नई दिल्ली ,20 नवंबर (एजेंसी)। भारत के शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) जुलाई-सितंबर 2024 में बढ़कर 50.4 प्रतिशत हो गई है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 49.3 प्रतिशत थी। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।
बढ़ती हुई श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) दिखाती है कि देश में रोजगार बढ़ रहा है।
लिंग आधार पर देखें तो शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 73.8 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 75.0 प्रतिशत हो गया।
वहीं, शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक की महिलाओं में एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2024 में बढ़कर 25.5 प्रतिशत हो गया है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 24 प्रतिशत था।
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), जिसे शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच जनसंख्या में नियुक्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है, जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 46.0 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 में 47.2 प्रतिशत हो गया है, जो रोजगार में वृद्धि का एक और संकेत है।
शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए डब्ल्यूपीआर जुलाई-सितंबर 2023 में 69.4 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 70.7 प्रतिशत हो गया है।
शहरों क्षेत्रों में 15 वर्ष या उससे अधिक के आयु के लोगों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2024 अवधि में गिरकर 6.4 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 6.6 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में बेरोजगारी दर में कमी आई है।
बेरोजगारी दर को श्रम बल में शामिल व्यक्तियों में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। लिंग के आधार पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 6.0 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 5.7 प्रतिशत हो गई।
डेटा के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 में 8.6 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 8.4 प्रतिशत हो गई।
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