इमरान मसूद पर एक्शन से सियासत गरमाई, कभी बसपा को बताया था लुटेरों का गिरोह, नौ माह में ही छोड़ी थी सपा

सहारनपुर ,29 अगस्त (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच इमरान मसूद के बसपा से निष्कासन के बाद सियासी चर्चाओं को हवा मिल गई है। मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती के आदेश के बाद इमरान के निष्कासन का पत्र जारी कर दिया गया। बता दें कि कांग्रेस छोड़कर पहले सपा और फिर बसपा में शामिल हुए इमरान के अब फिर से कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। वहीं इमरान ने अभी निष्कासन को लेकर सिर्फ इतना ही कहा है कि वह सलाह लेने के बाद आगे का फैसला करेंगे।

बता दें कि इमरान मसूद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही जनवरी में कांग्रेस छोड़कर पहले सपा के सारथी बने थे, लेकिन नौ माह के भीतर ही उनका पार्टी से मोह भंग हो गया और उन्होंने सपा को अलविदा कह दिया। विधानसभा चुनाव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें कोई तवोज्जो नहीं दी, जिस कारण वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सके।

विधान परिषद चुनाव में भी उन्हें नजर अंदाज किया गया। सपा में कोई तरजीह नहीं मिलने से वह काफी समय से बसपा में जाने की तैयारी में लगे थे। इसी बीच उन्होंने दिल्ली में बसपा सुप्रीमो पूर्व मख्यमंत्री मायावती से भेंट की थी। 10 माह पहले वह बसपा में शामिल हुए थे।

कद्दावर नेता पूर्व विधायक इमरान मसूद बसपा को भाजपा का विकल्प बताते हुऐ, साईकिल की सवारी छोड़कर बसपा के हाथी पर सवार हो गए थे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि सपा में कोई तरजीह नहीं मिली। इसी कारण वह काफी समय से बसपा में जाने की तैयारी में लगे हुऐ थे। वहीं पार्टी प्रमुख मायावती ने उन्हें लखनऊ बुलाकर आशीर्वाद दिया और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी।
कभी बसपा को बताया था लुटेरों का गिरोह

पूर्व विधायक इमरान मसूद को बसपा में आने में भी नौ माह ही लग गए। पूर्व विधायक इमरान मसूद ने कांग्रेस में रहते हुए बसपा को पार्टी की बजाय लुटेरों का गिरोह बताया था। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल भी हुआ था, जिसमें वह कह रहे थे कि बसपा को वह पार्टी नहीं मानते, बसपा पैसे लूटने वालों का गिरोह है, जिसमें पैसे लेकर टिकट दिया जाता है। वहीं खुद  बसपा का दामन थामने के बाद अपने इस बयान को लेकर इमरान काफी ट्रोल भी हुए थे।

बसपा का दामन थामते ही मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

पार्टी में शामिल होते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने इमरान के पार्टी में आने पर अपने ट्वीटर एकाउंट पर ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उप्र खासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना पहचाना नाम हैं। वह अपने सहयोगियों के साथ सपा छोड़ कर बीएसपी में शामिल हो गए हैं, जिनका तहेदिल से स्वागत है, साथ ही मायावती ने इमरान को पश्चिमी यूपी बीएसपी का संयोजक बना कर पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने और खासकर अकलीयत समाज को पार्टी से जोडऩे की विशेष जिम्मेदारी सौंपी थी।

कांग्रेस से वाया सपा होते हुए बसपा का दामन थामने वाले इमरान मसूद को बसपा ने बाय-बाय बोल दिया है। बसपा ने इमरान को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निकाले जाने की बात कही है। अब सियासी गलियारे में चर्चा है कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
इमरान ने कहा कि वह जहां भी रहते हैं उस पार्टी की भलाई की बात करते हैं। किसी को बुरा लगे तो इसमें उनका कोई दोष नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने लोगों से बातचीत करेंगे। सभी की राय होगी तो राहुल गांधी के नेतृत्व में देश से संविधान विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए काम करेंगे।

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