दक्षिणी लेबनान में इजरायल का बड़ा हमला, 1 महिला और 2 बच्चों सहित 10 लोगों की मौत

बेरूत, 17 अगस्त : दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना ने बड़ा हमला किया है। बताया जा रहा है कि यह हमला आज तड़के इजरायल की ओर से किया गया। इस हमले में कम से कम 10 सीरियाई नागरिकों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों की सही संख्या पता नहीं चल सकी है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

हमास के दक्षिणी इजराइल पर हमले के एक दिन बाद आठ अक्टूबर को हिजबुल्ला उग्रवादी समूह और इजराइली सेना के बीच एक-दूसरे पर हमले किये जाने के बाद से नाबातीह प्रांत के वादी अल-कफूर पर यह हमला लेबनान पर किये गये सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। हिजबुल्ला का कहना है कि जब तक गाजा पट्टी में युद्ध विराम नहीं हो जाता तब तक वह अपने हमले बंद नहीं करेगा। मंत्रालय के मुताबिक, मृतकों में एक महिला और उसके दो बच्चे शामिल हैं। पांच अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इजरायली मंत्रालय के प्रवक्ता अविचय अद्री ने बताया कि दक्षिणी प्रांत में हुए इस हमले में हिजबुल्ला के हथियार डिपो को निशाना बनाया गया था। वादी अल-कफूर में बूचडख़ाना चलाने वाले मोहम्मद शोएब ने बताया कि हमला एक ‘औद्योगिक और नागरिक क्षेत्रÓ में किया गया, जहां ईंट, धातु और एल्युमीनियम बनाने वाली फैक्टरियां और एक डेरी फार्म भी था। हिजबुल्ला ने हमलों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। लेबनान की सरकार और कई अन्य देशों के मुख्य नेता महीनों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए कई सप्ताह से प्रयास कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों से तिलमिलाई है भाजपा, सपा कार्यकर्ताओं पर बना रही दबाव

मैनपुरी, 17 अगस्त : मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव शनिवार को सपा नेता अब्दुल नईम के घर पहुंची। उन्होंने पिछले दिनों अब्दुल नईम के मैरिज होम पर हुई बुलडोजर की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी। सांसद डिंपल यादव ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम से भाजपा तिलमिला उठी है। इसलिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। योगी सरकार के लोग हीन भावना के साथ काम कर रहे हैं। सरकार के लोग जनता के काम की अनदेखी कर रहे हैं। ये लोग सपा कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सपा नेता अब्दुल नईम के साथ हीन भावना के तहत बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी।

उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद यूपी सरकार के दबाव में आकर काम कर रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल सरकार की कार्रवाई से नहीं टूटेगा। सपा कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रही कार्रवाई को हम रोकने का प्रयास करेंगे। डिंपल यादव ने कहा कि 2024 लोकसभा के नतीजों के बाद से भाजपा तिलमिला उठी है। ये लोग अब तैयार रहें, क्योंकि उनके सत्ता से जाने का समय नजदीक आ गया है। उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते महीने सपा नेता अब्दुल नईम की पत्नी के मैरिज होम पर बुलडोजर की कार्रवाई की थी। यह मैरिज होम तालाब की जमीन पर बना था। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इंडिया गठबंधन को 43 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, इसमें समाजवादी पार्टी के खाते 37 सीटें आई थी। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को 36 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा था। वहीं, नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जीत मिली थी। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें मैनपुरी की करहल सीट भी शामिल है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी। करहल समेत मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर और कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होने हैं।

कांग्रेस पार्टी का भ्रष्टाचार का काला इतिहास जारी है: जेपी नड्डा

नई दिल्ली, 17 अगस्त : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार का इतिहास काला है और यह नेशनल हेराल्ड से लेकर कर्नाटक के मैसूरु भूमि घोटाले तक जारी है।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेताओं द्वारा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के खिलाफ जारी बयानबाजी की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि नेशनल हेराल्ड से लेकर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले तक कांग्रेस के भ्रष्टाचार की विरासत जारी है। उन्होंने कांग्रेस को तल्ख शब्दों में नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस को इस फैसले ( राज्यपाल के फैसले) को असंवैधानिक बताने की बजाय अपने कृत्यों पर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जनता का विश्वास तोडऩे का काम किया। इन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए भ्रष्टाचार किया। कांग्रेस को अपने कृत्यों पर आत्मचिंतन करना चाहिए। नड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस खुद को दलितों और अल्पसंख्यकों की हितैषी बताती है, लेकिन उनके मुख्यमंत्री दलित परिवार की जमीन हड़पने में शामिल हैं। यह कांग्रेस की दोहरी नीति और परिवारवादी राजनीति का एक और उदाहरण है।
जे.पी. नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कांग्रेस पार्टी का भ्रष्टाचार जारी है! नेशनल हेराल्ड से लेकर कर्नाटक के एमयूडीए घोटाले तक, कांग्रेस पार्टी का भ्रष्टाचार का इतिहास जगजाहिर है। बार-बार, उन्होंने निजी लाभ के लिए लोगों का भरोसा तोड़ा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इस फैसले को असंवैधानिक बताने की बजाय अपने कर्मों पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस खुद को दलितों और अल्पसंख्यकों का संरक्षक बताती है, जबकि उनके अपने ही एक मुख्यमंत्री दलित परिवार से जमीन हड़पने में शामिल हैं। यह कांग्रेस के पाखंड और परिवार-केंद्रित राजनीति का एक और उदाहरण है।

कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा ऐलान

नई दिल्ली, 17 अगस्त : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभऱ के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में 24 घंटे हड़ताल बुलाई है. आज देशभर के सभी डॉक्टर कामकाज बंद कर प्रदर्शन कर रहे हैं और डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. डॉक्टरी की अपील पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है.इससे पहले दिन में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) ने भी हड़ताल की घोषणा की थी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया है. मंत्रालय ने डॉक्टरों से ड्यूटी पर लौटने की आह्वान किया है. मंत्रालय ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से अपनी ड्यूटी पर लौटने की अपील की है. हालांकि, अभी तक डॉक्टरों की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.

इस बीच कोलकाता रेप-हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम आरजी कर अस्पताल में जांच पड़ताल के लिए पहुंची. इस दौरान टीम ने कॉलेज प्रिंसिपल और वरिष्ठ डॉक्टरों से पूछताछ की. इसके अलावा सीबीआई की टीम साल्टलेक में कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन की बैरक पहुंचकर वहां के अधिकारियों से भी पूछताछ की. बता दें कि टीम इस बैरक में इसलिए पहुंची कि मुख्य आरोपी संजय रॉय वारदात को अंजाम देने के बाद इसी बैरक में आकर रुका हुआ था. फिलहाल सीबीआई टीम अंदर जांच में जुटी हुई है.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वारदात के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन  ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. केंद्रीय मंत्री से मुलाकात में एसोसिएशन ने डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग की थी. इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कमेटी गठित करने का ऐलान किया है.

इतंजार खत्म: तीन चरणों में होगा जम्मू कश्मीर का चुनाव, हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग, जानें मतगणना की तारीख

नई दिल्ली 16 Aug : जम्मू कश्मीर व हरियाणा विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी गई है। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव आयोजित किए जाएंगे। चुनाव का पहला चरण 18 सितंबर को होगा। दूसरा चरण 25 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी। यहां सभी उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्रों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे द्वारा भी की जाएगी।

वहीं हरियाणा में 1 अक्टूबर को सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। यहां भी वोटो की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। यानी जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के लिए डाले गए वोटो के नतीजे एक ही दिन 4 अक्टूबर को आएंगे।

चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू कश्मीर में टोटल 87.09 लाख मतदाता हैं। इनमें 42 लाख 62 हजार महिला मतदाता हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 44.46 लाख है। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख हैं। जबकि कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।

मतदाता सूची बनाने का काम जारी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव ने बताया कि 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी और 20 अगस्त को फाइनल मतदाता सूची तैयार हो जाएगी। सभी राजनीतिक दलों को इसकी कॉपी भिजवाई जाएगी।

पूरे जम्मू कश्मीर में करीब 11, 838 मतदाता केंद्र बनाए जा रहे हैं। यह मतदाता केंद्र कुल 9169 स्थानों पर बनाए जाएंगे। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 9506 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन 735 मतदाता है। जम्मू कश्मीर में चुनाव आयोग ने इस बार 360 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाने का फैसला किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि जम्मू कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 74 जनरल, 9 एसटी व 7 एससी सीटें हैं। अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के अगले दिन यानी 20 अगस्त को चुनाव का गजट नोटिफिकेशन किया जाएगा।

दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि जम्मू कश्मीर की पार्टियों ने सुरक्षा को लेकर निवेदन किया था। इसको देखते हुए फैसला लिया गया है कि प्रत्येक चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। चुनाव आयुक्त ने बताया कि कश्मीर में चुनाव के साथ-साथ त्यौहार का भी मौसम है, फलों का भी सीजन है, केसर और सेब का भी सीजन है।

चुनाव आयोग के मुताबिक जम्मू कश्मीर का प्रत्येक मतदान केंद्र सीसीटीवी की निगरानी में रहेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक जम्मू कश्मीर और हरियाणा में प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी की व्यवस्था की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में मतदान केंद्र पर जो लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी वे लोकतंत्र का एक बेहतरीन दृश्य पेश करती हैं। चुनाव के दौरान लगी हुई लंबी कतार एक केवल कतारें नहीं थी बल्कि वह जनता का भरोसा दिखाती हैं। हर कोई चुनाव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करना चाहता था।

उम्मीद और लोकतंत्र की ऐसी झलक से पता लगता है कि जनता बदलाव चाहती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग न केवल बदलाव चाहते हैं बल्कि वे इस बदलाव का हिस्सा भी बनना चाहते हैं। लोगों ने बुलेट के मुकाबले बैलट को चुनने का फैसला किया।

ब्रिटेन में दंगों के सिलसिले में एक हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार

लंदन ,14 अगस्त । ब्रिटेन में पिछले दो सप्ताह में हुई हिंसा, आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ नस्लवादी हमलों के सिलसिले में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर गलत जानकारी से हिंसा भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपॉर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। इसे हत्या का दोषी ठहराया गया था।
इंग्लैंड के कई शहरों और उत्तरी आयरलैंड में भी हिंसा भड़क उठी, लेकिन इसमें शामिल लोगों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने के बाद पिछले सप्ताह से हिंसा की घटनाओं में कमी आई है।

कई लोगों को तुरंत जेल भेज दिया गया और कुछ को लंबी सजा भी दी गई। राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख परिषद ने अपने लेटेस्ट अपडेट में कहा कि पूरे ब्रिटेन में 1,024 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 575 पर आरोप लगाए गए।

गिरफ्तार किए गए लोगों में लिवरपूल में तोडफ़ोड़ के आरोपी 69 वर्षीय व्यक्ति तथा बेलफास्ट में 11 साल का लड़का शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजक ने बताया कि 13 वर्षीय लड़की ने बेसिंगस्टोक मजिस्ट्रेट कोर्ट में हिंसक उपद्रव करने का अपराध स्वीकार किया है। उसे 31 जुलाई को शरणार्थियों के लिए बने एक होटल के प्रवेश द्वार पर लात-घूंसे मारते हुए देखा गया था।
अभियोजक थॉमस पावर ने कहा, इस भयावह घटना से उन लोगों में डर पैदा हो गया, जो इन गुंडों के निशाने पर थे। यह बेहद दुखद है कि इतनी छोटी लड़की ने इस हिंसक घटना में हिस्सा लिया।

इससे पहले ब्रिटेन में 2011 में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे। पुलिस ने एक अश्वेत व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद कई दिनों तक सड़कों पर हिंसा फैली।

बांग्लादेश में हिंसा और बर्बरता का सामना कर रहे हिंदू परिवार, देश छोडऩे की दी जा रही धमकियां

ढाका ,14 अगस्त ।  बांग्लादेश के 23 धार्मिक संगठनों के एक राष्ट्रीय मंच, बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (बीजेएचएम) ने कहा कि 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से देश के 48 जिलों में 278 हिंदू परिवारों को बड़े पैमाने पर हिंसा और बर्बरता का सामना करना पड़ा है। 5 से 12 अगस्त के बीच देश के हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की भयावह घटनाओं पर विस्तृत आंकड़ा जारी करते हुए बीजेएचएम नेताओं ने कहा कि कई पीढिय़ों से इस क्षेत्र में रहने के बावजूद वे डर के माहौल में जी रहे हैं।

बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (बीजेएचएम) ने अपनी सात सूत्री मांगों की सूची भी सामने रखी है, जिसमें बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अनिश्चितता के समय में तेजी से कार्य करने का आग्रह किया गया।
मंच के प्रवक्ता और कार्यकारी सचिव पलाश कांति डे ने मंगलवार को ढाका में नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ढाका ट्रिब्यून के हवाले से कहा, बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर बर्बरता, लूटपाट, आगजनी, जमीन पर कब्जा करने और देश छोडऩे की धमकी देने की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। यह सिर्फ व्यक्तियों पर हमला नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है।

डे ने कहा कि समुदाय के नेताओं ने अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, जिन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को अगली कैबिनेट बैठक में उठाया जाएगा।

गठबंधन द्वारा किए गए सात मांगों में देश भर में हिंदू समुदाय पर सबसे बदतर सांप्रदायिक हमलों की गहन न्यायिक जांच कराना भी शामिल है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम और आयोग का निर्माण, सार्वजनिक खर्च पर हिंदू समुदाय के क्षतिग्रस्त मंदिरों और घरों की मरम्मत, त्वरित सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाने के साथ ही पूरी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना, 2000 से आज तक देश में अल्पसंख्यक उत्पीडऩ पर एक विस्तृत रिपोर्ट, आगामी दुर्गा पूजा के दौरान तीन दिन की छुट्टी और एक अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना मुख्य है।

बीजेएचएम के अध्यक्ष प्रभास चंद्र रॉय ने कहा, जब भी सरकार बदलती है, हिंदुओं पर सबसे पहले हमला होता है। हालांकि, पहले इस देश में ऐसी कम घटनाएं होती थीं, लेकिन, हाल ही में उनमें वृद्धि हुई है। हम इस देश में सुरक्षा के साथ रहना चाहते हैं। हम यहां पैदा हुए हैं और हमारे पास अधिकार हैं।

इससे पहले दिन में, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने ढाका में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर का दौरा किया और हिंदू समुदाय के नेताओं को आश्वासन दिया कि मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्थापित करना उनके प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।
ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर, जो इस क्षेत्र में 800 वर्षों से भी अधिक समय से हिंदू समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण पूजा स्थलों में से एक है, के दौरे के दौरान स्थानीय मीडिया ने उनसे संपर्क किया, जहां यूनुस ने कहा, देश में सभी को समान अधिकार है। हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं है। कृपया मदद करें, धैर्य रखें और बाद में हमें आंकें कि हमने क्या किया और क्या नहीं किया। अगर हम असफल होते हैं, तो आलोचना करें।
अंतरिम सरकार के कानूनी और धार्मिक मामलों के सलाहकार आसिफ नजरूल और ए.एफ.एम. खालिद हुसैन भी यूनुस के साथ मंदिर गए थे।

यूनुस ने बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के अध्यक्ष वासुदेव धर और महासचिव संतोष शर्मा की उपस्थिति में कहा, हमारी लोकतांत्रिक भावना में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। हमें अपने अधिकारों को लेकर सजग रहना और इसके लिए दावा करना चाहिए। सभी समस्याओं की जड़ में संस्थागत व्यवस्थाओं की कमजोरी है। इसीलिए ऐसी समस्याएं पैदा होती हैं।

संस्थागत सिस्टम में सुधार की जरूरत है।
सोमवार को सरकार के धार्मिक मामलों के सलाहकार हुसैन ने अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की थी और आश्वासन दिया था कि वर्तमान

सरकार सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करती है।
सचिवालय में हुई एक मीडिया ब्रीफिंग में, हुसैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले उपद्रवियों द्वारा किए गए थे और अंतरिम सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि नष्ट हुए घरों और मंदिरों की सूची तैयार की जा रही है और पीडि़तों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
बांग्लादेश में लगातार जारी हिंसा अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है, जिसने 8 अगस्त को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में शपथ ली थी।

शनिवार को, हजारों हिंदू चटगांव में इक_े हुए थे, उन्होंने समुदाय पर चल रहे हमलों के खिलाफ एक विशाल विरोध रैली निकाली और देश के नागरिकों के रूप में सुरक्षा और समान अधिकारों की मांग की।
बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने भी यूनुस को एक ‘खुला पत्रÓ भेजा था, जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक विशेष समूह की हिंसा पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की गई थी।

‘द डेली स्टारÓ अखबार ने एकता परिषद के अध्यक्ष रोसारियो के हवाले से यह बात कही कि इसको लेकर निर्मल ने कहा, हम सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमारा जीवन संकटपूर्ण स्थिति में है। हम रात भर जागकर अपने घरों और धार्मिक स्थलों की रखवाली कर रहे हैं। मैंने अपने जीवन में ऐसी घटनाएं कभी नहीं देखी है। हम मांग करते हैं कि सरकार देश में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करे।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि हसीना के ढाका छोडऩे के तुरंत बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बीच व्यापक भय, चिंता और अनिश्चितता पैदा कर दी है।

संगठनों से प्राप्त विवरण और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हजारों हिंदू परिवार बेसहारा हो गए हैं और कई मंदिरों पर हमला किया गया और जला दिया गया। कई महिलाओं को हमलों का सामना करना पड़ा है और कई स्थानों पर हत्याएं हुई हैं। इस अवधि के दौरान अन्य अल्पसंख्यकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है।

इसी तरह, बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच ने भी देश भर में हिंदू समुदाय पर हाल की बर्बरता, आगजनी, लूटपाट और हमलों के विरोध में जुलूस और रैलियां आयोजित की है।

पंजाब में अकाली दल को झटका, विधायक सुखविंदर सुखी AAP में हुए शामिल

चंडीगढ़ 14 Aug : पंजाब में बुधवार को अकाली दल के इकलौते दलित विधायक डॉ. सुखविंदर सुखी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सीएम भगवंत मान ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

इस मौके विधायक सुखविंदर सुखी ने कहा कि वह डॉ अंबेडकर की सोच को लेकर आगे चल रहे हैं। डॉ. सुक्खी ने कहा कि अकाली दल में उन्हें पूरा मान सम्मान मिला है। लेकिन हलके का विकास उनकी प्राथमिकता है। उनके पार्टी छोड़ने को शिरोमणि अकाली को झटका माना जा रहा है।

डॉ. सुखविंदर कुमार सुक्खी का परिवार बसपा से जुड़ा रहा है। सुक्खी ने बसपा की टिकट से 2009 में चुनाव लड़ा था। बाद में उन्होंने बसपा छोड़कर 2012 में अकाली दल का दामन थाम लिया था। 2017 में अकाली दल ने उनको प्रत्याशी बनाया तो उन्होंने बंगा विधानसभा हलका से जीत हासिल की। हालांकि अकाली दल व भाजपा गठजोड़ के खिलाफ सूबे में लहर चल रही थी। 2022 में अकाली दल के तीन विधायक ही पंजाब में चुनाव जीते थे। इनमें एक नाम सुखविंदर कुमार सुक्खी का है। सुक्खी ने बंगा विधानसभा से दूसरी बार जीत हासिल की है।

स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकियों के साथ बड़ी मुठभेड़, कैप्टन शहीद; 4 आतंकियों के मारे जाने की खबर

श्रीनगर 14 Aug : स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के अस्सर इलाके में आतंकवादियों के साथ हुई एक बड़ी मुठभेड़ में भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए हैं। यह मुठभेड़ स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनकाउंटर में 4 आतंकियों की भी मारे जाने की खबर है। इस मुठभेड़ में एक नागरिक भी घायल हो गया है।

सुरक्षा बलों को इलाके से एक एम4 कार्बाइन और तीन बैग मिले हैं। डोडा के अस्सार इलाके में यह मुठभेड़ मंगलवार शाम शुरू हुई थी। सेना के व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया कि विशेष खुफिया सूचनाओं के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पटनीटॉप के पास अकर वन में संयुक्त अभियान शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अभियान में एक आतंकवादी घायल हुआ है।

इसके अलावा, अनंतनाग में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में मंगलवार को चौथे दिन भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रही। अधिकारियों के अनुसार, अहलान गगरमांडू जंगल में संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की। जंगल में छिपे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

छोटे निवेशकों ने हिंडनबर्ग और कांग्रेस की साजिश का कड़ा जवाब दिया

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर और कांग्रेस पार्टी के बीच की मिलीभगत और साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि देश के छोटे निवेशकों ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने की शरारती साजिश का करारा जवाब दिया है।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरा मामला कांग्रेस पार्टी और हिंडनबर्ग की मिली जुली साजिश है। इससे पहले जो आरोप लगाया गया था, वह सफल नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इंक्वायरी हुई, जब सेबी ने हिंडनबर्ग को जुलाई में नोटिस किया कि आप जवाब दीजिए, तब फिर यह काउंटर शुरू किया गया।

रविशंकर प्रसाद ने बातचीत में आगे कहा कि भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करने की ये एक साजिश है। इसमें कांग्रेस पार्टी भी लगी हुई है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, भारत के पूंजी निवेशक और छोटे निवेशक बहुत प्रसन्न हैं, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था पांचवें नंबर पर है जल्दी ही तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगी। सर्वाधिक पूंजी निवेश हो रहा है। फिर भी यह बात कही जा रही है।

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भारत के पूंजी निवेशकों का हित कर रहे हैं या फिर अहित कर रहे हैं? मुझे गर्व है कि भारत के पूंजी निवेशकों पर क्योंकि वह जरा भी भड़के नहीं। उनको पीएम मोदी की अगुवाई में भारत की आर्थिक विकास की पूरी कहानी पर विश्वास है।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यूपीए-1 और यूपीए-2 के शासनकाल में हुए कई घोटालों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान बड़े घोटाले हुए थे। लोग जेल गए, ठेके रद्द हुए, कोयला घोटाला में सारे अलॉटमेंट रद्द हुए, 2 जी घोटाले में लाइसेंस रद्द हुए। मोदी सरकार ईमानदारी से चलती है, इसलिए कुछ लोग बैठे हुए हैं कि भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करो। इसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। इसका हम विरोध करते हैं।

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के हालिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर किया था। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एक्स पोस्ट में लिखा था, ”छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व संभालने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसके चेयरपर्सन के विरुद्ध लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।”

उन्होंने ये कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की मेहनत की कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?

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आसाराम को बड़ी राहत, HC से मिली इतने दिनों की पैरोल

जोधपुर 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): यौन उत्पीड़न के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आसाराम को 7 दिन की पैरोल दी है। ये पैरोल आसाराम को इलाज के लिए मिली है। आसाराम पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए महाराष्ट्र जाएंगे। हाई कोर्ट के जस्टिस डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने उनकी अंतरिम पैरोल मंजूर की।

मार्च 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने रेप के मामले में सजा काट रहे आसाराम की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। आसाराम ने स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

आसाराम ने खराब सेहत का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत से मिली उम्रकैद की सजा के खिलाफ आसाराम की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट तेजी से सुनवाई करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि इलाज को लेकर राहत के लिए वे राजस्थान हाईकोर्ट में अर्जी दें।

इससे पहले सितंबर 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद आसाराम के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। राजस्थान हाईकोरट ने वर्ष 2022 में आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। आसाराम की उम्र करीब 81 साल हो गई है और वह कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।

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दिल्ली में आतिशी नहीं कैलाश गहलोत फहराएंगे झंडा

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कैबिनेट मंत्री आतिशी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने की सीएम केजरीवाल की सिफारिश को अस्वीकार कर दिया है, इसके बजाय गृह मंत्री कैलाश गहलोत को इस जिम्मेदारी के लिए नामित किया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सुझाव के बाद एलजी सक्सेना ने गृह मंत्री कैलाश गहलोत को 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए नामित किया है। पिछले हफ्ते उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा था कि कैबिनेट मंत्री आतिशी उनकी जगह दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली के किसी भी मंत्री को नामित कर सकते हैं। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने गृह मंत्री कैलाश गहलोत को तिरंगा फहराने के लिए नामित किया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिरंगा फहराने के लिए आतिशी को नामित किया था, लेकिन एलजी ने यह कहकर उनकी चिट्ठी वैध मानने से इनकार कर दिया गया कि नियम के मुताबिक जेल से केवल निजी मामलों में ही चिट्ठी लिखी जा सकती है। सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को विभाग को निर्देश दिया था कि वह मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार आतिशी द्वारा ध्वज फहराने की व्यवस्था करें। मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश कानूनी रूप से अमान्य है और उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। जेल में बंद सीएम किसी को झंडा फहराने के लिए अधिकृत नहीं कर सकते।

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महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले की होगी CBI जांच

कलकत्ता High Court ने दिया आदेश

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद अब इस केस की जांच अब सीबीआई करेगी। मंगलवार को उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि इस घटना में अस्पताल प्रशासन ने गंभीर लापरवाही की है और इस मामले की जांच अब सीबीआई को दी जाती है। इसके साथ ही अदालत ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इस वीभत्स हत्याकांड का पूरे देश में विरोध हो रहा है। यहां तक कि देश भर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर विरोध जता रहे हैं और कई जगहों पर ओपीडी ठप पड़ी है। अदालत ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में ढिलाई बरती, जबकि उसे पता था कि क्या घटना हुई है। किस तरह डॉक्टर के शरीर पर गंभीर चोटों के और जख्मों के निशान हैं। अदालत ने कहा कि मृतका के परिजन ऐसी एजेंसी से जांच चाहते हैं, जिसमें कोई छेड़छाड़ की गुंजाइश न रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के केवी राजेंद्रन केस में दिए फैसले का जिक्र किया और कहा कि दुर्लभतम मामलों में अदालत भी केस ट्रांसफर करने की अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर सकती है। अदालत का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि सीएम ममता बनर्जी ने खुद कहा था कि पुलिस रविवार तक इस मामले की पूरी जांच करे और खुलासा हो।

यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो हम केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर देंगे। वहीं हाई कोर्ट ने रविवार के पहले ही यह फैसला दे दिया है। अदालत ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को भी लताड़ा। बेंच ने कहा कि यह दिल दुखाने वाली बात है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी वह ऐक्टिव नहीं थे। यहां तक कि उन्होंने हंगामे के बाद जब पद से इस्तीफा दिया तो उन्हें दूसरे कॉलेज में जिम्मेदारी मिल गई। कोर्ट ने कहा कि घोष को तुरंत छुट्टी देनी चाहिए और उन्हें काम से अलग रखना चाहिए। वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जांच पर असर डाल सकते हैं।

राज्य सरकार की भी अदालत ने घोष को दूसरे अस्पताल में नियुक्ति देने पर खिंचाई की। अदालत ने कहा कि यह तो ध्यान रखना चाहिए था कि किन स्थितियों में इस्तीफा दिया गया है। अथॉरिटी ने यह भी नहीं सोचा कि कैसे एक जगह से इस्तीफा मंजूर होने से पहले ही दूसरी जगह पर नियुक्ति दे दी जाए। यही नहीं कोर्ट ने कहा कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पीड़िता के परिजनों के साथ नहीं दिखा। अब इसमें वक्त गंवाने से कोई फायदा नहीं है। अन्यथा सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है।

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देशभर में आज भी OPD सेवाएं रहेंगी ठप

डॉक्टरों ने किया हड़ताल का ऐलान

कोलकाता 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने घोषणा करते हुए कहा कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में उसकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में कोई समाधान नहीं निकल पाया।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस वीभत्स घटना के विरोध में देश भर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिससे ओपीडी और गैर-आपातकालीन सर्जरी सहित वैकल्पिक सेवाएं प्रभावित हुईं। यह हड़ताल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) के आह्वान पर की गई। फोरडा द्वारा सोमवार रात जारी एक बयान में कहा गया, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की टीम के साथ व्यापक चर्चा के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकला, जिसके कारण हड़ताल जारी रहेगी।”

फोरडा के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने कहा कि हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। माथुर ने कहा, “मैंने एसोसिएशन के सदस्यों और डॉक्टरों के साथ सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की टीम से मुलाकात की। चूंकि उनकी मांगों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकला, इसलिए हड़ताल एक और दिन जारी रहेगी।”

यह भी स्पष्ट किया कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे, लेकिन आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। उधर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों और छात्रों का प्रदर्शन जारी है। उन्होंने कहा है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। इस तरह से मेडिकल कॉलेज में हड़ताल का आज पांचवां दिन होगा। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अस्पतालों में सेवाएं बाधित हो रही हैं।

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बाबा रामदेव को भ्रामक विज्ञापन मामले में बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने लिखित माफीनामे के बाद बंद किया केस

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ अवमानना का केस बंद कर दिया है। रामदेव और बालकृष्ण ने लिखित में माफी मांगी और कहा कि आगे से गुमराह करने वाले विज्ञापनों और पतंजलि के उत्पादों को लेकर भ्रामक दावे नहीं किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना ​​नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

 इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके निर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अप्रैल में निलंबित कर दिए थे। कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया था कि उसने 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है। इसी के बाद बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद से एक एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हलफनामा दायर करके बताना होगा कि विज्ञापन हटाने के लिए सोशल मीडिया मंचों से किए गए अनुरोध पर अमल किया गया है और इन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं।

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हर घर तिरंगा बाइक रैली को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दिखाई हरी झंडी

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम से एक कार्यक्रम में ‘हर घर तिरंगा’ बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राम मोहन नायडू, किरेन रिजिजू और मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे।

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने हर घर तिरंगा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हर घर तिरंगा एक अभियान है जो आजादी के अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है। 2021 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों के घरों में तिरंगा लगाने के लिए इस महोत्सव की शुरुआत की गई थी। अब यह एक आंदोलन बन गया है। तबसे लगातार करोड़ों लोग अपने घरों पर तिरंगे को फहराते हैं। मेरे मन में इस बात की कोई शंका नहीं है कि आने वाले 15 अगस्त को एक नया रिकॉर्ड बनेगा और हर घर तिरंगा होगा।”

अपने भाषण में आगे उन्होंने दुनिया में भारत के तीसरी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर होने पर बल देते हुए कहा, “देशवासियों, इस अभियान का उद्देश्य लोगों के दिल में, लोगों की आत्मा में देशभक्ति की आत्मा को जगाना और भारतीय राष्ट्र ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस दशक में जो अप्रत्याशित सफलता हमें मिली है, जिस अप्रत्याशित प्रगति को हमने देखा है, उसके लिए पूरी दुनिया में हमारी सराहना हुई है। अर्थव्यवस्था को लेकर कहें तो आज हम दुनियां की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं।”

बता दें, हर साल की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस से पहले पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है। यह अभियान हर साल 15 अगस्त से एक सप्ताह पहले शुरू किया जाता है। इस बार यह अभियान 9 अगस्त से शुरू हुआ है।

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15 अगस्त को आतिशी नहीं फहरा पाएंगी तिरंगा

केजरीवाल के लेटर पर विभाग ने दिया जवाब

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के चलते तिहाड़ जेल में बंद है। इसी बीच उन्होंने मंत्री गोपाल राय के जरिए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिख कर कहा था कि सीएम अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि उनकी जगह मंत्री आतिशी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराएं, जिस पर डिपार्टमेंट ने जवाब देते हुए कहा कि, कानून के अनुसार इस तरह की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

साथ ही यह भी कहा गया कि सीएम केजरीवाल का जेल से इस तरह की बात करना भी जेल के नियमों के खिलाफ है, जेल के नियम के अनुसार केवल निजी मामलों में ही बाहर अपने करीबियों को पत्र लिखा जा सकता है।

वहीं इस बात को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी पर हमला किया है। उन्होंने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता दिवस के ऐसे मौके पर भी राजनीति की जा रही है। मैं अखबारों में पढ़ता रहता हूं कि जब ठग सुकेश पत्र लिखता है तो तिहाड़ के अधिकारी उसे एलजी को सौंप देते हैं और एलजी उस पर कार्रवाई करते हैं, लेकिन जब दिल्ली के सीएम पत्र लिखते हैं, तो एलजी तिहाड़ के अधिकारियों को उन्हें पत्र भेजने से रोकते हैं।

अगर सीएम ने स्वतंत्रता दिवस के संबंध में पत्र लिखा है, तो एलजी कार्यालय को सिर्फ एक फोन करना होगा डीजी कार्यालय को भेजा और इसे उनके पास भेजने को कहा, लेकिन एलजी को स्वतंत्रता दिवस से कोई लेना-देना नहीं है।

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बीकानेर हाउस में आयोजित साप्ताहिक तीजोत्सव

नई दिल्ली, 08 अगस्त (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में 4 अगस्त से 11 अगस्त तक चलने वाले साप्ताहिक उत्सव के चौथे दिन आज बुधवार को पूरा बीकानेर हाउस प्रांगण तीज के रंगों से सराबोर रहा। साज सज्जा, रंगारंग कार्यक्रम, रंग बिरंगी पोशाके, हैंडीक्राफ्ट्स ने अपने अद्भुत प्रदर्शनी से पूरे बीकानेर हाउस को तीजमय कर दिया।

इस अवसर पर राजस्थान की प्रमुख आवासीय आयुक्त  आलोक ने बताया कि श्रावण महीने में मनाया जाने वाला यह उत्सव अपने अंदर राजस्थानी कला एवं संस्कृति की अमिट छाप संजोए हुए हैं और दिल्ली में बसे प्रवासी राजस्थानियों और निवासियों को राजस्थानी कला संस्कृति की झलक दिखाता है। इस उत्सव में राजस्थानी कला संस्कृति से जुड़े प्रत्येक पहलू का एक ही जगह संगम देखने को मिलता है जो राजस्थान को एक विशिष्ट पहचान दिलाता है।

इस उत्सव में मेहंदी प्रतिस्पर्धा लहरिया थीम के साथ राजस्थानी पोशाक प्रतिस्पर्धा और तीज माता की भव्य यात्रा का आयोजन हुआ। तीज माता की शोभा यात्रा को पारंपरिक ढंग से पूजा अर्चना करके राजस्थानी रीति रिवाज के साथ निकाला गया। इस यात्रा में सभी आगंतुक भपंग, जोगियासारंगी और रावनहत्ता की धुन पर लोक संगीत का आनंद लेते हुए राजस्थानी संस्कृति से सराबोर झूमते नाचते नजर आए।

बीकानेर हाउस परिसर में रूडा द्वारा आयोजित किए जा रहे इस हैंडीक्राफ्ट मेले के संयोजक ओम प्रकाश में बताया कि इस बार मेले में राजस्थानी हैंडीक्राफ्ट, परिधान, राजस्थानी चूड़ियां और खानपान के करीब 50 स्टाल लगाए गए हैं जहां पर खरीदारों की काफी भीड़ देखी जा रही है। खरीदारों में राजस्थानी साड़ियां, कपड़ों और हैंडीक्राफ्ट के समान को लेकर काफी उत्साह है।  ओम प्रकाश ने बताया कि इस मेले में हमने दिल्ली वासियों की पसंद को ध्यान में रखते हुए स्टॉल लगाने का चुनाव किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा बिक्री हो सके और आर्टिजंस को इस मेले का फायदा मिल सके।

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बिहार में अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा जरूरी : रुडी

नई दिल्ली ,08 अगस्त (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । नागरिक विमानन क्षेत्र से संबंधित वायुयान विधेयक पर लोक सभा में व्यापक चर्चा हुई और विधेयक के समर्थन में बिहार के सारण से सांसद सह पूर्व नागरिक विमानन मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा की देश में पहले केवल सरकारी वायुयान कंपनियां ही थी जिनमे एयर इंडिया एयरलाइन्स इंडियन एयरलाइन्स थे।

बाद में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  की सरकार जब केंद्र में आई तो नागरिक विमानन क्षेत्र में निजीकरण की नीती लाई गई और तब उद्योगपतियों ने निजी विमानन कंपनी स्थापित कर अपने विमान देश के लिए उड़ाना आरंभ किए।

बता दें कि उस समय नागरिक उड्डयन मंत्री राजीव प्रताप रुडी ही थे, इसकी याद दिलाते हुए उन्होंने सदन को बताया कि उस समय जिन कंपनियों को उन्होंने या उनके प्रयास से नागरिक विमानन का प्रमाण पत्र दिया गया था, उनमें से कई कंपनियां बंद हो गई। कुछ बंद होने की कगार पर है।

इस तरीके से नागरिक विमानन क्षेत्र के प्रगति के लिए बढ़ते किराये को कम करने के उपाय की और इस क्षेत्र के व्यापक विस्तार और विकास से संबंधित मुद्दों पर की। 40 मिनट से अधिक समय उन्होंने लोक सभा में अपना सम्बोधन दिया विदित हो कि राजीव प्रताप रुडी स्वयं व्यवसायीक लाईसेंस धारण करने वाले पायलट भी हैं और देश विदेश के लिए अभी भी वायुयान उड़ाते हैं।

इसलिए उन्हें विमानन क्षेत्र की समस्याओं, उसके कार्मिकों, पायलट और क्रू मेंबर्स तक की समस्याओं का व्यावहारिक अनुभव है। अपने उसी अनुभव का उपयोग करते हुए उन्होंने विमानन क्षेत्र में एटीसी, प्रशिक्षण आदि आने वाली समस्याओं को भी रेखांकित किया। लोकसभा में बोलते हुए राजीव प्रताप रुडी ने बिहार के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का भी विषय उठाया।

उन्होंने कहा कि 14 करोड़ की आबादी वाले राज्य बिहार से मै आता हूँ जहाँ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर पटना में एक जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा है। परन्तु यहां से कोई भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं है क्योंकि इसका रनवे छोटा है। सरकार यहां 1600 करोड़ खर्च कर रही हैं। लेकिन इतना खर्च करने के बाद भी हवाई पट्टी में एक इंच का परिवर्तन नहीं हो रहा है। आज भी देश में अगर सबसे खतरनाक हवाई अड्डा है तो पटना है।

उन्होंने कहा कि मै 14 साल से कह रहा हूँ कि हमें बिहार में एक नया हवाई अड्डा चाहिए सभी समझते है और कहते है कि बिहटा में हवाई अड्डा बना बना देंगे। लेकिन बिहटा भी पटना की तरह ही होगा। जहाज के क्रैस होने का खतरा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली की तरह पटना में भी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का निर्माण होता है तो हवाई किराया भी कम होगा।

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मंत्री जनक राम को भाजपा नेता राकेश सिंह ने स्वागत किया

सोनपुर , 08 अगस्त (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री जनक राम का छपरा विकासमित्र के बैठक मे जाने के क्रम मे परसा चौक पर स्वागत किया गया.

भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश कार्य समिति सदस्य  और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के सांसद प्रतिनिधि राकेश सिंह और मंडल अध्यक्ष भूलन जी के नेतृत्व मे उनका अंग वस्त्र बुके और फुल माला से जोरदार स्वागत किया गया.

इस अवसर पर भाजपा नेता चंदन सिंह युवा मोर्चा सुमंत कुमार रामबाबू राय युवा मोर्चा कुणाल कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित थे स्वागत से अभिभूत होकर  जनक राम ने सभी लोग को धन्यवाद दिया ज्ञात हो की वह सरकारी कार्यक्रम मे छपरा प्रेक्षा गृह जा रहे थे उसी क्रम मे. भेल्दी मे भी छेत्रिय प्रभारी अनिल सिंह के द्वारा भी उनका स्वागत किया गया।

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अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की हो सकती है घोषणा

श्रीनगर 08 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री (एमओएस) रामदास अठावले ने गुरुवार को कहा कि इस साल अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा हो सकती है।

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, एमओएस ने कहा, “केंद्र इस साल अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर सकता है। अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।

अक्टूबर से पहले महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं। मंत्री ने कहा,मुझे लगता है कि अक्टूबर से पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है और अक्टूबर में चुनाव भी हो सकते हैं।”

उन्होंने लोगों से रिकॉर्ड तोड़ मतदान करने की अपील की। ​​उन्होंने दोहराया कि गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के समय घोषणा की थी कि विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।

उन्होंने लोकसभा चुनावों में यहां भारी मतदान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ उनकी आधे घंटे की बैठक काफी सार्थक रही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा,“अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से पर्यटन में काफी वृद्धि हुई है। विदेशियों सहित 2.11 करोड़ से अधिक पर्यटक यहां आ चुके हैं। लोग अब कश्मीर जाने से नहीं डरते। पहले वे आना चाहते थे, लेकिन आतंकवाद उन्हें यहां आने से रोक रहा था। उपराज्यपाल ने मुझे बताया कि कुछ अप्रिय घटनाओं के बावजूद शांति बनी हुई है।”

अठावले ने कहा,“प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति के छात्रों को दो लाख से अधिक प्री और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और ओबीसी छात्रों को 84,000 से अधिक छात्रवृत्ति दी है। जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति और ओबीसी की हिस्सेदारी आठ-आठ प्रतिशत है, लेकिन कश्मीर में एक भी अनुसूचित जाति का परिवार नहीं है।”

उन्होंने कहा,“एससी और ओबीसी के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत 74 मामले दर्ज किए गए। हम जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में एक वृद्धाश्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में, हमारे पास जम्मू-कश्मीर में 16 वृद्धाश्रम हैं।”

रामदास अठावले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में करीब 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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सरकार ने लोकसभा में पेश किया वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक

जेडीयू-टीडीपी ने किया समर्थन

नई दिल्ली 08 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  । विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ को पेश कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा नाम पुकारे जाने पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू जब सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ को पेश करने के लिए खड़े हुए तो राहुल गांधी और अखिलेश यादव सहित पूरा विपक्ष विरोध में सदन में खड़े हो गए।

विपक्षी दलों की तरफ से बोलते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल एवं इमरान मसूद, सपा से अखिलेश यादव एवं मोहिब्बुल्लाह, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, एनसीपी (शरद पवार) से सुप्रिया सुले और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी के अलावा डीएमके, आईयूएमएल, सीपीआई, सीपीआई (एम), आरएसपी, वीसीके सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसदों ने इसे संविधान और मुसलमान विरोधी बताते हुए इसे पेश करने का विरोध किया।

वहीं, एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू, टीडीपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने सरकार का साथ देते हुए इस बिल का समर्थन किया। जेडीयू की तरफ से बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि निरंकुश संस्था में पारदर्शिता लाना सरकार का काम है। यह बिल मुसलमान विरोधी नहीं है। विपक्ष को मंदिर या संस्था में अंतर नजर नहीं आ रहा है।

उन्होंने 1984 के सिख दंगों के लिए कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। वहीं, सरकार की एक अन्य सहयोगी पार्टी टीडीपी की तरफ से बोलते हुए जीएम. हरीश बालयोगी ने भी बिल का समर्थन किया।

बालयोगी ने कहा कि वक्फ बोर्ड में सुधार कर पारदर्शी व्यवस्था लाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने बिल का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि अगर इस बिल को किसी कमेटी में भेजा जाता है तो टीडीपी को कोई दिक्कत नहीं होगी।

सरकार की तरफ से जवाब देते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विरोधी दलों की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। इस सदन और सरकार को बिल लाने का अधिकार है और इससे संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल के जरिए किसी का भी कोई अधिकार नहीं छीना जा रहा है, बल्कि यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। किरेन रिजिजू ने अपने भाषण में विस्तार से इस बिल की जरूरत बताते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम महिलाओं समेत मुस्लिम समाज के अन्य पिछड़े वर्ग, बोहरा और आगाखानी जैसे वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। वक्फ बोर्ड की आमदनी को मुस्लिम वर्गों की भलाई, मुस्लिम महिलाओं और बच्चों की भलाई के लिए ही खर्च किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार 2015 से वक्फ कानून में संशोधन लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर लाखों लोगों से विचार-विमर्श कर चुकी है। उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में गठित सच्चर कमेटी और जेपीसी की सिफारिशों का जिक्र करते हुए कहा कि वे तो कांग्रेस सरकार के अधूरे कामों को ही पूरा कर रहे हैं। कांग्रेस जो काम करना चाहती थी, लेकिन नहीं कर पाई, उसे पूरा करने के लिए मोदी सरकार यह बिल लेकर आई है।

अपने भाषण के अंत में केंद्रीय मंत्री ने इस बिल को जेपीसी में भेजने का प्रस्ताव रखा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वे इस बिल को लेकर जेपीसी बनाने का काम करेंगे। इसके बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानूनों से जुड़े दूसरे विधेयक ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ को सदन में पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका भी विरोध किया।

इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में खड़े होकर कहा कि आजादी के बाद वक्फ बोर्ड के कानून में संशोधन होने के बाद ‘मुसलमान वक्फ कानून-1923’ का अस्तित्व अपने आप ही समाप्त हो गया था। लेकिन, इसे कागजों से नहीं हटाया गया। शाह ने कहा कि यह बिल (मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024) 1923 में बने (मुसलमान वक्फ कानून-1923) कानून को सिर्फ कागजों से हटाने के लिए लाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है। ध्वनिमत से यह विधेयक भी सदन में पेश हो गया।

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लोकसभा में अखिलेश यादव पर भड़के अमित शाह

आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

नई दिल्ली 08 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया।

सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए। अखिलेश यादव ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए बोला, ”यह विधेयक बहुत सोची-समझी राजनीति के तहत हो रहा है।

अगर आप एक जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे, आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया था, उसकी वजह से आज और आने वाली पीढ़ी तक को सामना करना पड़ा। सच्चाई ये है कि भाजपा अपने हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है।

आज तो आपके हमारे अधिकार कट रहे हैं, याद कीजिए मैंने आपसे कहा था कि, आप लोकतंत्र के न्यायधीश हैं, मैंने सुना है इस लॉबी में कि कुछ अधिकार आपके भी छीनने जा रहे हैं। हम लोगों को आपके लिए (स्पीकर) लड़ना पड़ेगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।”

अखिलेश यादव के इस जवाब पर गृह मंत्री अमित शाह ने भड़कते हुए कहा, “अध्यक्ष के अधिकार सिर्फ अखिलेश जी विपक्ष का नहीं, हम सब का है। आप (अखिलेश) इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते हैं। आप अध्यक्ष के अधिकार के सरंक्षक नहीं हो।”

वहीं, वक्फ संशोधन बिल को लेकर यूपी में भी सियासत तेज हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”केंद्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलंदाजी तथा मंदिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी?

सरकार राष्ट्रधर्म निभाए। मंदिर-मस्जिद, जाति, धर्म व साम्प्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया, किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केंद्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय।”

उन्होंने आगे लिखा, ”आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आई हैं, उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैंडिंग) समिति को भेजना उचित। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर।”

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फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत घुसने की कोशिश में बांग्लादेशी

एक परिवार पकड़ा, हाई अलर्ट पर BSF

कोलकाता 08 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  बांग्लादेश में संकट के बादल अभी छंटे नहीं हैं। अभी तक कई जगह हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। इसके चलते कुछ बांग्लादेशी लोग अब बिना या फर्जी दस्तावेजों के भारत आने की कोशिश कर रहे हैं। एजेंसी के अनुसार, ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। संकट के बीच सीमा शुल्क विभाग और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों को पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके अवैध आव्रजन के प्रयासों की संभावनाओं के बारे में सतर्क किया गया है।

विभाग को पहले से ही कुछ बांग्लादेशी निवासियों के नाम उपलब्ध कराए गए हैं जो इस तरह के अवैध आव्रजन के प्रयास कर सकते हैं, जिनकी एक सूची राज्य में विभिन्न सीमा चौकियों पर तैनात बीएसएफ बटालियनों के साथ भी साझा की गई है।

सूत्रों ने कहा कि अलर्ट तब जारी किया गया था जब एक बांग्लादेशी दंपति को उनके बच्चे के साथ मंगलवार शाम को अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास करते हुए पकड़ा गया था और दोनों के पास फर्जी आधार और पैन कार्ड थे।

पूछताछ के दौरान, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने इस तरह के फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज तैयार करने के लिए भारी मात्रा में पैसा खर्च किया ताकि उनके बच्चे का इलाज भारतीय अस्पतालों में हो सके। बांग्लादेश के रंगपुर के रहने वाले दो व्यक्ति इनामुल हक सोहेल और संजीदा जीनत इलाही से पूछताछ की गई। उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए, जिसके बाद उन्हें बांग्लादेश वापस भेज दिया गया।

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