संयुक्त राष्ट्र को 2024 में भारत का विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

संयुक्त राष्ट्र ,05 जनवरी (एजेंसी) । 2024 के लिए 6.2 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया।वैश्विक अर्थव्यवस्था में केवल 2.4 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। यह बात वैश्विक अर्थव्यवस्था की निगरानी करने वालेे संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कही है।

ग्लोबल इकोनॉमिक के निगरानी शाखा के प्रमुख हामिद रशीद ने गुरुवार को विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट (डब्ल्यूईएसपी) जारी करते हुए कहा, पिछले कुछ वर्षों में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देश के रूप में भारत ने लगातार 6 प्रतिशत से अधिक का विकास किया है और हमारा मानना है कि यह 2024 और 2025 में भी जारी रहेगा।

रिपोर्ट में 2023 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 6.3 प्रतिशत बताई गई है, जो सितंबर में किए गए अनुमान से 0.5 प्रतिशत अधिक है, और इस वर्ष इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले अनुमान से 0.5 प्रतिशत कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल भारत की विकास दर बढ़कर 6.6 फीसदी होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास पैटर्न को मुख्य रूप से लचीली निजी खपत और मजबूत सार्वजनिक निवेश द्वारा समर्थित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के निदेशक शांतनु मुखर्जी ने संकेत दिया कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था संभवत: अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। उन कारकों के बारे में पूछे जाने पर जो भारत को तेज वृद्धि से रोक रहे हैं, मुखर्जी ने हंसी के बीच कहा, मुझे यकीन नहीं है कि 7.7 प्रतिशत, 6.3 प्रतिशत, 6.2 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत को वास्तव में कुछ रोक रहे हैं।

उन्होंने कहा, वास्तव में, मुझे लगता है कि यदि आप भारत के आकार और जटिलता के साथ बहुत तेज गति से विकास करते हैं, तो एक तरह से अमूर्त अर्थ में किसी को भी अर्थव्यवस्था के अधिक गर्म होने का खतरा होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि पिछले साल के अनुमानित 2.7 प्रतिशत से घटकर इस साल 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अमेरिका की विकास दर पिछले साल के 1.6 फीसदी से घटकर इस साल 1.3 फीसदी रह जाएगी और अगले साल बढ़कर 1.7 फीसदी हो जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ, जहां पिछले वर्ष की वृद्धि निराशाजनक 0.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था, इस वर्ष बढ़कर 1.2 प्रतिशत और अगले वर्ष 1.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

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