अजमेर 08 Feb, (एजेंसी): राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का प्रबंधन संभालने वाली दरगाह कमेटी का कार्यकाल आगामी चार जून को समाप्त होने जा रहा है। पुष्ट जानकारी के मुताबिक वर्तमान कमेटी सन 2018 पांच वर्षीय कार्यकाल के साथ अस्तित्व में आई थी और सदर के रूप में सैयद हुसैन रिजवी को मुकर्रर किया गया था।
हाल ही निपटे गरीब नवाज के 811वें सालाना उर्स के दौरान दरगाह कमेटी के अंतिम कार्यकाल पर चर्चा चल पड़ी तब खुलासा हुआ कि चार जून 2023 को पूरी कमेटी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। इस लिहाज से केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को कमेटी का पुनर्गठन करना होगा और तब ही दरगाह कमेटी नये स्वरुप में सामने दिखाई देगी। उर्स की व्यवस्थाओं में दरगाह कमेटी ने अपनी पूरी भूमिका अदा की लेकिन दरगाह से जुड़ी खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव व बरेलवी वालों के बीच विवाद पर दरगाह कमेटी ने कोई भूमिका अदा नहीं की। माना जा रहा है कि कार्यकाल समाप्ति की ओर होते हुए दरगाह कमेटी ने इस पर मौन चुप्पी साध ली।
उल्लेखनीय है कि दरगाह कमेटी के पास अपना पूर्णकालिक नाजिम भी नहीं है। वर्तमान में केंद्रीय मंत्रालय के सहायक सचिव समी अहमद खान कार्यवाहक नाजिम की भूमिका निभा रहे हैं।
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