नई दिल्ली 31 March, (एजेंसी) – सरकार ने संसद को सूचित किया है कि देश में भूख से किसी की मौत नहीं हुई है। क्या देश अभी भी भुखमरी से होने वाली मौतों की समस्या का सामना कर रहा है? लोकसभा में इस तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “नहीं सर। एक भी राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने भूख से मौत की कोई सूचना नहीं दी है।”
गोयल की यह प्रतिक्रिया ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत के 121 देशों में से 107वें स्थान पर आने के कुछ ही महीनों बाद आई है, जिसमें बच्चों की बर्बादी की दर 19.3 प्रतिशत है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
अक्टूबर 2022 में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि 2021 में भारत 101वें स्थान पर था, लेकिन वैश्विक स्तर पर भूख से मौत को ट्रैक करने वाले सूचकांक में और नीचे खिसक गया।
गोयल का बयान सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार से दिए गए जवाब के विपरीत है। केंद्र ने सूचित किया था कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 69 प्रतिशत मौतें कुपोषण के कारण होती हैं।
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया था कि भूखे रहने वाले भारतीयों की संख्या 19 करोड़ से बढ़कर अब 35 करोड़ हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह राज्यों के साथ मिलकर देशभर में भुखमरी से होने वाली मौतों, भुखमरी और कुपोषण के आंकड़े मुहैया कराए।
सरकार ने ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2022 को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक ऐसे राष्ट्र के रूप में भारत की छवि को धूमिल करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है।
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