तेलंगाना में नेताओं का झगड़ा सुलझाने उतरे राहुल गांधी

नई दिल्ली ,06 अप्रैल (आरएनएस)। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के अंदर गुटबाजी के वजह से बिगड़ते हालात को संभालने के लिए राहुल गांधी मैदान में उतर पड़े हैं। इस तनाव को खत्म करने के लिए राहुल गांधी ने एक पार्टी फोरम बनाने का फैसला किया है। राहुल गांधी ने तेलंगाना के पार्टी नेताओं के साथ लगभग तीन घंटे तक बैठक की। इसमें प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और एआईसीसी के इनचार्ज

मणिकम टैगोर समेत करीब 35 नेता शामिल हुए थे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा, किसी को कोई भी दिक्कत है या फिर पार्टी की कार्यप्रणाली से परेशानी है तो यह फोरम की निगाह में लाया जाएगा। इसके लिए किसी को मीडिया में जाने की जरूरत नहीं है। एआईसीसी लीडर ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ऐसे गुटों को सपोर्ट न करें जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी का साथ नहीं देते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि राज्य में पार्टी नेताओं को समझाने के लिए वह और भी समय देंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में तेलंगाना जाने का फैसला किया है। वह 28 अप्रैल को वारंगल में जनसभा भी कर सकते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि वह तेलंगाना कांग्रेस पर पूरा ध्यान देंगे लेकिन अगर नेताओं के अंदर कोई भी गलतफहमी आती है तो उसे सुलझाने के लिए वह हमेशा तत्पर रहेंगे। टैगोर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, राहुल गांधी ने 3.30 घंटे तक तेलंगाना के 38 नेताओं की बात सुनी। हम तेलंगाना में मिलकर काम करेंगे और जरूर जीत हासिल करेंगे।

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कैलाश मानसरोवर सड़क के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा केंद्र

नई दिल्ली ,06 अप्रैल (आरएनएस)। कैलाश मानसरोवर सड़क के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा. केंद्र नेपाल या चीन के बजाय उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही 650 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजान को मंजूरी देगा।
केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा संपर्क सड़क के अंतिम खंड के लिए काम शुरू करने के लिए तैयार है जो कैलाश मानसरोवर को जोडऩे की सुविधा प्रदान करेगी। उत्तराखंड से यह लिंक रोड वाहनों को तीर्थ स्थल से सिर्फ 75 किमी दूर तक ड्राइव करने की अनुमति देगा।
सरकार परियोजना पर काम में तेजी लाने के लिए लगी हुई है। केंद्र मशीनीकृत निर्माण लाने के लिए एलएंडटी से लेकर टाटा समूह की टॉप कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले ही शीर्ष फर्मों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम पूरा कर लिया गया है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अस्कोट से भारत-चीन सीमा तक पूरे 150 किलोमीटर लिंक का रोड फॉर्मेशन पूरा कर लिया है। रोड फॉर्मेशन में भौगोलिक और भूभाग की चुनौतियों के अलावा उसकी शेप को तय करना शामिल है जिस पर सड़क बनेगी। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को बीआरओ ने दुर्गम हिमालयी इलाके में सफलतापूर्वक पूरा किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अस्कोट से सीमा तक की आखिरी 80 किलोमीटर सड़क को पक्का करने के लिए फंड मंजूर करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, इस मामले में सबसे कठिन हिस्सा रोड फॉर्मेशन था। अब रोड फॉर्मेशन के साथ, रोड बनना शुरू हो जाएगा। केंद्र द्वारा जल्द ही इसकी मंजूरी दी जाएगी। हम पूरे दो लेन सड़क राजमार्ग को 2-3 साल के भीतर पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
एक बार पूरी सड़क बन जाने के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से भारत चीन सीमा तक 5-6 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि वहां से साइट पर पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगेगा। वर्तमान में दो से तीन हफ्ते में कैलाश मानसरोवर पहुंच सकते हैं। अभी के मार्ग सिक्किम या नेपाल के माध्यम से हैं।

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ओसामा सहित 8 पर एमएलसी प्रत्याशी के काफिले पर हुए हमले में केस दर्ज

सिवान ,06 अप्रैल (आरएनएस)। ओसामा सहित 8 पर एमएलसी प्रत्याशी के काफिले पर हुए हमले में  केस दर्ज. बिहार के सिवान जिला के हुसैनगंज थाना क्षेत्र में विधान परिषद चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रईस खान के काफिले पर की गई गोलीबारी के मामले में  ओसामा शहाब सहित 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

हुसैनगंज के थाना प्रभारी राम बालक महतो ने बुधवार को बताया कि रईस खान के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें ओसामा शहाब सहित आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सोमवार की रात रईस खान अपने काफिले के साथ अपने कार्यालय से वापस अपने गांव ग्यासपुर लौट रहे थे, तभी महुवल गांव के पास अपराधियों ने गोलीबारी प्रारंभ कर दी। इस दौरान एक बोलेरो गाड़ी पर सवार होकर बारात से लौट रहे सिसवन गांव के विनोद यादव की मौत अपराधियों की गोली लगने से हो गई। इस घटना में रईस खान बाल बाल बच गए, लेकिन इनके काफिले में शामिल कई लोग गोली लगने से जख्मी हो गए।

इधर, जदयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि इस घटना का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा भाई रईस खान किसी तरह बच गया इसलिए अब हिसाब तो जरूर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस घटना के बाद से सिवान के लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है।

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पीएम मोदी बोले तीन दशकों में राज्यसभा में 100 के पार पहुंची कोई पार्टी

नई दिल्ली,06 अप्रैल (आरएनएस)। पीएम मोदी बोले तीन दशकों में राज्यसभा में 100 के पार पहुंची कोई पार्टी. भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यहां मोदी ने कहा कि बीजेपी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र पर चल रही है। पीएम ने वो तीन बातें भी बताई जिनकी वजह से बीजेपी का 42वां स्थापना दिवस और ज्यादा खास हो गया है। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम योगी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

उन्होंने कहा कि आज नवरात्रि का 5वां दिन है और इस दिन मां स्कंधमाता की पूजा की जाती है। उनका आसन कमल है और दोनों हाथों में भी वह कमल ही रखती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि मां का आशीर्वाद देश के हर नागरिक और भाजपा के कार्यकर्ता को मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा के लोगों ने देश के लिए खुद को खपाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब लोगों ने मान लिया था कि सरकार कोई भी आए, देश का कुछ नहीं होगा। लेकिन आज बदलाव है और लोग मानते हैं कि देश बदल रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया में अपने हितों के लिए अडिग होकर खड़ा है।

ऐसे वक्त में जब दुनिया दो गुटों में बंटी है, तब भारत को ऐसे देश के तौर पर देखा जा रहा है जो तटस्थ होकर बात कर सकता है। आज देश के पास नीतियां भी हैं और नीयत भी है। देश के पास आज निर्णय शक्ति भी है और निश्चिय शक्ति भी है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज हम लक्ष्य तय कर रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने भाजपा की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि आज हमारी पार्टी राज्यसभा में 100 के पार पहुंच गई है। बीते तीन दशकों में यह पहला मौका है, जब किसी दल की संख्या राज्यसभा में 100 के पार पहुंच गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए यह स्थापना दिवस तीन वजहों से बेहद अहम है। पहला यह कि इस साल देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। दूसरा यह कि तेजी से बदलती दुनिया में भारत ने अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराई और तीसरा यह कि भाजपा की सरकारें 4 राज्यों में वापस लौटी हैं और तीन दशकों के बाद किसी दल को राज्यसभा में 100 से ज्यादा सीटें मिल पाई हैं। भाजपा परिवारवाद के खिलाफ है। पहली बार भाजपा ने ही इसके खिलाफ बोलना शुरू किया और इसे चुनावी मुद्दा बनाया। अब देश के युवा यह समझने लगे हैं कि परिवारवादी पार्टियां कैसे लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाले ये दल संविधान और उसकी व्यवस्थाओं को कुछ नहीं समझते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान खुद को भी भाजपा का एक कार्यकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है। उनके स्मरण में हम अगले 15 दिन सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाने जा रहे हैं, इसके दौरान पार्टी मुझे भी जो आदेश देगी, वह काम मैं करूंगा।

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रणबीर-आलिया की शादी कपूर खानदान के पुश्तैनी घर में होगी 

06.04.2022 – रणबीर-आलिया की शादी कपूर खानदान के पुश्तैनी घर में होगी .रणबीर-आलिया की शादी की खबरों से गपशप गली गुलजार है। पिछले दिनों रणबीर ने भी आलिया से शादी की खबर पर मुहर लगाई थी। हालांकि, उन्होंने इस साल अप्रैल में शादी करने की खबर को नकार दिया था। अब उनकी शादी से जुड़ीं नई जानकारियां सामने आई हैं। शादी की तारीख तो सामने नहीं आई है, लेकिन यह जरूर पता चला है कि दोनों कहां शादी करने वाले हैं।बॉलीवुड में जहां इन दिनों डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन है, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, आलिया और रणबीर की शादी मुंबई में ही होगी। बॉलीवुड की दूसरी जोडिय़ों की तरह दोनों शहर के किसी फाइव या सेवन स्टार होटल में शादी नहीं करेंगे, बल्कि कपूर खानदान के पुश्तैनी घर आरके हाउस में अपने रिश्ते को शादी का नाम देंगे।

जिस दिन से रणबीर ने शादी करने का फैसला किया, उसी दिन से उनका वेन्यू तय हो चुका था।450 लोगों को उनकी शादी का न्योता दिया गया है। कपूर खानदान में सभी लोगों को बोल दिया गया है कि वे अप्रैल के दूसरे हफ्ते में फ्री रहें। शादी के लिए आरके हाउस रणबीर ने फाइनल किया है। दरअसल, रणबीर अपनी दादी कृष्णा राज कपूर के काफी करीब थे। उनके माता-पिता ऋषि कपूर और नीतू की शादी 20 जनवरी, 1980 को आरके हाउस में हुई थी, इसलिए रणबीर भी चेंबूर के घर में अपनी शादी रचाना चाहते हैं।

कहा जा रहा है कि रणबीर-आलिया की शादी अप्रैल के दूसरे हफ्ते में आलिया के नाना नरेंद्र नाथ राजदान के कारण की जा रही है। दरअसल, वह पिछले काफी दिनों से बीमार हैं। हालांकि, अभी दोनों परिवारों ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। रणबीर-आलिया 2018 से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। सोनम कपूर के वेडिंग रिसेप्शन में दोनों ने पहली बार एकसाथ सार्वजनिक रूप से मौजूदगी दर्ज कराई थी। अयान मुखर्जी की फिल्म ब्रह्मास्त्र के सेट पर दोनों के बीच प्यार पनपा था।

आलिया का कहना है कि 11 साल की उम्र से ही उनका रणबीर पर क्रश था। उनके कमरे में रणबीर की तस्वीरें हुआ करती थीं। उन्होंने रणबीर को पहली बार फिल्म ब्लैक के सेट पर देखा था। फिल्म ब्रह्मास्त्र के जरिए रणबीर और आलिया अपने करियर में पहली बार बड़े पर्दे पर साथ नजर आएंगे। पिछले महीने के अंत में ही इस फिल्म की शूटिंग पूरी हुई है।

इस चुनौतीपूर्ण सफर को पूरा करने में दोनों ने अपने पांच साल दिए हैं। ब्रह्मास्त्र पौराणिक कथाओं और साइंस फिक्शन का मिला-जुला रूप होगा। फिल्म इस साल 9 सितंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म को पांच भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज किया जाएगा। (एजेंसी)

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घर की रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को इन तरीकों से करें साफ़

06.04.2022 – घर की रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को इन तरीकों से करें साफ़.घर की रसोई में खाना पकाया जाता हैं और इस दौरान धुआं और तेल के छींटे तो उठते ही हैं। धुएं को निकालने के लिए किचन में एग्जॉस्ट फैन और चिमनी का इंतजाम किया जाता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि इसके बावजूद भी तेल के छींटे उठते हैं और ये दीवारों पर जमने लगते हैं जिसकी वजह से दीवारों पर चिकनाई जमा हो जाती हैं। यह चिकनाई जब बढ़ती जाती हैं तो इसकी सफाई करना बहुत मुश्किल हो जाता हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आपके रसोई की दीवारों पर जमी चिकनाई को आसानी से दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में…बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा कोई भी जिद्दी दाग निकालने के लिए सबसे आसान उपाय है। किचन में से तेल के दाग हटाने के लिए एक कप गर्म पानी लें और उसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा डालें। फिर किसी कपड़े या स्पॉन्ज लेकर दाग वाली जगह पर लगाएं इससे दाग आसानी से निकल जाएगा।कार्न-स्टार्चपानी में कार्नस्टार्च मिलाकर पेस्ट तैयार करे। इस पेस्ट को तेल लगी दीवार पर लगाए और थोड़ी देर तक ऐसे ही रहने दे। इसके बाद गीले कपड़े से दीवार को पोंछते रहे, जबतक साफ न हो जाए।

नमकदाग को साफ करने के लिए नमक भी सबसे आसान तरीका है जिससे किसी भी पुराने दाग को साफ करने के लिए अपनाया जाा सकता है। दाग वाली जगह पर नमक लगा दें । थोड़ी देर के बाद उस जगह पर विनेगर स्प्रे लगा दें । कुछ देर के बाद कपड़े से साफ कर दें । दाग आसनी से साफ हो जाएगा।विनेगरहर घर के किचन में विनेगर बहुत ही आसानी से मिलने वाला लिक्विड है। इसका इस्तेमाल बेहद आसान है। एक बर्तन में विनेगर लें। एक साफ कपड़ा या फिर एक स्पॉन्ज उसमें अच्छे से डूबा कर निचोड़ लें। अब इस कपड़े या स्पॉन्ज से दाग लगी दीवार, स्विच बोर्ड आदि साफ करें।

किचन की दीवार पर लगे दाग आसानी से छूट जाएंगे। अब एक साफ कपड़े से दीवार पोंछ दें। विनेगर आपके घर की दीवार में लगे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है।नींबू का रस और सोडे का पानीकिचन में लगे जिद्दी दागों को साफ करने के लिए नींबू काटकर चिकनाई वाली जगह पर रगड़ के साफ करें। इसके बाद सोडे वाले पानी में कपड़ा डूबा कर उस जगह को फिर से साफ करें और फिर पानी से धो दें। दाग पूरी तरह से हट जाएंगे।

मैचिंग वॉल पेंटदीवार पर दाग लगे है उस दीवार को आप मैचिंग वॉल पेंट लगाकर दाग धब्बे छिपा सकते है इसके लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी और आसानी से आप दीवारों पर लगे दागों से छुटकारा पा सकते है। (एजेंसी)

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कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती

06.04.2022 – कार की सफाई इन तरीकों से करें लगेगी नई चमचमाती. हर इंसान अपनी मेहनत के पैसे से अपनी पसंद की गाड़ी खरीदता हैं और चाहता हैं कि वह हमेशा नई जैसी चमचमाती हुई रहे। इसके लिए वह अपनी गाड़ी की हमेशा साफाई करता रहता हैं। लेकिन कई बार ऐसे रास्ते पर निकलना पड़ता हैं जहां गाड़ी की हालत ज्यादा खराब हो जाती हैं। ऐसे में लोग सर्विसिंग करवाने से कतराते हैं जो महंगा पड़ जाता हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप आसानी से बिना खर्चे के ही गाड़ी की अच्छे से सफाई कर सकते हैं और इसके बाद गाड़ी नई जैसी चमचमाती दिखने लगेगी। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…कैरोसीन से कीचड़ और जंग से हो सुरक्षा, चमक भी रहे बरकरारएक कप कैरोसीन को तीन गैलन पानी के साथ बाल्टी में डालें और इस मिश्रण में स्पंज भिगोकर कार की सफाई करें। इससे पहले आपको कार पानी से भिगोना या साफ करना जरुरी नहीं है। कैरोसीन के सॉल्यूशन से गाड़ी साफ करने पर बारिश में कीचड़ या जंग लगने से गाड़ी खराब नहीं होगी।

हेयर कंडीशनरअपनी कार को धोते समय हेयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें। आप पाएंगे, कि कार बिल्कुल ऐसी चमक उठेगी, जैसे कि नए-नए में उसका वैक्स लुक दिखता है। इतना ही नहीं, उसकी सतह पर पानी भी नहीं टिकेगा यानि कि रिपल रेन सर्फेस।सॉफ्ट ड्रिंक से हटाएं गंदगीजब कभी लंबी दूरी में गाड़ी इस्तेमाल होती है तो उसकी विंड शील्ड्स को साफ करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही गाड़ी पर डस्ट के कारण लकीरें धारियां और दाग-धब्बे आ जाते है। इसे साफ करने के लिए आसान तरीका है कि इन पर सॉफ्ट ड्रिंक कोला डाल दिया जाए। ?सा करते समय बस ये ध्यान रखें, कि हुड प्वाइंट को सुरक्षित रखने के लिए विंड शील्ड के नीचे एक मोटा कपड़ा या तौलिया लगा दें। कोला में उठनेवाले बुलबुलों से जमी हुई डस्ट या मिट्टी की पर्त साफ हो जाएगी।

बस अंत में कोला डालने के बाद उसे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें अन्यथा बाद में उसकी चिपचिपाहट से गाड़ी पर फिर डस्ट या गंदगी चिपक सकती है।अपनी गाड़ी की हेडलाइट्स की पॉलिश के लिए विंडो क्लीनर का इस्तेमाल करें और पुराने लेकिन नरम मोजे से थोड़ा रगड़कर साफ करें। फिर देखिए, हेडलाइट्स कैसे चमक उठेंगी। आप चाहें, तो हेडलाइट्स या गाड़ी के शीशे चमकाने में बेबी वाइप्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।बेकिंग-सोडाकार क्लीनर-एक गैलन साइज का बर्तन लेकर उसमें एक चौथाई तक बेकिंग-सोडा डालें, इसमें एक चौथाई कप डिशवाशिंग लिक्विड और बर्तन को पूरा ऊपर तक पानी से भर लें।

एक प्लास्टिक की बोतल में इस मिश्रण को डालें और अच्छी तरह मिला लें। जब भी कार को धोना हो, इस बोतल को हिलाएं और इसमें से मिश्रण 1 कप निकालें और 2 गैलन पानी के स्तर वाली बाल्टी में निकाल लें। अब इस बाल्टी को ऊपर तक हल्के गर्म पानी से भर लें और पानी को अच्छी तरह हिला लें। आपकी गाड़ी की सफाई के लिए घर का सस्ता और अच्छी क्लीनिंग सॉल्यूशन तैयार है।

वोदका से कांच की सफाई जब आपके विंडशील्ड वाशर रेसर्वेयर में लिक्विड खत्म हो जाता है, तो आप इसे वोदका यानि शराब से खुद ही बना सकते है। एक ढक्कन वाले जग में 4 कप पानी और 2 चम्मच तरल डिटर्जेंट के साथ 3 कप वोदका (जो सबसे सस्ती आपको मिल जाए) को मिला ले। जग को बंद कर उसे अच्छी तरह हिला लें और ज़रूरत के हिसाब से रेसर्वेयर में भर लें। (एजेंसी)

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सीएम योगी ने कहा समस्याओं को गंभीरतापूर्वक करें निस्तारित

गोरखपुर, 05 अप्रैल (आरएनएस)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक अपने कार्यालयों में सुने। उनका निस्तारण गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित अवधि में कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। जमीन संबंधी मामलों के निस्तारण में पुलिस का भी सहयोग लिया जाए। टाल-मटोल वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामले जिनका निस्तारण शासन स्तर पर ही किया जा सकता है.

उन्हें निस्तारण के लिए लखनऊ भेजे।सीएम योगी आदित्यनाथ आज मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर के हिन्दूसेवाश्रम में जनता दर्शन कर रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन के इस कार्यक्रम की पुन: शुरूआत सोमवार को 5 कालीदास मार्ग से की है। इसके साथ ही हर शिकायत को पोर्टल पर दर्ज कर अधिकतम एक माह में निस्तरण की व्यवस्था तय कर दी गई है। यही नहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जिन जिलों और विभागों से संबंधित शिकायतें ज्यादा आएंगी, वहां के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

नौकरशाही पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई का चाबुक हाथ में उठा चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में जन शिकायतों एवं भ्रष्टाचार के मामले में दो जिलाधिकारी, एक एसएसपी और एक एसडीएम को अब तक निलंबित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जनता दर्शन में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि थाने में आने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित कराएं। खास और जमीन एवं राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण में विशेष ध्यान दिया जाए। जहां पुलिस बल की आवश्यकता हो, उपलब्ध कराया जाए।विधानसभा चुनाव जनता दर्शन का क्रम टूट गया था।

मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगमन की सूचना पर 95 महिला-पुरुष जनता दर्शन में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ एक-एक कर सभी के पास गए और उनकी समस्याओं का समाधान किया। जनता दर्शन में कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीएम विजय किरण आनंद, डीआईजी जे रविंद्र गौड़, एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा, मंदिर कैंप कार्यालय के प्रभारी मोतीलाल सिंह मौजूद रहे।

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ऑरेंज कैप की दौड़ में दीपक हुड्डा और केएल राहुल ने लगाई लंबी छलांग

नई दिल्ली,05 अप्रैल । ऑरेंज कैप की दौड़ में दीपक हुड्डा और केएल राहुल ने लगाई लंबी छलांग. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 का 12वां मैच लखनऊ सुपर जायन्ट्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेला गया। लखनऊ सुपर जायन्ट्स ने यह मैच 12 रन से अपने नाम कर लिया। रोमांचक मैच में लखनऊ सुपर जायन्ट्स के कप्तान केएल राहुल और दीपक हुड्डा का बल्ला जमकर गरजा और दोनों ने ऑरेंज कैप की दौड़ में जबर्दस्त छलांग भी लगाई।

दोनों ही इस रेस में टॉप-5 बैटर्स में शामिल हो गए हैं। राहुल ने 68, जबकि दीपक ने 51 रनों की पारी खेली। लखनऊ सुपर जायन्ट्स ने इस मैच में 27 रनों तक तीन विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद राहुल और दीपक ने मिलकर पारी को संभाला और स्कोर 100 रनों के पार पहुंचाया। सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से सबसे ज्यादा रन राहुल त्रिपाठी ने बनाए। मौजूदा ऑरेंज कैप होल्डर मुंबई इंडियंस के ईशान किशन हैं, जो 135 रन बना चुके हैं, इतने ही रन राजस्थान रॉयल्स के स्टार बल्लेबाज जोस बटलर ने भी बनाए हैं, लेकिन बेहतर औसत और स्ट्राइक रेट के चलते ईशान उनसे आगे हैं।

दीपक हुड्डा और केएल राहुल दोनों 100 रनों का आंकड़ा आईपीएल 2022 में पार कर चुके हैं। टॉप बैटर्स के खाते में 100 से ज्यादा रन हैं। चौथे नंबर पर चेन्नई सुपरकिंग्स के ऑलराउंडर शिवम दुबे हैं, जिन्होंने तीन मैचों में 109 रन बनाए हैं।

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कांग्रेस की मजबूती लोकतंत्र में जरूरी : सोनिया गांधी

नई दिल्ली ,05 अप्रैल (आरएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा एक बार फिर मजबूती से उभरना सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि लोकतंत्र और समाज के लिए भी अहम है। पार्टी सांसदों के साथ मीटिंग में सोनिया गांधी ने एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा डर फैलाने और धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जिन छात्रों को भारत लाया गया है, उनका करियर कैसे सुरक्षित रहे इस बात की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए। सोनिया गांधी का यह बयान पार्टी की ओर से आयोजित होने वाले चिंतन शिविर से पहले आया है।

इस शिविर में यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में पार्टी की करारी हार को लेकर मंथन किया जाएगा। सोनिया गांधी ने 5 राज्यों में हार को शॉकिंग और दर्द भरा बताते हुए कहा था कि वह निजी तौर पर इसे देखेंगी और हर स्तर पर संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। सोनिया गांधी ने सांसदों से कहा, हमारे आगे जो रास्ता है, वह बेहद चुनौतीपूर्ण है, जितना कभी नहीं था। हमारा समर्पण, संकल्प और फिर से उभरने की भावना का परीक्षण होना है। संगठन में हर स्तर पर एकजुटता बेहद अहम है। अपने बारे में बात करूं तो मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं।

कांग्रेस का फिर से मजबूत होना, सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि समाज और लोकतंत्र के लिए भी उतना ही जरूरी है।
पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने सोनिया गांधी की स्पीच को लेकर कहा कि हर स्तर पर एकजुटता जरूरी होने की बात कहकर उन्होंने कुछ लोगों को संदेश दिया है, जो राज्यों में गुटबाजी कर रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर जी-23 के नेताओं के लिए भी यह एक संदेश माना जा रहा है। 5 राज्यों में करारी हार के पीछे आपसी कलह और नेताओं का असहयोग भी एक वजह माना जा रहा है।

5 राज्यों में हार को सोनिया गांधी ने शॉकिंग और दर्दभरा बताया था। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में भी इस मुद्दे पर बात की थी और कहा था कि एकजुटता बेहद जरूरी है। पूरी चर्चा में कई नेताओं ने कहा था कि पंजाब समेत सभी राज्यों में पार्टी गुटबाजी का शिकार हुई। सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि यदि जी-23 के नेताओं के सुझावों में कुछ दम होगा तो वे उन्हें स्वीकार करेंगी। सोनिया गांधी ने कहा, शिविर का आयोजन बेहद जरूरी है। वहां पार्टी के लोगों की राय को सुना जा सकेगा। वे एक क्लियर रोडमैप दे सकेंगे। इससे हम यह तय कर पाएंगे कि भविष्य में चुनौतियों से निपटने के लिए हमें किस तरह से काम को आगे बढ़ाना है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने आर्य समाज की शादियों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाने के आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली,,05अप्रैल(आरएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आर्य समाज के एक संगठन को निर्देश दिया गया था कि विवाह करते समय उसे विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना चाहिए।

मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान और वकील वंशजा शुक्ला ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने आर्य समाज के मंदिरों द्वारा आर्य समाज के मंदिरों द्वारा किए गए आर्य समाज के विवाह को निर्देश देकर विधायिका के क्षेत्र में प्रवेश करके एक त्रुटि की है। मप्र में याचिकाकर्ता समाज को विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप अनुष्ठापन करना होगा। याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी आर्य समाज मंदिरों पर उसका अधिकार है।

वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से निर्देश दिया कि आर्य समाज मंदिरों को विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5, 6, 7 और 8 के प्रावधानों का पालन करने के बाद विवाह की अनुमति देनी चाहिए, जो पूवार्पेक्षा शर्तो के लिए प्रदान करते हैं, जैसे कि इच्छित विवाह की सूचना, प्रकाशन का प्रकाशन। नोटिस, शादी की नोटबुक, शादी पर आपत्ति और प्रक्रिया।

जस्टिस के.एम. जोसेफ और हृषिकेश रॉय ने दलीलें सुनने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी, जिसने संगठन को अधिनियम के अनुसार अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करने का निर्देश दिया, और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।
यह मामला 2020 में उच्च न्यायालय में एक अंतर-जातीय जोड़े द्वारा दायर एक याचिका से उत्पन्न हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने आर्य समाज की परंपरा के अनुसार शादी की, और राज्य सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने के लिए अदालत का रुख किया।

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सरहुल पर्व के शुभअवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए

सरहुल पर्व के अवसर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन पर सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने पूजा स्थल पहुंच कर सभी को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी।

सरना स्थल के जीर्णोद्धार का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां सिरम टोली की पावन भूमि पर आकर सुखद अनुभति हो रही हैं। हमारे मार्ग दर्शक रामदयाल मुंडा जी का कथन था  “हम आदिवासियों का चलना ही नृत्य और बोलना ही संगीत है।” हम सब आज यहां आज जुटे हैं।हमारी विचार धारा हम लोगों को खूबसूरत और सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश देता है।अपनी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करना है। जल, जंगल और जमीन हमारा है।इसे बचाना है।हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजने में योगदान देना है।अपनी व्यवस्था को भी मजबूत करना है।इस स्थल के साथ-साथ राज्य के सभी सरना स्थल का जीर्णोद्धार करने का संकल्प सरकार ने लिया है।

इस मौके पर पूर्व सांसद श्री सुबोधकांत सहाय एवं केंद्रीय सरना समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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सरहुल पर्व के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी को शुभकामनाएं दी

रांची,04.04.2022 -सरहुल पर्व की मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी को शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने करमटोली स्थित आदिवासी बालक – बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव -2022 में शामिल हुए।

आदिवासी द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद एक बार पुनः हम सब एकत्रित हुए हैं।अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है।हम जहां भी हैं, वहां सभी के साथ मिल कर अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं।आदिवासी हमेशा से द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं।मुख्यमंत्री ने कहा सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होते रहते हैं।हमें भी आदिकाल से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता है।

हॉस्टल में होंगे रसोईया और चौकीदार

मुख्यमंत्री ने बताया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित हॉस्टल्स का जीर्णोद्धार कर हॉस्टल की सभी खामियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक – बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी।यहां रहने वाले स्टूडेंट्स को भोजन भी सरकार उपलब्ध कराएगी। हॉस्टल को नया स्वरूप देने का प्रयास किया जारहा है।सरकार ने आदिवासी बच्चियों के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो।

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अफ्सपा को हटाकर केंद्र सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है

04.04.2022 – वेद प्रताप वैदिक – अफ्सपा याने आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर्स एक्ट’ को केंद्र सरकार ने असम, नगालैंड और मणिपुर के ज्यादातर क्षेत्रों से हटाकर सराहनीय कदम उठाया है 1958 में यह कानून नेहरु सरकार को इसलिए बनाना पड़ा था कि भारत के इन पूर्वी सीमा के प्रांतों में काफी अराजकता फैली हुई थी। कई बागी संगठनों ने इन प्रांतों को भारत से तोडऩे का बीड़ा उठा रखा था। उन्हें ईसाइयत के प्रचार के नाम पर पश्चिमी मुल्क भरपूर सहायता दे रहे थे और चीन समेत कुछ पड़ौसी देश भी उनकी सक्रिय मदद कर रहे थे।

इसीलिए इस कानून के तहत भारतीय फौज को असाधारण अधिकार प्रदान कर दिए गए थे। इन क्षेत्रों में नियुक्त फौजियों को अधिकार दिया गया था कि वे किसी भी व्यक्ति पर जऱा भी शक होने पर उसे गिरफ्तार कर सकते थे, उसकी जांच कर सकते थे और उसे कोई भी सजा दे सकते थे। उन्हें किसी वारंट या एफआईआर की जरुरत नहीं थी। इन फौजियों के खिलाफ न तो कोई रपट लिखवा सकते थे और न ही उन पर कोई मुकदमा चल सकता था। दूसरे शब्दों में इन क्षेत्रों की जनता मार्शल लॉ’ के तहत जीवन गुजार रही थी।

कई निर्दोष और निरपराध लोग भी इस कानून की चपेट में आते रहे हैं। लगभग इन सभी राज्यों की सरकारें इस कानून को हटाने की मांग करती रही हैं। इस कानून को हटाने की मांग को लेकर मणिपुर से इरोम शर्मिला नामक महिला ने 16 वर्ष तक लगातार अनशन किया। यह विश्व का सबसे लंबा और अहिंसक अनशन था। हालांकि यह कानून अभी हर क्षेत्र से पूरी तरह नहीं हटाया गया है, फिर भी 60 प्रतिशत क्षेत्र इससे मुक्त कर दिए गए हैं।

पिछले 7-8 सालों में उग्रवादी हिंसक घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी हुई है। सैनिकों की मौत में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मौत में 84 प्रतिशत कमी हो गई है। पिछले साल 4 दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में फौज के अंधाधुंध गोलीबार से 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना ने उक्त कानून की वापसी की मांग को काफी तेज कर दिया था। सच्चाई तो यह है कि पूर्वी सीमांत के इन इलाकों में इस तरह का कानून और पुलिस का निरंकुश बर्ताव अंग्रेजों के जमाने से चल रहा था।केंद्र की विभिन्न सरकारों ने समय-समय पर इस कानून में थोड़ी-बहुत ढील तो दी थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से हटाने का रास्ता खोल दिया है।

पिछले कुछ वर्षों में इन इलाकों के लगभग 70,000 उग्रवादियों ने आत्म-समर्पण किया है। लगभग सभी राज्यों में भाजपा या उसकी समर्थक सरकारें हैं याने केंद्र और राज्यों के समीकरण उत्तम है। 2020 का बोदो समझौता और 2021 का कर्बी-आंगलोंग पेक्ट भी शांति की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह खुद इन क्षेत्रों के नेताओं के बीच काफी सक्रिय हैं। यही प्रक्रिया चलती रही तो अगले कुछ ही वर्षों में ये सीमांत के क्षेत्र भी दिल्ली और मुंबई की तरह संपन्न हो सकेंगे।

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जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

04.04.2022 – गजेंद्र सिंह शेखावत – जल शक्ति अभियान  ”कैच द रेन- 2022” का शुभारम्भ राष्ट्रपति द्वारा 29 मार्च, 2022 को किया गया था। यह तीसरा वर्ष है, जब देश वर्षा जल के संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के लिए एक जन आंदोलन का मिशन मोड में आयोजन कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उनकी प्रेरणा से, जल शक्ति अभियान को पहली बार वर्ष 2019 में सभी को वर्षा के लिए तैयार करने’ के विजऩ के साथ शुरू किया गया था, ताकि हम वर्षाजल का अधिक से अधिक भण्डारण और उपयोग कर सकें तथा हमारे भूजल भंडार को फिर से भरा भी जा सके।

भूजल को कभी-कभी अदृश्य संसाधन कहा जाता है। हर कोई इसका इस्तेमाल करता है। यह ज्यादातर मामलों में नि:शुल्क है और उन लोगों को उपलब्ध है, जो इन स्रोतों तक पहुंच पाते हैं, या जिनके पास इसे प्राप्त करने के साधन मौजूद हैं। यह झीलों, आर्द्रभूमि और जंगल जैसे महत्वपूर्ण पारितंत्र को बनाए रखता है।भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उपलब्ध वैश्विक संसाधनों के एक चौथाई से अधिक का उपयोग करता है। भूजल ने कई दशकों से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह लाखों नलकूपों के माध्यम से हरित क्रांति की सफलता सुनिश्चित करने में प्रमुख संचालक सिद्ध हुआ है। यह सीमित संसाधन वर्तमान में 60 प्रतिशत से अधिक कृषि की सिंचाई, 85 प्रतिशत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति और 50 प्रतिशत से अधिक शहरी जल आपूर्ति की ज़रूरतों को पूरा करता है।भूजल के बढ़ते उपयोग और पुनर्भरण से अधिक दोहन के परिणामस्वरूप इस मूल्यवान संसाधन के भण्डार में महत्वपूर्ण कमी आयी है। बड़े पैमाने पर आजीविका के नुकसान से लेकर प्रवासी लोगों के लिए सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता में कमी से जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों तक, जल-संकट का गंभीर प्रभाव पड़ा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि यह वर्षा के पैटर्न को अनिश्चित बनाता है और भूजल पुनर्भरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। वर्तमान में, देश के लगभग एक तिहाई भू-जल संसाधन विभिन्न स्तरों के संकट झेल रहे हैं। छोटे एवं सीमांत किसान, महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग, भूजल की कमी और दूषित जल का सबसे ज्यादा नुकसान सहते हैं।इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से भारत सरकार ने 2019 में जल शक्ति अभियान (जेएसए) की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा सभी पंचायतों के अग्रणी कर्मियों को पत्र लिखा एवं उनसे अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान को नेतृत्व प्रदान करने का अनुरोध किया।यह मिशन मोड में एक समयबद्ध जल संरक्षण अभियान था, जिसे देश में जल-संकट झेल रहे 256 जिलों के 1,592 ब्लॉकों में जुलाई-नवंबर 2019 की अवधि के दौरान लागू किया गया था। ये ब्लॉक भूजल के सन्दर्भ में संकटग्रस्त या अत्यधिक उपयोग किये जाने की श्रेणी में आते हैं, जहां संचय होने की तुलना में भूजल को अधिक मात्रा में निकाला जा रहा था।जेएसए, भारत सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों का एक परस्पर सहयोगी प्रयास था, जिसका संचालन जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा किया जा रहा था।

इस अभियान के दौरान, भारत सरकार के अधिकारियों, भूजल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने पांच लक्षित कार्यों के त्वरित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन के लिए भारत के सबसे जल-संकटग्रस्त जिलों में राज्यों और जिला अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। जेएसए का उद्देश्य व्यापक प्रचार-प्रसार और समुदायों की भागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाना है।जेएसए ने पांच बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित किया- जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, पारंपरिक और अन्य जल निकायों का पुनरुद्धार, पानी का पुन: उपयोग और संरचनाओं का पुनर्भरण, वाटरशेड विकास और गहन वनीकरण। इसके अलावा, विशेष कार्यक्रमों में ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं और जिला जल संरक्षण योजनाओं का निर्माण, कृषि विज्ञान केंद्र मेलों का आयोजन, शहरी अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और सभी गांवों के लिए 3 डी रूपरेखा मानचित्रण आदि शामिल हैं।

राज्यों ने कई स्रोतों से संसाधनों का इस्तेमाल किया। यह निर्धारित किया गया था कि मनरेगा निधि का कम से कम 60 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन गतिविधियों, मुख्य रूप से जल संरक्षण पर खर्च किया जाना चाहिए। पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान, कैम्पा निधि, सीएसआर संसाधनों का उपयोग इन कार्यक्रमों को निधि देने के लिए किया गया था।2019 में सभी हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से 2.73 लाख जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण हुआ, 45,000 जल निकायों/टैंकों का पुनरुद्धार किया गया, 1.43 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण हुआ, 1.59 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य पूरे किये गए, 12.36 करोड़ पौधे लगाये गए और 1372 ब्लॉक जल संरक्षण योजनाओं की तैयारी की गयी।

इन आंकड़ों से अलग, अभियान ने जल पुनर्भरण और प्रबंधन के लिए काम कर रहे सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक प्रभावशाली वातावरण तैयार किया। कई राज्यों ने मूल रूप से निर्धारित कार्य की तुलना में अधिक कार्य किये। कुछ राज्यों ने अपने सभी जिलों में इस अभियान का विस्तार किया, जबकि प्रारंभ में पानी की कमी वाले जिलों के लिए ही योजना की शुरुआत की गयी थी।वर्ष 2020 में देश ने कोविड महामारी से मुकाबले की शुरुआत की थी। इसलिए, उस वर्ष पूरे तौर पर जन-आंदोलन को लागू करना संभव नहीं था। इसलिए, जल शक्ति मंत्रालय ने वर्षा जल संचयन में वृद्धि के लिए शैक्षणिक संस्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों जैसे बड़े भूखण्डों पर काम किया।

2019 में प्राप्त प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर, वर्ष 2021 में जेएसए-2019 के दायरे का विस्तार किया गया और जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए: सीटीआर) को देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी) में शुरू किया गया। जेएसए: सीटीआर को 22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर 2021 के दौरान कैच द रेन, व्हेयर फॉल्स, व्हेन फॉल्स थीम के साथ लागू किया गया था।22 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक जेएसए: सीटीआर अभियान के दौरान लगभग 42 लाख जल से संबंधित कार्य किए गए और 36 करोड़ पौधे लगाए गए। इसमें 14.76 लाख जल संरक्षण और आरडब्ल्यूएच संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव, 2.78 लाख पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार, 7.34 लाख पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण/रख-रखाव और 17.02 लाख वाटरशेड विकास संबंधी कार्य शामिल हैं।

इन कार्यों पर अकेले मनरेगा के तहत 65,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए।देश में जीवन और आजीविका के लिए पानी के महत्व को देखते हुए, जल संरक्षण कार्य को विस्तार देने के लिए वर्षा की तैयारी’ को वार्षिक कार्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। इसलिए इस वर्ष भी जल शक्ति अभियान : कैच द रेन का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। अभियान 22 मार्च, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक लागू किया जाएगा, जिसमें मानसून-पूर्व और मानसून अवधि को कवर किया जायेगा।पिछले वर्ष की तरह, जल संरक्षण और पुनर्भरण गतिविधियों में निम्न को शामिल किया जायेगा – सरकारी भवनों की प्राथमिकता के साथ सभी भवनों पर छत के ऊपर आरडब्ल्यूएचएस, सभी परिसरों में जल संचयन गड्ढे, पुराने/नए चेक बांधों/तालाबों का रख-रखाव/ निर्माण; तालाबों/झीलों से अतिक्रमणों को हटाना, तालाबों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालना, जल-प्रवाह के अवरोधों को हटाना, पारंपरिक बावडिय़ों और अन्य आरडब्ल्यूएचएस की मरम्मत करना, जलभृतों के पुनर्भरण के लिए निष्क्रिय बोरवेल/अप्रयुक्त कुओं का उपयोग करना, छोटी नदियों/नालों का कायाकल्प, आर्द्रभूमि का पुनरुद्धार और बाढ़-बांधों की सुरक्षा आदि।पर्वतीय राज्यों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इस वर्ष झरनों की पहचान, मानचित्रण और प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्रत्येक जिले से पुराने राजस्व रिकॉर्ड तथा एनआरएसए और जीआईएस मैपिंग तकनीक से प्राप्त रिमोट सेंसिंग चित्रों का उपयोग करके सभी मौजूदा जल-निकायों/जल संचयन संरचनाओं (डब्ल्यूएचएस) की सूची बनाने और भविष्य में डब्ल्यूएचएस की वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए डेटा का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय जल मिशन ने जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना तैयार करने और जिलों के जल निकायों की सूची तैयार करने के सन्दर्भ में दिशा-निर्देश तैयार किये हैं और क्रियान्वयन के लिए इन्हें सभी जिलों को भेजा गया है। कई जिलों ने इन योजनाओं को तैयार किया है और उन्हें लागू कर रहे हैं।

इस कार्य को इस वर्ष ही पूरा करने के लिए सभी जिलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जेएसए: सीटीआर अभियान 2021 के एक हिस्से के रूप में, राज्य सरकारों से सभी जिला मुख्यालयों में जल शक्ति केंद्र (जेएसके) स्थापित करने का अनुरोध किया गया था। ये जेएसके; जल, जल संरक्षण की तकनीकों और जल की बचत से संबंधित जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। जेएसके की स्थापना का उद्देश्य स्थानीय लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना था। अब तक पूरे देश में 336 जेएसके स्थापित किए जा चुके हैं। चालू वर्ष में अभियान के कार्यान्वयन के दौरान, देश के प्रत्येक जिले में जेएसके की स्थापना से संबंधित कार्यों में तेजी लाकर उन्हें पूरा किया जायेगा।

जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज संगठन, जो केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के जिला प्रशासन और स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रहे हैं, इस अभियान का हिस्सा हैं।लोग और समुदाय हमारे सभी कार्यक्रमों के केंद्र में हैं। चाहे वह हमारी नदियों का फिर से जीर्णोद्धार का प्रयास हो, जल पुनर्भरण और जल उपयोग दक्षता में सुधार हो, भूजल का सतत उपयोग करना हो, खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल करना हो- जल सुरक्षा के लिए लोगों को शामिल करना, स्थायी परिवर्तन का आधार होता है।

यह जल शक्ति अभियान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी व्यक्ति, समूह, निवासी कल्याण संगठन, स्वयं सहायता समूह, कॉर्पोरेट, मीडिया हाउस, शैक्षणिक संस्थान सभी साथ मिलकर कार्य करें।हम पर वर्तमान पीढ़ी के लिए जल-सुरक्षा और आने वाली पीढिय़ों के लिए जल सुरक्षित भारत का उत्तरदायित्व है। जय हिन्द।

(लेखक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय हैं)

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कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट

कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट.दो साल से कोरोना के साये में सख्तियों के बीच जीने को मजबूर देशवासियों को थोड़ी और राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई में अब मुंह पर मास्क लगाए रखना अनिवार्य नहीं रहा। दिल्ली में मास्क न लगाने वालों पर अब जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी 2 अप्रैल से कोविड संबंधी सारी पाबंदियां खत्म करने का एलान किया है। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में या तो पाबंदियां पूरी तरह हटा ली गई हैं या उनमें कमी लाई गई है या उस पर गंभीरता से विचार करने की बात कही गई है।

जाहिर है, इसके पीछे कोरोना के मामलों में देश भर में आई गिरावट है। रोज सामने आने वाले नए मामलों की संख्या अब बारह से साढ़े बारह सौ के बीच आ गई है। देश में कोरोना के कुल एक्टिव मामले अभी 14307 हैं। अगर इन्फेक्शन के सभी मामलों में इसका अनुपात देखें तो यह मात्र 0.03 फीसदी बैठता है। दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों में 99.4 फीसदी खाली हैं। जाहिर है, ऐसी स्थिति में कोरोना से जुड़े प्रतिबंध जारी रखते हुए लोगों की स्वाभाविक गतिविधियों में बाधा डालने का कोई मतलब नहीं बनता। इससे आर्थिक विकास की धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही प्रक्रिया भी बाधित होगी। मगर सबसे बड़ी बात इस संदर्भ में यह है कि कोरोना की महामारी का स्वरूप पहले दिन से वैश्विक रहा है।

इसलिए सिर्फ अपने देश की स्थितियों के आधार पर इसका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। और जहां तक विदेशों की बात है तो यह कई देशों में आज भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है।खासकर चीन एकाधिक बार इसे काबू में कर लेने के बावजूद अभी एक बार फिर कई इलाकों में सख्त लॉकडाउन घोषित करने पर मजबूर हुआ है। ऐसे में इसे हम बीती हुई बात के रूप में नहीं ले सकते। संभवत: इसीलिए अपने देश में भी सरकारें पाबंदिया हटाने की घोषणा करते हुए भी नागरिकों को सलाह यही दे रही हैं कि वे मास्क पहनने और दो गज दूरी रखने जैसी सावधानियों में अपने स्तर पर कमी न आने दें।

यह भी स्पष्ट है कि आम लोगों पर से भले पाबंदियां हटाई जा रही हों, अस्पतालों में आ रहे मामलों के जरिए कोरोना की स्थिति पर भी नजर रखी जाएगी और तय किए गए तबकों में तेज टीकाकरण के माध्यम से उसके खिलाफ लड़ाई भी पूरी तत्परता से जारी रखी जाएगी। इसलिए जरूरी है कि आम नागरिक पाबंदियां हटाने के इस फैसले को कोरोना से मुक्ति के संकेत के रूप में न लें। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि वायरस से लड़ाई के मौजूदा चरण में कानून की सख्ती के मुकाबले नागरिकों की समझदारी को ज्यादा कारगर माना जा रहा है।

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सफेद रंग के कपड़ों की चमक बनाए रखना चाहते हैं..!

04.04.2022 – सफेद रंग के कपड़ों को कई लोग जिन्हें पहनना बहुत पसंद होता हैं क्योंकि इनकी चमक आपके लुक को प्रभावित करती हैं। सफेद रंग के कपड़े लाइट महसूस कराने के साथ ही प्रेजेंटेबल लुक भी देते हैं। लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते तो हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता रहती हैं इनपर दाग लगने और चमक खोने की। देखा जाता हैं कि समय के साथ सफेद रंग के कपड़ों की चमक कहीं खो जाती हैं। ऐसे में आपको इसे धोते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत हैं ताकि इनकी चमक बनी रहे।

तो आइये जानते हैं कुछ तरीकों के बारे में कि कैसे आप अपने कपड़ों को सफेद और चमकदार बना सकती हैं।रंगीन कपड़ों के साथ न करें वॉश अमूमन घरों में वॉशिंग मशीन (वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के टिप्स) में जब कपड़े धुलते हैं तो हर तरह के कपड़े को एक साथ मशीन में डाल दिया जाता है।

रंगीन कपड़े धुलते वक्त थोड़ा बहुत रंग जरूर छोड़ते हैं, ऐसे में अगर मशीन के अंदर सफेद रंग के कपड़े भी मौजूद हैं तो उनमें वह रंग लग सकता है। इसलिए सफेद रंग के कपड़ों को हमेशा अलग से वॉश करें। अगर आप वॉशिंग मशीन में सफेद रंग के कपड़ों को वॉश कर रही हैं तो यूज किए हुए डिटर्जेंट के घोल से न धोएं। यूज्ड डिटर्जेंट में मौजूद गंदगी से भी सफेद रंग के कपड़े खराब हो जाते हैं। नील का उपयोग करेंयह गंदे व दाग वाले सफेद कपड़ों में एक नीले रंग का स्पर्श प्रदान करता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि पीला और नीला रंग एक दूसरे के पूरक हैं। जिस कारण नील, सफेद रंग के कपड़ों से पीले रंग के दाग या धब्बों को खत्म करने में मदद करता है और कपड़ों को एक बार फिर चमकदार सफेद और नया जैसा बनाता है। इसे सीधे कपड़ों पर न डालें, इसका इस्तेमाल पानी में मिला कर या फिर वॉशिंग मशीन में डिटर्जेंट के साथ मिलाकर ही उपयोग करें।कपड़े पर लगे दाग को ज्यादा न रगड़ें अगर सफेद रंग के कपड़े पर कोई दाग लगा है तो उसे नेचुरली हटाने की कोशिश करें। दाग वाली जगह को ज्यादा रगड़ें नहीं।

इससे दाग बेशक हल्का हो जाएगा मगर, कपड़े को ज्यादा रगडऩे से उसके धागे कमजोर हो जाएंगे, जिससे वह जल्दी फट भी सकता है। इतना ही नहीं दाग (कपड़े में लगे दाग हटाने के टिप्स) को ज्यादा रगडऩे से वह और भी फैलने लगता है। आप नींबू या विनेगर की मदद से सफेद रंग के कपड़ों पर लगे दाग को नेचुरली हटा सकती हैं।ब्लीच का इस्तेमाल सिर्फ कॉटन के कपड़ों में करेंक्लोरीन ब्लीच कुछ कपड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी वजह से सफेद कपड़ों में पीले व हल्के ग्रे रंग का दाग पड़ सकता है।

आप ब्लीच का उपयोग कपास पर सुरक्षित रूप से कर सकते हैं, लेकिन अन्य कपड़ों के लिए इसका उपयोग करने से बचें।फैब्रिक व्हाइटनर का कम करें इस्तेमाल बाजार में सफेद रंग के कपड़ों के लिए बहुत सारे फैब्रिक व्हाइटनर आते हैं। इनमें से कुछ ब्लू कलर के होते हैं। अक्सर कपड़ों में ज्यादा सफेदी लाने की कोशिश में लोग ज्यादा फैब्रिक व्हाइटनर का यूज करने लगते हैं। ऐसे में सफेद रंग के कपड़ों पर नीला रंग डॉमिनेट करने लगता है और सफेदी की जगह उनमें नीलापन झलकने लगता है । फैब्रिक व्हाइटनर को 2-3 ड्रॉप से ज्यादा कभी यूज न करें। ज्यादा डिटर्जेंट का न करें यूज सफेद रंग के कपड़ों को बहुत ज्यादा डिटर्जेंट में वॉश न करें।

इससे उनकी चमक खत्म हो जाती है और उनमें पीलापन आने लगता है। यदि आपके सफेद रंग के कपड़ों में पीलापन आ रहा है तो आप पानी में विनेगर की कुछ बूंदें डालें और उसमें सफेद रंग के कपड़े 30 मिनट के लिए डुबो कर रख दें। ऐसा करने से कपड़ा साफ भी हो जाता है और उसकी चमक भी बरकरार रहती है। तेज धूप में कपड़े को सुखाने से बचें आमतौर पर सभी लोग कपड़ों को वॉश करने के बाद धूप में सुखाते हैं।

ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है मगर, ज्यादा देर तक कपड़ों को तेज धूप में सूखने के लिए मत छोड़ें। इससे उनका रंग और चमक दोनों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आप तेज धूप में सफेद रंग के कपड़ों को सूखने के लिए छोड़ देती हैं तो वह बहुत जल्दी पीले पड़ सकते हैं। कपड़ों को हल्की धूप या फिर छांव में ही सुखाएं। (एजेंसी)

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नॉन स्टिक पैन का इस तरह से करें सही इस्तेमाल,चलेंगे सालोंसाल

04.04.2022 – नॉन स्टिक पैन आजकल घरों में इस्तेमाल बहुत होता हैं जो कि किचन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका हैं। इसमें खाना पकाना इतना आसान और हेल्दी होता है। नॉन-स्टिक सतह आपके भोजन को बर्तन से चिपकाने के जोखिम को कम करती है। दरअसल नॉन स्टिक पैन की ऊपरी सतह पर एक खास कोटिंग की जाती है जिसकी वजह से कुकिंग के दौरान खाना चिपकता नहीं है। अगर यह कोटिंग खराब हो जाती हैं तो पैन व्यर्थ हो जाता हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी जानकर नॉन स्टिक पैन का इस्तेमाल किया जाए तो ये सालोंसाल चलेंगे।

तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में…थोड़े से तेल का इस्तेमालभले ही यह एक नॉन-स्टिक पैन है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस पर थोड़े से तेल का उपयोग करना चाहिए। लेकिन इसे करने का सही तरीका क्या है? अगर आप यह जानना चाहती हैं तो हम आपको बता दें कि थोड़ा सा तेल लेकर स्पैटुला का उपयोग करके इसे बर्तन पर फैला दें। एक पेपर टॉवल का इस्तेमाल करके तेल को पोंछ लें और खाना बनाना शुरू करें।पहली बार साबुन के पानी से धोएंजब आप पहली बार कोई नॉन-स्टिक कुकवेयर घर पर लाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसे आपको सबसे पहले साबुन और गर्म पानी से साफ करना होगा ताकि इसमें मौजूद सारी गंदगी या अवशेष साफ हो जाएं।

इसके लिए एक सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करके इसे रगड़ें और फिर साफ करें। इसे पूरी तरह से सूखने दें और फिर यह उपयोग के लिए तैयार है।वेजिटेबल स्टिर फ्राईदरअसल स्टिर फ्राई वेजिटेबल एक ऐसी डिश है जिसे हाई फ्लेम पर बनाया जाता है और कैरेमलाइज करना होता है लेकिन आपको बता दें कि नॉन स्टिक पैन हाई फ्लेम की हीट को कम कर देता है। जबकि नॉन स्टिक पैन में ज्यादा हाई हीट नहीं देनी चाहिए। इससे उनकी कोटिंग पर असर पड़ता है और खाने में टॉक्सिक तत्व घुलने लगते हैं।मेटल चम्मच के इस्तेमाल से बचें अगर आप चाहती हैं कि आपके नॉन-स्टिक बर्तन लंबे समय तक चलें तो खाना पकाने के लिए कभी भी मेटल के चम्मच या चाकू का इस्तेमाल करने से बचें।

ये नुकीली चीजें बर्तन से नॉन-स्टिक कोटिंग को हटा सकती हैं। आप प्लास्टिक, लकड़ी या सिलिकॉन से बने खाना पकाने के चम्मच का इस्तेमाल कर सकती हैं।अगर ज्यादा देर पकाना होअगर नॉन स्टिक पैन में बहुत देर तक हीट दी जाए तो इसकी कोटिंग पिघलने लगेगी और इससे निकलने वाला धुंआ खाने को टॉक्सिक यानी विषैला कर देता है जो हेल्थ के लिए बुरा होता है। दरअसल 500 डिग्री फारेनहाइट पर इसकी कोटिंग पिघलने लगती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि खाने के बर्तन को कभी भी डायरेक्ट हीट ना दें।स्लो कुकिंग में ना करें यूज़स्लो कुकिंग के लिए भी नॉन स्किट पैन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

अगर आप सॉस, सूप, मीट, खीर या कोई भी डिश जिसे कम आंच पर बहुत देर तक पकाया जाता है और ये नीचे चिपकने लगते हैं तो ऐसी चीजो को भी नॉन स्टिक पैन में नहीं पकाना चाहिए। इससे आपके पैन की कोटिंग खराब होती है और ये सेहत के लिए भी नुकसानदेह होता है।हमेशा इसे पूरी तरह से ठंडा होने देंक्या आपको खाना बनाने के तुरंत बाद अपने कुकवेयर को पानी में रखने की आदत है? तो अपनी इस आदत को पूरी तरह से बदल लें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि बर्तन पूरी तरह से ठंडा हो और फिर आप इसे पानी में साफ करने के लिए डालें क्योंकि तापमान में यह भारी बदलाव नॉन-स्टिक कोटिंग को नुकसान पहुंचा सकता है।

सही तरीके से साफ करेंअपने नॉन-स्टिक कुकवेयर को साफ करने के लिए हमेशा सॉफ्ट स्पंज का इस्तेमाल करें। अगर बर्तन पर कोई धब्बे या अवशेष हैं तो इसे साफ करने के लिए बेकिंग सोडा और पानी के मिश्रण का उपयोग करें। अंत में, वेजिटेबल ऑयल में डूबे हुए कागज के साथ साफ करें।इन चीजों में करें नॉन स्टिक पैन का इस्तेमालऑमलेट, फिश, चिकेन, नूडल्स आदि को आप नॉन स्टिक पैन में आसानी से पका सकते हैं। ये सभी डिशेज काफी जल्दी बनती हैं और इन्हे अधिक देर तक पकाने की जरूरत नहीं होती। दरअसल, नॉन स्टिक पैन में मिक्स करने, टॉस करने और पलटने में समस्या नहीं आती, इसलिए मिक्स वेज, चीले, ऑमलेट जैसी चीज़ों को इस पर बहुत अच्छी तरह बनाया जा सकता है। (एजेंसी)

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उर्फी जावेद ने इस बार कपड़ों की जगह चिपका लीं अपनी तस्वीरें

04.04.2022 -उर्फी जावेद का नाम इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर हर जगह एक ही नाम छाया हुआ है। उर्फी अपने कपड़ों को लेकर रोज चर्चा में बनी रहती है। उनका लुक और उनके पोज फैंस को खूब पसंद आते है। उर्फी का नाम कई विवादों में भी आता रहता है। वो कई मुद्दों के लेकर आपनी राय रखती रहती है। अभी हाल में एक उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें वो लड़ाई करते हुए नजर आ रही थी। उर्फी अपने कपड़ों से लोगों को हरान करती रहती है।

उर्फी को आपने कभी बिकिनी में देखा होगा, तो ब्रालेट में देखा होगा, इसके अलावा बैकलेस तक में देखा होगा। लेकिन इस बार उन्होंने सभी हदें पार कर दी है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक नई ड्रेस में नजर आ रही है। जिसे देखने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।उर्फी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से फैंस के लिए अक्सर अपनी नई-नई फोटोज या वीडियो डालती रहती है।

लेकिन इस बार उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं। इस वीडियो में एक्ट्रेस किसी गाने की लिप्सिंग करती नजर रही हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात इसके आगे वाली है। उर्फी ने इस दौरान अपनी तस्वीरों से बनी ड्रेस पहन रखी है और ये फोटोज किसी कपड़े पर नहीं लगी हैं, बल्कि एक पतले से धागे से बंधी हुई हैं। इस तस्वीरों वाली को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। तो चलिए देखते है ये वीडियो।उर्फी जावेद ने कुछ समय पहले संजय लीला भंसाली को लेकर एक बड़ी बात बोली थी।

उन्होंने कहा था, मैं भला क्यों अपने कपड़े उतारना चाहूंगी? मैं यह सिर्फ इसलिए नहीं करूंगी क्योंकि आप मुझे बिना कपड़ों के देखना चाहते हैं। मैं बेवजह किसी भी प्रॉजेक्ट में बेवजह न्यूड नहीं हो सकती। लेकिन संजय लीला भंसाली की फिल्म के लेवल का प्रॉजेक्ट हो, तो इस बारे में सोच सकती हूं क्योंकि मैं उन पर पर भरोसा करती हूं। (एजेंसी)

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संघ की चिंतन बैठक देहरादून के आरोवैली आश्रम में 4 अप्रैल से

देहरादून,03 अप्रैल (आरएनएस)।संघ (आरएसएस) की चिंतन बैठक चार से 11 अप्रैल तक देहरादून के रायवाला स्थित आरोवैली आश्रम में होगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही संघ की समूची अखिल भारतीय कार्यकारिणी भाग लेगी। चिंतन बैठक में संघ के विस्तार और आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी। चिंतन बैठक के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से आएंगे और फिर वहां से कार द्वारा बैठक स्थल जाएंगे।

संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों में से कुछ तीन अप्रैल की शाम और कुछ चार अप्रैल को रायवाला पहुंचेंगे। चिंतन बैठक में संघ के कार्यो की समीक्षा के साथ ही विस्तार और भावी कार्यक्रमों को लेकर मंथन होगा।
इस बीच संघ की चिंतन बैठक को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शनिवार शाम को आरोवैली आश्रम पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने संघ प्रमुख के रूट प्लान के अनुसार की गई व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उधर, प्रशासन भी इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर चौकन्ना है। रायवाला में हनुमान चौक से लेकर आरोवैली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है।

औरोवेली आश्रम रायवाला में होने वाले संघ के चिंतन शिविर में वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आश्रम पहुंचे। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के रूट प्लान के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को जरूरी निर्देश दिए। वहीं कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हनुमान चौक से लेकर औरोवेली आश्रम तक साढ़े चार किलोमीटर मार्ग को चकाचक बनाया गया है। लोक निर्माण विभाग ने पूरे मार्ग पर कार्यक्रम स्थल के साइन बोर्ड लगाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में शिरकत करने संघ प्रमुख मोहन भागवत चार अप्रैल को रायवाला पहुंच जाएंगे। वह रायवाला जंक्शन तक ट्रेन से व इसके बाद कार्यक्रम स्थल तक का सफर कार तय करेंगे। यह कार्यक्रम पांच से 12 अप्रैल तक होना है। शिविर में आरएसएस के अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी और भाजपा के कई बड़े राष्ट्रीय व राज्य स्तर के नेता, भारत सरकार में मंत्री समेत समेत कई विशिष्ट नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है।

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श्रीलंकाई नौसेना ने भारत के 12 मछुआरों को पकड़ा,नाव जब्त की

चेन्नई,03 अप्रैल (आरएनएस)। श्रीलंकाई नौसेना ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने वाले तमिलनाडु के 12 मछुआरों को गिरफ्तार किया है और एक नाव भी जब्त की है। राज्य के मछुआरा संघ के नेता ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है। रामनाथपुरम के मछुआरा संघ के नेता जे. जेसुदासन ने बताया, कि श्रीलंकाई नौसेना नियमित रूप से तमिलनाडु से भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर रही है। हम श्रीलंकाई नौसेना की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। मछुआरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीन नाव भी थी, जो श्रीलंकाई सेना द्वारा जब्त कर ली गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और राज्य से भारतीय मछुआरों को राहत पहुंचाना चाहिए। रविवार की गिरफ्तारी के साथ, वर्तमान में श्रीलंकाई हिरासत में तमिलनाडु के मछुआरों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। रामनाथपुरम और थंगाचिमडोम के मछुआरे शनिवार रात अलग-अलग नावों में समुद्र में उतरे थे।
रविवार को यह पाया गया कि एक नाव वापस नहीं आई थी और पूछताछ करने पर पता चला कि मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार मछुआरों और नाव को श्रीलंका के मैलाडी फिशिंग हार्बर ले जाया गया और आगे की कार्रवाई के लिए जाफना में सौंप दिया जाएगा। श्रीलंकाई नौसेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने डेल्फ्ट द्वीप क्षेत्र से कई भारतीय मछली पकडऩे वाली नौकाओं का पीछा किया और 12 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उनकी नाव को भी जब्त कर लिया है।

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कश्मीरी पंडित जब अपने घरों में वापस लौटेंगे,वह दिन बहुत करीब.. : मोहन भागवत

श्रीनगर,03 अप्रैल (आरएनएस)। कश्मीरी पंडित जब अपने घरों में वापस लौटेंगे.यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कही है। भागवत ने उम्मीद जताई कि आतंकवाद की शुरुआत के बाद 1990 के दशक में अपने घरों से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी में वापस लौट आएंगे। भागवत ने जम्मू में नवरेह समारोह के आखिरी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कश्मीरी हिंदू समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह दिन बहुत करीब है जब कश्मीरी पंडित अपने घरों में वापस आएंगे और मैं चाहता हूं कि वह दिन जल्द आए।
भागवत ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित द कश्मीर फाइल्स ने कश्मीरी पंडितों की सच्ची तस्वीर और 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से उनके पलायन का खुलासा किया है। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित द कश्मीर फाइल्स 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, इसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य एक्टर्स शामिल हैं। फिल्म ने देश में पॉलिटिकल स्पेक्ट्रम का तेजी से ध्रुवीकरण किया है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, आज हर भारतीय कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्चाई के बारे में जानता है। यही वह समय है जब कश्मीरी पंडितों को अपने घरों में इस तरह वापस जाना है कि वे भविष्य में फिर कभी नहीं उखड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने वतन लौटने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि जल्द ही हालात बदल सकें।
भागवत ने कहा, कुछ इस फिल्म के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं… लेकिन इस देश के आम लोगों की राय है कि कड़वी सच्चाई को दुनिया के सामने पेश करके फिल्म ने लोगों को झकझोर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसे नतीजे भुगतने होंगे।

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अंतरराष्ट्रीय ठग व एक्सटॉर्शन गैंग को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली,03 अप्रैल(आरएनएस)। अंतरराष्ट्रीय ठग और एक्सटॉर्शन गैंग को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने भंडाफोड़ कर दिल्ली, जोधपुर और गुरुग्राम से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सीधे कनेक्शन चीन से हैं और यह गिरोह बेहद ऑर्गेनाइज्ड तरीके लोगों से पैसा उगाही करता था। पुलिस ने इस गिरोह के 25 से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज भी कराए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 16 डेबिट कार्ड, 22 चेक बुक और 26 पासपोर्ट भी जब्त किए हैं। डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने अब तक दिल्ली, जोधपुर राजस्थान, गुरुग्राम हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों से 8 लोगों को कर्ज देने के नाम पर निर्दोष लोगों से पैसे वसूलने और उन्हें धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने इस मामले में चीन से सीधे संपर्क के साथ अंतरराष्ट्रीय जालसाजों और जबरन वसूली करने वालों के एक सिंडिकेट का भी भंडाफोड़ किया गया है। यह गिरोह विभिन्न देशों से क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग करता था। इस गिरोह में शामिल 3 चीनी नागरिकों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है।

पुलिस ने बताया कि चीन में बैठे गिरोह के सरगना तक पैसा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पहुंचाया जाता था। पुलिस ने तीन चाइनीज नागरिकों का भी पता लगाया है, जो इस गिरोह से जुड़े हुए थे। पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि धोखाधड़ी और उगाही से लिए गए रकम को चीन, हॉन्गकॉन्ग और दुबई तक इन तीनों चाइनीज नागरिकों के अकाउंट में क्रिप्टो करेंसी के जरिये पहुंचाया जाता था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ये स्कैम कई करोड़ रुपये का गया। अब तक इनके एक अकाउंट में ही 8.25 करोड़ रुपये का पता चला है। साथ ही इस गिरोह के 25 और अकाउंट की भी पुलिस को जानकारी मिली है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह टारगेट के मोबाइल फोन को हैक करके उसमें एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर देते थे और फिर उसके पर्सनल डेटा को एक्सेस करते थे। इसी तरीके से ये गिरोह पीडि़त से पैसा उगाही करते थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने कई महिलाओं की फोटो के साथ छेडख़ानी कर उनसे भी उगाही की है।

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नासिक के पास जयनगर एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे

नई दिल्ली,03 अप्रैल (आरएनएस)। नासिक महाराष्ट्र के  के पास रविवार को ट्रेन हादसा   हो गया। लाहवित और देवलाली के बीच 11061 एलटीटी-जयनगर एक्सप्रेस के करीब 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। मध्य रेलवे के सीपीआरओ के मुताबिक यह हादसा करीब 3.10 बजे डाउन लाइन पर लाहवित और देवलाली (नासिक के पास) के बीच हुआ। जिसमें ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना के बाद दुर्घटना राहत ट्रेन और मेडिकल वैन मौके पुहंच चुकी है। हालांकि, हादसे में अभी तक किसी भी यात्री की जान जाने की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि हादसे में कुछ यात्रियों को चोटें आ सकती हैं। फिलहाल मौके पर मेडिकल ट्रेन को रवाना कर दिया गया है। यह हादसा कैसे हुआ इसका पता नहीं चल पाया है।

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