नई दिल्ली 11 अपै्रल,(एजेंसी)। इस साल दक्षिणी पश्चिमी मानसून के समय में सामान्य बारिश होगी और देश के कई हिस्सो में कम बारिश का अनुमान लगाना गलत है। ये दावा किया है पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने स्काईमेट वेदर के उसे दावे को खारिज कर दिया जिसमें स्काईमेट ने कम बारिश का अनुमान जताया था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि इस साल दक्षिणी भारत, पूर्वी मध्य भारत, पूर्वी भारत, उत्तरी-पूर्वी भारत और उत्तरी-पश्चिम भाग में सामान्य बारिश होगी। मंत्रालय का कहना है कि उत्तरी-पूर्वी भारत और उत्तरी-पश्चिम भारत के कुछ अंचलों में बारिश सामान्य से कम होगी। साथ ही पश्चिमी मध्य भारत के भी कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि जितने साल भी अल नीनो सक्रिय रहा है, वे मानसून के लिहाज से बुरे वर्ष नहीं थे, हालांकि अल नीनो की वजह से पूरी दुनिया के मौसम पर असर पड़ता है।
रविचंद्रन ने मीडिया को दक्षिण पश्चिम मॉनसून की मौसमी वर्षा के पूर्वानुमान पर जानकारी देते हुए आज कहा कि जून से सितंबर तक मॉनसून की वर्षा दीर्घावधि औसत का 96 प्रतिशत रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, इस साल जून से सितंबर के दौरान करीब 83.5 सेंटीमीटर बारिश होगी, जो सामान्य श्रेणी में आती है।
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