भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति: पीएम मोदी

नई दिल्ली 12 Aug. (एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को सरकार का अपने लोगों के प्रति पवित्र कर्तव्य बताते हुए एक बार फिर कहा है कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से कोलकाता में आयोजित जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि लालच हमें सच्चाई का एहसास करने से रोकता है। भ्रष्टाचार से लड़ना अपने लोगों के प्रति सरकार का पवित्र कर्तव्य है और भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है।

उन्होंने कहा कि समय पर संपत्ति का पता लगाना और अपराध से प्राप्त आय की पहचान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है और जी- 20 देश अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और मजबूत उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से बदलाव ला सकते हैं।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने यह भी जोड़ा कि अपनी प्रशासनिक और कानूनी प्रणालियों को मजबूत करने के अलावा, हमें अपनी मूल्य प्रणालियों में नैतिकता और अखंडता की संस्कृति को भी बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ बनाए गए कानून और भारत सरकार के आक्रामक रवैये का जिक्र करते हुए जी 20 देशों से सामूहिक प्रयास के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि अतंर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और भ्रष्टाचार के मूल कारणों को संबोधित करने वाले मजबूत उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से एक बड़ा अंतर लाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए, नोबेल पुरस्कार विजेता गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के शहर, कोलकाता में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि यहां पहली बार जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक भौतिक रूप से हो रही है। टैगोर के लेखन और प्राचीन भारतीय उपनिषदों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने लालच के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह हमें सच्चाई का एहसास करने से रोकता है।

मोदी ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह संसाधनों के उपयोग को प्रभावित करता है, बाजारों को विकृत करता है, सेवा वितरण को प्रभावित करता है और अंततः लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम करता है।

अर्थशास्त्र में कौटिल्य का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने लोगों के कल्याण को अधिकतम करने के लिए राज्य के संसाधनों को बढ़ाना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह अपने लोगों के प्रति सरकार का पवित्र कर्तव्य है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की लड़ाई के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। भारत एक पारदर्शी और जवाबदेह पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस का लाभ उठा रहा है। कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी परियोजनाओं में लीकेज और कमियों को दूर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप ही भारत में सैकड़ों मिलियन लोगों को उनके बैंक खातों में अरबों रुपयों से अधिक की राशि का हस्तांतरण प्राप्त हुआ है। भ्रष्टाचार एवं लीकेज को रोककर सरकार ने 33 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि बचाई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाया है और सरकारी सेवाओं का स्वचालन और डिजिटलीकरण कर रही है। 2018 के आर्थिक अपराध अधिनियम के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आक्रामक रूप से आर्थिक अपराधियों का पीछा कर रही है और आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति की वसूली की गई है।

मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम का भी जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इसने 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त करने में मदद की है। प्रधानमंत्री ने 2014 के अपने पहले जी-20 शिखर सम्मेलन में सभी जी 20 देशों और ग्लोबल साउथ के लिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चुनौतियों पर कही गई अपनी बात को याद करते हुए 2018 के जी-20 शिखर सम्मेलन में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए अपने द्वारा पेश किए गए नौ सूत्री एजेंडे का भी जिक्र किया।

मोदी ने सुझाव दिया कि जी 20 देश विदेशी संपत्तियों की वसूली में तेजी लाने के लिए गैर-दोषी-आधारित जब्ती का उपयोग करके एक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं और यह उचित न्यायिक प्रक्रिया के बाद अपराधियों की त्वरित वापसी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने जोर देकर कहा कि, यह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई के बारे में एक मजबूत संकेत भेजेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी 20 देशों के सामूहिक प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण रूप से समर्थन कर सकते हैं और अतंर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और भ्रष्टाचार के मूल कारणों को संबोधित करने वाले मजबूत उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से एक बड़ा अंतर लाया जा सकता है।

मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ऑडिट संस्थानों की भूमिका के बारे में भी बोलते हुए गणमान्य व्यक्तियों से हमारी प्रशासनिक और कानूनी प्रणालियों को मजबूत करने के साथ-साथ मूल्य प्रणालियों में नैतिकता और अखंडता की संस्कृति को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केवल ऐसा करके ही हम एक न्यायपूर्ण और टिकाऊ समाज की नींव रख सकते हैं।

***************************

 

Leave a Reply

Exit mobile version