तुली रिसर्च सेंटर द्वारा ‘सेल्फ़ डिस्कवरी वाया रीडिस्कवरी इंडिया’ प्रदर्शनी का आयोजन

20.03.2024  –  कला, सिनेमा और उससे संबंधित क्षेत्र की जानकारियां सार्वजनिक रूप से लोगों के साथ साझा करने के उद्देश्य से तुली रिसर्च सेंटर के संचालक नेविल तुली ने ‘सेल्फ़ डिस्कवरी वाया रीडिस्कवरी इंडिया’ प्रदर्शनी का आयोजन मैक्स मुलर मार्ग, नई दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनैशनल सेंटर गैलेक्सी’ के प्रेक्षागृह में ‘सेल्फ़ डिस्कवरी वाया रीडिस्कवरी इंडिया’ प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया है।

Tuli Research Center organizes 'Self Discovery via Rediscovery India' exhibition

15 मार्च से 30 मार्च तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में तुली रिसर्च सेंटर ऑफ़ इंडिया स्टडीज़ की ओर से भारत की मूल व डिजिटाइज़्ड कलाकृतियों, आर्टिफ़ैक्ट्स, आरकाइव्स, स्मृति चिह्नों को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रदर्शनी के केंद्र में मुख्यत: भारत और भारतीय सिनेमा, आधुनिक व समसामयिक ललित कला व प्रचलित कला, फ़ोटोग्राफ़ी, वास्तुशिल्प संबंधी विरासत, पशु कल्याण, पारिस्थितिकीय जीव विज्ञान और समाजशास्त्र है। बकौल नेविल तुली यह प्रदर्शनी एक शख़्स के नज़रिए से क़दम-दर-क़दम लोगों तक भारत के दिल, दिमाग और आत्मा की अद्भुत झलक दिखलाने की एक नायाब कोशिश है।

ज़मीनी स्तर पर इसे तीन स्तर पर तैयार किया गया है। वस्तुनिष्ठ रूप में, आरकाइव के तौर पर और डिजिटल फॉर्मेट में शोध संबंधी इसकी 16 श्रेणियां हैं जो भारतीय शिक्षा संबंधी फ़्रेमवर्क की नींव हैं। भारत को लेकर मेरी सैद्धांकित व व्यवहारिक समझ और ज्ञान पिछले 30 सालों के अनुभवों का नतीजा है जो दिनों-दिन उन्नत होती गई है प्रतिफल स्वरूप इस प्रदर्शनी का आयोजन मैने किया है।

आज ज़रूरत इस बात की है कि कला और संस्कृति को सिर्फ़ संप्रभु और इच्छुक लोगों तक ही नहीं, बल्कि आम जनमानस तक पहुंचाया जाए. भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाना इसे आम लोगों तक पहुंचाने का सबसे आदर्श तरीका है। इस पहली प्रदर्शनी के आयोजन का मूल मक़सद एकनिष्ठ रूप से प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक भारत की आत्मा को आकर्षक रूप में लोगों के सम्मुख रखना है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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