बांग्लादेश में अहमदिया समुदाय पर हमले में दो की मौत, 100 घायल

ढाका,04 मार्च (एजेंसी)। उत्तरी बांग्लादेश के पंचागढ़ जिले में अहमदिया समुदाय के खिलाफ इस्लामिक संगठनों सदस्यों के हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 100 अन्य घायल हो गए।

घायल हुए लोगों में नौ पुलिसकर्मी और दो पत्रकार भी शामिल हैं। हमले के दौरान अहमदिया समुदाय के सदस्यों के 30 से अधिक घरों में आग लगा दी गई और साथ ही एक यातायात पुलिस कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया। बीजीबी के अधिकारियों ने कहा कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के 17 प्लाटून पंचागढ़ शहर क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।

अहमदिया समुदाय के तेईस वर्षीय जाहिद हसन की पांचागढ़ में आतंकवादियों ने हत्या कर दी। मृतक पीडि़त जाहिद नटौर के बनपारा इलाके में रहता था।

अहमदिया समुदाय के सलाना जलसा के संयोजक अहमद तबशेर चौधरी ने पुष्टि की कि इस्लामवादियों ने तीन दिवसीय समारोह का विरोध करते हुए जाहिद को करातोवा नदी के किनारे ले जाकर उसकी हत्या कर दी।

पंचगढ़ में, इस्लामवादियों द्वारा अहमदिया समुदाय के सालाना तीन दिवसीय समारोह को बंद करने की मांग करते हुए एक बड़ा हमला किया गया।

करीब छह घंटे तक चले इस्लामवादियों के हमले में अरिफुर रहमान (28) की मौत हो गई। इस दौरान कोरोटोआ पुल जाम हो गया था। जिला प्राधिकरण और पुलिस ने समारोह को स्थगित करने की घोषणा की।

पंचागढ़ में अहमदिया समुदाय की दुकानों और घरों को लूटने के बाद पुलिस और इस्लामवादियों के बीच झड़प हो गई। उग्रवादियों ने अहमदिया समुदाय पर हमला करने के लिए लोगों को एकत्रित किया।

इस्लामवादियों ने भीड़ के साथ हमले का नेतृत्व किया। ये लोग मिर्जा गुलाम अहमद द्वारा गठित इस्लाम के एक संप्रदाय अहमदिया के जमावड़े को रोकने की मांग कर रहे थे।

नगर पालिका के वार्ड-2 के पार्षद मजेदुर रहमान चौधरी ने पुष्टि की कि मृतक आरिफुर रहमान पंचागढ़ नगरपालिका के मस्जिदपारा इलाके का रहने वाला है।

पंचागढ़ में पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो गई।

शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे मारपीट हुई। पंचगढ़ शहर के चौरंगी चौराहे पर कई घंटों तक झड़प चली। पुलिस ने घटनास्थल से कई लोगों को हिरासत में लिया।

पुलिस अधीक्षक एस.एम. सिराजुल हुदा ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है। पुलिस ने अहमदियों से संघर्ष से बचने के लिए जमात से हमले रोकने का आग्रह किया।

दोपहर की नमाज के बाद विभिन्न मस्जिदों से आए इस्लामवादी चौरंगी चौराहे पर जमा हो गए। इसके बाद उन्होंने एक रैली निकाली और शहर से लगभग दो किलोमीटर दूर अहमदनगर गांव की ओर बढऩे की कोशिश की। उस समय पुलिस ने उनके आंदोलन को रोक दिया, जिससे दोनों पक्षों में झड़प हो गई।

इस्लामवादियों ने पुलिस पर पथराव किया। उग्रवादी नेताओं ने भीड़ का नेतृत्व किया और शहर के इलाके में दुकानों को लूट लिया और उनमें आग लगा दी। इसके अलावा, उन्होंने अहमदनगर गांव में यातायात पुलिस के एक कार्यालय और अहमदिया समुदाय के कम से कम 50 घरों में आग लगा दी।

इससे पहले गुरुवार की सुबह इस्लामवादियों के अलग-अलग गुटों ने सभा को स्थगित करने की मांग को लेकर चौरंगी चौराहे पर अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम बताते हुए जाम लगा दिया और राजमार्ग जाम कर दिया।

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