आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सन ऑफ घोटाले का किंगपिन है : गौरव भाटिया

नई दिल्ली , 15 अप्रैल (एजेंसी)। दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के समन सियासी पारा गरम है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने काकी अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले का किंगपिंन है। गौरव भाटिया ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ही अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया गया, वैसे ही अरविंद केजरीवाल थरथर कांपने लगे हैं। जबकि अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के उप मुख्यमंत्री मनीष  सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बताते थे जो शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। गौरव भाटिया ने आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि पापी आप पार्टी भ्रष्टाचार में पूर्णरूप से लिप्त है। अरविंद केजरीवाल इस मामले को लेकर मीडिया के सामने आएंगे, इसलिए भारतीय जनता पार्टी उनसे कुछ ठोस सवाल पूछती है।

यह बात जग जाहिर हो गयी है कि शराब घोटाले का कोई किंगपिंग है तो वह अरविंद केजरीवाल हैं। यह ऐसे ही नहीं कहा जा रहा है, इसके पीछे महत्वपूर्ण कारक है कि शराब घोटाले में जो अबतक जांच हुई है उसमे इस बात को स्पष्ट करता है। केजरीवाल के इशारे के बिना आम आदमी पार्टी में पत्ता भी नहीं हिलता है और उस पार्टी ने शराब घोटाला किया है। जो स्पष्ट करता है कि केजरीवाल के इशारे पर ही शराब घोटाला हुआ है। दिल्ली की जनता जान गयी है कि केजरीवाल के इषारे पर ही शराब घोटाले हुए है।

शराब घोटाले में अरेस्ट हुए षतरंज का हाथी। अरेस्ट हुए अरविंद केजरीवल के भ्रष्ट साथी। गौरव भाटिया ने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि शराब नीति बनाने के लिए 5 फरवरी 2021 को केजरीवाल सरकार के कैबिनेट की बैठक हुई और मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर -जीओएम- की गठन की। जीओएम को निर्देष दिया गया कि एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट अध्ययन करने के बाद सिफारिश दें। इस जीओएम में तत्कालीन षराब मंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया थे, जिनको शराब घोटाले में अबतक जमानत तक नहीं मिली है।

जिनको अरविंद केजरीवाल कट्टर ईमानदार होने का सर्टिफिकेट दे रहे थे। इस जीआएम मे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन थे जो पिछले दस महीने से जेल में हैं और उनको भी जमानत नहीं मिला है। केजरीवाल जी ने सत्येन्द्र जैन को भी कट्टर ईमानदार होने का सर्टिफिकेट दिया था। जिस बैठक में शराब घोटाला की रूपरेखा तैयार होता है उस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के रूप में अरविदं केजरीवाल ने किया था। इस  शराब घोटाले की गाज केजरीवाल पर क्यों नहीं गिरनी चाहिए? जैसे जैसे कड़ियां जुड़ रही है वैसे वैसे अरविंद केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ी। डर लग रही है अरविंद केजरीवाल को। गौरव भाटिया ने कहा कि विजय नायर आम आदमी पार्टी का नेता है।

जांच एजेंसियों की जांच में यह बाते सामने आयी है कि षराब घोटाले के एक आरोपी समीर महेन्द्रू ने विजय नायर के माध्यम से केजरीवाल जी से फेस टाईम कॉल पर बातचीत की। उस बातचीत में केजरीवाल ने बोला कि विजय नायर मेरा ही बच्चा है। भ्रष्टाचार करने में पूरी तरह सच्चा है। इसका पूरा सहयोग करें। केजरीवाल जी बातएं कि क्या फेसटाईम पर समीर महेन्द्रू से बातचीत हुई या नहीं हुई। भारतीय जनता पार्टी को पूरा यकीन है कि केजरीवाल जी इस सवाल का जबाव जरूर देंगे। केजरीवाल सत्ता में आने से पहले सुषासन देने का वादा करते थे और सत्ता में आने के बाद कुशासन दिया।

गौरव भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल  शराब घोटालेबाज उसे रिश्ता क्या है। शराब माफिया  दिल्ली सरकार की नई शराब नीति बनाते हैं। एक प्रतिश्ठित दैनिक अखबार में छपा कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया के सचिव के अनुसार निजी कारोबारियों को शराब के होलसेल की जिम्मेदारी देने और शराब बिक्री का कमीशन बढ़ाकर 12 प्रतिषत करने के बारे में जीएओएम की बैठक में कोई विचार विमर्ष नहीं किए गए। मार्च 2021 को जीओएम ने अपनी रिपोर्ट दी थी। मनीष सिसोदिया ने सचिव को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया था। तो क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाला करा रहे थे? शराब घोटाले के रचयिता अरविंद केजरीवाल जी ही हैं।गौरव भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल  ने नई शराब नीति के बारे में कहा था यह बहुत अच्छी नीति है और इससे बहुत फायदा होगा। इसका मतलब था कि शराब घोटाले से भ्रष्टाचारी आप को बहुत फायदा होगा।

बाद में केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को वापस लिया, जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्णय से ही वापस लिया गया है। गौरव भाटिया ने कहा कि 25 अक्टूबर 2021 को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा इंडो स्प्रीट को एक नोटिस दिया गया। नोटिस में कहा गया कि इंडोस्प्रीट के खिलाफ षिकायत आयी है कि आपकी कंपनी ब्लैक लिस्टेड कंपनी है और कॉर्टेल चला रहे हैं। सात दिनों के भीतर जबाव दीजिए। इस कंपनी के मालिक समीर महेन्द्रू वही व्यक्ति हैं जिनसे विजय नायर ने अरविंद केजरीवाल से बात करायी थी। अरिंवंद केजरीवाल जी बताएं कि इंडोस्प्रीट कंपनी ने सात दिनों में क्या जबाव दिया?

पिछले डेढ़ साल में इंडोस्प्रीट कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की। अरविंद केजरीवाल का एक ही मोटो है लूट, खसोट और भ्रष्टाचार। यह कहन गलत नहीं होगा कि हर बोतल पर तेरा निशान, जनता बोले अरविंद केजरीवाल कट्टर बेईमान।गौरव भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से इन सवालों का जबाव मांगती है, क्योंकि यह जनता का सवाल है। केजरीवाल चाहे तो इन पांच सवालों में कम से कम जबाव का उत्तर दे दें। दुख की बात यह है कि यह भ्रष्टाचारी सिर्फ इधर उधर की बात करेंगे और जबाव नहीं देंगे। केजरीवाल जी आदतन ऐसा कहेंगे कि हम बहुत ईमानदार हैं जी। सेवा करने आए हैं जी।

अरविंद केजरीवल से इस तरह के जबाव से काम नहीं चलेगा। जनता को इन सवालों के फैक्ट का जबाव चाहिए।  न्यायाल के आदेश और कार्यवाही के अनुसार 28 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम राहत की मांग करते हैं। केजरीवाल जी जिसे कट्टर ईमान कह रहे थे सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस शराब घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया को अंतरिम राहत नहीं मिला।  बड़े बड़े भ्रष्टाचारी के अरोपी से जुड़े 14 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि विपक्षी दल के नेताओं  को प्रताड़ित करने के लिए सीबीआई-ईडी का इस्तेमाल होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विपक्षी दलों को फटकार लगायी और कहा कि नेताओं के लिए अलग से कानून नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कृपया करके न्यायालय को राजनीति अखाड़ा नहीं बनाए। यदि ऐसा मामला आत है तो न्यायालय उसके गुण दोष के आधार पर फैसला करेगी।अरविंद केजरीवाल जी ने संविधान की शपथ ली है। संविधान ने कार्यपालिका और न्यायपालिका अलग-अलग रखा है। भारतीय जनता पार्टी उम्मीद रखती है कि केजरीवाल जी को न्यायपालिका पर भरोसा होगा।सेशन कोर्ट ने 31 मार्च 2023 को शराब घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका रद् करते हुए कहा कि तत्कालीन शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं आबकारी कमिशर को निर्देश दिया था कि इंडो स्प्रीट के समीर महेन्द्रू एल-1 लाईसेंस आंबटित की जाए।

आबकारी कमिशर पर दबाव बनाने के पीछे मुख्यकारण था कि समीर महेन्द्रू से 100 करोड़ रूपए की रिश्वत ली जाए। प्रथम दृश्टया में न्यायालय की फाइंडिंग में ये बातें उभरकर सामने आयी है। कड़ी जोड़कर देखने पर सबकुछ स्पश्ट हो जाता है, समीर महेन्द्रू को केजरीवाल ने विजय नायर को अपना ही बच्चा बता रहे थे। गौरव भाटिया ने कहा कि सवाल यह उठता है कि खुद को कट्टर ईमानदार बताने वाला मुख्यमंत्री केजरीवाल जी अपने मोबाइल फोन के साक्ष्य को क्यों मिटा रहा है।

मनीष सिसोदिया के पास चार मोबाइल थे और जांच एजेंसी ने जांच के लिए चारो मोबाइल फोन की मांग तो उन्होंने महज एक मोबाइल फोन जांच एजेंसी को दी और तीन मोबाइल नष्ट कर दिए। तथाकथित कट्टर ईमानदार मनीष सिसोदिया ने तीन मोबाइल नष्ट क्यों किया? क्या ऐसा लग रहा था कि उन तीन मोबाइल से अरविंद केजरीवाल की गर्दन भी शराब घोटाले में फंस रहा था?

यह कैसी ईमानदारी है।तथाकथित कट्टर ईमानदारों को लगता है कि वे कानून से उपर हैं। भारतीय जनता पार्टी को यकिन है कि हर भ्रष्टाचारी तक कानून का हाथ पहुंचेगा।कोर्ट की कार्रवाई के अनुसार शराब घोटाले की साजिशकर्ता के रूप में मनीश सिसोदिया को माना है। इस भ्रष्टाचर के बगीचे और फूलों को पानी को कौन दे रहा था? यह बताना होगा।

अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने से पहले आंदोलन चला रहे थे तब कहा था कि मुझे अपने परिवार की कसम है कि मैं राजनीति में नहीं आउंगा। इसके बाद राजनीति में आ गए। इसके बाद केजरीवाल  ने कहा कि कसम मुझे अपने बच्चे की कि मैं कांग्रेस से समर्थन नहीं लूंगा। इसके बाद सत्ता में आने के लिए कांग्रेस का समर्थन लिया। केजरीवल ट्वीट कर कहते थे कि किसी पर आरोप लगे तो तुरंत इस्तीफा दे दो।  भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल की यादाश्त मजबूत होगी।

अरविंद केजरीवाल को यदि किसी बात का डर नही तो दूध का दूध और शराब का शरब हो जाने दीजिए। यह क्या है कि एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मीडिया में आकर सिर्फ इधर उधर की बातें कर रहे हैं।भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल  द्वारा दिए बयान के अनुसार एक पॉलिग्राफ टेस्ट लाई डिटेक्टर टेस्ट करा लीजिए और सबकुछ सामने आ जाएगा।

किन्तु केजरीवाल ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे अंदर से डरे हुए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की सरकार में सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था। किन्तु पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई और ईडी अपना काम कर रही है। जांच एजेंसी किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशन नहीं करती है और भ्रष्टाचारी को छोड़ती भी नहीं है। केजरीवाल ने कहा था कि वे ईमानदारी एवं सुशासन का चार मीनार देंगे। जबकि अरविंद केजरीवाल भ्रश्टाचार का कुतूबमीनार बन गए हैं।

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