जिस तरह भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में तीन जगह कांग्रेस को उलझाया

कांग्रेस हिम्मत नहीं जुटा सकी. जिस तरह भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में तीन जगह कांग्रेस को उलझाया है वैसे ही अगर कांग्रेस हिम्मत करती तो वह भी कुछ जगह भाजपा को उलझा सकती थी। बिहार और झारखंड में कांग्रेस अगर अतिरिक्त उम्मीदवार देती या किसी निर्दलीय को उतार कर समर्थन देती तो भाजपा मुश्किल में फंसती।

झारखंड में भाजपा के कुल 26 विधायक हैं, जिनमें से एक की तबियत खराब है और वे हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। उनका वोट डालना मुश्किल लग रहा है। दूसरे विधायक बाबूलाल मरांडी की सदस्यता खतरे में है और स्पीकर कभी भी उन्हें अयोग्य कर सकते हैं। राज्य में एक सीट जीतने के लिए 27 वोट की जरूरत है। जेएमएम के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 50 विधायकों का समर्थन है। वहां कांग्रेस चाहती तो पेंच फंसा सकती थी।
इसी तरह बिहार में भाजपा के 77 विधायक हैं और उसे दो सीटें जीतने के लिए 82 वोट चाहिए। अगर जदयू अपने चार वोट उसे दे तब भी एक वोट कम पड़ेगा। दूसरी ओर कांग्रेस, राजद, लेफ्ट और एमआईएम के एक 116 विधायक हैं। राजद के दो उम्मीदवार जीतने के बाद विपक्ष के पास 34 वोट बचेंगे।

जदयू और भाजपा के रिश्ते को देखते हुए और मांझी की नाराजगी को देखते हुए अगर कांग्रेस ने पहल की होती और किसी निर्दलीय को उतारा होता तो वहां भी पेंच फंस सकता था।

******************************

Leave a Reply

Exit mobile version