दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को देगी सरकार

भोपाल,16 मई (एजेंसी)। केवट समाज सरल, मेहनती और साहसी है। इस समाज ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को धूल चटा दी थी। केवट समाज ही था, जिसने भगवान राम को गंगा पार कराया था। शासकीय तालाब और जल-संरचाओं पर पहला हक मछुआरों का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस दिया जाएगा।

प्रदेश में अभियान चलाकर केवट समाज को कब्जा देने का कार्य किया जाएगा। यह बात सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री आवास में केवट जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम, माता सीता और केवट के चित्र पुष्पांजलि अर्पित की। केवट समाज के प्रतिनिधियेां ने मुख्यमंत्री का स्वागत कर स्मृति चिह्न भेंट किया। यहां सीएम ने नावभ्भी चलाई।

मछुआरों को ठहरने के लिए बनेगा रेस्ट हाउस : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावअ ने कहा कि केवट जयंती विकास और प्रगति से नींव का पत्थर साबित होगी। मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम ने मछुआरों और कवेट समाज को अधिकार दिलाने की मांग की।

उन्होंने भोपाल में ठहरने के लिए रेस्ट हाउस की मांग रखी और प्रदेश में प्रभु केवट की मूर्ति लगाने का भी आग्रह किया। शासकीय सेवा से बाहर नहीं किए जाएंगे केवट समाज के कर्मचारी : मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति बना कर शासकीय सेवा के लिए जाति प्रमाण-पत्र की विसंगति दूर करेंगे। शासकीय सेवा में जो कर्मचारी है, उन्हें सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। जहां केवट समाज की बहुलता है, वहां निषदराजा स्मारक, भवन बनाएंगे एवं मूर्तियां लगाई जाएंगी। केवट समाज के युवाओं की परंपरागत व्यवसाय के अलावा दूसरे व्यवसायों में भ्ज्ञी आगे आने की कोशिश करनी चाहिए।

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