राज्य की आर्थिक प्रगति में उद्यमी, व्यापारी एवं करदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री गहलोत

जयपुर 22 जनवरी, (एजेंसी)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति में उद्यमियों, व्यापारियों एवं करदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी परामर्शदात्री समिति के सुझावों का बजट में समावेश करने के प्रयास किए जाएंगे।

गहलोत राज्य बजट 2023-24 की तैयारियों को लेकर शनिवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों, व्यापारियों एवं करदाताओं द्वारा दिए गए सुझावों में सकारात्मकता और अनुभव झलकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार द्वारा उद्योगों और व्यापारियों को हरसंभव राहत प्रदान की गई।

राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया। वहीं, रिप्स जैसी महत्वपूर्ण नीति से राज्य के उद्योगों को प्रोत्साहन तथा संबल मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान जीडीपी ग्रोथ में देश में दूसरे नंबर पर है। आपके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। इन्वेस्ट राजस्थान समिट में रिकॉर्ड निवेश के एमओयू हुए, जो अपने आप में ऐतिहासिक हैं। उन्होंने कहा कि आज रीको द्वारा राज्य के हर उपखण्ड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जा रहे हैं।

रूस्रूश्व एक्ट का देशभर में स्वागत हुआ है। साथ ही, राज्य सरकार ने नए उद्योग स्थापित करने के लिए एकल खिड़की की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए नवाचारों से आज निवेशक कंफर्टेबल महसूस कर रहा है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रूपए तक की सब्सिडी दी जा रही है।

कोरोनाकाल में हुआ राज्य में शानदार प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य में शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। राज्य सरकार द्वारा ‘कोई भूखा ना सोएÓ के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। कोविड महामारी में महंगे इंजेक्शन व दवाइयां आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गईं। ऑक्सीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई। कोरोना काल के दौरान आए मंदी के दौर के बावजूद प्रदेश की आर्थिक स्थिति स्थिर है, यह शुभ संकेत है।

सामाजिक सुरक्षा राज्य सरकार का ध्येय

गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं खाद्य का अधिकार लागू कर सभी को सामाजिक व आर्थिक संबल प्रदान किया गया है, उसी तरह देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार को ‘राइट टू सोशल सिक्योरिटी’ एक्ट लागू करना चाहिए। इसके लिए चिंतन शिविर में मंत्रिपरिषद् सदस्यों ने एकमत प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।

चिरंजीवी से 90 प्रतिशत आबादी को मिला स्वास्थ्य बीमा का लाभ

बैठक में बताया गया कि राजस्थान में संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। साथ ही, टीकाकरण कवरेज की दृष्टि से भी राजस्थान भारत के औसत से 4 प्रतिशत आगे है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में करीब 1.38 करोड़ परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। इस योजना का ही परिणाम है कि प्रदेश की करीब 90 प्रतिशत आबादी अब स्वास्थ्य बीमाधारक है, जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 41 प्रतिशत ही है। चिरंजीवी योजना में अब तक 31.58 लाख मरीजों को लगभग 3625 करोड़ रूपए का नि:शुल्क उपचार उपलब्ध हुआ है। मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांच एवं दवाओं के साथ संपूर्ण उपचार नि:शुल्क मिल रहा है। योजना पर अनुमानित व्यय करीब 1500 करोड़ रूपए किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। इंदिरा रसोइयों में आमजन को 8 रूपए में पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। राज्य सरकार प्रत्येक थाली पर 17 रूपए अनुदान दे रही है। राज्य में 211 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 94 गल्र्स कॉलेज भी शामिल हैं। विद्यालय में 500 बालिकाओं के नामांकन पर कॉलेज खोलने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

बैठक में प्रतिनिधियों ने रीप्स, एमनेस्टी स्कीम, टूरिज्म नीति आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत, ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्यमंत्री के सलाहकार निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग एवं वाणिज्य वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा भास्कर ए. सावंत, प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग वैभव गालरिया, रीको के स्वतंत्र निदेशक सीताराम अग्रवाल सहित सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स, राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फोर्टी सहित पर्यटन, खाद्य पदार्थ व्यापार, एग्रीकल्चर इंडस्ट्री, ऑयल इंडस्ट्री, हैण्डीक्राफ्ट, कपड़ा उद्योग, सीमेंट मैन्यूफैक्चरर्स, मार्बल एवं स्टील उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*******************************

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version