मुख्यमंत्री ने केंद्र से बासुकीनाथ व देवघर सड़क को फोर लेन करने का किया आग्रह

रांची, 10.06.2022 – मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर बासुकीनाथ से दुमका और डुमरी से देवघर सड़क को फोर लेन करने हेतु आग्रह किया है।

आस्था का केंद्र है देवघर और बासुकीनाथ धाम

मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिए केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया है कि देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम झारखण्ड का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। हर साल श्रावण के महीने (जुलाई और अगस्त के बीच) में देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों भक्त यहां आते हैं और भगवान शिव को पवित्र गंगा जल चढ़ाते हैं। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से देवघर में श्रावणी मेला आयोजित नहीं किया गया है। हालांकि, कोरोना महामारी नहीं बढ़ने की स्थिति में इस साल मेला आयोजित होने की संभावना है।

सड़कों का नवीकरण जरूरी है

मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक स्थल की ओर जाने वाली सड़कें भी अच्छी होनी चाहिए। श्रावण मास के दौरान श्रद्धालु नंगे पैर लंबी दूरी तय कर देवघर आते हैं। श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं के सुचारू एवं निर्बाध आवागमन के लिए देवघर एवं आसपास के क्षेत्र की सभी सड़कों की मरम्मत राज्य द्वारा अपने बजटीय संसाधनों से की जा रही है। देवघर से भक्त बासुकीनाथ मंदिर जाते हैं, जो देवघर से 40 किमी दूर है। ये दोनों स्थान एनएच 114 ए से जुड़े हैं, जिसकी स्थिति जर्जर है। एनएच 114 ए के किमी 68.5 (टॉवर चौक, दुमका) से किमी 87.53 (बासुकीनाथ) तक की दो लेन सड़क को चौड़ा और मजबूत करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है। नवंबर 2021 में ठेकेदार को काम सौंपा गया था। लेकिन, ठेकेदार द्वारा संसाधन नहीं जुटा पाने के कारण कार्य को मार्च 2022 में रोक दिया गया। मरम्मत के अभाव में सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है। वर्तमान सड़क की स्थिति और श्रावणी मेले के आलोक में राज्य सरकार के पास सड़क सुधार के लिए राज्य निधि के माध्यम से आवश्यक मरम्मत कार्य करवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

रोड करिडोर के रूप में विकसित किया जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर से बासुकीनाथ का काम एनएचएआई द्वारा फोर लेन की प्रक्रिया में है। मुख्यमंत्री ने आग्रह पूर्वक कहा है कि बासुकीनाथ से दुमका तक की वर्तमान अनुशंसित दो लेन सड़क को फोर लेन रोड करिडोर के रूप में विकसित किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि रांची से देवघर तक यातायात के प्रवाह को आसान बनाने के लिए डुमरी (एनएच-02 पर) से देवघर तक की सड़क को फोर लेने के रूप में विकसित किया जा सकता है। राज्य सरकार इसके लिए सभी तरह का सहयोग करने को तत्पर है।

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सोनम बाजवा चंडीगढ़ के फैशन इवेंट को लेकर सुर्खियों में आईं

10.06.2022 – सोनम बाजवा चंडीगढ़ के फैशन इवेंट को लेकर सुर्खियों में आईं . चंडीगढ़ ने अपने पहले ब्लेंडर्स प्राइड फैशन नाइट्स की मेजबानी की, जिसमें एक्ट्रेस सोनम बाजवा शो स्टॉपर के रूप में रनवे पर चली। इससे पहले प्रियंका चोपड़ा और मलाइका अरोड़ा इस इवेंट से जुड़ चुकी हैं। सोनम बाजवा ने कहा, मैं इसका हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं इस अवसर के लिए सभी को धन्यवाद देती हूं। ब्लेंडर्स प्राइड फैशन नाइट्स एक अनूठी यात्रा है, जो फैशन और शैली के जरिए हर एक शहर की खासियत दर्शाती है।

बाजवा ने कहा, मुझे लगता है कि चंडीगढ़ एक अच्छा उदाहरण है, जो आधुनिक और पारंपरिक का एक आदर्श है। कभी-कभी जब मैं यहां मॉल में आती हूं, तो मैं महिलाओं और पुरुषों को पारंपरिक कपड़े पहने हुए देखती हूं। उनमें भरपूर आत्मविश्वास होता है। दूसरी ओर, कई लोग वेस्टर्न स्टाइल जैसे जींस और शर्ट को चुनते हैं।

एक्ट्रेस ने कहा कि वह चंडीगढ़ में पहली बार ऐसा कुछ करने के लिए ब्लेंडर्स प्राइड फैशन नाइट्स को बधाई देती है, यह पहली बार है और बेहद खास है।

बाजवा ने कहा कि चंडीगढ़ हमेशा देश में मेरे पसंदीदा शहरों में से एक रहा है। यह इतिहास और आधुनिक समय का एक सुंदर मेल है। आज, इसकी जीवंत संस्कृति और उदार विरासत को डिजाइनर सिद्धार्थ बंसल अपने डिजाइनों के जरिए प्रदर्शित कर रहे हैं। (एजेंसी)

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कई तरह के होते हैं फेस पाउडर, जानिए आपको कौन सा चुनना चाहिए

10.06.2022 – फेस पाउडर एक तरह का मेकअप प्रोडक्ट है, जिसका इस्तेमाल मेकअप को सेट करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसकी मदद से मुंहासों और महीन रेखाओं को भी छिपाने में मदद मिलती है। वैसे बाजार में पांच तरह के फेस पाउडर मौजूद हैं और अगर आपको नहीं पता कि इनमें से कौन-सा आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन हैं तो परेशान न होइए। आइए जानते हैं कि किस तरह का फेस पाउडर आपकी त्वचा के लिए बेहतरीन है।

लूज पाउडर

लूज पाउडर आमतौर पर एक छोटे कंटेनर में आते हैं, जो हल्का कवरेज और प्राकृतिक फिनिश लुक देता है और आपके मेकअप को लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद करता है। यह अतिरिक्त तेल को नियंत्रित करने में मदद करता है और मेकअप को मैट और फ्रेश लुक देता है। अगर आपकी त्वचा तैलीय या फिर मिश्रित प्रकार की है तो आपके लिए लूज पाउडर का इस्तेमाल करना अच्छा है।

प्रेस्ड पाउडर

प्रेस्ड पाउडर आसानी से इस्तेमाल करने के लिए एक नरम स्पंज के साथ कॉम्पैक्ट के रूप में आते हैं। यह पाउडर लूज पाउडर की तुलना में अधिक पिगमेंटेड होते हैं। इनमें आमतौर पर मोम और सिलिकॉन जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो एक थोड़े ठोस रूप में बदल जाते हैं। प्रेस्ड पाउडर अच्छा कवरेज प्रदान करते हैं और बिना मेकअप बेस के भी आप इसका इस्तेमाल अपने चेहरे पर कर सकते हैं।

बनाना पाउडर

बनाना पाउडर मेकअप की दुनिया में नया है। यह एक पीले रंग का टोंड पाउडर है, जो अल्ट्रा-फाइन स्थिरता में आता है। यह आपके कंसीलर को सेट करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह त्वचा पर आई किसी भी तरह की लालिमा को ठीक करता है। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है, जिनके चेहरे पर दाग-धब्बे और काले घेरे हैं। यह त्वचा को एक अच्छी हाइलाइटिंग बनावट देगा और मेकअप को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा।

मिनरल पाउडर

लूज और प्रेस्ड, दोनों रूपों में उपलब्ध मिनरल पाउडर छोटे सूक्ष्म कणों से बने होते हैं, जिनमें कोई सिंथेटिक तत्व नहीं होते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये पाउडर चेहरे पर एक सुरक्षित परत बनाता है और एक अच्छा कवरेज प्रदान करता है। आजकल बाजार में मिनरल पाउडर हर तरह की त्वचा के लिए मौजूद है, इसलिए आप अपनी त्वचा के प्रकार और इसकी जरूरत के हिसाब से ही मिनरल पाउडर का चयन करें।

पाउडर फाउंडेशन

अगर आपकी त्वचा तैलीय प्रकार की है तो आपके लिए पाउडर फाउंडेशन का इस्तेमाल करना अच्छा है। इसका मुख्य कारण है कि यह कई घंटों तक चेहरे के अतिरिक्त तैलीय प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिस वजह से मेकअप के फैलने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं, इससे आपको मैट फिनिश मेकअप लुक मिलता है। हालांकि, इसके लिए एक अच्छा गुणवत्ता वाला पाउडर फाउंडेशन ही खरीदें। (एजेंसी)

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हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स

10.06.2022 – हाथों की ड्रायनेस दूर करेंगे, ये 4 हैंड स्क्रब्स,हाथ धोना एक अच्छी आदत है और कोरोना महामारी ने तो इस बात को और अच्छी तरह से समझा दिया है। बार-बार हाथ धोने से जर्म्स और बैक्टीरिया भले ही खत्म हो जाएं लेकिन इससे हाथ भी बहुत ज्यादा रूखे हो जाते हैं। जिससे बहुत इरीटेशन होती है। तो हाथों की ड्रायनेस दूर करने से लेकर उनकी गहराई से सफाई और नमी बनाए रखने के लिए इन हैंड स्क्रब्स का करें इस्तेमाल।

1. नींबू और चीनी

नींबू और चीनी के स्क्रब के फायदे कई मायनों में अद्भुत हैं। नींबू में विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्त्रोत है। चीनी एक प्राकृतिक एक्सफोलिएटर है जो डेड स्किन सेल्स को आसानी से हटा देता है।

पैक बनाने के लिए सामग्री

85 ग्राम चीनी, 32 ग्राम नारियल या जैतून का तेल, 1 नींबू का रस
विधि

*एक कटोरी में चीनी और नींबू का रस मिलाएं।

*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करते हुए रगड़ें।

*अब पानी से धोकर हैंड क्रीम लगाएं।

2. एवॉकाडो हैंड मास्क

एवॉकाडो बायोटिन का स्त्रोत है, जो शुष्क त्वचा और नाखूनों को नर्म बनाने में मदद करता है। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो हाइड्रेट और एक्सफोलिएट करता है जबकि ऑलिव ऑयल कंडिशनिंग करता है।

पैक बनाने के लिए सामग्री

1 पका हुआ एवॉकाडो, 2 टेबलस्पून रॉ शहद, 1 टेबलस्पून जैतून का तेल, 2 टीस्पून दही
विधि

*एक ब्लेंडर में सारी चीज़ों को ब्लेंड कर लें।

*इस मिश्रण को हाथों पर लगाएं। इस पैक को लगाने के बाद 10-20 मिनट के लिए ग्लव्स पहनकर छोड़ दें। धो लें और फिर हैंड क्रीम लगाएं।

3. दलिया और एलोवेरा

दलिया, नारियल तेल और एलोवेरा जेल का मिश्रण त्वचा के लिए एक मॉयस्चराइजिंग के तौर पर काम करता है। इसे हाथों के लिए बेस्ट एक्सफोलिएटर माना जाता है।

पैक बनाने के लिए सामग्री

ग्राम दलिया, ग्राम मोटा समुद्री नमक, ग्राम नारियल तेल, टेबलस्पून एलोवेरा जेल
विधि

*एक बोल में सारी चीज़ें मिलाएं।

*हाथों पर लगाएं और 2-3 मिनट के लिए सर्कुलर मोशन में धीरे से स्क्रबिंग करें।

*नॉर्मल पानी से धो लें और फिर मॉयस्चराइजर लगा लें

4. कोकोनट ऑयल

नारियल का तेल अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो त्वचा के प्राकृतिक पीएच स्तर को सुधारने में सहायक होता है। इसके रोजाना इस्तेमाल का असर आपको कुछ ही समय में नजर आने लगेगा।

पैक बनाने के लिए सामग्री

1 चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल, 1 टेबलस्पून नारियल का बुरादा

विधि

*तेल में नारियल का बुरादा मिलाकर हाथों और क्यूटिकल्स पर रगड़ें।

*लगाने के बाद हाथों को तौलिए या किसी कपड़े से लपेट लें और पांच मिनट रखें।

*फिर हैंड वॉश कर लें और क्रीम लगा लें।

(एजेंसी)

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प्रधानमंत्री मोदी ने बदल दी भारत की नियति

अनुराग सिंह ठाकुर – प्रधानमंत्री मोदी ने बदल दी भारत की नियति. राजनीति में सात दिन एक लंबा समय हो सकता है, लेकिन किसी देश के इतिहास में आठ साल का समय बहुत कम होता है। फिर भी, इस कम समय में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की वैश्विक प्रोफाइल को बड़े पैमाने पर ऊपर उठाया है और विश्वगुरु के रूप में राष्ट्र के खोए हुए गौरव, प्रतिष्ठा और गरिमा को बहाल किया है। जैसा कि हम प्रधानमंत्री के रूप में उनके नेतृत्व के नौवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, भारत न केवल घरेलू मोर्चे पर बल्कि दुनिया में भी आगे बढ़ेगा। भारत की नियति का मार्ग दृढ़ता से निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय हित को पारंपरिक भू-राजनीति से ऊपर रखने की प्रधानमंत्री मोदी की इंडिया फर्स्ट नीति ने निस्संदेह विदेशों में भारत के उदय को प्रेरित किया है। हार्ड और सॉफ्ट पावर प्रोजेक्शन का एक निपुण संयोजन, प्रौद्योगिकी में भारत की विशेषज्ञता के एक मजबूत प्रदर्शन के साथ युग्मित है और इनका इस्तेमाल यह सुनिश्चित करेगा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के दौरान हम कोई मौका नहीं गवाएंगे और इसने इंडिया फर्स्ट नीति में जान डाल दी है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत की सभ्यतागत विरासत और इसकी संस्कृति को बेरोक-टोक बढ़ावा दिए जाने से इसे ताकत मिली है। पिछली सरकारों ने भारत की सॉफ्ट पावर को प्रोजेक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उन प्रयासों का सीमित प्रभाव पड़ा। पर्यटन से संबंधित बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किए बिना पर्यटन को बढ़ावा देना, या भारत की बहु-रंगी अपील को केवल एक स्मारक तक सीमित करना, या इससे भी बदतर, लोकप्रिय संस्कृति के सबसे निचले हिस्से को भारत की विरासत के रूप में प्रदर्शित करना, इन सब ने सॉफ्ट पावर के मोर्चे पर भारत के उदय को रोक दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव लाए हैं, कैनवास को बड़ा किया है और पूरक तत्वों को शामिल किया है। उदाहरण के लिए, इस प्राचीन भूमि से दुनिया को एक उपहार के रूप में योग अब दुनिया भर में एक घरेलू नाम है, संयुक्त राष्ट्र को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने और भारत की इस अनूठी सभ्यतागत विरासत को लोकप्रिय बनाने के लिए कई पहलों के साथ इसका समर्थन करने की पहल के लिए धन्यवाद। अतीत में, वसुधैव कुटुम्बकम एक खाली नारा बन गया था, एक क्लिच जो अपने मजबूत नैतिक अर्थ को खो चुका था। विश्व एक परिवार है कहना और भारत के सभ्यतागत लोकाचार में निहित इस शाश्वत सत्य को जीना दो अलग-अलग चीजें हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने दिखा दिया है कि भारत न केवल अपने प्राचीन संतों के ज्ञान और अपने प्राचीन ग्रंथों में निहित इस कहावत में विश्वास करता है, बल्कि इसे जीता भी है। इसलिए, जब विकसित दुनिया ने कोविड-19 वैक्सीन के साथ दूसरों की मदद करने में अनिच्छा दिखाई, तो प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोसियों के साथ-साथ दूर के देशों की भी मदद करने के लिए कदम बढ़ाया। हाल के दिनों में कई मायनों में, वैक्सीन मैत्री भारत का सबसे बेहतरीन क्षण था जब हमने दुनिया को दिखाया कि हम एक राष्ट्र और एक सभ्यता के रूप में अलग हैं; कि हम विकसित दुनिया के इस विचार से सहमत नहीं हैं कि हमें भी प्रतिकूल स्थितियों का लाभ लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के लिए वसुधैव कुटुम्बकम, केवल महामारी सहायता को लेकर ही नहीं है। भारत पहला देश था जिसने आपदा राहत के साथ संपर्क किया जब नेपाल में एक भयानक भूकंप आया, इसके बाद ही इस क्षेत्र के अन्य देशों ने इस संबंध में कार्रवाई की। ऐसे समय में जब श्रीलंका अशांत समय से गुजर रहा है, भारत ने संकट से निपटने में मदद के लिए बेझिझक कदम बढ़ाया है। काबुल के पतन और तालिबान के उदय के बाद दुनिया ने अफगानिस्तान से मुंह फेर लिया है। इस महत्वपूर्ण घटना के सुरक्षा निहितार्थों के बावजूद, भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को खाद्य राहत प्रदान करना चुना है। अतीत में, यह भारत ही था जिसने अफगानों को एक संसद भवन उपहार में दिया था और अफगानिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण बांधों में से एक का निर्माण किया था। वसुधैव कुटुम्बकुम के उदात्त सिद्धांत को जीने वाले, जिस तरह से हम दुनिया को देखते हैं और उससे जुड़ते हैं, उसमें मूल्यों को बहाल करने की भारत की सूची उतनी ही लंबी है, जितना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण व्यापक है। उदाहरण के लिए, मजबूर घरेलू कारणों से गेहूं के निर्यात पर रोक लगाते हुए भी, भारत ने यह अच्छी तरह स्पष्ट कर दिया है कि जिन देशों को गेहूं की जरूरत है, उन्हें मामला-दर-मामला आधार पर गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा। इस निर्णय के पीछे यह गहरा नैतिक विचार है कि यदि विश्व एक परिवार है तो खाद्य सुरक्षा अकेले भारत के लिए नहीं हो सकती। जबकि अन्य विश्व नेता मूल्यों और सिद्धांतों के लिए लिप सर्विस करते हैं, प्रधानमंत्री मोदी ऐसे मूल्यों और सिद्धांतों को सुनिश्चित करते हैं जो दुनिया के साथ भारत के जुड़ाव का मार्गदर्शन करते हैं। डिजिटल इंडिया की कहानी इतनी चर्चित है कि फिर से बताने की जरूरत नहीं । अब हम तीसरी सबसे बड़ी संख्या में स्टार्टअप की मेजबानी करते हैं और 100 यूनिकॉर्न का दावा करते हैं। हमारे पास बेहतरीन यूपीआई में से एक है जिसने डिजिटल भुगतान को अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक लोकप्रिय बना दिया है। दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान का प्रबंधन और निगरानी डिजिटल रूप से की गई। डिजिटल समावेशन प्रधानमंत्री मोदी की डिजिटल इंडिया नीति की आधारशिला रहा है। दूसरे देशों के विपरीत, हम प्रौद्योगिकी साझा करने के इच्छुक हैं। जलवायु पर, भारत ने अक्षय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, सशक्त विकास और हरित निवेश के मार्ग का नेतृत्व किया है, जो अनिच्छुक लोगों के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य कर रहा है। हम जो यह अभूतपूर्व उत्साह देखते हैं, भारतीयों में विश्वास है कि वे ऐसा कर सकते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि यह किया जा सकता है, यह सब व्यापक है। हमारे खिलाड़ी, यंग इंडिया के बेहतरीन उदाहरणों में से और कैन डू मोदी मंत्र से प्रेरित हैं, उत्कृष्ट हैं और घरेलू ट्राफियां ला रहे हैं जिनका हम पहले केवल सपना देख सकते थे। बॉलीवुड अब केवल एक निश्चित किस्म की लोकप्रिय संस्कृति के बारे में नहीं है। हमारे बेहद प्रतिभाशाली फिल्म उद्योग ने विश्व स्तर की विषय-सामग्री का निर्माण करने के लिए रचनात्मकता, संस्कृति और प्रौद्योगिकी को संयोजित करने के लिए आगे कदम बढ़ाया है जो विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। मनोरंजन मीडिया और प्रौद्योगिकी ने भारत को एक विषय-सामग्री उप-महाद्वीप बनाने के लिए मूल रूप से विलय कर दिया है, जो दुनिया भर में सामग्री उत्पादकों के लिए एक आदर्श मंच है। भारत विषय-सामग्री का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक दोनों बनने की ओर अग्रसर है। हाल ही में, भारत को कान्स में इस साल के कंट्री ऑफ ऑनर के रूप में नामित किया गया है। भारत की विशालता – और इस महान राष्ट्र के बारे में दुनिया को अभी तक क्या पता चला है – इसका उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विश्व के नेताओं के लिए दिए गए उपहारों से है। कोई भी दो उपहार एक जैसे नहीं होते, कोई भी दो उपहार एक ही जगह से नहीं आते। प्रत्येक अद्वितीय है, प्रत्येक अपने सच्चे अर्थों में भारत की सॉफ्ट पावर के महान मोज़ेक के एक छोटे से टुकड़े का प्रतीक है; प्रत्येक एक सभ्यतागत राष्ट्र के रूप में भारत की ऊंचाइयों और उपलब्धियों की महानता का जश्न मनाता है। भारत आज मंगल और चंद्रमा पर मिशन भेज सकता है ; भारत सुपरसोनिक मिसाइल और एयरक्राफ्ट कैरियर बना सकता है ; भारत बेहतरीन रचनात्मक चिंतन पैदा कर सकता है; भारत बुनियादी ढांचे की कमी को तेजी से पूरा कर सकता है; भारत अन्य देशों की तुलना में एक महामारी का बेहतर प्रबंधन कर सकता है और अपनी अर्थव्यवस्था को किसी अन्य देशों की तुलना में तेजी से पुन: आगे बढ़ा सकता है; भारत गरीबी और असमानता को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है; और, भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में खड़ा हो सकता है। जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, यह माना जाना चाहिए कि इन आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने आने वाले दशकों के लिए भारत के बेरोक-टोक उत्थान की नींव रखी है। भारत अपने घरेलू मोर्चे पर खुद समृद्ध होता रहेगा और राष्ट्रों के समूह में भारत का कद बढ़ता रहेगा।

एक प्राचीन सभ्यता के रूप में आज की दुनिया में अपना सही स्थान पा रहा है, भारत को विश्व गुरु के रूप में स्वीकार किया जाएगा – एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर राष्ट्र जो नेतृत्व और प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सचमुच और निसंदेह भारत की नियति को बदल दिया है।

(लेखक भारत के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा खेल एवं युवा कार्य मंत्री हैं)

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भारत की जानलेवा सड़कें. सड़क हादसे एक तरह की आपदा हैं

भारत की जानलेवा सड़कें. सड़क हादसे एक तरह की आपदा हैं, जो अचानक किसी परिवार पर टूट पड़ती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसे रोकने की कोशिशें प्रभावी नहीं हुई हैँ। नतीजतन, हादसे अधिक जानलेवा होते जा रहे हैँ।

भारत में अगर जान की कीमत समझी जाती, तो बेशक यह एक बड़ी खबर बनती। लेकिन शायद ही इसकी वैसी चर्चा हुई, यह खबर जिसके लायक है। यह खबर बताती है कि सड़क हादसे भारत में लोगों की मृत्यु, विकलांगता, और अस्पताल में भर्ती होने के प्रमुख कारणों में से एक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की है। उसके मुताबिक दुनिया भर में सड़क हादसों में मरे 10 लोगों में से कम से कम एक भारत से होता है।

भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने “रोड एक्सिडेंट्स इन इंडिया-2020” नाम की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क पर घातक दुर्घटनाओं की चपेट में सबसे अधिक युवा आ रहे हैं। उसका उनके परिवारों पर क्या असर होता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि साल 2020 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,31,714 लोगों की जान गई और 3,48,279 लोग घायल हुए। हर एक सौ सड़क हादसे में 36 लोगों की जान गई, जबकि 2019 में ये संख्या 33 थी।

यानी उस साल सड़कों पर अधिक मौत हुई, जिसमें कई महीने लॉकडाउन में गुजरे थे। 2020 में सड़क हादसों की चपेट में आने वालों में 18-45 साल के आयु वर्ग युवा वाले वयस्कों का हिस्सा 69 प्रतिशत था। जबकि 18-60 वर्ष के लोगों की हिस्सेदारी कुल सड़क दुर्घटनाओं में 87.4 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि 2020 में ट्रैफिक नियम उल्लंघन की श्रेणी के तहत ओवर स्पीडिंग के तहत 69.3 फीसदी लोगों की मौत हुई, जबकि गलत दिशा में गाड़ी चलाने से हुए हादसे में 5.6 फीसदी लोगों की जान गई। सड़क पर होने वाले हादसे के कारण पीडि़त और उसके परिवार पर आर्थिक बोझ भी पड़ता है।

असामयिक मौतों, चोटों और विकलांगताओं के कारण संभावित आय का नुकसान होता है। यानी सड़क हादसे एक तरह की आपदा हैं, जो अचानक किसी परिवार पर टूट पड़ती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसे रोकने की कोशिशें प्रभावी नहीं हुई हैँ। नतीजतन, हादसे अधिक जानलेवा होते जा रहे हैँ।

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पाकिस्तान के तीन टुकड़े?

वेद प्रताप वैदिक – पाकिस्तान के सत्तारुढ़ और विपक्षी नेताओं में इस बात को लेकर वाग्युद्ध चल पड़ा है कि क्या पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जाएंगे? इमरान खान ने एक साक्षात्कार में कह दिया कि अगर फौज ने सावधानी नहीं बरती तो पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो सकते हैं। उनका अभिप्राय यह था कि शाहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री के तौर पर कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। देश में महंगाई, भुखमरी और गरीबी तेजी से बढ़ रही है। पाकिस्तान की फौज इतने बुरे हालात पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?

जिस फौज ने इमरान खान को सत्ता से धकियाया, उसी फौज से वे पाकिस्तान को बचाने का अनुरोध कर रहे हैं। इमरान के बयान पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं। शाहबाज शरीफ आजकल तुर्की में हैं। वे कह रहे हैं कि मैं देश के बिगड़े हुए हालात को काबू करने के लिए बाहर दौड़ रहा हूं और इमरान गलतबयानी करके कह रहे हैं कि पाकिस्तान का हाल सीरिया और अफगानिस्तान की तरह हो रहा है।

इमरान ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान का खजाना खाली हो गया है। फौज अगर कमजोर पड़ गई तो परमाणु अस्त्र का ब्रह्मास्त्र निरर्थक हो जाएगा। ऐसी हालत में अमेरिका और भारत मिलकर कब पाकिस्तान के टुकड़े कर देंगे, कुछ पता नहीं। इमरान को अगला चुनाव जीतना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए यह जरुरी है कि वह अमेरिका और भारत को कोसें। लेकिन जहां तक पाकिस्तान के तीन टुकड़े होने का सवाल है, सच्चाई तो यह है कि उसके तीन नहीं, चार टुकड़े करने की मांग बरसों से हो रही है।

जब केंद्र की सरकार थोड़ी कमजोर दिखाई पड़ती हैं तो पाकिस्तान के टुकड़ों की मांग जोर पकडऩे लगती है। ये चार टुकड़े हैं— पख्तूनिस्तान, बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब! पंजाब सबसे अधिक शक्तिशाली, संपन्न, बहुसंख्यक और शासन में आगे है। इन प्रांतों के अलगाववादी नेताओं से पाकिस्तान में मेरी कई बार मुलाकातें हुई हैं। उनमें अफगानिस्तान, ईरान, अमेरिका और ब्रिटेन में भी खुलकर बातें हुई है।

कई पठान, बलूच और सिंधी नेता इस तरह की बाते करते रहते है। पर पाकिस्तान के तीन या चार टुकड़े होना न उनके लिए फायदेमंद है, न भारत के लिए। अभी तो भारत को सिर्फ एक पाकिस्तान से व्यवहार करना पड़ता है। फिर चार-चार पाकिस्तानों से करना पड़ेगा और यह भी देखना पड़ेगा कि आपसी दंगलों की आग कहीं भारत को न झेलनी पड़ जाए।

भारत को मध्य एशिया और यूरोप के रास्तों की भी किल्लत बढ़ जाएगी। इसके अलावा इन सब छोटे-मोटे देशों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती चली जाएगी, जिसका बोझ भी आखिरकार भारत को ही सम्हालना पड़ेगा। इसके अलावा स्वयं पाकिस्तान एक कमजोर और भूवेष्टित देश बन जाएगा। भारत तो चाहता है कि उसके सारे पड़ौसी देश संपन्न और सुरक्षित रहें। वे टूटे नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ जुड़ते चले जाएं।

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आज का राशिफल

मेष: दौड़-भाग भरा दिन आपको तुनकमिज़ाज बना सकता है। बिना बताये आज कोई देनदार आपके अकाउंट में पैसे डाल सकता है जिसके बारे में जानकर आपको अचंभा भी होगा और खुशी भी। अपने परिवार को पर्याप्त समय दें।

वृष: रचनात्मक शौक़ आज आपको सुक़ून का एहसास कराएंगे। आज आपको अपने भाई या बहन की मदद से धन लाभ होने की संभावना है। दोस्तों का साथ राहत देगा।

मिथुन: सेहत अच्छी रहेगी। आज आप अपने घर के वरिष्ठ जनों से पैसे की बचत करने को लेकर कोई सलाह ले सकते हैं और उस सलाह को जिंदगी में जगह भी दे सकते हैं।

कर्क: सेहत बढिय़ा रहेगी। पैसे की अहमियत को आप अच्छे से जानते हैं इसलिए आज के दिन आपके द्वारा बचाया गया धन आपके बहुत काम आ सकता है और आप किसी बड़ी मुश्किल से निकल सकते हैं।

सिंह: आपकी सकारात्मक सोच पुरस्कृत होगी, क्योंकि आप अपनी कोशिशों में क़ामयाबी पा सकते हैं। जीवनसाथी से पैसों से जुड़े किसी मुद्दे को लेकर आज बहस होने की आशंका है।

कन्या: दूसरों के लिए खऱाब नीयत रखना मानसिक तनाव को जन्म दे सकता है। साथी को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने से बचें।
तुला: दोस्तों का रुख़ सहयोगी रहेगा और वे आपको ख़ुश रखेंगे। आज बिना किसी की मदद के ही आप धन कमा पाने में सक्षम होंगे।

वृश्चिक: बचपन की यादें आपके मन पर छायी रहेंगी। आपके तनाव और परेशानी की एक बड़ी वजह बचपन की मासूमियत को जीने की चाह है, इसलिए खुलकर जिएं।

धनु: मुस्कुराएं, क्योंकि यह सभी समस्याओं का सबसे उम्दा इलाज है। आपके भाई-बहनों में से कोई आज आपसे पैसे उधार मांग सकता है। इससे आपके आर्थिक हालात खराब हो सकते हैं।

मकर: रचनात्मक काम आपको सुक़ून देगा। आज आप अच्छा पैसा कमाएंगे, लेकिन ख़र्च में इज़ाफ़ा आपके लिए बचत को और ज़्यादा मुश्किल बना देगा। यात्राओं से तुरंत लाभ तो नहीं होगा, लेकिन इसके चलते अच्छे भविष्य की नींव रखी जाएगी।

कुंभ: दूसरों के साथ ख़ुशी बांटने से सेहत और खिलेगी। व्यापाार में मुनाफा आज कई व्यापारियों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। जीवनसाथी आपका ख्याल रखेगा।

मीन: आप जल्द ही लंबे समय से चली आ रही बीमारी से उबरकर पूरी तरह सेहतमंद हो सकते हैं। आज आपके ऑफिस का कोई सहकर्मी आपकी कीमती वस्तु चुरा सकता है।

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योग से मन और शरीर दोनों का विकास होता है : सर्बानंद सोनोवाल

जीरो वैली,09 जून (आरएनएस)।योग से मन और शरीर दोनों का विकास होता है.  केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं राजमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2022 के 12 दिन के काउंटडाउन के तहत अरुणाचल प्रदेश की सुरम्य जीरो वैली में हुए योग उत्सव में भाग लिया।
केंद्रीय मंत्री के साथ ही अरुणाचल प्रदेश सरकार में शिक्षा, सांस्कृतिक मामले, स्वदेशी मामलों के मंत्री ताबा तेदिर और अरुणाचल प्रदेश सरकार में कृषि, बागवानी, पशु पालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री तेगे तेकी के अलावा कई अन्य योग के चाहने वाले आज सुबह हुए योग उत्सव में शामिल हुए।
इस अवसर पर सोनोवाल ने कहा कि योग मन और शरीर दोनों का विकास करता है। यह हमारी आत्मा को सक्रिय करते हुए हमें शांति और व्यवस्थित रखता है। उन्होंने कहा कि भवगद् गीता ने योग के सार को खूबसूरती से बताया है, जो स्वयं की, स्वयं के माध्यम से, स्वयं की यात्रा है। उन्होंने कहा, मैं आज सुबह खूबसूरत जीरो वैली में योग का अभ्यास करके खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को पठानकोट पहुंचेंगे

शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद, दौरे को सफल बनाने में जुटा सरकारी अमला

पठानकोट (पंजाब),09 जून (आरएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को पठानकोट पहुंचेंगे। हालांकि, पठानकोट में उनका कोई कार्यक्रम नहीं है। वह जम्मू-कश्मीर से हिमाचल जाते वक्त थोड़ी देर पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर रुकेंगे। जिलेभर का अमला उनके दौरे को सफल बनाने में जुटा है। राष्ट्रपति के हिमाचल दौरे को लेकर जहां पठानकोट में सुरक्षा बढ़ाई गई है, वहीं, शहर में साफ-सफाई की भी पूरी व्यवस्था की गई है।

सड़क के किनारे लगी रेहडिय़ों को हटवा दिया गया है, सड़कों की सफाई करवाई जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि बेशक राष्ट्रपति सेना के विशेष विमान से पठानकोट आएंगे और यहां से चॉपर में हिमाचल के लिए रवाना होंगे लेकिन इस दौरान अगर मौसम खराब हुआ या कोई तकनीकी समस्या आती है तो सड़क मार्ग को विकल्प के रूप में रखना पड़ता है। इसी उद्देश्य से गाडिय़ों का प्रबंध करवाया गया है और शहर में सफाई व्यवस्था से लेकर सड़क के किनारे लगी रेहडिय़ों को हटवाया गया है। ताकि उस समय किसी किस्म की कोई परेशानी पेश न आए।

बुधवार रात को हेलीकॉप्टर से जांची गई सुरक्षा व्यवस्था

राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर बुधवार शाम से ही जिला में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बुधवार को रात भर एयरफोर्स ने हेलीकॉप्टरों के जरिये सुरक्षा व्यवस्था को यकीनी बनाया। एयरफोर्स के साथ सटे एरिया में सड़क के किनारे वाहनों को खड़े नहीं होने दिया जा रहा। नाकों पर बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है।

12 बजे के बाद पठानकोट आएंगे राष्ट्रपति

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति 12 बजे के बाद विशेष विमान से पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। पठानकोट में अधिकारियों से मिलने के बाद वह चॉपर से हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना होंगे। उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है। उनके साथ वैकल्पिक तौर पर चलने वाले काफिले के लिए गाडिय़ों का प्रबंध कर दिया गया है। निगम द्वारा एसडी कॉलेज से लेकर मामून तक करवाई गई सफाई व्यवस्था का भी डीसी ने खुद जायजा लिया।

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स्वतंत्रता सेनानी, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को फिल्मकार राजेश मित्तल ने किया नमन और दी श्रद्धांजलि

09.06.2022 – झारखंड के वीर सपूत देश के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 122वीं शहादत दिवस के मौके पर प्रत्येक वर्ष की भांति 9 जून 2022 को भी रणजीत स्टूडियो दादर (मुम्बई) स्थित आर एन फिल्म्स के कार्यालय में झारखंड की धरती से जुड़े फिल्मकार राजेश मित्तल ने अपने प्रोडक्शन हाउस के सभी सहकर्मियों के साथ बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना व माल्यार्पण किया एवं श्रद्धा सुमन अर्पित की।

इस मौके पर फिल्मकार राजेश मित्तल ने अमर शहीद क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की समाज के उत्थान के लिए उनके संघर्षपूर्ण जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा आजीवन देश के आजादी के लिए एवं आदिवासी समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए लड़ते रहे। सर्वव्यापी महामारी कोरोना की वजह से उत्त्पन्न हालात में बिरसा मुंडा  द्वारा बताए  गए संदेशों को आत्मसात कर  विपरीत परिस्थितियों को भी हम अपने अनुकूल बना सकते हैं।

विदित हो कि 80 के दशक से बॉलीवुड में क्रियाशील राजेश मित्तल अब तक 45 हिंदी फीचर फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। क्रन्तिकारी बिरसा मुंडा के जीवन गाथा पर भी एक बायोपिक फ़िल्म-‘बिरसा-द ब्लैक आयरन मैन’ और ऐतिहासिक फ़िल्म-‘झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई’ राजेश मित्तल बना चुके हैं। बायोपिक फ़िल्म ‘बिरसा-द ब्लैक आयरन मैन’ 2004 में प्रदर्शित हुई थी।

बॉलीवुड में राजेश मित्तल को छोटे बजट की फिल्मों का स्टार फ़िल्म मेकर माना जाता है। फ़िल्म निर्माण के साथ साथ अब राजेश मित्तल फ़िल्म वितरण व्यवसाय से भी जुड़ गए हैं और अपनी प्रतिभा के बदौलत बॉलीवुड में झारखण्ड का नाम रौशन कर रहे हैं।

प्रस्तुति: काली दास पाण्डेय

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म्यूजिकल थ्रिलर भोजपुरी फिल्म ‘हटा सावन की घटा’ 

09.06.2022 –  ए०आर० सिनेमा एवं एस. एस. पी. फिल्म्स एंड एंटरटेनमेंट के संयुक्त तत्वाधान में बनने वाली म्यूजिकल थ्रिलर भोजपुरी फिल्म ‘हटा सावन की घटा’ की घोषणा प्रोड्यूसर अमरेन्द्र कुमार मिश्र तथा श्वेता भारती ने पिछले दिनों गुरुकृपा स्टूडियो, आदर्श नगर, अंधेरी (पश्चिम),मुंबई में की।

 निर्देशकद्वय अमरेन्द्र कुमार मिश्र व मणिशंकर प्रसाद के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म में अभिनेता आनंद देव मिश्र उर्फ ए डी एम पावर के साथ नवोदित अभिनेत्री अर्चना सिंह अपना जलवा बिखेरती नज़र आएगी। अन्य कलाकारों में कृष्णा मोहन, मसूर लाल, डॉ० सलिल, मणिशंकर प्रसाद और प्रकाश के नाम प्रमुख हैं। इस म्यूजिकल थ्रिलर फिल्म के संगीतकार हर्ष स्मिथ हैं।

माइंस क्षेत्रों में खनन को लेकर व्याप्त भ्रष्टाचार को इस फिल्म की कथावस्तु का आधार बनाया गया है। अन्य कास्ट व क्रेडिट की चयन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद इस फिल्म के शूटिंग अगस्त में झारखंड के धनबाद सिटी व सिन्दरी के रमणीय लोकेशनों में की जाएगी।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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रुबिना दिलैक इंटरनेट पर फिर छाई,  लुक देख फैंस हुए फि़दा

09.06.2022 – रुबिना दिलैक इंटरनेट पर फिर छाई,  लुक देख फैंस हुए फि़दा. टेलीविजऩ जगत की मशहूर अभिनेत्री रुबीना दिलैक का नाम इंडस्ट्री की टॉप अभिनेत्रियों की लिस्ट में शुमार है। रुबीना बिग बॉस 14 की विजेता भी रह चुकी हैं। रुबीना दिलैक शीघ्र ही बॉलीवुड में एंट्री करने जा रही हैं। टेलीविजऩ से बॉलीवुड तक का सफर जल्द ही तय करने जा रही हैं।

रुबीना दिलैक की फिल्म अर्ध 10 जून को रिलीज के लिए तैयार है। इस बीच रुबीना खतरों के खिलाड़ी की शूटिंग में बिजी हैं। फिल्म अर्ध में रुबिना दिलैक के साथ राजपाल यादव दिखाई देंगे। हाल ही में फिल्म का ट्रेलऱ रिलीज किया गया है। वही हाल ही में रुबीना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ नई फोटोज साझा की हैं, जिनमें वो बला की खूबसूरत लग रही हैं।

प्रिटेंट ब्लू ड्रेस पहने उस पर सिल्वर ज्वैलरी कैरी करतीं रुबीना दिलैक बेहद खूबसूरत लग रही हैं। बता दें कि खतरों के खिलाड़ी 12 के लिए रुबीना इन दिनों कैपटाउन में शो के एपिसोड शूट कर रही हैं। वही हाल ही में रुबीना दिलैक ने रोहित शेट्टी संग वीडियो शेयर किया था जिसमे उन्हें स्टाइल में वॉक करते देखा जा सकता है।

इस वीडियो में वह स्वैग के साथ रियेलिटी शो का आरम्भ करती दिखाई दे रही हैं। इस रील वीडियो में रुबीना शो के होस्ट और फिल्म मेकर रोहित शेट्टी के साथ वॉक करती दिखाई दे रही हैं तथा उनका यह अंदाज प्रशंसकों को बेहद पसंद आ रहा है।

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777 चार्ली ने मुझे अपने कुत्तों के साथ बिताए कई पलों को याद दिला दिया : संयुक्ता हेगड़े

09.06.2022 – अभिनेता रक्षित शेट्टी की फिल्म 777 चार्ली की चर्चा तो हर तरफ हो ही रहीं है, इस बीच फिल्म देखने के बाद अभिनेत्री संयुक्ता हेंगड़े ने फिल्म और फिल्म के कलाकारों को लेकर तरीफ की है। अभिनेता रक्षित शेट्टी को जन्मदिन की बधाई देते हुए संयुक्ता ने लिखा है, मैसेज लिखा है।

आपको जन्मदिन मुबारक हो। कल 777 चार्ली देखने से मुझे अपने कुत्तों के साथ वर्षों से बिताए कई पलों को फिर से जीवंत कर दिया। यह काफी बेहतरीन फिल्म है, आपने सभी भावनाओं को इतनी अच्छी तरह से कैद किया है।

आप सब बहुत ही बेहतरीन है, इस फिल्म को इतने अच्छे से काम किया आपने। मुझे यकीन है कि स्क्रीन पर मैंने जो कुछ भी देखा वो सबके लिए काफी कठिन है। लेकिन आपने सब बहुत ही बेहरीन ढग से किया है।

कलाकार, क्रू सभी ने बेहतर प्रदर्शन किया जैसा हमने पहले नहीं देखा है। यह आपके दिल के सभी तारों को बजाकर दिखाता है कि एक कुत्ता आपके जीवन को कितना बेहतर बना सकता है।

मुझे लगता है यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास कुत्ते नहीं हैं। कन्नड़ फिल्में पूरे देश में धूम मचा रही हैं!
किरणराज के द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रक्षित शेट्टी और संगीता श्रृंगेरी मुख्य भूमिका में हैं।
बता दे ये फिल्म 777 चार्ली इसी साल 10 जून को पर्दे पर दस्तक देगी। (एजेंसी)

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साइकिल सुबह के समय चलाएं , जानें क्या है इसके फायदे

09.06.2022 -साइकिल सुबह के समय चलाएं , जानें क्या है इसके फायदे.  स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कुछ लोग फिट रहने के लिए व्यायाम की बजाय साइकिल जैसी एक्टिविटी करते हैं।

आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी साइकिल जरूर चलाई होगी और आप यह भी जानते हैं कि यह एक अच्छा व्यायाम है। लेकिन साइकिल चलाने से मिलने वाले लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीका होना बेहद जरूरी है। आज विश्व साइकिल दिवस के मौके पर हम साइकिल चलाने का सही तरीका और उससे मिलने वाले फायदों के बारे में जानेंगे।
साइकिल चलाने का सही तरीका

1. धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं-

साइकिल चलाना शुरू करते हुए उसे दौड़ाना शुरू न करें बल्कि धीरे-धीरे उसकी तीव्रता को बढ़ाएं। कम से कम 200 से 300 मीटर की दूरी तक रिलैक्स होकर साइकिल चलाएं।

2. दोनों पैरों की पोजीशन का ध्यान रखें-

यह ध्यान रखें कि आपके दोनों पैर पैडल पर समान पोजीशन पर ही रखे गए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पैडल पर पैर का पंजा या एड़ी न रखें। बल्कि पंजे से ठीक पिछला हिस्सा पैडल पर रखें

3. आगे की तरफ न झुकें-

साइकिल चलाते समय आगे की तरफ झुकने की कोशिश न करें बल्कि यह ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी में ज्यादा मोड़ तो नहीं आया है। हालांकि, आप थोड़ा सा आगे की तरफ मुड़ सकते हैं, लेकिन पूरी तरह कमर मोड़ कर रखना रीढ़ की हड्डी को परेशान कर सकता है।

4. हैंडल को जोर से न पकड़ें-

साइकिल चलाते समय आपको यह ध्यान रखना है कि आप हैंडल को रिलैक्स होकर पकड़ रहे हैं। हालांकि, अगर आप स्पीड से साइकिल चला रहे हैं, तो हैंडल को इतना हल्के से भी पकडऩा नहीं चाहिए।

साइकिल चलाने के फायदे

वैसे तो आप साइकिल किसी भी समय चला सकते हैं और उसके फायदे भी ले सकते हैं। लेकिन सुबह के समय साइकिलिंग करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं। सुबह के समय साइकिल चलाने के प्रमुख फायदों में निम्न शामिल हैं-

1. शरीर फिट रहता है-

अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 30 मिनट साइकिल चलाना शुरू करें। इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे अपने आप गायब होना शुरू हो जाएगी।

2. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है-

सुबह के समय साइकिल चलाते समय आपको ताजी हवा मिलती है, जिसे मन अच्छा होता है। साथ ही डिप्रेशन जैसी समस्याओं को भी सुबह के समय साइकिलिंग करके दूर किया जा सकता है।

3. मांसपेशियां मजबूत होती हैं-

अच्छी मस्कुलर बॉडी चाहिए तो रोजाना सुबह के समय कम से कम 40 मिनट तक साइकिल चलाएं। साइकिल चलाने से शरीर की कई मांसपेशियों में खिंचाव आता है और वे मजबूत बनती हैं।

4. पाचन क्रिया तेज होती है-

साइकिल मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। अगर आपको पेट में गैस, बदहजमी, दस्त या कब्ज आदि में से कोई भी समस्या महसूस हो रही है, तो आपको रोज सुबह उठकर साइकिलिंग करने की आदत डाल लेनी चाहिए। (एजेंसी)

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गर्दन के कालेपन को करें दूर, अपनाएं ये तरीके

09.06.2022 – गर्दन के कालेपन को करें दूर, अपनाएं ये तरीके. जिस तरह से हम अपने चेहरे की देखभाल करते हैं ठीक उसी तरह हमे अपने पूरे शरीर की देखभाल करना बेहद ज़रूरी हो जाता है. सिर्फ चेहरे के सुन्दर दिखने से हमारी पूरी बॉडी पर असर नहीं होता.
शरीर के हर अंग को साफ़ रखना उतना ही ज़रूरी होता है जितना चेहरे को. ऐसे में हमारी गर्दन एक ऐसा भाग है जो कि साफ़ सफाई के विषय में कई बार पीछे छूट जाता है. जिसके कारण हमारी गर्दन गन्दी दिखने लगती है.वैसे देखा जाये तो गर्दन के कालेपन का कारण डिहाइड्रेशन, टैनिंग भी हो सकता है.

कई लोग अपने गर्दन के कालेपन को दूर करने के लिए मार्किट के प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने से भी हमे कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए इन महंगे प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल के बजाये आप घरेलू प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
खीरा, एलोवेरा जेल और गुलाब जल

सामग्री-

2 बड़ा चम्मच खीरे का रस

1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल

एक छोटा चम्मच गुलाब जल.

विधि-एक बाउल में इन तीनों सामग्री को मिला लें. इस मिश्रण को कॉटन बॉल की सहायता से अपनी गर्दन पर लगाएं. आपके लिए अच्छा होगा कि इसे आप रात में गर्दन पर लगाएं और ओवरनाइट ऐसे ही लगा रहने दें. नियमित रूप से आप इस मिश्रण को सुबह और रात में सोने से पहले गर्दन पर लगाए. आपको अच्छे रिजल्ट ज़रूर मिलेंगे.
हल्दी , बेसन और दही

सामग्री-

एक बड़ा चम्मच बेसन

एक छोटा चम्मच दही

एक चुटकी हल्दी

विधि-एक बाउल में तीनो सामग्री को मिला लें और गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें. इसे अपने गर्दन पर लगाएं याद रखें की ये गर्दन पर सुखना नहीं चाहिए. आप इस उबटन का रोज़ाना इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपको अच्छा रिजल्ट मिल सकता है.

टमाटर का रस और कॉफ़ी पाउडर

सामग्री-

एक बड़ा चम्मच टमाटर का रस

एक छोटा चम्मच कॉफ़ी पाउडर

विधि-इस पैक को बनाने के लिए टमाटर के रस में कॉफ़ी पाउडर को मिक्स करें और स्क्रब करें. इस स्क्रब की मदद से गर्दन को साफ करें. इसको दो से तीन मिनट बाद गर्दन से साफ़ कर लें. (एजेंसी)

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मां गंगा के अवतरण का पर्व है ‘गंगा दशहरा’

डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट – जिस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था,उस पवित्र दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे।जिसके लिए उन्होंने कठिन तपस्या भी की थी। गंगा दशहरा पर हर वर्ष गंगा में आस्था की डुबकी लगाई जाती हैं। ऐसा कहते हैं कि इस दिन गंगा में स्नान करने से 10 प्रकार के पाप मिट जाते हैं।

इस बार गंगा दशहरा पर दो शुभ संयोग बन रहे हैं। गंगा दशहरा पर रवि योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवि योग भी शुरू हो जाएगा। इस शुभ योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है।गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में धरती पर अवतरित हुई थी। इस बार हस्त नक्षत्र 9 जून को सुबह 4 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होकर 10 जून को सुबह 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।यही गंगा स्नान का सबसे उपयुक्त मूहर्त है।गंगा में डुबकी लगाते समय ‘ऊँ नम: शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम:’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता हैं।

गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान-धर्म के कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। दशहरा का अर्थ 10 मनोविकारों के विनाश से है। ये दस मनोविकार हैं-क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी।जिनसे मुक्ति के लिए ज्ञान गंगा का स्नान करने से हम विकारमुक्त होकर पवित्र बन सकते है। राजा भागीरथ की कठोर तपस्या, उनके अथक प्रयास और परिश्रम से इसी दिन गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से निकलकर शिव की जटाओं में विराजमान हुई थी और शिवजी ने अपनी शिखा को खोल कर गंगा को धरती पर जाने की अनुमति दी थी। इसलिए गंगा के धरा अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।

गंगा दशहरा के दिन प्रात: काल गंगा में स्नान करके मां गंगा की आरती करने से समस्त पापों का विनाश हो जाने की धार्मिक मान्यता है। गंगा का जल हमेशा पवित्र व गुणकारी होता है,उसमें कभी भी कीड़े नहीं पड़ते और इसका जल प्रदूषित नहीं होता । इसलिए इस जल में स्नान करने से रोगों का विनाश हो जाता है।

गंगा दशहरा के दिन स्नान, ध्यान और तर्पण करने से शरीर शुद्ध और मानसिक विकारों से मुक्त हो जाता है।अमृत दायिनी मां गंगा के स्पर्श मात्र से ही चराचर जीवो के पापों का अंत हो जाता है और उसे मुक्ति मिल जाती है। कहते है कि एक बार महाराज सगर ने एक बड़ा यज्ञ किया। उस यज्ञ की रक्षा का भार उनके पौत्र अंशुमान ने संभाला। इंद्र ने सगर के यज्ञीय अश्व का अपहरण कर लिया। यह यज्ञ के लिए विघ्न था।

परिणाम स्वरूप अंशुमान ने सगर की साठ हजार प्रजा लेकर अश्व को खोजना शुरू कर दिया। सारा भूमंडल खोज लिया पर अश्व नहीं मिला।फिर अश्व को पाताल लोक में खोजने के लिए पृथ्वी को खोदा गया। खुदाई पर उन्होंने देखा कि साक्षात् भगवान ‘महर्षि कपिल’ के रूप में तपस्या कर रहे हैं। उन्हीं के पास महाराज सगर का अश्व घास चर रहा है। प्रजा उन्हें देखकर ‘चोर-चोर’ चिल्लाने लगी।

महर्षि कपिल की समाधि टूट गई। ज्यों ही महर्षि ने अपने आग्नेय नेत्र खोले, त्यों ही सारी प्रजा भस्म हो गई। इन मृत लोगों के उद्धार के लिए ही महाराज दिलीप के पुत्र भगीरथ ने कठोर तपस्या की थी।भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उनसे वर मांगने को कहा तो भगीरथ ने ‘गंगा’ की मांग की।इस पर ब्रह्मा ने कहा- ‘राजन! तुम गंगा का पृथ्वी पर अवतरण तो चाहते हो? परंतु क्या तुमने पृथ्वी से पूछा है कि वह गंगा के भार तथा वेग को संभाल पाएगी? मेरा विचार है कि गंगा के वेग को संभालने की शक्ति केवल भगवान शंकर में है। इसलिए उचित यह होगा कि गंगा का भार एवं वेग संभालने के लिए भगवान शिव का अनुग्रह प्राप्त कर लिया जाए।’

महाराज भगीरथ ने वैसा ही किया। उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने गंगा की धारा को अपने कमंडल से छोड़ा। तब भगवान शिव ने गंगा की धारा को अपनी जटाओं में समेटकर जटाएं बांध लीं। इसका परिणाम यह हुआ कि गंगा को जटाओं से बाहर निकलने का पथ नहीं मिल सका।अब महाराज भगीरथ को और भी अधिक चिंता हुई। उन्होंने एक बार फिर भगवान शिव की घोर तपस्या शुरू की। तब कहीं जाकर भगवान शिव ने गंगा की धारा को मुक्त करने का वरदान दिया। इस प्रकार शिवजी की जटाओं से छूट कर गंगाजी हिमालय की घाटियों में कल-कल निनाद करके मैदान की ओर आई।इस प्रकार भगीरथ पृथ्वी पर गंगा का वरण करके बड़े भाग्यशाली हुए। उन्होंने जनमानस को अपने पुण्य से उपकृत कर दिया।

युगों-युगों तक बहने वाली गंगा की धारा महाराज भगीरथ की साधना की गाथा कहती है। गंगा प्राणीमात्र को जीवनदान ही नहीं देती, मुक्ति भी देती है। इसी कारण भारत तथा विदेशों तक में गंगा की महिमा गाई जाती है और गंगा के अवतरण की याद में गंगा दशहरा मनाया जाता है।

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बुनियादी सवाल है कि आखिर कार्ड वापस करने का सारा मामला..?

बुनियादी सवाल है कि आखिर कार्ड वापस करने का सारा मामला किसके कहने पर चर्चित हुआ? गौरतलब है कि मई महीने की शुरुआत से ही ऐसी खबरें आने लगी थीं। ये खबरें स्थानीय अधिकारियों के हवाले से छप रही थीं।
इस खबर पर गौर कीजिए और लगे हाथ उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों के असमंजस पर विचार भी कर लीजिए। खबर यह है कि इस राज्य में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने वसूली के डर से राशन कार्ड वापस कर दिया। लेकिन अब राज्य सरकार ने कहा है कि वसूली या कार्ड वापसी के बारे में उसने कोई आदेश दिया ही नहीं। तो बुनियादी सवाल है कि आखिर कार्ड वापस करने का सारा मामला किसके कहने पर बहुचर्चित हुआ? गौरतलब है कि मई महीने की शुरुआत से ही इस तरह की खबरें कई जिलों से आने लगी थीं। ये खबरें स्थानीय अधिकारियों के हवाले से छप रही थीं। कई जगह तो डुगडुगी पिटवाकर इस बारे में बाकायदा घोषणा की जा रही थी। इसका असर यह हुआ कि तमाम जिलों में लोग लाइनों में लगकर राशन कार्ड सरेंडर करने लगे। ऐसी खबरें कई दिन तक अखबारों में छपती रहीं, टीवी चैनलों पर दिखाई जाती रहीं। नतीजतन लोग लाइनों में लगकर राशन कार्ड सरेंडर करने लगे। तब लेकिन ना तो स्थानीय अधिकारियों ने और ना ही राज्य सरकार की ओर से इस बारे में कोई स्पष्टीकरण दिया गया। उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की और राशन कार्ड के कथित नए नियमों और राशन वसूली को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पार्टी ने कहा कि भाजपा सरकार ने वोट लेने के लिए अपने नेताओं की तस्वीर लगे झोलों में भरकर खूब राशन बांटे। अब वही लोगों से उस राशन की वसूली करने पर उतारू है। इसके तुरंत बाद राज्य के खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरव बाबू की ओर से एक बयान जारी किया गया। उसमें कहा गया कि ये सारी खबरें फर्जी और भ्रामक हैं। किसी तरह की वसूली करने या फिर राशन कार्ड सरेंडर करने के कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त स्पष्ट किया कि राशन कार्डों के लिए वही नियम लागू हैं जो सात अक्टूबर 2014 को लागू थे- यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून बनने के बाद। लेकिन प्रश्न है कि जब मीडिया में इसको लेकर शोर मचा हुआ था, तब सरकार क्यों चुप बैठी रही?

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राजनीतिक नैतिकता के नए पैमाने

अजीत द्विवेदी – राजनीतिक नैतिकता के नए पैमाने. भारत में राजनीतिक नैतिकता का एक पैमाना लाल बहादुर शास्त्री ने गढ़ा था। उनके रेल मंत्री रहते एक दुर्घटना हुई थी और उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उसके बाद इस तरह इस्तीफा देना मुख्यधारा की राजनीतिक प्रवृत्ति नहीं बनी फिर भी नैतिकता का एक उच्च पैमाना बना रहा। नेता सही-गलत की जिम्मेदारी लेते थे। दुर्घटनाओं पर भले किसी ने इस्तीफा नहीं दिया हो पर आरोप लगने पर इस्तीफा देने का चलन तो हाल के दिन तक था।
लेकिन पिछले आठ साल में नैतिकता के पैमाने बदल गए हैं। आरोप लगने पर इस्तीफा देने का चलन थोड़ा पहले बंद हुआ था और अब गिरफ्तार होने पर भी इस्तीफा नहीं देने का चलन शुरू हो गया है। याद करें केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद उनके एक मंत्री के ऊपर बलात्कार का आरोप लगा था। लेकिन उनका इस्तीफा नहीं कराया गया था। बाद में उनको हटाया गया लेकिन आरोपों पर इस्तीफा नहीं हुआ। उसके बाद ऐसे अनेक मौके आए और भाजपा ने यह मैसेज बनवा दिया कि भाजपा की सरकारों में आरोपों पर इस्तीफे नहीं होते।

यह राजनीतिक नैतिकता के स्थापित और मान्य पैमाने से दूर हटने की शुरुआत थी। उससे कुछ दिन पहले तक आरोपों की वजह से इस्तीफे होते थे। आखिर मनमोहन सिंह की सरकार ने संचार घोटाले में केंद्रीय मंत्री ए राजा का इस्तीफा कराया था, यह अलग बात है कि मौजूदा सरकार के समय ए राजा सभी आरोपों से बरी हो गए। कांग्रेस ने आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का इस्तीफा कराया था। खुद भाजपा ने भी एक समय भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा कराया था।

मायावती की सरकार के अनेक मंत्रियों ने लोकायुक्त की रिपोर्ट में नाम आने के बाद इस्तीफा दिया था। लेकिन पिछले आठ साल में एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि आरोप लगने पर इस्तीफा देने का चलन बंद हो गया है। सभी पार्टियों ने यह सार्वजनिक स्टैंड ले लिया है कि हमारा नेता भ्रष्ट नहीं है, जो भ्रष्ट है वह दूसरी पार्टी में है। इस तरह सबको यह सुविधा हो गई कि वह दूसरी पार्टी के आरोपी नेताओं को भ्रष्ट बताए और अपनी पार्टी के आरोपियों का खुल कर बचाव करे।

इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ट्रेंड सेटर हैं। उन्होंने आगे बढ़ कर रास्ता दिखाया और देश की दूसरी पार्टियां उस रास्ते पर चल पड़ी हैं। केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आए अपने नेताओं के प्रति बिना शर्त समर्थन दिखाने का चलन ममता ने ही शुरू किया। उन्होंने सिर्फ समर्थन नहीं दिखाया, बल्कि सीबीआई से लडऩे के लिए उसके राज्य कार्यालय तक चली गई थीं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और राज्य के अधिकारियों से सीबीआई का विरोध कराया। घटना पिछले साल की है, जब सीबीआई ने उनकी सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, मदन मित्रा आदि को गिरफ्तार किया था। तब ममता छह घंटे तक सीबीआई कार्यालय में बैठी रही थीं और गिरफ्तार होकर जेल जाने के बावजूद उन्होंने मंत्रियों को पद से नहीं हटाया। इससे पहले ऐसा नहीं होता था।

ममता बनर्जी ने पिछले साल अपने गिरफ्तार मंत्रियों को पद पर बनाए रख कर देश की बाकी पार्टियों को रास्ता दिखाया और अब कई पार्टियां उस रास्ते पर चल रही हैं। दिल्ली की ‘कट्टर ईमानदार’ सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। उनके ऊपर हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन करने का आरोप है और उनको धन शोधन के बेहद सख्त कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है

। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनको मंत्री पद से हटाने से इनकार कर दिया है। ममता के बताए रास्ते पर चलते हुए केजरीवाल ने उनको मंत्री बनाए रखा है और खुल कर उनका समर्थन भी किया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके जैन को क्लीन चिट दी और कहा है कि वे इतने योग्य और ईमानदारी नेता हैं कि उनको पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना चाहिए। पता नहीं केजरीवाल ने जैन के लिए देश का दूसरा सर्वोच्च सम्मान क्यों मांगा, वे सर्वोच्च सम्मान यानी भारत रत्न भी मांग सकते थे। आखिर उनकी नजर में सत्येंद्र जैन महान ‘देशभक्त’ हैं।

बहरहाल, केजरीवाल से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी ममता के बताए रास्ते पर चल कर मिसाल बनाई है। उनकी सरकार के मंत्री नवाब मलिक गिरफ्तार हैं और महीनों से जेल में बंद हैं, लेकिन उद्धव ने उनको मंत्री पद से नहीं हटाया है। हालांकि उनके विभागों का प्रभार दूसरे मंत्री को दे दिया गया है लेकिन मलिक बिना विभाग के मंत्री के तौर पर जेल में बंद हैं। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने ऐसा रवैया अनिल देशमुख के लिए नहीं दिखाया था। देशमुख उनकी सरकार के गृह मंत्री थे। उनके ऊपर भी कई किस्म के आरोप लगे और वे भी गिरफ्तार होकर जेल में हैं पर उद्धव ने उनको मंत्री पद से हटा दिया था। संभवत: उसके बाद उनको ममता बनर्जी के फॉर्मूले का ध्यान आया।
सोचें, इससे पहले कितने मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसने या गिरफ्तार होने के बाद पद से इस्तीफ दिया था!

लालू प्रसाद से लेकर अशोक चव्हाण और बीएस येदियुरप्पा से लेकर मदनलाल खुराना तक अनेक मुख्यमंत्रियों की मिसालें हैं, जिनको आरोप लगने के बाद हटना पड़ा था। लालकृष्ण आडवाणी और मदन लाल खुराना का नाम तो जैन हवाला डायरी में लिखा मिला था और इसी आधार पर आडवाणी ने लोकसभा से और खुराना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन राजनीतिक नैतिकता के जो नए पैमाने गढ़े जा रहे हैं उनके मुताबिक गिरफ्तार होने के बाद भी पद से इस्तीफा नहीं देना स्वीकार्य हो गया है।

यह सिर्फ पक्ष और विपक्ष की पार्टियों के बीच टकराव का मुद्दा भर नहीं है। यह देश की राजनीतिक व्यवस्था और अपराध-न्याय प्रक्रिया से जुड़ी सभी एजेंसियों और संवैधानिक संस्थाओं की साख का मामला भी है। यह राज्यों की पुलिस, केंद्रीय जांच एजेंसियों और न्यायपालिका तीनों के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।

विपक्षी पार्टियां अगर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के बावजूद अपने नेताओं का इस्तीफा नहीं करा रही हैं तो उसका आधार यही है कि एजेंसियां सत्तारूढ़ दल के इशारे पर विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही हैं। इससे एजेंसियों की धाक और साख दोनों को धक्का लग रहा है। इससे एक तरफ यह धारणा बन रही है कि विपक्षी पार्टियों के नेता भ्रष्ट हैं इसलिए केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं तो दूसरी ओर यह धारणा भी बन रही है कि केंद्रीय एजेंसियां सत्तारूढ़ दल के हाथ का खिलौना बन गई हैं और उनका इस्तेमाल राजनीतिक बदला निकालने के लिए किया जा रहा है।

अगर इस धारणा को नहीं बदला गया तो जल्दी ही राजनीति के विशाल दलदल में पार्टियों के साथ साथ एजेंसियां और संवैधानिक संस्थाएं भी लथपथ दिखाई देंगी।

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आज का रशिफल

मेष: अकलमंदी से किया गया निवेश ही फलदायी होगा। इसलिए अपनी मेहनत की कमाई सोच-समझ कर लगाएं। पुराने परिचितों से मिलने-जुलने और पुराने रिश्तों को फिर से तरोताज़ा करने के लिए अच्छा दिन है चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आपको जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।

वृष: प्रशासनिक कार्य करने वालों के लिए आज अत्यंत लाभदायक दिन है, जबकि अन्य लोगों को भी अपनी कारकिर्दगी के क्षेत्र में नाम और प्रतिष्ठा प्राप्त होंगे। व्यापारियों को धंधे में लाभ होगा। नए धंधे शुरू करने, व्यापार में नए सौदे या भागीदारी करने के लिए अनुकूल दिन है।

मिथुन: भावनाओं का अतिरेक आपको किसी भी मामले में दिमाग से नहीं, बल्कि दिल से विचार करने के लिए मजबूर करेगा। परिणामस्वरूप अच्छे-बुरे की विवेकबुद्धि आप खो बैठेंगे। जबकि दिन के अंत में आपने जो कोई निर्णय लिया होगा उसका आपको पश्चाताप नहीं होगा।

कर्क: अकेलेपन और तन्हाई की भावना से बाहर आएं और परिवार के साथ कुछ पल बिताएं। प्राप्त हुआ धन आपकी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं होगा। परिवार के सदस्य कई चीज़ों की मांग कर सकते हैं। लोग आपसे आपकी राय मांगेंगे और जो भी आप कहेंगे, उसे बिना सोचे मान लेंगे।

सिंह: आपका पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद होगा। आज का दिन आपके लिए अनुकूल न होने से आपको समझौतापूर्ण व्यवहार अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप वैसा व्यवहार नहीं रखेंगे, तो आपके पक्ष में कोई बात नहीं बनेगी। ऑफिस में काम के पीछे अधिक समय देना पड़ेगा ।

कन्या: शारीरिक तौर पर तंदुरुस्त रहने के लिए धूम्रपान की आदत छोड़ दें। आपको कई स्रोतों से आर्थिक लाभ होगा। बुज़ुर्ग रिश्तेदार अपनी बेवजह मांगों से आपको परेशान कर सकते हैं। आज आपको प्यार का जवाब प्यार और रोमांस से मिलेगा। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

तुला: हंसमुख रिश्तेदारों का साथ आपके तनाव को कम करेगा और आपको ज़रूरी आराम देगा। किसी दूर के रिश्तेदार के यहां से अचानक आया कोई संदेश पूरे परिवार के लिए रोमांचक रहेगा। काम में दिलचस्पी बनाए रखने के लिए ख़ुद को शांत रखें। समय का पहिया बहुत तेजी से चलता है, इसलिए कीमती समय का सही इस्तेमाल करना सीख लें।

वृश्चिक: आस-पास के लोगों का सहयोग आपको सुखद अनुभूति देगा। बिना बताए आज कोई देनदार आपके अकाउंट में पैसे डाल सकता है। इसके बारे में जानकर आपको अचंभा भी होगा और खुशी भी। आप सभी पारिवारिक कजऱ्े ख़त्म करने में क़ामयाब रहेंगे। अपने प्रिय को समझने की कोशिश करें, नहीं तो मुश्किल में फंस सकते हैं।

धनु: आज आपके पास अपनी सेहत और लुक्स से जुड़ी चीज़ों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय होगा। अपनेे लिए पैसा बचाने का आपका ख्याल आज पूरा हो सकता है। आज आप उचित बचत कर पाने में सक्षम होंगे। जीवनसाथी की नुकताचीनी से आप आज परेशान हो सकते हैं।

मकर: अपने विचार और ऊर्जा को उन कामों में लगाएं, जिनसे आपके सपने हक़ीक़त का रूप ले सकते हैं। सिफऱ् खय़ाली पुलाव पकाने से कुछ नहीं होता है। आज के इस ख़बसूरत दिन प्रेम-संबंध में आपकी सभी शिकायतें ग़ायब हो जाएंगी।

कुंभ: आपकी ओर से समर्पित दिल और बहादुरी का जज़्बा जीवनसाथी को ख़ुशी दे सकता है। अनचाहा कोई महमान आज आपके घर आ सकता है। यात्राओं से तुरंत लाभ तो नहीं होगा, लेकिन इसके चलते अच्छे भविष्य की नींव रखी जाएगी।

मीन: धार्मिक और आध्यात्मिक रुचि के काम करने के लिए अच्छा दिन है। ख़र्चों में इज़ाफ़ा होगा, लेकिन साथ ही आमदनी में हुई बढ़ोतरी इसको संतुलित कर देगी। ऐसे काम करें जिनसे आपको ख़ुशी मिले। आप अपनी ही धुन में मस्त रहेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी में 1,456 खाली सीटों पर जताई नाराजगी

नईदिल्ली,08 जून (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नीट- पीजी 2021 में 1,456 खाली सीटों पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर छात्रों को दाखिला नहीं दिया गया, तो वह आदेश पारित करेगा और उन्हें मुआवजा भी देगा।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने एमसीसी के वकील से कहा, भले ही एक भी कोर्स में सीट खाली रह गयी हो। यह देखना आपका कर्तव्य है कि वे खाली ना रहें।

पीठ यह जानकर नाराज हो गई कि 2021-22 सत्र में मेडिकल कॉलेजों में 1,456 सीटें खाली रह गई हैं। उन्होंने कहा कि एमसीसी और केंद्र छात्रों के लिए काउंसलिंग का मॉप अप राउंड आयोजित नहीं करके छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
एमसीसी के वकील ने कहा कि आदेश में इस मामले में व्यापक प्रभाव पड़ेगा और अदालत से अनुरोध किया कि वह मामले को समझाने के लिए उसे एक हलफनामा रिकॉर्ड में रखने की अनुमति दें।

शीर्ष अदालत ने कहा कि देश को डॉक्टरों और सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा पेशेवरों की जरूरत है और एमसीसी के वकील से कहा कि अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो वह एक आदेश पारित करेगा और उन्हें मुआवजा भी देगा। शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को कल अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया, जब वह मामले में आदेश पारित करेगी।

पीठ ने कहा, हम मुआवजे का भुगतान करने के आदेश पारित करेंगे। इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है? अपने अधिकारी को कल बुलाएं।
पीठ ने आगे कहा, हमें डॉक्टरों की जरूरत है। कोई कारगर व्यवस्था क्यों नहीं है? क्या आप छात्रों और अभिभावकों के तनाव के स्तर को जानते हैं?

पीठ ने एमसीसी के वकील को दिन के दौरान अपना हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी और जोर दिया, ये छात्रों के अधिकारों से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण मामले हैं।

अधिवक्ता कुणाल चीमा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता इस अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश है, क्योंकि कीमती मेडिकल सीटें अधूरी / गलत तरीके से भरी जा रही हैं और योग्यता हताहत हो रही हैं।

याचिका में कहा गया है, चौथे दौर के बाद कई सीटों के खाली रहने की संभावना इसके बाद बताए गए कारणों से अपरिहार्य है और इसलिए याचिकाकर्ता उपयुक्त याचिका के लिए वर्तमान रिट याचिका दायर कर रहा है और निर्देश के लिए प्रार्थना कर रहा है कि वही राज्यों को वापस कर दिया जाए, ताकि मेधावी उम्मीदवारों को इसका लाभ उठाने का मौका मिले।

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भाजपा के मूल में ही अराजकता: राहुल गांधी

नईदिल्ली,08 जून (आरएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में बुधवार को भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि फ्रिंज (अराजक) सत्तारूढ़ पार्टी के मूल में है।

ट्विटर पर कुछ शीर्ष भाजपा नेताओं के पिछले बयानों का उदाहरण पेश करते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि फ्रिंज बीजेपी का मूल (आधार) है।
राहुल गांधी की टिप्पणी भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर सामने आई है।

पैगंबर मोहम्मद पर दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। विवादास्पद बयान के बाद खाड़ी देशों की ओर से भारत के प्रति एक तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। मामले की गंभीरता को भांपते हुए भाजपा ने उन्हें पार्टी से हटा दिया था।

दोहा में भारतीय दूतावास द्वारा विवाद पर एक बयान जारी किए जाने के बाद से कांग्रेस हमलावर मोड पर है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय दूतावास का इस्तेमाल भाजपा के लिए किया गया है। पार्टी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूरे मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला।

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अभिनेत्री सरगुन मेहता ने फिल्म सौकन सौंकने की सफलता के राज का किया खुलासा

08.06.2022 – अभिनेत्री सरगुन मेहता के लिए काफी अच्छा वक्त चल रहा है, काफी खुश है अभिनेत्री। दरअसल फिल्म सौकन सौंकने जिसको खुद अभिनेत्री ने निर्मित किया है और उसमें मुख्य भू्मिका में नजर आई हैं। इस फिल्म ने बॉक्स, फैंस इस फिल्म को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

अभिनेत्री का कहना है कि, मेरी पहली प्रतिक्रिया खुशी से उछलने की थी। मैं पिछले तीन वर्षों से फिल्म पर काम कर रही हूं। जब से मैंने कहानी सुनी, मैं इस फिल्म के लिए लेखक के पीछे थी। फिर मैंने इसे एक निर्माता के रूप में लिया, आज फिल्म कमाल कर रही है। मुझे अच्छा लगता है कि लोग फिल्म को पसंद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दर्शकों में आपका विश्वास बनाने में लंबा समय लगता है।

अभिनेत्री सरगुन मेहता ने अपनी फीचर फिल्म की शुरूआत 2015 की पंजाबी रोमांटिक कॉमेडी अंगरेज से की और लव पंजाब और लाहौरिए सहित अन्य पंजाबी फिल्मों में भी दिखाई दी है।

एक्टिंग और प्रोडक्शन दोनों को सरगुन मेहता का कहना है, दोनों कार्यक्षेत्रों को प्रबंधित करना मुश्किल है। यह बहुत कठिन था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और काम किया। मुझे कभी कभी लगा कि मैं हार गई हूं पर फिर मैने खुद को हारने नहीं दिया और हर दिन काम किया। यह टेलीविजन की तरह नहीं है जैसे आपने अपनी भूमिका निभाई है, यह हर दिन का काम है।

वास्तव में, इस फिल्म के साथ, मैं था दो साल तक जोर दिया। इसके अलावा, कोविड -19 महामारी के दौरान शूटिंग ने इस परियोजना को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया। (एजेंसी)

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केनिशा अवस्थी के समर लुक ने हर तरफ तापमान बढ़ाया

08.06.2022 – केनिशा अवस्थी के समर लुक ने हर तरफ तापमान बढ़ाया. हंसमुख अभिनेत्री और चार्टबस्टर ग्राइंड की मुख्य अभिनेत्री केनिशा अवस्थी ने तेंदुए की प्रिंट वाली बिकनी में अपनी जलती हुई तस्वीरों से इंटरनेट पर धमाल मचा दिया है। इस भीषण गर्मी में अपने फैनबेस को खूब पसीना बहाते हुए केनिशा की बाथटब में पोज देते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। एक फैशन प्रेरणा और सोशल मीडिया पर हिट, केनिशा अवस्थी की उबेर शांत शैली और आत्मविश्वास ने हमें नोट कर लिया है। एनिमल प्रिंट इन दिनों फैशन क्लासिक होने के साथ, अभिनेत्री बहुत ही स्टाइलिश जंजीर वाले टू पीस में पोज़ देती है। केनिशा ने अपने इस उग्र रूप पर टिप्पणी की, सेक्सी और सुंदर होने का मंत्र हमारे दिमाग में निहित है।
स्वयं होने से, आप किसी के होने का आत्मविश्वास हासिल करते हैं, जिसे आपको कैमरे के सामने रहने की आवश्यकता होती है, जब आप इसे गले लगा सकते हैं कि आप प्रामाणिक रूप से कौन हैं बिना चटकीले मीठे वार्निश के आप अपना रास्ता खुद बनाते हैं और वास्तव में आपके लिए अद्वितीय है। एक ऐसे उद्योग में जहां बड़े पैमाने पर हर कोई नकली मोर्चा खोल रहा है, असली होने से आप बहुत अधिक प्रमुखता से बहुत जल्दी खड़े हो जाएंगे या इसलिए मेरा सामान्य ज्ञान कहता है कि एक प्रदर्शन करने वाले कलाकार के पेशे में, आत्म-प्रेम सफलता की कुंजी है जो सुनिश्चित करता है कि आप स्थानों पर जाएं और आपको उन ऊंचाइयों पर ले जाएं जिनकी आप उंचाइयों को छूना चाहते हैं।  (एजेंसी)

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