्थापित करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को बधाई और शुभकामनाएं दी।
मरीजों को बड़े शहरों के बड़े अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐसी मजबूत स्वास्थ्य संरचना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यहां के मरीजों को इलाज के लिए राज्य के बाहर के बड़े शहरों कि बड़े अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़े। इससे ना सिर्फ उनका अपने ही घर में बेहतर इलाज हो सकेगा, बल्कि इसमें होने वाले भारी भरकम खर्च से भी निजात मिलेगी। इसके अलावा दूरदराज के अस्पतालों में जाने से होने वाली विभिन्न परेशानियों से भी निजात मिलेगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे सरकारी अस्पताल हो या निजी, यहां अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विशेषकर रांची में अब गंभीर से गंभीर बीमारियों के समुचित इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी ज्यादा से ज्यादा निवेश हो, इसके लिए सरकार के द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में कई चुनौतियों से निपटना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार कई चुनौतियां आ रही हैं, जिससे निपटना है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोविड-19 महामारी से लगातार हम जंग कर रहे हैं ।अपने सीमित संसाधनों तथा बेहतर प्रबंधन के माध्यम से इस महामारी को काफी हद तक काबू में करने में कामयाब रहे हैं। इसमें चिकित्सकों और चिकित्सक कर्मियों की काफी अहम भूमिका रही है ।उन्होंने यह भी कहा कि चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई है। लिहाजा, स्वास्थ संसाधनों को लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस दिशा में सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे के अलावा राज्यसभा सांसद श्री धीरज साहू, सेंटेविटा अस्पताल के निदेशक श्री अमित साहू के अलावा कई चिकित्सक ऑनलाइन मौजूद थे।
*ग्रामीण महिलाओं की आय दोगुनी करने की दिशा में हो रहा कार्य
*जोहार परियोजना वरदान बन कर आया
रांची, (By Divya Rajan) सोलर पंप माउंटेड साइकिल इकाइयों से झारखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हो रही है। खूंटी के कर्रा स्थित सांगोर गांव की बाहलेन अब आसानी से अपने खेतों तक पानी पहुंचा पा रही हैं। यहां की 33 महिलाएं उच्च मूल्य कृषि के तहत सब्जियों की खेती कर रही हैं। झारखण्ड में छोटे एवं सीमांत किसानों के खेतों तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाने के मुश्किल कार्य को सोलर पंप माउंटेड साइकिल के जरिए आसान बनाया गया है। जिन खेतों तक साधारण पंप से पानी पहुंचाना मुश्किल होता था, आज जोहार परियोजना के माध्यम से उत्पादक समूह की महिलाएं साईकिल आधारित सोलर पंप से छोटे–छोटे खेतों तक आसानी से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रही है। साईकिल आधारित सोलर पंप सिंचाई की ऐसी आधुनिक व्यवस्था है जिसकी मदद से किसान सोलर प्लेट और पंप को साइकिल की तरह अपने खेत और नजदीकी जलाशयों तक आसानी से ले जाते हैं। बाहलेन बताती हैं, इस सोलर पंप के माध्यम से किसान अपने-अपने खेतों की सिंचाई आसानी से कर पा रहे हैं। पहले पटवन के लिए डीज़ल पंप का उपयोग करना पड़ता था, जिससे खेती में लागत बढ़ जाती थी। साइकिल आधारित सोलर पंप की मदद से किसान दिन के सात घंटे का पटवन बिना किसी खर्च के कर पा रहे हैं।
किसानों को मिल रहा सीधा लाभ
राज्य के 988 उत्पादक समूहों को चलंत सोलर पंप एवं 650 सोलर लिफ्ट सिंचाई उपकरण उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से लगभग 19,650 किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। सोलर चलंत पंप गाँव और खेत के दुर्गम रास्तों पर भी ले जाया जा सकता है। इससे किसानों को रबी आदि की फसलों को सिंचित करने में मदद मिल रही है। आगामी 6 महीनों में कुल लिफ्ट इकाइयों की संख्या बढ़ा कर 1310 करने की योजना है। इसके एवज में 1200 इकाइयों का पंजीकरण व स्थल निरीक्षण कर अनुमोदित किया जा चुका है। वहीं आगामी 6 महीने में कुल सिंचित भूमि बढ़ा कर 20 हज़ार हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
जोहार परियोजना वरदान बन कर आया
खूंटी के मुरहू प्रखंड स्थित पंचघाघ जलप्रपात से सटे कोलोम्दा गांव के उत्पादक समूह की 46 महिला किसान अग्रणी किसान हैं, लेकिन खेती योग्य ज़मीन होते हुए भी उपज ज्यादा नहीं हो पाती थी। उत्पादक समूह की सदस्य राधिका देवी बताती हैं कि हम वर्षों से ही खेती-बाड़ी पर निर्भर रहे हैं। हम सभी पारंपरिक ढंग से खेती करते आ रहे हैं। सिंचाई की समस्या से बहुफसलीय खेती नहीं कर पा रहे थे। लेकिन, अक्टूबर 2020 में जोहार परियोजना हमारे लिए वरदान बन कर आयी। समुदाय आधारित लिफ्ट सिंचाई इकाई की शुरुआत की गई है, इस सिंचाई इकाईं के जरिए बदलाव अब दिखने लगा है। लिफ्ट सिंचाई के आने से हम आसानी से तीन फसल ले पा रही हैं। इस तरह खेती में उत्पादकता बढ़ाने एवं किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी के लिए जोहार परियोजना मील का पत्थर साबित हो रहा है। किसानों को सिंचाई सुविधा से जोड़कर फसल उत्पादन क्षमता एवं आमदनी में बढ़ोतरी करने के लिए सोलर आधारित सिंचाई की सुविधा से राज्य के किसानों को जोड़ा जा रहा है। इस पहल की खासियत है कि सिंचाई के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, सिंचाई इकाईं का उपयोग भूगर्भ जल की निकासी के लिए न करके आस-पास के सतही जलस्रोतो के जरिए सिंचाई की सुविधा बहाल की जाती है, ताकि भूगर्भ जलस्तर बरकरार रहे।
करीब 19650 किसानों को मिल रही सौर लिफ्ट सिंचाई की सुविधा
जोहार परियोजना के तहत ग्रामीण महिलाओं की आय दोगुनी करने की दिशा मे कार्य किये जा रहे है, इसी कड़ी में उत्पादक समूह से जुड़ी महिला किसानों को उच्च मूल्य कृषि से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि अच्छी उपज और बड़े बाजार व्यवस्था के जरिए उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके। किसान पूरे साल खेती कर सके, इसके लिए परियोजना के तहत सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उत्पादक समूह से जुड़े किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर लिफ्ट सिंचाई उपलब्ध कराया गया है। राज्य भर में अब तक 650 इकाइयों को वाटर यूजर ग्रुप के माध्यम से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। करीब 650 इकाइयों से कुल 8745 हेक्टेयर (लगभग 21,600 एकड़) खेत में सिंचाई के लिए सालों भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
जोहार परियोजना अंतर्गत उत्पादक समूहों के जरिए महिलाओं का वाटर यूजर ग्रुप बनाकर पानी की कमी वाले इलाकों में सिंचाई की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। सोलर आधारित लिफ्ट सिंचाई इकाई एवं साइकिल माउंटेड सोलर पंप ग्रामीण महिलाओं के वाटर यूजर ग्रुप को उपलब्ध कराया गया है। राज्य के करीब 20 हजार किसान परिवारों को इस पहल के जरिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
*झारखण्ड की संस्कृति, इतिहास, विरासत और व्यंजनों का बनायेगा
कल्चरल टूरिज्म
रांची, झारखण्ड की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को देखने और संजोने का मौका देने में पर्यटन नीति मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए राज्य सरकार एकीकृत आदिवासी परिसर विकसित करेगी। जिसके तहत पर्यटकों को एक ही स्थान पर झारखण्ड की संस्कृति, इतिहास और विरासत का दीदार होगा, वही विविध व्यंजनों के रसास्वादन का लुत्फ़ भी मिलेगा।यह कॉकटेल कल्चरल टूरिज्म पर्यटकों को परोसेगा। इस कॉकटेल में स्थानीय नृत्य, गीत और संगीत को भी शोकेस किया जाएगा। इस पर्यटन पैकेज का मकसद पर्यटकों को राज्य की सांस्कृतिक विविधता और जीवंतता का अनुभव देकर आकर्षित करना है।
शिल्प और व्यंजनों को बढ़ावा
पर्यटन नीति के तहत कल्चरल टूरिज्म के जरिये स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने और स्वरोजगार पैदा करने के लिए शिल्प और व्यंजनों में झारखण्ड की समृद्ध विरासत को साथ लेकर चलने की योजना है। राज्य के हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा और उद्योग विभाग के अनुरूप निवेश के अवसर को बढ़ावा दिया जाएगा। फूड फेस्टिवल के माध्यम से क्षेत्रीय व्यंजनों को नया आयाम मिलेगा। पर्यटन सूचना केंद्र, होटल, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर झारखण्ड के हस्तशिल्प प्रदर्शित किए जायेंगे। राज्य और राज्य के बाहर विभिन्न पर्यटन प्रदर्शनियों के माध्यम से हस्तशिल्प और क्षेत्रीय खानपान को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।
संस्कृति और परम्परा से अवगत होंगे पर्यटक
पर्यटकों को यहां की परम्परा और संस्कृति से अवगत कराने के लिए विभिन्न मेलों और त्योहारों, पारंपरिक जीवन शैली, रीति-रिवाजों, पोशाक और खानपान से रूबरू कराने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है। सरकार झारखण्ड में आयोजित होने वाले मेलों और त्योहारों को पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रयास करेगी। पूरे राज्य में महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का एक कैलेंडर तैयार किया जाएगा।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों और अन्य संगठनों को झारखण्ड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में अंतरराज्यीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, ताकि अन्य राज्यों और विदेशों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा और राज्य के कलाकारों को एक्सपोजर प्रदान किया जा सके। होटलों में सम्मेलन आयोजित कर झारखण्ड की संस्कृति, नृत्य, कला संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।