अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर फिर से समर्थन देने को दोहराया

नई दिल्ली , 09 सितम्बर (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच घनिष्ठ एवं चिरस्थायी साझेदारी की पुष्टि करते हुए आज संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन, जूनियर का भारत में स्वागत किया। दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री  मोदी की जून 2023 की ऐतिहासिक अमेरिका यात्रा की अभूतपूर्व उपलब्धियों को कार्यान्वित करने की दिशा में हो रही महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की।

प्रधानमंत्री  मोदी और राष्ट्रपति  बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुन: पुष्टि की। प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति  बाइडेन का स्वागत करने के प्रति उत्सुकता व्‍यक्‍त की। भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में शामिल होने के अमेरिकी निर्णय के बाद व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन से संबंधित आईपीओआई पहल स्तंभ का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया।

वैश्विक शासन व्‍यवस्‍था के अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्‍व पर आधारित होने संबंधी अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए राष्ट्रपति  बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता होने के प्रति अपना समर्थन दोहराया। साथ ही इस संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2028-29 में गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का एक बार फिर से स्वागत किया। नेताओं ने बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत बनाने और उसमें सुधार लाने की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया ताकि यह समकालीन वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सके और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी श्रेणियों में विस्तार सहित व्यापक संयुक्त राष्ट्र सुधार एजेंडे के लिए प्रतिबद्ध रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति श्री बाइडेन ने हमारी रणनीतिक साझेदारी को व्‍यापक बनाने में प्रौद्योगिकी की महत्‍वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की तथा हमारे साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने वाले परस्‍पर विश्वास और भरोसे पर आधारित मुक्‍त, सुलभ, सुरक्षित और लचीले प्रौद्योगिकी इकोसिस्‍टम और मूल्य श्रृंखलाएं बनाने के लिए भारत-अमेरिकी क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पहल के माध्यम से जारी प्रयासों की सराहना की। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत, सितंबर 2023 में आईसीईटी की मध्यावधि समीक्षा करने के इच्‍छुक हैं। ताकि 2024 की शुरुआत में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सह-नेतृत्व में अगली वार्षिक आईसीईटी समीक्षा की दिशा में गति बरकरार रह सके।

दोनों नेताओं ने लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए अपना समर्थन दोहराते हुए इस संबंध में भारत में अपने अनुसंधान और विकास की उपस्थिति का विस्तार करने के लिए माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी, इंक. की लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश करने की एक बहु-वर्षीय पहल और भारत में अनुसंधान, विकास और इंजीनियरिंग संचालन का विस्तार करने के लिए एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस की अगले पांच वर्षों में भारत में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा का उल्‍लेख किया।

दोनों नेताओं ने अमेरिकी कंपनियों, माइक्रोन, एलएएम रिसर्च और एप्लाइड मैटेरियल्स द्वारा जून 2023 में की गई घोषणाओं के कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया।प्रधानमंत्री  मोदी और राष्ट्रपति  बाइडेन ने सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार, लचीली आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक डिजिटल समावेशन के दृष्टिकोण को साझा करते हुए भारत 6जी एलायंस और एलायंस फॉर टेलीकॉम इंडस्ट्री द्वारा संचालित नेक्स्ट जी एलायंस के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने का विक्रेताओं और ऑपरेटरों के बीच सार्वजनिक-निजी सहयोग को गहरा बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में स्वागत किया। उन्होंने ओपन रैन तथा 5जी/6जी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित दो संयुक्त कार्य बलों की स्थापना को भी स्वीकार किया।

फील्ड में तैनाती से पहले एक अमेरिकी ओपन रैन निर्माता द्वारा एक प्रमुख भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर में 5जी ओपन रैन पायलट शुरू किया जाएगा। नेताओं ने यूएस रिप एंड रिप्लेस प्रोग्राम में भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए उत्‍सुकता प्रकट की; राष्ट्रपति श्री बाइडेन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रिप एंड रिप्लेस पायलट के लिए भारत के समर्थन का स्वागत भी किया।दोनों नेताओं ने कम से कम 10 मिलियन डॉलर की संयुक्त प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ इंडिया-यूएस ग्‍लोबल चैलेंजिस इंस्‍टीट्यूट की स्थापना के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद (आईआईटी काउंसिल) के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज (एएयू) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरों का स्वागत किया।

ग्‍लोबल चैलेंजिस इंस्‍टीट्यूट दोनों देशों के अग्रणी अनुसंधान और उच्च-शिक्षा संस्थानों को एक साथ लाएगा, जिनमें एएयू और आईआईटी सदस्यता से परे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए, स्थायी ऊर्जा और कृषि, स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी, सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और विनिर्माण, उन्नत सामग्री, दूरसंचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम विज्ञान में सहयोग शामिल है।

दोनों नेताओं ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टेंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफ़ेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के जॉइन्‍ट रिसर्च सेंटर्स और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर, और बी.एच.यू., के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में साझेदारी सहित बहु-संस्थागत सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया।दोनों नेताओं ने 2030 तक डिजिटल जेंडर गैप को आधा करने की जी-20 की प्रतिबद्धता का उल्‍लेख करते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था में जेंडर डिजिटल डिवाइड को कम करने के प्रयासों के महत्व की पुष्टि की तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था पहल में महिलाओं के प्रति समर्थन व्यक्त किया, जो डिजिटल जेंडर डिवाइड को कम करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रतिष्‍ठानों, सिविल सोसाइटी और बहुपक्षीय संगठनों को एक साथ लाता है।

दोनों नेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में हमारे बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और नवंबर 2023 में भारत-अमेरिका कैंसर संवाद के आरंभ होने के प्रति उत्‍सुकता प्रकट की। यह संवाद कैंसर जीनोमिक्स में ज्ञान बढ़ाने, वंचित शहरी और ग्रामीण समुदायों के लिए कैंसर की देखभाल को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए नए निदान और उपचार विकसित करने पर केंद्रित होगा।

दोनों नेताओं ने, दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक, विनियामक और स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के प्रति अपनी साझा संकल्‍पबद्धता को रेखांकित करते हुए अक्टूबर 2023 में वाशिंगटन डी.सी. में होने वाले आगामी अमेरिका- भारत स्वास्थ्य संवाद पर भी प्रकाश डाला।प्रधानमंत्री  मोदी और राष्ट्रपति  बाइडेन ने हमारी सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच उच्च-स्तरीय संबद्धता बनाए रखने तथा उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य के लिए हमारे लोगों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने, वैश्विक कल्‍याण के लिए कार्य करने तथा मुक्‍त,  खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत में योगदान देने वाली चिरस्थायी भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्वाकांक्षी विजन को साकार करने का संकल्प लिया।

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