लोकसभा में विदेश मंत्री ने भारत-चीन संबंधों पर दी जानकारी
नईदिल्ली,03 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने कहा, मैं सदन को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल के कुछ घटनाक्रमों और हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव से अवगत कराने के लिए यहां पर आया हूं.
सदन को इस बात का पता लगा है कि 2020 से दोनों पड़ोसियों के रिश्ते काफी असामान्य रहे हैं. ऐसे में परिणाम स्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग हुई है. हाल के घटनाक्रम तब से हमारे निरंतर राजनयिक जुड़ाव को दर्शाते हैं. यह बतातें हैं कि हमारे रिश्ते में कुछ सुधार स्थापित हुए हैं.
1962 के संघर्ष और उससे पहले की घटना के परिणाम स्वरूप अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जे और इसके साथ पाकिस्तान ने 1963 में 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र अवैध रूप से चीन को सौंप दिया. यह 1948 से उसके कब्जे में रहा है.
चीन ने सीमा मुद्दे को हल करने के मामले में कई दशकों से बातचीत की है. हम सीमा समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य ढांचे पर पहुंचने को लेकर द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से चीन के साथ जुडऩे को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
सदस्यों को यह याद होगा कि अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की ओर से बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने के परिणाम स्वरूप कई बिंदुओं पर हमारी सेना के साथ आमना सामना हुआ.
ऐसे हालात के कारण गश्त गतिविधियों में बाधा देखी गई है.हमारे सशस्त्र बलों को इस बात का श्रेय जाता है कि साजो-सामान संबंधी चुनौतियां, प्रचलित कोविड हालात के बाद वे तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम थे.
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